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बलौदाबाजार/शौर्यपथ /कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले में अवैध शराब निर्माण, भंडारण एवं परिवहन पर आबकारी विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में गस्त के दौरान कसडोल क्षेत्र में आबकारी विभाग की टीम द्वारा 45 बल्क लीटर महुआ शराब सहित 1100 किग्रा महुआ लाहन जब्त की गई।
आरोपी देवप्रसाद यादव पिता कंशराम उम्र 35 वर्ष, चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा के कब्जे से 20.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 600 कि.ग्राम महुआ लाहन जप्त किया गया।
इसी तरह आरोपी वासुदेव यादव पिता नरेश यादव उम्र 32 वर्ष चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा से 25.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 500 कि.ग्राम महुआ लाहन कुल 45.00 बल्क लीटर महुआ शराब व 1100 कि.ग्राम महुआ लाहन जब्त किया गया। आरोपी के विरूध्द छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(2)(1)(च) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
उक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी जलेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
महानदी किनारे अंगारमोती में शुरू की फोटोग्राफी, रोजाना एक से डेढ़ हज़ार की कमाई
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में युवाओं के लिए सरकार द्वारा रोजगारपरक योजनाओं में से एक प्रोजेक्ट योजना के तहत धमतरी जिले के तीन युवकों के लिए आय का साधन बन गया है। धमतरी जिले में प्रोजेक्ट युवा के परिणाम अब आने शुरू हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर गंगरेल-रुद्री के तीन युवाओं ने अपने शौक को अब रोजगार के रूप में अपना लिया है। सुनील साहू, कीर्तन साहू और भुवन मीनपाल ने महानदी के किनारे अंगारमोती में अपनी फोटोग्राफी की दुकान खोली है। तीनों युवा यहाँ माँ अंगार मोती के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों की अलग अलग लोकेशनों में आकर्षक फोटो खींचकर तुरंत प्रिंट उपलब्ध करा देते है। तीनों युवा हर दिन एक से डेढ़ हज़ार रुपए कमा रहे हैं। इन तीनों ने प्रोजेक्ट युवा की संकल्पना को मूर्त रूप देकर धमतरी के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही स्व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार का आभार जताया है।
फोटोग्राफी की निःशुल्क ट्रेनिंग ने फोटोग्राफी की कला को निखारा। फोटोग्राफी की कला अब कमाई का जरिया बन गया है, फोटोग्राफी कभी सिर्फ शौक था, अब वही रोज़गार बन चुका है। गंगरेल के स्थानीय निवासी कीर्त्तन कुमार साहू और उनके साथी सुनील साहू तथा भुवन मीनपाल आज फोटोग्राफी के जरिए आत्मनिर्भर बन चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निः शुल्क फोटोग्राफी प्रशिक्षण की बदौलत। कीर्तन साहू बताते हैं, “हम पहले भी फोटो खींचते थे, फोटोग्राफी हमारा शौक था, लेकिन तकनीक और समझ की कमी थी। जब जिला प्रशासन ने प्रोजेक्ट युवा में फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रोफेशनल प्रशिक्षण दिया, तब समझ आया कि फोटो सिर्फ क्लिक नहीं होती, बल्कि एक कला होती है।“ तीनों साथियों ने इस प्रशिक्षण में फोटोग्राफी की बारीकियां सीखी। कैमरे के प्रकार से लेकर लाइट, अपर्चर, स्पीड, फ्रेम सब की जानकारी मिली। इंडोर और आउट डोर फोटोग्राफी के गुर भी सीखें।
ट्रेनिंग के बाद आज कीर्तन, सुनील और भुवन तीनों ने मिलकर गंगरेल डैम और अंगारमोती परिसर जैसे पर्यटन स्थलों पर फोटोग्राफी का काम शुरू किया हैं। छुट्टी के दिनों और विशेष मेला-मड़ई के अवसर पर भीड़ वाले दिनों में इनकी कमाई एक से डेढ़ हज़ार रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य दिनों में पाँच सौ से एक हज़ार रुपये तक की आमदनी हो जाती है। प्रोजेक्ट युवा के तहत निःशुल्क ट्रेनिंग ने न सिर्फ इनकी कला को निखारा, बल्कि कमाई का साधन भी बना दिया। यह पहल उन युवाओं के लिए मिसाल है, जो हुनर तो रखते हैं, लेकिन उन्हें सही दिशा नहीं मिलती।
प्रशिक्षण के बाद इन तीनों युवाओं को फोटोग्राफी का स्टाल शुरू करने के लिए भी जिला प्रशासन ने मदद की है । इन्हें रेडीमेड और आसानी से असेंबल होने वाले आकर्षक स्टॉल भी निःशुल्क दिए गए है। अब ये युवा एक बैट्री से चलने वाले प्रिंटर की मदद से पर्यटकों के आकर्षक फोटो प्रिंट कर तत्काल उपलब्ध करा देते हैं। रियायती दरों पर लोगों को उनके पेन ड्राइव या मोबाइल में भी फोटो की सॉफ्ट कॉपी भी उपलब्ध कराई जा रही है। अब पर्यटकों को भी अपने प्रवास की मधुर स्मृतियाँ इस फोटो बूथ से मिल रही है।
