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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
महासमुंद/संवाददाता संतराम कुर्रे
पिथौरा ब्लॉक के गौरव ग्राम बुंदेली में आज ग्राम पंचायत द्वारा गांव की सुख-समृद्धि और शांति के लिए हवन-पूजन का आयोजन किया गया। ग्राम पंचायत भवन के सामने आयोजित इस कार्यक्रम में सरपंच रविकांत निषाद, उपसरपंच घनश्याम साहू, मुकेश किशोर सहित समस्त पंचगण उपस्थित रहे और ग्रामीण जनों के साथ मिलकर देवी-देवताओं का आह्वान किया।
यह आयोजन इतवारी त्योहार के पावन अवसर पर सम्पन्न हुआ। परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खेतों में लगी फसलों की रक्षा और उनमें किसी भी प्रकार की बीमारी न आने की प्रार्थना की जाती है। ग्रामीणजन मानते हैं कि इस दिन गांव के समस्त देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से अन्न भंडार भरे रहते हैं और समृद्धि का वास होता है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष और युवा उपस्थित रहे। ग्रामवासियों ने श्रद्धा भाव से हवन में आहुति अर्पित की और चीला-रोटी का प्रसाद खेतों में अर्पित कर देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। वातावरण वैदिक मंत्रों और पूजा-पाठ की ध्वनि से गूंज उठा।
ग्रामीणों ने इस अवसर को सामाजिक और धार्मिक एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह परंपरा हमें हमारी संस्कृति से जोड़े रखती है और ईश्वर से गांव की रक्षा और सुख-समृद्धि की कामना का अवसर प्रदान करती है।
महासमुंद/शौर्यपथ/
संवाददाता संतराम कुर्रे
महासमुंद जिले के खल्लारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-6 के वनांचल ग्राम भालूकोना में प्रयोग सेवा समाज के तत्वाधान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
इस अवसर पर भालूकोना के अलावा उखरा, दरबेकेरा, तुपकबोरा और पंडरीपानी ग्रामों से आई हुई महिला स्व-सहायता समूह की दीदियों तथा क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। चर्चा का मुख्य केंद्र संविधान में दिए गए अधिकारों, कानून से संबंधित जानकारियों तथा प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर रहा।
भीखम सिंह ठाकुर ने ग्राम पंचायत के सरपंचों और उपस्थित बहनों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने निराश्रित पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी शासकीय योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार की विभिन्न योजनाओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय के सुशासन से भी ग्रामीणों को अवगत कराया।
कार्यक्रम में हीरा साहू, ओमप्रकाश ध्रुव, बहुर देशकर, प्रयोग सेवा समिति की संचालक देवंतीन बाई ठाकुर, एकता परिषद के सदस्य हलधर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ, पुरुष और युवा मौजूद रहे। उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम को सार्थक बताते हुए इसे जागरूकता का माध्यम बताया।
कोंडागांव। राजधानी रायपुर से बस्तर संभाग को जोड़ने वाली जीवनरेखा नेशनल हाईवे-30 आज खुद जिंदगी के लिए खतरा बन गई है। एनएचएआई की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग को खस्ताहाल कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि कहीं गड्ढे सड़क को निगल रहे हैं, तो कहीं नारायणपुर चौक पर लगा हाई मास्क लाइट अंधड़ में लटककर मौत का झूला बना खड़ा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क से ज्यादा गड्ढे और धूल उड़ रही है, जिससे लोगों को आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा तो है ही, साथ ही सांस व अस्थमा जैसी बीमारियों का शिकार भी होना पड़ रहा है। तेज रफ्तार वाहनों और अंधे मोड़ के बीच लटकती हाई मास्क लाइट किसी भी वक्त बड़ा हादसा कर सकती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की नींद अब तक टूटी नहीं है।
लोगों का गुस्सा अब टोल प्लाजा संचालन को लेकर फूट पड़ा है। सवाल उठ रहे हैं कि –
क्या टोल प्लाजा सिर्फ टैक्स वसूली का अड्डा है?
