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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
० कोविड-19 के मरीजों को भर्ती कराने एवं भोजन व्यवस्था के लिए दिए भवन
० सभी सुविधाएं होगी निःशुल्क
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शहर में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए और मरीजों को बेहतर उपचार मिले इस उद्देश्य शहर की चार संस्थाओं ने आगे आकर एक अच्छी पहल शुरू की है शहर के चारों संस्थाओं ने अपने भवन निशुल्क उपलब्ध कराएं हैं तथा भोजन की भी व्यवस्था निःशुल्क की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध हो इस उद्देश्य से शहर की 4 संस्थाओं उदयाचल, महाजन बाड़ी, एबीस ग्रुप एवं युगांतर ग्रुप ने अपने भवन निःशुल्क दिए हैं और मरीजो को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें नाश्ता और भोजन भी निःशुल्क दिया जाएगा। उदयाचल में उदयाचल संस्थान एवं शांति विजय सेवा समिति द्वारा यहां कोविड-19 के मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। वहीं महाजन बाड़ी में भजनबाड़ी और गुरुद्वारा सेवा समिति द्वारा यहां भर्ती होने वाले कोविड-19 के मरीजो को भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इसी के साथ-साथ एबीस ग्रुप द्वारा अजीज पब्लिक स्कूल और युगांतर ग्रुप द्वारा युगांतर इंजीनियरिंग कॉलेज को भी कोविड-19 के मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां मरीजो के भर्ती का सिलसिला 8 सितंबर से शुरू हो जाएगा। इन दोनों संस्थाओं में भी कोविड-19 के मरीजों को नि-शुल्क नाश्ता एवं भोजन दिया जाएगा तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी, एसडीएम मुकेश रावटे सहित संस्था के पदाधिकारी मौजूद थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शहर मे लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए प्रशासन की सहायता, मरीजों को बेहतर इलाज एवं निःशुल्क भोजन व्यवस्था के उद्देश्य से नगर की समाजसेवी-स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए गुरुद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा (सिक्ख समाज) द्वारा भी पीड़ित मानवता की सेवा का निर्णय किया गया है। गुरुद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा महाजनवाड़ी में कोविड-19 के मरीजों को निःशुल्क नाश्ता तथा भोजन की सेवा प्रदान की जा रही है। इस हेतु पूरे राशन, रसद तथा सामान की व्यवस्था सिक्ख समाज द्वारा की जा चुकी है तथा प्रबंधक कमेटी द्वारा प्रशासन को यह आश्वासन दिया गया है कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक आपदा की इस प्रतिकुल परिस्थिति में भविष्य में भी जिस सहयोग की आवश्यकता होगी तो सिक्ख समाज यथासंभव मदद करने हेतु तैयार है।
० जिला स्तर पर अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने तथा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए दर निर्धारण के निर्देश
० बिना लक्षण या कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन
० कोरोना मरीजों के परिजनों को प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट का होगा वितरण
० होम आइसोलेशन की शर्तं की गई शिथिल, अब 3 बीएचके अनिवार्य नहीं
० राज्य में वर्तमान में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त
० कोरोना की रोकथाम के संबंध में जनजागरूकता के लिए करें व्यापक प्रचार-प्रसार
० संक्रमण की स्थिति के अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्णय लेंगे कलेक्टर
राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से अपने मंत्रि-मंडलीय सहयोगियों के साथ ही जिला के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं चिकित्सा अधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इसकी रोकथाम के उपायों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रीगणों एवं अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जनसामान्य विशेषकर मरीजों के मन में भय का वातावरण बन गया है। इसको दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कोरोना के मरीजों के मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की पड़ताल एवं मरीजों को सलाह देने के लिए नियमित रूप से वार्डों में चिकित्सकों का राउंड सुनिश्चित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए टेलीमेडिसीन अथवा वीडियो/व्हाट्सअप कॉलिंग के जरिए भी मरीजों को आवश्यक परामर्श दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना से पीड़ितों को मदद पहुंचाने एवं संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी के सहयोग से उल्लेखनीय काम हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना की आधी लड़ाई हम सफलतापूर्वक जीत चुके हैं। अभी संक्रमण का पीक पीरियड है। ऐसी स्थिति में हमें बिना थके, बिना रूके इस लड़ाई को जीतना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वास्थ्य एवं सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की संयुक्त प्रयास से कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त करने में हम जरूर सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कोरोना