August 02, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधायक देवेंन्द्र यादव कोरोना निगेटिव होते ही चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल कचांदुर और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां वे डॉक्टरो और जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिले।मरीजो का हालचाल जाना।चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल में आईसीयू वार्ड बनाया जाएगा।वेंटिलेटर युक्त आईसीयू वार्ड बनाने और अस्पताल में बेड बढ़ाने के विषय पर चर्चा की गई। अस्पताल के सभी बेड में ऑक्सीजन की व्यवस्था करने जैसे कई जरूरी विषयों पर लंबी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि विधायक देवेंद्र यादव दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। उनके परिवार के कई सदस्य अभी भी अस्पतालों में भर्ती है। विधायक श्री यादव कोविड नेगेटिव होते ही चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल की व्यवस्था देखने पहुंचे। जहाँ उन्होंने इलाज के लिए भर्ती मरीजों से मिले और उनका हलाचाल जाना। बेहतर इलाज मिल रहा है कि नहीं क्या समस्या आरही है आदि जानकारी ली।
इसके बाद पूरे अस्पताल का बारिकी से निरीक्षण किया। साथ ही जिला व निगम प्रशासन के अधिकारियों से मिले और अस्पताल में और बेहतर व्यवस्था बनाने। मेन पावर बढ़ाने आदि विषयों पर लंबी गहन चर्चा की। इस दौरान विधायक यादव ने चर्चा कर चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल में जल्द आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने की बात कही। इसके लिए शासन से वे मांग करेंगे और जल्द वेंटिलेटर युक्त आईसीयू वार्ड बनाने की पहल की जाएगी। अस्पताल में बेहतर व्यवस्था बनाने रूप रेखा तैयार किए गए।
और खरीदे जाएंगे ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन
कोविड केयर सेंटर में मरीजों के इलाज में उपयोगी कुछ नई मशीन आई है। इन मशीनों का भी निरीक्षण किया। यहाँ ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीन और खरीदने पर चर्चा की गई। और इसके साथ ही बेड की क्षमता बढ़ाई जाएगी।सभी बेड ऑक्सीजन युक्त किया जाएगा। ताकि कोई भी पेसेंट आये तो ऑक्सीजन तुरंत दिया जा सके। आईसीयू की जरूरत है। जल्द आइसीयू स्टेबलिश किया जाएगा। ऑक्सीजन कंसन्ट्रेशन मशीन के उपयोग और लाभ की भी जानकारी ली गई और नई मशीन मंगाई जाएगी। मेन पावर बढ़ाने पर चर्चा की गई और पेसेंट के मरीजों को समय पर जानकारी मिल सके। परिजन परेशान ना हो। उनके परिजन जो भर्ती है उनकी पुरी जानकारी मिले ऐसे बेहतर स्वाद स्थपित करने पर भी जोर दिया गया।
इसके बाद विधायक यादव शास्त्री अस्पताल सुपेला पहुंचे। यहा का भी उन्होंने निरीक्षन किया। यहाँ पेसेंट के लिए 56 बेड की व्यवस्था है। साथ ही ऑक्सीजन की भी पर्याप्त व्यवस्था है कि नही।इसकी भी जानकारी ली। डॉक्टरों को क्या मदद चाहिए।इस विषय पर डॉक्टरों से चर्चा किए साथ ही डॉक्टरो का हौसला बढ़ाया। विधायक श्री देवेंन्द्र यादव ने कहा कि कंधे से कढ़े मिला कर मैं हमेशा आप सब के साथ खड़ा रहूंगा। हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे।

बस्तर / शौर्यपथ /  पूरे विश्व के साथ ही देश-प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए बस्तर जिले में इसके रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में कोरोना से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए बस्तर जिला प्रशासन द्वारा बकावंड में 450 बिस्तर के कोरोना अस्पताल को इलाज के लिए फिर से तैयार कर लिया गया है। बकावण्ड में आइसोलेशन सेंटर खुलने से जिले में अब कोरोना मरीजों के लिये कुल स्वीकृत बेड की संख्या 950 हो गयी है। बस्तर जिले में वर्तमान में मेडिकल कालेज डिमरापाल में 200 बेड, धरमपुरा आइसोलेशन में 250 बेड, बकावण्ड में 450 बेड और एम.पी.एम. में 50 बेड की सुविधा है। जिनमे 17 अप्रैल तक की स्थिति में 665 बेड रिक्त हैं। यह कोविड अस्पताल 250-250 सीट के बालक एवं बालिका छात्रावास में तैयार किया गया है। कलेक्टर श्री रजत बंसल द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले में भी कोरोना मरीजों की उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश देने के बाद बकावंड में यह व्यवस्था प्रारंभ की गई। एसडीएम श्री रावटे ने बताया कि कोविड मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने और कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण किसी भी आपातकालीन स्थिति से बचाव के लिये पहले से तैयारी की गई है। यहाँ ऑक्सीजन युक्त 20 बिस्तर की व्यवस्था है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही भोजन एवं सुरक्षा की व्यवस्था भी आदिम जाति विकास विभाग और पुलिस विभाग के सहयोग से प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना की पिछली लहर में भी यहां 387 मरीजों की भर्ती कर 362 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया था, वहीं 25 गंभीर मरीजों को रिफर किया गया था।

ज्यादा संक्रमण वाले ग्रामीण क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग की जाए
आवश्यकतानुसार प्रवासी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन में रखने और अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश
उपचाररत मरीजों को टेलीमेडिसिन से सतत मार्गदर्शन देने, कंट्रोल रूम को सक्रिय करने के निर्देश
आवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के 10 जिलों में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति, उनकी रोकथाम के उपायों और मरीजों के इलाज के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों से एयरपोर्ट के साथ-साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्डों और अंतर्राज्यीय सीमाओं पर बाहर से आने वाले यात्रियों की कड़ाई से टेस्टिंग कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन में रखने और अस्पताल भेजने की व्यवस्था के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा स्टॉफ सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी मेहनत के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों की चेकपाइंट पर टेस्टिंग कर संक्रमित लोगों को चिन्हाकित कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि इन लोगों से संक्रमण न फैलने पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वहां गांवों में हर व्यक्ति की जांच के लिए विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग करने, उन्हे अलग रखने और उनकी मॉनीटरिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। क्वारेंटाइन और होम आइसोलेशन वालों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से सलाह देने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए कंट्रोल रूम को सक्रिय किया जाए। उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि चौक-चौराहों में भीड़ एकत्रित न हो। सभी जिलों से लगने वाले अंतर्राज्यीय बार्डर सील किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें। साथ ही हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और सामाजिक संगठनों द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। जिससे नकारात्मकता का माहौल न बनने पाए, इसका विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक संगठन, उद्योगपति और व्यापार जगत के लोग भी संकट के इस समय में प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं। हम लोग लगातार उनके संपर्क में हैं, कलेक्टर भी समय-समय पर विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद स्थापित करते रहें। यह भी ध्यान रखा जाए कि आम जनता की आवश्यक जरूरतों की पूर्ति में कोई व्यवधान न आने पाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को टेस्टिंग किट सहित जरूरी मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेण्डर, रेमडेसिविर सहित आवश्यक दवाओं की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिए। आवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। सभी जिलों में जरूरत के अनुसार मेडिकल स्टॉफ की भर्ती तत्काल की जाए।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल बैठक में 10 जिलों रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बलौदाबाजार, जशपुर और कोरबा जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेण्डर की उपलब्धता, मरीजों के इलाज, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता, सीएसआर मद तथा अन्य मदों से आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में ऑक्सीजन सिलेण्डर की निरंतर आपूर्ति तथा आवश्यक दवाईयों के भण्डारण, खदान और औद्योगिक क्षेत्रों में सघन टेस्टिंग अभियान चलाने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस के दूसरे स्ट्रेन से ज्यादा तेजी से संक्रमण हो रहा है और मरीजों को ठीक होने में भी ज्यादा समय लग रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए जिलों में मरीजों की तत्परता से इलाज सुविधा के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने सभी जिलों में आवश्यकतानुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति और वैक्सीनेशन की प्रगति के संबंध में जानकारी दी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी पिल्ले, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, संबंधित आईजी, सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी बैठक में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्मय से जुड़े थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना में बढ़ते संक्रमण के बीच दुर्ग जिले के बहुत से अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज जारी है, जहा बड़ी संख्या में हो रही मौतों को लेकर आम जनता और मरीज के परिजन आतंकित है, तो वही मरीज के परिजनों से अस्पताल प्रबंधन पैसे वसूलने से बाज़ नहीं आ रहे है, इस लॉकडाउन में जहा दुर्ग जिला प्रशासन ने बैंकों को भी बंद कर रखा है वही मरीज के परिजनों के ऊपर नगद पैसे जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे परिजनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है !जबकि प्रशासन ने ऑनलाइन पेमेंट और चेक में भुगतान की बात भी कही है बावजूद इसके नगद भुगतान पर अपरोक्ष दबाव डाला जा रहा है एवं मरीज की गंभीर स्थिति बताकर दवा और इंजेक्शन की मांग की जाती है जिसको लेकर भी परिजनों में भय का माहौल व्याप्त है, और डरे सहमे परिजन आशंकित होकर ना चाहते हुए भी किसी न किसी तरह उनकी डिमांड पूरी करने के मजबूर है !