सड़कें गड्ढों में समा जाएं, बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो जाए, यातायात अव्यवस्थित हो – तो आखिर टोल की रकम जा कहां रही है?
एनएचएआई और ठेकेदारों की जिम्मेदारी केवल ‘वसूली’ तक सीमित है या जनता की सुरक्षा और सुविधा भी उनके दायरे में आती है?
कोंडागांव जिला मुख्यालय का नारायणपुर चौक, जो कि एक व्यस्त तिराहा है, रात में पूरी तरह अंधेरे में डूबा रहता है। स्थानीय लोगों ने कई बार यातायात विभाग से सावधानी हेतु बेरिकेड्स और लाइट व्यवस्था सुधारने की मांग की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि सरकार और ठेकेदार दोनों ही बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।
अब जनता सोशल मीडिया पर भी खुलकर सवाल उठा रही है – क्या इस समस्या का समाधान तब होगा जब केंद्रीय मंत्री या बड़े जनप्रतिनिधियों से लोग सड़क पर उतरकर मिलेंगे? या फिर प्रशासन हादसे के बाद ही जागेगा?
यह वही हाईवे है जो राजधानी को सीधे बस्तर से जोड़ता है। ऐसा राजमार्ग जो विकास का प्रतीक होना चाहिए था, वह आज भ्रष्टाचार और लापरवाही का आईना बन गया है। टोल वसूली करने वाले ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारी जनता के पैसे पर मौज तो कर रहे हैं, लेकिन जनता को सुरक्षा और सुविधा देने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दस दिवसीय जापान और दक्षिण कोरिया यात्रा छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। इस उच्चस्तरीय दौरे ने प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय निवेश, तकनीकी हस्तांतरण, रोजगार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में नए अवसर दिए हैं।
यह यात्रा भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के आमंत्रण पर आयोजित हुई। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। मुख्य उद्देश्य था –
छत्तीसगढ़ को वैश्विक निवेश केंद्र बनाना
नई तकनीकों व प्रबंधन ज्ञान का हस्तांतरण करना
औद्योगिक विकास को सांस्कृतिक और पर्यटन विस्तार से जोड़ना
ओसाका वर्ल्ड एक्सपो में लगाए गए छत्तीसगढ़ पवेलियन ने विदेशी निवेशकों, नीति निर्माताओं और कंपनियों का ध्यान खींचा।
बौद्ध धरोहर, लोककला, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग को खास तौर पर प्रदर्शित किया गया।
विदेशी कंपनियों ने इन क्षेत्रों में साझेदारी और निवेश में रुचि दिखाई।
जापान की SARTHAJ FOODS, Biocedes और Biyani Group ने छत्तीसगढ़ में संयंत्र लगाने में रुचि दिखाई।
दक्षिण कोरिया की Modern Tech Corp और UNECORAIL ने मेट्रो रेल, स्मार्ट सिटी और रेलवे उपकरण निर्माण में निवेश पर सहमति दी।
मुख्यमंत्री ने कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) और प्रमुख औद्योगिक समूहों से प्रत्यक्ष संवाद कर कई समझौते किए।
छत्तीसगढ़ सरकार ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि—
सिंगल विंडो सिस्टम से त्वरित क्लीयरेंस मिलेगी।
फास्टर ग्राउंडिंग नीति से परियोजनाओं की तुरंत शुरुआत होगी।
5G, ई-व्हीकल, नवीकरणीय ऊर्जा और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में सब्सिडी और कर छूट की पेशकश की गई।
इस यात्रा के परिणामस्वरूप 6 बड़े निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिनसे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
जापान और कोरिया के साथ नॉलेज शेयरिंग कोलैबोरेशन की योजना बनी है।
स्टार्टअप, स्किल डेवलपमेंट और रिसर्च हब की स्थापना के लिए संस्थानों को आमंत्रित किया गया।
ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ की लोककला और बौद्ध धरोहर ने जापानी और कोरियाई निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया।
