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रायपुर /शौर्यपथ संवाददाता /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को राजधानी रायपुर में विभिन्न शासकीय एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होकर दिनभर अत्यंत व्यस्त नजर आयेंगे । उनकी दिनचर्या में शासन, संगठन, और जनप्रतिनिधियों से जुड़े अहम मुद्दों पर संवाद, समीक्षा और निर्णय शामिल रहेगे।
मुख्यमंत्री दोपहर 1:30 बजे अपने सिविल लाइन स्थित निवास से कार्यक्रमों की श्रृंखला के लिए रवाना हुए।
? मुख्यमंत्री की आज की प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार :
01:40 PM – होटल बेबीलोन इंटरनेशनल, जीई रोड, रायपुर पहुंचकर राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक - छत्तीसगढ़ क्षेत्र का शुभारंभ एवं संबोधन
02:30 PM – कार्यसमिति बैठक में भागीदारी जारी
02:40 PM – होटल से प्रस्थान कर सिविल लाइन स्थित निवास आगमन
06:30 PM – नवीन मुख्यमंत्री निवास, अटल नगर रायपुर पहुंचना
07:00 PM – विधायक दल की बैठक
09:00 PM – आराम और आतिथ्य
09:30 PM – नवीन मुख्यमंत्री निवास से प्रस्थान कर सिविल लाइन निवास आगमन
10:00 PM – रात्रि विश्राम
?️ राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व:
राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास कार्यों, संगठन की मजबूती, और जनकल्याण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के विषय में चर्चा । वहीं विधायक दल की बैठक में आगामी रणनीतियों और जमीनी कार्यों पर चर्चा की संभावना ।
मुख्यमंत्री साय के आज के कार्यक्रमों से यह संदेश स्पष्ट जाता है कि उनकी सरकार और संगठन दोनों स्तरों पर गति, संवाद और संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं।
शौर्यपथ संवाददाता/रायपुर/
रायपुर नगर निगम क्षेत्र के प्रमुख स्थलों में से एक पचपेड़ी नाका का नाम बदलने की अधिसूचना जारी होते ही पूरे शहर में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उबाल देखने को मिला। जहां एक ओर नगर निगम की ओर से नाम परिवर्तन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय संगठनों, राजनीतिक दलों और आम नागरिकों ने कड़ा विरोध जताया।
नगर निगम की अधिसूचना ने मचाई हलचल
नगर निगम रायपुर ने बीते दिनों एक अधिसूचना जारी कर पचपेड़ी नाका का नाम बदलने के प्रस्ताव पर आपत्तियाँ और सुझाव आमंत्रित किए थे। इस अधिसूचना ने स्थानीय समाज और संगठनों को चौंका दिया, क्योंकि पचपेड़ी नाका रायपुर की ऐतिहासिक सांस्कृतिक पहचान का केंद्र रहा है।
विरोध में उतरीं ये संस्थाएँ और संगठन:
छत्तीसगढ़ जोहार पार्टी: इस संगठन ने सबसे पहले खुलकर विरोध किया। उनका कहना था कि यह कदम “आदिवासी सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ़ है।” पार्टी ने महापौर को ज्ञापन सौंपते हुए नाम परिवर्तन को "सांस्कृतिक आक्रोश" से जोड़ा। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज, प्रबुद्ध नागरिक मंच, संस्कृति बचाओ मोर्चा, लोक साहित्य समिति जैसे कई संगठनों ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर विरोध जताया।
सोशल मीडिया पर विरोध:
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #SavePachpediNaka ट्रेंड करता रहा। युवाओं और छात्रों ने भी इस पर वीडियो बनाकर विरोध जताया।
महापौर मीनल चौबे का पलटवार बयान
स्थिति बिगड़ती देख रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे ने मीडिया में स्पष्ट कहा: “पचपेड़ी नाका का नाम बदलने का कोई निर्णय निगम स्तर पर नहीं लिया गया है। यह मात्र एक विभागीय प्रक्रिया थी।”हालाँकि, विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि यदि अधिसूचना जारी हुई थी, तो महापौर की जानकारी में कैसे नहीं थी? वे इसे राजनीतिक दबाव में लिया गया यू-टर्न मानते हैं।
समर्थन करने वालों की भी मौजूदगी
इस बीच कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने नाम परिवर्तन का समर्थन भी किया.इनका मानना था कि पचपेड़ी नाका का नाम किसी महान व्यक्ति या आधुनिक प्रतीक पर आधारित होना चाहिए। रायपुर शहर में कई पुराने स्थानों के नाम बदले गए हैं — यह आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है।हालांकि इस पक्ष को बहुमत का समर्थन नहीं मिल पाया।
पचपेड़ी नाका: सिर्फ एक चौराहा नहीं, पहचान का प्रतीक
पचपेड़ी नाका, रायपुर का एक ऐतिहासिक द्वार है जहाँ से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का जुड़ाव होता है। यह न केवल ट्रैफिक हब है, बल्कि आदिवासी संस्कृति, धार्मिक मेलों, व्यापार और स्थानीय बोली के आदान-प्रदान का केंद्र रहा है।
फिलहाल, नगर निगम ने नाम परिवर्तन प्रक्रिया को रोक दिया है। जन सुनवाई या प्रस्ताव की समीक्षा के लिए कोई नई तिथि घोषित नहीं की गई है। विरोध करने वाले संगठनों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने की चेतावनी दी है, यदि भविष्य में इस तरह की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई।
