
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / वजन घटाने के लिए लोग योगा और जिम का सहारा लेते हैं. घंटों इन जगहों पर पसीना बहाते हैं चर्बी गलाने के लिए. लेकिन उनका क्या जिनके पास ना तो समय और ना ही इतना पैसा की वो इस तरह के किसी फिटनेस सेंटर में जा सके. ऐसे लोगों के लिए हम यहां पर बेहद ही असरदार नुस्खा लेकर आए हैं जिसे रूटीन का हिस्सा बनाकर अपने शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते हैं. यहां बात हो रही है गरम पानी की. यह सबसे सस्ता और अच्छा तरीका है वजन घटाने का. इसमें कोई मेहनत नहीं है बस समय-समय पर पानी पीना है.
गरम पानी से कैसे घटाएं वजन
- अगर आपका वजन बहुत बढ़ गया है और आप उसे कम करने के तरीके की तलाश में हैं तो सबसे बेस्ट तरीका है गरम पानी का सेवन करना नियमित.
- गरम पानी पीने से आप जो कुछ भी दिनभर खाते हैं तेल मसाले से भरे खाद्य पदार्थ सब पच जाता है. इससे शरीर में खराब चर्बी जमा नहीं हो पाती है.
- सुबह की शुरुआत तो गरम पानी से जरूर करनी चाहिए. इससे विषाक्त पदार्थ मल मूत्र के सहारे बाहर आ जाते हैं. साथ ही यह चेहरे पर भी चमक लाने का काम करते हैं.
- गरम पानी पीने से पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है. इसे पीने से कमर की चर्बी भी कम होती है और आप ओवरईटिंग भी नहीं करते हैं. ऐसे में आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है.
- वहीं, जो लोग सर्दी-खांसी और जुकाम से पीडि़त हैं तो उन्हें गरम पानी जरूर पीना चाहिए. इससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है और आपको आराम भी जल्द मिल जाता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ सर्दियों का मौसम आ गया है और इस मौसम में कई लोग बालों के झड़ने का अनुभव करने लगते हैं. बालों के झड़ने की संभावना सर्दियों के दौरान आपकी स्कैल्प की सेहत बिगड़ने के कारण होती है. सर्दियों में बालों का झड़ना शुष्क हवा के कारण हो सकता है जो आपके स्कैल्प से सारी नमी खींच लेती है, जिससे यह रूखी हो जाती है. स्कैल्प ड्राई होने से बाल रूखे हो जाते हैं, जिससे बालों को गंभीर नुकसान, बाल झड़ना और टूटने की समस्या बढ़ सकती है. इससे डैंड्रफ (Dandruff) भी हो सकता है और यह आपके स्कैल्प में खुजलीदार और अनहेल्दी बना सकता है. हेल्दी बालों वाले लोग भी इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. इसलिए हम यहां 5 प्राकृतिक उपचारों के बारे में बता रहे हैं जो बालों का झड़ना रोक सकते हैं.
इन आयुर्वेदिक नुस्खों से बालों का झड़ना हो जाएगा बंद
1) कद्दू के बीज का तेल
कद्दू के बीज का तेल बालों की ग्रोथ में सुधार करता है और बालों के रोम को पोषण देकर बालों के झड़ने को रोकता है. बालों की मोटाई और बालों की संख्या को बढ़ावा देता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फ्री रेडिकल डैमेज और स्कैल्प पर जलन को कम कर सकते हैं और यह आपके बालों को हेल्दी और घना बनाने में मदद करता है.
2) मेथी बीज
मेथी के बीज में आयरन और प्रोटीन होता है जो बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं. इनमें फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन्स जैसे पौधों के यौगिक भी होते हैं जो अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों और एंटीफंगल प्रभावों के कारण बालों की ग्रोथ को प्रेरित करते हैं.
3) आंवला
आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं. बालों को मजबूत बनाने के लिए आंवला के तेल को सीधे स्कैल्प पर लगाया जा सकता है. यह डैंड्रफ और ड्राई स्कैल्प को रोक सकता है. यह जूं संक्रमण जैसे परजीवी बालों के संक्रमण का भी उपचार कर सकता है और स्कैल्प पर फंगस और बैक्टीरिया को विकसित होने से रोक सकता है.
4) दालचीनी
अपने बालों की देखभाल के लिए डाइट में दालचीनी को शामिल करने से बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देकर बालों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है. यह बालों की बनावट और रूप को भी चिकना कर सकता है. शोध बताते हैं कि दालचीनी पाउडर एलोपेसिया का इलाज कर सकता है और गंजेपन को रोक सकता है. दालचीनी के पॉलीफेनोल्स में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो स्कैल्प इंफेक्शन में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड होता है जो स्कैल्प में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है, जिससे बालों की ग्रोथ में वृद्धि होती है.
5) हरा सेब
हरे सेब का उपयोग अक्सर हेयर केयर प्रोडक्ट्स में सामग्री के रूप में किया जाता है क्योंकि वे आयरन, मैंगनीज, जस्ता और कॉपर से भरे होते हैं. ये पोषक तत्व बालों को हेल्दी बनाते हैं और रूसी को कम करने में मदद करते हैं. इसके गूदे से हरे सेब का पेस्ट बनाना स्कैल्प के लिए अद्भुत काम कर सकता है. हरे सेब की पत्तियों और छिलके का उपयोग करने से भी मदद मिल सकती है. नियमित रूप से इस पेस्ट को बालों में लगाकर शैम्पू से धोना आपके बालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
खेल /शौर्यपथ / रावलपिंडी टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को हराकर नया इतिहास रच दिया. 22 साल के बाद इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान में टेस्ट मैच जीतने में सफल रही है. बता दें कि 17 साल के बाद इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज खेल रही है. पहले टेस्ट मैच को इंग्लैंड ने 74 रन से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. इंग्लैंड की इस जीत में 40 साल के गेंदबाज जेम्स एंडरसन रहे. दरअसल, आखिरी दिन एंडरसन ने कमाल की गेंदबाजी की और दूसरी पारी में पाकिस्तान को ऑलआउट करने में अहम भूमिका निभाई. एंडरसन ने पाकिस्तान की दूसरी पारी में 24 ओवर में 36 रन देकर 4 विकेट लिए. एंडरसन की धार-धार गेंदबाजी ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया.
