March 26, 2025
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रायपुर

रायपुर (5644)

बड़े भजन रामनामी मेला के लिए दिया विशेष निमंत्रण
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में  अखिल भारतीय रामनामी महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने सक्ती जिले के ग्राम जमगहन में 9 अप्रैल को आयोजित होने वाले बड़े भजन रामनामी मेला में मुख्यमंत्री साय को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने इस निमंत्रण के लिए महासभा के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर चंद्रपुर विधायक राम कुमार यादव सहित सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा एवं रायगढ़ जिले के रामनामी संप्रदाय से जुड़े सदस्यगण बड़ी संख्या में  उपस्थित थे।

  रायपुर/शौर्यपथ /वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 21 मार्च 2025 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ विधानसभा के समिति कक्ष में दोपहर एक बजे से आयोजित होगा।
  इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उपस्थित रहेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, उप मुख्यमंत्री अरूण साव एवं विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और खेल मंत्री टंक राम वर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे।
वर्ष 2025 में विश्व वानिकी दिवस की थीम ‘फारेस्ट एण्ड फूड‘ है, जो वनों की खाद्य सुरक्षा, पोषण, और आजीविकोपार्जन में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम वनों के महत्व और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित वरिष्ठ वन अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
   गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2012 में वनों के महत्व के प्रति जागरूकता में वृद्धि की दृष्टिकोण से दिनांक 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के रूप में घोषित किया गया है। यह कार्यक्रम वनों के महत्व को समझने और उनके संरक्षण के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा। इस कार्यक्रम में वनों के महत्व, उनके संरक्षण के तरीके, और वनों के साथ जुड़े लोगों के जीवन में सुधार करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। यह कार्यक्रम वनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा।

  रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका ने गत दिवस विश्व योग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को 50 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की है।
  ये प्रतिभागी आगामी अप्रैल माह में मलेशिया में आयोजित होने वाली 16वीं विश्व योग प्रतियोगिता में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे। छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी खिलाड़ी सुश्री साक्षी वर्मा और श्री विभांशु बंजारे और उनके योग प्रशिक्षक  नमेश कुमार साहू ने राजभवन में राज्यपाल  डेका से मुलाकात की।  डेका ने  प्रत्येक प्रतिभागी के लिए  25-25 हजार रूपये की अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी।

   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के समूल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज सुरक्षाबलों ने बीजापुर-गंगालूर और कांकेर-नारायणपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें 26 नक्सली बीजापुर-गंगालूर में और 4 नक्सली कांकेर-नारायणपुर में ढेर हुए।
  मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने इस सफलता को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की वीरता और अदम्य साहस को नमन है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई मजबूती से जारी है। यह संघर्ष तब तक नहीं रुकेगा, जब तक प्रदेश पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता।
  मुख्यमंत्री  साय ने इस ऑपरेशन के दौरान डीआरजी के एक जवान की शहादत को नमन करते हुए कहा कि हमारे वीर जवानों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनका यह त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा।
 2026 तक नक्सलवाद का संपूर्ण उन्मूलन – संकल्प की ओर तेज़ी से अग्रसर
  मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री   नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री   अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के संपूर्ण खात्मे के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की यह सफलता इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री विष्णु देव साय और  गृह मंत्री श्री अमित शाह का संकल्प पूरा होगा। प्रदेश का हर नागरिक भयमुक्त जीवन जिएगा। नक्सलवाद की अंतिम घड़ी आ चुकी है।
छत्तीसगढ़ में निर्णायक कार्रवाई का दौर जारी
  प्रदेश में सुरक्षाबलों की लगातार सफल कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो चुका है कि नक्सलवाद का अंत अब निकट है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम केवल नक्सली गतिविधियों को रोकने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्थायी शांति और विकास को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को सुरक्षित, भयमुक्त और समृद्ध जीवन देना हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार और सुरक्षाबल मिलकर निर्णायक युद्ध लड़ रहे हैं। यह केवल एक सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि एक नई, शांतिपूर्ण और विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला रखने की मुहिम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह निर्णायक युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक छत्तीसगढ़ पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता। सुरक्षाबलों की यह वीरता प्रदेश को नक्सलवाद के अंधकार से निकालकर स्थायी शांति और विकास के पथ पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।

बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मिला समुचित मंच
प्रतिभागियों ने बस्तर पंडुम में लिया उत्साहपूर्वक हिस्सा
22 एवं 23 मार्च को होगा दो दिवसीय जिला स्तरीय बस्तर पंडुम
 रायपुर /शौर्यपथ / बस्तर जिले के जगदलपुर, बस्तर, तोकापाल, बास्तानार एवं दरभा विकासखण्ड में गुरुवार को ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं समाज प्रमुखों ने कहा कि यह आयोजन बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस उत्सव में विभिन्न जनजातीय समूह अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जिले के इन सभी ब्लॉक में आयोजित उक्त कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों, जनजातीय समुदायों और संस्कृति प्रेमियों का उत्साह देखते ही बना। बस्तर पंडुम न केवल संस्कृति को सहेजने का प्रयास है बल्कि सामाजिक एकता और पारंपरिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। जिले के इन सभी विकासखंड में बस्तर पंडुम के तहत हजारों प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिले में बस्तर पंडुम का जिला स्तरीय कार्यक्रम 22 एवं 23 मार्च को इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम जगदलपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ब्लॉक स्तर से चयनित प्रतिभागी शामिल होंगे।
         उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत अनेक विधाएं शामिल की गई जिसमें जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी,  हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत- चैतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल,  हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि)  जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेषभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर  मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा  शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन- सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, पेज, कोसरा एवं मड़िया पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण रहे। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहा
   
    बस्तर  जिले में विकासखण्ड स्तर पर आयोजित बस्तर पंडुम में सक्रिय सहभागिता निभाने वाले समाज प्रमुखों में बस्तर पंडुम के प्रति खासा उत्साह एवं अलग ही लगाव देखने को मिला। इस दौरान इन समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहनीय पहल निरूपित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया।

इस मौके पर पूर्व विधायक एवं सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री राजाराम तोड़ेम ने बस्तर पंडुम को राज्य सरकार की जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता को देश-दुनिया में पहुंचाने की अनुपम प्रयास रेखांकित किया। वहीं सर्व आदिवासी समाज के बस्तर जिला अध्यक्ष श्री दशरथ कश्यप ने बस्तर पंडुम को जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में उल्लेखनीय पहल निरूपित करते हुए इसे हर साल आयोजित करने का सुझाव दिया।

सर्व आदिवासी समाज के महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष चमेली जिराम ने बस्तर पंडुम को जनजातीय समुदाय के भावी पीढ़ी के लिए समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सीखने-समझने का बेहतर मंच बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति,परम्परा, रीति-रिवाजों से दूर हो रही है। बस्तर पंडुम जैसे आयोजन में सक्रिय सहभागी बनकर भावी पीढ़ी अपना जुड़ाव महसूस करेगी। इस बस्तर पंडुम में जनजातीय पेय पदार्थों के विधा में अपना प्रदर्शन करने पहुंचे नगरनार की अन्नपूर्णा नाग एवं भेजापदर की बुधरी बघेल ने कहा बस्तर पंडुम में जनजातीय संस्कृति की अलग छटा दिख रही है। जिसमें परम्परा, रीति-रिवाज, खान-पान सभी शामिल है। यह हमारी पहचान है और इसे संरक्षित करने के लिए सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है।

