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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
दुर्ग / शौर्यपथ /कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में 27 मई से 15 जून 2024 तक जल सुरक्षा कार्यक्रम अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत् ग्राम पंचायतों में जल सुरक्षा चौपाल व शपथ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जल सुरक्षा सूत्र में विभिन्न गतिविधियों का संचालन हो रहा है। जिसके अंतर्गत समस्त शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टींग सिस्टम की मरम्मत साफ सफाई एवं नवीन निर्माण, ग्राम पंचायतों में जल वाहिनी दीदीयों की सभा का आयोजन, ग्राम पंचायतों में स्थित तालाबों में डिसिल्टिंग कार्य, वर्षा जल को संचित करने हेतु रिचार्ज पिट का निर्माण, सभी ग्राम/नगर वार्डों में नगर निकाय स्तर पर जल स्त्रोत की सफाई का कार्य, पेय जल स्त्रोतों के पास सोखता गड्ढों की साफ सफाई एवं निर्माण, प्राकृतिक वर्षा जल बहाव क्षेत्र (नालो) में गाद की साफ सफाई, वर्षा जल संचयन हेतु जल अवशोषण गड्ढो का निर्माण, मृदा में नमी की मात्रा का परीक्षण एवं नालों में जल बहाव की मात्रा का परीक्षण, कुओं की साफ सफाई एवं मरम्मत, वर्षा जल संरक्षण हेतु समस्त विभागों की कार्यशाला का आयोजन, भूमिगत जल संचयन हेतु डाईक निर्माण, ग्राम पंचायत के युवाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों में जल सुरक्षा की जागरूकता हेतु शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन, ग्राम पंचायतो में नवीन तालाबों एवं डबरियों का निर्माण, मल्चिंग, फसल चक्र और जैविक खेती तकनीकों जैसी प्रथाओं को बढ़ावा देना जो मिट्टी की नमी को संरक्षित करने और कृषि में पानी की खपत को कम करने हेतु प्रयास इत्यादि कार्य शामिल है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग श्री अश्विनी देवांगन ने बताया कि 60 ग्राम पंचायतो में जल सुरक्षा चौपाल का आयोजन होगा। विकासखण्ड धमधा अंतर्गत खेरधा, मुड़पार, बरहापुर, देवरी, धौराभाठा, तरकोरी, बिरेभाठ (हिरेतरा), अकोला, नंदिनीखुंदिनी, पिटौरा, मोहलाई, ठेंगाभाट, नवागांव (स), साल्हेखुर्द, पुरदा, घोंठा, ढौर हि., लंहगा, पोटिया (में), बिरेझर ग्रामों में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी प्रकार विकाखण्ड दुर्ग अंतर्गत ग्राम पुरई, रिसामा, धनोरा, बोरई, घुघसीडीह, अण्डा, बासीन, अंजोंरा ख, थनौद, चंदखुरी, कोलिहापुरी, नगपुरा, मचांदुर, जेवरा, करंजाभिलाई, मोहलाई, झोला, समोदा, ननक_ी, निकुम ग्रामों में एवं विकासखण्ड पाटन के अतर्गत जामगांव (एम), गाड़ाडीह, सेलुद, सांतरा, टेमरी, बेल्हारी, जामगांव (आर), कसही, परसाही, धमना, रानीतराई, लोहरसी, तर्रा, चीचा, सिकोला, दरबारमोखली, बेलौदी, करगा, रवेली, सावनी इत्यादि ग्रामों में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / अपहरण व रेप के एक मामले में पुरानी भिलाई पुलिस ने महाराष्ट्र से आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवक नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर अपहरण कर ले गया था। भिलाई से लेजाकर आरोपी युवक नाबालिग को अहमदनगर महाराष्ट्र ले गया। अहमदनगर में उसने नाबालिग से जबरिया संबंध भी बनाए।
परिजनों की शिकायत पर पुरानी भिलाई पुलिस ने अपराध दर्ज किया। लगभग 18 दिन बाद आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार नाबालिग को सकुशल परिजनों को सौंपा गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में 10 मई को पुरानी भिलाई थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई। प्रार्थी ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी को अज्ञात युवक अपहरण कर ले गया। इस मामले में पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध दर्ज विवेचना शुरू की। इस दौरान अज्ञात आरोपी के बारे में लगातार पतासाजी की जा रही थी। इस दौरान पता चला कि नाबालिग को अरमान नाम के युवक ने अपहरण किया है। इसके बाद पुलिस ने अरमान की तलाश शुरू की। विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपी अरमान पिंडरी-42 थाना चरही जिला हजारीबाग झारखंड का रहने वाला हैं, और वह भिलाई तीन में काम करता था। इस दौरान नाबालिग से परिचय हुआ और उसे बहलाफुसला कर ले गया। इसके बाद पुलिस की टीम झारखंड पहुंची और परिवार से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को उसका मोबाइल नंबर मिल गया। अब मोबाइल के आधार पर लोकेशन ट्रेस की गई। मोबाइल नंबर के टावर लोकेशन के आधार पर आरोपी की लोकेशन जिला अहमदनगर (महाराष्ट्र) का पाया गया। इसके बाद पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र रवाना हुई और आरोपी को गिरफ्तार कर नाबालिग बालिका को बरामद कर परिजनों को सौंपा गया। आरोपी के खिलाफ 376 की धारा जोड़कर उसे जेल भेज दिया गया।
