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सेहत /शौर्यपथ / भागती-दौड़ती जिंदगी में ज्यादातर लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में मोटापे के अलावा भी पेट पर जमा फैट सबसे बड़ी समया में से एक है।ऐसे कई लोग हैं, जिनका वजन ज्यादा नहीं होता लेकिन उनके पेट पर चर्बी जमा होती है।जिस वजह से उनका पेट हर ड्रेस पर अलग से दिखता है।ऐसे में अगर आप वजन नहीं, बल्कि पेट पर जमा फैट हटाना चाहते हैं, तो आपको वर्कआउट और डाइट का कॉम्बिनेशन ट्राई करना होगा।
डाइट में शामिल करें प्रोटीन, फाइबर
आप रोजाना अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मछली, दाल, सी फ़ूड शामिल करें।साथ ही आपको इस बात का ध्यान रखना है कि एक बार में ज्यादा खाना खाने की बजाय आप 2 घंटे के भीतर थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं या आप एक टाइम में जितना भी खाना खाते हैं, उसे तीन-चार भागों में बांटकर 2 घंटों के अंतराल में खाएं। इसके अलावा आपको डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना है, जिससे आपका बैली फैट कम हो सके।
साइड प्लैंक
खाने में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा लेने से आपकी ऊर्जा बढ़ती है, जिससे आप फुर्ती से काम कर पाते हैं और आपकी कैलोरीज बर्न होती है। इससे आपका मोटापा नहीं बढ़ता।डाइट के साथ आपको साइड प्लैंक वर्कआउट में शामिल करना है जिससे आपके पेट की चर्बी तेजी से कम होने लग जाएगी।
कैसे करें साइड प्लैंक
-प्लैंक सबसे पहले पेट के बल सीधा लेट जाएं।
-अब कोहनी को मोड़ें जैसा चित्र में दर्शाया गया है और बाजुओं के अगले हिस्से पर शरीर का भार डालें।
-फिर अपने शरीर को सीधा रखें और हिलाएं नहीं। पेट की मांसपेशियों को ढीला न छोड़ें।
-अपने सिर पर दबाव न डालते हुए जमीन की ओर देखें।
-क्षमता अनुसार इस अवस्था को बनाए रखें।
-प्लैंक एक्सरसाइज के दौरान धीरे-धीरे सांस लेते रहें और छोड़ते रहें।
इस डाइट और वर्कआउट को फॉलो करने से 15-20 दिनों में आपको इसका असर दिखाई देगा।
सेहत / शौर्यपथ /अधिक गर्मी बढ़ जाने के कारण कई लोगों की या बच्चों की नाक में से खून निकलने लगता है. इसे नकसीर फूटना कहा जाता है. बच्चों में गर्मियों के मौसम में यह समस्या काफी अधिक देखी जाती है. वहीं, कुछ लोगों को गर्म चीजें खाने या अधिक ऊंचाई वाली जगहों पर जाने से भी नकसीर की समस्या का सामना करना पड़ता है. नाक के अंदर मौजूद सतह की खून की वाहिनियां फटने के कारण नकसीर की समस्या होती है. हालांकि यह एक आम समस्या है. लेकिन बार-बार नकसीर का होना सेहत के लिहाज से ठीक नहीं होता.
आज हम आपको इस समस्या से निपटने के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं-
– नाक पर ठंडा और गीला कपड़ा रखें ताकि रक्त नालिकाओं में संकुचन हो और खून निकलना बंद हो जाए
-यदि केवल एक नथुने से ही खून निकल रहा हो तो नथुने के ऊपरी भाग को दबाकर रखें
-फिर भी यदि खून निकलना बंद नहीं हो रहा हो तो और 10 मिनट तक दबाकर रखें
-बेल के पत्तों को पानी में पकाकर उसमें मिश्री या बताशा मिलाकर पीने से नकसीर बंद हो जाती है.
-एक बड़ा चम्मच मुलतानी मिट्टी रात को आधा लीटर पानी में भिगोकर रख दें. सुबह उस पानी को छानकर पीने से नाक से खून आने की परेशानी से फायदा मिलेगा.
– गुलकंद को सुबह-शाम दूध के साथ खाने से नकसीर ठीक हो जाता है.