इस शानदार जीत के दौरान दिग्गज तेज गेंदबाज ने एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम करने में सफलता हासिल की. एंडरसन अब इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले दुनिया के तीसरे गेंदबाज बन गए हैं. एंडरसन ने ऐसा कर अनिल कुंबले के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
इंटरनेशनल क्रिकेट में अनिल कुंबले ने अपने करियर में 956 विकेट हासिल किए थे. वहीं, अब एंडरसन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 959 विकेट दर्ज हो गए हैं. वहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड मुरलीधरन के नाम हैं. मुरलीधरन ने 1347 विकेट अर्जित किए हैं. शेन वार्न के नाम 1001 विकेट हैं, जो इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं. अब एंडरसन के पास महान स्पिनर वार्न के रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका है. यदि एंडरसन संन्यास के बारे में अभी नहीं सोचते हैं तो यकीनन वो आने वाले समय में 1000 इंटरनेशनल विकेट भी हासिल करेंगे और वार्न के रिकॉर्ड को भी तोड़ देंगे.
इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले इकलौते तेज गेंदबाज
इंटरनेशनल क्रिकेट में जेम्स एंडरसन दुनिया के इकलौते तेज गेंदबाज हैं जिनके नाम सबसे ज्यादा विकेट लेने का कमाल दर्ज है. पहले और दूसरे नंबर पर स्पिनर हैं. वहीं, कुंबले भी स्पिनर ही थे.
पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच रावलपिंडी टेस्ट मैच की बात करें तो मैच में कुल 1768 रन बने थे तो वहीं 37 विकेट भी गिरे. इस टेस्ट मैच में कुल 7 बल्लेबाजों ने शतकीय पारी खेलकर रावलपिंडी टेस्ट को अमर बना दिया था.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /ठंड का मौसम अपने साथ कई तरह की चीजें लेकर आता है. जिनका इंतजार हम पूरे साल बेसब्री से करते हैं. दरअसल सर्दियों का मौसम आते ही हम साग खाने के लिए क्रेव करने लगते हैं. इस मौसम में पालक, मेथी, सरसों और बथुआ का साग खूब पसंद किया जाता है. लेकिन आज हम साग नहीं बल्कि, विंटर स्पेशल बथुआ रायता के बारे में बात कर रहे हैं. सर्दियों के मौसम में कई लोग रायता खाने से बचते हैं क्योंकि, दही की तासीर ठंडी होती है और ऐसे में सर्दी में ठंडी चीजें खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं. लेकिन बथुआ रायता न सिर्फ स्वाद से भरपूर होता है बल्कि, सेहत से भी भरपूर है. बथुआ में विटामिन ए, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम और फॉस्फोरस जैसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं.
बथुआ रायता खाने से होने वाले फायदे-
1. वजन घटाने-
सर्दियों के मौसम में मोटापे की समस्या ज्यादातर लोगों में देखने को मिलती है. क्योंकि इस मौसम में हम सभी फ्राइड और ऑयली चीजें खाना पसंद करते हैं. लेकिन अगर आप वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो आप बथुआ के रायते को डाइट में शामिल कर सकते हैं. दरअसल बथुआ के पत्तों में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जो वजन को घटाने में मदद कर सकती है.
2. कोशिकाओं-
बथुए का रायता खाने से शरीर में कोशिकाओं का निर्माण होता है. दरअसल, बथुआ में एमिनो एसिड मौजूद होते हैं, जो शरीर के सैल्स रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं.
3. एनर्जी-
अगर आप सर्दियों में शरीर में एनर्जी की कमी महसूस करते हैं तो आप अपनी डाइट में बथुआ का रायता शामिल कर सकते हैं. क्योंकि बथुआ में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को एनर्जेटिक रखने और ताकत देने में मदद कर सकते हैं.
4. पाचन-
ठंड के मौसम में एक समस्या जो ज्यादातर लोगों को परेशान करती है वो है पाचन संबंधी. अगर आप भी पाचन की समस्या से परेशान रहते हैं, तो आप बथुए के रायते को डाइट में शामिल कर सकते हैं. क्योंकि इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पेट में गैस, कब्ज और अपच की समस्या दूर करने में मददगार है.
खाना खजाना /शौर्यपथ /पनीर अचारी रेसिपी: पनीर के टुकड़ों दही और मसालों की एक स्वादिष्ट ग्रेवी में डालकर बनाया जाता है. इसे आप रोटी या नान के साथ पेयर कर सकते हैं.
