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- दिव्यांगजनों को नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल और सहायक उपकरण का किया वितरण
- विद्यार्थियों को साइन लैंग्वेज का होना चाहिए अच्छा ज्ञान
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के दिए निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ /सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने विकासखंड राजनांदगांव के ग्राम ठाकुरटोला में दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) राजनांदगांव का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांगजनों को नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल एवं सहायक उपकरण वितरण किया। उन्होंने दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास और सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) राजनांदगांव परिसर में पौधरोपण किया। इस दौरान निदेशक एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद डॉ. बीवी रामकुमार, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, संचालक समाज कल्याण विभाग श्रीमती रोकतिमा यादव उपस्थित थे।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर के डॉक्टर कक्ष, व्हिज्युअल थेरपी कक्ष, फिजियोथेरपी कक्ष, नैदानिक मनोविज्ञान कक्ष, विशेष शिक्षा, ऑडिओलॉजी कक्ष, वाणी एवं भाषा उपचार, सीसीसीजीपी कक्ष, आडिटोरियम, पुस्तकालय, क्लास रूम का निरीक्षण किया। सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने नैदानिक मनोविज्ञान कक्ष में ऑनलाईन पंजी संधारण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विशेष शिक्षा कक्ष में 11 वर्षीय बच्चे का यूडीआई के संबंध में जानकारी ली और बच्चे का निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभान्वित करने के निर्देश दिए। सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर में उपस्थित दिव्यांगजनों से बातचीत की और उन्हें नि:शुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल और सहायक उपकरण वितरण किया। उन्होंने डिसली क्लास रूम का अवलोकन किया। विद्यार्थियों से साइन लैंग्वेज के संबंध में बातचीत की। उन्होंने कहा कि सभी को साइन लैंग्वेज के संबंध में अच्छे से ज्ञान होना चाहिए। साइन लैंग्वेज में विशेष ध्यान देने कहा। उन्होंने कहा कि साइन लैंग्वेज का बहुत अच्छा स्कोप उपलब्ध होता है। साथ ही हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। जिससे वे साइन लैंग्वेज के माध्यम से बता सके। इसके साथ ही विधि से संबंधित ज्ञान भी होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपस में भी साईन लैंग्वेज में बात करनी चाहिए, जिससे ज्ञान बढ़ेगा। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने प्राध्यापकों को निर्देश दिए। उन्होंने प्रेक्टीकल अध्ययन-अध्यापन को अधिक से अधिक कराने कहा।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने कौशल विकास विभाग के डिप्लोमा इन इंडियन साइन लैंग्वेज इंटरप्रिटेशन के बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों द्वारा किए गए कौशल कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने सीआसी सेंटर में उपचार कराने आए दिव्यांजनों से मुलाकात की। सचिव श्री अग्रवाल ने दिव्यांग श्री आशीष देवदास और श्री रवि से बातचीत कर स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। दिव्यांग श्री आशीष ने बताया कि सीआरसी सेंटर में बहुत अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। पहले चलने में बहुत समस्या होती थी लेकिन अब नहीं होती है।
सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजेश अग्रवाल ने सीआरसी सेंटर के उपरी मंजिल के निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने भवन निर्माण के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप निर्माण कार्य करने निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा, संयुक्त संचालक समाज कल्याण श्री बीएल ठाकुर, निदेशक सीआरसी श्रीमती स्मिता महोबिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के लिए सभी तैयारी सुनिश्चित करने कहा
राजनांदगांव/शौर्यपथ /मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जिला पंचायत सभाकक्ष में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों सहित अन्य विषयों पर विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जिला एवं जनपद पंचायत के अधिकारी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने बताया कि भारत सरकार के केन्द्रीय निगरानी समिति के अधिकारियों की टीम द्वारा जिले का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को केन्द्रीय योजनाओं से संबंधित जानकारी अद्यतन करने तथा आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अमलों द्वारा आयुष्मान वयवंदन योजना अंतर्गत 70 वर्ष एवं 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की प्रगति पर संतोष जाहिर किया। सीईओ जिला पंचायत