नकसीर फूटने के कारण
-गरम और सूखा वातावरण
-नाक में चोट लगना
-कठोर गतिविधियां
-उच्च रक्तचाप
-अधिक ऊंचाई पर जाना
-नाक जोर से झाड़ना
टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ / गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. इस मौसम में गर्मी लगना और पसीना आना आम बात होती है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें गर्मी काफी लगती है और पसीना भी काफी ज्यादा आता है. आमतौर पर लोग इसे इग्नोर कर देते हैं. लेकिन हम आपको बता दें कि अगर आपको भी बहुत अधिक मात्रा में पसीना आता है तो यह आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
– आमतौर पर अगर आप वर्कआउट करते हैं तो इस दौरान पसीना आना काफी आम होता है. लेकिन अगर अचानक आपको बिना किसी कारण के पसीना आना शुरू हो जाता है तो यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है. पसीना आना, सीने में द्रद और मांसपेशियों में अकड़न ये सभी संकेत हार्ट अटैक के होते हैं.
– अगर आप व्यायाम नहीं कर रहे हैं और इसके बावजूद भी आपको अधिक पसीना आता है तो यह दिल से जुड़ी बीमारी के संकेत हो सकते हैं. जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है तो वह ब्लॉक हो जाती है और हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है. इस दौरान हमारे दिल को ब्लड पंप करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. दिल पर कम दबाव पड़ने और बॉडी टेंपरेचर को कम करने रखने की कोशिश में पसीना निकलने लगता है.
– इसके अलावा अगर आपके हाथ-कंधे या सिर में दर्द की समस्या हो रही हैं तो यह भी हार्ट अटैक के लक्षण होते हैं. ऐसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
– वायु प्रदूषण भी हार्ट अटैक का मुख्य कारण है. आजकल के समय में हवा में कई तरह की जहरीली चीजें होती है जो आपके फेफड़ों पर अटैक करती हैं. जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
आस्था /शौर्यपथ / नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है. इस दिन साधक का मन 'अनाहतÓ चक्र में अवस्थित होता है. अत: इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए. जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी. अत: ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं. इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है. वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है. इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं. इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं. ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है. माँ की आठ भुजाएं हैं. अत: ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं. इनके सात हाथों में क्रमश: कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है. आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है. इनका वाहन सिंह है.
मां कूष्माण्डा के मंत्र
1. या देवी सर्वभू?तेषु मां कूष्?मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..
2. वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्.
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
3. दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्.
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
4. जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्.
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्माण्डा की पूजा विधि
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुबह स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद मां कूष्मांडा का स्मरण करके उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. अब मां कूष्मांडा को हलवा और दही का भोग लगाएं. फिर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर सकते हैं. पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें और अपनी मनोकामना उनसे व्यक्त कर दें.
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिले में आज 4347 टेस्ट हुए जिसमे से 1778 की रिपोर्ट पोजिटिव आयी वही 1439 रिकवर हुए . वैसे तो ऐसी गणना प्रतिदिन शासकीय विभाग से प्राप्त हो रही है किन्तु आज इस गणना को आयु अनुसार देखे तो २० से ४० वर्ष के आयु वर्ग के पोजिटिव मरीजो की संख्या लगभग 800 हैं। वही 60 वर्ष से अधिक की आयु के पोजिटिव मरीज 200 हैं । जबकि ऐसा माना जाता है कि ६० वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के शारीर में प्रतिरोधात्मक क्षमता 20 से 40 वर्ष के आयु वर्ग से कम होती है किन्तु जैसा कि वर्तमान में टीकाकरण में 45 वर्ष से अधिक आयु वालो को प्रथम व द्वितीय डोज वेक्सिन के लग चुके है अतः इनकी संख्या में कमी है वही 20 से 40 वर्ष की आयु वर्ग को अभी टीका नहीं लगा है इस लिहाज से इस पूरे टेबल में सबसे ज्यादा नंबर 40 से 40 वर्ष की आयु वाले होने की जगह 20 से 40 वर्ष आयु वर्ग वाले पोजिटिव आ रहे है .
