
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत / शौर्यपथ /वेट लॉस के लिए सेब का सिरका यानी एप्पल साइडर विनेगर बहुत फायदेमंद है। आप अगर सही तरीके से वजन कम करने के लिए एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका वेट ही कंट्रोल नहीं होता बल्कि इससे आपके पेट की चर्बी भी कम होती है।
100 ग्राम सेब के सिरके में लगभग 22 कैलोरीज होती हैं। सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है, साथ ही पेट की चर्बी भी कम होती है।
ब्लड शुगर भी रहता है कंट्रोल
सेब के सिरके में मौजूद असेटिक एसिड पेट की चर्बी कम करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। रोजाना सेब के सिरके का सेवन करने से वजन जल्दी कम होता है। सेब के सिरके के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
कैसे करें सेब के सिरके का सेवन
सेब के सिरके का सेवन कभी भी अकेले न करें, बल्कि पानी में मिलाकर सही मात्रा में ही इसका सेवन करें। कई लोग खाली पेट भी सिरके को पीते हैं लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सभी लोगों को सिरका डाइजेस्ट हो जाए। ऐसे में खाना खाने के बाद भी एप्पल साइडर विनेगर को पी सकते हैं। इसका सेवन लिमिट में ही करना चाहिए, इसे ज्यादा पीने से गले में जलन, एसिडिटी, उल्टी जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
सावधानियां
-सेब के सिरके का सेवन करने के बाद खट्टी या कड़वी चीजें खाने से बचना चाहिए।
-सिरके को पीने के बाद दूध, दही का भी सेवन न करें।
शौर्यपथ / संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए की गयी प्रतिबद्धताओं से दुनिया भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर दुष्परिणामों को थोड़ा-सा कम कर सकती है। बृहस्पतिवार को दो नए प्रारंभिक वैज्ञानिक विश्लेषणों में यह जानकारी दी गई। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट में भविष्य के लिए आशा जताई गई है। उनका कहना है कि अगर सब सही होता है तो हाल के कदमों से अक्टूबर मध्य में किए गए अनुमानों से 0.3 से 0.5 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान कम हो जाएगा। विश्लेषणों में पूर्व औद्योगिक काल के बाद से 2.1 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग के बजाय 1.8 या 1.9 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग का अनुमान जताया गया है। हालांकि दोनों विश्लेषणों में दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस की वार्मिंग से दूर है जिसका लक्ष्य 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में तय किया गया। पृथ्वी पहले ही 1.1 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गयी है।
मेलबर्न विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक माल्टे मेनशॉसेन ने कहा, ''हमारा अब भविष्य के लिए थोड़ा और सकारात्मक रुख है।'' उन्होंने 1.9 डिग्री सेल्सियस तक वार्मिंग का अनुमान जताया है और इसके लिए भारत तथा चीन द्वारा दीर्घकालीन प्रतिबद्धताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ''यह अब भी 1.5 डिग्री से काफी दूर है। हम जानते हैं कि यह पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचने वाला है। यह दो डिग्री सेल्सियस से थोड़ा ही कम इसलिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।'' ऊर्जा एजेंसी ने सोमवार को कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर अल्पकालीन कटौली और 2070 तक शून्य उत्सर्जन की भारत की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया है। साथ ही विश्लेषण में ग्रीनहाउस गैस मिथेन में कमी लाने के लिए मंगलवार को 100 से अधिक देशों द्वारा की गयी प्रतिबद्धताओं पर विचार किया गया है। अंतरसरकारी एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार है जब अनुमान दो डिग्री सेल्सियस से कम जताया गया है। एजेंसी के प्रमुख फातिह बिरोल ने सीओपी 26 में नेताओं से कहा, ''अगर इन सभी प्रतिबद्धताओं को लागू किया गया तो तापमान में वृद्धि को 1.8 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सकता है।''
टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /आपने कई जगह सुना और पढ़ा होगा कि खाना खाने के बाद वॉक जरूर करना चाहिए। इससे खाना आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है। वहीं, खाना खाने के बाद वॉक करने से नींद भी अच्छी आती है। ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि खाना खाने के बाद टहलने से वाकई खाना जल्दी पच जाता है? इसका जवाब है कि खाना खाने के बाद वॉक करने से खाना पचता ही नहीं बल्कि इससे पेट की चर्बी भी नहीं बढ़ती। आइए, जानते हैं कैसे-
खाना खाने के बाद टहलने से कैसे पचता है खाना
खाना खत्म करने के बाद आप अगर एक्टिव होकर कोई काम करने लगते हैं, तो आपका शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है। भोजन के पाचन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटी आंत में होता है। शोध से पता चलता है कि भोजन के बाद चलने से पेट से और छोटी आंत में खाने का तेजी से ट्रांजिस्ट होता है। जितनी तेजी से भोजन आपके पेट से छोटी आंत में जाता है, आपको सूजन, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी सामान्य परेशानियों की संभावना उतनी ही कम होती है। शोध की मानें, तो भोजन के बाद 30 मिनट की पैदल दूरी, एक्सरसाइज जैसी एक्टिविटी आपके डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं। जिससे कब्ज की संभावना कम होती है। साथ ही इससे बेली फैट भी नहीं बढ़ता।
खाना पचने के साथ होते हैं ये फायदे
भोजन के बाद वॉक करने से आपका डाइजेशन ही बेहतर नहीं होता बल्कि इससे रोजाना फिटनेस के लिए जरूरी 10,000 स्टेप्स के गोल को भी पूरा कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी एंडोर्फिन, या फील-गुड हार्मोन भी रिलीज करती है, जिससे शरीर को आराम मिलता है। आपको खाना खाने के बाद जरूर टहलना चाहिए।
खाना खजाना / शौर्यपथ / सर्दियों में सूप पीने का अलग ही मजा है। ऐसे में कई लोग पैकेट बंद सूप भी बनाते हैं क्योंकि यह जल्दी बन जाता है, लेकिन इन सूप की बजाय आपको देसी सूप पीना चाहिए। दालें ऐसी हेल्दी देसी सूप हैं, जो न सिर्फ स्वादिष्ट लगती हैं बल्कि सेहत के लिए भी दालें बहुत फायदेमंद है। आज हम आपको तड़का अरहर और मूंग दाल की रेसिपी बता रहे हैं। इसे आप रोटी या चावल के साथ खाने के अलावा सूप की तरह पी भी सकते हैं।
अरहर मूंग दाल बनाने की सामग्री-
1 कप अरहर दाल
1/2 कप पीली मूंग की दाल
1 टीस्पून राई1 टीस्पून जीरा
1 टीस्पून लहसुन कटी हुई
1 टेबलस्पून इमली का पानी
1/4 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर
1/4 टीस्पून हल्दी पाउडर
8-10 करी पत्ता
नमक स्वादानुसार तेल
अरहर मूंग दाल बनाने की विधि-
सबसे पहले मीडियम आंच पर प्रेशर कूकर में दोनों दाल, नमक, हल्दी पाउडर और पानी डालकर 4 सीटी आने तक पका लें। तय समय के बाद कूकर का प्रेशर खत्म होने पर ढक्कन खोलकर दालक को अच्छी तरह से मैश कर लें। मीडियम आंच कूकर रखकर दाल में इमली का पानी डालकर एक उबाल आने तक पका लें। दूसरी तरफ पैन में एक चम्मच तेल डालकर गरम करने के लिए रख दें। इसमें राई और जीरा डालकर तड़काएं। अब लहसुन डालकर भून लें। लहसुन के सुनहरा होने के बाद लाल मिर्च पाउडर और करी पत्ता डालकर तड़के को तुरंत दाल में डालकर 2 मिनट पकाएं। तय समय के बाद गैस बंद कर दें। तैयार है अरहर मूंग दाल तड़का। रोटी या चावल के साथ गरमागरम सर्व करें।
दिवाली 4 नवंबर गुरुवार को मनाई जाएगी. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा. आइए जानते हैं कि दिवाली पर किस तरह करना चाहिए मां लक्ष्मी का पूजन, क्या सामग्री है जरूरी और क्या है पूजा का विधान.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
दिवाली हिंदू संस्कृति के बड़े त्योहारों में से एक है और इसे पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोगों को हर साल दिवाली के त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है. अमावस्या पर पड़ने वाले इस त्योहार को अंधेरे पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की, बुराई पर अच्छाई की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक माना जाता है.
