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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्य सचिव आर.पी. मंडल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की 47वीं बैठक सम्पन्न हुई। प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सेक्टर-13 नवा रायपुर अटल नगर में मंडल द्वारा अत्याधुनिक केन्द्रीय पर्यावरणीय प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग के माध्यम से तैयार की जाएगी। विभिन्न पर्यावरणीय पैरामीटर्स को मापने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला होगी, जिसमें जन-जागरूकता के लिए विभिन्न पर्यावरणीय विषयों पर मॉडल्स की प्रदर्शनी भी रहेगी।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग जैसे स्पंज आयरन संयंत्र, स्टील प्लांट, सीमेंट प्लांट आदि में बड़ी मात्रा में लगने वाले कच्चे माल आयरन ओर, जिप्सम, कोयला, स्पंज आयरन, सीमेंट आदि का परिवहन सड़क मार्ग से मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों से ही किए जाने का निर्णय लिया गया आदि एवं वाहनों मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों की अनुपलब्धता की स्थिति में उद्योगों को एक वर्ष का समय इस शर्त के साथ प्रदान किया गया कि उद्योगों द्वारा कच्चे माल/उत्पादों का परिवहन तारपोलिन अथवा उपयुक्त मटेरियल से उचित एवं पर्याप्त रूप से ढंककर किया जाए। बैठक में गंभीर प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र रायपुर के सिलतरा एवं उरला तथा अन्य प्रदूषित क्षेत्र कोरबा एवं भिलाई में प्रदूषण के मुख्य स्त्रोतों का अनुपात एवं उसे वहन करने की क्षमता का अध्ययन ख्यातिलब्ध संस्थाओं जैसे आई.आई.टी., एनआईटी अथवा नीरी नागपुर से कराए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में नेशनल क्लीन एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसी प्रकार प्रदेश की 5 प्रदूषित नदियों में अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम में 10 कंटीन्यूअस वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु मंडल रायपुर, भिलाई-दुर्ग एवं बिलासपुर के ऐतिहासिक महत्व के कुछ तालाबों में पर्यावरणीय सुधार एवं उनके जीर्णोद्धार का कार्य भी करेगा। इसके लिए कार्य प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रबंध संचालक वन विकास निगम श्री राजेश गोवर्धन, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम अनिल राय, आयुक्त नगर पालिक निगम बिलासपुर प्रभाकर पाण्डेय एवं सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल आर.पी. तिवारी उपस्थित थे।
राज्यपाल से खादी और ग्रामोद्योग आयोग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी त्रिभुवन ने भेंट की
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से यहां राजभवन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के छत्तीसगढ़ के राज्य कार्यालय के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एस.एस. त्रिभुवन ने सौजन्य मुलाकात की। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर अभियान की शुरूआत की है। उन्होंने इसके लिए आवश्यक है कि युवा स्वरोजगार से जुड़े, इससे वे स्वयं अपने पैरों पर खड़े होंगे और दूसरों को भी रोजगार देंगे। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाएं भी स्वयंसहायता समहू बनाकर स्वयं का उद्यम शुरू कर सकते हैं। इससे महिलाएं जागरूक और सशक्त होंगी। इस कोरोना काल में बड़ी संख्या में श्रमिक प्रदेश में आए हैं। उन्हें खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजना सहित अन्य योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे अपना जीवनयापन कर सके। श्रमिकों एवं किसी भी व्यक्ति को स्वरोजगार का ऋण देने से पहले उन्हें संबंधित रोजगार का प्रशिक्षण देना चाहिए, जिससे तकनीकी रूप से दक्ष होने पर वह व्यक्ति योजना के तहत दिये जाने वाले सहयोग का सदुपयोग कर सकेगा।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार की एक अति महत्वपूर्ण योजना है, प्रदेश के बेरोजगार युवक-युवती इसका लाभ उठाएं। श्री त्रिभुवन ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत इस योजना के तहत स्वयं के उद्यम शुरू करने के लिए रू. 25 लाख तक का ऋण बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत तक सब्सिडी हितग्राही को प्राप्त होता है। एस.टी.एस.सी. एवं महिला वर्ग को ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक छूट दी जाती है तथा 5 प्रतिशत तक स्वयं का अंशदान होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 1 लाख रू. पर एक व्यक्ति को रोजगार देना अनिवार्य होता है। इच्छुक युवक-युवतियां खादी ग्रामोद्योग के कार्यालय के संपर्क कर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07712886428 है और वेबसाईट www.pmegpeportal.gov.in है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निर्देशिका का विमोचन किया। आयोग की तरफ से राज्यपाल को कोसे की बनी शाल और साड़ी भेंट की गई।