के मरीजों के बेहतर उपचार के लिए जिला स्तर पर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुरूप जिला स्तर पर स्थित निजी अस्पतालों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लक्षण एवं कम लक्षण वाले मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में रखकर किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने इसके लिए मरीजों को प्रेरित करने के साथ ही उन्हें आवश्यक सलाह देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे परिवार जहां एक-दो लोग यदि कोरोना पॉजीटिव पाए जाते हैं तो उस परिवार के सभी सदस्यों को यथासंभव उसके नजदीकी सम्पर्क में आने वाले लोगों को बिना कोरोना जांच के एहतियात के तौर पर प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट दी जाने चाहिए और इस किट में कोरोना के रोकथाम के लिए उपलब्ध दवाओं के सेवन के साथ ही एसओपी के पालन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लक्षण एवं कम लक्षण वाले मरीजों का होम आइसोलेशन के जरिए इलाज सुनिश्चित किए जाने से अस्पतालों में दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के मार्गदर्शन के लिए टेलीमेडिसीन व्हाटसअप कॉलिंग के जरिए चिकित्सक, उनकी स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए उन्हें दवाओं के बारे में आवश्यक परामर्श दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना से संक्रमित एवं गंभीर रोगों जैसे हार्ट, किडनी, लिवर, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर आदि से पीड़ित मरीजों को अनिवार्य रूप से चिकित्सालय में भर्ती कर उनके इलाज की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना एवं गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्था एवं उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के संक्रमण से बचने के उपायों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पॉम्पलेट, हैंडबिल के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पॉम्पलेट एवं हैंडबिल में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि बिना लक्षण वाले एवं कम लक्षण वाले मरीजों को कौन-कौन सी दवाएं कब लेनी है और क्या एहतियात बरतना है। मुख्यमंत्री ने प्रॉफिलैक्टिक ड्रग किट में दी जाने वाली दवाओं के बारे में भी जन सामान्य को जानकारी देनी की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज को लेकर जिलों से बड़ी संख्या में मरीज रायपुर आ रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को ही इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में रिफर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबकों यह प्रयास करना चाहिए कि मरीजों के मन का भय दूर हो और उन्हें यह विश्वास हो कि वह अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे हैं तो उन्हें बेहतर से बेहतर चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कोरोना पीड़ित मरीजों के भोजन का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ ही वार्डों एवं टॉयलेट आदि की नियमित रूप से साफ-सफाई की मॉनिटरिंग के लिए सभी सरकारी अस्पतालों के लिए एक-एक अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों के भोजन, पेयजल एवं अन्य प्रकार की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि राज्य में लाखों की संख्या में आए प्रवासी श्रमिकों के भोजन, इलाज एवं उनके मरेंटाइन किए जाने की बेहतर व्यवस्था आप सबने स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित की थी। वर्तमान में पूरे राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार है। इनके लिए भोजन, पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंध कोई मुश्किल काम नहीं है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए जिलों में पर्याप्त व्यवस्था एवं बेड उपलब्ध है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि लोगों के मन में यह विश्वास पैदा हो कि बीमार होने की स्थिति में उन्हें इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिला स्तर पर चिकित्सालयों में रिक्त बेडों की संख्या के बारे में प्रतिदिन जानकारी प्रसारित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों एव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं एवं उपकरण की मेडिकल दुकानों में उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इनकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले वनौषधियों से निर्मित काढ़ा चूर्ण का वितरण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से संक्रमित ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो, उसकी जांच-पड़ताल के लिए स्थानीय स्तर पर सीटी स्कैन की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि संक्रमण की स्थिति का पता लगाकर उसके अनुरूप इलाज किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे इलाज के लिए हॉस्पीटल में भर्ती किए जाने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना बुलेटिन जारी करते वक्त मृतकों की संख्या के साथ मृत्यु के कारण की जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हार्ट, किडनी, लिवर, हाईब्लड