December 08, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  रायपुर / शौर्यपथ /  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रगीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वाल्मीकि रामायण में मातृभूमि को स्वर्ग से भी श्रेष्ठ बताया गया है — “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”। उन्होंने कहा कि जिस भूमि ने हमें जन्म दिया, पालन-पोषण किया और पहचान दी, उसकी सेवा ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। भारत माता की आराधना केवल शब्दों में नहीं, अपने कर्तव्यों के सम्यक निर्वहन के माध्यम से होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब हम भारत माता की पूजा करते हैं, तो पूजा में दक्षिणा देना भी आवश्यक होता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि को अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए। यही हमारी मातृभूमि के प्रति सच्ची देशभक्ति और सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणा होगी।

   जयपुर / शौर्यपथ / राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर इस बार वसुंधरा राजे, बीजेपी और कांग्रेस तीनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की पसंद पर मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा, वहीं कांग्रेस ने गहलोत सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया पर फिर से भरोसा दिखाया है। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की जबरदस्त मौजूदगी इस बार मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है, जिससे सारे सियासी समीकरण उलझ गए हैं.

राजनैतिक समीकरण और विश्लेषण
    बीजेपी के लिए अंता सीट सिर्फ जीत का सवाल नहीं, बल्कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की साख से भी जुड़ी हुई है। उनकी पसंद के प्रत्याशी मोरपाल सुमन का मुकाबला स्थानीय मुद्दों, विकास और क्षेत्रीय मतदाताओं की अपेक्षाओं से है। राजे ने अपनी कोर टीम के साथ क्षेत्र में डेरा डाला है और खुद प्रचार की कमान संभाल रखी है.
कांग्रेस ने दो बार के विधायक और मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भरोसा जताया है, जिनकी पहचान स्थानीय विकास और सामाजिक सक्रियता के आधार पर मजबूत मानी जा रही है। भाया पिछड़े क्षेत्र में सुलभ छवि और पूर्ववर्ती कार्य के आधार पर मतदाताओं को लुभा रहे हैं.
निर्दलीय नरेश मीणा युवा और मीणा समाज के बीच लोकप्रियता के साथ मैदान में हैं, जिन्हें आम आदमी पार्टी और आरएलपी जैसी विपक्षी ताकतों का समर्थन मिला है। वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वोटों में महत्वपूर्ण सेंधमारी की संभावना रखते हैं.

सीट का सामाजिक समीकरण और मतदान
   अंता सीट पर करीब 2.28 लाख मतदाता हैं—116783 पुरुष, 111477 महिला और 4 थर्ड जेंडर वोटर।
   जातिगत समीकरण निर्णायक हैं: माली, मीणा, अनुसूचित जाति, धाकड़ आदि प्रमुख समूह हैं, जिनकी गोलबंदी पर चुनावी परिणाम निर्भर करेगा.
 बीजेपी-कांग्रेस दोनों को आपसी खींचतान और भितरघात का सामना करना पड़ रहा है; वहीं नरेश मीणा के समर्थन से इलाके का युवा—खासकर मीणा समाज—सक्रिय रूप से तीसरी ताकत को उभरता देख रहा है.

चुनावी मुद्दे और प्रचार
    चुनाव में स्थानीय विकास, किसानों की समस्या, सिंचाई-सुविधाएं और बेरोजगारी जैसा ज्वलंत मुद्दे प्रभावी हैं। प्रचार के अंतिम दौर में दोनों बड़े दलों के दिग्गज नेता—वसुंधरा राजे, सीएम भजनलाल शर्मा, अशोक गहलोत—डोर टू डोर, रोड शो और रैलियों कर माहौल गर्म किए हुए हैं.सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
अंता उपचुनाव राज्य के लिए केवल एक सीट का सवाल नहीं, बल्कि राजे और गहलोत जैसे बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा और मीणा समाज की गोलबंदी की नई दिशा तय करने वाला महासंग्राम बन गया है.