वही अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को लेकर जिस तरह से सोसल मीडिया पर विडियो और फोटो वाइरल हो रहे है, वो अपने आप में जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे है, अस्पतालों में फैली अव्यवस्थाओं को छुपाने कई अस्पतालों ने मरीजों के पास मोबाइल रखना भी प्रतिबंधित कर दिया है, अस्पताल के अन्दर मरीज से किस तरह का व्यव्हार, देख रेख एवं इलाज किया जा रहा है ये जानने को लेकर परिजनों में अस्पतालों और उनके प्रबंधनों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है और ऐसे में परिजन शासन प्रशासन की ओर टकटकी लगाए देख रहे है कि कब जिला शासन प्रशासन की नींद खुलेगी !
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इलाज़ के साथ साथ मरीज को मोरल सपोर्ट और देखरेख की बहुत जयादा जरुरत होती है और वो देखरेख मेडिकल स्टाफ नहीं कर पाता है जिसके चलते अस्पताल में अव्यवस्था के बीच मरीज की स्थिति सुधरने की बजाये बिगड़ने लगती है और इसलिए जिस तरह मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर को पूरी सुरक्षा के साथ अन्दर जाने की अनुमति दी जाती है वैसी ही सुरक्षा के साथ मरीज के एक परिजन जिनको किसी भी प्रकार से कोई बिमारी ना हो उसको मरीज के साथ रहने एवं देखभाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए ! जिससे मरीज की सही स्थिति डॉक्टर को मिलती रहे, क्योकि भले ही अस्पताल डॉक्टर के उपलब्ध होने का दावा करते है लेकिन वास्तविकता तो यह है कि डॉक्टर की संख्या सिमित है और एक डॉक्टर कई अस्पतालों में अपनी सेवा देते देखे जा रहे है और कई अस्पतालों में एक ही डॉक्टर है और वो भी पुरे दिन भर में एक राउंड ही मरीजों को देख रहे है, उनके जाने के बाद मरीज अस्पताल में भगवान् भरोसे रह जाते है, और मरीज के साथ परिजन के रहने से वो सही से देखरेख तो मरीज की करेगा ही साथ ही मरीज और डॉक्टर के बीच शेतु की तरह काम करेगा और इलाज के आभाव में हो रही मौतों की रफ़्तार कम हो सकेगी !
कोविड अस्पतालों की मोनिटरिंग के लिए जरुर जिला प्रशासन ने अधिकारियों की ड्यूटी लगा रखी है, लेकिन उन अधिकारियों को मेडिकल फील्ड अनुभव नहीं है, माना की कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैलता है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि होम आइसोलेशन में 99 फीसदी लोग रिकवर हो रहे है, उसका एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है की उसको समय से समय से दवा, पौष्टिक भोजन आहार, स्वच्छ वातावरण और परिवार का सहयोग मिलता रहता है, जिससे की उसको कोरोना जैसी बिमारी से लड़ने का हौसला मिलता है, और वह मानसिक रूप से मजबूत होकर कोरोना से जीत जाता है !