प्रेशर, शुगर के गंभीर रोगी यदि कोरोना पीड़ित होते हैं तो इनकी मृत्यु का कारण कोरोना की वजह से हुई अथवा पूर्व की बीमारी से, इसकों स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन खुलने के बाद से कोरोना संक्रमण की स्थिति बढ़ी है, जो स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आवागमन बढ़ने और शादी एवं अन्य आयोजनों में लोगों के शामिल होने से संक्रमण में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अभी कंटेनमेंट जोन अथवा ऐसे स्थान जहां कोरोना के मरीज पाए गए हैं, वहां बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग होने से संक्रमितों के आंकड़े में वृद्धि हुई है, जबकि स्थिति ऐसी नहीं है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की स्थिति थमेगी और उसके बाद उसमें कमी भी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने की सलाह दी।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि एसिमटोमेटिक एवं माइल्ड सिमटोमेटिक मरीजों का इलाज होम आइसोशन के जरिए किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी सुझाव दिया। गृह मंत्री ताम्रध्वज, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने भी राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। वीडियो कॉन्फ्रं ेंसिंग के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी पिल्लै ने बताया कि राज्य में कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या लगभग 41 हजार है, जिसमें से 20 हजार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 20 हजार 968 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों के मृत्यु का प्रतिशत 1.73 है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह मात्र 0.84 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना पीड़ितों के लिए 22 हजार 606 बेड रिक्त हैं। लगभग 25 सौ लोग होम आइसोलेशन में हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्री आरपी मंडल, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
० आरसेटी में महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं एवं विभिन्न विकासखंडों से आए लोगों को दिया जा रहा मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण
० आत्मनिर्भर, आत्मविश्वास, स्वप्रेरणा एवं अनुशासन का दिया जा रहा प्रशिक्षण
राजनांदगांव / शौर्यपथ / ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं तथा अन्य महिलाओं एवं लोगों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 31 अगस्त से 9 सितम्बर तक बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से आयोजित इस प्रशिक्षण में मशरूम उत्पादन में रूचि रखने वाले जिले के विभिन्न विकासखंडों से आये महिला समूह एवं पुरूष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। आरसेटी के संचालक अभिषेक ठाकुर ने बताया कि महिलाओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के साथ-साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ाने, व्यक्तितव विकास एवं संचार की दक्षता के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां उन्हें मशरूम उत्पादन के बाद पैकेजिंग, स्टोरेज का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही मशरूम से बनने वाले अन्य उत्पाद आचार, पाऊडर, पापड़ एवं अन्य उत्पाद के संबंध में भी बताया जा रहा है। यहां आवासीय परिसर में उनके रहने एवं भोजन की सुविधा निःशुल्क की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है। एनआरएलएम के डीपीएम उमेश तिवारी ने कहा कि मशरूम पोषक तत्वों एवं औषधीय गुणों से भरपूर है। बाजार में इसकी बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन करने पर उद्यानिकी विभाग से मशरूम ड्राय मशीन निःशुल्क मिलती है।
आरसेटी के ऋषभ मिश्रा ने बताया कि यहां मशरूम उत्पादन के उद्यम के लिए बैंक से ऋण, लेन-देन, मशरूम उत्पादन के बाद मार्केंटिंग एवं प्रबंधन के संबध में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मशरूम विक्रय करने पर इससे बहुत मुनाफा प्राप्त हो सकता है। 300 रूपए में एक किलोग्राम मशरूम स्पान 2000 रूपए तक मशरूम उत्पादन हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार मशरूम कैंसर जैसी घातक बीमारी को नष्ट करने में सहायक है एवं शरीर के टॉक्सिन को भी खत्म करता है। बढ़ते बच्चों के विकास में सहायक है और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सभी प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम फार्म में भ्रमण भी कराया जा रहा है, ताकि वे व्यवहारिक रूम से देखकर सीख सकें। दुर्ग से आयी ट्रेनर श्रीमती जागृति साहू ने बताया कि गर्वपानी एवं आर्गेनिक विधि से बटन मशरूम, आयस्टर, मिल्की मशरूम एवं पैरा मशरूम का उत्पादन किया जाता है। इसके लिए 20 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए एवं आर्द्रता, 80-85 तक होनी चाहिए। मशरूम उत्पादन के लिए कच्चा मकान जहां नमी हो वह उपयुक्त होता है। पक्के मकान में भी इसका उत्पादन कर सकते है। डोंगरगढ़ के ग्राम मुसरा से आयी मोना पटेल ने बताया कि उन्हें यहां प्रशिक्षण में बहुत