/ 19 एकड़ में विकसित ऑक्सीजोन में 4 हजार से अधिक पौधे
// शहरवासी अब बीच शहर में शुद्ध आबो-हवा के साथ लेंगे सैर का आनंद
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के हृदय स्थल में 19 एकड़ में बनाए गए ऑक्सीजोन का आज लोकार्पण किया। करीब 11 करोड़ की लागत से बने इस ऑक्सीजोन से नगरवासी अब बीच शहर में शुद्ध आबो-हवा के साथ सैर और भ्रमण का भरपूर आनंद उठा सकेंगे। यह नगर के रौनक के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर की हरियाली बढ़ाने की दिशा में ऑक्सीजोन एक महत्वपूर्ण कदम है। लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां सफेद चंदन का पौधा लगाया।
कलेक्टोरेट परिसर के समीप बनाए गए इस ऑक्सीजोन में 12 एकड़ में अब तक 4 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 75 प्रजातियों के 4 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इस ऑक्सीजोन के बनने से शहर के पर्यावरण में सुधार के साथ ही युवाओं, बुजुर्गो बच्चों सहित शहरवासियों को सुबह-शाम सैर और मनोरंजन के लिए बेहतर स्थान मिलेगा। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि शहरों में भी ज्यादा से ज्यादा हरियाली हो। यह राज्य सरकार का प्रयास है। रायपुर का ऑक्सीजोन इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें सबकी भागीदारी से ऑक्सीजोन की हरियाली को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के लोगों को लंबे समय से ऑक्सीजोन की प्रतिक्षा थी। आज उनका यह इंतजार पूरा हुआ। ऑक्सीजोन सुबह और शाम की सैर करने वालों के लिए एक बहुत बढिय़ा स्थान है। ऑक्सीजोन में प्रदेश के वनों में पाये जाने वाली वृक्षों की प्रजातियों के पौधे भी रोपे गए हैं। पुराने वृक्षों को बचाकर रखा गया है। बरसात में वन विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने में वृक्षारोपण किया जा रहा है। जो लोग घर में पौधे लगाना चाहते हैं उनकों घर पहुंचाकर पौधे दिए जा रहे हैं। नदी, नालों के किनारे खाली जगह पर भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।
ऑक्सीजोन में बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी और ओपन एयर जिम के उपकरण लगाए गए हैं। ऑक्सीजोन में पौधरोपण और संरक्षण के प्रयासों के कारण एक वर्ष में ही यहां हरियाली दिखने लगी है और पक्षी तथा तितलियां बड़ी संख्या में अपना बसेरा बनाने लगे हैं। इसकी सुन्दरता और हरीतिमा देखते ही बनती है। ऑक्सीजोन में लॉन विकसित किए गए हैं और छोटा गुलाब गार्डन भी लगाया गया है।
मॉर्निंग और इविनिंग वाक के लिए ऑक्सीजोन में 3 किलोमीटर से अधिक लम्बाई में पाथवे और पगड़ंडियां तैयार की गई हैं। इसके अलावा यहां दो वाटर बॉडी है, जिसमें से एक प्राकृतिक और दूसरी निर्मित की गई है। वर्षा का सारा पानी चैनल से होकर इसमें इकठ्ठा होता है और इससे पौधों की सिंचाई की व्यवस्था की गई है। यहां एक प्राकृतिक वाटर फॉल भी बनाया गया है, जो रात में लाईट्स में बड़ा सुन्दर दिखता है। यहां बांस निर्मित 8 पगौडा बनाए गए हैं और जगह-जगह छोटी चट्टानों और पत्थरों से संरचनाएं भी तैयार की गई है। युवाओं के लिए आकर्षक सेल्फी जोन भी बनाया गया है।
ऑक्सीजोन में आम, जामुन, सीताफल, आंवला तथा अमरूद जैसे फलदार वृक्ष और तितलियों को आकर्षित करने के लिए जारूल, अमलतास, कचनार, मौलश्री, आकाशनीम जैसे फूलदार पौधे लगाए गए हैं। यहां 503 पुराने वृक्षों को संरक्षित किया गया है और पार्किंग पाथवे वाटर बॉडी में आने वाले पेड़ों को भी नहीं काटा गया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कमिश्नर जी. आर. चुरेन्द्र, कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के पीसीसीएफ राजेश गोवर्धन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव और आयुक्त नगर निगम रायपुर सौरभ कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ा
वाहन रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में साढ़े तीन गुना वृद्धि