पनीर अचारी की सामग्री
1/2 kg पनीर (क्यूब्ड)
100 ml (मिली.) तेल
4 टी स्पून सौंफ
2 टी स्पून काली सरसों के बीज
1 टी स्पून मेथी दाना
1/2 टी स्पून कलौंजी
1 टी स्पून लहसुन-अदरक पेस्ट
2 टी स्पून ज़ीरा
4 प्याज , कद्दूकस
8 हरी मिर्च, टुकड़ों में कटा हुआ
2 टी स्पून हल्दी
3 टी स्पून अदरक का पेस्ट
200 ml (मिली.) दही फेंटा हुआ
3 टी स्पून आमचूर पाउडर
2 टी स्पून कश्मीरी मिर्च
2 टी स्पून चीनी
पनीर अचारी बनाने की विधि
1.तेल गरम करें और सौंफ, मेथी, कलौंजी और जीरा डालकर भूनें.
2.15-20 सेकेंड के बाद प्याज और हरी मिर्च डालें. गोल्डन होने तक चलाएं और भूनें.
3.इसमें अब हल्दी पाउडर, लहसुन और अदरक का पेस्ट डालें, फिर एक मिनट के लिए भूनें.
4.दही में आमचूर, लाल मिर्च पाउडर, चीनी और नमक डालें. मसाले को तेल अलग होने तक पकाएं.
5.लगभग 150 मिली पानी के साथ पनीर डालें. इसे कुछ देर पकाएं और गरमागर सर्व करें.
आस्था /शौर्यपथ /वास्तु शास्त्र में दिशा का बहुत महत्व होता है. इसलिए घर में आईना लगाने से पहले आपको सही दिशा का पता होना जरूरी है. घर की दक्षिण, पश्चिम दिशा और आग्नेय कोण की दीवार पर शीशा कभी नहीं लगाना चाहिए. अगर आपके घर या ऑफिस की इन दीवारों पर आईना लगा हुआ है तो उसे तुरंत हटा लीजिए क्योंकि ये अशुभता का संकेत होता है. अगर किसी कारणवश आप इन दीवारों से आइना नहीं हटा सकते हैं तो उसे कपड़े से ढ़क दें, जिससे उसकी आभा किसी भी वस्तु पर न पड़े.
इन दिशाओं में न लगाएं आईना
वास्तु के मुताबिक, घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगा हुआ आईना नुकसानदेह होता है. इनमें शीशा लगाने से व्यक्ति में भय की स्थिति पैदा होती है. इसके अलावा परिवार में झगड़े और मनमुटाव होने की संभावना भी बढ़ जाती है. वहीं, कहा जाता है कि बिस्तर के सामने आईना लगाने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
टूटे शीशे को तुरंत हटाएं
इसके अलावा यदि आपके घर में टूटा शीशा रखा है तो उसे तुरंत हटा दें. टूटे शीशे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा जिंदगी में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. कहा जाता है कि जब भी कोई शीशा अचानक टूटता है तो इसका मतलब होता है कि घर पर आई कोई बड़ी मुसीबत टल गई है. इसी कारण से हमें टूटे शीशे को घर से फेंक देना चाहिए उसमें गलती से चेहरे को नहीं देखना चाहिए.
धुंधला शीशा न रखें
वास्तु शास्त्र के मुताबिक शीशे को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. वहीं, शीशा कभी धुंधला नहीं होना चाहिए. कहा जाता है कि धुंधले शीशे में चेहरा देखने से छवि खराब होती चली जाती है.आस्था /शौर्यपथ /वास्तु शास्त्र में दिशा का बहुत महत्व होता है. इसलिए घर में आईना लगाने से पहले आपको सही दिशा का पता होना जरूरी है. घर की दक्षिण, पश्चिम दिशा और आग्नेय कोण की दीवार पर शीशा कभी नहीं लगाना चाहिए. अगर आपके घर या ऑफिस की इन दीवारों पर आईना लगा हुआ है तो उसे तुरंत हटा लीजिए क्योंकि ये अशुभता का संकेत होता है. अगर किसी कारणवश आप इन दीवारों से आइना नहीं हटा सकते हैं तो उसे कपड़े से ढ़क दें, जिससे उसकी आभा किसी भी वस्तु पर न पड़े.
इन दिशाओं में न लगाएं आईना
वास्तु के मुताबिक, घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगा हुआ आईना नुकसानदेह होता है. इनमें शीशा लगाने से व्यक्ति में भय की स्थिति पैदा होती है. इसके अलावा परिवार में झगड़े और मनमुटाव होने की संभावना भी बढ़ जाती है. वहीं, कहा जाता है कि बिस्तर के सामने आईना लगाने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
टूटे शीशे को तुरंत हटाएं
इसके अलावा यदि आपके घर में टूटा शीशा रखा है तो उसे तुरंत हटा दें. टूटे शीशे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा जिंदगी में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. कहा जाता है कि जब भी कोई शीशा अचानक टूटता है तो इसका मतलब होता है कि घर पर आई कोई बड़ी मुसीबत टल गई है. इसी कारण से हमें टूटे शीशे को घर से फेंक देना चाहिए उसमें गलती से चेहरे को नहीं देखना चाहिए.
धुंधला शीशा न रखें
वास्तु शास्त्र के मुताबिक शीशे को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. वहीं, शीशा कभी धुंधला नहीं होना चाहिए. कहा जाता है कि धुंधले शीशे में चेहरा देखने से छवि खराब होती चली जाती है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /क्या प्याज का पानी पीने से आप सर्दी या खांसी से जल्दी ठीक हो सकते हैं? प्याज के पानी का चलन काफी बढ़ा है. वायरस (आरएसवी), साइनस संक्रमण से लड़ने, जुकाम और खांसी से तेजी से रिकवरी से लेकर अस्थमा, आंत के स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में सुधार करने में मदद करने के लिए इस चमत्कारी ड्रिंक्स से जुड़े कई स्वास्थ्य हैं. प्याज के पानी के फायदों की लिस्ट काफी लंबी है. सर्दियों में कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से आम स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जा सकता है. अगर आप सर्दियों में सर्दी-खांसी से छुटकारा पाने के उपाय (Ways to get rid of Cold And Cough) तलाश रहे हैं तो यहां सर्दी खांसी का पक्का और जल्द इलाज करने का जानदार नुस्खा है.