सरकार ने बौद्ध पर्यटन सर्किट को जापान, कोरिया और अन्य एशियाई देशों से जोड़ने का रोडमैप प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह यात्रा केवल निवेश तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने छत्तीसगढ़ को अगले दशक के लिए विकास, तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक गौरव की मजबूत नींव दी है।
पारदर्शी प्रशासन, तेज़ी से परियोजनाओं की ग्राउंडिंग और जनता की भागीदारी इस यात्रा की सबसे बड़ी पूंजी साबित होगी।
दुर्ग। शौर्यपथ / राजनितिक
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन की स्थिति पर यदि विशेष रूप से दुर्ग जिले की बात की जाए तो यह साफ दिखाई देता है कि संगठन लंबे समय से परिवारवाद, गुटबाज़ी और निष्क्रियता की राजनीति में उलझा हुआ है। यही कारण है कि कांग्रेस कार्यकर्ता, जो पार्टी की रीढ़ माने जाते हैं, लगातार उपेक्षा और निराशा का सामना कर रहे हैं।
दुर्ग कांग्रेस की राजनीति बीते वर्षों से कुछ चुनिंदा परिवारों और नेताओं तक सीमित रही है।
पार्टी के भीतर ब्लॉक और जिला स्तर पर वही पुराने चेहरे बार-बार आगे लाए जाते हैं।
इससे न केवल संगठन में ठहराव आया है बल्कि नए और समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए अवसर भी बंद हो गए हैं।
हालिया ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव की मीटिंग में भी यही परिदृश्य सामने आया, जब बिना पूर्व जानकारी दिए अचानक बैठक में पुराने अध्यक्ष की दावेदारी का नाम उछाल दिया गया।
कार्यकर्ताओं के अनुसार यह प्रक्रिया उनके लिए “आघात” जैसी रही। उनका मानना है कि बिना उद्देश्य बताए, अचानक नामांकन की चर्चा संगठन की लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है।
दुर्ग कांग्रेस की कमजोरी का दूसरा बड़ा कारण है – नेतृत्व की निष्क्रियता।
जिला अध्यक्ष लंबे समय से निष्क्रिय भूमिका में नजर आते हैं।
सत्ता में रहने के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष सत्ता का लाभ उठाते रहे, जबकि विपक्ष की भूमिका में आने के बाद भी कोई प्रभावी आंदोलन खड़ा नहीं किया गया।
केवल दुर्ग ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ही लगातार जिला मुख्यालय पर आंदोलनों की जिम्मेदारी उठाते रहे, लेकिन शहर कांग्रेस में इसका असर दिखाई नहीं दिया।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर पूर्व विधायक अरुण वोरा को टिकट मिल सकता है।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि अरुण वोरा की पिछले वर्षों की निष्क्रियता और कार्यकर्ताओं के साथ भेदभावपूर्ण रवैया कांग्रेस की स्थिति को और कमजोर कर देगा।
यद्यपि उनकी पहुंच केंद्रीय संगठन तक है, लेकिन आम कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव कमजोर पड़ चुका है।
यदि आठवीं बार भी टिकट उन्हें मिलता है, तो यह कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है और भाजपा को दुर्ग में एक मजबूत संजीवनी मिल जाएगी।
? यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अब आम जनता भी लगातार एक ही प्रत्याशी और उसी परिवार के नाम को सुन-सुनकर ऊब चुकी है। पिछले 35–40 वर्षों से दुर्ग की जनता को लगभग एक ही चेहरे का सामना करना पड़ा है। जनता का कहना है कि कांग्रेस यदि केवल परिवारवादी राजनीति पर टिकेगी तो उससे किसी बड़े बदलाव की उम्मीद करना व्यर्थ है। यही कारण है कि आज कांग्रेस से आम जनता की अपेक्षाएँ लगभग खत्म हो चुकी हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ता आज संगठन के भीतर परिवारवाद और मनमानी से सबसे अधिक आहत हैं।
ब्लॉक स्तर की बैठकों में कार्यकर्ताओं की अनदेखी,
निर्णयों में पारदर्शिता का अभाव,
और आंदोलन की कमी ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया है।
इसी के समानांतर, आम जनता भी कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व से निराश हो चुकी है। बार-बार वही परिवार और वही प्रत्याशी देखना जनता को अब नीरस और अप्रभावी लग रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो जनता का कांग्रेस से मोहभंग और गहराता जाएगा।
