August 02, 2025
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टेक्नोलॉजी /शौर्यपथ/ 

जापान की क्योटो प्रिफेक्चुअल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण की जांच का नया तरीका खोजा है। उन्होंने ऐसा मास्क तैयार किया है, जो मोबाइल की फ्लैश लाइट के जरिए बता देता है कि मास्क पहनने वाला कोविड-19 से संक्रमित है या नहीं। मोबाइल के अलावा अल्ट्रा वॉयलेट लाइट से भी इसका पता लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि इस मास्क के फिल्टर को शुतुरमुर्ग की कोशिकाओं से बनाया गया है।

रिसर्चर्स के मुताबिक, मास्क की परतों में एक फिल्टर लगाया गया है। इस पर एक फ्लोरोसेंट स्प्रे किया जाता है। इसमें ऐसी एंटीबॉडी होती है, जो वायरस के साथ बंध जाती है। यदि मास्क पर वायरस के कण मौजूद होते हैं तो फिल्टर UV लाइट में चमकता है। यह मास्क स्मार्टफोन की LED लाइट में भी चमकता है। इससे लोग घर बैठे ही अपना कोविड टेस्ट कर सकते हैं।

मास्क तैयार करने में शुतुरमुर्ग का रोल
यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने सबसे पहले कोरोना वायरस को मादा शुतुरमुर्ग में इंजेक्ट किया। इसके बाद उसके अंडों से एंटीबॉडी निकालकर फ्लोरोसेंट स्प्रे तैयार किया। वैज्ञानिकों का दावा है कि शुतुरमुर्ग में मिलने वाली एंटीबॉडी कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ काम करती है।

32 मरीजों पर की गई रिसर्च
रिसर्च को लीड करने वाले साइंटिस्ट यासुहिरो सुकामोटो ने बताया कि मास्क का ट्रायल सिर्फ 10 दिन में किया गया है। एक्सपेरिमेंट में शामिल 32 कोरोना मरीजों का मास्क UV लाइट में तेजी से चमका। रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि जैसे-जैसे मरीज रिकवर हुए, वैसे-वैसे मास्क का चमकना कम होता गया।

सुकामोटो का कहना है कि वे अगला ट्रायल 150 लोगों पर करना चाहते हैं। अगर ट्रायल कामयाब रहता है तो सरकार से इजाजत ली जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद यह मास्क 2022 में मार्केट में आ सकता है।

 

 

 

हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ 

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। भारत में अब तक मिले ओमिक्रॉन संक्रमितों की कुल संख्या 166 हो गई है। साथ ही, दुनिया भर में इससे 12 लोगों की मौत हो चुकी है। आगे और क्या देखने मिल सकता है, ये सोचकर लोगों में चिंता, तनाव और घबराहट बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में हमें अपने शरीर के साथ-साथ मेंटल हैल्थ का ख्याल रखने की भी जरूरत है।

इन 5 साइन्स-बेस्ड तरीकों को फॉलो करके आप अपने मन को शांत रख सकते हैं..

1. अपने शरीर की सुनें

नकारात्मक भावनाओं से लड़ने के लिए सबसे पहले अपने शरीर की खामोश आवाजों को सुनना जरूरी है। क्या आपके पेट में अकड़न है? क्या आपके सिर में दर्द है? क्या आपकी मांसपेशियों में खिंचाव है? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है तो ये आपकी चिंता के शारीरिक लक्षण हैं। इसके लिए आपको रिलैक्स होने की जरूरत है।

शरीर को आराम देने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद, एक किताब को अपने पेट पर रखें और दोनो हाथों को अपनी छाती पर रख लें। अब इतनी गहरी सांस लें कि किताब जितना हो सके उठ जाए। ये एक्सर्साइज कम से कम 7 मिनट तक करें। इसके अलावा, आप एक कटोरे में बर्फीला पानी लेकर अपने मुंह को धो सकते हैं।

2. टॉक्सिक पॉजिटिविटी से रहें दूर

अपनी चिंताओं को पूरी तरह से नजरंदाज करने से आप टॉक्सिक पॉजिटिविटी के शिकार हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करके आप अपने दिमाग पर प्रेशर डालते हैं, जिससे मानसिक विकार और बढ़ सकते है। इसलिए जब भी चिंता में हों, खुद से बात करें। अपने दिल पर हाथ रखें और खुद को सहारा दें। ध्यान रखें, कभी-कभी चिंता करना भी सही होता है।

 3. गलत आदतों को सुधारें​​​​​​​

चिंता से भागने के लिए अगर सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं, तो इस आदत को अभी बदल लें। बिना मतलब के सोशल मीडिया चलाने से आपकी घबराहट और बढ़ जाती है। जर्मनी में हुई एक स्टडी के मुताबिक, महामारी के बारे में ज्यादा पढ़ने से चिंता बढ़ती है।

