April 24, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

शौर्यपथ/न्यूज

गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा नियमित की जा रही है । जांच के साथ ही गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत भी किया जाता है। पंजीयन उपरांत गर्भवती महिलाओं को समय पर टीका लगवाया जाता है और जांच के लिए फोलोअप भी किया जाता है । प्रसव के बाद भी 42 दिनों तक एएनसी जांच के तहत जच्चा व बच्चा का नियमित ख्याल रखा जाता है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया अप्रैल में ज़िले में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए 5554 गर्भवती महिलाओं की पंजीयन किया गया है जिसमें अभनपुर में 471,आरंग में 696, धरसींवॉ में 425, तिल्दा में 424 , बीरगॉव शहरी में 264 , और रायपुर शहरी में 3274, गर्भवती महिलाएं थी। उन्होंने बताया गर्भवती महिलाओं के पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच होने से जोखिम की संभावनाएं कम होती हैं । नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण एएनसी जांच से समय समय पर अवस्थाओं की जटिलताओं को पहचान किया जाता है और आवश्यक उपचार प्रदान किया जाता है जो मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक होता है । पंजीयन से गर्भवती महिलाओं और नवजातों को सरकार द्वारा दी गयी सुविधायें भी मिल जाती हैं।
प्रसव पूर्व जांचों को करवाना मां और बच्चा की स्वस्थता के लिए भी ज़रूरी हैं। प्रसव पूर्व होने वाली जांचों से गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिम या रोगों को पहचानने, और उनका उपचार करने में सरलतामिलती है। इन जांचों से हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) के केस चिन्हित किये जाते है, फिर उनकी उचित देखभाल की जाती है। प्रसव पूर्व जांचों में मुख्यतः खून, रक्तचाप और एचआईवी की जांच की जाती है। । एनीमिक होने पर प्रसूता का सही इलाज किया जा सकता है ताकि शिशु स्वस्थ पैदा हो।
गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचें
प्रथम चरण में गर्भधारण के तुरंत बाद या गर्भावस्था के पहले 3 महीने के अंदर जांच होती है। द्वितीय चरण में गर्भधारण के चौथे या छठे महीने में। तृतीय चरण में गर्भधारण के सातवें या आठवें महीने में तथा चतुर्थ चरण में गर्भधारण के नौवें महीने में जरूरी जांचे की जाती हैं।
सिविल सर्जन डॉ. रवि तिवारी ने बताया मातृ एवं शिशु चिकित्सालय ज़िला अस्पताल कालीबाडी में लॉक डाउन में भी नियमित रुप से गर्भवती महिलाओं की एएनसी सुविधाएं मिलती रही ।उन्होने बताया अप्रैल में 52 और मई में 145 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया है। बीते वर्ष 2019-20 में कुल 2252 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया था ।
डॉ. तिवारी ने कहा प्रत्येक गर्भवती महिला के हीमोग्लोबिन की मात्रा अनुसार आईएफए, कैल्शियम के साथ साथ टीकाकरण,उच्च रक्तचाप, मधुमेह की स्क्रीनिंगभी, गर्भवती महिलाओं की एएनसी में की जाती है । गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान पर ध्यान दिया गया है। अन्य रोगों के रोकथाम के लिए भी पर्याप्त उपाय किए जा रहे है । किसी भी प्रकार की जांच के समय पूर्ण रुप से गाइड लाईन को फोलो किया जाता है ।
उच्च जोखिम गर्भावस्था क्या है
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था या हाई रिस्क प्रेगनेंसी उसे कहते हैं जिसमें मां और शिशु दोनों में सामान्य गर्भावस्था की तुलना में अधिक जटिलता विकसित होने की संभावना होती है। ऐसी महिलाओं को अन्य सामान्य गर्भवती स्त्रियों के मुकाबले ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हे चिकित्सक की देखरेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है।
उच्च जोखिम गर्भावस्था पहचान कैसे होती है
हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान के लिए प्रसव पूर्व की गर्भावस्था या प्रसव का इतिहास जानना बहुत जरूरी होता है, जिसमें पता लगाया जाता है कि पहला बच्चा किस प्रकार जन्म लिया था, पिछले प्रसव के दौरान या बाद में अत्यधिक रक्तस्राव तो नहीं हुआ, गर्भवती को पहले से कोई बीमारी, उच्च रक्तचाप, शुगर, हाइपोथायराइड, टीबी, हार्ट डिसीज, वर्तमान गर्भावस्था में गंभीर एनीमिया, 7 ग्राम यूनिट से कम खून की मात्रा, ब्लड प्रेशर, गर्भावस्था के समय डायबिटीज का पता लगाकर इसकी पहचान की जाती है।

