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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए अविलंब निर्णय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं। आज सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भी कोविड यूनिट आरम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसमें 25 बेड होंगे। इसमें आईसीयू एवं एचडीयू की सुविधा भी होगी। इस संबंध में इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर चर्चा की। चर्चा के पश्चात निर्णय लिया गया कि कोविड मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में कोविड यूनिट आरंभ किया जाए। इस कोविड यूनिट में 25 बेड होंगे, इसमें गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी। इससे बीएसपी प्रबंधन में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा।
कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर आज अस्पताल में कोविड यूनिट के लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक आवश्यक सुविधाओं पर चर्चा की। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी सामग्रियां उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की जरूरतों से संबंधित, साथ ही कोरोनावारियर्स के लिए की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण पीपीई किट वगैरह सभी सुविधाएं इस केंद्र में उपलब्ध होंगे। उल्लेखनीय है कि परसों ही 6 निजी अस्पतालों को भी जिला प्रशासन ने कोविड के मरीजों के इलाज की अनुमति दी है यह सुविधा उन मरीजों के लिए है जो शासकीय अस्पतालों में इलाज का लाभ नहीं लेना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार कोविड मरीजों के इलाज की निगरानी एवं उन्हें दी जा रही सुविधाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है।
कल ही विधायक देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं अन्य अधिकारियों ने कोविड केयर सेंटर कचांदूर एवं शंकराचार्य हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि निजी अस्पतालों के आरंभ होने से इलाज की अतिरिक्त क्षमता जिले में उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन द्वारा तेजी से कोविड संक्रमण को थामने के संदर्भ में निर्णय लिए जा रहे हैं कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य तेज किया जा चुका है। हर दिन लगभग हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके पश्चात मरीजों को अस्पताल पहुंचाने एवं इनके प्राइमरी कांटेक्ट की व्यवस्था की जा रही है। कलेक्टर ने सभी निगम अधिकारियों को एवं पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है कि हॉटस्पॉट एरिया में किसी भी तरह से कोताही नहीं बरतें, संक्रमण को उन्हीं स्थानों तक सीमित रखने की दिशा में काम करना है।
जहां पर संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले सामने आ रहे हैं। वहां पर तेजी से सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिन लोगों को सर्दी खांसी की शिकायत आ रही है उनके सैंपल भेजे जा रहे हैं साथ ही डेटाबेस के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही है। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। काढ़ा वितरण के महा अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्टॉल लगाकर काढ़े के वितरण करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा माह का शुभारंभ शुक्रवार 04 सितंबर को कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इस उदघाटन समारोह सह काव्य पाठ के मु य अतिथि कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासनसुरेश कुमार दुबे थे एवं विशिष्ट अतिथि महाप्रबंधक प्रभारी (कार्मिक) सुश्री निशा सोनी,एवं अध्यक्षता, महाप्रबंधक संपर्क प्रशासन एवं जनसंपर्क जेकब कुरियन ने की तथा इस कार्यक्रम का संयोजन उप महाप्रबंधक (संपर्क एवं प्रशासन) एवं राजभाषा प्रभारी श्री सौमिक डे की।