युवा कार्यक्रम के तहत धमतरी जिले के बारहवीं कक्षा से लेकर कॉलेज तक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आज के जमाने की डिजीटल तकनीकों और पेशेवर कौशलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है । इन युवाओं को एक-दो माह के ऐसे छोटे व्यवसाय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसके बाद वे तुरंत ही अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रथम चरण में प्रशासन द्वारा डिजीटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाईनिंग, फ्री लाउसिंग, सायबर सुरक्षा, एआई तकनीक, ड्रोन और रोबोटिक्स, फाईनेंशल मैनेजमेंट, शेफ एंड कुकिंग तथा ब्यूटिशियन जैसे शॉर्ट टर्म व्यवसायों में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित अधिवक्ता विवेक सारस्वत की नवीनतम पुस्तक "जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" का विमोचन किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह पुस्तक जीएसटी कानून की अद्यतन जानकारी का महत्वपूर्ण स्रोत है और यह मैनुअल कर पेशेवरों और व्यापारियों के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा। इस अवसर पर अधिवक्ता बीना सिंह गौतम, अभय तिवारी, प्रिंसी धावना, वंदना सारस्वत और प्रियांश वर्मा उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि यह मैनुअल भारत के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानूनों का एक अद्यतन और व्यापक संस्करण है, जिसमें सीजीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और मुआवजा उपकर के अंतर्गत सभी अधिनियमों, नियमों, अनुसूचियों, अधिसूचनाओं और परिपत्रों का सुव्यवस्थित संकलन किया गया है।
"जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" की एक विशेषता इसका द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) प्रारूप है, जो देशभर के कर पेशेवरों, व्यापारियों और छात्रों के लिए सरल और स्पष्ट पहुंच सुनिश्चित करता है। इस पुस्तक में वित्त अधिनियम 2025 द्वारा किए गए नवीनतम संशोधनों को भी समाहित किया गया है, जिससे यह मैनुअल जीएसटी कानून का सबसे अद्यतन संस्करण बन गया है। किताब में डिजिटल युग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक जीएसटी फॉर्मों की डिजिटल प्रतियों तक क्यूआर कोड के माध्यम से सीधी पहुँच की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह विशेषता अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाती है और प्रशासनिक कार्यों को सरल करती है। कर पेशेवरों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सचिवों, लागत लेखाकारों, सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, छात्रों और शिक्षाविदों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई यह पुस्तक जीएसटी की जटिलताओं को समझने और लागू करने के लिए एक अनमोल संसाधन है। इसकी व्यापक सामग्री, द्विभाषी प्रस्तुति और डिजिटल उपकरण इसे भारत की वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था की प्रभावी व्याख्या, कार्यान्वयन और गहन समझ के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाते हैं।
अधिवक्ता विवेक सारस्वत को जीएसटी और वैट कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2022 में उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण के अंतर्गत कानून क्षेत्र का सर्वोच्च राज्य पुरस्कार "बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल पुरस्कार 2022" प्रदान किया गया था। उन्होंने जीएसटी और वैट कानूनों पर कई सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। वे www.cggst.com और www.cgvatlaw.com जैसी सफल वेबसाइटों के निर्माता हैं, और देश का पहला अप्रत्यक्ष कर कानून ऐप CGVATLAW भी विकसित कर चुके हैं।
अप्रत्यक्ष कराधान के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह छठी पुस्तक है, जो कराधान साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान को रेखांकित करती है।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को अत्यंत हृदयविदारक और दुखद घटना बताया है। उन्होंने इस भीषण दुर्घटना में मृत यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री साय ने दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल और शक्ति प्रदान करने की कामना की है।
रायपुर/शौर्यपथ / गरियाबंद जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में अब शिक्षा की नई रोशनी फैल रही है। वर्षों से जिन गांवों में शिक्षक नहीं थे, वहां अब नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत जिले के 16 शिक्षक विहीन स्कूलों में अब शिक्षक पदस्थ हो गए हैं।
यह जिले के मैनपुर, देवभोग, छुरा और गरियाबंद ब्लॉकों के मौहानाला, भीमाटीकरा, धुमरापदर, भरूवामुड़ा जैसे दूरस्थ गांवों के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए बड़ी राहत है। पहले इन स्कूलों में शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे और पालक चिंतित रहते थे।
जिले में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग कर उन्हें उन स्कूलों में भेजा गया है, जहां एक भी शिक्षक नहीं था या केवल एक शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था। अब जिले की प्राथमिक शाला अकलवारा, डोंगरीपाली कांदागढ़ी, मौहानाला, भीमाटीकरा, बोईरगांव, टीमनपुर, धमना, कुकरार, रावनसिंघी, अमलोर, पीपलाकन्हार, भरूवामुड़ा, नगबेल, ओड़ आदि सभी स्कूलों में शिक्षक तैनात हैं। देवभोग ब्लॉक में पहले ऐसे 6 हाई स्कूल थे जहां केवल एक शिक्षक था। अब इन स्कूलों में भी शिक्षकों की पूर्ण नियुक्ति कर दी गई है, जिससे सभी विषयों की पढ़ाई सही ढंग से हो पाएगी।