प्याज में पाए जाने वाले पोषक तत्व
प्याज जैसी सफेद सब्जियों के अपने अनूठे पोषण लाभ होते हैं. प्याज विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पौधों के यौगिकों जैसे पोषक तत्वों से भरे होते हैं. वे विटामिन सी से भरे होते हैं, एक पोषक तत्व जो एक हेल्दी इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है, जो वायरस या संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी है. प्याज में पोटेशियम और इलेक्ट्रोलाइट होता है जो शरीर में तरल पदार्थ को संतुलित करने, मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और हृदय की लय को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा प्याज प्रभावशाली मात्रा में बी विटामिन फोलेट और बी6 प्रदान करते हैं.
सर्दी खांसी के लिए प्याज के पानी का इस्तेमाल कैसे करें?
प्याज सर्दी, खांसी, तेज बुखार, गले की खराश को ठीक कर सकता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है. आपको बस इतना करना है कि कुछ प्याज काट लें और इसे पीने के पानी में छह से आठ घंटे के लिए भिगो दें. बेहतर स्वास्थ्य के लिए आप इस पानी का तीन से चार चम्मच दिन में तीन बार पी सकते हैं.
प्याज के शानदार 5 स्वास्थ्य लाभ
1) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
प्याज में कुछ फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो शरीर के भीतर विटामिन सी के लिए उत्तेजक के रूप में कार्य करते हैं. विटामिन सी विषाक्त पदार्थों से लड़कर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है. प्याज इम्यूनिटी-बढ़ाने वाले पोषक तत्वों जैसे सेलेनियम, सल्फर यौगिकों, जिंक और विटामिन सी से भरे होते हैं. इसके अलावा, वे क्वेरसेटिन, एक शक्तिशाली फ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सिडेंट के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं, जिसमें एंटीवायरल गुण होने के साथ-साथ हिस्टामाइन को नियंत्रित करने वाले प्रभाव भी होते हैं.
2) खांसी ठीक करेगा
खांसी को ठीक करने के लिए प्याज एक प्रभावी घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए आपको एक प्याज को काटकर एक कटोरी में रखना है. इसमें थोड़ा पीने का पानी मिलाएं. आप इस मिश्रण को तीन से चार चम्मच दिन में तीन बार ले सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप इसका सेवन ताजा ही करें. प्याज का रस कुछ ही समय में आपकी खांसी को दूर करने में मदद कर सकता है.
3) गले में खराश
प्याज में सल्फर यौगिक होते हैं जो बलगम से लड़ने में मदद करते हैं और आपके वायुमार्ग से बलगम के निष्कासन को बढ़ावा देते हैं. प्याज को सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना जाता है, जो वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण दोनों से लड़ सकता है और गले में खराश के लक्षणों को कम कर सकता है.
प्याज पर अन्य प्रभावशाली शोधों में शामिल हैं:
अध्ययनों से यह भी पता चला है कि प्याज खाने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने, मेटाबॉलिक सिंड्रोम में सुधार करने और यहां तक कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. प्याज में ऑर्गनोसल्फर यौगिकों को कैंसर कम करने वाले गुण भी दिखाए गए हैं. प्याज सहित एलियम का सेवन भी कोलोरेक्टल कैंसर, ओवेरियन कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को कम करने के लिए पाया गया है.
खाना खजाना /शौर्यपथ / यदि आप साउथ इंडिया गए हैं, तो आप शायद जानते होंगे कि यह क्षेत्र अपने स्वादिष्ट फूड, स्पेशली चटनी और फिंगर फूड के लिए जाना जाता है. चाहे वह सॉफ्ट और मसी बोंदा हो या क्रंची, बाइट साइज का मुरुक्कू, साउथ इंडियन स्नैक्स प्लेवर से भरे होते हैं और आपकी शाम की चाय के साथ अच्छी तरह से पेयर हो सकते हैं! वे न केवल जल्दी और आसानी से तैयार हो जाते हैं, बल्कि काफी हेल्दी भी होते हैं और हमारे डाइट का हिस्सा बन सकते हैं. और सबसे अच्छी बात यह है कि कई साउथ इंडियन स्नैक्स हैं जो मिनटों में तैयार हो जाते हैं और आप उन्हें नाश्ते के लिए या भूख लगने पर तैयार कर सकते हैं. ऐसे अनगिनत साउथ इंडियन स्नैक्स हैं जिन्हें आपको इडली और वड़े के अलावा जरूर ट्राई करना चाहिए. यहां हम आपके लिए लिस्ट में एक और दिलचस्प ट्विस्ट लेकर आए हैं. इसे मोरप्पम कहा जाता है!
मोरप्पम को आमतौर पर कम से कम 6 घंटे के लिए फर्मेंट किया जाता है ताकि उस स्पेशल खट्टे सुगंध का उत्पादन किया जा सके. इस स्नैक को बनाने के लिए मुख्य सामग्री हैं उड़द की दाल, चावल, चना दाल और पोहा. चलिए अब पूरी रेसिपी के साथ शुरू करते हैं. नीचे देखें.
मोरप्पम कैसे बनाएं-
सबसे पहले कच्चे चावल, पोहा और दाल को अलग-अलग 2-3 घंटे के लिए भिगो दें. स्मूद होने तक पीसें, फिर मेरिनेट होने के लिए कम से कम 3-4 घंटे रखें.