हिन्दू रक्षामंच ने किया था प्रदर्शन
बता दें इस मामले में पुरानी भिलाई थाना पहुंचकर हिन्दू रक्षामंच ने प्रदर्शन भी किया था। प्रार्थी की शिकायत के बाद पुलिस की कार्रवाई धीमी होने के कारण हिन्दू रक्षामंच के कार्यकर्ताओं ने थाने के सामने प्रदर्शन किया और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन भी दिया था। शिकायत दर्ज होने के लगभग 18 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।
दुर्ग /शौर्यपथ / भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार प्रदेश सहित जिले में भी औसत तापमान अधिक होने की संभावना है। अधिकांश भागों में लू-तापघात की स्थिति निर्मित हो सकती है। मौसम को ध्यान में रखते हुए राज्य में लू-तापघात से आवश्यक तैयारी एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार किये गये हैं। इसमें लू के लक्षण एवं बचाव के कारण बताये गये हैं।
लू के लक्षण- सिर से भारीपान और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना, अधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख कम लगना तथा बेहोश होना।
लू से बचाव के उपाय - लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी से ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। अत: इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए- बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए। धूप से निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पीये और अधिक समय तक धूप में न रहें। गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। इसी प्रकार अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें। चक्कर आने, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लिया जाए और उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह लिया जाए।
लू लगने पर किये जाने वाला प्रारंभिक उपचार- बुखार पीडि़त व्यक्ति के सर पर ठण्डे पानी की पट्टी लगावें, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलावें जैसे कच्चे आम का पना, जल जीरा आदि, पीडि़त व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा देवें, शरीर पर ठण्डे पानी का छिड़काव करते रहें, पीडि़त व्यक्ति को यथाशीघ्र किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जाए तथा मितानिन ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. के पैकेट हेतु संपर्क करें।
क्या न करें - गर्मी के दौरान बाहर न जाए, यदि आपको आवश्यक कार्य के लिए बाहर जाना है तो दिन के शीतलन घंटो के दौरान अपनी सारणी निर्धारित करने का प्रयास करें। अत्यधिक गर्मी के घंटो के दौरान बाहर जाने से बचे (विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच), नंगे पैर या बिना चेहरे को ढ़के और बिना सिर ढककर बाहर न जाए। व्यस्थतम समय (दोपहर) के दौरान खाना पकाने से बचे, खाना पकाने वाले क्षेत्रों (रसोई घरों) में दरवाजे और खिड़कियां खोल कर रखें, जिससे पर्याप्त रूप से हवा आ सके। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय, पीने से बचे जो शरीर को निर्जलित करते हैं। उच्च प्रोटीन, मसालेदार और तेलीय भोजन खाने से बचे, बासी खाना न खाए। बीमार होने पर बाहर धूप में न जाए, घर पर रहे।
हीट वेव क्या करें और क्या न करें
क्या करें- जितना हो सके पर्याप्त पानी पीये, भले ही प्यास न लगी हो। मिर्गी, हृदय, गुर्दे या लीवर से संबंधित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो, तरल पदार्थ लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने। ओ.आर.एस. (ओरल रिहाइड्रेशन) घोल, घर का बना पेय लस्सी, (तोरानी चावल) का पानी, नींबू का पानी, छांछ आदि का उपयोग करें। बाहर जाने से बचे, यदि बाहर जाना आवश्यक है, तो अपने सिर (कपड़े/टोपी या छाता) और चेहरे को कवर करें। जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचें।
