October 23, 2025
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रायपुर

रायपुर (6236)

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया नवीन विधानसभा भवन का निरीक्षण
विधानसभा भवन निर्माण कार्य अंतिम चरण में, निर्धारित समय पर होगा विधिवत लोकार्पण
रायपुर /शौर्यपथ/नवा रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का कार्य तीव्र गति से अपने अंतिम चरण में पहुँच रहा है। आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह तथा उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने विधानसभा भवन स्थल पर पहुँचकर निर्माणकार्य की प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य को निर्धारित समय-सीमा, सितम्बर 2025 तक हर हाल में पूर्ण किया जाए, ताकि राज्योत्सव (1 नवम्बर) के अवसर पर इसे जनता को समर्पित किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का यह रजत जयंती वर्ष है, जिसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। नवीन विधानसभा भवन का निर्माण कार्य अब पूर्णता की ओर अग्रसर है। रजत जयंती वर्ष पर राज्य को एक नया, भव्य विधानसभा भवन प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को राज्योत्सव कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया है, और उनके करकमलों से इस नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण प्रस्तावित है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नए विधानसभा भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है। आज विधानसभा सदन, विधानसभा अध्यक्ष का कक्ष, मुख्यमंत्री का कक्ष तथा सम्पूर्ण परिसर का अवलोकन कर निर्माण की प्रगति का निरीक्षण किया गया। निर्धारित समय पर नवीन विधानसभा भवन का विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।
नवीन विधानसभा भवन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का समुचित समावेश किया गया है। भवन में तीन प्रमुख विंग निर्मित किए जा रहे हैं – विंग-ए में विधानसभा सचिवालय, विंग-बी में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय सहित विधानसभा सदन व सेंट्रल हॉल, तथा विंग-सी में उप मुख्यमंत्रियों एवं अन्य मंत्रियों के कार्यालय स्थित होंगे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि नया विधानसभा भवन केवल एक शासकीय संरचना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक भव्यता एवं वैभव का प्रतीक बनेगा।
52 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित यह नवीन विधानसभा भवन आधुनिक तकनीकी विशेषताओं और सांस्कृतिक सौंदर्य से युक्त एक भव्य परिसर होगा। सदन में 200 विधायकों के बैठने की क्षमता के साथ-साथ 500 दर्शकों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी होगा। परिसर में 700 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है तथा दो प्रस्तावित सरोवर, प्रत्येक डेढ़ एकड़ क्षेत्र में, विकसित किए जाएँगे। निर्माण पूर्ण होने के पश्चात यह भवन न केवल छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा, बल्कि देशभर में अपनी विशिष्ट स्थापत्य शैली और उन्नत सुविधाओं के कारण एक मिसाल के रूप में स्थापित होगा।
निरीक्षण के दौरान श्री अजय जामवाल, श्री पवन साय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता श्री वी.के. भतपहरी उपस्थित थे।