कांग्रेस का इतिहास लोकतांत्रिक परंपराओं पर आधारित रहा है, लेकिन दुर्ग कांग्रेस में परिवारवाद और कब्ज़े की राजनीति ने संगठन को खोखला कर दिया है।
प्रदेश और केंद्रीय संगठन अब भी परिवारवाद को नजरअंदाज कर रहे हैं।
यह प्रवृत्ति केवल दुर्ग ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी कांग्रेस की पकड़ कमजोर कर रही है।
जहां परिवारवाद मजबूत रहेगा, वहां कांग्रेस का जनाधार और समर्पित कार्यकर्ता दोनों खो जाएंगे।
राजनीति का स्वरूप लगातार बदलता है। विपक्ष के रूप में कांग्रेस के पास जनता की आवाज़ उठाने का बड़ा अवसर था, लेकिन दुर्ग में पार्टी इस भूमिका को निभाने में नाकाम रही है।
यदि संगठन में समय रहते बदलाव नहीं हुआ, तो कांग्रेस को न केवल दुर्ग शहर बल्कि पूरे जिले में अस्तित्व बचाए रखना मुश्किल होगा।
दुर्ग कांग्रेस के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती है – परिवारवाद से ऊपर उठकर सक्रिय और पारदर्शी नेतृत्व खड़ा करना। अन्यथा आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पतन अवश्यंभावी है।
अब यह लेख कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता – दोनों की भावनाओं को समाहित करता है।
रायपुर / शौर्यपथ /
बिहार कांग्रेस भवन में हुई तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की “वोट मेरा अधिकार यात्रा” की सफलता से विचलित भाजपा, हिंसक गतिविधियों और षड्यंत्रों का सहारा ले रही है।
श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मंच से अभद्र टिप्पणी करने वाला व्यक्ति भाजपा का सक्रिय सदस्य निकला है। उन्होंने कहा कि—
“जब भाजपा से जुड़े लोग ही इस प्रकार की हरकत कर रहे हैं तो कांग्रेस पर दोषारोपण करना किस हद तक उचित है? भाजपा को जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”
वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य हमेशा जनता के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना रहा है। किसान आंदोलन, छात्र आंदोलन, और एनआरसी विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी भाजपा से जुड़े लोग भीड़ में घुसकर उकसाने वाले नारे और गतिविधियां करते रहे हैं। बिहार में भी इसी तरह का षड्यंत्र रचा गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को संयम और संस्कार की आवश्यकता है। पूर्व में भी विपक्षी नेताओं के खिलाफ भाजपा द्वारा अभद्र भाषा के उपयोग के उदाहरण जनता देख चुकी है। श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि राजनीतिक मुकाबले में असमर्थ होने पर भाजपा “स्लीपर सेल” और “ट्रोल गैंग” के जरिए भ्रामक प्रचार और षड्यंत्रकारी गतिविधियों का सहारा लेती है।
अंत में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश और देश की जनता भाजपा की इन रणनीतियों को समझ चुकी है और भाजपा को इस व्यवहार के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार आने के बाद से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अपनी मूल भावना से भटक गई है। रोजगार की कानूनी गारंटी देने वाली यह योजना अब प्रदेश में अघोषित रूप से ठप पड़ी है।
श्री वर्मा ने बताया कि प्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक गांवों में मनरेगा का कोई कार्य नहीं चल रहा, जिससे मजदूर परिवार रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रहे हैं और उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार स्पष्ट करे कि प्रदेश में कितने स्थानों पर मनरेगा के कार्य संचालित हो रहे हैं और पिछले 20 महीनों में कितने परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग 18 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए जाते थे। लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद इस योजना पर रोक-टोक और कटौती शुरू हो गई। उन्होंने याद दिलाया कि यूपीए सरकार के समय प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य को 100 दिन का गारंटेड रोजगार मिलता था, जिसमें सड़क निर्माण, तालाब व कुएं की खुदाई, जल संरक्षण एवं सूखा राहत जैसे कार्य शामिल थे। यदि 15 दिन के भीतर काम नहीं मिलता था तो मजदूरी का भुगतान किया जाता था। लेकिन अब न तो पर्याप्त काम दिया जा रहा है और न ही मजदूरी का समय पर भुगतान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां गरीब विरोधी हैं। पूरे देश में मनरेगा के तहत 27 करोड़ मजदूर पंजीकृत हैं, लेकिन मोदी सरकार एक-तिहाई यानी 9 करोड़ मजदूरों को भी सालभर में पर्याप्त रोजगार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। 100 दिन के रोजगार की गारंटी तो दूर, 30 दिन का काम भी मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के बाद मजदूरों की स्थिति और भी बदहाल हो गई है। श्री वर्मा ने कहा कि यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और सरकार को तुरंत प्रभाव से मनरेगा के कार्य प्रारंभ कर मजदूरों को रोजगार और मजदूरी उपलब्ध करानी चाहिए।
रायपुर/शौर्यपथ /
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) की विश्वसनीयता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं को यूपीएससी की तर्ज पर निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का वादा किया गया था, वे आज गोपनीयता भंग और अनियमितताओं के कारण मजाक बन गई हैं।
बैज ने आरोप लगाया कि पीएससी परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच ऐसे लोगों से कराई जा रही है, जो पात्र नहीं हैं। एक वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बिलासपुर पीजीबीटी कॉलेज में डेपुटेशन पर कार्यरत शिक्षक एवं एलबी शिक्षक, यहां तक कि प्राचार्य तक, कॉपियां जांच रहे हैं। इस मामले में विद्याभूषण शर्मा, सलीम जावेद सहित अन्य नाम सामने आए हैं, किंतु आयोग की ओर से न तो खंडन किया गया और न ही कोई स्पष्टीकरण दिया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि –
“पीएससी परीक्षा में प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर उत्तरपुस्तिका जांच तक की प्रक्रिया गोपनीय रहती है। जब परीक्षकों के नाम सार्वजनिक हो रहे हैं तो निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है। भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच आवश्यक है।”
बैज ने बताया कि बस्तर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अनेक गांवों का संपर्क टूट गया है, सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और लोगों का अनाज, पशु-पक्षी बह गए हैं। उन्होंने सरकार से प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा, राशन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लागू किए जाने को लेकर बैज ने कहा कि इसका छत्तीसगढ़ के निर्यात क्षेत्र पर गहरा असर पड़ेगा। प्रदेश से अमेरिका को गैर-बासमती चावल, तेंदूपत्ता, जड़ी-बूटियां, जैविक फल, शहद, हस्तशिल्प, धातु एवं लकड़ी की मूर्तियां, एल्युमिनियम उत्पाद आदि निर्यात होते हैं। नए टैरिफ के कारण ये उत्पाद अमेरिका में महंगे होंगे, जिससे खरीदी घटेगी और उत्पादकों को आर्थिक नुकसान तथा बेरोजगारी में वृद्धि होगी।
राजधानी रायपुर के शांति नगर इरिगेशन कॉलोनी को तोड़कर वहां होटल, मॉल और क्लब बनाने की संभावित योजना पर भी बैज ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रायपुर में पहले से ही ग्रीनरी और खेल मैदानों की कमी है। सरकार को चाहिए कि उस क्षेत्र को ऑक्सीजोन या खेल मैदान के रूप में विकसित करे। यदि व्यावसायिक निर्माण करना ही है, तो इसके लिए पर्याप्त जगह वाले नवा रायपुर का चयन किया जाए।