इस वर्ष दिवाली 4 नवंबर गुरुवार को मनाई जाएगी. दिवाली 2021 अश्विन (7वें महीने) की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी (28वें दिन) से शुरू होती है और कार्तिक (8वें महीने) की शुक्ल पक्ष द्वितीया (दूसरा दिन) को समाप्त होती है. दिवाली पूजा करने का सबसे शुभ समय सूरज के डूबने के बाद का माना जाता है. इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे 55 मिनट की अवधि के लिए रहेगा. ये शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा. आइए जानते हैं कि दिवाली पर किस तरह करना चाहिए मां लक्ष्मी का पूजन, क्या सामग्री है जरूरी और क्या है पूजा का विधान.
दीपावली के दिन पूजन विधि: वैभव लक्ष्मी पूजन विधि
व्रत त्यौहार / शौर्यपथ /दीपावली पूजन विधि दीपों का त्यौहार हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. चाहे बड़ा हो या छोटा सभी को दीपावली काइंतजार पूरे वर्ष रहता है. दीपों का यह त्यौहार हमारी संस्कृति केविभिन्न रंगो को दर्शाता है. कार्तिक मास की अमावस्या का दिन दीपावली के रूप में पूरे देश में बडी धूम-धाम से मनाया जाता हैं. इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है.
कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या को भगवान रामचन्द्र जी चौदह वर्ष का बनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे. अयोध्या वासियों ने श्री रामचन्द्र के लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशियाँ मनायी थीं, इसी याद में आज तक दीपावली पर दीपक जलाए जाते हैं.
लक्ष्मी पूजन की तैयारी सायंकाल से शुरू करें.
* एक चौकी पर माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि लक्ष्मी की दाईं दिशा में श्रीगणेश रहें और उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे.
* उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्थापना करें.
* इस कलश पर एक नारियल लाल वस्त्र में लपेट कर इस प्रकार रखें कि उसका केवल अग्रभाग ही दिखाई दे.
दीपाकली के दिन रात होने से पहले करें ये उपाय
* इसके अलावा एक छोटा दीपक गणेशजी के पास भी रखें.
* फिर शुभ मुहूर्त के समय जल, मौली, अबीर, चंदन, गुलाल, चावल, धूप, बत्ती, गुड़, फूल, धानी, नैवेद्य आदि लेकर सबसे पहले पवित्रीकरण करें. फिर सभी दीपकों (न्यूनतम 26 दियों को जलाना शुभ माना जाता है)को जलाकर उन्हें नमस्कार करें. उन पर चावल छोड़ दें. पहले पुरुष और बाद में स्त्रियां गणेशजी, लक्ष्मीजी व अन्य देवी-देवताओं का विधिवत षोडशोपचार पूजन, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त व पुरुष सूक्त का पाठ करें और आरती उतारें.
* बही खातों की पूजा कर नए लिखने की शुरुआत करें.
* तेल के अनेक दीपक जलाकर घर के कमरों में, तिजौरी के पास, आंगन, गैलरी आदि जगह पर रखें ताकि किसी भी जगह अंधेरा न रहे.
* पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें.
* एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें-
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरे: प्रिया.
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥
दीपावली के दिन असमय मृत्यु से बचा जा सकता है !
मिठाइयां, पकवान, खीर आदि का भोग लगाकर सबको प्रसाद बांटें.
* घर के सभी छोटे सदस्य अपने से बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें और उल्लासपूर्वक इस पर्व को संपन्न करें.
* मां वैभव लक्ष्मी की कृपा से दुनिया की खुशी प्राप्त हो सकती है. इसके लिए साधक को मां वैभव लक्ष्मी की पूजा, व्रत व आरती विधि-विधान पूर्वक करना चाहिए. मां वैभव लक्ष्मी की आरती इस प्रकार है-
पीपल के पेड़ के नीचे दीपावली रातज्..
ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता. तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता. सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता. जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्घि-सिद्घि धन पाता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभदाता. कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता. सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यज्ञ न होवे, वस्त्र न कोई पाता. खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता. रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
श्री महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता. उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥ ऊँ जय लक्ष्मी माता
अदालत ने अपने विस्तृत आदेश- जिसकी एक प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई थी, में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पंचनामा रिकॉर्ड की सत्यता पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे मनगढ़ंत और संदिग्ध लग रहे थे.