परिजनों की माने तो कोरोना ने उनको अपना शिकार नहीं बनाया है बल्कि हमारे बीच व्याप्त भ्रष्ट सिस्टम ने उनको अपना निशाना बनाया है, वही आम जन की माने तो कोरोना के नाम से जहा भ्रष्ट सिस्टम ने कालाबाजारी को बढ़ावा दिया है, तो वही भ्रष्ट सिस्टम ने गरीब दिहाड़ी मजदूरों को निचोड़कर मौत के मुहाने पर लाकर छोड़ दिया है ! लगातार बढ़ते लॉकडाउन में अब जिले के जनप्रतिनिधि भी भूमिगत हो गए है कम से कम उनको तो आम जन को हौसला देने सामने आना चाहिए था, वो तो हमारे दुर्ग जिला सांसद विजय बघेल का भला हो कि कम से कम उन्होंने कलेक्टर से बात कर बढ़ने वाले लॉकडाउन में कुछ तो रियायत दिलवाई है, नहीं तो हमारे दुर्ग विधायक तो हमेशा घर बैठकर अख़बारों की सुर्ख़ियों को पढ़कर आतंक के घेरे में समायें रहते है ! और समाचार के कतरनों को सोसल मीडिया में वाइरल कर दुर्ग की जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास करते रहते है, और तो और इस कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्य करने वाले अधिकारीयों की हौसला अफजाई करना छोड़ उलटे उनकी शिकायत करने से भी बाज़ नहीं आते है !
टीकाकरण केन्द्रों से हो सकता है कोरोना का बड़ा विस्फोट
टीकाकरण केन्द्रों से वाइरल होती तस्वीरों में साफ़ दिखाई देता है की स्वास्थ्य कर्मचारी लोगो को बिना दस्ताने पहने टीका लगाने का कार्य कर रहे है, जो कभी भी कोरोना के बड़े विस्फोट का कारण हो सकता है, और सोचने वाली बात तो यह भी है कि एक स्वास्थ्य कर्मी टीका लगाते समय अगर दस्ताने पहनता भी है तो वो कोरोना के संक्रमण से अपने आपको जरुर बचा पाने में कामयाब हो सकता है लेकिन अगर दस्ताने पहने रहने के बावजूद वो कोरोना संक्रमण व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसके बाद संक्रमित हुए वही दस्ताने को पहनकर वो टीका लगाते समय और भी कितने लोगो को संक्रमित करेगा, जो एक विचार करने का बड़ा विषय हो सकता है क्योकि इससे बड़ा संक्रमण फैलने की सम्भावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता !
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का शिकार हो रहे है मरीज के परिजन
कोरोना के मरीजों की जीवनदायनी इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी इन दिनों जोरो पर है, सूत्रों की माने तो ये पूरा खेल निजी अस्पतालों की मिलीभगत में खेला जा रहा है, कोरोना मरीज के परिजनों से इंजेक्शन रेमडेसिविर की डिमांड की जाती है जिसको लेकर परिजन भटकते हुए कालाबाजारी का शिकार होते है, और 4800 रूपये प्रिंट के इस इंजेक्शन को 12 से 13 हज़ार रूपये में खरीदकर अस्पताल तक पहुचाते है, अब ये बड़े जांच का विषय हो सकता है कि वो इंजेक्शन उनके मरीज को लगाया भी जा रहा है या नहीं, या फिर वो इंजेक्शन फिर से किसी को कालाबाजारी का शिकार बनाने दलालो के हाथ सौपा जा रहा है !
परिजनों को राहत पहुचाने जिला प्रशासन को करना होगा विचार
निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन कई तरह की आशंकाओं को लेकर चिंतित है, तो जिला प्रशासन को सोसल मीडिया पर वाइरल रही आम जनता की मांग पर विचार करते हुए, सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था कर अस्पताल के बाहर उसको डिस्प्ले करे और सीसीटीवी कैमरे का लिंक परिजनों के मोबाइल पर दिया जाए, जिससे कम से कम जिला प्रशासन, अस्पताल और परिजनों के बीच एक पारदर्शिता तो बनी रहेगी ! इसके साथ ही साथ देखरेख और इलाज में हो रही लापरवाही पर भी अंकुश लगेगा ! और कही न कही बढ़ते मौतों के आंकड़ों में ब्रेक लगने की भी पूरी सम्भावना बनेगी !
कोरोना अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन को रोजाना प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वीडियो और फोटो पत्रकारों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे आमजन को भी अस्पताल और अपने मरीज को लेकर संतुष्टि बनेगी और भयावहत: के माहौल मुक्ति भी मिलेगी !