यह प्रेस विज्ञप्ति सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष – कांग्रेस संचार विभाग, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी की गई।
रायपुर। भिलाई के कैन डू पर्वत फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजयुमो नेता अतुल पर्वत ने आज रायपुर पहुँचकर छत्तीसगढ़ भारतीय जनता युवा मोर्चा के नए प्रदेश अध्यक्ष राहुल योगराज तिकरिहा से सौजन्य मुलाक़ात की।
अतुल पर्वत ने राहुल तिकरिहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं। साथ ही गणेश चतुर्थी के अवसर पर उन्हें भगवान श्री गणेश की प्रतिमा भेंट कर पर्व की शुभकामनाएँ भी प्रेषित कीं।
इस अवसर पर अतुल पर्वत ने कहा—
“राहुल जी के नेतृत्व में भारतीय जनता युवा मोर्चा को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। संगठन में युवाओं का जोश और उत्साह और अधिक बढ़ेगा।”
उन्होंने भगवान गणेश से प्रार्थना की कि राहुल तिकरिहा का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण रहे।
भिलाई नगर। नगर पालिक निगम भिलाई आयुक्त राजीव कुमार पांडेय द्वारा लगातार किए जा रहे निरीक्षणों से निगम क्षेत्र में विकास कार्यों की रफ्तार तेज हो गई है। गिरते हुए भूजल स्तर को देखते हुए आयुक्त ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को शक्ति से लागू करने के निर्देश दिए हैं और स्वयं इन कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं।
इसी क्रम में आयुक्त ने उद्यान अधिकारी तिलेश्वर साहू के साथ नेहरू नगर के शास्त्री उद्यान, मधु कामिनी उद्यान, बक्शी उद्यान, योगा उद्यान और राशि उद्यान का निरीक्षण किया। उन्होंने पौधों को व्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से लगाने के निर्देश दिए। साथ ही निर्मित वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का बारीकी से अवलोकन कर सहायक अभियंता पुरुषोत्तम सिन्हा को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
आयुक्त ने महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे वृक्षारोपण कार्यों का भी निरीक्षण किया और वृक्षों के संरक्षण की दिशा में आवश्यक सुझाव दिए। यह कार्य "वूमेन फॉर ट्री" योजना के तहत किया जा रहा है, जो केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।
सफाई व्यवस्था को लेकर भी आयुक्त का औचक निरीक्षण जारी रहा। सड़कों और नालियों की सफाई का जायजा लेते हुए उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को सफाई व्यवस्था और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
आयुक्त पांडेय ने कहा कि—
“रेनवाटर हार्वेस्टिंग और वृक्षारोपण के जरिए भिलाई में पर्यावरण संरक्षण की ठोस पहल की जा रही है। आने वाले समय में यहां भूजल स्तर पुनः प्राकृतिक स्थिति में लौटेगा और पेयजल संकट से मुक्ति मिलेगी।”
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली, जोन स्वास्थ्य अधिकारी अंकित सक्सेना और क्रिस्टोफर पाल भी उपस्थित रहे।
31 अगस्त को दोपहर 12:15 बजे सभी आकाशवाणी केंद्रों से प्रसारित होगा कार्यक्रम
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि सुशासन का वास्तविक अर्थ तभी पूर्ण होगा जब हमारी ग्रामीण महिलाएँ सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक रूप से सशक्त बनें। इसी दूरदर्शी सोच के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की दिशा में प्रेरित करने के लिए एक नई ऐतिहासिक पहल की है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत तैयार विशेष रेडियो कार्यक्रम “दीदी के गोठ” का शुभारंभ 31 अगस्त 2025 को दोपहर 12:15 बजे किया जाएगा। यह कार्यक्रम आकाशवाणी रायपुर केंद्र सहित प्रदेश के सभी आकाशवाणी केंद्रों से एक साथ प्रसारित होगा। साथ ही इसकी लाइव स्ट्रीमिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (www.onlineradiofm.in/stations/all-india-air-raipur) पर भी उपलब्ध रहेगी। दीदी के गोठ केवल एक रेडियो कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की सुशासन की सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रतिबिंब है।