दही में मिलाकर 10 मिनट के लिए अलग रख दें. तड़का लगाएं, फिर इसे बैटर में मिलाएं. अगर प्याज का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें अभी डालें और अच्छी तरह मिलाएं. एक पनियारम पैन को पहले से गरम कर लें और इसे अच्छी तरह से ग्रीस कर लें. बैटर को 3/4 फुल होने तक उभार में डालें. धीमी-मीडियम आंच पर 2 मिनट तक पकाएं, फिर धीरे से पलटें और सभी तरफ से गोल्डन ब्राउन होने तक पकाएं.
इसे कोथमल्ली ठेंगाई चटनी (धनिया नारियल की चटनी) के साथ सर्व करें.
तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? यह आपके लिए है घर पर इस रेसिपी को ट्राई करें और हमें नीचे कमेंट में बताएं कि आप सभी को यह कैसी लगी.
सेहत टिप्स / शौर्यपथ /सर्दियों के मौसम में सर्दी-खांसी, जुकाम, सिर दर्द, गले की खराश, बुखार, जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द की समस्या बिल्कुल आम है। वहीं अन्य मौसम में भी ऐसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। अब हर बात पर दवाइयों का सेवन करना भी शरीर पर कई तरह के साइड इफेक्ट छोड़ सकता है। इसलिए सालों से मेरी मां और दादी ऐसी समस्याओं के लिए सरसों का तेल और किचन में मौजूद कुछ सामग्री के कॉन्बिनेशन का इस्तेमाल करती चली आ रही हैं। मां के नुस्खे के साथ-साथ न्यूट्रीशनिस्ट अंशुल ने भी अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस प्रभावी एंटी इन्फ्लेमेटरी ऑयल की रेसिपी शेयर की है। तो चलिए जानते हैं इन्हें किस तरह तैयार करना है और साथ ही जानेंगे यह किस तरह काम करते हैं।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए
लहसुन – 10 से 12 कलियां
बादाम – 8
जायफल – 1
सरसों का तेल – 1/2 कप
इस तरह तैयार करें
सबसे पहले लहसुन की 10 से 12 कलियों को किसी चीज से कुचल लें या इन्हें चार टुकड़ों में काट दें।
अब इधर छोटी कड़ाही को माध्यम आंच पर चढ़ाएं, उसमें आधा कप सरसों का तेल डालें और उसे गर्म होने दें।
सरसों तेल के गर्म हो जाने पर उसमें लहसुन की कलियां, बादाम और जायफल को डाल दें।
हम इन सभी को एक साथ 10 मिनट तक उबलने दें। फिर तेल को छानकर अलग निकाल लें। इसे किसी जार में स्टोर करके रखें।
यहां जाने इसमे मौजूद सामग्री किस तरह है फायदेमंद
लहसुन
न्यूरोसाइंस रिसर्च सेंटर द्वारा की गई स्टडी के अनुसार लहसुन में थेरापयूटिक प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह गले की खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, इत्यादि में फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। इसमें मौजूद सेलेनियम और मैग्नीज कफ के लिए कारगर माने जाते हैं।
इसके साथ ही लहसुन में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है जो मांसपेशियों एवं जोड़ों के दर्द से राहत पाने में मदद करता है।
बादाम
बादाम को सर्दी और खांसी में एक प्रभावी घरेलू नुस्खे के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। बादाम में पॉलीफेनोल्स कंपाउंड मौजूद होते हैं, यह वाइट ब्लड सेल्स की सेंसटिविटी को बढ़ा देता है ऐसे में व्हाइट ब्लड सेल्स संक्रमण फैलाने वाले वायरस के ग्रोथ को धीमा कर देता है। वहीं रिसर्च की माने तो बादाम का सेवन इम्यूनिटी को बूस्ट करता है।
हालांकि, बादाम को छिलके के साथ खाएं तभी यह इम्यूनिटी पर प्रभाव डालता है। बादाम ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत हैं, जो शरीर के दर्द को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
जायफल
सर्दियों में संक्रमण से बचाव के लिए जायफल का इस्तेमाल कर सकती हैं। जोड़ो के दर्द और कफ से राहत पाने के लिए जायफल को सरसों तेल में मिलाकर इस्तेमाल करें। वहीं जायफल विटामिन ए, मैग्निशियम, कॉपर, फास्फोरस, जिंक, विटामिन सी, विटामिन ई, मैग्नीज और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। वहीं ठंढ में जायफल का सेवन शरीर को अंदर से गर्मी प्रदान करता है।
इसके साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा जायफल को लेकर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जायफल में मोनोटेर्पेन्स, जिसमें सैबिनिन, टेरपिनोल और पिनीन जैसी एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड पाए जाते हैं। यह सभी कंपाउंड बॉडी इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं और दर्द से राहत पाने में मददगार होते हैं।
आस्था /शौर्यपथ /गाय को हिन्दू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है. गाय की सेवा से पुण्य मिलता है, ऐसी मान्यता है. माना जाता है कि अगर आप हर दिन गाय को रोटी खिलाते हैं तो आपके सारे कार्य सफल होंगे. साथ ही जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है. ऐसी मान्यता है कि गाय में देवताओं का वास होता है, ऐसे में घर में बनने वाली पहली रोटी गाय को खिलाने से देवताओं को भोग लगाने का फल मिलता है. आइए आपको बताते हैं कि रोटी खिलाने के क्या नियम हैं.