दुर्ग / शौर्यपथ / पूर्व महापौर आर एन वर्मा ने कहा है कि कोरोना महामारी किसी एक प्रदेश या किसी एक देश की समस्या नही है,बल्कि एक वैश्विक आपदा है, ऐसी विपदा की घड़ी में भी भाजपा के नेताओं द्वारा प्रदेश में सिर्फ ब्यान बाजी कर ओछी राजनीति किया जा रहा है जो दुर्भाग्य जनक है।प्रदेश के शीर्ष भाजपा नेताओं द्वारा चाहे वे पूर्व मुख्य मंत्री हो, चाहे वे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष हो, चाहे वे भाजपा के सांसद गण हो,प्रदेश में व्याप्त कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए अथवा प्रदेश की जनता की राहत के लिए केंद्र सरकार से जो सुविधा एवम सहायता मिलना चाहिए उस दिशा में कुछ भी मांग प्रदेश के लिए समय में नही किये ,सिर्फ बयान बाजी करते रहे और अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे।क्या जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका कोई जिमेददारी नही बनता है? प्रदेश के भाजपा के शीर्ष नेता गण बताएं कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए महामारी और विपदाओं के नियंत्रण के लिए उनके द्वारा एक भी उनके द्वारा क्या मांग केंद सरकार से किया जा कर काम कराया गया? भाजपा नेताओं द्वारा प्रदेश में सिर्फ टिका महोत्सव मना कर अपने दायित्व से मुक्त हो गए।
आर एन वर्मा ने कहा है कि प्रदेश की जनता देख रही है कि मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल एवम उनके सरकार के सभी लोग पूरे संवेदनशीलता एवम संजीदगी से आम लोंगों एवम सामाजिक संस्थाओं का सहयोग ले कर अपने सरकार की संसाधनों से कॅरोना से निपटने का प्रयास किया जा रहा है।ऐसे विपदा के समय में दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर सार्थक सहयोग की दिशा में प्रयास करे नेता गण।

दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार प्रदेश के हर जिला में जिला स्तर पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार में सहयोग प्रदान करने हेतु जिला स्तरीय कंट्रोल रुम की स्थापना की बात कही गयी थी जिसके फलस्वरूप प्रदेश के सबसे ज्यादा संक्रमित जिला दुर्ग जिला में कांग्रेस संगठन के तीन जिला अध्यक्ष दुर्ग ग्रामीण , भिलाई एवं दुर्ग जिला कांग्रेस में भी समिति का गताहन हुआ किन्तु एक ओर जहां दुर्ग ग्रामीण जिलाध्यक्ष निर्मल कोसरे और भिलाई जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू द्वारा समिति का गताहन कर सदस्यों के नाम सोशल मिडिया एवं प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रचारित किया गया ताकी आम नागरिको को थोड़ी बहुत राहत मिले वही इस मामले में एक बार फिर दुर्ग जिला कांग्रेस पिछड गया . आज ५ दिनों बाद भी दुर्ग कांग्रेस के प्रवक्ताओ द्वारा ना ही इसकी जानकारी प्राप्त हो सकी है और ना ही सदस्यों के नाम आम जनता के पास किसी भी माध्यम से पहुंचे है हालाँकि वोरा बंगले के समाचार को प्रमुखता से छापने वाले कुछ समाचार पोर्टल में ज़रूर इसका उल्लेख हुआ है किन्तु सिर्फ नाम का उल्लेख हुआ है जो कि आम जनता की पहुँच से एक प्रकार से दुर ही है क्योकि इसमें से कुछ नाम ऐसे है जिन्हें आम जनता नहीं जानती एवं कुछ नाम ऐसे है जिन्होंने पूर्व में फर्जी लिस्ट में आपत्ति की बात कही थी जिसके कारण आम जनता इन नामो पर संपर्क करने से कतरा रही है कि कही यहाँ से कोई निराशा पूर्वक जवाब ना मिले .