शौर्यपथ / दुर्ग /
दुर्ग के इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है, जहां मोटी रकम के कॉपर वायर को चोरों के गिरोह ने वाहन में लादकर फरार होने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलते ही दुर्ग पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इलाके में सघन नाकेबंदी की और संदेहास्पद वाहन को रोक लिया। तलाशी लेने पर वाहन से करीब 6 लाख रुपये कीमती कॉपर वायर बरामद हुई और पूरे गिरोह को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और चोरी के अन्य मामलों में भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। पुलिस के अनुसार, इन चोरों का गिरोह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में वारदात को अंजाम देता था और चोरी की सामग्री को बाहर बेचने की फिराक में रहता था। इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने गिरोह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस की तत्परता से क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर लोगों में भरोसा बढ़ा है।

दुर्ग। शौर्यपथ।

दुर्ग विधानसभा के इतिहास में यदि किसी नेता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही जनसेवा और जनसंपर्क के नए मानक स्थापित किए हैं, तो वह नाम है— गजेंद्र यादव। वर्तमान की राजनीति में दुर्ग विधानसभा के विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री गजेंद्र यादव न केवल जिले के सबसे प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया है कि समर्पण, संवाद और सेवा ही जनता के दिलों तक पहुंचने का सबसे सशक्त माध्यम है।

दुर्ग विधानसभा के इतिहास में ऐसा उदाहरण आज तक नहीं देखा गया कि कोई व्यक्ति पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने और सीधे प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक पहुंचे। यह उपलब्धि अपने आप में गजेंद्र यादव की लोकप्रियता और संगठन में उनके प्रभाव का परिचायक है।

गजेंद्र यादव का बढ़ता हुआ वर्चस्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि जनता से निरंतर जुड़ाव बनाए रखने के लिए उन्होंने पांच अलग-अलग स्थानों पर जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किए हैं। अब दुर्ग की जनता अपने विधायक और मंत्री से निम्न स्थानों पर सीधे मिल सकेगी —

1. निजी निवास विद्युत नगर,

2. सेवा सदन,PWD विभाग

3. गंजपारा कार्यालय,

4. मंत्री निवास (नया रायपुर),

5. विभाग का मंत्रालय कार्यालय।

इन पांच ठिकानों से जनता के बीच लगातार जुड़े रहकर उनकी समस्याओं को सुनने और निराकरण करने वाले गजेंद्र यादव दुर्ग विधानसभा के पहले ऐसे नेता साबित हो रहे हैं जो शासन और जनता के बीच मजबूत सेतु का कार्य कर रहे हैं।

इतिहास पर नजर डालें तो दुर्ग विधानसभा से पहले भी मोतीलाल वोरा, हेमचंद यादव और सरोज पांडे जैसे बड़े नेता निकले, जिन्होंने प्रदेश और देश की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी। परंतु इन सभी नेताओं का विधानसभा क्षेत्र में एक ही स्थायी ठिकाना रहा। वहीं, गजेंद्र यादव ने जनता के बीच हमेशा उपस्थित रहने की परंपरा शुरू की है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग और विशिष्ट बनाती है।

पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के पास एकमात्र आवासीय कार्यालय था, पूर्व मंत्री हेमचंद यादव का सिविल लाइन स्थित बंगला उनके पुत्र के पास अब भी है, वहीं सरोज पांडे, जो महापौर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक पहुंचीं, उनका भी एकमात्र कार्यालय जल परिसर में है। इसके विपरीत, गजेंद्र यादव ने जनता से सीधे संवाद के लिए पांच स्थानों पर जनसंपर्क केंद्र बनाकर जनभागीदारी का एक नया अध्याय शुरू किया है।

लगातार बढ़ते वर्चस्व और जनता के साथ गहराते रिश्तों के कारण आज गजेंद्र यादव न केवल दुर्ग, बल्कि पूरे प्रदेश में भाजपा के प्रमुख चेहरों में गिने जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में समर्थकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। शहर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आने वाले 20 से 25 वर्षों तक दुर्ग भाजपा की राजनीति में गजेंद्र यादव का वर्चस्व कायम रहेगा।