कुछ सीखने मिला। कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करना है। स्व प्रेरणा के साथ कैसे आगे बढ़ना है और स्वरोजगार अपनाकर सफल उद्यमी बनने के गुण बताए गए। आत्मनिर्भर होने तथा अनेकता में एकता की बातें बताई गई। उन्होंने कहा कि विश्व में मशरूम के लगभग 2500 प्रकार है, जिनमें से भारत में 2200 मशरूम है। वहीं इनमें से 20 से 22 मशरूम खाने योग्य होते है। उन्होंने बताया कि मशरूम के अलग-अलग नाम पुटु, भोड़ा, पिहरी, पैरा पुटु, हिंगरी पुटु, जंगली पुटु आदि होते हैं, वहीं बटन मशरूम, आयस्टर मशरूम, पैरा मशरूम एवं मिल्की मशरूम का उत्पादन 28 दिन में किया जाता है। डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम बनडोंगरी की श्रीमती दिनेश्वरी सोरी ने बताया कि बहुत दिनों से मशरूम का प्रशिक्षण लेने की इच्छा थी और यह शौक अब जाकर पूरा हुआ। यहां हमें यह बताया गया है कि डर को भगाना है और आत्मविश्वास बढ़ाना है। यहां बहुत अच्छी सुविधाएं दी जा रही है। सुबह में हम सभी योग एवं श्रमदान करते है। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम घोटिया की संतन मंडावी ने कहा कि यहां हमने नियमों का पालन एवं अनुशासन तथा सभी से बातचीत करने का तरीका सीखा है। मानपुर विकासखंड के ग्राम सरोली की कंचन लता कोरेटी ने बताया कि यहां आकर भय दूर हुआ है और मशरूम व्यापार करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा है। घुमका की राजकुमारी साहू ने कहा कि वे गृहिणी है और यहां आकर रोजी-रोटी के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण ले रही है। जिससे उनमें संकोच दूर हुआ है और सबसे दोस्ती हुई है। उन्होंने कहा कि यहां से वापस जाकर समूह की सभी महिलाओं को मशरूम उत्पादन सीखाउगीं। खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम ठेलकाडीह की लता यादव ने कहा कि मशरूम में कीट लगने पर दवाई का छिड़काव करने की जानकारी अच्छी तरह दी गई है। इस अवसर पर संकाय के प्रेमचंद साहू एवं धमतरी की ट्रेनर श्रीमती गुलेश्वरी साहू तथा अन्य सदस्य उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / हां भाईयों इन दिनों छॉलीवुड में कुरूक्षेत्र की तैयारी चल रही है, और कुरूक्षेत्र करवाने का कार्य राज सोनी और विनय कृष्ण के सहयोग से कर रहे हैं बिलासपुर के उदय कृष्ण। इसके लिए वो इन दिनों पूरी भूमिका तैयार करने में लगे है और इसकी रणनीति बना रहे है। आपको लग रहा होगा कि वास्तव में छॉलीवुड में कुरूक्षेत्र होने वाला है और खूब लड़ाई झगड़ा होने वाला है तो आपको बता कि उदय कृष्ण कुरूक्षेत्र नाम की फिल्म बनाने जा रहे हैं और कुरूक्षेत्र के मैदान में होंगे कई कई सुपरहीट फिल्मे देने वाले छॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता करण खान, दिलेश साहू और प्रसिद्ध खलनायक क्रांति दीक्षित, अंशुल अवस्थी, राजेश पटेल और सागर सोनी जिनके बीच खूब जमकर पर्दे पर युद्ध होगा।
सांई कृष्ण फिल्म प्रोडक्शन द्वारा निर्मित एवं उदय कृष्ण द्वारा निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिल्म कुरूक्षेत्र की शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली है। इसके प्रि-प्रोडक्शन के साथ ही अन्य कलाकारों का चयन का कार्य इन दिनो बिलासपुर में बड़े ही तेजी से जारी है। उक्त जानकारी देते हुए फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक उदय कृष्ण ने बताया कि इस फिल्म के सह निर्माता राज सोनी, विनय कृष्ण, एसोसिएट डायरेक्टर कौशल उपाध्याय तथा सहायक निर्देशक अनुपमा मनहर और अनुपम वैष्णव है। वही इस फिल्म के हिरो छॉलीवुड के जाने माने अभिनता करण खान और एक्शन स्टार दिलेश साहू है एवं हिरोईन पूजा साहू तथा ज्योत्सना ताम्रकार है। वही इसके खल अभिनेता बहुत ही कम समय में छॉलीवुड में छा जाने वाले क्रांति दीक्षित और अंशुल अवस्थी, राजेश पटेल तथा सागर सोनी होंगे। शेष बचे अन्य कलाकारों का चयन जारी है।
फिल्म के एसोसिएट डायरेक्टर कौशल उपाध्याय ने बताया कि इसका गीत लिखे हैं रिषभ सिंह ठाकुर जिसकों अपने म्यूजिक से सजाया है डॉ. रवि पटेल ने। सह निर्माता रोज सोनी और विनय कृष्ण ने बताया कि इसको अपने कैमरा से कैद करेंगे डीओपी राजन जयसवाल और शेखर भास्कर तो कोरियोग्राफी करेंगे बाबा बघेल। फिल्म के आर्ट डायरेक्टर संकल्प शर्मा, प्रोडक्शन मैनेजर नीरज कुमार और जग्गू माही होंगे।
भिलाई / शौर्यपथ / संडे लॉकडाउन के दौरान नियमों की अवहेलना कर दुकान संचालित करने पर रिसाली निगम के अधिकारियों ने 2 मांस, मटन दुकानों को सील किया। वहीं कुछ नागरिकों को उठक बैठक लगवाकर कायदों का पालन करने चेतावनी दी। निगम के टीम में शामिल अधिकारियों ने 8600 जुर्माना भी वसूल किया।
अपर कलेक्टर व रिसाली निगम के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर गठित टीम ने क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान टीम में शामिल राजस्व निरीक्षक अनिल मेश्राम, उप अभियंता गोपाल सिन्हा, सहायक परियोजना अधिकारी ओंकार यादव, सहायक राजस्व अधिकारी विनोद शुक्ला समेत भिलाई नगर सिटी कोतावली के डॅा. चित्रा ने नेवई भाठा, स्टेशन मरोदा, रिसाली मार्केट समेत रूआबांधा मार्केट का निरीक्षण किया। जहां शकील पोल्ट्री व गुड्डू पोल्ट्री सेंटर को खुला पाए जाने पर 15 दिनों के लिए सील किया गया। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर अन्य व्यापारियों को कार्यवाही करने की चेतावनी दी।