ने विनोबा एप अंतर्गत सौंपे गए कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थागत प्रसव, कुपोषण की रोकथाम, एनिमिया के बचाव के लिए पंजीयन की कार्रवाई शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने जिले के सभी ग्रामों में प्रत्येक शनिवार को स्वच्छता त्यौहार का आयोजन करने के निर्देश दिए। इस दौरान श्रमदान करते हुए ग्राम की साफ-सफाई, स्वच्छता रैली, दीवार लेखन, शपथ ग्रहण, स्कूल में प्रतियोगिताएं एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित करने कहा। इन कार्यक्रमों में ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, युवा क्लब, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, विद्यार्थी और ग्रामीणों को शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 अंतर्गत खुले में शौच मुक्त ग्रामों की स्थिति, अपशिष्ट प्रबंधन, सहभागिता और स्थायी ढांचे जैसे मापदंडों पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही सिटीजन फीडबैक भी एक अहम बिंदु होगा। जिसके लिए ग्रामीणों को मोबाइल एप के माध्यम से सुझाव देने के लिए प्रेरित करने कहा। गांव-गांव में बैनर, पोस्टर, ऑडियो संदेश, नुक्कड़ नाटक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रचार एवं जागरूक करने के निर्देश दिए। बैठक में पीएमश्री एवं 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत शालाओं में चल रहे निर्माण कार्यों, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, एनआरएलएम सहित अन्य विषयों पर विस्तृत समीक्षा की गई।
राजनांदगांव/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों एमएसएमई को पारंपरिक बैंकिंग साधनों से आगे बढ़कर वैकल्पिक वित्तीय स्त्रोतों से सहायता प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस योजना के अंतर्गत वैकल्पिक वित्तपोषण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र राजनांदगांव के महाप्रबंधक द्वारा की गई। रैंप योजना भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित है। जिसका उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाना, वित्तीय पहुंच को आसान करना तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी एवं सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। कार्यशाला की शुरूआत में रैंप योजना की संक्षिप्त जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। इसके पश्चात उप प्रबंधक एनएसई श्री उर्मिलेश द्वारा NSE EMERGE में सूचीकरण की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, पात्रता मानदंड और इससे मिलने वाले लाभों पर प्रस्तुति दी गई।
ब्रांच ऑफिस इन चार्ज SIDBI रायपुर श्री अमित खरे ने सिडबी के माध्यम से एमएसएमई को उपलब्ध विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। इनवॉइसमार्ट से श्री निखिल ने बिल डिस्काउंटिंग एवं TReDS प्लेटफॉर्म के संचालन एवं लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि TReDS प्लेटफॉर्म विलंबित भुगतानों की समस्या के समाधान, समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने और एमएसएमई के नकदी प्रवाह में सुधार के लिए एक प्रभावी माध्यम है। कार्यशाला में जिले के 41 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों, महिला उद्यमियों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने सहभागिता की। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने विषय की उपयोगिता पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ऐसी कार्यशालाओं को निरंतर आयोजित करने की मांग की। यह कार्यशाला एमएसएमई के लिए पूंजी बाजार में प्रवेश, वैकल्पिक वित्त स्रोतों की समझ और वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुई।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, जिसके कारण कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ योजनांतर्गत चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे धान के अतिरिक्त दलहन-तिलहन, मक्का व अन्य फसलों की खेती करने वाले कृषकों को 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने धान की फसल लगाई हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री का भुगतान होगा।
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के साथ-साथ कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश हेतु प्रोत्साहन, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना। योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
हितग्राही की पात्रता-
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा, जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे समस्त कृषक जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो, जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो। संस्थागत समितियां जैसे-ट्रस्ट, मंडल, प्राईवेट लिमिटेड, शाला विकास समिति तथा केन्द्र व राज्य शासन के संस्थान को योजनान्तर्गत पात्रता नहीं होगी। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा।