  रायपुर//शौर्यपथ /प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एनआईए कोर्ट से ननों की जमानत से सच्चाई की जीत हुई। भाजपा ने अपने पोलिटिकल प्रोपोगंडा के लिए बेकसूर ननों को गिरफ्तार किया था। ननों पर तीन महिलाओं के धर्मांतरण का आरोप एवं मानव तस्करी का आरोप लगाया गया है, जबकि हकीकत यह है कि ये ननें जिन तीन महिलाओं को लेकर जा रही थी वे सभी बालिग है तथा अपने परिजनों की सहमति से नौकरी के लिए जा रही थी। जिन तीन महिलाओं को ननों के साथ पकड़ा गया था उनमें से एक ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि बजरंग दल के लोगों ने मारा-पीटा और धमकाया। हम लोग स्वेच्छा से नौकरी के लिए जा रहे थे। महिला ने यह भी बताया कि बजरंग दल के लोगों ने इन आदिवासी महिलाओं के साथ मारपीट भी किया था। एक तरफ भाजपा सरकार महिलाओं को रोजगार नहीं दे पा रही, महिलाएं रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर रही है। दूसरी तरफ स्वेच्छा से नौकरी के लिए बाहर जाने वाली महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा, उनकी मदद करने वालों पर झूठे आरोप लगाकर राजनीति की जा रही थी।
गृह मंत्री के जिले में पुलिस प्रताड़ना से आत्महत्या
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कवर्धा जिले के बोड़ला थाने के अंतर्गत पुलिस की प्रताड़ना और भाजपा सरकार में फैले भ्रष्टाचार के कारण एक युवक माखन लाल यादव ने आत्महत्या कर लिया। पुलिस ने चोरी के माल खरीदने के संदेह में उसके छोटे भाई गोपाल यादव को जेल में बंद कर रखा है।
बताया जाता है कि कुछ लोग युवक गोपाल के पास चांदी का गहना लेकर पहुंचे जिसे गोपाल ने वाट्सअप पर पोस्ट किया कि यह किसका है। इसी पोस्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों भाईयों को थाने बुला कर बैठा लिया तथा ढाई लाख रुपयों की मांग किया। पैसे नहीं देने पर दोनों को फंसाने की धमकी दिया। बड़े भाई को पैसे की व्यवस्था के लिए छोड़ दिया, उससे पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो विचलित होकर उसने आत्महत्या कर लिया, जिसका विरोध बोड़ला के लोगों ने चक्का जाम भी किया, जैसे ही बड़े भाई ने आत्महत्या किया तो छोटे भाई के खिलाफ पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर लिया।
गृह मंत्री के गृह जिले में आम आदमी प्रताड़ित हो रहा है, आत्महत्या करने को मजबूर है।
अरूण साव 717 सड़कों का कार्य आदेश सार्वजनिक करें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ है कि डेढ़ सालों में भाजपा सरकार ने मात्र 2 सड़कों की स्वीकृति दिया है वह भी मुंगेली ½ किमी की और मैनपाट में मात्र 0.45 मीटर की। इस खुलासे के बाद उपमुख्यमंत्री अरूण साव दावा कर रहे कि उनकी सरकार ने 717 सड़कें बनाई है। हमारी चुनौती है कि अरूण साव सही बोल रहे है तो इन 717 सड़को के कार्य आदेश को सार्वजनिक करें।
डेढ़ महीना हो गए स्कूल खुले अब तक स्कूली बच्चों की किताबें नहीं मिली
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि डेढ़ माह हो चुके हैं स्कूल खुले लेकिन अब तक यह सरकार बच्चों को किताब वितरित नहीं कर पाई है। इस सरकार के सरकारी सिस्टम में खामियों की सजा पूरे प्रदेश के बच्चे और शिक्षक भोगने मजबूर हैं। किताबें गोदाम में पड़ी खराब हो रही हैं और बच्चों के स्कूल बैग खाली हैं। स्कूलों में किताबों का पीडीएफ भेजा गया है, पीडीएफ से पढ़ा पाना शिक्षकों के लिए संभव नहीं है। भाजपा सरकार का फोकस शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने बिल्कुल नहीं है, यही कारण है कि अब तक बच्चों को ना किताब मिल पाया है, न गणवेश, साइकिल वितरण योजना तो इस सरकार में पूरी तरह से बंद हो गया है।
महाअष्टमी की छुट्टी रद्द किया जाना दुर्भाग्यजनक
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नवरात्रि में महाअष्टमी की मिलने वाली छुट्टी को भाजपा सरकार ने रद्द कर दिया है। कांग्रेस, सरकार के इस निर्णय का विरोध करती है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन पूजा का विशेष विधान है। यह छुट्टी रद्द नहीं की जानी चाहिए। सरकार अपना निर्णय वापस ले।

संपूर्णता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत
सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा विधायक सर्वश्री सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और गुरू खुशवंत साहेब भी सम्मान समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों  को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप विकास की रोशनी सुदूर गांवों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में वर्ष 2018 से आकांक्षी जिलों में काम शुरू हुआ है। विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आगे लाने का काम इसमें हो रहा है। इसके अंतर्गत शामिल गांवों में अलग-अलग सेक्टर में काम कर मानव सूचकांकों को सुधारा जा रहा है। उन्हें संतृप्ति के स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक-एक व्यक्ति के विकास और कल्याण से विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह में कहा कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में भौतिक प्रगति से अलग मानव सूचकांकों को बेहतर करने के लिए काम किए जा रहे हैं। लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें संतृप्त करने अहम इंडीकेटर्स पर काम हो रहे हैं जिनकी तरफ सामान्यतः ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। राज्य के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में और भी बेहतर काम हो, इसके लिए मैं सभी जिलों व विकासखंडों को शुभकामनाएं देता हूं। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने समारोह में संपूर्णता अभियान के दौरान किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों की जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य-सचिव श्री आशीष भट्ट, सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।
छह सूचकांकों पर अच्छा काम करने वाले जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत
आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।  
बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।

रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा का हुआ भव्य शुभारंभ
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने रायपुर-जबलपुर नई रेलसेवा को दिखाई हरी झंडी
रायपुर से जबलपुर तक का आरामदायक सफर 08 घंटे में होगा पूरा
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बढ़ेगी संपर्क सुविधा
पिछले एक दशक में रेलवे बजट में 21 गुना वृद्धि, 32 स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प
छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित
रायपुर-जबलपुर ट्रेन से पर्यटन, व्यापार और शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और नई सेवा के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। शुभारंभ के खास मौके पर गुजरात के भावनगर में आयोजित मुख्य समारोह से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मनसुख मांडविया तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली उपस्थित रहे। मुख्य समारोह में रीवा-पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस एवं भावनगर टर्मिनस-अयोध्या एक्सप्रेस का भी रीवा एवं भावनगर से शुभारंभ किया गया।
        मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे देश के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री  अश्विनी वैष्णव की विशेष पहल से आज तीन नई ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ हुआ है और इसमें छत्तीसगढ़ को भी रायपुर-जबलपुर नई ट्रेन सेवा की बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने नई रेल सेवा के लिए प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ का रेल का बजट 21 गुना बढ़ा है और इस साल 6 हजार 900 करोड़ की राशि मिली है।  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित है, जो छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क और यात्री सुविधाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को 680 करोड़  की लागत से सर्वसुविधायुक्त बनाने के साथ ही पूरा कायाकल्प जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित और वहां भी  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने नई रेल परियोजनाओं की सौगात दी है। रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना सहित अन्य महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं भी हमारे छत्तीसगढ़ को मिली है, इसके लिए भी उन्होंने विशेष रूप से आभार जताया। श्री साय ने कहा कि रायपुर से जबलपुर के लिए वैकल्पिक रेल सेवा मिलने से पर्यटन, शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
   नई रेल सेवा मिलने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आस्था और पर्यटन के प्रमुख केंद्र जैसे मां बमलेश्वरी की भूमि डोंगरगढ़ और भेड़ाघाट सीधे इन बड़े शहरों से जुड़ पाएंगे।
         पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह रेलसेवा  छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बेहतर संपर्क का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी रायपुर से जबलपुर तक लगभग 410 किलोमीटर की दूरी को केवल 8 घंटे में तय करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के यात्री अब सुगमता के साथ गोंदिया, बालाघाट और जबलपुर  की यात्रा कर पाएंगे और इससे क्षेत्रीय व्यापार व पर्यटन को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'अमृत भारत स्टेशन योजना’ के माध्यम से प्रदेश के 32 स्टेशन का पुनर्विकास हो रहा है और रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े स्टेशनों में यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ रही है। उन्होंने नई कनेक्टिविटी के लिए बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क का और अधिक सशक्त विस्तार होगा।
     इस अवसर पर सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश, डीआरएम रायपुर श्री दयानंद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
     गौरतलब है कि यह नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तीन राज्यों को जोड़ रही है। यह ट्रेन रायपुर, गोंदिया और जबलपुर के बीच यात्रियों को तेज़, वैकल्पिक और सुगम मार्ग उपलब्ध कराएगी। इस नई सेवा से यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि व्यापार, शिक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भी यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि नियमित सेवा के तहत गाड़ी संख्या 11701 रायपुर से दोपहर 2:45 बजे प्रस्थान करेगी और रात 10:45 बजे जबलपुर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में गाड़ी संख्या 11702 जबलपुर से सुबह 6:00 बजे चलकर दोपहर 1:50 बजे रायपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 15 कोच होंगे, जिनमें एक एसी चेयर कार, चार चेयर कार, आठ सामान्य कोच, एक पावर कार और एक एसएलआरडी कोच शामिल हैं। यह सेवा व्यापारियों, विद्यार्थियों, पर्यटकों और दैनिक यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। रायपुर, डोंगरगढ़, बालाघाट, नैनपुर और जबलपुर जैसे शहर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व से समृद्ध हैं। नंदनवन जूलॉजिकल पार्क, माँ बमलेश्वरी मंदिर, कान्हा नेशनल पार्क, भेड़ाघाट और धुआंधार जलप्रपात जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुँच अब और आसान हो सकेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस नई रेलसेवा की शुरुआत कर यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह सेवा क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त बनाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी।

भक्ति, संस्कृति और समरसता का संगम रायपुर की भव्य कांवड़ यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सावन मास के पवित्र अवसर पर राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मारूति मंगलम भवन, गुढ़ियारी से हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक हेतु रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है और हमारे लोक-विश्वास की गहराई को प्रकट करता है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर पदयात्रा कर भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के महादेव घाट स्थित भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में जलाभिषेक हेतु एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। कांवड़ यात्रा जैसी आयोजन न केवल परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का भी संदेश देते हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, लोकसभा सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, रायपुर ग्रामीण विधायक  मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व सांसद  अभिषेक सिंह और रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