शौर्यपथ/न्यूज

भारत सरकार की गाइड लाईन के तहत क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों को तनाव मुक्त रखने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए श्रमिक आश्रय स्थलों पर योग करवाया जा रहा है|
ज़िला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ द्वारा राधास्वामी सत्संग ब्यास,शासकीय माध्य्मिक शाला, पवनी (धरसीवा) शासकीय प्राथमिक शाला, निलजा और प्रयास रेजिडेंशियल स्कूल में श्रमिकों को तनाव मुक्त रखने और प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से आश्रय स्थलों का दौरा किया गया और योग करने की सलाह दी गयी ।
क्वॉरेंटाइन सेंटरों के लियें बनाये गये मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारीमनोचिकित्सहक डॉ.अविनाश शुक्लाने बताया लॉकडाउन के दौरान अलग अलग प्रदेशों से आये प्रवासी श्रमिकों को तनाव मुक्त रखने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सुबह और शाम योग करने की सलाह दी जा रही है । नियमित रुप से क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर जा कर श्रमिकों को योग गुरू के माध्यम से योगा करने के लाभ और योगा की बारीकियों से विषय में भी बताया जाता है ।साथ ही आश्रय स्थल पर किसी एक व्यक्ति का चुनाव कर के उस को सामान्य योगा के बारे में जानकारी दे कर सुबह और शाम नियमित रुप से योग करने का आग्रह किया जा रहा है । प्रतिदिन योगा कराने के साथ साथ लोगों को अपने जीवन शैली में शारीरिक डिस्टेंसिंग और मास्क के इस्तेमाल को अहम हिस्सा बनाने की हिदयत भी दी जा रही है ।
मनोचिकित्ससक डॉ.शुक्ला ने कहा राधास्वामी सत्संग ब्यास में 78, प्रयास आवासीय विद्यालय में 32 , निलजा में 12, पावनी में 32, पथरी में 6,तरेसर में 5, कुरूद सिलियारी में 9, निलजा में 12, दोंदेखुर्द में 20, देवरी में 6, और धरसीवा के होम क्वॉरेंटाइन में 26 लोगों को तनाव मुक्त रखने और योग के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए योग के बारे में बताया और क्वॉरेंटाइन में रहने के कारण लोगों में उत्पन्न मानसिक तनाव का भी समाधान भी किया । इस अवसर पर साइकोलॉजिस्ट ममता गिरी गोस्वामी भी सहयोगी के तौर पर मौजूद रही ।
योग गुरू ने बतायी योग की शक्ति
योग गुरु राधेश्याम साहू ने बताया योग कराने से पूर्व शारीरिक दूरी को बनाने के लिए कहा जाता है । इस दूरी को आश्रय स्थल से निकलने के बाद भी ध्यान में रखते हुए जीवन शैली में अपनाना है । पूरा विश्व कोविड-19 के वायरस लड़रहा है । कोविड-19 से बचने के लिए पोष्टिक आहार के साथ-साथ योगा भी सभी लोगों के लिए बेहद जरूरी है । इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो हमें कोविड-19 से लड़ने में मदद करती है
प्रतिरोधक क्षमता को योग से करें मजबूत
योग गुरू राधेश्याम साहू के कहा आधुनिक जीवनशैली में खानपान और रहन-सहन प्रभावित हुआ है, उसका असर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ा है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति में हमारा शरीर बीमारियों का सामना करने में सक्षम नही है ।योग क्रियाओं सेशरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में हमारे खानपान के साथ सथ योग और योगासन भी कारगर साबित होते हैं। कुछ ऐसे प्राणायाम और आसन भी हैं, जो प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में अत्यधिक मददगार साबित होते हैं। कम दिन ही इनको करने से शरीर को लाभ महसूस होने लगता है।