कृषकों को भुगतान-
कृषक उन्नति योजना अंतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर राशि 731 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 15351 रूपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि 711 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 14931 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी एवं रागी तथा कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। किसी कृषक को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित कृषक से राशि वसूल की जा सकेगी। योजना का क्रियान्वयन मार्कफेड, खाद्य विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड तथा संचालनालय कृषि के माध्यम से किया जाना है।
- कलेक्टर ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का किया शुभारंभ
- अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतर अवसर : कलेक्टर
- सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी करते है अग्रसर : सीईओ जिला पंचायत
- मन में ठान लीजिए तो कोई कार्य मुश्किल नहीं, जुनून के साथ करें पढ़ाई : श्री आकाश गर्ग
- स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ करें अध्ययन : श्री आकाश गर्ग
- हमारी सफलता के पीछे होती है असफलताएं एवं संघर्ष : सुश्री पूर्वा अग्रवाल
- कभी भी प्रयास करना न छोड़े, अनुशासन का अनुकरण करें : श्री अंकित धवानी
मोबाईल में स्क्रीन टाईम करें कम : श्री अंकित धवानी
- अध्ययन के दौरान शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर रखें ध्यान : श्री आदित्य विक्रम
- अध्ययन के लिए तैयारी ऐसे कीजिए कि जैसे समंदर में तैरना है तो कूद जाइए : श्री आदित्य विक्रम
- लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से करें तैयारी : श्री अभिषेक अग्रवाल
- यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली नहीं जा पाए, तो जहां आप है वहां दिल्ली जैसे इको सिस्टम बना लीजिए : श्री अभिषेक अग्रवाल
राजनांदगांव/शौर्यपथ / युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा, क्षमता एवं संभावनाओं को आकार देने के लिए तथा उनके कैरियर को सही दिशा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं युवा शामिल हुए। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु ''कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिएÓÓ कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। हम सभी ने उनके विचारों एवं जीवन से प्रेरणा ली है और अनुसरण किया है तथा उनके उद्धरण एवं लेखनी को अपने जीवन में आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित पांच शख्सियत यहां मौजूद हैं, जिनके अनुभवों का लाभ विद्यार्थियों एवं युवाओं को मिलेगा। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं किसी कार्यक्रम में अखिल भारतीय सेवा के चयनित अभ्यर्थी के प्रेरक उद्बोधन को सुनकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहित हुए थे और यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था। इसलिए हमेशा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हुए। जिससे युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के माध्यम से देश एवं समाज की सेवा करने का बेहतरीन अवसर मिलता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि टॉपर्स के विचारों को सुने, समझे और सफलता के लिए सीख कर जाएं। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी सत्र में यूपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे। विद्यार्थी पढ़ाई के लिए मोबाईल का उपयोग कम करेंगे। इसके लिए विभिन्न विषयों पर अभिमत, विश्लेषण पढऩे की आवश्यकता है। भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा कठिन परीक्षा है। गंभीरता से तैयारी करने पर सफलता मिलती है।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि आज यहां जो युवा आए है, वे एक मकाम हासिल करें और सफलता हासिल करें। इस उद्देश्य एवं आशा के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है कि विद्यार्थी एवं युवा यहां से कुछ सीखकर जाएं। यहां आए अभ्यर्थियों ने जीवन में संघर्ष किया है और उनकी जीवन यात्रा में बाधाएं रही। इसके बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि तनाव एक अच्छा शिक्षक है और सकारात्मक तरीके से तनाव सफलता के लिए भी अग्रसर करते है।