मुंबई /शौर्यपथ/
क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई की एक विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते आचित कुमार को जमानत देते हुए कहा कि केवल व्हाट्सएप चैट के आधार पर यह नहीं पाया जा सकता है कि उसने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स की सप्लाय की थी.
अदालत ने अपने विस्तृत आदेश- जिसकी एक प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई थी, में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पंचनामा रिकॉर्ड की सत्यता पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे मनगढ़ंत और संदिग्ध लग रहे थे.
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नामित विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल ने शनिवार को 22 वर्षीय कुमार को जमानत दे दी थी. अदालत ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि आर्यन खान के साथ व्हाट्सएप चैट के अलावा, कुमार के ऐसी गतिविधियों में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है.
आदेश में कहा गया है, “केवल व्हाट्सएप चैट के आधार पर, यह नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक (आचित कुमार) आरोपी नंबर 1 और 2 (आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट) को कंट्राबेंड की आपूर्ति करता था, खासकर जब आरोपी नंबर 1, जिसके साथ व्हाट्सएप चैट हो को उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिया जा चुका हो.”
3 अक्टूबर को क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किए गए आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को पिछले गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. विशेष अदालत ने यह भी कहा कि कुमार के खिलाफ मामले के किसी अन्य आरोपी के साथ उसे जोड़ने का कोई सबूत नहीं हैं.
अदालत ने कहा, "पंचनामा गढ़ा गया है और इसे मौके पर तैयार नहीं किया गया था इसलिए, पंचनामा के तहत दिखाई गई वसूली संदिग्ध है और इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है." आदेश में कहा गया है, "रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सबूत नहीं है जो दर्शाता हो कि आवेदक (कुमार) ने आरोपी नंबर 1 (आर्यन खान) या किसी को ड्रग्स की आपूर्ति की थी और इसलिए, आवेदक जमानत पर रिहा होने का हकदार है."
एनसीबी ने कुमार के आवास से 2.6 ग्राम गांजा बरामद करने का दावा किया था. ड्रग रोधी एजेंसी के मुताबिक कुमार आर्यन खान और मर्चेंट को गांजा और चरस सप्लाई करता था.
बिना पटाखों के दिवाली का त्योहार अधूरा रहता है. त्योहार मनाना तो जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना. इस बीच पटाखों से होने वाले नुकसान में सबसे पहले आंखें प्रभावित होती हैं, इस तरह के नुकसान से आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय आजमां सकते हैं.
हेल्थ टिप्स /शौर्यपथ/
दिवाली खुशियों से भरा पर्व है और बिना पटाखों के यह त्योहार अधूरा सा माना जाता है. त्योहार मनाना तो जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना. पटाखे या आतिशबाजी के दौरान जरा सी भी लापरवाही आपके लिए घातक साबित हो सकती है. ऐसे में पटाखों से होने वाले नुकसान में सबसे पहले आंखें प्रभावित होती हैं, इस तरह के नुकसान से आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आप इन घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं.
इसी तरह लगातार कंप्यूटर स्क्रीन या फिर मोबाइल देखते हुए समय बिताने वाले लोगों में भी आंखों का इंफेक्शन भी अब आम हो गया है. मौसम में बदलाव और पॉल्यूशन भी आंखों को तकलीफ देने में पीछे नहीं है. पर, हर छोटे मोटे इंफेक्शन के लिए डॉक्टर का रुख करना हर बार आसान नहीं होता. ऐसे में कुछ ऐसे घरेलू तरीके जान लेना जरूरी होता है, जो इंफेक्शन का अहसास होते ही अपनाए जा सकें और छोटी-मोटी तकलीफ से राहत दिला सकें. चलिए जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू तरीके, जो संक्रमण के समय आंखों को राहत पहुंचा सकते हैं.
ये घरेलू नुस्खे आंखों को पहुंचाएंगे आराम
गुलाब जल
ये एक पुराना और आजमाया हुआ नुस्खा माना जाता है. आंखों में जलन होना, खुजली होना या स्ट्रेस महसूस होने की स्थिति में गुलाब जल की कुछ बूंदे ठंडक पहुंचाने के काम आती हैं.