धमतरी/शौर्यपथ

 

जवाहर बाल मंच धमतरी छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पुर्ण चंद पाढी जी, कृष्ण कुमार मरकाम जिला अध्यक्ष युवा कांग्रेस धमतरी के निर्देश अनुसार महेन्द्र पाण्डेय विधानसभा उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस नगरी सिहावा के नेतृत्व ग्राम पंचायत उमरगांव के सहयोग से माध्यमिक शाला उमरगांव के बच्चो के द्वारा शाला प्रागण में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधा रोपण किया गया
इस बीच ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों के द्वारा भी बच्चों के साथ मिलकर पौधारोपण किया गया वहीं वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि आज बढ़ती आबादी और प्रदूषण को देखते हुए हर व्यक्ति को वृक्षारोपण कर प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम अपने जीवन काल में एक पौधा जरूर लगाना चाहिए वही महेंद्र पाण्डेय विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि जवाहर बाल मंच के माध्यम से पूरे प्रदेश में युवा कांग्रेस के नेतृत्व पर बच्चों के द्वारा वृक्षारोपण करवाया जा रहा है जिसमें जिस वृक्षा का रोपण बच्चे कर रहे हैं उनकी देखरेख वे स्वयं करेंगे और आने वाले आज ही के दिन उन्हें एक साल पूरा होने पर सम्मानित भी किया जाना है
उन्होंने कहा कि आज प्रकृति के प्रति लोग जागरूक होने के बाद भी उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं पेड़ों को काटा जा रहा है व जंगल के जंगल उजाड़ा जा रहा है प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है जिसे हमें रोकथाम करने एवं भविष्य को अच्छा वातावरण देने के लिए बच्चों को प्रेरणा देते हुए कम से कम एक वृक्ष लगाने का प्रयास बच्चों के द्वारा किया जाना चाहिए इस कार्यक्रम में सुरेश मरकाम सरपंच उमरगांव, जनपद सदस्य ईश्वर पटेल नगरी, कविलास ध्रुव पूर्व सरपंच उमरगांव, गणेश राम सूर्यवंशी, विशाल राम साहू, पूनम कस्यप शाला समिति अध्यक्ष , तुलसीराम साहू, चंद्रभान मरकाम, कमलेश सूर्यवंशी प्रधान पाठक उमरगांव, गोपाल प्रसाद साहू शिक्षक, एवं प्रेरणा साहू, जिज्ञासा साहू, चांदनी साहू, आराधना साहू, कुमुदिनी साहू, साक्षी शेष, चंद्रकांत, तुलेश्वर कुमार, दुर्गेश कुमार, आदि की उपस्थिति में वृक्षारोपण किया गया।

दुर्ग । शौर्यपथ । 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस है इस दिन आम जनता पेड़ पौधे लगा कर पर्यावरण की रक्षा की बात करती है…

शौर्यपथ न्यूज़

इचौली गांव में दो दिन से लापता पांच साल की मासूम बच्ची का शव गुरुवार की देर शाम को छत पर मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवार के लोगो ने नरबलि की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस ने घर के मालिक दिनेश व उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी है।

इचौली गांव के रहने वाले अमर सिंह की पांच वर्ष की बच्ची पायल मंगलवार की शाम घर के बाहर से खेलते समय अचानक लापता हो गई थी। काफी खोजबीन करने के बावजूद उसका कही कोई पता नहीं चला तो उसके मंझनपुर पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी।

गुरुवार की शाम गांव के ही दिनेश के घर में बेटी की लाश होने की आशंका पर पीड़ित अमर ने मंझनपुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कार्रवाई हुए घर की तलाशी ली। पुलिस को तलाशी के दौरान पायल का शव छत पर पुलिस को मिला। अमर सिंह ने आरोप लगाया है कि पड़ोसी दिनेश के घर के अंदर एक गड्ढा मिला है, आशंका है​ कि उसने किसी तांत्रिक क्रिया को करने के बाद बेटी की हत्या की है।