मैनपुर और देवभोग जैसे आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षक लंबे समय से नहीं जाना चाहते थे, जिससे शिक्षा व्यवस्था कमजोर थी। लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के जरिए कुल्हाड़ीघाट, नकबेल, गोबरा, सहेबीनकछार जैसे गांवों में भी शिक्षक भेजे गए हैं। युक्तियुक्तकरण से पहले जिले में 167 स्कूल ऐसे थे जहां केवल एक शिक्षक पदस्थ था। अब इन स्कूलों में भी अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर बी.एस. उईके के निर्देशन में इस प्रक्रिया को शासन के तय समय-सीमा में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। शिक्षक मिलने से गांवों में शिक्षा का माहौल बना है और ग्रामीणों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अब उनके बच्चों को गांव में ही अच्छी शिक्षा मिलेगी और उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा।
युक्तियुक्तकरण से गरियाबंद जिले के वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। यह पहल बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री साय की पहल से कर्मचारियों को डिजिटल सुविधा: सेवा जानकारी अब मोबाइल एप पर अपडेट
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को होगा लाभ: सेवानिवृत्ति, पदोन्नति और वेतन विसंगति में नहीं होगी कोई परेशानी: जीपीएफ का होगा त्वरित भुगतान
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन को सशक्त और सहज बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। "डिजिटल प्रशासन - पारदर्शी समाधान" की नीति को आगे बढ़ाते हुए, प्रदेश सरकार ने अब कर्मचारियों की सेवा जानकारी को मोबाइल एप के माध्यम से अद्यतन करने की अभिनव पहल की है। यह प्रयास मुख्यमंत्री श्री साय की उस सोच को दर्शाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी की सुविधा, सम्मान और अधिकार सुरक्षित हों — तेज़, सरल और भरोसेमंद प्रणाली के माध्यम से। इसी कड़ी में प्रदेश के लगभग 4 लाख सरकारी कर्मचारियों की सीआर के लिए अब फाइलें पलटने का झंझट समाप्त हो गया है।कर्मचारियों की प्रोफाइल अब एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप पर अद्यतन (अपडेट) की जाएगी। इससे सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, वेतन विसंगति आदि के समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
नई व्यवस्था के अनुसार अब कर्मचारियों की प्रोफाइल को कार्मिक संपदा पोर्टल पर लोड और अपडेट करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप और वेब पोर्टल विकसित किए गए हैं।संचालनालय कोष एवं लेखा की इस नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। कर्मचारियों की सेवा संबंधी "कुंडली" को अद्यतन रखने में यह व्यवस्था अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। हालाँकि 2019 से कार्मिक संपदा मॉड्यूल का उपयोग किया जा रहा है, किंतु यह नवीन डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को उनकी व्यक्तिगत एवं सेवा संबंधी जानकारी त्वरित व सुविधाजनक रूप से उपलब्ध कराएगा।
संचालक कोष एवं लेखा रितेश अग्रवाल ने कहा कि यह पाया गया है कि कार्मिक संपदा पोर्टल पर अधिकांश कर्मचारी अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते हैं, जिसके कारण सेवानिवृत्ति के समय उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्मिक संपदा मॉड्यूल में व्यक्तिगत जानकारी अपडेट करने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की होती है, लेकिन इसमें समय लगने के कारण असुविधाएँ उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं के समाधान हेतु एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप विकसित किया गया है, जो कर्मचारियों को स्वयं लॉगिन कर अपनी जानकारी अपडेट करने की सुविधा देता है।
अब सेवा संबंधी जानकारी, नामिनी परिवर्तन, बैंक खाता परिवर्तन आदि के लिए कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता नहीं रहेगी, जिससे अनावश्यक विलंब की स्थिति में भी कमी आएगी। स्थानांतरण, वेतन निर्धारण, पदोन्नति और अन्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और प्रगति सुनिश्चित होगी। साथ ही सेवा के दौरान और सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले लाभ जैसे पेंशन, जीपीएफ, उपादान, अवकाश नगदीकरण आदि प्रकरणों का शीघ्र निराकरण संभव होगा, क्योंकि संबंधित डेटा अद्यतन रहेगा।
कार्मिक संपदा एप से मिलेंगे ये प्रमुख लाभ