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 5वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आकाश गर्ग ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने बी-टेक में स्नातक किया है। कोविड-19 संक्रमण के दौरान एक जिला प्रशासक की भूमिका एवं जिम्मेदारी को देखते हुए इस पद पर कार्य करने के लिए रूझान बढ़ा। उन्होंने कहा कि मन में ठान लीजिए तो कोई काम मुश्किल नहीं। आप जुनून के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2023 में यूपीएससी की परीक्षा में असफल हुए थे। उन गलतियों को ठीक करते हुए वे बेहतर परिणाम की ओर अग्रसर हुए। उन्होंने कहा कि गलतियों को दोहराना नहीं, बल्कि उसमें सुधार करना और सीखना है। स्पष्ट दृष्टिकोण, विचार एवं दृढ़ निश्चय के साथ अध्ययन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 65वां रैंक प्राप्त करने वाली एवं छत्तीसगढ़ टॉपर सुश्री पूर्वा अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बनाएं रखें, लेकिन परीक्षा को कम न आंके। इसमें केवल तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि विश्लेषण भी किया जाता है। समय पर तैयारी करने के साथ ही निरंतरता बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि हमारी सफलताएं दिखाई देती है, लेकिन कोई भी सफलता हमें एक दिन में प्राप्त नहीं होती। इसके पीछे हमारी असफलताएं भी होती है, जिन्हें लोग नहीं जानते। जीवन के उतार चढ़ाव से हार मत मानिए। उन्होंने बताया कि परिवार से उन्हें बहुत मदद मिली।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 9वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री आदित्य विक्रम ने बताया कि उनका संघर्ष जरा लंबा रहा, लेकिन परिवार का भरपूर सहयोग मिला। देश की सेवा के लिए आना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें पांचवें प्रयास मेंं सफलता मिली। परीक्षा की तैयारी के दौरान हताश एवं निराश भी रहा। इसलिए अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाएं रखने के लिए मेडिटेशन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान 7 घंटे सोना चाहिए और लगभग 8-10 घंटे पढऩा चाहिए। रूटीन में पढ़ाई में निरंतरता रहे तथा लाइब्रेरी में भी जाकर पढ़ा जा सकता है। मोबाईल का उपयोग कम करें और सोशल मीडिया से दूर रहें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से अधिक से अधिक युवाओं का चयन होना चाहिए। तैयारी ऐसे किजिए जैसे तैरना है, तो समंदर में कूद जाईए। मन में कोई झिझक नहीं रखें और सभी विषयों का लगातार रिविजन करें।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 273वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अंकित धवानी ने बताया कि वे राजिम के निवासी है। उन्होंने कहा कि कभी भी प्रयास करना न छोड़े। अच्छे दोस्त बनाएं और उनसे समस्या के संबंध में चर्चा करें। मोबाईल का उपयोग एसेट की तरह करें और मोबाईल में स्क्रीन टाईम कम करें। उन्होंने कहा कि अनुशासन का अनुकरण करें तथा मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पढ़ाई छत्तीसगढ़ में रहकर ही की।
यूपीएससी सीएसई 2024 में 243वां रैंक प्राप्त करने वाले श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी के लिए नई दिल्ली नहीं जा पाया। अध्ययन के लिए दिल्ली के ट्रैंड के साथ जागरूकता बनाए रखते हुए तथा सेवा में रहते हुए तैयारी की। उन्होंने कहा कि मैंने लक्ष्यमूलक दृष्टिकोण से तैयारी की। आधुनिक भारत एवं भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए लगन से पढ़ाई की। जहां अथाह विषय हैं, वहां टेक्स्ट सिरीज की मदद से पढ़ाई की उन्होंने युवाओं से कहा कि आप यूपीएससी की तैयारी यहां रह कर भी कर सकते हैं, इसके लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली जैसा इको सिस्टम बना लिजिए। जीवन में पढ़ाई के लिए थोड़ा सा तनाव भी जरूरी है। आप यह नहीं जानते की आपके लिए भविष्य में संभावनाओं के रास्ते खुले हुए हैं।
कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र में विद्यार्थियों एवं युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा उपस्थित थे।
0 बरसात में बढ़े सर्पदंश के मामले: मेडिकल कॉलेज अस्पताल सतर्क
राजनांदगांव। बरसात का मौसम जहां हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह मौसम सर्पदंश जैसी घटनाओं में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी लाता है। पिछले एक सप्ताह में मेडिकल कॉलेज अस्पताल राजनांदगांव में सर्पदंश के 6 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से 4 को जहरीले सांप ने काटा था। इनमें से 3 मरीजों की हालत गंभीर थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। हालांकि, चिकित्सकों की सतर्कता, समर्पण और समय पर इलाज से सभी मरीजों की जान बचा ली गई है और वे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
0 गंभीर हालत में आए मरीज, समय पर इलाज से बची जान तीनों गंभीर मरीज लगभग तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रहे। एक मरीज राजनांदगांव का निवासी था जबकि दो अन्य आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लाए गए थे। सभी मरीज अस्पताल पहुंचने पर बेहोशी की हालत में थे और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग की सतर्क टीम के सदस्य डॉ चिन्मय जैन, डॉ आशीष डुलानी , डॉ गोपेश एवं डॉ राहुल ने बिना समय गंवाए इलाज शुरू किया। एंटी वेनम इंजेक्शन और अन्य जीवनरक्षक उपायों से उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ। यह पूरी तरह से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था और डॉक्टरों के प्रयासों की सफलता है।