यदि आप सोशल मीडिया के आदी हैं, तो ऐसे एप्स को अपने फोन से हटा दें जिन्हें चला​​​​​​​कर आप अच्छा महसूस नहीं करते। साथ ही, दूसरों पर निर्भर होने, आलस करने, काम टालने, शराब पीने और कम नींद लेने की आदतों को भी सुधारें।

4. अपना नजरिया बदलें​​​​​​​

कोरोना महामारी का अंत कब होगा, यह सवाल हम सभी के मन में है। हालांकि, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इसलिए हमें अपनी जिंदगी जीने का नजरिया बदलना होगा। चीजों के नकारात्मक और सकारात्मक दोनो ही पहलुओं को परखना होगा। आप यह कल्पना भी कर सकते हैं कि आपकी आज की चिंताएं एक दिन, हफ्ते, महीने या साल बाद कैसी लग सकती हैं।

5. अकेले ना रहें

अकेलापन आपको ज्यादा सोचने पर मजबूर करता है। चिंता दूर करने का सबसे अच्छा तरीका होता है अपने परिवार या दोस्तों से बात करना। साथ ही, आप अपने विचारों को लिखकर उनसे राहत पा सकते हैं। बच्चों और जानवरों के साथ खेलने, ताजी हवा में घूमने और नई हॉबीज एक्सप्लोर करने से भी आप अपनी चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं।

 

 

हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/ 

माइग्रेन विश्व की सबसे सामान्य बीमारियों में से एक है। साथ ही, यह दुनिया में सबसे ज्यादा होने वाला न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी है। इससे पीड़ित लोगों को लगातार सिर दर्द की परेशानी होती है। आंकड़ों के मुताबिक, इससे जूझने वाले 20% लोग सिर दर्द रोकने के लिए ओपिओइड नामक ड्रग का इस्तेमाल करते हैं। वैज्ञानिकों की मानें, तो दवाइयों के बिना भी माइग्रेन का इलाज संभव है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन  में प्रकाशित हुई एक हालिया रिसर्च में कहा गया है कि माइंडफुल मेडिटेशन और योगा करने से माइग्रेन कम हो सकता है।

माइग्रेन से जुड़े कुछ तथ्य:

माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार दुनिया में 100 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।

माइग्रेन सबसे ज्यादा दर्दनाक 18 से 44 की उम्र के बीच होता है।

90% मरीजों में यह बीमारी आनुवंशिक होती है।

तकरीबन 40 लाख लोगों को रोज माइग्रेन की शिकायत होती है।

माइग्रेन की 85% मरीज महिलाएं होती हैं।

आधे से ज्यादा मरीजों को पहला माइग्रेन अटैक 12 साल की उम्र के पहले आता है


क्या कहती है रिसर्च

रिसर्च में माइग्रेन के मरीजों को दो ग्रुप्स में बांटा गया। पहले ग्रुप को इलाज के तौर पर माइंडफुलनेस (सचेतना) प्रैक्टिस करने को कहा गया। इसमें मेडिटेशन, हठ योग और सांस लेने के पैटर्न पर ध्यान दिया गया। इसके अलावा, उन्हें घर में भी ये प्रैक्टिस करने का सुझाव दिया गया। दूसरे ग्रुप को केवल सिर दर्द के बारे में शिक्षा दी गई। माइग्रेन के हर पहलू के बारे में बताया गया। क्लास के दौरान उनसे सवाल-जवाब और डिस्कशन करवाए गए।

8 हफ्तों के इस ऐक्सपैरिमैंट में ये बात सामने आई कि माइंडफुलनेस-बेस्ड इलाज माइग्रेन अटैक्स को कम करने में कारगर है। लगातार मेडिटेशन और योग करने वाले लोगों में ना केवल माइग्रेन, बल्कि डिप्रेशन और चिंता भी कम हुई। वहीं दूसरी ओर, शिक्षा पाने वाले लोगों की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ।


कैसे करें माइंडफुल मेडिटेशन

आज के दौर में मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ लाइफस्टाइल में परिवर्तन करने की भी सलाह दी जाती है। अपने रोजमर्रा के जीवन में ये टिप्स फॉलो कर आप घर बैठे माइग्रेन को कम कर सकते हैं:

सबसे पहले अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति को स्वीकारें।

बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के अपनी पीठ के बल लेट जाएं। आंखें बंद कर, अपनी सांस की गति की ओर ध्यान लगाएं। सिर से लेकर पैर तक, पूरे शरीर को स्कैन करें।

आरामदायक पोजिशन में बैठकर आंखें बंद करें और गहरी सांस लें, फिर छोड़ें। यह ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से मन शांत होता है।