इसका उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को पूरे समाज तक पहुँचाना, उनके संघर्ष और उपलब्धियों को सामने लाना तथा उन्हें शासन की योजनाओं से जोड़कर सकारात्मक परिवर्तन की राह दिखाना है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, भारत सरकार के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तथा राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा द्वारा ग्रामीण महिलाओं के नाम विशेष संदेश और प्रेरणादायी शुभकामनाएँ प्रसारित की जाएंगी। यह अवसर न केवल एक कार्यक्रम का शुभारंभ होगा, बल्कि शासन की नीतियों और योजनाओं को सीधे जनता तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी बनेगा।
दीदी के गोठ का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ना, उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना है। इस कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की कहानियाँ सुनाई जाएंगी—कैसे उन्होंने संघर्ष और कठिनाइयों को पार कर अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से न सिर्फ़ आर्थिक रूप से मजबूती हासिल की, बल्कि समाज में भी एक नई पहचान बनाई। आज छत्तीसगढ़ की लाखों महिलाएँ लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनका जीवन बिहान योजना से सकारात्मक रूप से बदला है। इनकी प्रेरणादायी कहानियाँ रेडियो की आवाज़ के माध्यम से हर गाँव और हर घर तक पहुँचेंगी, ताकि अन्य महिलाएँ भी आत्मनिर्भरता की राह पकड़ सकें।
इस कार्यक्रम के प्रभाव को और अधिक व्यापक बनाने के लिए पंचायत, ग्राम संगठन और संकुल संगठन स्तर पर सामूहिक श्रवण की व्यवस्था की जा रही है। इसमें जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय समुदाय और स्व-सहायता समूह की दीदियाँ विशेष रूप से शामिल होंगी। सामूहिक श्रवण से ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी संवाद, चर्चा और प्रेरणा का वातावरण बनेगा।
दुर्ग। गयानगर दुर्ग निवासी डॉ. श्री प्रकाश चंद पारख (सुपुत्र स्व. भवरलाल जी पारख) के निधन के उपरांत पारख परिवार ने उनका नेत्रदान कर दो परिवारों को नेत्रज्योति प्रदान की। यह कदम न केवल दिवंगत आत्मा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि समाज को भी नेत्रदान की प्रेरणा देता है।
श्री प्रकाश चंद पारख की पत्नी श्रीमती जयंती देवी, पुत्र डॉ. गौरव पारख, पुत्री सोनिया जैन, बहू मनीषा जैन तथा पौत्र गर्वित ने नेत्रदान हेतु सहमति दी। इस प्रक्रिया में नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया, हरमन दुलई, सत्येंद्र राजपूत और प्रभुदयाल उजाला ने सहयोग प्रदान किया।
नेत्रदान की चिकित्सा प्रक्रिया श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई, जहाँ डॉ. संदीप बाचकर, डॉ. उत्कर्ष बंसल, नेत्र सहायक विवेक कसार और निवेश रावते ने कॉर्निया संग्रहित किए।
परिवार की ओर से डॉ. गौरव पारख ने कहा –
“पिता जी के जाने से पूरा परिवार सदमे में है, लेकिन डॉक्टर होने के नाते हम नेत्रदान के महत्व को समझते हैं। इसी कारण हमने यह निर्णय लिया। समाज को भी चाहिए कि वह इस दिशा में आगे बढ़े और अधिक से अधिक लोग नेत्रदान के लिए प्रेरित हों।”
नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य सत्येंद्र राजपूत ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा –
“डॉ. प्रकाश चंद पारख समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उन्होंने जीवन भर सेवा की और निधन के बाद भी अपने नेत्रों के माध्यम से दो लोगों के जीवन को प्रकाशमान कर प्रेरणा दी।”