ग्रहों की शांति के लिए
अगर किसी की कुंडली में शनि या राहु-केतु जैसे ग्रहों का दोष हो तो घर में बनी पहली रोटी गाय को खिलाने के अलावा आखिरी रोटी कुत्तों को खिलाएं. माना जाता है कि कुत्ते को रोटी खिलाने से ग्रह शांत होते हैं और दोष का असर कम होता है.
पारिवारिक शांति के लिए
अगर लड़ाई-झगड़े और कलह बना रहता है तो पारिवारिक शांति के लिए आप हर दिन सुबह के समय पहली रोटी गाय को खिलाएं. इससे बार-बार हो रही लड़ाइयां खत्म होती है, ऐसा माना जाता है. गौ माता को भोग लगाने से घर में सुख-शांति आती है और देवता भी प्रसन्न रहते हैं.
धन लाभ के लिए
घर में आर्थिक तंगी रहती है तो आप घर में सुबह बनने वाली पहली रोटी को अलग निकाल लें. ज्योतिष के अनुसार इस रोटी के चार टुकड़े कर एक गाय को, दूसरा कुत्ते को, तीसरा कौए को और आखिर टुकड़ा चौराहे पर फेंक दें तो घर की आर्थिक समस्या से निजात पा सकते हैं, ऐसा माना जाता है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /घने, खूबसूरत, मुलायम और शाइनी बाल किसे नहीं चाहिए। परंतु बालों की देखभाल करना सभी के बस में नहीं होता। कुछ लोग व्यस्तता के कारण तो कुछ लोग आलस के कारण बालों को एक उचित देखभाल नहीं दे पाते। जिस वजह से बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं। साथ ही बाल टूटने, झड़ने की शिकायत भी देखने को मिलती है। ऐसे में इनपर केमिकल युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बालों की स्थिति को और ज्यादा गंभीर कर सकता है।
आपकी इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हम लेकर आए हैं, मां का सुझाया एक बेहतरीन नुस्खा। इसके लिए आपको अपनी नियमित शैंपू में कुछ प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों को मिलाना है और अपने बालों पर इसे अप्लाई करना है। यह आपके बालों पर एक जादुई परिणाम लेकर आएगा। तो चलिए जानते हैं इन्हें किस तरह तैयार करना है।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए
कड़ी पत्ता
नींबू का रस
फ्रेश एलोवेरा जेल
शुगर
फिल्टर वॉटर
आपकी मनपसंदीदा शैम्पू
इस तरह तैयार करें
सबसे पहले मिक्सर में 10 से 15 कड़ी पत्ता और 1 चम्मच चीनी डालें।
अब इसमें आधे नींबू का रस निचोड़ दें। फिर फ्रेश एलोवेरा जेल और अपनी मनपसंदीदा शैम्पू डालें।
अब इसमें 2 से 3 चम्मच फिल्टर वॉटर मिलाएं। इसे अच्छी तरह ब्लेंड कर लें और एक स्मूद पेस्ट तैयार करें।
अब इसे सामान्य शैंपू की तरह अपने बालों पर अप्लाई करें। उचित परिणाम के लिए हफ्ते में 2 बार इसका इस्तेमाल जरूर करें।
यहां जाने कैसे काम करता है ये शैम्पू
कड़ी पत्ता है प्रभावी इंग्रीडिएंट
इस शैम्पू को बनाने में इस्तेमाल होने वाला कड़ी पत्ता एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और आयरन का एक बेहतरीन स्रोत होता है। वहीं यह बालों को जड़ से मजबूत बनाता है साथ ही हेयर फॉल की समस्या में फायदेमंद होता है।
स्कैल्प की सेहत को संतुलित रखता है नींबू का रस
नींबू का रस एसिडिक होता है ऐसे में यह स्कैल्प के पीएच वैल्यू को संतुलित रखने में मदद करता है। वहीं इसे एक सीमित मात्रा मे इस्तेमाल करें तब यह स्कैल्प के खुजली, सूखापन और पपड़ीदार त्वचा को कम करने में मदद करता है। वहीं नींबू में एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। नींबू स्कैल्प पर होने वाले ऑयल प्रोडक्शन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके अलावा, नींबू विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। यह विटामिन बालों को मजबूत बनाते हैं और हेयर ग्रोथ को भी प्रोमोट करते हैं।
बालों की सेहत के लिए कमाल का है एलोवेरा
एलोवेरा में विभिन्न प्रकार के विटामिन मौजूद होते हैं। वहीं इसकी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी इसकी गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ा देती है। इसके साथ ही य डैमेज हेयर को रिपेयर करने में मदद करता हैं। एलोवेरा बालों को पर्याप्त नमी प्रदान करता है। वहीं इसमे मौजूद एलोनिन बालों के विकास को बढ़ावा देने का एक प्राथमिक कारक है। साथ ही यह स्कैल्प को ठंडक पहुंचाता है और होने वाले संक्रमण की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है।
बालों को शाइनी और स्मूद बनाती है चीनी
चीनी बालों को मुलायम और चमकदार बनाने के अलावा नए बालों के ग्रोथ को भी प्रोमोट करता है। वहीं यह स्कैल्प से डेड स्किन सेल्स को हटाता है और जमी गंदगी को साफ करता है। ऐसे में आप इसे शैम्पू में मिलाकर इस्तेमाल कर सकती हैं। यह बालों की सेहत को स्वस्थ रखेगा।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /अधिकांश शाकाहारी लोग पनीर से बनी डिश जरूर चुनते हैं। वहीं कई लोग यह भी मानते हैं कि अगर आप शाकाहारी हैं, तो पनीर आपके लिए बेस्ट फूड है। इसलिए, यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं कि पालक पनीर भारतीयों के बीच एक लोकप्रिय व्यंजन है। केवल शाकाहारी ही नहीं, बल्कि नॉन वेजिटेरियन भी इस व्यंजन को बहुत चाव से खाते हैं।