निष्कर्ष:पचपेड़ी नाका नाम बदलने का विवाद केवल नाम परिवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थानीय अस्मिता, सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक पारदर्शिता के बड़े सवाल खड़े करता है। रायपुर के नागरिकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी किसी भी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी और सहमति आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किया नया मुकाम:नई शिक्षा नीति से बदली तस्वीर, छत्तीसगढ़ में स्थानीय भाषाओं में मिल रही शिक्षा
मुख्यमंत्री ने पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है, और यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बीते वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां पहले प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, आज वहां 15 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साथ ही, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। गांव-गांव में स्कूल खोले गए हैं, और बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप महाविद्यालयों की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई गांवों के बच्चों के लिए केवल एक स्कूल होता था। मुझे याद है कि मैंने पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दूसरे गांव में दी थी, क्योंकि हमारे गांव में परीक्षा केंद्र नहीं था। आज छत्तीसगढ़ में छात्रों के लिए असीम अवसर मौजूद हैं और प्रत्येक बच्चे को इन अवसरों का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है, और इसी संकल्प को लेकर हम विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़ गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।
श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है।
रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा।
विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार श्री राज सैनी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की।
कार्यक्रम में पीएसवाय के प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार श्री महेंद्र गुप्ता, सीईओ श्रीमती शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
रायपुर, 11 जुलाई 2025 / शौर्यपथ संवाददाता
राजधानी रायपुर में न्यूज़18 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित भव्य ‘राइजिंग छत्तीसगढ़’ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य की विकास गाथा और भविष्य की दिशा को लेकर दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने जिस ऐतिहासिक विश्वास के साथ उन्हें सत्ता सौंपी है, उस पर वे समर्पित जनसेवक की तरह कार्य कर रहे हैं, और हर वर्ग के कल्याण को केंद्र में रखते हुए योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाया जा रहा है।
18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति उनकी सरकार की पहली कैबिनेट में दी गई, जिससे आज हज़ारों परिवारों को गृहप्रवेश का सौभाग्य मिल रहा है।
किसानों के लिए ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी प्रारंभ की गई है, जिसमें पिछली सरकार की दो वर्षों की बकाया राशि का भी भुगतान किया जा रहा है।
महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
चरण पादुका वितरण, तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस, और तीर्थदर्शन योजना जैसे कदम जनजातीय समाज को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक सिद्ध हो रहे हैं।
1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल केंद्र स्थापित हो चुके हैं, जिससे ग्रामीण जनता को बैंकिंग, सरकारी सेवाओं और डिजिटल सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। जल्द ही यह सुविधा सभी पंचायतों तक विस्तारित होगी।
रेडी टू ईट खाद्य निर्माण का कार्य फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया, जिससे आत्मनिर्भरता को नया बल मिला है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 31 मार्च 2026 की समयसीमा के अनुसार छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त राज्य बनाने का संकल्प लेकर उनकी सरकार गांवों में नियद नेल्लार योजना के अंतर्गत तेज़ी से विकास कार्य कर रही है।
"नक्सल प्रभावित इलाकों में हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, इंटरनेट जैसी सुविधाएं पहुंचा रहे हैं — यही असली जवाब है नक्सलवाद को,"
– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
?️ कॉन्क्लेव: संवाद और दृष्टिकोण का प्रभावशाली मंच
‘राइजिंग छत्तीसगढ़’ कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ की संभावनाओं, उपलब्धियों और आने वाले कल को लेकर अनेक विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए गए।
यह मंच शासन, सशक्तिकरण, नवाचार और जन भागीदारी के अद्भुत समन्वय का प्रतीक बना।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री डॉ. रामविचार नेताम, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, बुद्धिजीवी, पत्रकार और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
"हमारे विकास मॉडल में अंतिम व्यक्ति की भागीदारी और लाभ को प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ सिर्फ योजनाओं से नहीं, जनता के विश्वास से आगे बढ़ रहा है। यही 'राइजिंग छत्तीसगढ़' है।"