छुट के दायरे में आए व्यापारी को समझाया
निरीक्षण के दौरा छुट के दायरे में आने वाले मेडिकल, चश्मा दुकान, सेलून व डेयरी संचालकों को मास्क लगाने व फिजिकल डिस्टेंस का पालन करने की समझाईश दी। वहीं बिना मास्क लगाए बाजार क्षेत्र में घुमने वाले नागरिकों से उठक-बैठक कराकर कोरोना वायरस से बचने समझाईश दी।
अवकाश के दिन नोडल अधिकारी पहुंचे कार्यालय
रिसाली क्षेत्र में पिछले दो दिनों से घरों में दुषित पानी आने की शिकायत मिल रही थी। इस शिकायत को दूर करने निगम के नोडल अधिकारी रमाकांत साहू कार्यालय पहुंचा और ओवर हेड टैंक सफाई का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होनें ओवर हेड टैंक में साफ पानी भरने के बाद ही पेय जल आपूर्ती करने के निर्देश दिए।
दुर्ग / शौर्यपथ / निगम द्वारा निर्मित पुष्पवाटिका शहर की जनता के लिए फिर से तैयार होगा। इसके लिए महापौर धीरज बाकलीवाल के निर्देश पर शिवनाथ तट पर स्थित पुष्पवाटिका में उग आये जंगली झाड़, झाडिय़ों की कटाई कर निगम द्वारा साफ-सफाई करायी जा रही है। आज महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन एवं निगम के एमआईसी प्रभारियों, और निगम अधिकारियों के साथ पुष्पवाटिका का मौके मुआयना किया गया। उन्होनें निरीक्षण के दौरान निगम अधिकारियों से कहा शहर की जनता के लिए पुष्पवाटिका फिर से तैयार होगा । फिर से यहॉ पर सभी मनोरजंक सामग्री लगायी जाएगी। शहर की जनता अपने परिवार के साथ यहॉ समय बिता सकेगें।
निगम अमला द्वारा पुष्पवाटिका के गेट के पास से लेकर फव्वारा तक, अंदर निर्मित केटिंन के अलावा वहॉ बने गजिबों के आस-पास सभी पाथवे से जंगली झाडिय़ों को काट कर सफाई की गई । वहॉ बने मछली घर सहित अन्य व्यवस्थाओं को लिए नया प्रोजेक्ट बनाने महापौर ने निर्देश दिये ।
भिलाई / शौर्यपथ / मेसर्स राइट्स लिमिटेड, भिलाई के नए सुसज्जित सेन्ट्रल रीजन प्लांट कार्यालय का उद्घाटन सोमवार को किया गया। इस कार्यक्रम में सेल के निदेशक प्रोजेक्ट्स एवं बिजनेस प्लानिंग एवं बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता एवं राइट्स के महाप्रबंधक व एसबीयू हेड ए के शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। यह भवन भिलाई इस्पात संयंत्र के परिवहन और डीजल विभाग के कार्यालय भवन में स्थित है। इस अवसर पर ए के तिवारी, सीजीएम ट्रैफिक, एम एम गद्रे, सीजीएम, रेल और स्ट्रक्चरल मिल एवं आरटीएस, मुरगेसन, सीजीएम यूनिवर्सल रेल मिल, एस के कर, सीजीएम गुणवत्ता एवं राइट्स के जीएम एम एंड सी एच एस नायक सहित बीएसपी व राइट्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पूर्णत: वातानुकूलित यह कार्यालय, कॉन्फ्रेंस हॉल, मीटिंग रूम और डाइनिंग स्पेस से सुसज्जित है। इस नये परिसर से मेसर्स राइट्स के अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य संपादित करने हेतु एक बेहतर व आरामदायक स्थान प्राप्त होगा। जिससे राइट्स बिरादरी को रेल्स निरीक्षण में सुविधा प्राप्त होगी।
विदित हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा निर्मित रेल पटरियों के निरीक्षण का महत्वपूर्ण कार्य भारतीय रेलवे द्वारा तीसरे पक्ष के रूप में अधिकृत निरीक्षण एजेंसी राइट्स को दिया गया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / सिविला लाईन पदमनाभपुर रोड में स्थित महिला समृद्धि बाजार के मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के 21 आबंटिति दुकानदारों द्वारा दुकानों का किराया जमा नहीं किया जा रहा है। आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देशानुसार दुकानों का किराया वसूल करने बाजार विभाग द्वारा 21 दुकानदारों को सात दिवस के अंदर किराया जमा करने नोटिस जारी किया गया । अन्यथा की स्थिति में निगम द्वारा एकतरफा कार्यवाही करते हुये सात दिन के बाद दुकानों में सीलबंद की कार्यवाही करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत् महिला समृद्धि बाजार में दुकानों का आबंटन गधुलिका चौधरी, मधु साहू, रुखसार बानो, फिरदौस बानो, फिरदौस अंजुम, अनिता साहू, अंबिका शर्मा, रानी/दुर्गेश कुमार, भावना तन्ना, कु0 उषा सोनी, श्रीमती वर्षा ढिकोला, रफत अंसारी, सरोज उमरे, सीमा वश्वकर्मा, प्रभा भूरे, कु0 सरिता मिश्रा, कु0 उषा मौर्य, शबनम अली, उषा मेहता, पुष्पा यादव, श्रीमती तिल्का बाई, झमिता ताम्रकार को किया गया है । इन सभी के द्वारा विगत 8 से 12 वर्ष से दुकानों का किराया जमा नहीं किया गया है जबकि प्रति दुकान का मासिक किराया 800 से 1200 रु0 ही है। सभी दुकानदारों को निर्देशित किया जाता है कि वे 7 दिवस के अंदर दुकानों का किराया निगम में जमा करायें अन्यथा सीलबंद की कार्यवाही का वे स्वंय जिम्मेदार होगें
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई श्रमिक सभा (एचएमएस) के पदाधिकारियों की बैठक ऑडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संपन्न हुई। बैठक में करोना महामारी, वरिष्ठ कर्मचारियों के भविष्य में पदोन्नति एवं आउटसोर्सिंग पर चर्चा की गई।