प्रभारी निरीक्षक मंझनपुर अशोक कुमार ने बताया लापता बच्ची का शव को दिनेश के घर से बरामद किया है। पीड़ित पक्ष ने पुलिस को दी गई तहरीर में नरबलि की आशंका जाहिर कते हुए दम्पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आरोपित दम्पति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी है।

गोल बाजार में बनाया जाएगा दो मंजिला व्यावसायिक परिसर
महापौर एवं कलेक्टर ने निगम क्षेत्र का दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण किया

धमतरी /शौर्यपथ

नगरपालिक निगम धमतरी के महापौर श्री विजय देवांगन और कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य ने आज सुबह निगम क्षेत्र के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया तथा विकास कार्यों के लिए प्लानिंग तैयार करने के निर्देश निगम आयुक्त श्री आशीष टिकरिहा को दिए।
महापौर एवं कलेक्टर आज सुबह आठ बजे स्थानीय गोल बाजार का मुआयना किया। इस दौरान कलेक्टर ने गोल बाजार की सब्जी मण्डी को सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पसरा लगाने वाले सब्जी व्यवसायियों के लिए पक्के चबूतरे का निर्माण कराने के साथ-साथ दो मंजिला व्यावसायिक परिसर बनाने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान महापौर ने बताया कि पार्किंग शहर की बड़ी समस्या है और इसके लिए समाधानकारक उपाय करने की बात कही। इस पर कलेक्टर ने गोलबाजार में व्यावसायिक परिसर तैयार कर पहली मंजिल में पार्किंग और सब्जी के अलावा अन्य दुकानों को भी विस्थापित करने के निर्देश दिए।
इसके उपरांत वे जिला चिकित्सालय के समीप स्थित नेहरू गार्डन गए, जहां साफ-सफाई कराकर वाॅकिंग ट्रेक, योगा शेड तथा बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, फिसलपट्टी जैसे इंस्ट्रुमेंट लगाने के लिए कहा। कांटातालाब निरीक्षण के दौरान उन्होंने गार्डन के चारों ओर बाऊण्ड्रीवाॅल बनाकर किनारे में क्यारियां तैयार करने व बेहतर ढंग से साज-सज्जा करने के निर्देश दिए। इसके बाद ग्राम अर्जुनी स्थित गौठान, सिहावा चैक पर निर्माणाधीन आॅडिटोरियम तथा मकई गार्डन का अवलोकन तथा निरीक्षण किया। मकई गार्डन को बेहतर उद्यान बताते हुए कलेक्टर ने गार्डन के चारों ओर बाऊण्ड्रीवाॅल निर्माण कर प्लांटेशन तैयार करने व बारहमासी जलभराव के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में स्वीमिंग पुल बनाने के लिए स्थल चयन करने हेतु निगम आयुक्त को निर्देशित किया। कलेक्टर ने यह स्पष्ट कहा कि नगरीय निकाय में प्लांटेशन, स्वच्छता, पेयजल की उपलब्धता, जल संरक्षण के समुचित उपाय तथा नवीन बस स्टैण्ड सहित शहरी क्षेत्र में यातायात व्यस्थित करना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी सहित नगरपालिक निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।

ना सोशल डिस्टेंसिंग, ना सैनिटाइजिंग, ना थर्मल स्कैनर अनियंत्रित भीड़ के कारण कोरोना
 संक्रमण को आमंत्रण दे रहा नगर निगम दुर्ग 
 