कार्यक्रम में उप महाप्रबंधक संपर्क एवं प्रशासन एवं राजभाषा प्रभारी सौमिक डे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सितंबर माह को राजभाषा पखवाड़ा के रूप में मनाने के लिए संयंत्र स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि 08 सितंबर, 2020 को तात्कालिक निबंध लेखन प्रतियोगिता के रूप में प्रथम प्रतियोगिता आयोजित होने जा रही है, जिसके पश्चात 10 सितंबर को काव्य लेखन, 16 सितंबर 2020 को संयंत्र के महिला कार्मिकों हेतु चित्र देखो-कहानी लिखो एवं 18 सितंबर को क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। सभी प्रतियोगिताओं में प्रविष्टियाँ सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार की जायेगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जेकब कुरियन ने कहा कि आप सभी जानते ही हैं कि प्रतिवर्ष सितंबर माह में संयंत्र प्रबंधन द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। किंतु इस वर्ष परिस्थितियां कुछ अलग व विपरीत भी हैं इसलिए हमने इन प्रतियोगिताओं का तरीका बदला है किंतु मुझे पूरा विश्वास है कि इससे इनमें भाग लेने वाले हमारे संयंत्र के हिंदी प्रेमी कार्मिकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आएगी, क्योंकि यूनिकोड एवं गूगल वायस टाइपिंग जैसे टूल्स के माध्यम से अब आप बहुत ही आसानी और सरलता से अपनी विचारों को देवनागरी लिपि में प्रकट कर सकते हैं और यही इस राजभाषा पखवाड़े का उद्देश्य भी है। हम बिना किसी झिझक के, बिना किसी परेशानी के हिंदी के प्रचार-प्रसार में जितना सहयोग कर सकते हैं, करें।
उद्घाटन समारोह में संयंत्र के कार्मिक क िकिशोर तिवारी,आलोक शर्मा एवं हेमंत जगम द्वारा स्वरचित कविताओं का पाठ कर सभागार एवं विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की वाह-वाही लुटी। कवियों को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जेकब कुरियन द्वारा सम्मानित किया गया। अंत में आभार-प्रदर्शन कर इस उद्घाटन समारोह का समापन किया गया, जिसमें राजभाषा विभागीय टीम ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई सेक्टर 6 में बन रहे नए इंग्लिश मीडियम स्कूल का निरीक्षण आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने किया! इस दौरान जिले के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी उपस्थित रहे! सेक्टर 6 इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए किए जा रहे मॉडिफिकेशन कार्य का जायजा उन्होंने लिया! निरीक्षण में उन्होंने पेंटिंग कार्य, शौचालय, खिड़की, दरवाजे, खेल मैदान, पार्किंग एरिया आदि का जायजा लेकर अधिकारियों को उचित निर्देश दिए! श्री शुक्ला ने बायोलॉजी, केमिस्ट्री एवं फिजियोलॉजी लैब का भी निरीक्षण किया! लाइब्रेरी एवं कक्षाओं में पहुंचकर वेंटीलेशन की व्यवस्था देखी! उन्होंने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के द्वारा बनाए गए शिक्षा संबंधी प्रेरणादायक आर्ट को देखकर इसकी तारीफ की !
उल्लेखनीय है कि भिलाई में दो इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने हैं खुर्सीपार के अंडा चौक स्थित स्कूल एवं सेक्टर 6 स्कूल का मोडिफिकेशन किया गया है! सेक्टर 6 स्थित स्कूल में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी लैब को एक नए रूप में तैयार किया गया है ताकि विद्यार्थी आसानी से अपने प्रैक्टिकल कार्य यहां पर कर सकें! लैब में गैस कनेक्शन, प्लेटफार्म, वाटर सप्लाई, इक्विपमेंट को सुरक्षित रखने के लिए छोटे-छोटे खंड तैयार किए गए है! लाइब्रेरी में विद्यार्थियों की क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें पूर्व से लगे हुए पार्टीशन को हटाया गया है! पहले छतों से सीपेज की शिकायत प्राप्त होती थी जिसे फ्लोरिंग कर ठीक किया गया है! स्कूल को आकर्षक बनाने के लिए बरामदा में पेंटिंग की गई है! बच्चे बारिश में भी प्रार्थना कर सकें इसके लिए बरामदा में लाइट लगाई गई है!
स्कूल के पीछे पहले कचरा पसरा रहता था और टूटी हुई सेप्टिक टैंक थी जिसे सफाई करा कर इसे खेल मैदान के रूप में विकसित किया जा रहा है, पानी जमा होने के कारण बीएसपी के मेन सीवर लाइन से जोड़ा गया है जिसके कारण यह क्षेत्र खेल मैदान के लिए तैयार हो रहा है! शौचालयों का संधारण कर दरवाजा इत्यादि को व्यवस्थित कर दिया गया है! क्लास रूम में बैठक के लिए कुर्सी टेबल की उचित व्यवस्था की गई है! डॉ आलोक शुक्ला ने स्कूल के निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर भूरे एवं निगमायुक्त रघुवंशी से स्कूल के शैक्षणिक विकास के संबंध में चर्चा की! निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल, जोन आयुक्त महेंद्र पाठक, सहायक अभियंता सुनील जैन, उप अभियंता श्वेता महेश्वर एवं स्कूल स्टाफ मौजूद रहे!
