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पात्र परिवारों को पक्का मकान दिलाना हमारी जिम्मेदारी : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
राज्य में 15 से 30 अप्रैल तक चलेगा मोर दुआर-साय सरकार महाभियान
रायपुर/शौर्यपथ / उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आज बस्तर जिले के ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के अंतर्गत 'आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा' के तहत 3 हितग्राहियों के घर जाकर ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। ग्रामवासियों से आत्मीय संवाद किया। उप मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।
इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों क्रमशः बृन्दावती भारती, दुलारी भारती और गुड्डुराम बघेल से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।
हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।
पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा सरकार भूली,भूख हड़ताल पर बैठे सचिव की मौत का जिम्मेदार कौन--डॉ. संदीप पाठक,सांसद, छग प्रभारी,AAP
रायपुर/शौर्यपथ /आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव, राज्यसभा सांसद और छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. संदीप पाठक जी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में पंचायत सचिवों की भूख हड़ताल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय मोदी गारंटी में भाजपा ने इन पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया था। सरकार बनने के लगभग डेढ़ साल बाद भी सरकार को इनकी सुध नहीं है। आज भूख हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की हार्ट अटैक से मौत हो गई वह पाली जनपद के ग्राम पंचायत कुटेला मुंडा में पदस्थ थे और 9 अप्रैल से ब्लॉक मुख्यालय में भूख हड़ताल पर थे।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर 17 मार्च 2025 से पंचायत सचिव हड़ताल पर हैं। कई सचिव सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ शीघ्र होने वाले हैं, जिनके पास पेंशन या किसी अन्य प्रकार का सहारा नहीं है। 1995-96 से अल्प वेतन पर सेवा दे रहे सचिव अब जीवनयापन के संकट से जूझ रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में इन लोगों को मोदी की गारंटी के तहत शासकीयकरण किए जाने का वादा किया गया था। राज्य में भाजपा की सरकार बने अब दो साल होने जा रहे है। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई।
भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के मोदी गारंटी घोषणापत्र में पंचायत सचिवों की मांगों पर सरकार बनने के 100 दिन के अंदर पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार को डेढ़ साल होने को है सरकार ने अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं की हैं।भाजपा ने रायपुर में 7 जुलाई 2024 को आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था कि इस दिशा में कार्य होगा और 2-3 माह के भीतर समिति बनाकर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पंचायत सचिवों की राज्यव्यापी हड़ताल से पीएम आवास से लेकर मनरेगा, पेंशन वितरण समेत पंचायतों से जुड़े मूलभूत कार्य प्रभावित हो रहे है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू जी ने कहा कि आम आदमी पार्टी राज्य सरकार से आग्रह करती है कि इन पंचायत सचिवों की जायज मांगों को सुना जाए और उनकी मांगों को पूरा करें, आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ पंचायत सचिवों के साथ खड़ी है और यदि इनकी मांगे पूरी नहीं होती तो पार्टी इसके लिए जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगी।
नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही कार्य: मुख्यमंत्री साय
अंतिम छोर तक योजनाओं का पहुंचे लाभ और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच हो सुनिश्चित - मुख्यमंत्री
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।
बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई।बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
550 से अधिक स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण, खुले में कचरा फेंकने, गंदगी करने पर दंड का प्रावधान
स्वच्छता बढ़ाने कचरा डिस्पोजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने व स्वच्छ शौचालय के साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर
रायपुर/शौर्यपथ /उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव की पहल पर शहरों में स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने तथा नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने 57 करोड़ 70 लाख रुपए जारी किए गए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने स्वच्छ एवं सर्वसुविधायुक्त शौचालयों के लिए 144 नगरीय निकायों को 42 करोड़ 58 लाख रुपए जारी किए हैं। इस राशि से 1389 शौचालयों की मरम्मत की जाएगी। इसके साथ ही स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव एवं संधारण के लिए 15 करोड़ 12 लाख रुपए भी मंजूर किए गए हैं। इस राशि से सामुदायिक शौचालयों के उन्नयन के कार्य किए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के