रोजाना ताजी हवा और अच्छे वातावरण में 30 मिनट वॉक करें। चलते हुए अपनी सांसों पर ध्यान दें।

हर दिन 20 से 30 मिनट के लिए स्ट्रेचिंग और हठ योग करें।

 

 

 

 

टेक्नोलॉजी /शौर्यपथ/ 

कंपकंपाने वाली सर्दी शुरू हो चुकी है। सर्द हवाओं मोटे-मोटे कपड़े पहनने पर मजबूर कर दिया है। घर के बाहर तो कड़कड़ाती ठंड पड़ ही रही है, लेकिन घर के अंदर भी इससे बचना मुश्किल हो गया है। सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों के साथ हीटर बहुत जरूरी हो गया है। इस तरह की सर्दी में ब्लोअर हीटर ज्यादा इफेक्टिव रहते हैं। इनसे गर्म हवा निकलती है जो रूम का टेम्परेचर तेजी से बढ़ाती है। इसने रूम में मौजूद सभी लोगों को गर्म हवा लगती है। ऐसे में हम आपको 5 ब्लोअर बता रहे हैं, जिनकी कीमत 1000 रुपए से भी कम है।

 1. Phyllo Electric Heater

  कीमत  779 रुपए

इस पोर्टेबल ब्लोअर हीटर को 1000w से 2000w के मॉडल में खरीद सकते हैं। इसमें दो नॉब दी गई हैं। एक नॉब की मदद से फैन की स्पीड को कंट्रोल किया जाता है। इसमें स्पीड को 3 लेवल तक बढ़ा सकते हैं। वहीं, दूसरी नॉब से गर्म हवा को कंट्रोल किया जाता है। इसके लिए भी 2 लेवल दिए हैं। इसकी बॉडी प्लास्टिक की है, जिससे करंट लगने का खतरा नहीं रहता।

2. Lifelong 2000 LLFH03

  कीमत : 849 रुपए

लाइफलॉन्ग कंपनी के इस 2000 वॉट वाले ब्लोअर हीटर की कीमत 849 रुपए है। इसका मॉडल नंबर LLFH03 है। इसमें फैन लगा हुआ है, जो गर्म हवा फेंकता है। गर्म हवा के लिए इसमें 3 मोड मिलते हैं। यानी आप हवा की गर्माहट को कम और ज्यादा कर सकते हैं। कंपनी इस पर 12 महीने की वारंटी भी दे रही है। इसकी बॉडी प्लास्टिक की है।

3. Riyakar Home Heat Blower

  कीमत : 849 रुपए

इस रूम हीटर ब्लोअर का मॉडल नबंर M-11 432 है। ये 2000 वॉट का पावर कंजप्शन करता है। इसका डिजाइन वर्टिकल है। इस वजह से ये स्पेस भी कम लेता है। इसमें दो नॉब दी गई हैं। एक नॉब की मदद से फैन की स्पीड को कंट्रोल किया जाता है। इसमें स्पीड को 3 लेवल तक बढ़ा सकते हैं। वहीं, दूसरी नॉब से गर्म हवा को कंट्रोल किया जाता है। इसके लिए भी 2 लेवल दिए हैं।

4. Kenvi US Fan Heater

  कीमत : 849 रुपए

कम कीमत के बाद भी ये देखने में बेहद स्टाइलिश है। डुअल कलर टोन वाले इस हीटर ब्लोअर का मॉडल नंबर M-11 432 है। गर्म हवा को कंट्रोल करने के लिए इसमें कई लेवल दिए हैं। वहीं, फैन की स्पीड के लिए भी तीन लेवल हैं। कंपनी इस पर एक सीजन की वारंटी भी दे रही है। ये 2000 वॉट का पावर कंजप्शन करता है। इसे ISO 9001:2015 सर्टिफिकेट भी मिला है।

5. Zigma Blower Heater

  कीमत : 923 रुपए

इस बजट ब्लोअर हीटर का मॉडल नंबर Z-1136 है। ये 2000 वॉट का पावर कंजप्शन करता है। गोल्डन कलर वाले इस हीटर में कॉपर वायर मोटर दी है। इसमें सेफ्टी के लिए थर्मल कट ऑफ और ओवरहीट प्रोटेक्शन भी दिया है। इसमें हीट सेटिंग को 1000 वॉट भी कर सकते हैं। इसमें दो नॉब दी गई हैं। एक नॉब की मदद से फैन की स्पीड को कंट्रोल किया जाता है। इसमें स्पीड को 3 लेवल तक बढ़ा सकते हैं। वहीं, दूसरी नॉब से गर्म हवा को कंट्रोल किया जाता है। इसके लिए भी 2 लेवल दिए हैं।