बता दे कि दुर्ग कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में वर्तमान में गया पटेल पदेन है . लिस्ट के बारे में जब गया पटेल से संपर्क करने की कोशिश की गयी और कण्ट्रोल रम के सम्बन्ध में बात की गयी तो उनके द्वारा लिस्ट भेजने की बात तो कही गयी किन्तु बार बार जब लिस्ट के बारे में संपर्क किया गया तो हर बार टालमटोल वाला ही जवाब मिला . प्रदेश के इस अतिसंक्रमित जिला मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष के आदेशो की इस तरह से धज्जी उड़ रही ये बड़े ही आश्चर्य का विषय है . एक ओर जहाँ दुर्ग ग्रामीण और भिलाई के आपदा कण्ट्रोल रम की पल पल की जानकारी मिल रही और समिति के सदस्यों द्वारा लगातार आम जनता को संतुष्ट करने का प्रयास हो रहा ताकि प्रदेश सरकार की छवि में कोई दाग ना लगे वही दुर्ग जिला कांग्रेस द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में इस तरह की कोताही कई तरह के संदेहों को जन्म दे रही है आम जनता कांग्रेस की इस निष्क्रियता पर सवाल उठा रही है .संक्रमण के द्वितीय लहर में दुर्ग की जनता वैसे भी लगातार सोशल मिडिया पर विधायक और महापौर की निष्क्रियता पर हमला बोल रही है तब कांग्रेस संगठन द्वारा निष्क्रिय रहने पर प्रदेश अध्यक्य मोहन मरकाम के नेतृतव पर भी दुर्ग की जनता सवाल उठा रही है . ...
दुर्ग ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल कोसरे द्वारा ज़ारी दुर्ग ग्रामीण समिति के सदस्यों की सूचि एवं नंबर
1.श्री झुमुक साहू (महामंत्री जिला कांग्रेस)- 9303037105
2.श्री रूपेन्द्र शुक्ला(महामंत्री जिला कांग्रेस) - 9993608091
3.श्री शिवकुमार वर्मा (ब्लाक अध्यक्ष धमधा)- 6263945304
4.श्री मनोज मढरिया (ब्लाक अध्यक्ष चरोदा)-91655 00059
5.श्री प्रमोद राजपूत (ब्लाक अध्यक्ष कुम्हारी) 9584463601
6.श्री नंदकुमार सेन(ब्लाक अध्यक्ष दुर्ग ग्रामीण) -9406094661
7.श्री महेंद्र वर्मा (ब्लाक अध्यक्ष पाटन) - 9893152530
हेल्पलाइन नंबर- असफाक अहमद +918982428463
उपरोक्त गठित कंट्रोल रुम के सदस्य स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोविड से पीडितों, चिकित्सा, स्वास्थ, अस्पताल, टेस्टिंग, टीका, बैड, आक्सीजन व्यवस्था तथा जरुरतमंदो को भोजन से सबंधित सहयोग प्रदान करेंगे। कृपया किसी भी तरह की कोरोना की समस्याओं के लिए इन सदस्यों से इनके मोबाईल पर संपर्क करें।
वही भिलाई जिला अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू द्वारा जारी सूचि
छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला स्तर पर करोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार में सहयोग प्रदान करने हेतु 8 सदस्यीय जिला स्तरीय कंट्रोल रुम की स्थापना की गयी है।
1.श्री मुकेश चंद्राकर - मों. 9993095007
2.श्री संदीप निरंकारी - मों 9993193681
3.श्री मनीष जग्यासी - मों 9300280408
4.श्री अतुल चंद साहू- मों 9425550250
5.श्री लादू राम सिन्हा - मों 8770178331
6. अमित जैन -मो 9329118223
7.श्री नीतीश कश्यप - मों 8966925818
8.श्री बुध्द शरण बोरकर -मों 9907940000
उपरोक्त गठित कंट्रोल रुम के सदस्य स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोविड से पीडितों, चिकित्सा, स्वास्थ, अस्पताल, टेस्टिंग, टीका, बैड, आक्सीजन व्यवस्था तथा जरुरतमंदो को भोजन से सबंधित सहयोग प्रदान करेंगे। कृपया किसी भी तरह की कोरोना की समस्याओं के लिए इन सदस्यों से इनके मोबाईल पर संपर्क करें।
दुर्ग जिला कांग्रेस द्वारा समाचार लिखे जाने तक ऐसी कोई सूचि की जानकारी जिला कांग्रेस के सदस्यों द्वारा प्रवक्ताओ द्वारा प्राप्त नहीं हुई ..