दुर्ग ( चरोदा ) / शौर्यपथ / दुर्ग-भिलाई ही नही पूरे प्रदेश और देश में कोरोना संक्रमितों की अप्रत्यासित वृद्धि हो रही है। इसके कारण अब लोगों में दहशत भी फैलने लगा है। इसी दहशत में बिते शाम एक युवक की मौत हो गई। भिलाई-चरोदा नगर निगम के ग्रामीण वार्ड सोमनी में गुरुवार की शाम को एक अच्छे खासे स्वस्थ्य युवक की सदमें से इसलिए मौत हो गई कि उसके मां, पिता व दादा में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई थी, उसके बाद यह युवक बहुत ही सदमे में आ गया और इसके कारण उसको हार्टअटेैक हो गया जिससे उस युवक की मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 31 अगस्त को सोमनी गांव के एक अधेड़ व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस व्यक्ति को उपचार हेतु भेजने के बाद चाृर सितंबर को परिवार के अन्य सदस्यों का सेम्पल लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया। इसमें 31 अगस्त को संक्रमित व्यक्ति के बुजुर्ग पिता तथा पत्नी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जबकि पुत्र, उसकी पत्नी व उनके बच्चे में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं मिला। लेकिन दादा, पिता व मां में कोरोना संक्रमण का पता चलते ही निगेटिव होने के बावजूद युवक में घबराहट बढऩे लगी और शाम 7.30 बजे के आसपास घर पर ही तबियत बिगडऩे से उसने दम तोड़ दिया।
इस अप्रत्याशित घटना को लेकर सोमनी गांव में नाराजगी का आलम है। लोगों का नगर निगम प्रशासन व स्वास्थ्य विभभाग पर आरोप है कि 31 अगस्त को परिवार के एक सदस्य में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद घर का सेनिटाइजेशन नहीं कराया गया। वहीं परिवार के सदस्यों की जांच में भी चार दिन की अतिरिक्त समय लिया जाना घातक साबित हुआ।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / अगस्त के द्वितीय सप्ताह से लेकर अब तक का समय कोरोना का सबसे खतरनाक काल कहा जा सकता है। शुरू से ही दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव मरीजों की विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं की है। विभाग की उक्त सावधानी मरीज को अन्य लोगों की जानकारी से बचाते हुए कार्य करने की रही है। अब विकट परिस्थिति में कंटनमेंट जोन बनाया जाना भी बंद कर दिया गया है, जिससे यह भी पता नहीं लग पा रहा है कि किस क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है।
जानकारी के अभाव में आम जनता को संक्रमित क्षेत्र और संक्रमित मरीज से बचाने में आने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को विशेष पहल करते हुए मरीजों के विषय में विस्तृत जानकारी नाम और निवास सहित उपलब्ध कराया जाना जनहित में हो सकेगा यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि संक्रमित व्यक्ति समाज का प्रिय एवं अभिन्न व्यक्ति है उसके प्रति लोगों की सवेदना जुड़ी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कचरू प्रसाद शर्मा ने कहा कि उक्त बातों को ध्यान में लाते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन से जनहित की भलाई के लिए यह कदम उठाने का निवेदन किया है कि कोरोना मरीजों के संबंध में विस्तृत जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से सामने लाई जा सके तो बहुत बड़े क्षेत्र को संक्रमण में जाने से बचाया जा सकेगा। शर्मा ने कहा कि विगत सप्ताह भर से राजनांदगांव जिला कोरोना का मुख्य केंद्र बन चुका है। मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचएसओ कार्यालय तथा अन्य सरकारी कार्यालय के कर्मचारी भी इसकी चपेट में आ चुके है। ऐसे कौन से क्षेत्र है जहां पर आम जाना प्रतिबंधित होना चाहिए और क्योंघ् यह बताया जाना अब लाजिमी जान पड़ रहा है। खुद स्थानीय प्रशासन नगर पालिका से लेकर कलेक्टोरेट कार्यालय और जिला, जनपद को भी आमजनों के लिए बंद किया जा चुका है। तब क्यों न संक्रमित व्यक्ति के नाम और पड़ोस की जानकारी सार्वजनिक करते हुए हर आम और खास वर्ग को उस क्षेत्र में जाने से रोका जाये, ताकि संक्रमण का फैलाव जान लेवा न बन सके।
शर्मा ने यह भी कहा कि जब राजनीतिक क्षेत्र के लोगों सहित बड़े व्यापारी आदि के नाम का खुलासा किया जा सकता है, तब जमीन से जुड़े और जनसामान्य वर्ग के लोगों का नाम संक्रमित होने के बाद क्यों नहीं दिया जा सकता, यह गाईड लाईन जारी करने वालों को भी एक बार पुन: सोचना होगा।
बेमेतरा/नवागढ़ / शौर्यपथ / भूमिगत मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई पर चलने के बावजूद प्रशासनीक दबाव डालकर पीडि़त पक्ष को प्रताडि़त करने की शिकायत को लेकर कृष्णा ध्रुव ने राज्यपाल एवं कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन दिया है।शिकायत में कृष्णा ने उल्लेख किया कि विगत 10 जुलाई को नवागढ़ तहसीलदार द्वारा मेरे मकान व दुकान को माननीय उच्चन्यायालय के स्टे आर्डर के बाद जानकारी होने के बावजूद तोड़ दिया गया। जिसपर मकान के मुआवजे तथा तहसीलदार द्वारा न्यायालय के आदेश की अवमानना को लेकर सुनवाई चल रही है । इस मामले की शिकायत पहले भी राज्यपाल के समक्ष मैने की कुछ दिनों पहले की थी।