गर्म पानी
आंखों में किसी संक्रमण का अहसास होने पर हल्के गुनगुने पानी से आंखों को धोएं. हो सके तो रूई को गुनगुने पानी में भिगो कर उससे आंखों को साफ करें. ऐसा कम से कम सुबह और रात में सोने से पहले जरूर करें.
तुलसी
तुलसी का पत्ता या उसका रस वैसे भी कई इंफेक्शन पर कारगर साबित होता है. आंखों के इंफेक्शन को दूर करने के लिए तुलसी के पानी का इस्तेमाल करें. तुलसी के पत्तों को पानी में उबाल लें. ये पानी जब ठंडा हो जाए तो इससे आंखों को दो से तीन बार धोएं.
खीरा ककड़ी
ककड़ी भी आंखों को राहत पहुंचाने के लिए मुफीद ऑप्शन है. सबसे पहले आंखों को ठंडे पानी से अच्छे से धो लें. फिर ककड़ी की स्लाइस काटकर उसे आंखों पर रखें. कुछ देर में ही राहत मिलने लगेगी.
आलू
आलू भी ककड़ी की तरह ही आंखों को राहत पहुंचाता है. आलू की बारीक कटी स्लाइस आंखों पर रखें. छोटे मोटे इंफेक्शन को ठीक करने में आलू काफी हद तक असरदार है.
धनिया का पानी
धनिया पत्ती का पानी भी आंखों को राहत देने के लिए अच्छा विकल्प है. पानी में धनिया पत्ती डाल कर उबाल लें. इस पानी के ठंडा होने पर दिन में दो तीन बार इसके छींटे आंख पर मारते रहें.
ये सभी घरेलू उपाय आंखों के संक्रमण से निजात दिला सकते हैं. पर, ध्यान रहे तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह लेना ही बेहतर तरीका है. अगर घरेलू उपाय से आसानी से राहत न मिले तो लंबा इंतजार करने की बजाए डॉक्टर पर भरोसा करें.
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ / ग्रीन टी सेहत के लिए अच्छी है। वजन कम करने के लिए यह सबसे अधिक कारगर मानी जाती है। बॉडी को डिटॉक्स करने के लिहाज से यह सबसे नेचुरल और अच्छा तरीका है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ग्रीन टी का अभी तक सेवन किया था। सेहत के साथ ही सौंदर्य निखारने में भी मदद होती है। अभी तक सिर्फ इसका सेवन किया है लेकिन अब चेहरे की रंगत बढ़ाने में भी इसका प्रयोग होता हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाए ग्रीन टी से अलग-अलग तरह के फेस पैक - 1. हल्दी और हरी चाय से फेस पैक
सामग्री - 1/4 छोटा चम्मच हल्दी
1 छोटा चम्मच ग्रीन टी
1 छोटा चम्मच बेसन
अब इन तीनों सामग्री को अच्छे से मिक्स करके लगा लगें। 20 मिनट तक चेहरे पर ही लगा रहने दें। पैक में मौजूद बेसन और दही से स्किन सॉफ्ट होती है, वहीं मौजूद हल्दी एंटी एजिंग का काम करती है। इस तरह यह पैक आप कभी भी बनाकर लगा सकते हैं।
2.शहद और ग्रीन टी फेस पैक -
शहद में ब्लीचिंग के गुण मौजूद होते हैं। इससे चेहरे पर हो रहे दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है। ग्रीन टी से आपकी चेहरा का रंग खिलता है। हालांकि अगर आपकी त्वचा बहुत ऑयली है तो शहद उसके लिए बेहतर है। और अगर आपकी स्किन ड्राई है तो ये फेस पैक आप नहीं लगाएं।
सामग्री - 2 चम्मच कच्चा शहद
- 1 चम्मच ग्रीन टी।
पहले चेहरे को अच्छे से धो लें और साफ करके पैक लगाएं। बताई गई सामग्री को अच्छे से मिक्स कर लें और चेहरे पर 15 लगाकर रखें। इसके बाद चेहरा धो लें। और
मॉइस्चराइजर क्रीम लगाएं।
3. चावल का आटा और ग्रीन टी
फेस पैक
अगर आपके चेहरे पर बहुत तेल आता है तो यह फेस पैक जरूर लगाएं। चावल का आटा चेहरे पर मौजूद अधिक तेल को सोख लेता है। और बेहतर एस्फोलिएटर का काम करता है।
आइए जानते हैं कैसे बनाएं -
- 2 बड़े चम्मच चावल
- 1 चम्मच नींबू का रस
- 1 बड़ा चम्मच ग्रीन टी