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मिस यूनिवर्स छत्तीसगढ़ 2025 डॉ. अंजली पवार ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने डॉ. अंजली पवार को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
भेंट के दौरान मुख्यमंत्री साय ने डॉ. अंजली पवार को छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्रों सहित प्रदेश के सभी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में पर्यटन विकास की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद उपस्थित थे।
रायपुर, 12 जुलाई 2025 / शौर्यपथ संवाददाता
छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों ने एक बार फिर राज्य का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। महासमुंद जिले के पिथौरा निवासी श्री प्रेम राजन रौतिया ने नेपाल के पोखरा में आयोजित एसबीकेएफ इंटरनेशनल गेम्स 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
31 अगस्त से 4 सितंबर 2024 के बीच आयोजित इस प्रतियोगिता में श्री रौतिया ने अंडर-30 कैटेगरी में 735 किलोग्राम भार उठाकर न केवल देश बल्कि छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित किया।
इस उपलब्धि के बाद श्री रौतिया ने आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई देते हुए कहा,
"प्रेम राजन रौतिया जैसे युवा खिलाड़ियों की मेहनत और संकल्प पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी यह जीत हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।"
इस सम्मानजनक अवसर पर छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री ध्रुव कुमार मिर्धा, श्री खेमराज बाकरे सहित मेहर रविदास समाज के अनेक प्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे। सभी ने श्री रौतिया को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
यह उपलब्धि न केवल राज्य के खेल इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है, बल्कि ग्रामीण अंचल से निकले खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को भी नई उड़ान देती है।
तामेश्वरी एवं रूपेश ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा तथा महेन्द्र एवं नोहर ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ मिलने से शिविर आयोजन की सराहना की
बुजुर्ग महिला कंुती और सुखिया बाई ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनने पर जताई खुशी
जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही हुए शामिल
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न ग्रामों में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन निरंतर जारी है। इसके अंतर्गत आज जिले के अंतिम छोर में कांकेर जिले के सीमा में स्थित गुरूर विकासखण्ड के सुदूर ग्राम पोड़ एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविरों में आदिवासी वर्ग के अनेक हितग्राहियों को विभिन्न शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभन्वित किया गया। आज आयोजित शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को नया आयुष्मान कार्ड, की सौगात मिलने के अलावा इन वर्गों के हितग्राहियों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से अपने समस्याओं के निराकरण तथा शासकीय योजनाओं के लाभ लेने के लिए प्रयासरत हितग्राहियों को उनके गांव में ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर के माध्यम से उनके बहुप्रतीक्षित मांगों एवं समस्याओं के निराकरण होने पर आदिवासी वर्ग के हितग्राही एवं ग्रामीण बहुत ही प्रसन्नचित नजर आ रहे थे। गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में श्रीमती तामेश्वरी एवं रूपेश कुमार बढ़ाई, श्री नोहर मण्डावी एवं श्रीमती अनसुईया प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत उनके खाता खुलने एवं बीमा करने की कार्रवाई से खुश होकर केन्द्र सरकार के द्वारा आयोजित इस लाभ संतृप्ति शिविर की भूरी-भूरी सराहना की। इसी तरह महेन्द्र कुमार, नोहर मण्डावी एवं रूपेश कुमार ने उनके ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत उनके खाता खुलवाने एवं बीमा करने की कार्रवाई पूरा होने पर प्रसन्नचित होकर शिविर आयोजन की मुक्त कंठ से सराहना की। इसी तरह आज अपने गांव पोड़ में ही आयोजित शिविर में अटल पेंशन योजना का लाभ मिलने से बुजुर्ग श्रीमती खुलेश्वरी बाई एवं श्री हनुमान सिंह ने उनके मांगों एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु आयोजित की जा रही इस लाभ संतृप्ति शिविर के आयोजन की भूरी-भूरी सराहना की है। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत उनके गांव में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में उन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने से अब उनको जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय तथा अन्य शासकीय कार्यालयों में आने-जाने की समस्या से मुक्ति मिली है। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित शिविर में पहुँची बुजुर्ग महिला कंुती और सुखिया बाई ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनने पर खुशी जताई। ग्रामीणों एवं हितग्राहियों ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्र सरकार के द्वारा हमारे जैसे अनेक आम नागरिकों के वास्तविक समस्याओं का पड़ताल कर लाभ संतृप्ति शिविरों के आयोजन के माध्यम से इसके निराकरण का अभिनव प्रयास किया गया है। वह वास्तव में अत्यंत जनहितैषी कदम एवं काबिले-तारीफ है। ग्रामीणों एवं हितग्राहियों ने आशा व्यक्त किया कि शिविरों के माध्यम से आदिवासी परिवार के अनेक हितग्राहियों के मांगों एवं समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरूर विकासखण्ड के ग्राम पोड़ में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 04 हितग्राहियोें को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 04 हितग्राहियोें को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 01 हितग्राहियोें को अटल पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 01 हितग्राही का जनधन खाता खोला गया। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम गुजरा में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 18 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड एवं 10 हितग्राहियों का जनधन खाता अंतर्गत खाता खोलने एवं बीमा करने की कार्रवाई की गई। इसके अलावा शिविर में पहुँचे लोगों का सिकलिन टेस्ट करने के अलावा ग्रामीणों एवं हितग्राहियों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार 14 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कोचवाही एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम भर्रीटोला 36 में शिविर का आयोजन किया गया है।
₹37.50 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर /शौर्यपथ /नारायणपुर जिले में ₹37 लाख 50 हजार के इनामी कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के ऊपर ₹50 हजार रुपए से लेकर ₹8 लाख तक के इनाम घोषित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि “लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं।” हमारी सरकार में अब तक कुल 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है, लोग हिंसा छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान हेतु हम पूर्णतः संकल्पित हैं। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रायपुर/शौर्यपथ / भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर द्वारा संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने की। कार्यशाला में विभाग से जुड़े खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा नापतौल विभाग के अधिकारियों ने सहभागिता दर्ज की।
भारतीय मानक ब्यूरो, रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एवं प्रमुख श्री एस. के. गुप्ता ने सचिव महोदया को प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों एवं स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात रायपुर शाखा कार्यालय के संयुक्त निदेशक श्री फालेन्द्र कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो की विभिन्न गतिविधियों का परिचय दिया।
प्रस्तुतीकरण में विशेष रूप से मानक निर्धारण की प्रक्रिया, समितियों की संरचना, ड्राफ्ट मानकों पर सुझाव और टिप्पणियों का आमंत्रण, तथा सार्वजनिक भागीदारी हेतु वाइड सर्कुलेशन ड्राफ्ट की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में आईएसआई मार्क योजना, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए सीआरएस योजना जैसे विभिन्न प्रमाणन कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही आईएसआई मार्क एवं सीआरएस मार्क वाले उत्पादों के लिए अनिवार्य प्रमाणन आदेशों तथा उनकी पहचान की विधियों पर प्रकाश डाला गया।
"Know Your Standards" फीचर के माध्यम से बीआईएस वेबसाइट पर मानक खोजने और डाउनलोड करने की प्रक्रिया को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही विभागीय क्रय प्रक्रियाओं में टेंडर तैयार करते समय क्यूसीओ के अनुपालन एवं प्रमाणन निरीक्षण की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया गया।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि टेंडर प्रक्रिया हेतु उत्पाद परीक्षण के लिए राज्य में किन-किन प्रमाणित प्रयोगशालाओं की सुविधा उपलब्ध है।
सोने एवं चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्क एवं एचयूआईडी संख्या की सत्यता जांचने की प्रक्रिया, अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश, हॉलमार्किंग केंद्रों की उपलब्धता, हॉलमार्किंग की प्रक्रिया तथा उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन जांच सुविधा की जानकारी भी प्रदान की गई।
कार्यशाला में मानकों के संग्रह का प्रदर्शन किया गया और "Standards Watch" की उपयोगिता से अवगत कराया गया। साथ ही शैक्षिक क्षेत्र में स्टैंडर्ड्स क्लब एवं एमओयू पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से बीआईएस की शैक्षणिक सहभागिता पर भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित हुआ, जिसमें उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान कर संतोषजनक उत्तर प्रदान किए गए।