0 क्यों बढ़ते हैं बरसात में सर्पदंश के मामले? (एक्सपर्ट व्यू डॉ प्रकाश खूंटे, एमबीबीएस एमडी मेडिसिन एवं प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल राजनांदगांव)
डॉक्टर प्रकाश खूंटे के अनुसार, बरसात के मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाता है, जिससे वे बाहर निकल आते हैं। अक्सर ये सांप घनी आबादी वाले क्षेत्रों या खेतों की ओर चले जाते हैं, जहां मानव-सांप आमना-सामना बढ़ जाता है। कई बार इंसान उन्हें देखते ही मारने की कोशिश करता है और ऐसे में सांप आत्मरक्षा में डंस लेते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में सर्पदंश के केस बढ़ जाते हैं।
0 मेडिकल कॉलेज की टीम तैयार, एंटी वेनम की पर्याप्त व्यवस्था मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अतुल देशकर ने बताया कि सर्पदंश से निपटने के लिए अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसके अलावा इमरजेंसी टीम, विशेषज्ञ डॉक्टर और जरूरी उपकरण हर समय तैयार हैं। अब तक सर्पदंश के जितने भी मरीज अस्पताल लाए जा चुके हैं सभी को समय पर इलाज देकर बचाया गया है। बरसात को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त तैयारी की गई है।
0 "जहर नहीं, घबराहट ज्यादा खतरनाक"
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रकाश खुटे ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौतों के पीछे अक्सर घबराहट और भ्रम कारण होते हैं। डॉ. खूंटे के मुताबिक, 80 फीसदी सांप गैर-जहरीले होते हैं, जबकि कुछ सांप कम जहरीले होते हैं और समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है। कई बार सांप ने किसी जानवर को खा लिया होता है, जिससे जहर का असर कमजोर हो जाता है।
० क्या करें अगर सांप काट ले? – वरिष्ठ चिकित्सक डॉ खूंटे की सलाह:
1. झाड़-फूंक या टोने-टोटके में समय न गंवाएं।
2. जिस अंग को सांप ने काटा हो, उसे स्थिर और नीचे रखें।
3. शरीर की मूवमेंट कम करें, ताकि जहर न फैले।
4. कोई चीरा या कट न लगाएं।
5. काटे गए स्थान के ऊपर ढीला कपड़ा बांधें ताकि दो उंगलियां अंदर जा सकें।
6. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं और एंटी वेनम इंजेक्शन दिलवाएं।
0 जनजागरूकता की जरूरत मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बरसात में विशेष सतर्कता रखें। खेतों, झाड़ियों, अंधेरे या गीले स्थानों में सावधानी से चलें। रबर के जूते, टॉर्च और डंडे का उपयोग करें। यदि सर्पदंश हो, तो डरें नहीं और तुरंत मेडिकल सहायता लें। यह रिपोर्ट इस बात की मिसाल है कि समय पर उपचार और जागरूकता से सर्पदंश जैसे खतरनाक हालात से भी जंग जीती जा सकती है। बरसात के इस मौसम में सतर्कता और सावधानी ही जीवन रक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।
- प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से श्री यशवंत पटेल को बिजली के बिल से मिल राहत
- शासन की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बिजली की बचत की दिशा में किफायती एवं उपयोगी
राजनांदगांव /शौर्यपथ / शासन की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बिजली की बचत, किफायती एवं उपयोगी साबित हो रही है। सौर ऊर्जा प्राकृतिक दृष्टिकोण से अक्षय ऊर्जा है और नि:शुल्क प्राकृतिक खजाना है। शहर में इस योजना का लाभ लेने के लिए जनमानस में रूझान बढ़ा है और घर सौर ऊर्जा से प्रकाशमान हो रहे है। राजनांदगांव शहर के जीई रोड रायपुर नाका निवासी श्री यशवंत पटेल ने बताया कि परिवार में संयुक्त तौर पर उनके भाई हिम्मत पटेल एवं गोपाल पटेल ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2 लाख 60 हजार रूपए की लागत से 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है। शासन की ओर से 78 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जब से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगा है, बिजली के बिल से राहत मिल है। यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी लाभप्रद है। बढ़ते बिजली बिल की समस्या को देखते हुए यह सोलर पैनल जनसामान्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को इस योजना का लाभ लेते हुए अपने घरों में सोलर पैनल लगाना चाहिए। इससे बिजली का बिल शून्य हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 30 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते हंै। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी का प्रावधान है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट pmsuryaghar.gov.in या PMSuryaGhar मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी कर दी जाती है। इस दौरान यदि उपभोक्ता इच्छुक हो तो शेष राशि का प्रकरण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।
- अग्निवीर योजना के अंतर्गत कैरियर गाइडेंस 25 जून से 29 जून तक