संकट के इस काल में छत्तीसगढ़ ने दिखाई राह: मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी का माहौल है, वहीं अनलॉक के बाद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी रफ्तार से चल पड़ी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयासों से राज्य में जीएसटी, आटोमोबाईल, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में तेेजी देखी जा सकती है। राज्य में जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में जहां 22 प्रतिशत अधिक बढ़ा है, वहीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में जून माह में साढ़े तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और वनवासियों को राहत पहंुचाने के लिए वनोपजों के संग्रहण में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है।
लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जीएसटी में इजाफा हुआ है। पिछले साल जून महीने के मुकाबले इस साल जून में 22 फीसदी ज्यादा जीएसटी का संग्रह हुआ है। वर्ष 2019 में जहां 2,093 करोड़ रूपए जीएसटी संग्रह हुआ था, वहीं 2020 में 2,549 जीएसटी प्राप्त हुआ है। लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंड्रस्ट्री में भी बेहतर कारोबार देखने को मिला है। जून 2020 में जयपुर (राजस्थान) के बाद रायपुर (छत्तीसगढ)़ में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है। रायपुर में मई माह में जहां 7 हजार 603 बाइक बिकी थी, वहीं जून माह में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गई। इसी तरह मई माह में एक हजार 107 कार बिकी थी, वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 2 हजार 889 हो गई। आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में 891 वाहन, मई माह में 9681 वाहन और जून माह में 32 हजार 982 वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालयों में हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त प्राप्त होने के बाद राज्य में किसानों ने 3 हजार नये टेªक्टर भी खरीदे हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में शीर्ष स्थान पर है। इसी प्रकार लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में देश में दूसरे स्थान पर है। पहली तिमाही में ही राज्य में 8.85 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया है। अब तक 55,981 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर लिया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के मामले में सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इसमें लक्ष्य का 70 प्रतिशत से अधिक काम का लक्ष्य हासिल करने में नक्सल प्रभावित जिले आगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 31 कर दी है। इससे प्रदेश के वनवासी परिवारों को काफी राहत मिली है। लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ प्रदेश लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में पहले नम्बर पर है। छत्तीसगढ़ ने वनोपज संग्रहण के सालाना लक्ष्य को 6 माह में पूरा कर लिया है। राज्य में अब तक 104 करोड़ के डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। सीएमआईई के सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी की दर अप्रैल माह में 3.4 प्रतिशत रही, जो 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर थी। यह उसी अवधि में राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम रही। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे सम्बंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा। उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश व्यापी लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ ने तेजी से आर्थिक वृद्धि दर्ज की है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संकट के इस समय में भी छत्तीसगढ़ प्रदेश ने देश को राह दिखाई है। इस दौरान राज्य ने जो उपलब्धियां हासिल कीं वह शासन के संकल्प का परिणाम तो है ही, छत्तीसगढ़ के लोगांे के अनुशासन का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में भी हमारी स्थिति बेहतर है। इसी संकल्प और अनुशासन के साथ हम न सिर्फ इस संकट से पार पाएंगे, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के अपने लक्ष्य को समय पर हासिल भी कर लेंगे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोरोना संकट के कारण राज्य शासन के अधिकारी एवं कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि विलंबित की गई थी, जिसे बहाल करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य