मामला न्यायालय के प्रक्रिया में होने के बाद भी बार बार राजनीतिक दबाव के चलते न्यायलीन मामले को नजरअंदाज करते हुए टुटे हुए मकान के मलबे को उठाने के लिए जे.सी.बी. व ट्रेक्टर लगाया गया था । जिसे पूछताछ करने पर प्रशासन का मौखिक आदेश बताया गया था, इस मामले की तत्काल में कलेक्टर के समझ शिकायत की गई थी, तब जा कर कार्य को रोका गया। इसके अतिरिक्त और भी कई बार मलबे को उठाने की कोशिश की गई है तब मेरे साथ बहस भी किया गया ।
कृष्णा ने बताया कि चूंकि मुझ गरीब आदिवासी के दुकान को तोडऩे से मेरे समक्ष रोजी - रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इसलिए मैने उसी भूमि पर टेन्ट लगाकर चाय दुकान का संचालन कर रहा हूँ लेकिन पुन: राजनीतिक दबाव कर अधिकारियों ने आकर टेन्ट को हटाने को लेकर धमकी दी और जेल भेजने की बात जबकि यह मामला न्ययालय का है । कृष्णा ने मांग किया है कि बार - बार राजनीतिक दबाव के चलते मुझ गरीब आदिवासी को प्रताडि़त करने वाले मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल सक्त कार्यवाही करने की कृपा करें ।
रायपुर / शौर्यपथ / 4 सितंबर को विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस दुनिया भर में यौन स्वास्थ्य के बारे में अधिक से अधिक सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। यौन स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से देखने के लिए कामुकता और यौन संबंधों के लिए सकारात्मक और सम्मानजनक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस -2020 का थीम " कोविड-19 के समय में यौन आनंद " विषय पर आधारित रखा है।
विभिन्न यौन गतिविधियों से संबंधित सामान्य लोगों के बीच में मिथक व जागरुकता के अभाव में हमेशा यौन स्वास्थ्य में गिरावट एक खतरनाक संकेत है। मनोचिकित्सक डॉ. सुचीता गोयल का कहना है समाज में यौन स्वास्थ्य के प्रति गलत धारणाओं की वजह से लोग मानसिक रुप से तनाव से जुझते रहते हैं। तनावग्रस्त लोगों में अवसाद अधिक होने पर वे आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं। डॉ. गोयल कहती हैं, यौन संबधित किसी भी तरह के मानसिक विकार उत्पन्न होने पर मनोचिकित्सक से सलाह लेने की बहुत जरुरत होती है। कोविड-19 से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने को लेकर सावधानी बरतनी जरुरी है। क्योंकि ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ-19 एक श्वसन संबंधी रोग है, इसलिए लार के साथ सीधा हमारा संपर्क होता है।
मनोरोग चिकित्सक डॉ. गोयल का कहना है पुरुष ज्यादा समय घर से बाहर नौकरी सहित व्यवसाय के संबंध में कई लोगों के संपर्क में आते हैं। ऐसे में जब वापस घर आते हैं तो अपने पाटर्नर से यौन संबंध बनाने के लिए मास्क व कंडोम का उपयोग कर सावधानियां बनाए रख सकते हैं। कोरोना वायरस सांसों के जरिये मुख से संक्रमण फैला सकता है। अपने साथी के साथ कोविड-19 के बारे में बात करें, पिछले 10 दिनों में बुखार, खांसी के लक्षण होने जैसे जोखिम का आकलन करें। घर के बाहर किसी के साथ भी सेक्स सहित निकट संपर्क को कम करना चाहिए।
मनोरोग चिकित्सक डॉ. गोयल बताती हैं, यौन रोगों में धातु सिंड्रोम भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृतियों में पाई जाने वाली एक सामान्य स्थिति है। इसमें पुरुष रोगी थकान, कमजोरी, चिंता, भूख न लगना, अपराध बोध और यौन रोग के अस्पष्ट मनोदैहिक लक्षणों का प्रदर्शित करते हैं, जिसके कारण रोगी को रात के उत्सर्जन में वीर्य की हानि होती है। हालांकि वीर्य के नुकसान का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने बताया इरेक्टाइल डिसफंक्शन (22-62त्न) और समय से पहले स्खलन (22-44त्न) सबसे आम तौर पर जुड़े मनोवैज्ञानिक रोग थे; जबकि अवसाद सिंड्रोम (40-42त्न), चिंता न्युरोसिस (21-38त्न), सोमाटोफ़ॉर्म / हाइपोकॉन्ड्रिआसिस (32-40त्न) धातु सिंड्रोम वाले रोगियों में सबसे अधिक मनोरोग संबंधी विकार है। धातु सिंड्रोम के प्रबंधन में यौन शिक्षा, विश्राम चिकित्सा और दवाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा इस तरह की शाररिक व मानसिक अवस्था के मिथकों से निपटने के लिए मानसिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ।