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कोरोना महामारी के भयावकता को दृष्टिगत रखते हुये कोरोना संक्रमित मरीजों की जीवन रक्षा के लिये जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजनांदगांव मेडिकल कालेज को 100 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया है। इस भीषम परिस्थिति में संवेदनशीलता का परिचय देने पर महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने प्रभारी मंत्री अकबर का आभार व्यक्त किया है।
महापौर श्रीमती देशमुख ने कहा कि कोरोना के दूसरे दौर के भयावह संक्रमण से जनता जूझ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आम जनता को कोरोना महामारी के समय सहित हर पल सुविधा व सुरक्षा पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम निरंतर उठा रही है, उसी क्रम में जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर भी स्वयं कोरोना संक्रमण से प्रभावित होते हुए भी राजनांदगांव जिले की चिंता करते हुए 100 ऑक्सीजन सिलेंडर मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव को उपलब्ध कराने का दायित्व निभाते हुये तत्काल उपलब्ध कराकर कोरोना के जंग में लड़ने वाले योद्धाओं को एवं मरीजों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का जो महती कार्य किया है, उसके आभार के लिए शब्द कम है। क्योंकि आज के संक्रमण काल में ऑक्सीजन की प्राथमिक आवश्यकता महसूस की जा रही है.जिसको देखते हुए जिले के सजग और निरंतर जिले की सुध-बुध लेने वाले जिले से जीवंत संपर्क रखने वाले प्रभारी मंत्री ने यह कदम उठा कर अपनी सकारात्मक कार्य का एक बार फिर से परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने भी रेमिडीसीवर इंजेक्शन की पर्याप्तता के लिए भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए है, जिसका सुखद परिणाम हमे जल्द मिलेगा और जनता संक्रमण से मुक्त होंगे। इस आपदा की घड़ी में छत्तीसगढ सरकार जनता के साथ है, हमे घबराना नहीं है। बल्कि धैर्य रखकर इसका मुकाबला करना है।

जगदलपुर / शौर्यपथ / लगातर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला काफी बढ़ गया है व इससे दुःखद बात यह है कि अपनी जान जोखिम में डाल कर कुछ सरकारी कर्मचारी दिन रात इन मरीजो की सेवा कर रहे है व संक्रमित भी हो रहे है । तरुणा बेदरकर ने आज फेसबुक लाइव पर आकर कहा हमे गर्व है उन सभी भाईयों व बहनों पर जो इस मुश्किल घड़ी पर अपनी जान की परवाह किये बिना सेवा के रूप में अपनी नौकरी कर रहे है ।
तरुणा बेदरकर ने छत्तीसगढ़ सरकार से ये मांग की है कि जितने भी कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी कर रहे है व इस दौरान जब वे खुद संक्रमित होते है तो उनके इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए व इस दौरान यदि किसी की मृत्यू होती है तो उसे शहीद का दर्जा देते हुए सरकार 1 करोड़ की राशि व परिवार में एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए ।
आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष तरुणा बेदरकर ने कहा हम छत्तीसगढ़ के आम नागरिक होने के नाते, कोरोना महामारी की इस लड़ाई में सरकार के साथ खडे है, लेकिन हमारे सरकार से कुछ सवाल हैं, जिसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा साथ ही समस्या से निपटने के लिए क्या तैयारी है ?
पहला सवाल:- छत्तीसगढ़ में करोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड, वेंटिलेटर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं, राजधानी रायपुर में भी किसी भी अस्पताल में नए मरीज़ों के लिए जगह नहीं है, सरकार की इसपर क्या तैयारी है?
दूसरा सवाल:- कोविड ईलाज में तैनात सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए PPE किट की व्यवस्था नहीं है? जल्द से जल्द सरकार PPE किट की व्यवस्था करे।
अगर अस्पताल में बेड नहीं हैं तो सरकार को हर जिले में 1 नया कोबिड़ सेंटर क्यों नहीं बनाती जिससे इसे माहामारी से निपटा जा सके ।
तीसरा सवाल- कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण राजधानी रायपुर के सबसे बड़े बाबा साहब भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शव घर में नए शवों को रखने की जगह नहीं बची है.
प्रदेश के सभी शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, इस गंभीर संकट से निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी है?
चौथा सवाल- करोना जब तेजी से छत्तीसगढ़ में पांव पसार रहा था तो उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी असम चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, अगर समय रहते प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की जाती, तो ये विकराल समस्या नहीं आती, इसपर प्रदेश सरकार का क्या कहना है?
पांचवा सवाल- प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है , दैनिक मजदूर जो रोजाना कमाते और खाते हैं उनकी जिंदगी में बड़ा असर पड़ा है, सरकार द्वारा उनको आर्थिक मदद करने का क्या प्लान बनाया गया है?