राजनांदगांव /शौर्यपथ /भारत सरकार की अग्निवीर योजना भारतीय युवाओं को नौसेना, वायु सेना और थल सेना में उपयुक्त पैकेज देने के साथ-साथ एक गौरवशाली जीवन का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले के सभी विकासखंडों में वायु सेना में जाने एवं आवश्यक मार्गदर्शन एवं जानकारी प्रदान करने के लिए कैरियर गाइडेंस का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत वायु सेना के विंग कमांडर एवं कमांडिंग अफसर द्वारा छत्तीसगढ़ के योग्य युवक एवं युवतियों को अग्निवीर वायु सेना को कैरियर के रूप में चयन करने की प्रक्रिया और भविष्य के उज्ज्वल निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा 25 जून से 29 जून तक राजनांदगांव जिले के विभिन्न विकासखंडों में कैरियर गाइडेंस का आयोजन किया गया है। राजनांदगांव विकासखंड के दिग्विजय कॉलेज में 26 जून 2025 को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक तथा बसंतपुर स्कूल में दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजन किया गया है। डोंगरगढ़ विकासखंड के खालसा स्कूल डोंगरगढ़ में 27 जून 2025 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजन किया जाएगा। डोंगरगांव विकासखंड के महाविद्यालय में तथा छुरिया महाविद्यालय में 28 जून 2025 को कैरियर गाइडेंस का आयोजन किया गया है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले के सभी योग्य युवाओं से अपील की गई है कि अवसर का लाभ लेने अधिक से अधिक संख्या में इस विषय के जो विद्यार्थी है वो जरूर इस कार्यक्रम में जुड़े और आवश्यक जानकारी प्राप्त करें और अग्निवीर वायु सेना में जाने के अपने विकल्प के अनुसार अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिला स्तर पर अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। कलेक्टर डॉ. भुरे ने कार्यक्रम के संचालन एवं शैक्षिक संस्थानों के चयन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल को जिम्मेदारी दी है। प्राचार्य दिग्विजय कॉलेज डॉक्टर सुचित्रा गुप्ता को कार्यक्रम के संचालन में महाविद्यालय के चयन की जिम्मेदारी दी गई है तथा जिला रोजगार अधिकारी श्री वीएस राजोरिया को शैक्षिक संस्थानों में अन्य व्यवस्थाओं की उपलब्धता के लिए जिम्मेदारी दी गई है। उल्लेखित है कि राज्य में इस प्रकार का यह पहला कार्यक्रम भारतीय वायु सेना द्वारा और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है। जिला प्रशासन के सभी अधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे और जिले के युवकों और को युवतियों को विज्ञान संकाय से हैं और 11वीं एवं 12वीं अथवा महाविद्यालय में अध्ययनरत है इनको एक बेहतर अवसर के रूप में अग्निवीर वायु सेना को कैरियर के रूप में चयन करने के लिए कैरियर गाइडेंस का आयोजन किया जा रहा है।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने 21 जून 2025 को सुबह 6.30 बजे दिग्विजय स्टेडियम राजनांदगांव में आयोजित जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी नागरिकों से अपील की है। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपनी दैनिक जीवन शैली में अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रख सकते है। योग हमारी भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है। योग के माध्यम से हम अपने जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर सकते है। यह हमारी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन नागरिकों को अपने अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में आयोजित किया गया है। उन्होंने अधिक से अधिक नागरिकों को जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आव्हान किया है। योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए, योग संगम एवं हरित योग है।
राजनांदगांव/शौर्यपथ /जिले के ग्रामीण बच्चे पढ़ाई के प्रति अपनी रूचि और जागरूकता का उदाहरण पेश करते हुए घर में पढ़ाई का कोना तैयार कर रहे हैं। यह प्रेरणादायक पहल यूनिसेफ, जिला प्रशासन राजनांदगांव और एलायंस फॉर बिहेवियर चेंज मेंबर्स सर्वहितम के टीम युवोदय राजनांदगांव, जिला समन्वयक विनोद कुमार टेम्बुकर की टीम द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यशाला में भाग लेने के बाद शुरू किया जा रहा है।
कार्यशाला में रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा और पढ़ाई का कोना जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार एवं व्यक्तित्व विकास की कड़ी को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चे समझकर एवं कार्यशाला से सीखकर एक विशेष पढ़ाई का स्थान तैयार कर रहे है। वहां बच्चों द्वारा किताबें व्यवस्थित रखा जा रहा है पढ़ाई का रूटीन दीवार पर चिपकाकर उसी अनुसार उसी जगह पर पढ़ाई कर रहे है। प्रत्येक गांव से युवाओं की टीम बनाई जा रही है, जिससे युवा अपने गांव के अन्य बच्चों एवं ग्रामीणजनों को जागरूक कर सकें। इस कड़ी में ग्राम पार्रीकला से हिना, सोनाली, ग्राम ठाकुरटोला से राधिका, हर्षिता, साक्षी, ग्राम पत्थरी से देविका और तनु, ग्राम डोम्हटोला से वर्षा, तनु, कुंदन जैसे सभी गांव में बच्चों एवं युवाओं द्वारा पढ़ाई का कोना बनाकर गांव में बच्चों एवं युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। शिक्षा स्तर में बदलाव, सुधार और व्यक्तित्व विकास किया जा सके। इस कड़ी में यूनिसेफ जिला समन्वयक श्री विनोद टेम्बुकर, दिव्या राजपूत, विकासखंड समन्वयक श्री चंद्रप्रकाश साहू, युवोदय सक्रिय स्वयंसेवक श्री तोरण, श्री साहिल, श्री भावेश एवं अन्य स्वयंसेवियों द्वारा सक्रिय योगदान दिया जा रहा है।