बैठक में महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि यूनियन द्वारा 27 मार्च को ही कोरोना महामारी से कर्मचारियों पर पडऩे वाले कुप्रभाव के बारे में जानकारी दी गई थी यूनियन द्वारा औद्योगिक संबंध विभाग को ई.मेल द्वारा ज्ञापन दिया गया था जिसकी प्रतिलिपि सीईओ एई डी पी-ए एडायरेक्टर इंचार्ज मेडिकल को औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से भेजा गया था एवं मांग की गई थी कि सभी कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करोना महामारी हेतुु किया जाए इस पत्र की प्रति मीडिया को भी उपलब्ध कराई गई थी लेकिन आज तक प्रबंधन की ओर से कोई निर्णय नहीं किया गया है। यदि प्रबंधन पूर्ण रूप से सक्षम ना हो तो बीमा का कुछ हिस्सा कर्मचारी स्वयं भी देने में सक्षम है।
श्री मिश्र ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र का उत्पादन कम करना उचित नहीं है यह संयंत्र एवं कर्मचारी दोनों के हित में नहीं है कुछ विभागोंं में करोना मरीजोंं की संख्या बढ़ रही है इसे रोकने हेतु उचित कदम उठाने की आवश्यकता हैए करोना से एक भी मौत कर्मचारियों के मनोबल को कम करती है इस प्रकार की मृत्युु को कार्य केे दौरान दुर्घटना में मृत्यु से कम नहीं आंका जा सकता हैए क्योंकि कर्मचारी संयंत्र के भीतर ही संक्रमित हो रहे हैं यदि करोना से किसी कर्मचारी की मृत्युु होती है तो अनुकंंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए।
उप महासचिव हरिराम यादव ने कहा कि टाटा स्टील प्लांट में 12 घंटे का शिफ्ट लागू किया गया है एवं अल्टरनेट डे पर ड्यूटी लगाई गई है यह व्यवस्था भिलाई में उन विभागों में जहां संभव हो लागू की जा सकती है इसे सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलेगी। उप महासचिव डी के सिंह ने कहा कि जिन बीएसपी कर्मचारियों को शंकरा हॉस्पिटलए चंदूलाल हॉस्पिटल एवंं कचंदूर के कोविड. केयर सेंटर मैं भेजा गया है उन्हें तत्काल वापस अपने किसी हॉस्पिटल या वहां शिफ्ट किया जाए जिस हॉस्पिटल सेेे बीएसपी ने अनुबंंध किया है। कर्मचारियों का इलाज बीएसपी के डॉक्टरों की देखरेख में ही किया जाना चाहिए ।श्री सिंह ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्रमें कर्मचारी तीनों शिफ्ट में काम करते हैंए भिलाई इस्पात संयंत्र केे फ्लू क्लीनिक में 50 टोकन सुबह बांटा जाता है करोना की जांच बीएसपी कर्मचारियों के लिए 24 म7 के लिए चालू किया जाना चाहिए ताकि आवश्यकता पडऩे पर तीनों शिफ्ट के मरीज अपनी जांच करवा सकें। उप महासचिव धनंजय चतुर्वेदी ने कहा कि बीएसपी हॉस्पिटल में सेवानिवृत्त कर्मचारी वर्तमान कर्मचारी एवंं उनके परिजन अन्य गंभीर बीमारी का इलाज करवाते हैंए यदि संयंत्र के भीतर कोई दुर्घटना हो तो भी कर्मचारियों को इलाज के लिए एकमात्र हॉस्पिटल सेक्टर 9 ही है।
इसलिए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में करोना मरीजों को भर्ती कर इलाज करना उचित नहीं है इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
उपाध्यक्ष दीपक मुदलियार ने कहा कि वरिष्ठ कर्मचारी एस 11 में 8 से 10 वर्ष तक की सेवा पूर्ण कर चुके हैं उन्हेंं किसी भी प्रकार की पदोन्नति नहीं दी जा रही है प्रबंधन वरिष्ठ कर्मचारियों के धैर्य की की परीक्षा लेे रहा है अब वरिष्ठ कर्मचारियों को लामबंद होने की आवश्यकता है श्री मुदलियार ने कहा कि वरिष्ठ कर्मचारियों से अधिकारियों के समान कार्य लिया जा रहा है लेकिन ना तो प्रमोशन है ना ही 3: पूरा इंक्रीमेंट मिल रहा है ।वरिष्ठ कर्मचारियोंं को एक होकर संघर्ष करना होगा। यूनियन वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी जोगिंदर राव ने कहा कि संयंत्र में हर विभाग में आउटसोर्सिंग किया जा रहा है जो संयंत्र के लिए भविष्य में घातक सिद्ध होगा जो ठेका श्रमिक पहले पीआरडब्ल्यू के रूप में उसी विभाग में कार्यरत थे उन्हें श्रमिकोंं को आउटसोर्सिंग में ठेका लेने वाली कंपनियां अपने पास रखकर कार्य करवा रही हैं एवं बीएसपी कर्मचारियों को वहां से हटाया जा रहा है ऐसा करने से स्किल ट्रांसफर नहींं हो सकेगा एवं भविष्य में यही कंपनियां अपनी शर्तों को मनवाने के लिए प्रबंधन को बाध्य करेंगीए उदाहरण के लिए ब्लास्ट फर्नेस का अनुरक्षण कार्य प्रमाणित हैए जिस मेंटेनेंस की ट्रेनिंग बीएसपी टाटा को देता था उसी मेंटेनेंस केेे लिए हमें टाटा से मदद लेना पड़ा है।
दुर्ग / शौर्यपथ / महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा आज रायपुर नाका जीरो वेस्ट सेंटर में बेलिंग मशीन का बटन दबाकर मशीन का उद्घाटन किया गया । जीरो वेस्ट से आने वाले प्लास्टिक पॉलिथिन को छोटो साइज में कम्प्रेस कर सुरक्षित रखा जा सकेगा । इस मौके पर निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन, स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर, राजस्व प्रभारी ऋषभ जैन, सामान्य प्रशासन प्रभारी श्रीमती जयश्री जोशी, महिला एवं बाल विकास विभाग प्रभारी सुश्री जमुना साहू, शिक्षा प्रभारी मनदीप सिंह भाटिया, पार्षद विजयेन्द्र भारद्वाज, एवं नागरिकगण उपस्थित थे ।