सभी को मिक्स कर लें और फिर लगा लें। 15 मिनट बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें।
आस्था / शौर्यपथ /चलिए इस बार हम आपको ले चलते हैं कर्नाटक के पुराने मैसूर हासन जिला स्थित हसनंबा मंदिर। इस मंदिर का रहस्य भी अद्भुत है। आज तक इस रहस्य को कोई नहीं समझ पाया कि आखिर ऐसा कैसे होता है? आओ जानते हैं कि क्या है इस मंदिर का रहस्य।
सालभर में 1 हफ्ते के लिए दीपावली के दिन खुलता है मंदिर : कहते हैं कि यह मंदिर पूरे साल खुला नहीं रहता बल्कि यह दीपावली के दिन ही खुलता है और वह भी सिर्फ 1 सप्ताह के लिए। इसके बाद यह मंदिर अगली दिवाली तक के लिए बंद हो जाता है। मंदिर में हसनंबा देवी की पूजा होती है। कहते हैं कि होयसला शासनकाल में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
मंदिर बंद करने के पूर्व जलाते हैं दीपक और अर्पित करते हैं ताजे फूल : कहते हैं कि मंदिर में 1 सप्ताह तक पूजा-पाठ होती है और अंतिम दिन पूजा पाठ करने के बाद मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, जो फिर अगले साल ही खुलते हैं। अंतिम दिन मंदिर के दरवाजे बंद करने से पहले एक दीपक जला दिया जाता है जिसमें सीमित मात्रा में ही तेल डाला जाता है और साथ ही कुछ ताजे फूल रखे जाते हैं।
सालभर तक जलता रहता है दीपक और फूल रहते हैं ताजे : स्थानीय लोगों के अनुसार यहां पर जब दीपावली के दिन मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं तो दीपक जलता हुआ मिलता है और इसके अलावा देवी हसनंबा पर जो फूल चढ़ाए गए थे, वो 1 साल बाद भी ताजा ही पाए जाते हैं। स्थानीय धारणा है कि देवी को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, वो अगले साल तक ताजा रहता है।
प्रगतिवादी विचारक करते हैं विरोध : कर्नाटक के प्रगतिवादी लोग चाहते हैं कि इस मंदिर की सचाई क्या है, यह सभी के सामने आना चाहिए जबकि मंदिर से जुड़े श्रद्धालु इस मांग को हिन्दूविरोधी विचारधारा का षड्यंत्र मानते हैं। सभी के लिए यह आश्चर्य का विषय है। हालांकि अभी तक इस रहस्य को सुलझाया नहीं जा सका है।
आस्था / शौर्यपथ /यूं तो दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा का प्रचलन है परंतु भारत के कुछ राज्यों में कार्तिक मास की अमास्या अर्थात दीपावली पर माता कालिका की विशेष रूप से होती है पूजा। आओ जाननते हैं कौन कौनसे राज्यों में होती है काली पूजा।
1. पश्चिम बंगाल में दिवाली पर देवी काली की पूजा का ज्यादा महत्व है। दिवाली की मध्यरात्रि में लोग महाकाली की पूजा-अर्चना करते हैं। पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी पूजा दशहरे के 6 दिन बाद की जाती है जबकि दिवाली के दिन काली पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी पर ऐसी धार्मिक धारणा है कि सुबह जल्दी तेल से स्नान कर देवी काली की पूजा करते हैं और उन्हें कुमकुम लगाते हैं।
2. ओडिशा में पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन महानिशा और काली पूजा, तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा, चौथे दिन गोवर्धन और अन्नकूट पूजा और 5वें दिन भाईदूज मनाया जाता है। यहां आद्य काली पूजा का खासा महत्व है।
3. बिहार और झारखंड में दिवाली के मौके पर होली जैसा माहौल हो जाता है। यहां बहुत धूमधाम से दीपावली का पर्व मनाया जाता है। यहां पारंपरिक गीत, नृत्य और पूजा का प्रचलन है। अधिकतर क्षेत्रों में काली पूजा का महत्व है। लोग खूब एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, पटाखे छोड़ते हैं। धनतेरस के दिन यहां बाजार सज जाते हैं।