इसकी पहली वजह टीका लग रहा है। टीके ने थोड़ी प्रतिरोधक क्षमता जरूर पैदा की है जिससे बुजर्ग कोविड से कुछ हद तक बच रहे हैं। टीके का पूरा प्रभाव 70 दिनों के बाद दिखता है जिसमें अभी वक़्त बचा है। अभी युवाओं को यह आंकड़े देखने चाहिए। वे लापरवाही से न घूमें। लोगों से मिले तो मास्क हमेशा रखें। ये पिछले पीक के उलट संकेत दिखा रहा है और युवा भी इससे गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। अतः युवा वर्ग जब तक टीका ना लगे पूर्ण सावधानी बरते .
रिपोर्ट जनसंपर्क विभाग दुर्ग द्वारा प्राप्त
कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने में राजनीतिक दल भी अपना योगदान दें
कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए हर संभव उपाय: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रेमडेसीविर इंजेक्शन के उचित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाएं
छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कोई कमी नही है
वैक्सीनेशन और टेस्टिंग दोनों में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से बेहतर
राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सभीराजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जनजागरण में राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रमुखों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-गांव में इस बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करें। राज्यपाल आज राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के संबंध में विचार विमर्श के लिए आयोजित सर्वदलीय वर्चुअल बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए सीमावर्ती महाराष्ट्र राज्य से आए लोगों की जांच किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य की सीमा पर प्रबंध किया जाना चाहिए और क्वारेंटाईन सेंटर बनाए जाने चाहिए। उन्होंने रेमडेसीविर इंजेक्शन के उचित उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत बताई। राज्यपाल ने कहा कि अकेली राज्य सरकार के लिए कोरोना महामारी से निपटना काफी कठिन है। इस महामारी से निपटना हम सब का सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है। हम सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक राहत और सुविधाएं पहंुचाने में राजनीतिक दल शासन-प्रशासन के साथ मिलकर काम करें। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संकट के इस समय में मानव जीवन को बचाने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों को जल्द से जल्द टेस्ट कराने के लिए जागरूक करें। जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नही आ जाती, तब तक संक्रमित व्यक्ति स्वयं को आइसोलेट रखें और रिपोर्ट आने के बाद इलाज प्रारंभ करें। उन्होंने लोगों को मास्क का उपयोग करने, फिजिकल डिस्टेंस और हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखने के संबंध में भी जागरूक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुषमान योजना से इलाज कराने वाले लोगों पर कम से कम आर्थिक बोझ पड़े, इसके लिए टेस्ट और इलाज की दरें निर्धारित की गई हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादित होने वाली 80 प्रतिशत ऑक्सीजन का उपयोग छत्तीसगढ़ में ही हो। उद्योगों को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए चार लाईसंेस जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण और टेस्टिंग में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमावर्ती इलाकों में विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग और इलाज की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश में 88 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स को टीके की पहली डोज तथा 58 प्रतिशत हेल्थ वर्कर्स को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 84 प्रतिशत फं्रट लाईन वर्कर्स को प्रथम डोज तथा 48 प्रतिशत को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु वाले 61 प्रतिशत लोगों को टीके लगाए गए हैं। टेस्टिंग के संबंध में उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्तर पर जहां प्रति 10 लाख पर एक लाख 92 हजार 650 टेस्ट किए जा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर दो लाख 21 हजार 356 टेस्ट किए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रतिदिन 53 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर और ट्रू नॉट लैबो की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए वर्तमान में 7 शासकीय और 5 निजी क्षेत्र में लैब हैं। इसी तरह 31 शासकीय ट्रू नॉट लैब और 5 लैब निजी क्षेत्र में हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में 