अन्य सावधानियां- जितना हो सके घर के अंदर रहें। अपने घर को ठंडा रखें-धूप से बचाव के लिए दिन में पर्दे, शटर का उपयोग करें और खिड़कियां खोलें। निचली मंजिलों पर बने रहने का प्रयास करे। पंखों का उपयोग करें, कपड़ों को नम करें और अधिक गर्मी में ठंडे पानी में ही स्नान करें। यदि आप बीमार महसूस करते हैं-उच्च बुखार/लगातार सिरदर्द/चक्कर आना/मतली या भटकाव/लगातार खांसी/सांस की तकलीफ है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाये। जानवरों को छाया में रखे और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें। इन उपायों का उपयोग कर लू एवं हीटवेव के प्रभाव से बचा जा सकता है।
बलरामपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां घने जंगल में एक युवक और युवती की लाश संदिग्ध हालत में मिली है। बजरंग दल के संयोजक व युवा नेता तथा एक युवती की हत्या कर शव को बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगे डुमरखी जंगल में फेंक दिया गया है। जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, घटनाजिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के डुमरखी जंगल का है। मृतक दोनों बलरामपुर के रहने वाले हैं। पुलिस की टीम फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड की मदद से जांच में जुट गई है। इस दोहरे हत्याकांड से पूरा जिला सिहर उठा है और आक्रोश से जल रहा है। विरोध में आज पूरा नगरबन्द है और स्थानीय लोगों ने जमकर प्रदर्शन कर चक्काजाम कर दिया है।
मृतक युवक का नाम सुजीत सोनी है जो बजरंग दल का नेता था और मवेशी तस्करी के खिलाफ लगातार सक्रिय था जबकि युवती का नाम किरण है जो ग्राम दहेजवार की रहने वाली थी। मृतक के बड़े भाई ने इसमें साजिश और हत्या का आरोप लगाया है और कहा कि मृत लड़की से उसके भाई का कोई सम्बन्ध नही था। घटनाक्रम को उलझाने का काम किया गया है। मामले की पुलिस की टीम मृतकों के कॉल डिटेल खंगाल रही है। साथ ही फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को अपने विवाह के 33 वीं वर्षगांठ माने । सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स में उन्होंने इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री निवास में सपत्नीक पूजा-अर्चना कर भगवान से आशीर्वाद लिया। साय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ङ्ग पर लिखा है कि वैवाहिक वर्षगांठ के शुभ अवसर पर आज मुख्यमंत्री निवास में सपत्नीक पूजा-अर्चना कर इष्टदेव से आशीर्वाद लिया।
बता दे कि 27 मई 1991 को विष्णुदेव साय का विवाह कौशल्या साय से हुआ था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय है। राजनीति शास्त्र से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त कौशल्या साय राजनीति, धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखती हैं।
विष्णुदेव साय और कौशल्या साय का एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जनपद सदस्य का चुनाव जीत चुकी कौशल्या साय की राजनीती में अच्छी पकड़ है। इधर सीएम विष्णुदेव साय को उनकी कैबिनेट के मंत्री ओपी चौधरी ने एक्स में बधाई देते हुए लिखा, माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी एवं श्रीमती कौशल्या साय जी को वैवाहिक वर्षगांठ की अनंत शुभकामनायें। मैं आप दोनों के स्वस्थ जीवन व दीर्घायु की कामना करता हूं।
बेमेतरा बारूद फैक्ट्री में बचाव कार्य जारी, सेना की विशेषज्ञ टीम से ले रहे मदद : उपमुख्यमंत्री साव ,बेमेतरा बारूद ब्लास्ट मामले में राजनीति की कोशिश कर रही कांग्रेस : उपमुख्यमंत्री साव
रायपुर / शौर्यपथ /
उपमुख्यमंत्री अरुण साव सोमवार को रायपुर आवास में पत्रकारों से विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण के विजन को लेकर चर्चा की। साथ ही बेमेतरा की घटना पर कांग्रेस द्वारा राजनीति करने पर दुख जताया। उन्होंने कहा की, ये समय राजनीति का नहीं है।
उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 का विजन देश के सामने रखा है। इसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार की आगामी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने पर चर्चा हुई है। श्री साव ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने की तैयारी कर रही है।
उपमुख्यमंत्री ने बेमेतरा बारूद फैक्ट्री की घटना पर कहा कि, सरकार शुरू से इस घटना को लेकर गंभीर है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना की विशेषज्ञ टीम से मदद ले रहे हैं। लेकिन कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है। कल कांग्रेस का जांच दल घटना स्थल पर गया था। इस दौरान प्रशासन ने उनका पूरा सहयोग किया। साव ने बताया कि, मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नक्सलियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने पर श्री साव ने कहा कि, इन्होंने पांच साल नक्सलियों को पाला पोसा है, अब जब कार्रवाई हो रही है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। सवाल कर ये जनता में भ्रम फैला रहे हैं, जिसे जनता जान चुकी है। इसलिए आज कांग्रेस की स्थिति दयनीय हो गई है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में 25 मई से नौतपा शुरू हो गया है। इस बार नौतपा में आम जन को गर्मी की डबल मार झेलनी पड़ रही है। वही नौतपा के तीसरे दिन मौसम के मिजाज में बदलाव देखने को मिल रहा है। राजधानी रायपुर समेत आस-पास के इलाकों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। सुबह से बादल छाए होने के कारण लोगों को भीषण धूप से राहत मिली है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश होने का अनुमान भी जताया है। मौसम विभाग ने राहत भरी खबर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नौतपा का असर कम ही देखने को मिलेगा। तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। वहीं, आंधी तूफान के साथ बारिश होने की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि, प्रदेश का तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं सोमवार के बाद लू भी चल सकती है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव देखने को मिला है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग में अंधड़ चलने के साथ बूंदाबांदी के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, देश में प्री मानसून की एंट्री हो गई है। केरल के कई जिलों में बीते दिनों जमकर बारिश हुई है। मानसून की एंट्री का असर अब छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेगा और प्रदेश की जनता को गर्मी से राहत मिलेगी। प्रदेश में अचानक मौसम में बदलाव होगा और जमकर बारिश होगी।
वहीं मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा और प्रदेश में अधिकतम तापमान 42 डिग्री तक रह सकता है। वहीं मौसम विभाग ने राजधानी रायपुर रामेत प्रदेश के कई जिलों में गरज चमक और तेज आंधी के आठ बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने आज दिन भर राजधानी रायपुर में बादल छाए रहने की बात कही है। इसके साथ ही देर रात राजधानी रायपुर समेत आस-पास के इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है।
अधूरे नाली निर्माण से समस्या बढ़ी, ठेकेदार ने काम रोका
नवागढ़/शौर्यपथ /नगर पंचायत नवागढ़ में बस स्टैंड से महामाया मंदिर तक गौरव पथ निर्माण नगर वासियों के लिए अधूरी आस बनकर रह गई है। 3.33 करोड़ की लागत से बनने वाली इस गौरव पथ को स्वीकृत हुए करीबन 7 साल से भी ज्यादा समय हो गए हैं लेकिन अभी तक टूटे हुए सकरे मार्ग की समस्या जस तस की बनी हुई है। इस रास्ते पर गौरव पथ डबल लेन सड़क निर्माण एक सपना बनकर रह गया है।
कुछ माह पहले उक्त गौरव पथ का ठेका लेने वाली बजाज बिल्डर कंपनी कुरूद ने नाली निर्माण का कार्य शुरू किया था, परंतु कुछ मीटर ही नाली निर्माण के बाद अचानक काम बंद कर लापता हो गए। उक्त नाली निर्माण कार्य से राहगीरों की समस्या कम होने के बजाय उल्टा और भी बढ़ गई है। स्थिति यह है कि नाली निर्माण इस कदर किया गया है कि सड़क पहले से और सकरी हो गई। जहाँ पहले जैसे तैसे चार पहिया वाहन गुजर जाते थे अब तो वह भी निकलना मुश्किल हो गया हैं। हल्की-फुल्की बारिश हो जाए तो जगह-जगह पानी भरने की दिक्कत और बढ़ गई है। बिल्डर ने काम क्यों बंद किया इसका तो अता पता नहीं है लेकिन नगर वासियों की समस्या सार्वजनिक है।