वहीं संस्था के सदस्य हरमन दुलई ने बताया कि फाउंडेशन लगातार नेत्रदान, देहदान और रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। इच्छुक लोग अधिक जानकारी हेतु संस्था के सदस्यों से संपर्क कर सकते हैं या 9826156000 / 8839324601 नंबर पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
नवदृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, मंगल अग्रवाल, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख, पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभुदयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक, विनोद जैन, राकेश जैन ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की और पारख परिवार के इस निर्णय को साधुवाद दिया।
इंजीनियरों की टीम हर हफ़्ते करेगी काम, महानदी पर बनेगा समन्वय का नया ढाँचा
नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ /
भारत की एक प्रमुख नदी, महानदी, जो छत्तीसगढ़ से निकलकर ओडिशा होकर बंगाल की खाड़ी तक जाती है, लंबे समय से विवाद का कारण बनी हुई है।
इस लंबे विवाद को बातचीत से हल करने के लिए 30 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में एक अहम बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मुख्य सचिवों और जल संसाधन विभाग के सचिवों ने हिस्सा लिया। बैठक में दोनों राज्यों ने माना कि यह समस्या बहुत पुरानी और कठिन है, लेकिन लोगों और दोनों राज्यों के भले के लिए इसका समाधान मिल-बैठकर निकालना ही होगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि सितंबर 2025 से दोनों राज्यों की तकनीकी समितियाँ, जिनमें इंजीनियर और विशेषज्ञ होंगे, हर हफ़्ते बैठक करेंगी। ये समितियाँ मुख्य मुद्दों को पहचानेंगी और उनका हल निकालने की कोशिश करेंगी। साथ ही, वे यह भी देखेंगी कि कैसे दोनों राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा सकता है।
अक्टूबर 2025 में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव एक और बैठक करेंगे। इसमें जल संसाधन सचिव भी शामिल होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो दिसंबर तक दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी मुलाक़ात कर सकते हैं और आगे की दिशा तय करेंगे।
अंत में दोनों राज्यों ने यह वादा किया कि वे ईमानदारी और खुले मन से बातचीत करेंगे, ताकि महानदी जल विवाद का हल ऐसा निकले जो सबके लिए लाभकारी हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह पहल सफल रही, तो यह न सिर्फ ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल होगी कि बड़े और पुराने विवाद भी आपसी बातचीत और सहयोग से सुलझाए जा सकते हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / जापान और दक्षिण कोरिया प्रवास से लौटने के उपरांत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से कंवर समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री हरवंश मिरी एवं महासचिव नकुल चंद्रवंशी के नेतृत्व में समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री निवास में भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशिल्या साय को बधाई दी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री साय को आगामी भादो एकादशी पर्व पर आयोजित होने वाले करमा तिहार के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। यह आयोजन दिनांक 03 सितम्बर 2025 को नवा रायपुर, अटल नगर स्थित नवीन मुख्यमंत्री निवास परिसर में संपन्न होगा।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कंवर समाज के उपाध्यक्ष श्री थानसिंह दीवान, कोषाध्यक्ष श्री बसंत दीवान, कार्यकारिणी सदस्य शिवकुमार कंवर, महानगर इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोहर पैंकरा, सचिव मनहरण चंद्रवंशी, सदस्य हेमलाल कंवर सहित युवा कंवर प्रभाग के युवा संरक्षक तीरमेंद्रू सिंह कंवर एवं टुकेश कंवर भी उपस्थित थे।