मंत्री बनने के बाद जनता को उनसे अपार उम्मीदें हैं। शहर की अव्यवस्थित स्थिति, निष्क्रिय शहरी सरकार और ठहराव से भरे प्रशासन के बीच अब लोगों को उम्मीद है कि गजेंद्र यादव के नेतृत्व में दुर्ग एक नए, सशक्त और विकसित शहर के रूप में उभरेगा।

बीते दो वर्षों में शहर की स्थिति में खास सुधार नहीं देखा गया था, किंतु अब जनता को उम्मीद है कि आने वाले तीन वर्षों में दुर्ग शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। मंत्री गजेंद्र यादव की सक्रियता, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और जनता से सीधा संवाद यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले समय में दुर्ग शहर प्रदेश के अग्रणी शहरी क्षेत्रों में शामिल होगा।

अब दुर्ग की जनता को बस इंतजार है —

वह नया दुर्ग देखने का, जिसकी बुनियाद रखी है मंत्री गजेंद्र यादव ने।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर कार्यालय के नए भवन की लाखों रुपये की लिफ्ट अब शोपीस बन चुकी है। कुछ ही दिन चलने के बाद से यह बंद पड़ी है, और महीनों बीत जाने के बावजूद प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जनता और कर्मचारी रोज़ाना इस लापरवाही की सज़ा भुगत रहे हैं।

कार्यालय में रोज़ सैकड़ों लोग अपने कार्यों से आते हैं — जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिक भी शामिल हैं। लेकिन लिफ्ट बंद होने से सबको मजबूरी में ऊँची मंज़िलों तक सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ रही हैं। सबसे ज़्यादा परेशानी उन कर्मचारियों को हो रही है जिनका रोज़ का काम ऊपर की मंज़िलों पर है।

लोगों का कहना है कि जब प्रशासन ने करोड़ों खर्च कर शानदार भवन बनवाया, तो उसकी सुविधा भी टिकाऊ होनी चाहिए थी। परंतु हकीकत यह है कि दिखावे की चमक के पीछे रखरखाव की जिम्मेदारी कहीं गुम हो गई है।

जनता अब सवाल उठा रही है — “क्या कलेक्टर कार्यालय की यह लिफ्ट जनता की सुविधा के लिए थी या सिर्फ़ उद्घाटन के दिन फोटो खिंचवाने के लिए?”

अगर जल्द ही मरम्मत नहीं कराई गई, तो यह ‘लिफ्ट’ नहीं, प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बन जाएगी?

रायपुर। शौर्यपथ।

भारत का संविधान नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन क्या इस स्वतंत्रता का मतलब यह है कि हम किसी जनप्रतिनिधि या उच्च पदस्थ व्यक्ति के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करें? हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक युवक द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी की गई।

मुख्यमंत्री ने अपने पेज पर भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और संगठन की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली को लेकर एक पोस्ट साझा की थी। इस पोस्ट पर प्रभु सिंह पाव नामक युवक ने अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी की। यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बन गई है।

वीडियो में मुख्यमंत्री स्पष्ट रूप से संगठन के सिद्धांतों और कार्यसंस्कृति की बात कर रहे थे। वहीं, उनके इस विचार को लेकर अपमानजनक प्रतिक्रिया देना अब जनता के बीच असंतोष का कारण बन गया है। सूत्रों के अनुसार, इस टिप्पणी को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने नाराजगी जताई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सोशल मीडिया पर सार्वजनिक मंचों में मर्यादा और शालीनता बनाए रखना हर नागरिक का दायित्व है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं कि किसी व्यक्ति विशेष, विशेषकर किसी constitutional पद पर बैठे जनप्रतिनिधि के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जाए।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सोशल मीडिया पर बढ़ती असंवेदनशीलता और अशालीनता को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, ताकि लोकतांत्रिक संवाद की गरिमा बनी रहे और विचारों की अभिव्यक्ति सम्मानजनक ढंग से हो सके।

नगरनार पुलिस की सटीक योजना से पकड़ा गया 56 किलो गांजा, स्कार्पियो वाहन में ‘POLICE’ लिखकर कर रहे थे तस्करी