छत्तीसगढ राज्य एड्स कंट्रोल प्रोग्राम के अतिरक्त परियोजना संचालक डॉ.एस के बिंझवार ने बताया, कोविड-19 के समय सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए सावधानियां जरुरी है। इससे यौन जनित रोगों व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम और मास्क का उपयोग जरुरी है। कंडोम के उपयोग से एचआईवी एड्स जैसे यौन जनित रोगों के संक्रमण का खतरा नहीं होता है। उन्होंने कहा कोविड-19 सांस से संबंधित रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसे लार, छींकने और खांसने से निकलने वाली बूंदों से कोरोना संक्रमण फैलता है। इसलिए सेक्स के दौरान अतिरिक्त सावधानियां बरतनी जरूरी हो जाती है।
बालोद / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जनमेजय महोबे ने पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से फैलाव को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर द्वारा अधिसूचना जारी कर विस्तृत निर्देश प्रसारित किए गए हैं। जारी अधिसूचना के अनुसार महामारी रोग अधिनियम 1897(1897 का 3) की धारा 2, 3 एवं 4 के अधीन निर्मित छत्तीसगढ़ महामारी रोग कोविड-19 विनियम, 2020 के विनियम 12 (प्ग्) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग लाते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार के रोकथाम हेतु रक्षात्मक उपायों को अपनाने एवं उसका पालन कराए जाने को अनिवार्य घोषित की है:-
सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, अस्पतालों, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा।
कार्यालय, कार्यस्थलों एवं फैक्ट्री आदि में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। दो पहिया/चार पहिया वाहन के द्वारा यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उपरोक्त हेतु डिस्पोजेबल मास्क तथा कपड़े के मास्क का प्रयोग किया जा सकता है।
फेस कवर/मास्क उपलब्ध न होने की स्थिति में गमछा/रूमाल/दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो।
कपड़े का मास्क/फेस कवर/गमछा/रूमाल/दुपट्टा इत्यादि का पुन: प्रयोग साबुन से अच्छी तरह से साफ किए बिना न किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर थुकना प्रतिबंधित है।
होम क्वारेंटाईन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी होम क्वारेंटाईन संबंधी समस्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा।
कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किए जाने की दशा में महामारी रोग अधिनियम 1897(1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम के तहत निम्नानुसार जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा, अर्थात:- सार्वजनिक स्थलों में मास्क/फेस कवर नहीं पहनने की स्थिति में एक सौ रूपए, होम क्वारेंटाईन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में एक हजार रूपए, सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुए पाए जाने की स्थिति में एक सौ रूपए, दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में दो सौ रूपए। महामारी रोग अधिनियम 1897 (1897 का 3) के प्रावधानों के अधीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहायक उप-निरीक्षक (ए.एस.आई.) से अनिम्न अधिकारी द्वारा ही उपरोक्त जुर्माने की राशि की वसूली की जा सकेगी तथा जुर्माना अदा न करने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध महामारी रोग अधिनियम 1897 (1897 का 3) के अधीन निर्मित विनियम, 2020 के विनियम 14 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (1860 का 45) की धारा 188 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
बालोद / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जनमेजय महोबे ने पुलिस अधीक्षक, समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण हेतु दिशानिर्देश जारी किया गया है:- सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, अस्पतालों, कार्यस्थलों, यात्रा के दौरान, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क/फेस कवर धारण किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग (छह फीट की दूरी) का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। दुकानों/व्यवसायिक संस्थानों द्वारा ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग (छह फीट की दूरी) का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा।
वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी रोक हेतु निजी आयोजन सामान्यत: न किए जाने हेतु जनसाधारण को सलाह दी जाए। यदि अपरिहार्य कारणों से ऐसे आयोजन किए जाने की आवश्यकता हो तो सोशल/फिजिकल डिस्टेंस, फेसमास्क, थर्मल स्क्रीनिंग, हैण्डवाश तथा सेनिटाईजर सहित सावधानियॉ बरतते हुए आयोजन किए जाने की सलाह दी जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आयोजन स्थल पर सीमित संख्या में व्यक्तियों की उपस्थिति हो।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