4. इसी तरह दीपावली के दिन असम, मणिपुर, नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल, सिक्किम और मिजोरम उत्तर-पूर्वी राज्यों में काली पूजा का खासा महत्व है। दीपावली की मध्य रात्रि तंत्र साधना के लिए सबसे उपर्युक्त मानी जाती है इसलिए तंत्र को मानने वाले इस दिन कई तरह की साधनाएं करते हैं। हालांकि इस दिन दीप जलाना, पारंपरिक व्यंजन बनाना, मिठाइयां खाना और पटाखे छोड़ने का प्रचलन भी है।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / पालक पनीर हो या फिर पालक का साग सर्दियों का मौसम शुरू होते ही पालक से बने व्यंजनों की खुशबू ज्यादातर हर भारतीय रसोई से आने लगती है। पालक में मौजूद कई पौष्टिक तत्व शरीर में आयरन की कमी को दूर करके व्यक्ति को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। बावजूद इसके अक्सर कई महिलाओं को पालक धोना सबसे मुश्किल काम लगता है। अच्छी तरह से पालक न धोने की वजह से पालक या तो चिपकने लगता है या फिर खाते समय उसमें किरकिरापन महसूस होता है। अगर पालक को अच्छे से धोकर साफ करना आपके लिए भी परेशानी का सबब है तो अपनाएं ये टिप्स एंड ट्रिक्स।
पालक साफ करने के लिए अपनाएं ये टिप्स-
सिरका-
बाजार से पालक घर लाते ही उसे सिरके वाले पानी में 10 से 15 मिनट डालने के बाद साफ पानी से अच्छी तरह धो लें। ऐसा करने से पालक में लगे बैक्टीरिया आपके फ्रिज, घर या किचन आदि में नहीं घुस पाएंगे।
साफ हाथ-
पालक साफ करने से पहले अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें। ऐसा इसलिए आपके हाथों में पहले से लगे कई बैक्टीरिया वरना आपके पालक में भी लग सकते हैं।
गर्म पानी-
बारिश के मौसम में पालक में ज्यादा कीड़े लगे होते हैं। पालक को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया जाता है। पालक से कीटनाशक का असर खत्म करने के लिए पालक को बनाने से पहले गर्म पानी से अच्छी तरह धो लें। ताकि पालक में इस्तेमाल किए गए कीटनाशक का असर खत्म हो जाए।
कैसा हो धोने का तरीका-
-पालक को धोने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में थोड़े सा पानी डालकर उसमें एक टीस्पून बेकिंग सोडा डालकर पालक को 10 मिनट के लिए डुबोए रखकर छोड़ दें। इसके बाद पालक को सादे पानी से धोएं और सुखने के लिए रख दें।इसके बाद पालक को अपनी पसंदअनुसार जैसा चाहे वैसा काट लें। आपका पालक साफ होकर सब्जी बनाने के लिए बिल्कुल तैयार है।
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /आप बेदाग स्किन पाने के लिए कितने ही प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन फिर भी आपके चेहरे पर इन प्रॉडक्ट्स से साइड इफेक्ट्स हो जाते हैं। वहीं, अगर प्रॉडक्ट्स ज्यादा केमिकल्स वाले हैं, तो आपकी स्किन पर एजिंग बहुत जल्दी हो जाती है। ऐसे में आपको नेचुरल तरीकों और होममेड फेस मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। होममेड तरीकों में कस्तूरी हल्दी लगाने के कई फायदे हैं।
कस्तूरी हल्दी में अधिक मात्रा में एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सी़ेडेंट गुण के अलावा ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल के साथ-साथ स्किन संबंधी कई समस्याओं को हील करने में कारगर है।
चेहरे पर कस्तूरी हल्दी लगाने के फायदे