☀️ 02 अन्तर्राज्यीय गाॅजा तस्करांे को एसबीआई चैक पर पकड़ा गया , दोनों गाॅजा तस्कर उत्तप्रदेश के सोनभद्र जिले से ,जप्त सम्पत्ति - 21 किलोग्राम गाॅजा, 01 मोटर सायकल, 01 नग मोबाईल ,अनुमानित कीमत- 1,05,000/- रूपये

जगदलपुर / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत शहर के अलग अलग क्षेत्रों में फिक्स पाइंट में अधिकारी एवं जवानों को तैनात कर चेकिंग कार्यवाही किया जा रहा है । आज जगदलपुर स्थित एसबीआई चैक पर फिक्स पाइंट में लगे अधि/कर्म. के द्वारा वाहनों एवं राहगीरों की चेकिंग की जा रही थी। दौरान चेकिंग के एक हीरो होण्डा ग्लैमर मोटर सायकल में 02 संदिग्ध व्यक्ति गुजर रहे थे जिन्हें जवानों के द्वारा रोकने का प्रयास किया गया जो चेकिंग पाइंट पर ना रोककर भागने का प्रयास कर रहे थे जिन्हें ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक अभिलाषधर दीवान एवं हमराह आरक्षकों के द्वारा दौड़ाकर पकड़ा गया जिससे पूछताछ करने पर अपना नाम गोपाल सिंह और शिवप्रसाद सिंह दोनो निवासी सोनभद्र उत्तरप्रदेश का होना बताये। जिनके पास रखे बैग की तलाशी लेने पर 21 किलोग्राम का अवैध मादक पदार्थ गांजा रखना पाया गया । जिनसे पूछताछ पर उक्त व्यक्तियों द्वारा मोटर सायकल से गांजा की तस्करी करना स्वीकार किये। जिनसे मामले में एक मोटर सायकल हीरो होण्डा ग्लैमर बिना नम्बर का एवं 21 किलोग्राम अवैध गांजा जप्त किया गया है । मामले में दोनों आरोपियों के विरूद्व धारा - 20 (बी) एनडीपीएस का अपराध पंजीबद्व कर अनुसंधान में लिया गया है । दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है । उक्त जप्त शुदा गांजा की अनुमानित कीमत - 1,05,000/- रूपये आॅकी गई है ।
आरोपी - 1. शिव प्रसाद गोड़ पिता जगजीवन गोड़, उम्र- 28 वर्ष, निवासी टेकूआरी, थाना बमनी जिला सोनभद्र उत्तरप्रदेश 2. गोपाल सिंह पिता राम स्वरूप गोड़, उम्र- 33 वर्ष, निवासी टेकूआरी, थाना बमनी जिला सोनभद्र उत्तरप्रदेश । कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले अधिकारी/कर्मचारी:- प्रधान आरक्षक अभिलाषधर दीवान, आरक्षक जगबगंधु निषाद, जितेन्द्र गोर, राकेश सिंह, लक्ष्मण मौर्य, सहायक आर0 झुमुक सोनवानी, सुमन कश्यप, महिला सैनिक छबेश्वरी बघेल ।

नई भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों के शीघ्र पदभार ग्रहण करने से स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी गति
डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 के संबंध में समीक्षा बैठक संपन्न
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने कल दिग्विजय स्टेडियम स्थित डिस्ट्रिक वार रूम (कंट्रोल रूम) में कोविड-19 के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि ऑक्सीजन सिलेण्डर की उपलब्धता के अनुसार शासकीय मेडिकल कालेज पेण्ड्री में बेड की संख्या बढ़ाएं। 2 से 3 दिन के भीतर 350 सिलेण्डर की व्यवस्था होने पर बेड की संख्या बढ़ाएं एवं रोटेशन में रिफिलिंग करवाएं। शासकीय मेडिकल कॉलेज के श्री अरविंद चौधरी ने बताया कि 40 बेड बढ़ाए गए हैं जिनमें से 16 बेड में ऑक्सीजन सिलेण्डर लगाए गए हैं। कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि नई भर्ती के चयनित अभ्यर्थी शीघ्र ही पदभार ग्रहण कर लें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी से कंटेनमेंट जोन, होम आईसोलेशन के संबंध में जानकारी ली।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कविलाश टंडन, शासकीय मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक, एसडीएम मुकेश रावटे, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती लता उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर राहुल रजक, डीपीएम गिरीश कुर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल कुमरे, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणु प्रकाश, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, ईडीएम श्री सौरभ मिश्रा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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