जगदलपुर, शौर्यपथ। नगरनार पुलिस ने अपनी सजगता और त्वरित कार्रवाई से एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, क़ानून की पकड़ से बचना नामुमकिन है। उड़ीसा से छत्तीसगढ़ की ओर आ रहे तस्करों की स्कार्पियो वाहन से 56.605 किलोग्राम अवैध गांजा जब्त किया गया है। पुलिस की इस बड़ी सफलता से पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है।

मुखबिर की सूचना पर ग्राम धनपुंजी फॉरेस्ट नाका (NH-63) में पुलिस ने देर रात नाकाबंदी की थी। इसी दौरान सफेद रंग की स्कार्पियो (क्रमांक CG-04-PW-8248) तेज रफ़्तार में आती दिखी, लेकिन पुलिस को देखकर चालक और उसका साथी वाहन छोड़कर अंधेरे में भाग निकले। वाहन की तलाशी लेने पर 11 पैकेट गांजा, कुल कीमत ₹5.66 लाख, और वाहन कीमत ₹5 लाख सहित कुल ₹10.66 लाख का माल जब्त किया गया।

तस्करों ने पुलिस को भ्रमित करने के लिए वाहन में ‘POLICE’ लिखी प्लेट, लाल-नीली बत्ती और सायरन लगाया हुआ था, ताकि वाहन पुलिस पेट्रोलिंग जैसा प्रतीत हो। लेकिन पुलिस की सतर्कता और ठोस रणनीति के आगे उनकी सारी चालाकी धरी की धरी रह गई।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग, और नगर पुलिस अधीक्षक सुमीत कुमार डी. धोत्रे के निर्देशन में की गई। टीम में निरीक्षक संतोष सिंह, स.उ.नि. महेन्द्र ठाकुर, महिला प्रधान आरक्षक पीलेश्वरी साहू, आरक्षक दशरू नाग, चंद्रकुमार कंवर, डीएसएफ आर. विरेन्द्र ठाकुर, तथा सैनिक जगन्नाथ नाग की प्रमुख भूमिका रही।

पुलिस ने फरार आरोपियों के विरुद्ध धारा 20 (ख) ii (ग) एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। आरोपियों की तलाश के लिए टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

नगरनार पुलिस की इस सटीक और साहसिक कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब पुलिस दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से काम करे, तो अपराध की कोई सीमा नहीं टिकती।

शौर्यपथ राशिफल। आज के ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार शुक्रवार 7 नवंबर 2025 को मेष, सिंह, मिथुन, धनु आदि राशियों में उत्साह और सफलता के योग बन…

  दुर्ग / शौर्यपथ /

  परिवहन आयुक्त, कार्यालय नवा रायपुर एवं केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के दिये गये प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के साथ समय-सयम पर जारी अन्य निर्देशों के अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ 01अपैल 2019 के पूर्व के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाया जाना अनिवार्य किया गया है।
 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दुर्ग से मिली जानकारी अनुसार उक्त निर्देश के अनुक्रम में आम जनता/कार्यालीयीन अधिकारी कर्मचारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीन वेली सोसायटी जुनवानी दुर्ग में 10 से 15 नवम्बर, ड्रीम होम सोसायटी स्मृति नगर दुर्ग में 17 से 21 नवम्बर तक और ए.सी.सी. जामुल दुर्ग में 24 से 29 नवम्बर 2025 तक इन स्थानों पर शिविर आयोजित किये जाएंगे। शिविर में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाये जाने की कार्यवाही संबंधित कंपनी रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड (क्रह्रस्रूश्वक्रञ्ज्र स््रस्नश्वञ्जङ्घ स्ङ्घस्ञ्जश्वरू रुञ्जष्ठ) के कर्मचारी उपस्थित रहकर कार्यवाही करेंगें। उक्त प्रस्तावित शिविर में अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड के साथ उपस्थित होकर निर्धारित शुल्क जमा कर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हेतु आर्डर किया जा सकता है।

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