देश में लगातार एक्सप्रेस-वे और हाईवे तैयार किए हो रहे हैं। कई को चालू किया जा चुका है। तो कई पर तेजी से काम चल रहा है। ऐसे में अब सड़क पर गाड़ी चलाने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक फ्री-टू-यूज-नेविगेशन ऐप लॉन्च किया है। इसे मूव (MOVE) का नाम दिया है। ये सड़क पर चलने वाले लोगों को एक्सीडेंट के खतरों के बारे में अलर्ट करेगा। इसमें कई तरह के रोड सेफ्टी फीचर्स भी दिए हैं।

ऐप को केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मिनिस्ट्री  ने देश में ड्राइवर और रोड सेफ्टी टेक्नोलॉजी के लिए IIT मद्रास और डिजिटल टेक कंपनी मैप माय इंडिया  के कोलैबरेशन में लॉन्च किया गया है।

 नेविगेशन ऐप सर्विस ड्राइवरों को अपकमिंग एक्सीडेंट प्रोन एरिया, स्पीड ब्रेकर, शार्प कर्व्स और गड्ढों जैसे दूसरे खतरों के बारे में वॉयस और विजुअली अलर्ट देता है। ये देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वावे एक्सीटेंड और मौतों को कम करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय की प्लानिंग का एक हिस्सा है।

IIT मद्रास और मैप माय इंडिया डेटा एनालिस्ट करेंगे

मैप माय इंडिया द्वारा डेवलप नेविगेशन सर्विस ऐप मूव ने 2020 में सरकार की आत्मानिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज जीता था। इस सर्विस का इस्तेमाल नागरिकों और अथॉरिटी द्वारा एक्सीडेंट, असुरक्षित एरिया, सड़क और ट्रैफिक के मुद्दों को मैप पर रिपोर्ट और ब्रॉडकास्ट और दूसरे यूजर्स की मदद करने के लिए किया जा सकता है। डेटा का एनालिस्ट IIT मद्रास और मैप माय इंडिया द्वारा किया जाएगा। फिर भविष्य में सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

IIT मद्रास के डेटा संचालित रोड सेफ्टी मॉडल को अपनाया

बीते महीने सड़क मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बैंक से फंडिंग के साथ IIT मद्रास के रिसर्चर्स द्वारा बनाए गए डेटा संचालित रोड सेफ्टी मॉडल को अपनाया है। सड़कों को सुरक्षित बनाने और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार करने में मदद के लिए 32 से अधिक राज्य और यूनियन टेरिटरी, इंस्टीट्यूट के डेवलप किए गए विकसित एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस  मॉडल का इस्तेमाल करेंगे।

 IIT टीम ने 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने और रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट से 0 मौतों के टारगेट करने अलग-अलग राज्य सरकारों के एग्रीमेंट किए हैं। इसके लिए वो एक रोडमैप डेवलप करेंगे।

 

 

 

हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/ 
 आइए इस लेख के जरिए जानें कि आप ब्लैक कॉफी से अपना वजन कैसे कम कर सकते हैं. इसके लाभ, ब्लैक कॉफी पीने का सही समय भी जानें.

 अगर आप ब्लैक कॉफी के शौकीन हैं, तो यह आनंद लेने का समय है! आपके शरीर और दिमाग को बहुत सारे लाभ मिलेगें. कई अध्ययनों ने साबित किया है कि किसी भी अन्य कैफीन-वाले पेय की तुलना में ब्लैक कॉफी वजन घटाने के लिए अच्छी है. अगर आप सोच रहे हैं कि ब्लैक कॉफी क्या है? और यह सामान्य कॉफी से किस प्रकार अलग है? ब्लैक कॉफी एक ऐसा पेय है जो जिसमें कोई एडिटिव या दूध नहीं मिलाया जाता है. कैफीन के अन्य प्रकारों की तुलना में यह आमतौर पर कड़वा होता है और इसे एस्प्रेसो भी कहा जाता है. आइए इस लेख के जरिए जानें कि आप ब्लैक कॉफी से अपना वजन कैसे कम कर सकते हैं. इसके लाभ, ब्लैक कॉफी पीने का सही समय भी जानें.


ब्लैक कॉफी की मदद से वजन कैसे कम करें? | 

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच ब्लैक कॉफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. दूध और चीनी से तैयार ड्रिंक की तुलना में ब्लैक कॉफी में कैलोरी की मात्रा कम होती है. जब ब्लैक कॉफी को अच्छा व्यायाम रूटीन के साथ जोड़ा जाता है, तो आप अपने फैट को जल्दी से बर्न कर सकते हैं. कैफीन का सेवन बेहतर वजन घटाने और मैनेजमेंट को बढ़ावा देता है.