815 वेन्टीलेटर उपलब्ध हैं। प्रदेश में बिस्तरों की संख्या, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है। साथ ही सभी जिलों को कोविड प्रबंधन के लिए लगातार राशि उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए रायपुर के मेकाहारा में काउंटर शुरू किया जा रहा है। इस इंजेक्शन की सुचारू आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र और हैदराबाद वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और इनके नम्बर जारी कर दिए गए हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए ग्राम पंचायतों को क्वारेंटाईन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों की समीक्षा जिले के प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों द्वारा वर्चुअल मीटिंग लेकर की जा रही है। जरूरतमंदों को कोई परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये । भारतीय जनता पार्टी के श्री धरमलाल कौशिक ने विकासखण्ड स्तर पर हास्टल और सामाजिक भवनों में बेड की व्यवस्था करने, अन्य स्थानों पर भी शासकीय और निजी हास्टल में बेड की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। श्री शिवरतन शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर जल्द भर्ती करने, आयुषमान योजना में अन्य अस्पतालों को जोड़ने का सुझाव दिया। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि उनके दल द्वारा हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित कर लोगों की सहायता की जा रही है। दल के विधायक, महापौर, पार्षद मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक माह का वेतन देंगे। जरूरतमंदों को सूखा राशन और दवाईयां पहंुचाने का काम भी किया जा रहा है। बुजुर्गों को टीकाकरण स्थल तक पहुंचाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष में छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठानों द्वारा सीएसआर मद से दी गई राशि छत्तीसगढ़ को मिलनी चाहिए। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नीलकंठ त्रिपाठी ने ऑक्सीजन की कमी, निजी अस्पतालों द्वारा उपचार में अत्यधिक शुल्क लेने जैसी समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट किया गया। जनता कांग्रेस के अमित जोगी ने 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के टीकाकरण, कोरोना मरीजों की टेस्टिंग और ट्रेकिंग के संबंध में सुझाव दिए। शिवसेना के धनंजय परिहार ने रेमडेसीविर इंजेक्शन के उपयोग के बारे में जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया। सीपीआईएम के धनराज महापात्र ने चिकित्सा के क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं विकसित करने के लिए पीएम केयर फण्ड से विशेष राहत की मांग की। गोण्डवाना गणतंत्र पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि ने भी बैठक में सुझाव दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी.पिल्ले, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सामान्य प्रशासन विभाग और जनसम्पर्क विभाग के सचिव डी. डी. सिंह, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़ उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कोरोना प्रबंधन में मिल रहे सहयोग के लिए समाज प्रमुखों को दिया धन्यवाद
कोविड अनुकूल व्यवहार के प्रति लोगों को करें जागरूक
कोविड-19 की रोकथाम के लिए सामाजिक संगठन सहयोग के लिए सहर्ष तैयार
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से विभिन्न सामाजिक संगठनों से की चर्चा
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से उत्पन्न स्थिति पर विभिन्न समाज के प्रमुखों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा की। उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन सीमित हैं। सरकार के साथ समाज के जुड़ने से संसाधन कई गुना बढ़ जाता है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सभी समाज के लोगों का सक्रिय सहयोग जरूरी है। उन्होंने वर्तमान में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहायता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ज्यादा घातक है। इसका वायरस ज्यादा संक्रमित करने वाला है। इस बार अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य शासन अपने पूरे संसाधन के साथ इस महामारी से निपटने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जरूरी है। उन्होंने समाज प्रमुखों से लोगों को स्वअनुशासित रहने और संक्रमण से बचाव के उपायों का गंभीरता से पालन करने के लिए प्रेरित करने कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव ही सुरक्षा है। इसके लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। मास्क