  DURG / SHOURYAPATH /   नेता प्रतिपक्ष  अजय वर्मा ने आयुक्त नगर निगम दुर्ग से मांग करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में अब देश में लॉक डाउन के बाद अनलाक 1.0 प्रारंभ हो चुका है कोरोना वायरस छत्तीसगढ़ प्रदेश के बहुतायत शहर एवं कस्बों में पैर पसार चुका है सभी विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि हमें कोरोना के साथ ही सुरक्षा उपायों के साथ जीना सीखना होगा । इस तारतम्य में आगे चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने कहा नगर पालिक निगम दुर्ग कार्यालय में विभिन्न नागरिक सुविधाओंजैसे जन्म मृत्यु ,लाइसेंस, राशन कार्ड, विकास कार्य, टैक्स जमा करने के साथ ही साफ सफाई एवं भवन अनुज्ञा
जैसे कार्यों के लिए शहर के नागरिक गण एवं जनप्रतिनिधियों को निगम मुख्यालय आना पड़ता है, किंतु इतनी भीड़ भरे कार्यालय में कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन दिखाई नहीं देता, जिससे नगर निगम के कर्मचारी  भयग्रस्त होकर काम करते दिखाई पड़ते हैं इसलिए नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा सहित भाजपा पार्षदों श्रीमती गायत्री साहू ,चंद्रशेखर चंद्राकर ,काशीराम कोसरे, नरेंद्र बंजारे, देवनारायण चंद्राकर, चमेली साहू ,नरेश तेजवानी, लीना दिनेश देवांगन, मनीष साहू, अजीत वैद्य ,ओम प्रकाश सेन, हेमा शर्मा ,शशि द्वारिका साहू, पुष्पा गुलाब वर्मा, कुमारी बाई साहू ने आयुक्त नगर निगम दुर्ग से निम्न बिंदुओं पर मांग की है।
1.. निगम मुख्यालय के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की जाए जो आवश्यक होने पर निगम मुख्यालय में प्रवेश दें ।
2 प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजिंग टनल का निर्माण किया जाए।
3 प्रत्येक विभाग के प्रवेश द्वार में 1प्यून की अनिवार्य ड्यूटी लगाई जाए ताकि वह क्रमवार लोगों को भेज सकें और लोगों का हाथ सैनिटाइज करा सके।
4प्रत्येक व्यक्ति का थर्मल स्कैनर से जांच कर ही निगम परिसर में प्रवेश दिया जाए।
5 सभी विभागों में सोशल डिस्टेंसिंग फ्रेम लगाया जाए या रस्सी लगाई जाए।
6 सभी कर्मचारियों को मास्क एवं सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए।
7 ऑनलाइन एवं चॉइस सेंटर के सेवाओं को प्राथमिकता दिया जाए।
भाजपा पार्षद दल ने मांग करते हुए कहा कि शहर के अन्य कार्यालय जैसे कलेक्ट्रेट, तहसील कार्यालय, बैंक इत्यादि में जैसी व्यवस्था है ऐसी व्यवस्था की मांग निगम मुख्यालय में भी हम सब आयुक्त महोदय से करते हैं ताकि संक्रमण के भय से मुक्त होकर निगम कर्मचारी कार्य कर सकें।
इस आशय का ज्ञापन आयुक्त नगर निगम दुर्ग को नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा श्रीमती गायत्री साहू श्री चंद्रशेखर चंद्राकर श्रीमती पुष्पा गुलाब वर्मा एवं श्री मनीष साहू के द्वारा सौंपा गया।

भाजपा नेताओं को मजदूरों की रोटी की नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक रोटी की चिंता है
घर में बैठेकर भाजपा के नेता मजदूरों के नाम से मात्र राजनीति कर रहे हैं-कांग्रेस