इस संबंध में महापौर श्री बाकलीवाल ने बताया कि नगर पालिक निगम दुर्ग के जीरो वेस्ट सेंटरों में डोर टू डोर एक एकत्र कर लाये जाने वाला कचरा सेंटरों में बिखरा पड़ा दिखाई देता है आम जनता द्वारा भी कचरा फैलने की शिकायत की जाती है। इसे देखते हुये नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा जीरो वेस्ट में आने वाले कचरों को व्यवस्थित रखने के लिए दो प्रकार की मशीन की खरीदी की गई। जिसमें एक कटका मशीन जिसकी लागत 1.80 लाख रु0 है, इस मशीन के माध्यम से डोर टू डोर से लाये जाने वाले प्लास्टिक, पॉलिथीन में लगे रेत, मिट्टी आदि की साफ-सफाई किया जावेगा। निगम के रायपुर नाका जीरो वेस्ट सेंअर, धमधा नाका जीरो वेस्ट, और बोरसी हाट बाजार जीरो वेस्ट सेंटर में कटका मशीन स्थापित किया गया है। जिसमें आज से कार्य प्रारंभ कर दिया गया।
उन्होनें बताया कटका मशीन से साफ होने वाले प्लास्टिक, पॉलिथीन को बेलिंग मशीन के माध्यम से छोटे साइज में कम्प्रेस कर बाक्स बनाकर सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होनें बताया रायपुर नाका स्थित जीरो वेस्ट सेंटर में आज बेलिंग मशीन का उद्घाटन किया गया है। इस प्रकार कटका और बलिंग मशीन के लग जाने से निगम के जीरो वेस्ट सेंटरों में डोर टू डोर से आने वाला कचरा बिखरा हुआ नहीं रहेगा। सभी कचरा व्यवस्थित हो जाएगा। उद्घाटन के दौरान निखिल खिचरिया, राजेन्द्र सराटे, श्रीमती किरण साहू, करण कारोसिया, के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम उपस्थित थे ।
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम के जोन-3 और छावनी पुलिस की टीम ने रविवार को सयुंक्त रूप से अभियान चलाकर लाकडाउन का उल्लघन करने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। निर्धारित समय के बाद भी मटन चिकन और मछली बेचने वाले चार दुकानदारों से कुल 8 हजार रूपए अर्थदंड वसूल किया गया।
जोन-3 के सहायक राजस्व निरीक्षक टिकेन्द्र वर्मा ने बताया कि लाकडाउन के दिन रविवार को मांस-मछली बेचने की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर मार्केट क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। इस दौरान चार दुकानदार चिकन और मछली बेचते हुए पाए गए। सभी के खिलाफ 2-2 हजार की चालानी कार्रवाई की गई। वार्ड 22 श्याम नगर लिंक रोड निवासी नरेश यादव मछली बेच रहे थे। उनसे दो हजार अर्थदंड वसूल किया गया। इसी प्रकार वार्ड 24 मिलन चौक निवासी उत्तम कुमार से 2 हजाार, वार्ड 23 शेख महमूद और मोहम्मद कुमरैद से 2-2 हजार जुर्माना वसूल किया गया। सभी को जिला प्रशासन के आदेशानुसार निर्धारित तिथि एवं समय में व्यावसाय करने की समझाइश दी गई। टीम में वार्ड प्रभारी मनहरण साहू और छावनी पुलिस के जवान शामिल थे।
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम के शहरी गोठान में गोबर से अब वर्मी कंपोस्ट के साथ गुणवत्ता युक्त लिक्विड जैविक खाद (वर्मी वाश) तैयार किया जाएगा। बागवानी और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को लिक्विड खाद के रूप में विक्रय जाएगा। निगम प्रशासन ने जिला कृषि विभाग एवं कामधेनु विश्वविद्यालाय अंजोरा दुर्ग के विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार वर्मी कंपोस्ट और वर्मी वाश बनाने के लिए 14 लाख रूपए की लागत से शहरी गोठान में 50 टंकियां और टिन शेड का निर्माण किया है। जहां गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनने की प्रक्रिया के दौरान रिसने वाले पानी को लिक्विड जैविक खाद के रूप में एकत्र किया जाएगा। उसे पात्रों में भरकर लिक्विड जैविक खाद (वर्मी वाश) के रूप में डिमांड के अनुसार सप्लाई किया जाएगा।
टैंक में एकत्र होगा लिक्विड
निरीक्षण करने पहुंचे सहायक अभियंता सुनील दुबे ने बताया कि वर्मी वाश को एकत्र करने के लिए सभी टंकी के नीचे एक पाइप लाइन बिछाई गई है। उस पाइप को एक टंकी से जोड़ दिया गया है। जिससे होकर पानी आसानी से एक टैंक में एकत्र हो जाएगी। इससे लिक्विड खाद को एकत्र करने के लिए अतिरिक्त मेहनत नहीं करना पड़ेगा।
खेती के लिए फायदेमंद
कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशुपालन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ डॉ एसके थापक ने शहरी गोठान में समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण के दौरान वर्मी कंपोस्ट के साथ वर्मी वाश बनाने की प्रक्रिया पर जोर दिया था। उन्होंने बताया था कि वर्मी कंपोस्ट बनाने के दौरान गोबर में नमी बनाए रखने की आवश्यक होता है। इसके लिए गोबर पर उपर से पानी का छिड़काव करना पड़ता है। अतिरिक्त पानी गोबर से रिसकर टंकी के नीचे चला जाता है। चूंकि यह पानी गोबर से रिसाव होने की वजह से उसमें मौजूद सभी तत्व पानी के साथ चली जाती है। यह पेड़ पौधों के लिए उत्तम पोषक आहार है। इसका पेड़-पौधों में छिड़काव करने से अच्छा ग्रोथ करता है। बाजार में इसकी अच्छी डिमांड और 10-12 रूपए लिटर तक विक्रय होने की जानकारी दी थी। उनके सलाह के मुताबिक ही महापौर व भिलाई नगर विधायक श्री देवेन्द्र यादव और निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने जोन-1 आयुक्त सुनील अग्रहरि को वर्मी कंपोस्ट का शेड और टंकी बनाने के निर्देश दिए थे। निर्देश के मुताबिक टंकी और शेड का निर्माण किया गया है। इसी तरह की शेड और टंकियां बोगदा पुल जामुल स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड एसएलआरएम सेंटर, बैकुंठधाम