शासन के अधिकारियों-कर्मचारियों को जिन्हें एक जुलाई को वेतनवृद्धि मिलती हैै। उन्हें वेतनवृद्धि एक जुलाई को ही मिलेगी, परन्तु जुलाई से दिसम्बर माह तक की वेतनवृद्धि की एरियर्स राशि का भुगतान आगामी जनवरी माह में एकमुश्त किया जाएगा। इसी प्रकार जिन अधिकारी-कर्मचारियों की वेतनवृद्धि एक जनवरी को लगती है, उनको एक जनवरी को ही वेतनवृद्धि मिलेगी और उनकी एरियर्स राशि का भुगतान छह माह बाद आगामी जुलाई माह में किया जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट काल में राज्य की वित्तीय व्यवस्था को देखते हुए वित्त विभाग द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित किया गया था। मुख्यमंत्री से आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की और उनसे अधिकारी-कर्मचारियों को निर्धारित तिथि पर वेतनवृद्धि देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वेतनवृद्धि निर्धारित तिथि पर ही देने और इसकी एरियर्स राशि का भुगतान छह माह बाद करने पर अपनी सहमति प्रदान की है। इस अवसर पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन उपस्थित थे।
शोर्यापथ/जांजगीर चांपा/हसौद-जहां एक ओर देश में कोरोना के लगातार मामले सामने आने से लोग परेशान हैं वहीं दूसरी ओर प्रशासन कि लचार सिस्टम ने लोगों को खून के आंसू रुला रहे हैं दरअसल पुरा मामला जांजगीर-चांपा जिले के तहसील कार्यालय हसौद का हैं जहां हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे,बुधवार को11:30बजे तक हसौद तहसील कार्यालय का ताला नहीं खुला, तहसील में काम के लिए आए ग्रामीण इधर-उधर भटकते नजर आये वहीं इसकी जानकारी जब नायब तहसीलदार से लेनी चाहिए तो नायब तहसीलदार किसी का भी फोन उठाना उचित नहीं समझ रहे हैं कई बार फोन करने के बाद भी कुंभकर्णी नींद में थे तहसील खुलने का समय10.30बजे है, लेकिन11:30बजे तक कार्यालय का ताला नहीं खुला। अपने काम के लिए तहसील आए ग्रामीणों के इंतजार की जब हद पार हो गई तो उन्होंने कार्यालय के कर्मचारियों सूचना के साथ ही शिकायत करने कि बात कहीं तब कही जाकर तहसील के कर्मचारियों ने आकर ताला खोला11:30बजे तक तो तहसील में लटका रहा ताला ग्रामीण ने बताया कि हसौद तहसील कार्यालय पर दूर-दूर से लोग आकर बैठे थे लेकिन11:30बजे तक तहसील में कोई कर्मचारी नही आया और न ताला खुला। हमने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया तब12बजे के लगभग तहसील कार्यालय खुला दिनभर में नहीं हुआ ग्रामीणों का काम ग्रामीणों ने कहा कि कल फिर आना पड़ेगा तहसील कार्यालय ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सुबह से अपनी जमीन की नकल निकलवाने के लिए तहसील कार्यालय पर बैठा था। लेकिन दफ्तर न खुलने से हमें फिर चक्कर लगाना पड़ेगा। किराया खर्च होगा और समय बर्बाद तहसील ऑफिस था बंद, पूरा दिन खराब हो गया कई ग्राम पंचायत के आए ग्रामीणों ने बताया कि आज सुबह से तहसील कार्यालय पर नामांतरण के काम से आया था, लेकिन11:30बजे तक तहसील कार्यालय का ताला ही नहीं खुला जिससे हमारा पूरा दिन खराब हो गया।
शौर्यपथ जांजगीर चांपा जिले में रेत माफियाओ ने बीती रात एसडीएम और नायब तहसीलदार को जान से मारने की कोशिश की और अवैध रेत से भरे हाइवा को एसडीएम के कार को ठोकर मार कर फरार हो गया, हालांकि इस घटना में एसडीएम और अधिकारियों को चोट नही आई लेकिन उनका कार छतिग्रस्त हो गया। पहले भी एसडीएम की टीम ने अवैध रेत से भरे ट्रेक्टर और हाईवा के खिलाफ कारवाई की जिले में इन दिन रेत माफियाओं का हौसला इस कदर बुलंद है कि वे देर रात नदी से अवैध रेत परिवहन करने से बाज नही आ रहे है और कारवाई के लिए गए अधिकारियों को जान से मारने में भी नही चुक रहे है। जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि बीती रात मुखबीर की सूचना मिलने पर अमोदा और दहिदा क्षेत्र में हसदेव नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर ट्रेक्टर और हाईवा से परिवहन किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने नायब तहसीलदार ,पटवारी और पुलिस कर्मियों के साथ कारवाई के लिए शासकीय और अपने निजी वाहन से मौके के लिए रवाना हुए। और 9 ट्रेक्टर के साथ 4 हाईवा और एक जेसीबी मशीन को नाबालिक बच्चों को चलाते और अवैध रुप से रेत परिवहन करते हुए पकडा। इसी बीच एक अन्य हाईवा तेज गति से आई और जिस गाडी में एसडीएम और नायब तहसीलदार बैठे थे उसे ठोकर मार कर भाग निकला। घटना के बाद टीम ने हाइवा को पकडने का प्रयास किया लेकिन हाइवा चालक वाहन लेकर फरार हो गया। इस घटना से एसडीएम और अन्य अधिकारी बाल बाल बचे ।