निर्देश पर नगरीय निकायों में स्वच्छता अभियान की गति को और तेज करने, कचरा डिस्पोजल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने, नागरिकों को स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने तथा उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करने विभिन्न मदों से राशि जारी की गई है। इस राशि से शौचालयों की मरम्मत, सफाई तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के काम प्राथमिकता से किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय एक सुविधा से कहीं अधिक आम नागरिकों के दैनिक जीवन का हिस्सा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की उपेक्षा के कारण नगरीय निकायों में शौचालयों की स्थिति जर्जर थी, वे उपयोग के लायक नहीं थे। राज्य सरकार ने शौचालयों की आवश्यकताओं को देखते हुए स्वच्छ एवं सर्वसुविधायुक्त शौचालय सुनिश्चित करने के लिए राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि हम नागरिकों को स्वच्छता के प्रति सजग करने के साथ ही उन्हें स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
साव ने बताया कि नगरीय निकायों के सार्वजनिक स्थलों जैसे बाजार, बस स्टैंड, चौक-चौराहे एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मिशन मोड पर स्वच्छता लक्षित इकाइयों का चिन्हांकन कर स्वच्छता के कार्य किए जा रहे हैं। अब तक ऐसे 550 से अधिक स्थानों को सीटीयू या जीवीपी के रूप में चिन्हित कर स्वच्छ किया जा चुका है। इन स्थलों पर खुले में कचरा फेंकने या दोबारा गंदगी करने वालों के लिए दंड का प्रावधान भी किया गया है।
विभिन्न संस्थाओं और गतिविधियों के माध्यम से बढ़ाई जा रही सहभागिता
उप मुख्यमंत्री साव शौचालयों की गुणवत्ता में सुधार लाने नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने भी नगरीय निकायों के आयुक्तों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नागरिकों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। लोगों में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी नगरीय निकायों को प्रचार-प्रसार (आईईसी) मद से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। वॉल पेंटिंग, वेस्ट-टू-आर्ट से बनी कलाकृतियों तथा बैक लेन सौंदर्गीकरण के माध्यम से स्वच्छता संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, स्वसहायता समूहों आदि के सहयोग से स्वच्छता पखवाड़ा, सफाई चौपाल, नुक्कड़ नाटक, प्लॉग रन, स्वच्छता शपथ जैसे कार्यक्रमों से नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार की निरंतर कोशिशों से शहरों में स्वच्छता अभियान को नई गति मिली है। प्रदेश के सभी नगरीय निकाय स्वच्छता के इस जन आंदोलन से और अधिक प्रतिबद्धता से जुड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री साय स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त
अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई ग्राउंड में छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव को पदभार ग्रहण करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ पृथक राज्य का निर्माण किया। 2003 में जनादेश के बाद डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनाए गए जिनके नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हुआ। मुझे गर्व होता है यह बताते हुए कि डॉ सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में जो पीडीएस व्यवस्था बनाई गई। वह आज पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ पीडीएस व्यवस्था है। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेहद अनुभवी हैं रायपुर नगर निगम में सभापति और रायपुर विकास निगम के अध्यक्ष का दायित्व भी उन्होंने निभाया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि यह कॉर्पाेरेशन सिर्फ एक संस्था नहीं है, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का सेतु है। यह एकमात्र निगम है जो प्रदेश की 75 प्रतिशत जनता से जुड़ा हुआ है। राशन की एक-एक दुकान की मॉनिटरिंग, वेयर हाउस की निगरानी, समय पर जन-जन तक खाद्यान्न सप्लाई सुनिश्चित करने तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल नवनियुक्त अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक सर्व किरण सिंह देव, धरमलाल कौशिक, पुन्नूलाल मोहले, प्रबोध मिंज, अमर अग्रवाल, अनुज शर्मा, सुशांत शुक्ला, राजेश अग्रवाल, पुरंदर मिश्रा, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे, राज्य अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष राजा पांडेय, राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत, बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्रकार, छत्तीसगढ़ वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज, छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार बोर्ड के अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिर्घा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव मौजूद रहे।
जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ
बस्तर अंचल के सिंचाई के कार्यों में आएगी तेजी