 क्या ब्लैक कॉफी फैट बर्न करती है? | 

कई अध्ययनों से पता चलता है कि कैफीन की फैट बर्न करने वाले गुण होते है. हालांकि इसका समर्थन करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है. आपके शरीर में कैफीन की उच्च मात्रा गर्मी उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है, जिसे थर्मोजेनेसिस भी कहा जाता है, और यह वसा कोशिकाओं को बहुत जल्दी बर्न कर देता है. कैफीन भी लिपोलिसिस में सहायता करके शरीर में अतिरिक्त मात्रा को कम करता है.


 क्या सर्दियों में ब्लैक कॉफी वजन घटाने के लिए सबसे बेस्ट है? जानें फायदे और किस समय करना चाहिए सेवन

 यहां इसके लाभ, ब्लैक कॉफी पीने का सही समय भी जानें.

  अगर आप ब्लैक कॉफी के शौकीन हैं, तो यह आनंद लेने का समय है! आपके शरीर और दिमाग को बहुत सारे लाभ मिलेगें. कई अध्ययनों ने साबित किया है कि किसी भी अन्य कैफीन-वाले पेय की तुलना में ब्लैक कॉफी वजन घटाने के लिए अच्छी है. अगर आप सोच रहे हैं कि ब्लैक कॉफी क्या है? और यह सामान्य कॉफी से किस प्रकार अलग है? ब्लैक कॉफी एक ऐसा पेय है जो जिसमें कोई एडिटिव या दूध नहीं मिलाया जाता है. कैफीन के अन्य प्रकारों की तुलना में यह आमतौर पर कड़वा होता है और इसे एस्प्रेसो भी कहा जाता है. आइए इस लेख के जरिए जानें कि आप ब्लैक कॉफी से अपना वजन कैसे कम कर सकते हैं. इसके लाभ, ब्लैक कॉफी पीने का सही समय भी जानें.

ब्लैक कॉफी की मदद से वजन कैसे कम करें? |

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच ब्लैक कॉफी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. दूध और चीनी से तैयार ड्रिंक की तुलना में ब्लैक कॉफी में कैलोरी की मात्रा कम होती है. जब ब्लैक कॉफी को अच्छा व्यायाम रूटीन के साथ जोड़ा जाता है, तो आप अपने फैट को जल्दी से बर्न कर सकते हैं. कैफीन का सेवन बेहतर वजन घटाने और मैनेजमेंट को बढ़ावा देता है.

क्या ब्लैक कॉफी फैट बर्न करती है? |

कई अध्ययनों से पता चलता है कि कैफीन की फैट बर्न करने वाले गुण होते है. हालांकि इसका समर्थन करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है. आपके शरीर में कैफीन की उच्च मात्रा गर्मी उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है, जिसे थर्मोजेनेसिस भी कहा जाता है, और यह वसा कोशिकाओं को बहुत जल्दी बर्न कर देता है. कैफीन भी लिपोलिसिस में सहायता करके शरीर में अतिरिक्त मात्रा को कम करता है.

ब्लूबेरी के बारे में क्या जानते हैं आप? इसके प्रकार और टॉप हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में यहां बताया गया है


वजन घटाने में मदद करने वाली ब्लैक कॉफी के फायदे

ब्लैक कॉफी के कुछ फायदे यहां दिए गए हैं जो जल्दी वजन घटाने को बढ़ावा देते हैं:

1. ब्लैक कॉफी आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है
ब्लैक कॉफी मेटाबॉलिज्म गतिविधि को बढ़ाती है और आपके शरीर में एनर्जी लेवल को बढ़ाती है क्योंकि इसमें कैफीन होता है. हाई मेटाबॉलिज्म रेट के साथ आपके वजन घटाने के परिणाम बेहतर होंगे. कोई भी मिठास न मिला कर कम कैलोरी वाला ड्रिंक तैयार करें.

2. भूख नक्काशी कम कर देता है

ब्लैक कॉफी सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर काम करती है जिससे आपकी अत्यधिक खाने की इच्छा कम हो जाती है. कैफीन पेप्टाइड YY को दबाने में मदद करता है, जो भूख बढ़ाने वाले हार्मोन हैं जो आपको वजन बढ़ाने वाले फूड्स से दूर रखते हैं.

3. शरीर में अतिरिक्त पानी की मात्रा को कम करता है

आपके शरीर में एक्स्ट्रा पानी कई लोगों में वजन बढ़ने के प्राथमिक कारणों में से एक है और इसका इलाज करने के लिए ब्लैक कॉफी एक सही उपाय हो सकता है. ब्लैक कॉफी आपके शरीर से अतिरिक्त पानी की मात्रा को बाहर निकालकर आपको बार-बार पेशाब करने में मदद करती है. हालांकि वजन घटाना अस्थायी है, लेकिन इस तरीके से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. अगर आपके पास पानी का वजन है और जल्दी ठीक करना चाहते हैं, तो यह विकल्प एक आदर्श विकल्प है.