के उपयोग, शारीरिक दूरी और हाथों की अच्छी साफ-सफाई से संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि घर में किसी को लक्षण दिखें तो उसे आइसोलेट करें। उसकी कोरोना जांच करवाएं और रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो एसओपी के मुताबिक पूरा उपचार लें। इलाज में देरी से संक्रमण बढ़ता है और यह जानलेवा हो सकता है। मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों को रेमेडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग के बारे में बताया कि यह आईसीयू या वेंटीलेटर में उपचाररत गंभीर मरीजों को दिया जाता है। इसके लिए डॉक्टरों की निगरानी जरूरी है। होम आइसोलेशन और अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए इसका प्रयोग नहीं होता है। अस्पतालों को उनकी जरूरत के मुताबिक रेमेडेसिविर की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि अभी प्रदेश के सात शासकीय और पांच निजी लैबों में आरटीपीसीआर पद्धति से कोरोना सैंपलों की जांच की जा रही है। इस महीने कोरिया, महासमुंद, कांकेर और कोरबा में चार नए लैब शुरू होने से जांच में तेजी आएगी और रिपोर्ट जल्दी मिलेगी। शासकीय क्षेत्र के 31 और निजी क्षेत्र के चार लैबों में ट्रनाट पद्धित से भी सैंपलों की जांच की जा रही है। रैपिड एंटीजन किट से भी सभी जिलों में सैंपल की जांच हो रही है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण में भी छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश की 14 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति, टेस्टिंग, इलाज की व्यवस्था और टीकाकरण की जानकारी दी। जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर और दवाईयां उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे कोविड-19 के प्रबंधन में अपने सामाजिक भवनों, छात्रावासों, वालिंटियर, भोजन उपलब्ध कराने, ऑक्सीजन आपूर्ति एवं अन्य किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए सहर्ष तैयार हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मनवा कुर्मी समाज, छत्तीसगढ़ कंवर समाज, राजपूत-क्षत्रिय महासभा, माहेश्वरी समाज, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, महाराष्ट्र मंडल, साहू समाज, मसीही समाज, जैन समाज और देवांगन समाज के प्रमुख शामिल हुए।
दुर्ग / शौर्यपथ / आज दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत रिसाली निगम के अधिकारियों से फोन पर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चर्चा कर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की स्थिति की पूरी जानकारी ली। गृहमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी सुरक्षित रहते हुए ड्यूटी करे। निगम क्षेत्र में होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाई पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी रखे तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नियमित रूप से ले। वैक्सीनेशन और कान्टेक्ट टेऊसिंग के कार्य में ढिलाई न बरते। चर्चा के दौरान गृहमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं लोगों की मांग पर आवश्यकता अनुरूप वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाए जाने के भी निर्देश आयुक्त को दिये।
उन्होंने ये भी कहा कि जिला प्रशासन व स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए लोगों से लॉकडाउन का अक्षरश पालन करवाएं। इस दौरान गृहमंत्री ने सैनेटाइजेशन कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संवेदनशील जगहों पर प्रतिदिन सैनेटाइजेशन प्राथमिकता के साथ कराए। गृहमंत्री साहू ने रिसाली निगम के सभी एल्डरमेन और जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की और उनसे निगम क्षेत्र में कोविड की स्थिति की जानकारी ली। चर्चा के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का सतत रूप से मानिटरिंग करते रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले एवं दवाइयों की डिलीवरी नियमित तौर पर हो यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। इस दौरान निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने गृहमंत्री को कोविड संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासो से अवगत कराया।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई स्टील मजदूर सभा एटक के महासचिव कामरेड विनोद कुमार सोनी ने बताया कि सर्विदित है कि आज पूरे देश में कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते सैकड़ो लोगों ने अपनी जान गवां दी है। लाखों लोग कोरोना पॉजिटिव से संक्रमित हो गए है और प्रतादिन हजारों लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना से मरने वाले जनता की तदात बढ़ते ही जा रही है।
इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ है, उसमें दुर्ग व भिलाई क्षेत्र हैं, जो कि एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है। जहाँ सेल की एक प्रमुख इकाई भिलाई स्टील प्लांट है जिसमें कुल मिलाकर लगभग 40 हजार स्थायी कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों द्वारा इस भयंकर महामारी में स्टील के उत्पादन में देश का जीडीपी बढ़ाने में ईमानदारी के साथ लगा हुआ है। वैसे ही सेल के अन्य इकाईयों व खदानों मे स्थायी व ठेका श्रमिक देश व सेल के हित में कार्यरत हैं।
का. सोनी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के विकराल रूप लेने के चलते सेल की इकाईयों व उनके खदानों के बहुत ज्यादा कर्मचारी व ठेका श्रमिक इसकी चपेट में आ गए हैं। कईयों ने अपनी जान गवां दी। काल की गाल में समा गए। वीर गति को प्राप्त हो गए। उन तमाम कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों व अन्य जनों को जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई है को एटक की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि इसके बाद उनके परिवार का क्या होगा? नाबालिग बच्चों का क्या होगा? इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए ऑल इंडिया स्टील वर्कर्स फेडरेशन (एटक) सेल चेयरमैन को से मांग करता है की सेल के उन तमाम कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों को जोकि कोविड-19 महामारी के कारण देहांत हुआ है उनके परिवार को अविलंब 15 लाख अनुग्रह राशी एवं उनके एक आश्रित को सेल में तत्काल नौकरी दी जाए। का. सोनी ने बताया की एसईसीएल कोल फील्ड में प्रबंधन व यूनियन के द्वारा हस्ताक्षरित एक नियम के तहत कोविड-19 के कारण मृत कर्मचारियों के परिवार को 15 लाख अनुग्रह राशि एवं एक आश्रित को नौकरी दी जाती है। जिसका परिपत्र संलग्न है। ऐसे महामारी में जब सेल के कर्मचारी सेल के उत्पादन में तन मन के साथ लगे हैं, कार्यरत हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं ऐसे वक्त में कोविड-19 के तहत मृत्यु को प्राप्त करने वाले कर्मचारियों व ठेका श्रमिकों के परिवार को 15 लाख अनुग्रह राशी एवं एक आश्रित को तत्काल नौकरी दिया जावे।
कोल इंडिया दे रही है कोरोना से मृतकों के आश्रितों को 15 लाख
कोलकाता। नवरत्न कम्पनी कोल इंडिया लिमिटेड ने अपने कर्मियों के अतिरिक्त ठेकेदारी में कार्यरत श्रमिकों के कोविड-19 से निधन होने पर 15 लाख रूपये मृतक के आश्रितों को देने की घोषणा की है। यह आदेश 24 मार्च 2020 से प्रभावशील किया गया है। यह जानकारी कोल इंडिया लिमिटेड के महाप्रबंधक अजय चौधरी, श्रमशक्ति एवं औद्यौगिक प्रबंधक ने दी है। वही दूसरी ओर नवरत्न कंपनी सेल अपने श्रमवीरों एवं ठेका श्रमिकों के कोरोना से निधन पर किसी तरह की आर्थिक सहायता की घोषणा नही की गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना से कई दर्जन बीएसपी कर्मी, ठेका श्रमिक के अतिरिक्त बीएसपी के अधिकारी भी मौत को आगोस में समा चुके हैे।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल मिल में भीषण आग लग गई। पुलपिट नंबर 1 में बुधवार की रात भीषण आग लगी। आग की वजह से रेल पटरी का उत्पादन प्रभावित हो गया है। आग लगने का प्रमुख कारण टनल की सफाई नहीं होने को बताया जा रहा है। रोलर्स का ग्रीस, तेल अन्य ज्वलनशील पदार्थ टनल में लगातार गिर रहा था। टनल के ऊपर लगभग 1100 से 1200 डिग्री तापमान में रेल पटरी की ढलाई हो रही थी। ढलाई के समय ही आग लगी।
बताया जा रहा है कि पूरा क्षेत्र काफी गर्म होता है। चिंगारी की वजह से आग तेजी से फैल गई। आग लगने से भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। फायर ब्रिगेड को तत्काल सूचना दी गई, हालांकि पूर्व से वहां पर फायर ब्रिगेड की 2 गाडिय़ां तैनात थीं। बावजूद इसके अन्य स्टेशन से भी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का मंगाया गया। आग पर काबू पाने के लिए एक घंटे तक दमकलकर्मी मशक्?कत करते रहे। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 14 अप्रैल की रात लगभग 11:45 बजे आग लगी। देखते ही देखते आग पूरी तरह से फैल गई। आग इतनी भीषण थी कि सबसे पहले वह आग पुलपिट के नीचे रोलिंग स्टैंड के टनल से बढ़ती हुई दिखी और पूरी तरह से पुलपिट को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वहां के हाइड्रोलिक पाइप लाइन, इलेक्ट्रिकल केबल ओर पुलपिट पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचती तब तक आग भीषण रूप ले चुकी थी। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन बड़ा नुकसान हो गया। जानकारों के मुताबिक अभी काम चालू होने में कम से कम 3 से 4 दिन का समय लग सकते हैं।