पालक की प्यूरी से बने गाढ़े पेस्ट में पनीर के टुकड़ों को डाल कर बनाया जाने वाला ये कॉम्बिनेशन वाकई कमाल है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण पालक पनीर को लोग सेहत के लिए फायदेमंद मानते हैं। वहीं लोग इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाते कि इसका सेवन हमेशा सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता।
रिसर्चगेट के अनुसार, पालक विटामिन कॉम्प्लेक्स, एस्कॉर्बिक एसिड, ओमेगा-3-फैटी एसिड, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस, जिंक और सेलेनियम जैसे खास पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। वहीं आयुर्वेदिक रुप से इसे काफी महत्वपूर्ण सब्जी माना जाता है। साथ ही इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं।
इसका सेवन पारंपरिक चिकित्सा की तरह काम करते हुए आपके शरीर को स्वस्थ रहने में मदद करता है। साथ ही इसका सेवन डायबिटीज, कुष्ठ रोग, फेफड़ों की सूजन, अस्थमा, जोड़ों के दर्द, गले में खराश, सर्दी, छींक और बुखार जैसी स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
ब्यूटी /शौर्यपथ /बचपन में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही घर में तेल का प्रयोग बढ़ जाता था। बालों, स्कैल्प, सिर के अलावा मम्मी स्किन पर भी तेल लगाने को कहा करती थी। वे सर्दियों में नहाने के पहले हाथ-पैर और पूरे शरीर पर तेल की मसाज करने की सलाह देती थीं। मम्मी का यह नुस्खा मैंने टीवी सीरियल में भी मुगल राजकुमारियों को आजमाते हुए देखा था। दरअसल, आयुर्वेद भी सर्दियों में नहाने से पहले शरीर की तेल मालिश करने पर मुहर लगाता आया है।
नहाने से पहले तेल लगाना क्यों है जरूरी
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ नर्सिंग स्टडीज में जाड़े के दिनों में नहाने से पहले तेल लगाने की जरूरतों पर वर्ष 2017 में एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। जैन कोटनर, वरवारा कांति और गेबर डोबोस की टीम ने 60 से भी अधिक बड़े और बच्चों पर नहाने से पहले नारियल तेल लगाने का प्रभाव देखा। इस स्टडी के निष्कर्ष के अनुसार, नियमित त्वचा की देखभाल के लिए नहाने के पहले तेल लगाया गया।जिन बच्चों और वयस्कों की स्किन ड्राई थी, उनकी स्किन बैरियर वर्क में सुधार पाया गया। उनकी स्किन में सुधार हुआ और ड्राईनेस खत्म हुई।
आयुर्वेद भी करता है नहाने से पहले तेल मालिश की सिफारिश
आयुथवेदा के फाउंडर और सीईओ डॉ. संचित शर्मा कहते हैं कि आयुर्वेद में नियमित तेल मालिश करने की बात कही गई है। आयुर्वेद में तेल मालिश को अभ्यंग कहा जाता है। अभ्यंग न सिर्फ मांसपेशियों को टोन करता है, बल्कि वात के कारण ड्राय स्किन को भी मुलायम बनाता है।
शरीर पर आधे घंटे से लेकर 1 घंटे तक तेल मालिश की जा सकती है। यदि तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है, तो इससे रात में मालिश करना सही होता है।
जाड़े के दिनों में नहाने से पहले तेल लगाने से होते हैं 3 फायदे
1 नमी का होता है अवशोषण
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ नर्सिंग स्टडीज के शोध आलेख के अनुसार जाड़े के दिनों में स्किन और अधिक ड्राई हो जाती है। स्किन में मौजूद नेचुरल ऑयल सूखने लगते हैं। नहाने से पहले ऑयल लगाने से त्वचा और पानी के बीच एक अवरोध पैदा हो जाता है। इससे पानी के साथ स्किन ऑयल बाहर नहीं निकल पाता है।
2 टॉक्सिंस हो जाते हैं खत्म
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मॉलिक्यूलर साइंस की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, कई प्लांट ऑयल जैसे कि कोकोनट ऑयल, ओलिव ऑयल, तिल का तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों वाला होता है। यह वुंड को रिपेयर करता है। जब आप नहाने से पहले तेल को गर्म कर लगाती हैं, तो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल आते हैं। जब आप नहाती हैं, तो पानी के साथ ये सभी टोक्सिन भी धुल जाते हैं।
3 रैशेज और खुजली से होता है बचाव
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ नर्सिंग स्टडीज के अनुसार, जाड़े के दिनों में ठंडी हवा स्किन की नमी सोख लेती है। आपकी स्किन पर रैशेज हो जाते हैं और आपको खुजली भी होने लगती है। नहाने से पहले जब आप तेल लगाती हैं, तो खोई हुई नमी वापस लौट आती है।
यहां हैं नहाने से पहले लगाये जाने वाले मां के बताये तेल
1 बादाम तेल
विटामिन ई से भरपूर बादाम तेल लगाने से स्किन की अंदर तक सफाई होती है और उसे संपूर्ण पोषण मिलता है।
2 नारियल तेल
नारियल तेल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तत्व स्किन को नमी देते हैं। नहाने से पहले प्रयोग करने पर स्किन चमकदार बनी रहती है।
3 ऑलिव आयल