4. आपको कैलोरी बर्न करने में मदद करता है

ब्लैक कॉफी पीने से आप सक्रिय रहते हैं, मेटाबॉलिज्म गतिविधि को कुशलतापूर्वक उत्तेजित करके अधिक कैलोरी बर्न होती है. इस तरह ब्लैक कॉफी ज्यादा कैलोरी बर्न करके वजन कम करने में आपकी मदद करती है. ब्लैक कॉफी एक कैलोरी मुक्त पेय है. अधिक कैलोरी बर्न करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कसरत से पहले इस पेय का सेवन करें.

5. शरीर में ग्लूकोज का उत्पादन घटाना

ब्लैक कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड एक एंटीऑक्सिडेंट है जो आपको वजन कम करने में मदद करता है और आपके शरीर में ग्लूकोज के उत्पादन को धीमा करता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है. यह एंटीऑक्सिडेंट इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और आंतों में ग्लूकोज के अवशोषण को रोकता है.

वजन कम करने के लिए ब्लैक कॉफी पीने का सबसे अच्छा समय

हालांकि बहुत से लोगों का मानना है कि ब्लैक कॉफी पीने से फैट बर्न होता है. जब सुबह जल्दी सेवन किया जाता है तो इससे कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि पेट खराब होना, एसिड रिफ्लक्स अगर आप इसका खाली पेट सेवन करते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/

दिल की सेहत के लिए अच्छे खानपान का अर्थ यह कतई नहीं है कि बर्गर, फ्रेंच फ्राइज या कोल्ड ड्रिंक से दूरी बना लें। पर यह ध्यान रखना होगा कि ये चीजें नियमित खानपान में शामिल न हो जाएं। यह कहना है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख डॉ. रॉबर्ट एकेल का। एसोसिएशन ने हाल में दिल तंदुरुस्त रखने वाले खानपान को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। मुख्य लेखक डॉ. एलिस एच लिकटेंस्टाइन ने बताया कि ‘ये न खाएं’ जैसी नसीहतों से लोगों पर दबाव डालने के बजाय हमने खानपान के ऐसे पैटर्न को बढ़ावा देने की कोशिश की है, जिससे दिल स्वस्थ रहे। गाइडलाइंस के प्रमुख अंश...

 6 आदतें जो खानपान का पैटर्न सही बनाने में मददगार होंगी, दिल से जुड़े जोखिम भी घटाएंगी

हफ्ते में 150 मिनट वर्कआउट

जीवनभर वजन को संतुलित रखकर दिल से जुड़े जोखिम कम किए जा सकते हैं। हफ्ते में 150 मिनट वर्कआउट, ऊर्जा संतुलन को सही रखता है। उम्र के हर दशक में ऊर्जा की जरूरत 70-100 कैलोरी तक घट जाती है। इसलिए डाइट की नियमित ट्रेकिंग जरूरी है।
गहरे रंग वाले फल-सब्जियां खाएं

विविधता वाले फल-सब्जियां खाएं, इनसे फाइटोकेमिकल्स ज्यादा मिलेंगे। ये गंभीर बीमारियों को रोकने में मददगार हैं। गहरे रंग वाले फल-सब्जी में पोषक तत्व ज्यादा होते हैं। जूस के बजाय साबुत खाने से फाइबर ज्यादा मिलेगा।
रिफाइंड के बजाय साबुत अनाज

रिफाइंड अनाज में पोषक तत्वों को हटा दिया जाता है। इसलिए साबुत अनाज से बने खाने को प्राथमिकता दें। साबुत अनाज में चोकर, एंडोस्पर्म और आंतरिक बीज तीनों परत होती है। इसलिए ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। कई सारी स्टडीज में साबित हो चुका है कि साबुत अनाज खाने से दिल को जोखिम पहुंचाने वाले कारकों के नियंत्रण में मदद मिली है।
प्रोटीन के स्वस्थ स्रोत चुनें

प्रोटीन की जरूरत पूरी करने के लिए फलियां, नट्स जैसे सोयाबीन, दालें, चना और मटर का सेवन करें। ये प्रोटीन के साथ फाइबर के भी अच्छे स्रोत हैं। डेयरी उत्पाद लो फैट या फैट मुक्त चुनें। इनसे वजन और मोटापा बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी।