कर्मचारियों से प्राप्त सेवा संबंधी आवेदनों का निपटारा सक्षम अधिकारी समयबद्ध तरीके से कर सकेंगे। मॉड्यूल के अद्यतन होने से वेतन विसंगति से जुड़ी समस्याएँ कम होंगी। कर्मचारी एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप या वेब एप्लिकेशन पर लॉगइन कर जानकारी स्वयं अपडेट कर सकते हैं। प्रोफाइल अद्यतन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के उद्देश्य से यह एप और पोर्टल तैयार किया गया है। इसके उपयोग के लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) की जानकारी https://ekoshonline.cg.gov.in/Advertisement/sop_karmik_website_merged.pdf में दी गई है।
साथ ही, शासकीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति उपरांत महालेखाकार कार्यालय में अंतिम जीपीएफ दावा को पूर्णतः ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी तैयार की गई है। इससे दावे के निराकरण में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन जीपीएफ क्रेडिट मिसिंग मॉड्यूल भी विकसित किया गया है, जिससे कार्यालय प्रमुख और कर्मचारी सेवा काल के दौरान मिसिंग जीपीएफ एंट्री का ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह स्पष्ट दृष्टिकोण है कि राज्य शासन का प्रत्येक निर्णय आम जन और कर्मचारियों के हित में हो। यह डिजिटल पहल कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निपटान की दिशा में एक सशक्त कदम है, जो छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस की अग्रणी श्रेणी में स्थापित करता है।
मुख्यमंत्री फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा, विकास का मूलमंत्र है और यह राष्ट्र के समग्र विकास की प्रारंभिक तथा अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों ने भी शिक्षा के विस्तार में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे प्राप्त करने में हम सभी की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। राज्य सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है और इस दिशा में निरंतर प्रयासों को गति प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 25 वर्ष का छत्तीसगढ़ आज अपनी रजत जयंती मना रहा है और इस यात्रा में राज्य ने चहुंमुखी विकास की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थान कार्यरत हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर चुनौती से जूझ रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है, जिसकी दिशा में देश ने तीव्र गति से कदम बढ़ाए हैं। छत्तीसगढ़ ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में अग्रसर है। राज्य की आकर्षक नई औद्योगिक नीति के तहत केवल ऊर्जा क्षेत्र में ही तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में वृक्षारोपण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है और विगत वर्ष चार करोड़ पौधे रोपे गए थे। राज्य सरकार "एक पेड़ माँ के नाम" और "पीपल फॉर पीपुल" जैसे नवाचार कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नौनिहालों में पर्यावरण चेतना का विकास करना चाहिए, जिससे वे स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकें। उन्होंने इस अभियान में भाग ले रहे सभी शिक्षकों और आयोजकों की सराहना की और कहा कि सामाजिक भागीदारी से ही हम शुद्ध हवा, निर्मल जल और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने संघ द्वारा आने वाले वर्षों में 11 लाख पीपल के वृक्षारोपण के संकल्प की सराहना की।
कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, अशासकीय विद्यालय संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध राठी, सचिव मनोज पाण्डेय तथा अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ एवं छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
कांकेर में मेडिकल कॉलेज की समीक्षा में शामिल हुए स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल
रायपुर/शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन को साकार करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चिकित्सा और सामुदायिक विकास दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बैठक लेकर मंगलवार को कांकेर जिले में समीक्षा की। मंत्री जायसवाल ने जिले के नांदनमारा स्थित इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित स्वशासी समिति की बैठक लेकर कॉलेज की कार्यप्रणाली, आधारभूत ढांचे और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता पर विस्तार से चर्चा की। मंत्री ने साफतौर पर निर्देश दिए कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों को इस रूप में विकसित किया जाए कि वे जनता की पहली पसंद बनें। उन्होंने कहा कि बाह्य रोगी विभाग व अंतःरोगी सेवाओं में संवेदनशीलता और उत्कृष्टता लाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