विटामिन-ई, विटामिन के, ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ओलिव आयल को नहाने से पहले लगाया जा सकता है।
4 तिल का तेल
कैल्शियम,कॉपर, मैंगनीज, फास्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी1, विटामिन बी 6 वाले तिल का तेल जाड़े के दिनों में लगाने पर शरीर को गर्म रखता है। यह नमी को बरकरार रख कर स्किन की ड्राईनेस को खत्म कर देता है।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /सर्दियों में होने वाली ड्राई स्किन की समस्या से तो आप सभी वाकिफ होंगी। ठीक उसी प्रकार इस मौसम स्कैल्प और बाल भी रूखे और बेजान पर जाते हैं, और ऐसे में हेयर फॉल जैसी समस्याएं आपको परेशानी में डाल सकती हैं। अक्सर लोग हेयर ड्राइनेस को गंभीरता से नहीं लेते जिस वजह से धीरे-धीरे यह समस्या आपके स्कैल्प और बाल को बुरी तरह प्रभावित कर देता है। ऐसे में इस समस्या के प्रति गंभीर होने की आवश्यकता है। तो इस सर्दी अपने बालों को दें एक खास देखभाल। आज हम लेकर आये हैं ऐसे ही 5 विंटर हेयर केयर टिप्स, चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
पहले जाने सर्दियों में बाल क्यों हो जाते हैं ड्राई
सर्दी के मौसम में हवा में मॉइस्चराइजर की कमी हो जाती है जिस वजह से बाल ड्राई और डैमेज नजर आते हैं। वहीं सर्दियों में लोग लंबे समय तक सूरज की किरण के सीधे संपर्क में रहते हैं, जिस वजह से भी बालों के डैमेज होने की संभावना बनी रहती है।
इसके साथ ही कई अन्य कारण भी हैं जैसे कि बालों पर हर रोज शैम्पू का इस्तेमाल करना। इसके साथ ही अधिक मात्रा में केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, नियमित रूप से ड्रायर, स्ट्रेटनर, कर्लिंग आयरन, इत्यादि का इस्तेमाल भी बालों को रुखा और बेजान बना सकता है।
यहां जाने रूखे और बेजान बालों को स्वस्थ रखने के कुछ प्रभावित टिप्स
1. गुनगुने तेल से मसाज करें
रूखी और बेजान बालों के लिए एक सबसे प्रभावी उपाय ऑयलिंग ही सकता है। आप इसमे कोकोनट, आलमंड, कैस्टर, जोजोबा और कॉर्न ऑयल की मदद ले सकती हैं। यह सभी तेल विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट के एक बेहतरीन स्रोत होते हैं। जो बालों को मॉइश्चराइज करते हुए उसके ऊपर एक प्रोटेक्टिंग लेयर तैयार कर देते हैं, जो इसे रफ और ड्राई होने से बचाता है।
इसके लिए आपको एक बर्तन लेना है जो कम गहरा हो। उसमे पानी गर्म करें और फिर एक छोटी कटोरी में अपना मन पसंदीदा हेयर ऑयल निकाल लें और उसे गर्म पानी वाले बर्तन में रखें। ध्यान रहे की बड़े बर्तन में पानी इतना ही हो कि वह छोटे बर्तन को ओवरफ्लो न करें। इसके बाद इसे निकाल कर कुछ देर के लिए छोड़ दे और देखें कि इसका तापमान क्या है। जब तेल गुनगुना हो जाए तो इसे अपने बालों पर अप्लाई करें और स्कैल्प को कम से कम 10 मिनट तक मसाज दें।
2. बियर को कंडीशनर की तरह इस्तेमाल करें
बियर बालों के लिए कंडीशनिंग एजेंट की तरह काम करता है। बियर में प्रोटीन मौजूद होता है जो हेयर क्यूटिकल्स को रिपेयर करता है और बालों को स्मूद और शाइनी बनाता है। इसे बालों पर अप्लाई करने के लिए सबसे पहले शैम्पू कर लें फिर बीयर से बाल धुल लें। कुछ देर तक इसे लगा हुआ छोड़ दें फिर उसके बाद बिना शैंपू के साधारण पानी से बाल धुलें।
3. ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट को डाइट में शामिल करें
आवाज में हिंदी फूड्स को शामिल करें खासकर ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप विभिन्न प्रकार के मछलियों की प्रजाति, ब्लूबेरी, टमाटर, अखरोट, ब्रोकली और राजमा को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसके साथ ही विटामिन ए, विटामिन सी, बायोटीन और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी बालों से जुड़ी समस्यायों को दूर रखने में मदद करता है।
4. सर्दियों में गर्म पानी से बाल न धुलें
सर्दियों में लोग अक्सर गर्म पानी से बाल धो लेते हैं। परंतु आपको बता दें कि यह आपकी बालों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। वहीं ठंडे पानी से बाल धुलने से बालों की ग्रोथ तेज हो जाती है। इसलिए शैम्पू और कंडीशनर करने के बाद बाल धुलने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करें। यह न केवल आपके बालों के लिए फायदेमंद है बल्कि आपके स्कैल्प की सेहत को भी बनाए रखता है।
5. योगर्ट ऑयल मास्क भी रहेगा फायदेमंद
योगर्ट और ऑयल से बना हेयर मास्क रूखे और बेजान बालों के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार साबित हो सकता है। इसे बनाने के लिए अपने बाल की लंबाई के अनुसार योगर्ट लें उसमे ऑलिव ऑयल और कोई भी एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों को एक साथ मिला लें। पहले बालों पर शैम्पू कर लें फिर तैयार किये गए मिक्सर को अपने बालों पर अप्लाई करें। इसे 15 से 20 मिनट तक लगा हुआ छोर दें। अब गुनगुने पानी से बाल को साफ करें।