2 से 15 अगस्त तक तीन चरणों में होगा आयोजन
‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर केंद्रित होगा कार्यक्रम
रायपुर/शौर्यपथ / देशभर की तरह छत्तीसगढ़ में भी 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम का आयोजन 02 से 15 अगस्त 2025 तक तीन चरणों में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि आमजन में देशभक्ति की भावना का विकास हो और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान में वृद्धि हो। ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर आधारित यह कार्यक्रम तीन चरणों में संपन्न होगा—प्रथम चरण: 02 से 08 अगस्त, द्वितीय चरण: 09 से 12 अगस्त, और तृतीय चरण: 13 से 15 अगस्त 2025 तक।
अभियान के दौरान समस्त शासकीय भवनों एवं संस्थानों, आवासीय भवनों में तिरंगा फहराया जाएगा। भवनों को रोशनी से सजाया जाएगा, रंगोली बनाई जाएगी, और सेल्फी ज़ोन तैयार किए जाएंगे। कार्यक्रम की व्यापक सफलता सुनिश्चित करने हेतु पंपलेट, बैनर, स्टैंडीज़ आदि के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में जोरदार प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
यह अभियान नागरिक एकता और सामूहिक उत्सव की भावना पर आधारित है, जिसमें स्वतंत्रता के साथ-साथ स्वच्छता और जल संरक्षण के संकल्प को भी समाहित किया गया है।
प्रथम चरण (02 से 08 अगस्त) के अंतर्गत विद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों को तिरंगा आर्ट से सजाया जाएगा। इस दौरान रंगोली प्रतियोगिताएं, तिरंगे के स्थानीय इतिहास पर प्रश्नोत्तरी, तिरंगा राखी निर्माण हेतु कार्यशालाएं एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर तीन रंगों के धागों से तिरंगे की बुनाई का प्रदर्शन भी होगा। विद्यालयों में तिरंगे के मूल्यों और उसकी भावना से प्रेरित पत्र लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
द्वितीय चरण (09 से 12 अगस्त) के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर जनसहभागिता से तिरंगा मेला और तिरंगा कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली व्यक्तियों और खिलाड़ियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। तिरंगा कंसर्ट में देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त तिरंगा रैली, बाइक और साइकिल रैली का आयोजन भी किया जाएगा।
तृतीय चरण (13 से 15 अगस्त) में शासकीय भवनों, शैक्षणिक संस्थानों, होटलों, कार्यालयों, बांधों एवं पुलों पर तिरंगा फहराया जाएगा तथा रोशनी की जाएगी। इसी अवधि में स्वच्छता और जल संरक्षण से संबंधित विविध गतिविधियां भी संपन्न की जाएंगी।
‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम में जिले के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों आदि के समस्त कर्मचारियों एवं उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्पोरेट एवं निजी संगठनों को भी सीएसआर संसाधनों सहित इस अभियान में भाग लेने और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
संस्कृति विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार की वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए आमजन को ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम में सक्रिय रूप से सहभागी बनने हेतु प्रेरित किया जाएगा। साथ ही ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ विषयक सभी गतिविधियों को वेबसाइट www.harghartiranga.com से लिंक कर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों के सरपंचों, नगरीय निकायों के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। स्थानीय स्व-सहायता समूहों को तिरंगे के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तथा ग्राम पंचायतों में तिरंगे की बिक्री एवं वितरण के लिए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। राज्य के सभी जिलों में डाकघर और उचित मूल्य की दुकानें तिरंगे के वितरण-बिक्री केंद्र के रूप में कार्य करेंगी। आमजन की अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु टोल नाकों, चेक पोस्टों आदि पर पंपलेट्स और स्टीकर्स का वितरण किया जाएगा।

रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ को रेल सेवाओं के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भारत सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सूचित किया है कि रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को 3 अगस्त 2025 को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि भारत सरकार छत्तीसगढ़ में रेलवे सेवाओं और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में ₹44,657 करोड़ की लागत से विभिन्न रेलवे परियोजनाएं प्रगति पर हैं। वर्ष 2025 के बजट में छत्तीसगढ़ को रिकॉर्ड ₹6,925 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है, जिनमें से 5 स्टेशनों का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में दो वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी पहले से जारी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उदाहरण हैं।
रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन न केवल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि इससे व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संपर्क को भी नई गति मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिससे जनता को सुविधाजनक और आधुनिक रेल सेवाओं का लाभ मिल रहा है।