“जनता को केवल इलाज नहीं, बल्कि सम्मान और संवेदना भी मिले, यही हमारी चिकित्सा व्यवस्था की पहचान होनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि विभाग का उद्देश्य सिर्फ उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना ही नहीं है, अपितु आमजनता के प्रति संवेदनशीलता और उन्हें सम्मान भी मिले। स्वास्थ्य मंत्री ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने कॉलेज में पारदर्शिता, डिजिटल उपस्थिति प्रणाली, स्टाफ की नियमित नियुक्ति और उत्तरदायित्व तय करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम, मछुआ कल्याण बोर्ड अध्यक्ष भरत मटियारा, हस्तशिल्प बोर्ड अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत एवं अधिष्ठाता डॉ. खान सहित अन्य जनप्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री अपेक्स बैंक के नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी के पदभार ग्रहण में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने अपेक्स बैंक की नई शाखा का किया वर्चुअल शुभारंभ
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित के नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी केदारनाथ गुप्ता के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया और क्षेत्रवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। उनकी प्रेरणा से प्रदेश के घर-घर को सहकारिता से जोड़ने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। श्री साय ने कहा कि नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी के नेतृत्व में प्रदेश में सहकारिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल ही में हमने दुधारू पशु वितरण का शुभारंभ किया है, जिसके अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के 6 जिलों का चयन कर हितग्राहियों को दो-दो दुधारू गाय वितरित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के किसानों और ग्रामीण जनों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की एक बड़ी पहल हमने इस वर्ष पंचायती राज दिवस से प्रारंभ की है। प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए हैं, जिसके माध्यम से ग्राम पंचायत भवन में ही बैंकिंग सुविधा मिल रही है। उन्होंने बताया कि अगले पंचायती राज दिवस तक यह सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध हो जाएगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में हुए बड़े बदलावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने किसानों को अल्पकालिक ऋण के लिए भारी-भरकम ब्याज दर से मुक्ति दिलाई और ब्याज दरों को लगातार कम कर किसानों को राहत दी। अब किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिना किसी ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा खुलने पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि अब किसानों को बैंकिंग सुविधा के लिए 50-60 किलोमीटर दूर पत्थलगांव नहीं जाना पड़ेगा। इस पुनीत पहल के लिए उन्होंने सहकारिता विभाग को साधुवाद दिया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता का बीजारोपण करने वाले महान विभूतियों को पुण्य स्मरण करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में श्री वामनराव लाखे और ठाकुर प्यारेलाल जैसे पुरोधाओं ने सहकारिता की नींव रखी, जिसका विकसित स्वरूप आज हम सभी देख रहे हैं। यह वर्ष सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष है, और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के प्रयासों से निश्चित रूप से इस क्षेत्र में चमत्कारिक परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के अथक प्रयासों से प्रदेश के किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। पूरे देश में वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने प्रति एकड़ 21 क्विंटल और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने सहकारिता को राज्य के अंतिम गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है। अपेक्स बैंक प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर के साथ सबसे शक्तिशाली संगठन है और इसके माध्यम से अब तक 7 हजार 5 सौ करोड़ रुपए का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया गया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देश के हर एक नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया और इसी का परिणाम है कि आज बिना किसी बिचौलिए के शत-प्रतिशत राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं हैं और शत-प्रतिशत किसानों को सहकारिता और अपेक्स बैंक से जोड़ने का काम शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सत्य साईं हॉस्पिटल को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि सौंपी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में कार्यक्रम में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सीएसआर गतिविधियों के तहत राजधानी रायपुर के सत्य साईं हृदय चिकित्सालय को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
पदभार ग्रहण समारोह में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, विधायक राजेश मूणत, विधायक अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक सुनील सोनी, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव सहकारिता सुब्रत साहू और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।