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ किया। इस कार्यालय के प्रारंभ होने से बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के विभागीय कामकाज में काफी सुविधा होगी। जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों के सर्वेक्षण, डीपीआर निर्माण और तकनीकी स्वीकृति में तेजी आएगी। पहले इन कार्यों की स्वीकृति के लिए रायपुर जाना पड़ता था। अब ये काम संभागीय मुख्यालय बस्तर में ही हो सकेंगे।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के विशेष पहल से शुरू हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नवीन कार्यालय में विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी बजट में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में यह कार्यालय जगदलपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय इंद्रावती परियोजना मंडल भवन के ऊपरी तल में संचालित हो रहा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम महापौर संजय पांडेय एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदमती कश्यप, वित्त आयोग के अध्यक्ष निवास राव मद्दी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के. एस. भंडारी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सामाजिक और मानवीय सेवा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। राज्यपाल रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का चुनाव संपन्न हुआ है। यह कदम न केवल रेड क्रॉस सोसाइटी को नई दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर कोने में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में भी मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ के गठन को 24 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए यह पहला मौका है जब लोकतांत्रिक तरीके से इसके पदाधिकारियों का चयन हुआ। इस ऐतिहासिक चुनाव ने पूरे राज्य में उत्साह की लहर पैदा कर दी है। रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर से लेकर बस्तर तक, रेड क्रॉस से जुड़े स्वयंसेवकों और समाजसेवियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में अध्यक्ष टोमन साहू (बालोद), उपाध्यक्ष रूपेश पाणिग्रही (जशपुर) और कोषाध्यक्ष संजय पटेल (बलौदाबाजार) शामिल हैं। इन नेतृत्वकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी को समाजसेवा और मानवीय कार्यों में नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
राज्यपाल रमेन डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी को एक सशक्त और पारदर्शी संस्था बनाने का संकल्प लिया है। उनकी यह पहल न केवल संस्था को नई पहचान दे रही है, बल्कि इसे जन-जन तक पहुंचाने का भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और समावेशी बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों से योग्य प्रतिनिधियों का चयन हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ में समाजसेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित पदाधिकारी और स्वयंसेवक मिलकर जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी। इसका मुख्यालय रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में स्थित है। विगत दो दशकों में यह संस्था आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। चाहे बाढ़ हो, सूखा हो, या महामारी, रेड क्रॉस के स्वयंसेवक हमेशा सबसे आगे रहकर लोगों की मदद करते हैं। संस्था का मूल मंत्र है- “सेवा, सहायता, और समर्पण”। इसके तहत रेड क्रॉस निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय है- बाढ़, भूकंप, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं के तहत रक्तदान शिविर, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, और टीकाकरण अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सड़क सुरक्षा, जागरूकता अभियान और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, कमजोर समुदायों की सहायता, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका के लिए सहयोग करना इस संस्था के प्रमुख कार्य हैं।
छत्तीसगढ़ में रेड क्रॉस की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी ने कई मौकों पर अपनी सेवा की मिसाल कायम की है। कोविड-19 महामारी के दौरान स्वयंसेवकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, और भोजन वितरण में अहम भूमिका निभाई। बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, रक्तदान शिविरों के जरिए हर साल सैकड़ों लोगों की जान बचाई जाती है। संस्था ने ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं भी चलाई हैं। जैसे, बस्तर में महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण और सरगुजा में स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम। ये प्रयास न केवल सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी मजबूत करते हैं।
नई चुनौतियां, नई संभावनाएं
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के सामने कई चुनौतियां और अवसर हैं। छत्तीसगढ़ जैसे विविधतापूर्ण राज्य में हर जिले की अपनी विशेष जरूरतें हैं।
रेड क्रॉस को हर गांव और हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग से यह सुनिश्चित करना होगा कि हर मदद सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे।
स्वयंसेवकों का योगदान-
