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खाना खजाना / शौर्यपथ / शाम की छोटी-मोटी भूख को शांत करने के लिए आपने आजतक कई तरह की चाट का स्वाद चखा होगा। पर अगर यही चाट आपके टेस्ट बड्स को शांत करने के साथ आपके वेट लॉस रीजीम का भी हिस्सा बन जाए तो? जी हां ऐसी ही एक चाट का नाम है कॉर्न एंड फ्रूट्स चाट। यह सेहतमंद चाट खाने में जितनी टेस्टी है बनाने में भी उतनी ही आसान है। तो आइए देर किस बात की जानते हैं कैसे बनाई जाती है यह चाट और क्या हैं इसे खाने के फायदे।
कॉर्न एंड फ्रूट्स चाट बनाने के लिए सामग्री-
-आधा कप उबले हुए मकई के दाने
-1/2 कप अनार
-संतरे के कुछ टुकड़े
-कटा हुआ सेब
-आधा छोटा चम्मच नींबू का रस
-1/2 छोटा चम्मच जीरा या जीरा पाउडर
-3 बड़े चम्मच इमली का पानी
-1 छोटा चम्मच चाट मसाला
-1/2 छोटा चम्मच कटी हुई हरी मिर्च
-नमक स्वादानुसार
-कटा हरा धनिया
-कटी हुई पुदीने की पत्तियां
कॉर्न एंड फ्रूट्स चाट बनाने की विधि-
कॉर्न एंड फ्रूट्स चाट बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में मकई के दाने, अनार के दाने, संतरा और सेब डालें। इसके बाद बाउल में जीरा पाउडर, चाट मसाला, मिर्च, नींबू का रस, इमली का पानी, नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अब इस कॉर्न चाट को धनिया और पुदीना पत्तियों से सजाकर सर्व करें।
सेहत के लिए कॉर्न के फायदे-
-आंखों के लिए फायदेमंद-
कॉर्न की लगभग सभी किस्में विटामिन ए, बी, ई और के से भरपूर होती हैं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए और बीटा कैरोटीन का सेवन करने से आंखों से जुड़ी समस्या दूर होकर रोशनी बढ़ती है।
पेट की गड़बड़ियों रखे दूर-
कॉर्न में मौजूद फाइबर कब्ज और एसिडिटी से बचाव करके पेट साफ रखने में भी मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल करता है कम-
कॉर्न में मौजूद बायोफ्लेवोनॉइड्स और कैरोटेनॉयड्स कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
इम्यूनिटी बूस्ट-
स्वीट कॉर्न में मौजूद बेटा केरोटीन विटामिन ए में बदलकर स्किन और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे अलावा यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत ऱखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद करते हैं।
एजिंग के लिए-
स्वीट कॉर्न में एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं। जो एजिंग की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।
एनीमिया को दूर करने के लिए-
स्वीट कॉर्न में प्रचूर मात्रा में मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं। इसमें आयरन की मात्रा भी अधिक होती है। ये शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
ऊर्जा से भरपूर-
कॉर्न में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की प्रचुरता की वजह से व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
कैंसर की आशंका करे कम-
कॉर्न में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडेंट और फ्लेवोनॉइड्स कैंसर की आशंका को कम कर देते हैं।
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /दमकता, बेदाग और खूबसूरत चेहरा पाने के लिए बाजार में इन दिनों कई तरह के ब्यूटी प्रॉडक्ट मिलते हैं। कुछ मिनटों में ग्लो का दावा करते हैं तो कुछ फ्लॉलेस स्किन का। लेकिन कई महिलाएं ऐसी हैं जो रोजाना के स्किन केयर के लिए समय नहीं निकाल पाती जिसकी वजह से उनकी स्किन पर कई तरह की समस्या नजर आने लगती है। इसमें सबसे आम समस्या है नाक पर होने वाले ब्लैक हेड्स। इनके कारण नाक का कलर डार्क दिखने लगता है। कई महिलाएं घर में जब ब्लैकहेड्स निकालने की कोशिश करती हैं तो वह खुद को चोटिल कर लेती है। ऐसे में अगर आप भी घर में ही ब्लैकहेड्स निकालना चाहती हैं तो आप होममेड ब्लैकहेड रिमूवल स्ट्रिप का इस्तेमाल कर सकती हैं। तो जानते हैं घर में कैसे बनाएं जाएं ब्लैक हेड्स रिमूवल स्ट्रिप।