नारियल/पाम जैसे तेल कम खाएं

विशेषज्ञों का मानना है पॉलीअनसैचुरेटेड फैट वाले तेल बेहतर होते हैं। इनमें सोयाबीन, कॉर्न, सनफ्लॉवर और अलसी तेल आते हैं। ये कार्डियोवस्कुलर खतरों को 30% तक घटा देते हैं। जबकि ट्रॉपिकल तेल जैसे नारियल और पाम तेल से एचडीएल और एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल दोनों में बढ़ोतरी होती है।
इसलिए इन्हें खाने में शामिल करने से बचना चाहिए।

अतिरिक्त शुगर/नमक से बचें

उन वस्तुओं और पेय से बचें जिनमें अतिरिक्त शुगर हो। इससे डायबिटीज, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नमक (सोडियम क्लोराइड) का ब्लड प्रेशर के साथ सीधा संबंध है। इसके कम सेवन से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि डॉक्टरों को मरीजों से पांच मिनट इस विषय पर जरूर बात करना चाहिए कि वे फल, सब्जियां और साबुत अनाज कितनी मात्रा में खाते हैं। या उन्हें इनके फायदों के बारे में कितना पता है।

 

 

 

अन्य खबर /शौर्यपथ/ 

विटामिन-C शरीर के लिए एक जरूरी न्यूट्रिएंट है। यह व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाकर हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। यह एक ऐसा एंटीऑक्सिडेंट होता है जिसे शरीर खुद नहीं बनाता। इसकी कमी से हड्डियों, त्वचा और दिल से जुड़ी नसों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए विटामिन-C से भरपूर खाने और सप्लिमेंट्स को अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी है।

विटामिन-C एक ऐसा न्यूट्रिएंट है जो पानी में घुल जाता है। इसलिए शरीर में इसकी पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए रोज इसका सेवन करना चाहिए। विटामिन-C प्रोटीन को बचाने में मदद करता है। इसकी एंटीआक्सिडेंट प्रॉपर्टीज कैंसर होने की संभावना को भी कम करती हैं। यह न्यूट्रिएंट एक्‍यूट रेस्पिरेट्री इंफेक्शन और टीबी की बीमारी से बचाव करता है।

 क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

न्यूट्रीश्निस्ट जयश्री शरद ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में विटामिन-C के फायदों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह न्यूट्रिएंट हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकता है। साथ ही, यह त्वचा को UV किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बचाता है। इससे हमारे DNA की मरम्मत होती है और त्वचा के घाव जल्दी ठीक होते हैं।

डॉ. शरद कहती हैं कि पुरुषों को 90 मिलीग्राम और महिलाओं को 75 मिलीग्राम विटामिन-C रोज लेना चाहिए। उनके अनुसार, पिग्मेंटेशन और दूसरी त्वचा संबंधी बीमारियों के समय एडल्ट्स को 1000 मिलीग्राम तक विटामिन-C लेने की जरूरत होती है।

दूसरी स्टडीज के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं को 85 मिलीग्राम और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को 120 मिलीग्राम तक विटामिन-C रोजाना लेना चाहिए।

विटामिन-C के नैचुरल सोर्स

 संतरा, नींबू, किवी, अनानास, चेरी, ब्लूबेरी, पपीता, टमाटर और ब्रोकली में विटामिन-C सबसे ज्यादा होता है। इनके अलावा, अमरूद, दूध, चुकंदर, बंदगोभी, आंवला, शलगम, मूली के पत्ते, मुनक्का और शिमला मिर्च में भी यह न्यूट्रिएंट पाया जाता है।

विटामिन-C की कमी के लक्षण

त्वचा में रूखापन, मसूड़ों में खून आना, शरीर में खून की कमी, घाव भरने में अधिक समय लगना, बाल रूखे होना, इम्यूनिटी कम होना, जोड़ों में दर्द और दांतों में कमजोरी विटामिन-C की कमी के लक्षण हैं। ऐसी समस्याएं होते ही आपको अपनी डाइट में विटामिन-C की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।

अधिक मात्रा में विटामिन-C​​​​​​​ हो सकता है खतरनाक

विटामिन-C का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक साबित हो सकता है। इससे शरीर में आयरन बढ़ सकता है। साथ ही, पेट खराब होना, जी मचलाना, उल्टी, सीने में जलन, सिर दर्द और नींद न आने की परेशानी भी हो सकती है।

 

 

 

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स्वीट कॉर्न को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. स्वीट कॉर्न का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. इसका मीठा स्वाद बाकि चीजों से इसे अलग बनाता है. ठंड में स्वीट कॉर्न सूप के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत और वजन को कंट्रोल कर सकते हैं.