नगर का सबसे व्यस्त रास्ता
उल्लेखनीय है कि बस स्टैंड से गणेश मंदिर होते हुए महामाया मंदिर के रास्ते माता पारा रोड तक यह नगर में प्रवेश का प्रमुख मार्ग है। जिसमें प्रतिदिन नवागढ़ नगर की लगभग आधी आबादी एवं आसपास के ग्रामीणों का आवागमन रहता है। इस रास्ते पर नवागढ़ के प्रसिद्ध शमी गणेश मंदिर, सिद्ध माँ महामाया मंदिर एवं माँ शारदा का मंदिर स्थित है, जिसमें अक्सर श्रद्धालुओं आना-जाना लगा रहता है। उत्तम मार्ग के व्यस्तता के मद्देनजर 3.33 करोड़ की लागत से गौरव पथ स्वीकृति हुआ जो कि कई वर्षों तक कागजी कार्यवाही में लटका रहा।
1200 मीटर की सड़क, 03 पार्ट में बनेगी
नगर पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक उस गौरव पथ की कुल लम्बाई 1200 मीटर है। जो कि 3 फेस में बनेगा। बस स्टैंड पुल से 60 किमी तक यह मार्ग 10 मीटर चौड़ाई वाला डबल लेन सड़क होगी। जिसके बाद दूसरे फेस में 60 से 130 मीटर तक अर्थात गणेश मंदिर वाला रास्ता करीबन 70 मीटर तक की लम्बाई की सड़क महज 3.5 मीटर होगी चौड़ी। फिर तीसरे फेस में 130 मीटर से महामाया माता पारा रोड तक यह सड़क पुनः 10 मीटर चौड़ाई के साथ डबल लेन रोड होगी, जिसमें मानाबंद तालाब में वॉल बनाकर मजबूती दी जाएगी । यह तो गौरव पथ का स्टीमेट है जिसे बने सालों बीत गए लेकिन कब यह जमीन पर उतरेगा यह कहा जाना मुश्किल है।
नाली बनी, समस्या बड़ी
स्थानीय अनूप यादव, संदीप गोस्वामी, जित्ते रजक आदि ने बताया कि गौरव पथ निर्माण के नाम पर हमें एक सपना दिखाया गया था, जो सालों से सपना ही रह गया है। पहले तो रास्ता कम से कम आने जाने लायक था लेकिन जब से ठेकेदार ने नाली निर्माण कराया है तब से यह रास्ता इतना सकरा हो गया है कि एक भी चारपहिया घुस जाए तो जाम की स्थिति हो जाते हैं। पानी का रुकना सड़को का टूटना तो आम बात हो गया है। यह हमे जल्द से जल्द चौड़ी सड़क मिलनी चाहिए।
" नगर में आवागमन को सुगम करने के उद्देश्य से मेरे कार्यकाल में 3.33 करोड़ की लागत से गौरव पथ निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था, जिसका टेंडर भी हो गया था। जिसके सत्ता बदली शासन बदला औऱ कमीशनखोरी के आड़ में सड़क अटका रहा। विधानसभा चुनाव आचार संहिता के पहले आनन-फानन में इस रास्ते का भूमिपूजन कर कार्य प्रारंभ तो किया गया लेकिन कुछ मीटर नाली निर्माण के बाद मामला जस का तस पड़ा है। जनप्रतिनिधियों को नगर के हित में इस सड़क को यथाशीघ्र पूर्ण करना चाहिए।"
1. गौरव पथ निर्माण कार्य की क्या स्थिति है ?
- विधानसभा चुनाव के पहले भूमि पूजन पश्चात निर्माण कार्य शुरू हो गया था, लेकिन ठेकेदार ने बिना सूचना काम बंद कर दिया, जो अभी तक रुका है।
2. कंस्ट्रक्शन कंपनी पर क्या कार्रवाई हुई ?
- कंपनी को तीन बार नोटिस दिया जा चुका है, आचार संहिता खत्म होते ही अंतिम नोटिस दिया जाएगा।
3.बीच में सड़क सकरी हो गई है, क्या कहेंगे?
- स्टीमेट में 3.5 मीटर चौड़ाई का प्रावधान है। फिर स्थानीयजनों सामंजस्य बनाकर सुगम रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुंगेली /शौर्यपथ / जिले में तेज गर्मी को देखते हुए हीट वेव या लू से बचाव एवं स्वस्थ रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र पैकरा ने बताया कि गर्मी में तापमान में वृद्धि के कारण लू लगने की आशंका रहती है, जो कि शरीर के लिए खतरनाक एवं जानलेवा हो सकता है। उन्होंने बताया कि लू के कारण शरीर में नमक व पानी की कमी और पसीने लगातार निकलने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी और शरीर में दर्द, शरीर का तापमान अधिक होने पर भी पसीना नहीं निकलना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश के अनुसार लू से बचाव के लिए धूप में कम से कम निकलें। यदि बहुत आवश्यक हो तो सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह बांधकर ही बाहर निकलें। लू से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं और नरम, मुलायम और सूती कपड़े पहने। सीएमएचओ डॉ. पैकरा ने बताया कि अधिक पसीना आने की स्थिति में ओर. आर. एस. का घोल पिएं और लू के लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक की सलाह लें।