नई दिल्ली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान राज्य की महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं, विशेषकर बस्तर क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल को अवगत कराया कि बोधघाट परियोजना बस्तर की सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र दशकों से विकास की मुख्यधारा से पीछे रहा है। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र को नक्सल हिंसा से मुक्त कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बस्तर के लिए प्रस्तावित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि बस्तर क्षेत्र में अब नक्सल प्रभाव में उल्लेखनीय कमी आई है और विकास कार्यों के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। ऐसे में बोधघाट जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण संबंधी आवश्यक पहल करने के विषय में विस्तार से चर्चा की।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए परियोजना से संबंधित प्रस्तावों का शीघ्र तकनीकी परीक्षण कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री साय ने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार के सहयोग से बोधघाट परियोजना शीघ्र साकार रूप लेगी और यह बस्तर की आर्थिक उन्नति और सामाजिक बदलाव का प्रमुख आधार बनेगी।

पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशु मालिकों पर होगी कार्रवाई
बालोद/शौर्यपथ /बालोद जिले में सड़क दुर्घटना में कमी लाने, बेहतर आवागमन की व्यवस्था बनाने तथा पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने अपने अनुविभाग स्तर पर आदेश जारी किया है। जिसके तहत पशु मालिकों द्वारा अपने पशुओं को बांधकर रखा जाएगा। पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 03 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत पशु मालिकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा जारी आदेश के अनुसार आवागमन हेतु निर्धारित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यीय राजमार्ग एवं स्थानीय मार्गो में लगातार सड़क दुर्घटना घटित हो रहा है, जिसका एक प्रमुख कारण स्थानीय पशु मालिकों द्वारा लापरवाही व गैर जिम्मेदारीपूर्वक पशुओं को सड़क एवं सार्वजनिक स्थल पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है। इन आवारा पशुओं के कारण न केवल आवागमन बाधित होता है अपितु जनहानि, पशुहानि एवं मालहानि जैसी गंभीर घटना घटित होता है। जिससे कानून एवं लोक शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। इन आवारा पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से अत्यावश्यक सेवा एवं आपातकालीन सेवा देने वाले वाहनों का आवागमन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। यदि इन आवारा पशुओं के मालिकों द्वारा इन पशुओं को सडक अथवा सार्वजनिक स्थलों में न छोड़कर उचित प्रबंधन एवं रख रखाव किया जाता है तो होने वाली मानव जीवन की क्षति, पशु क्षति, संपत्ति की क्षति तथा कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने से बचा जा सकता है। उपरोक्तानुसार पशुओं पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से घटित गंभीर सड़क दुर्घटना का माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी डब्लूपी (पीआईएल) 58/2019 में संज्ञान लिया जाकर राज्य शासन से जवाब चाहा गया है। इस प्रकार सड़क पर एकत्रित आवारा पशु न केवल आमजन के आवागमन में बाधक या सड़क दुर्घटना का कारण है अपितु प्रशासनिक समस्या भी बन चुका है। जिसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार इन आवारा पशुओं के लापरवाह व गैर जिम्मेदार पशु मालिक है। पशु मालिकों का इस प्रकार गैर जिम्मेदाराना एवं लापरवाहीपूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत तथा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11 (1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है।
उपरोक्त वर्णित तथ्यों के प्रकाश में सभी तथ्यों पर विचार करने के उपरांत इस क्षेत्र में मानव, पशु जीवन, लोकहित, लोक सुरक्षा, कानून एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुझे यह समाधान हो गया है कि अनुविभाग डौण्डी के विभिन्न मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों में विभिन्न पशु मालिकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को स्वतंत्र रूप से छोड़े जाने से रोका जाना आवश्यक हो गया है। इनके द्वारा छोड़े गये पशुओं से मार्ग अवरूद्ध न हो एवं जन सामान्य, पशुओं की सुरक्षा तथा सुविधा के साथ-साथ आपातकालीन एवं अत्यावश्यक सेवा के निर्बाध व शांतिपूर्ण ढंग से संचालन तथा कानून व्यस्था की दृष्टि से इस क्षेत्र को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने जारी आदेश में कहा है कि उपरोक्त तथ्यों से संतुष्ट होते हुए आमजन पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु तथा जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 अंतर्गत यह आदेश पारित करता हूँ कि अनुविभाग अंतर्गत सभी पशु मालिक अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे। इन पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से नहीं छोड़ेंगे ना एकत्रित होने देंगे अन्यथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत सजा एवं जुर्माना से दण्डित किया जावेगा साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।
चूंकि इस आदेश को पारित करने के पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई का तथा साक्ष्य प्राप्त करने का अवसर दिया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश आज 31 जुलाई 2025 को एकपक्षीय पारित किया जा रहा है, जो आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा।

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