- कार्यक्रम में दवाईयां एवं सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का किया गया वितरण
- विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न के निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति का नि:शुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। नागरिकों को सही समय पर ईलाज एवं दवाईयां उपलब्ध कराई गई और इसके साथ सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सिकल सेल एक आनुवांशिक रोग है जिसकी सही समय पर जांच कराने और नियमित दवाईयां लेने से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पहले सिकल सेल कुंडली का जरूर मिलान करना चाहिए। कुंडली मिलान उपरांत पॉजिटीव आये लोगों को विवाह किए जाने संबंधी पूर्ण जानकारी देने कहा। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। जिले में 6 लाख 16 हजार 308 सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 5 लाख 93 हजार 144 सिकल सेल निगेटीव, 661 सिकल सेल पॉजिटीव एवं 10 हजार 147 सिकल सेल वाहक है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीमती माधुरी खंूटे ने कहा कि जिला अस्पताल में न्यूमोकोकल वैक्सिन उपलब्ध है जिसे सिकल सेल एवं थैलिसिमिया पीडि़त 4 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगाया जाना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने मैदानी स्तर पर मितानिनों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने की बात कही। कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी सिकल सेल डॉ. सुहद्रा ठाकुर, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, जिला माईक्रोबॉयोलॉजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी तथा शहरी क्षेत्र के एएनएम, मितानिन व सिकल सेल हितग्राही उपस्थित थे।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद के अंतर्गत संचालित सीआरसी ठाकुरटोला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 8 से 40 वर्ष तक 87 दिव्यांगजन कान्हा शान्तिवनम कान्हा गांव रंगारेड्डी जिला तेलंगाना में ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल होने के लिए रवाना हुए। योगा दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी राज्य से इस योगा दिवस में 3500 दिव्याँगजन शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, सचिव श्री राजेश अग्रवाल, सयुंक्त सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजीव शर्मा शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष एक नई थीम रखी जाती है। इस वर्ष योग दिवस की थीम योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखी गई है। जिसका मतलब है कि जिस तरह पृथ्वी एक है, ठीक उसी तरह हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे हमें स्वस्थ रखने की जरूरत है। प्रति वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। यह सिर्फ एक तारीख या औपचारिक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विश्व स्वीकृति का प्रतीक बन गया है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलन और शांति देने की एक कला है। सभी को योग के लाभों से जोडऩा और उन्हें स्वस्थ जीवन की दिशा में प्रेरित करना। ट्रेन रवाना के समय आस्था मुकबधिर स्कूल राजनंदगांव के अध्यक्ष श्री महेंद्र सुराना, सीआरसी से श्री पुनीत राम साहू, श्री पुष्पेंदु जना उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सीआरसी राजनंदगांव से श्री गजेन्द्र कुमार साहू समन्वय कर रहे है।
कलेक्टर ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली
- 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में होगा सामूहिक योगाभ्यास
- आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की तैयारी के लिए अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वन मंडलाधिकारी श्री आयुष जैन एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए नागरिकों को अधिक से अधिक प्रेरित करना है। इसमें अधिक से अधिक लोगों की सक्रिय सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, स्कूल बच्चे, खिलाड़ी, सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिक शामिल होंगे। उन्होंने मंच, साऊंड, योग करने के लिए कार्पेंट की व्यवस्था, वाहन पार्किंग, ट्रैफिकके संबंध में दायित्व सौंपे एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी एवं समाज सेवी संस्थाएं कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग एवं खेल विभाग को कार्यक्रम की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल मॉडल बन रहा पहचान