डीएमईओ, नीति आयोग और राज्य नीति आयोग के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में शासन की प्रभावशीलता और योजनाओं की दक्षता को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य नीति आयोग एवं नीति आयोग (भारत सरकार) के डेवलपमेंट मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिस (डीएमईओ) के सहयोग से "मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह दो दिवसीय कार्यशाला  20 और 21 मार्च को आयोजित की जा रही है, जिसमें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आधुनिक निगरानी और मूल्यांकन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी योजनाओं की पारदर्शी, प्रभावी और डेटा-आधारित निगरानी सुनिश्चित करना तथा नीति निर्माण को अधिक परिणामोन्मुखी बनाना है।
 कार्यशाला में प्रमुख रूप से नीति आयोग, भारत सरकार की महानिदेशक श्रीमती निधि छिब्बर, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेंद्र तिवारी, राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया तथा डीएमईओ, नीति आयोग के निदेशक श्री अबिनाश दास और देवी प्रसाद भुक्या उपस्थित रहे।
  इस कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए, जिनमें सुशासन एवं अभिसरण विभाग, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, खाद्य विभाग, नगरीय प्रशासन और योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने पर फोकस
डीएमईओ की विशेषज्ञ टीम ने सरकारी योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के आधुनिक तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान अधिकारियों को डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने पर प्रशिक्षित किया गया।
डीएमईओ के प्रशिक्षकों ने डेटा गवर्नेंस, गुणवत्ता संकेतक , परिणाम-आधारित निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली जैसे विषयों पर सत्र लिए। उन्होंने बताया कि कैसे वैज्ञानिक रूप से योजनाओं की निगरानी कर उनके वास्तविक प्रभाव को मापा जा सकता है, जिससे शासन प्रणाली अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और प्रभावी बन सके।
लॉजिकल फ्रेमवर्क और डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स पर चर्चा
विशेषज्ञों द्वारा "आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क", "डेटा गवर्नेंस क्वालिटी इंडेक्स" और "लॉजिकल फ्रेमवर्क" विषयों पर गहन परिचर्चा की गई।  
 राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से राज्य के अधिकारियों को आधुनिक निगरानी और मूल्यांकन तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है, जिससे वे अपनी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बना सकें।
डीएमईओ, नीति आयोग की महानिदेशक श्रीमती निधि छिब्बर ने कहा कि  मॉनिटरिंग और इवैल्यूएशन  किसी भी प्रभावी शासन प्रणाली की आधारशिला है। भारत सरकार ने योजनाओं के प्रभावी मूल्यांकन और निगरानी के लिए डीएमईओ की स्थापना की है। राज्य में भी इसी तरह की संस्था बनाई जानी चाहिए। यह कार्यशाला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
मुख्यमंत्री के सलाहकार  डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नीति-निर्माण में डेटा-आधारित दृष्टिकोण को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यशाला से राज्य के अधिकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को बेहतर तरीके से मापने और विश्लेषण करने में सक्षम होंगे।
 योजना विभाग  के सचिव श्री अंकित आनंद ने कहा कि इस प्रशिक्षण से सरकारी योजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा, जिससे राज्य के विकास कार्यक्रमों को नई दिशा मिलेगी।

राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया ने कहा कि  निगरानी और मूल्यांकन सुशासन का प्रमुख आधार है। राज्य नीति आयोग पहले से ही सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लिए विभिन्न संकेतकों की निगरानी कर रहा है। इस कार्यशाला से डेटा संग्रह और निगरानी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य नीति आयोग और डीएमईओ, नीति आयोग, भारत सरकार के संयुक्त सहयोग से आने वाले समय में इस तरह की और कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में डेटा-संचालित नीति निर्माण और प्रभावी निगरानी प्रणाली को मजबूत करना है।इस कार्यशाला से छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे प्रदेश में विकास और सुशासन को और अधिक गति मिलेगी।