रेड क्रॉस सोसाइटी की ताकत इसके स्वयंसेवक हैं। चाहे रायपुर की गलियां हों या दंतेवाड़ा के जंगल, स्वयंसेवक हर जगह अपनी सेवा से लोगों का दिल जीत रहे हैं। युवाओं में रेड क्रॉस के प्रति बढ़ती रुचि भी एक सकारात्मक संकेत है। संस्था समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है, जिसमें प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, और नेतृत्व कौशल सिखाया जाता है। रेड क्रॉस सोसाइटी न केवल आपदा में सहारा है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो हमें मानवता की सेवा का अवसर देता है।
बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए कृषि पर देना होगा जोर-मुख्यमंत्री साय
मक्के की खेती के लिए बस्तर में असीम संभावनाएं- मुख्यमंत्री साय
मत्स्य पालन, बकरी पालन एवं शूकर पालन के लिए बजट में किया गया है अतिरिक्त प्रावधान- मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया बस्तर के विकास का संकल्प व्यक्त
मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टरों और अधिकारियों को कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन करने किया निर्देशित
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर समेत बस्तर संभाग के किसान, कृषि उद्योग से जुड़े गणमान्य स्थानीय उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों, व्यापरियों कृषि से सम्बंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा की बस्तर को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है। बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए हमे खेती पर ज्यादा जोर देना है , विशेषकर यहां के सीमांत किसानों पर ध्यान देना है। साय ने कहा कि बस्तर के लिए कृषि सबसे बेहतर विकल्प है, इससे स्थानीय जनजातियां जुड़ी हुयी है और लोग अपनी रुचि के अनुसार काम करेंगे तो उसमे सफल भी होंगे। कृषि के विकास के लिए हमने बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया है।
मुख्यमंत्री साय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें मक्के की खेती को बढ़ाना पड़ेगा । ये कम लागत में तैयार होने वाली और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। मक्का के लिए बस्तर की जलवायु काफी अनुकूल है। इसके साथ ही यहां मिलेट्स उत्पादन का काफी ज्यादा स्कोप है, इसकी खेती पर हमे विशेष काम करना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और संभावनाओं का संगम है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सशक्त नीति, पारदर्शी प्रशासन और जनभागीदारी से साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बस्तर को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद हमारे प्रदेश के लिए एक कलंक की तरह रहा है, केन्द्र सरकार के सहयोग से इसे समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल नाश किया जाए और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद केवल सुरक्षा की चुनौती नहीं है, बल्कि यह विकास की कमी का परिणाम है। इसलिए आवश्यक है कि हम बस्तर के हर गांव और हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करें।
परिचर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने कृषि क्षेत्र के विकास संबंधी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधा का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, फसल ऋण की सुलभता और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। बस्तर संभाग में इस समय 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के रूप में 64.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र परिवारों का सत्यापन कर उन्हें भी योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर में 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय, 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज और 1 कृषक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 29 उद्यान रोपणियाँ, 9 शासकीय मत्स्य प्रक्षेत्र, एक पोल्ट्री प्रक्षेत्र तथा एक शासकीय सुअर पालन केंद्र भी कार्यरत हैं। केसीसी कवरेज वर्तमान में 86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आगामी तीन वर्षों में 1.25 लाख नए केसीसी जारी करने का लक्ष्य है।
परिचर्चा के पहले सत्र में कृषि को लेकर हुई सार्थक चर्चा
मुख्यमंत्री ने स्थानीय किसानों और कृषि उद्योग के प्रतिनिधियों से की चर्चा
विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में तीन और सत्र है बाकी
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर में विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में शामिल हुए। परिचर्चा के पहले सत्र में कृषि को लेकर बात हुई जिसमें स्थानीय किसानों और कृषि उद्योग से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री से बात की और अपने मह्वपूर्ण सुझाव साझा किए। बस्तर में कृषि की असीम संभावना को देखते हुए कृषि के महत्व पर लगभग दो घंटे तक सार्थक चर्चा चली।
विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में पहले सत्र की समाप्ति के बाद अभी तीन और सत्र बाकी है जिसमे वाणिज्य उद्योग, पर्यटन और कौशल विकास पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर में विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं और ये चर्चा विकसित बस्तर की रूपरेखा को तैयार करने के लिए बेहद अहम भूमिका निभाएगा।