- आधुनिक तकनीक से भूजल रिचार्ज का देश में पहला प्रयोग
राजनांदगांव/शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले में भूजल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिशन जल रक्षा के अंतर्गत एक अनूठी और तकनीकी दृष्टि से समृद्ध पहल की जा रही है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रही है। जिले में अब तक कुल 1693 परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जा चुका है, जो भूजल रिचार्ज की प्राकृतिक संरचनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन टैंकों के निर्माण के लिए जीआईएस फ्रैक्चर जोन आइडेंटिफिकेशन जैसी वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे जल के प्रवाह और भूजल पुनर्भरण के उपयुक्त स्थलों का चयन किया गया। इन टैंकों में आसपास के क्षेत्रों से वर्षा जल एकत्रित होकर सीधे जमीन में रिसता है और भूजल स्तर को पुन: भरने में सहायक होता है।
नवाचार की नई दिशा-
परकोलेशन टैंक तथा इंजेक्शन वेल का समायोजन जल संरक्षण की इस मुहिम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु राजनांदगांव जिले ने परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल जोडऩे की अभिनव कार्ययोजना तैयार की है। अब तक 200 से अधिक परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा चुका है और आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व इस संख्या को और अधिक बढ़ाने हेतु तेजी से कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि युक्त संरचना की लागत मात्र 37 हजार रूपए है जो कि एक हैंडपंप खोदने की लागत से भी कम है और इसका कार्य सीधे सरफेस में इकट्ठा होने वाले जल को फिल्टर मीडिया से गुजारते हुए सीधे ग्राउंडवाटर टेबल में पहुंचने का है।
इंजेक्शन वेल की विशेषताएं -
वर्षा जल को फिल्टर कर गहराई तक सीधे जलभंडार तक पहुँचाया जाता है। संरचना की न्यूनतम लागत मात्र 37000 आसन एवं सीधे समझ में आने वाली तकनीक है। खाली पड़े ग्राउंडवाटर टेबल का सर्वोत्तम उपयोग, यह प्रणाली तेज वर्षा के समय अधिक जल को तुरंत जमीन में भेजने में सक्षम है। परंपरागत रिसाव विधियों की तुलना में अधिक प्रभावशाली भूजल पुनर्भरण संभव होता है। मिशन जल रक्षा के तहत पारंपरिक तारीख से आगे बढ़ते हुए अब नवीनतम तकनीक के आधार पर संरचनाएं तैयार किया जाना आज के समय की मुख्य जरूरत है। जिले की यह पहल इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसमें परकोलेशन टैंक के निर्माण में जीआईएस मैपिंग, हाईड्रोलॉजिकल, सर्वे तथा रनआफ कैचमेंट एनॉलसिस जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है। इस तकनीकी दृष्टिकोण के कारण संरचनाएं न केवल प्रभावी सिद्ध हो रही हैं, बल्कि उनका दीर्घकालिक जल संरक्षण में योगदान भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला होगा। साथ ही साथ वर्तमान में स्वीकृत किए गए 46 बोरखनन में हैंडपंप के साथ बोरवेल के साथ-साथ इंजेक्शन वेल की भी स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें बोरवेल से 30 फीट की दूरी में ही 100 फिट गहरा इंजेक्शन वेल का निर्माण कर बोरवेल का ओवरफ्लो पानी सीधे इंजेक्शन वेल से जोड़ा जा रहा है जिससे कि पानी का दुरूपयोग कम से कम हो और बोरवेल कभी सूखने की स्थिति में ना आए इन प्रयासों को ग्रामीणों द्वारा बड़े ध्यान पूर्वक देखकर तकनीक को समझते हुए सुझाव भी प्रदान किए जा रहे हैं।
सम्भावित परिणाम और सामाजिक प्रभाव-
इंजेक्शन वेल से वर्षा जल सीधे भूजल स्तर तक पहुँचेगा, जिससे स्थानीय जल स्तर में वृद्धि होगी। कुएं, हैंडपंप, और ट्यूबवेल में जल की उपलब्धता बढ़ेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर पहला प्रयोग -
यह समायोजन मॉडल परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल देश में अपने आप में पहला प्रयास माना जा रहा है, जिसमें भूजल रिचार्ज के लिए अत्याधुनिक तकनीक को समग्र ग्रामीण विकास मॉडल में समाहित किया गया है। यह जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थाओं के लिए भी समय-समय पर केंद्रीय मंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से अध्ययन और अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जा रही है।
प्रशासनिक नेतृत्व एवं सतत निगरानी -
इस पहल के पीछे जिला प्रशासन की दूरदर्शिता, तकनीकी टीमों का समर्पण और जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की सहभागिता प्रमुख भूमिका निभा रही है। कार्य की नियमित निगरानी, सर्वेक्षण और सामुदायिक भागीदारी ने इसे सफल बनाने में निर्णायक योगदान दिया है।
जिले में परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल युक्त भूजल रिचार्ज मॉडल, जल संकट से जूझते ग्रामीण भारत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह पहल न केवल भूजल स्तर में सुधार लाने वाली है, बल्कि एक सतत, विज्ञान आधारित और सामुदायिक भागीदारी से युक्त जल नीति की मिसाल भी पेश कर रही है।