       रायपुर / शौर्यपथ / क्वॉरेंटाइन सेंटर के नाम से बयान बाजी कर रहे भाजपा नेताओं को कांग्रेस ने तीखा जवाब दिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉक डाऊन वन में ही मजदूरों के लिये स्पेशल ट्रेन चलाने उनके सकुशल घर वापसी कराने की मांग मोदी भाजपा की सरकार से किए थे।उस दौरान छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता सांसद और विधायक मजदूरों के मसले में मौन रहकर अप्रत्यक्ष रूप से मजदूरों के घर वापसी के विरोध में ही खड़े थे।लॉकडाउन वन में ही मजदूरों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित हो जाती तो छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में कहीं भी क्वॉरेंटाइन सेंटर प्रवासी मजदूरों के नाम से बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।प्रवासी श्रमिको को मोदी सरकार के अमानवीय व्यवहार,असंवेदनशीलता और यातना प्रताड़ना झेलना नहीं पड़ता।
      घर वापसी के प्रयास में मजदूरों की भूख, प्यास ,तबियत बिगड़ने और दुर्घटनाओं में मौत नहीं होती।मजदूरों के मासूम बच्चे गर्भवती महिलाओं को कोसो दूर बिना जूता चप्पल नंगे पांव सड़को पर भटकना नही पड़ता। महामारी आफ़तकाल में मोदी सरकार के लापरवाही गैरजिम्मेदाराना रवैया हठधर्मिता जिद्द के चलते देशभर में 600 से अधिक मजदूरों की अकाल मृत्यु हुई है।किसी बच्चे ने अपने पिता को खोया तो किसी वृद्ध माता पिता ने पुत्र को तो कोई सुहागन ने अपने मांग की सिंदूर को खोया है इस सब के लिए कोई जिम्मेदार है तो मोदी भाजपा की सरकार जिम्मेदार है।
         प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता वातानुकूलित कमरों में बैठकर क्वॉरेंटाइन सेंटर के विषय में बयानबाजी कर रहे हैं मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाकर राजनीति रोटी सेक रहे हैं भाजपा के नेताओं को मजदूरों की रोटी की चिंता होती तो मोदी सरकार से मजदूरों के खातों में तत्काल 10000 जमा कराने की गुजारिश करते और न्याय योजना शुरू कर आने वाले 6 माह प्रत्येक आर्थिक रूप से अक्षम परिवार को 7500 मासिक देने की गुहार लगाते।असल मे भाजपा नेताओं को मजदूरों की नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक रोटी की चिंता है। मजदूरों के भूख प्यास में भी भाजपा नेता राजनीतिक अवसर तलाश रहे हैं। मोदी के आपदा में अवसर का मंत्र भाजपा नेता प्रयोग कर रहे हैं।आपदा संकट में फंसे मजदूरों को मदद करने के बजाय मात्र राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार निरंतर प्रवासी मजदूरों और छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों की चिंता कर रही है।
       छत्तीसगढ़ में आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालन करने संकटकाल में 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग मोदी सरकार किये हैं।जिसका विरोध भाजपा के नेता कर रहे हैं। इसे स्पष्ट हो गया कि भाजपा के नेताओं को छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर गृहणी व्यापारी छात्रों की चिंता नहीं है बल्कि भाजपा नेता इनको दुःखी रखकर इनके कष्ट इनके तकलीफ के नाम से मात्र राजनीति करना चाहते हैं ।

      रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा की “एक देश - एक बाजार” के नारे के साथ केंद्र सरकार किसानों व राष्ट्र का सत्यानाश करने की दिशा में बढ़ चुकी है। जिस तरह वो एक के बाद एक गैर जवाबदाराना निर्णय लेती जा रही है तथा उसे सत्तर सालों की गलती के सुधार के रूप में प्रस्तुत कर रही है यह बहुत घातक है।
बिस्सा ने बताया की केंद्र सरकार की कैबिनेट के निम्न निर्णय –
1. कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य संवर्धन एवं सहायता अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी है। इसके तहत किसान, व्यापारी, अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू, प्याज इत्यादि का अनलिमिटेड स्टॉक कर सकेंगे।
2. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन को मंजूरी दी है जिससे अनाज दलहन आलू प्याज सहित विभिन्न खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके। किसान एक्सपोर्ट कर सकेगा। जितना चाहे स्टोर कर सकता है।
यह दोनों निर्णय केंद्र सरकार की कैबिनेट ने बहुत हल्के से ले लिये है जो हानिकारक है। अगर उन्होने जानबूझ कर निर्णय लिया है तो यह “राष्ट्र-द्रोही” कदम है और अगर अनजाने में ले लिया है तो यह “राष्ट्र-घाती” कदम है। बिस्सा ने कहा की इन निर्णयों का दीर्घकालीन दुष्प्रभाव यह होगा की आने वाले समय में हमारा पूरा कृषि क्षेत्र देशी व विदेशी निजी निवेशकों का गुलाम बन कर रह जायेगा। किसान मजदूर बनकर रह जायेगा। उसकी स्थिति बदतर बने रहेगी तथा आम जनता मंहगे में कृषि उत्पाद खरीदने को मजबूर हो जायेगी। देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रभावित हो जायेगी।
एक ओर नीति आयोग तक स्वीकार कर चुका है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता। यह समाचार हम देश के विभिन्न कोनों से सुनते भी रहते हैं। जब सरकारी नियंत्रण के बाद भी यह हाल हैं तो दलालों को सरकारी छूट मिल गयी तो किसानों का क्या होगा सोचा जा सकता है।
बिस्सा ने कहा की निजी खरीदारों द्वारा भारी मात्रा में जमाखोरी किए जाने व मुनाफे के लिये अधिकांश अन्न निर्यात किये जाने दशा में सरकारी खाद्य भंडारण और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो जायेगी। आज फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के पास 524 लाख टन का अन्न भंडार है। जो आपदा से बचने का बहुत बड़ा साधन है। यदि निजी खरीददारों के हाथों में अन्न चला गया तो भविष्य में अकाल, महामारी जैसी स्थितियों में अनाज की आपूर्ति की स्थिति बहुत विषम हो सकती है।
बिस्सा ने कहा की केंद्र सरकार से देश की अर्थव्यवस्था संभालने में चूक हो चुकि है जिसका खामियाजा देश भुगतने की स्थिति में आ चुका है। अच्छा यह होगा की अब वह बिना हड़बड़ाये धैर्य के साथ सभी पक्ष विपक्ष के लोगों व अर्थशास्त्रियों से व्यापक चर्चा कर निर्णय लें जिससे देश की व्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिले।

  राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिले के तहसील मुख्यालय डोंगरगढ़ से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवकट्टा सिंचाई जलाशय से इस गर्मी में 5 गांवों के निस्तारी तलाबों को लबालब भरने के साथ ही इस जलाशय के कमाण्ड एरिया में आने वाले ठाकुरटोला एव छीपा के एनीकट सहित कुल 5 एनीकट में भी जलापूर्ति की गई है। इस सिंचाई जलाशय के जल भराव क्षमता 3.03 एमसीएम है। देवकट्टा जलाशय में वर्तमान समय में 50 फीसद जलभराव है। खरीफ सीजन में इस जलाशय से 2500 एकड़ में सिंचाई के लिए जलापूर्ति की जाती है।
           देवकट्टा सिंचाई जलाशय के बंड में दरार की शिकायत के संबंध में मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार  डीसी जैन ने बताया कि इसकी तकनीकी अधिकारियों से जांच कराई गई है। देवकट्टा सिंचाई जलाशय का बंड और उसका शीर्ष पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि डोंगरगढ़ के जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्री प्रदीप नादिया ने इस संबंध में प्रेषित अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि इस जलाशय के कमाण्ड एरिया के ग्राम बेलगांव, करेली, रींवागहन, कन्हारगांव एवं देवकट्टा के निस्तारी तलाबों सहित ठाकुरटोला, छीपा एवं अन्य एनीकट को जलापूर्ति के बाद जलाशय का स्लूज गेट बंद करते समय पत्थर का टुकड़ा फंस जाने की वजह से जल द्वार से पानी वर्तमान में लीकेज कर रहा है।
       गेट में फंसे पत्थर को हटाकर गेट को पूरी तरह बंद करने की कार्रवाई की जा रही है। मुख्य अभियंता जैन ने बताया कि लगभग 15 वर्ष पूर्व निर्मित इस सिंचाई जलाशय की 8 किलोमीटर लम्बाई वाली मुख्य केनाल तथा 7 किलोमीटर की लम्बाई लघु नालों से वितरिका नहरों से बेलगांव, कटली, रीवांगहन, कन्हारगांव एवं देवकट्टा में सिंचाई के लिए जलापूर्ति होती है।

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