और खुर्सीपार एसएलआरएम सेंटर में बनाई गई है। जहां क्रय की जाने वाले गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रकिया चल रही है। सभी गोबर खरीदी केन्द्र में अलग से पंजीयन कक्ष बनाया गया है। जहां कोई भी पशुपालक पंजीयन फार्म के साथ मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और राशन कार्ड की फोटो कापी जमा कर पंजीयन करवा सकते हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गोधन न्याय योजना के एप की लॉन्चिंग की। इस अवसर पर उन्होंने पाटन के ग्राम सिकोला के ग्रामीणों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सरपंच श्रीमती उषा निषाद से गौठान की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही गोबर खरीदी की व्यवस्था की जानकारी भी ली। सरपंच ने बताया कि गोबर खरीदी बहुत अच्छी हो रही है गोधन न्याय योजना से लोगों में काफी उत्साह का वातावरण है। लोग इससे काफी लाभ कमा रहे हैं। ग्रामीण इससे काफी खुश हैं अब इसके दूसरे चरण में वर्मी कंपोस्ट से भी आय होगी। मुख्यमंत्री ने उप सरपंच पुरुषोत्तम यादव से गांव के चारागाह बाड़ी आदि के बारे में जानकारी ली। श्री यादव ने बताया कि नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के माध्यम से हम लोग अपने गांव को संवार रहे हैं। बाड़ी का विकास कर रहे हैं। बाड़ी के माध्यम से सब्जियां उगा रहे हैं जिससे हमारे बच्चों को भी पर्याप्त पोषण मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने पशु पालकों से भी चर्चा की। पशुपालक श्रीमती कविता ने बताया कि वह 35 क्विंटल गोबर बेच चुकी है जिससे उन्हें 7000 रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। गोधन न्याय योजना पशु पालकों के लिए बहुत अच्छी है। साथ ही इससे जैविक खेती करने के लिए भी रास्ता मिलेगा। ग्रामीणों को वर्मी कंपोस्ट से भी आय हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठान अध्यक्ष श्री गोकरण यादव से भी बातचीत की। श्री यादव ने बताया कि गांव में हम लोगों ने दो चरवाहे रखे हैं । एक चरवाहा समिति की ओर से रखा है और एक चरवाहा गांव की ओर से रखा गया है जो आवारा पशुओं की भी देखभाल करता है। मुख्यमंत्री ने ग्राम सचिव श्री बिहारी लाल साहू से कहा कि ऐप के बारे में प्रचार प्रसार करें साथ ही गोधन योजना के बारे में पर्याप्त प्रचार-प्रसार करें ताकि ग्रामीणों को इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से आर्थिक लाभ हासिल हो सके। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने इस मौके पर ग्रामीणों से गांव की समस्या एवं गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी भी ली तथा उन्हें सामूहिक रूप से काम कर इस योजना का लाभ उठाने की अपील भी की। जिला पंचायत सीइओ एस. आलोक ने बताया कि जिले की 216 गौठान में नोडल अधिकारी नियुक्ति किए गए है। जो शासन की महत्वकांक्षी योजना एनजीजीबी के तहत बनाए गए गौठान में सतत् गतिविधियां एवं गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन निरीक्षण करेंगे।
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं के द्वारा बेचे गए गोबर का खरीदी विक्रय का विवरण रखने के लिए एप तैयार किया गया जिसके माध्यम पंजीकृत हितग्राही अपने सभी विवरण इसमें देख सकेगे । इस संबंध में नोडल अधिकारियों को एप से संबंधित जानकार को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक ने बताया कि गोबर खरीदी के लिए शासन के द्वारा चिप्स के माध्यम से एप तैयार कराया गया है। जिले में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंन्द्र भुरे के मार्ग दर्शन में गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। एस. आलोक बताया कि अब एप के माध्यम से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा। जिस तरह से धान खरीदी में किसानों का पंजीयन किया जाता है। उसी तरह गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रता का पंजीयन कृषि सहकारी समिति द्वारा किया जाना है। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योकि गोबर खरीदी के समय विक्रताओं की जानकारी भरने की आवश्यकता न रहे। केवल क्रय किए गए गोबर की मात्रा ही भरना पड़े। उन्होंने बताया कि जिन हितग्राहियों ने गोबर की विक्रय किया है। उनकी जानकारी एनआईसी में एकत्रित हो गई है। उनका पंजीयन दुबारा करने आवश्यक नही होगा। सिर्फ जिन्होने अब तक गोबर नहीं बेचा है, उनका ही पंजीयन कराये जाने को कहा है। उन्होने गौठान नोडल अधिकारियों को अभियान चलाकर शेष सभी गोबर विके्रता का पंजीयन कराने कहा है। एप के संबंध में सभी नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके बाद भी अगर कही पर भी कोई कठिनाई आती है, तो जिलास्तरिय अधिकारी या फिर चिप्स के हेल्पलाईन नम्बर पर कॉल करके समस्या का समाधन कर सकते है। उन्होने कहा कि इस एप को सहायता से पंजीकृत हिजग्राही अपने पंजीयन की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, बैक विवरण एवं संबंधित गौठान का नाम देख पाएगें। इसमें हितग्राही द्वारा बेचे गए गोबर की तिथिवार जानकारी एवं विक्रय से प्राप्त राशि को जानकारी आसानी से देख सकेगें।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