पिगमेंटेशन, रिंकल्स, पिंपल्स, डार्क जैसी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने के साथ ग्लोइंग स्किन पाने के लिए कस्तूरी हल्दी बहुत कारगर है यानी एक कस्तूरी हल्दी कई स्किन प्रॉब्लम्स का ट्रीटमेंट करती है।
कस्तूरी हल्दी का फेस मास्क बनाएं
कस्तूरी हल्दी आपके लिए एक साथ कई स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा दिलाएगी। इसके लिए 1 चम्मच चंदन पाउडर और 1 चम्मच संतरे के रस के 1 चम्मच कस्तूरी हल्दी पाउडर के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से अपना चेहरा धो लें।
पिंपल्स के लिए कस्तूरी हल्दी का फेस मास्क
इक बाउल में नीम पाउडर, शहद में थोड़ी सी हल्दी के साथ मिलाकर केवल मुंहासों वाली जगह पर लगाएं। कुछ ही दिनों में पिंपल्स जड़ से खत्म हो जाएंगे। आपकी स्किन अगर ड्राई है, तो आप कस्तूरी हल्दी फेस मास्क का इस्तेमाल करने के बाद एलोवेरा जेल जरूर लगाएं।
खाना खजाना / शौर्यपथ /कई बार ऐसा होता है कि आपका राजमा खाने का मन करता है, लेकिन आपने राजमा भिगाए नहीं होते, जिसकी वजह से आपको अपना मन मारकर बैठना पड़ता है। ऐसे में हम आपके लिए ऐसी ट्रिक लेकर आए हैं, जिससे अगर आप राजमा भिगाना भूल भी गए हैं, तो भी आप इस तरीके से कम टाइम में राजमा बना सकते हैं।
यह ट्रिक करेगी काम
सबसे पहले राजमा को अच्छे से धोकर साफ करें। उसके बाद उसे प्रेशर कुकर में पानी डालकर उसमें 1 चम्मच नमक डाल दें। फिर उसमें एक सिटी लगवाने के बाद उसके ठंडे होने का इंतेजार करें। फिर इसमें 1 कप आइस क्यूब डाल दें। नमक और आइस क्यूब्स से राजमा जल्दी गल जाता है। इसके बाद दोबारा कुकर में सिटी लगवाएं और फिर गैस स्लो करके 5-7 मिनट तक पकाएं। इस ट्रिक को अपनाने से आपका काम आसानी से हो जाएगा।
सामग्री :
1 कप राजमा
1 टेबलस्पून बटर/मक्खन
1 टेबलस्पून तेल
1 तेजपत्ता
1 इंच दालचीनी का टुकड़ा
5 लौंग 1 चक्र फूल
3-4 इलायची
1 प्याज, काट लें
1 टेबलस्पून अदरक लहसुन का पेस्ट
2 हरी मिर्च, काट लें
2 टमाटर, छोटे टुकड़ों में काट लें
1 टीस्पून हल्दी 1 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर
1 टीस्पून धनिया पाउडर
1 टीस्पून जीरा पाउडर
1 टीस्पून गरम मसाला पाउडर 1/2 टीस्पून आमचूर पाउडर
नमक स्वादानुसार
विधि :
-राजमा को धोकर रातभर या 4-5 घंटे तक भिगोकर रख दें।
- अगर भिगोने का वक्त नहीं है तो कूकर में नमक और दो कप पानी के साथ डालकर 4-5 सीटी लगा लें।
- सीटी लगने के बाद आंच बंद कर दें और कूकर का प्रेशर खत्म होने दें।
- अब एक बड़े में तेल डालकर धीमी आंच में गरम होने के लिए रखें।
- जब तेल गरम हो जाए तो इसमें तेजपत्ता, दालचीनी, लौंग, इलायची
डाल दें।
- 1-2 मिनट तक भूनने के बाद तेल में अदरक लहसुन का पेस्ट डालकर 1-2 मिनट तक चलाकर भूनें।
- इसके बाद इसमें प्याज, हरी मिर्च और टमाटर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- जब प्याज लगभग गल जाए तो इसमें हल्दी, लाल मिर्च, आमचूर पाउडर, गरम मसाला और जीरा पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाते हुए पकाएं।
- जब मसाला तेज छोड़ने लगे तो इसमें थोड़ा-सा पानी के साथ राजमा डालकर मिला लें।ढककर 15 मिनट तक पकाएं।
- तय समय के बाद जब ग्रेवी गाढ़ी हो जाए तो राजमा पर कसूरी मेथी और धनियापत्ती डालकर अच्छी तरह मिलाकर आंच बंद कर दें।
- राजमा मसाला को कटोरी में निकालें और ऊपर से बटर डाल दें.- तैयार है राजमा मसाला।रोटी, चावल या नान के साथ सर्व करें।