   रायपुर/शौर्यपथ /नारायणपुर जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र अबूझमाड़ के 120 बच्चों ने आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा तथा वनमंत्री केदार कश्यप से मुलाकात की। ये बच्चे ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से संवाद किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार अबूझमाड़ के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ वर्षों तक विकास की धारा से वंचित रहा, लेकिन हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि यहां के हर गांव तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचे।  उन्होंने भ्रमण पर आए बच्चों से कहा कि आपका उज्ज्वल भविष्य ही हमारी प्राथमिकता है।
अबूझमाड़ में तेजी से हो रहे विकास कार्य
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अबूझमाड़ के गांवों में सड़क निर्माण, मोबाइल टावर लगाने, स्कूलों के विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के तहत वहां तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में अबूझमाड़ सहित पूरे बस्तर क्षेत्र के विकास को लेकर व्यापक चर्चा हुई। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए ठोस कार्ययोजनाओं पर काम कर रही हैं।
आपकी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य हमारी जिम्मेदारी- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा  
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि अबूझमाड़ के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, ताकि वे अपने क्षेत्र और प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सरकार आपके साथ है और हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आश्वस्त किया कि अबूझमाड़ में बेहतर स्कूल, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को आईआईएम रायपुर के पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होने का आमंत्रण
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर के निदेशक  रामकुमार काकानी ने आज सौजन्य मुलाकात की और उन्हें 22 एवं 23 मार्च 2025 को आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस निमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया और इस पहल की सराहना की। इस अवसर पर प्रोफेसर श्री संजीव पाराशर भी उपस्थित थे।
नेतृत्व और नीति निर्माण पर केंद्रित होगा कार्यक्रम
 काकानी ने बताया कि यह विशेष कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के विधायकों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य समकालीन प्रबंधन और नीति निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है। इस मंच पर प्रख्यात नीति निर्माता, शिक्षाविद, और विचारक एकत्र होंगे, ताकि विभिन्न विषयों पर सहयोगात्मक सोच और समस्याओं के व्यावहारिक समाधान की प्रक्रिया   के सम्बन्ध में सारगर्भित विचार विमर्श किया जा सके।
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व कौशल को नया आयाम देने की पहल
भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक काकानी ने कहा कि मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की उपस्थिति और उनके अनुभवजन्य विचार न केवल कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाएंगे, बल्कि प्रतिभागियों के लिए प्रेरणादायक भी होंगे।
 काकानी ने यह भी उल्लेख किया कि यह कार्यक्रम विधायकों को प्रभावी नेतृत्व कौशल विकसित करने और नीति निर्माण में नवीन दृष्टिकोण अपनाने के लिए सहयोग करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ में सुशासन और जनहितैषी नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

  नवा रायपुर /शौर्यपथ / जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद पद के लिए मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल के नामनिर्देशित अभ्यर्थी की मृत्यु दिनांक 08 फरवरी 2025 को हो गई थी। मृत्यु होने के कारण छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम, 1994 के नियम 38 के प्रावधानानुसार उक्त वार्ड के पार्षद पद का निर्वाचन रिटर्निंग आफिसर द्वारा प्रत्यादिष्ट कर दिया गया।     राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पंचायत नवागढ़ के वार्ड क्रमांक 14 पार्षद पद के निर्वाचन हेतु समय अनुसूची जारी कर  की गई है.जारी कार्यक्रम अनुसार निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन, स्थानों (सीटों) के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन एवं मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन आज दिनांक 19 मार्च को सुबह 10.30 बजे की गई तथा नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने हेतु आज दिनांक 19 मार्च 2025 से  दिनांक 26 मार्च 2025 तक की तिथि  निर्धारित की गई है।नाम निर्देशन पत्र सबेरे 10:30 बजे से अपरान्ह 3ः00 बजे तक प्राप्त किया जायेगा।
इसी प्रकार नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा  (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 27 मार्च 2025 को पूर्वान्ह 10.30 बजे से की जाएगी.अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की आखिरी तारीख दिनांक 29 मार्च 2025 को अपरान्ह 3ः00 बजे तक निर्धारित की गई है.निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार करना, प्रकाशन करना और निर्वाचन प्रतीकों का आबंटन (रिटर्निंग आफिसर द्वारा) दिनांक 29 मार्च 2025 को अभ्यार्थिता वापसी के बाद की जाएगी.मतदान दिनांक 08 अप्रैल 2025  को प्रातः 8 बजे से शाम 5 बजे तक  होगी तथा मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा के लिये दिनांक 11 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की गई है।मतगणना सबेरे 9 बजे से प्रारम्भ की जाएगी।

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