 स्वीट कॉर्न को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. स्वीट कॉर्न का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. इसका मीठा स्वाद बाकि चीजों से इसे अलग बनाता है. स्वीट कॉर्न  का इस्तेमाल मुख्य रूप से आटे के तौर पर, सूप में, स्नैक के रूप में और टॉपिंग के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आप सर्दियों के मौसम में स्वीट कॉर्न सूप  पीने के फायदे जानते हैं. जी हां स्वीट कॉर्न में विटामिन ए, बी, ई खनिज और एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है. इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर्स पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और फाइटोकेमिकल्स कई तरह की बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. ठंड में स्वीट कॉर्न सूप के सेवन से इम्यूनिटी (Immunity) को मजबूत और वजन को कंट्रोल कर सकते हैं. तो देर किस बात की आइए जानते हैं स्वीट कॉर्न सूप पीने के फायदे.

स्वीट कॉर्न सूप पीने के फायदेः 


1. डायबिटीजः

स्वीट कॉर्न में विटामिन बी होता है जो शरीर में प्रोटीन, लिपिड और कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को रेगूलेट करने में मदद कर सकता है. स्वीट कॉर्न सूप के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.


2. मोटापाः

स्वीट कॉर्न में कैलोरी की मात्रा काफी कम पाई जाती है. अगर आप वजन को कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में स्वीट कॉर्न सूप को शामिल कर सकते हैं.

3. हार्टः

हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार है स्वीट कॉर्न सूप. असल में इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो दिल से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.

4. पाचनः

स्वीट कॉर्न के सेवन से पाचन को बेहतर रखा जा सकता है. इसको फाइबर का अच्छा सोर्स माना जाता है. स्वीट कॉर्न सूप के सेवन से कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है.

5. आंखोंः

स्वीट कॉर्न में विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. स्वीट कॉर्न सूप को डाइट में शामिल कर आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है.

6. स्किनः

स्वीट कॉर्न सूप के सेवन से स्किन को हेल्दी रखा जा सकता है. स्वीट कॉर्न में ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद कर सकते हैं.

 

 

 अगर आप झड़ते बालों  से परेशान हैं या फिर बालों से जुड़ी किसी और समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपके लिए आज आपके मतलब की जानकारी लेकर आये हैं. आज हम आपको लौकी से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी देने वाले हैं, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है.

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 आज के समय में हर शख्स फिट और आकर्षित दिखना चाहता है. आज कल लोग अच्छा दिखने के लिए बालों पर कई तरह के एक्सपेरिमेंट करते हैं. बाल काले करवाते हैं, लेकिन आज बिना बुढ़ापे के लोगों के बाल सफेद हो रहे हैं. इसके चलते कई बार लोग हंसी के पात्र बन जाते हैं. आज हम आपको लौकी (Bottle Gourd) से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी देने वाले हैं, जो आपके लिए बालों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. लौकी (Bottle Gourd), जो शरीर को अंदरूनी तौर पर डिटॉक्स करने के अलावा बालों की समस्याओं से भी निजात दिलाती है. वैसे बालों का सफेद होना आज कल आम बात हो गई है. बालों का काले से सफेद होना मिलेनिन पिगमेंटेशन की कमी के कारण भी हो सकता है. ऐसे में आप लौकी (Bottle Gourd) का इस्तेमाल कर अपने सफेद बालों को काला कर सकते हैं.


लौकी की फायदे

किचन में खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा लौकी (Bottle Gourd) हमारी हमारे लिए काफी फायदेमंद है. लौकी (Bottle Gourd) शरीर को अंदरूनी तौर पर डिटॉक्स करने के अलावा बालों की समस्याओं से भी निजात दिलाती है. इसमें सोडियम, आयरन, पोटैशियम, फाइबर, फॉस्फोरस और विटामिन्स जैस न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो बॉडी को मजबूत करने के साथ-साथ बॉडी को अंदर से क्लीन भी करता है.


बालों के लिए लौकी का इस्तेमाल  

आप लौकी का तेल बनाकर, उसे रोजाना लगाये, जिससे आपको झड़ते बालों से छुटकारा मिलेगा. इसके लिए आपको लौकी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना है. इसके बाद इसे धूप में अच्छी तरह सूखा लें. एक कढ़ाई में नारियल का तेल लें, उसे अच्छे गर्म करें, उसमें सुखाये हुए लौकी के टुकड़े डालें. धीमी आंच में पकने दें. जब तेल का कलर बदल जाये तो गैस से उतार लें. ठंडा करने के बाद छान लें. इसे एक शीशी में भर कर रख लें. सप्ताह में दो बार जरूर लगायें.


इस तेल से सप्ताह में दो बार अच्छे से स्कैल्प पर मसाज करें. चाहें तो रात को सोने से पहले लगा लें और सुबह धो लें. कुछ दिन में आपकों फर्क दिखने लगेगा.

 

 

 

 

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