1) शहद और शक्कर
इसके इस्तेमाल से डेड सेल्स से मुक्ति मिलती है, वहीं शहद और नींबू स्किन के कालेपन को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही इससे ग्लोइंग और सॉफ्ट स्किन पाने में मदद मिलती है। इसे बनाने के लिए एक पैन में 3 चम्मच चीनी, 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच नींबू का जूस मिलाएं। इसे धीरी आंच पर गर्म करें और चीनी पिघलने का इंतजार करें। जब सारा सामान एक दूसरे से अच्छे से मिल जाए को गैस बंद ककें और इसमें 3 चम्मच गिलिसरीन को अच्छी तरह से मिक्स करें। पूरी नाक पर अच्छी तरह से 20 मिनट के लिए लगाएं और सूखने दें।
2) दूध और जिलेटिन
दूध स्किन को पोषण देने के साथ निखारने में मदद करता है। इसे बनानेन के लिए 1 चम्मच दूध और एक चम्मच जिलेटिन पाउडर एक कटोरे में मिक्स करें। इसके बाद इस मिश्रण को 2-3 मिनट के लिए माइक्रोवेव में गर्म करें। जब ये गाढ़ा हो जाए तो इसे नाक पर लगाएं । कम से कम आधे घंटे तक लगा रहने दें और फिर इसे निकालें।
आस्था / शौर्यपथ /शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है। इस त्योहार पर मां दुर्गा की सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर विशेष पूजा होती है। आम तौर पर ज्यादातर घरों में अष्टमी का पूजन किया जाता है और नवमी के दिन कन्या भोज किया जाता है। इसी दिन विसर्जन किया जाता है। जानिए महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी की तारीख और शुभ मुहूर्त-
1. अष्टमी तिथि- हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष 12 अक्टूबर, दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर 2021, बुधवार को रात 08 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। अष्टमी का पूजन 13 अक्टूबर, बुधवार को किया जाएगा।
अष्टमी तिथि के शुभ मुहूर्त-
पूजा के मुहूर्त : अमृत काल- 03:23 AM से 04:56 AM
ब्रह्म मुहूर्त– 04:48 AM से 05:36 AM तक है।
दिन का चौघड़िया :
लाभ – 06:26 AM से 07:53 PM तक।
अमृत – 07:53 AM से 09:20 PM तक।
शुभ – 10:46 AM से 12:13 PM तक।
लाभ – 16:32 AM से 17:59 PM तक।
रात का चौघड़िया :
शुभ – 19:32 PM से 21:06 PM तक।
अमृत – 21:06 PM से 22:39 PM तक।
लाभ (काल रात्रि) – 03:20 PM से 04:53 PM तक।
2. महानवमी तिथि-
नवमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 08 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ होगी और 14 अक्टूबर को रात 06 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी।
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /शादी से करीब एक महीने पहले से ही दुल्हन का उबटन शुरू हो जाता है। छोटे बच्चों को भी उबटन करने के बाद ही नहलाया जाता है। उबटन के अपने कई फायदे हैं। सबसे पहला जो फायदा है वह यह है कि ये घर में मौजूद सामान से तैयार हो जाता है। साथ ही ये पूरी तरह से नेचुरल होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको अपनी स्किन के हिसाब से उबटन का इस्तेमाल करना चाहिए। हर किसी की अलग स्किनटाइप होता है, ऐसे में ये जरूरी नहीं है कि जो चीज आपकी स्किन को ग्लोइंग बनाए वो मेरे लिए भी अच्छी हो तो कुछ भी चीज लगाने से पहले आपको अपनी स्किन टाइप का पता लगाना जरूरी है। आइए, जानते हैं स्किन टाइप के हिसाब से कैसे चूनें उबटन-
1) ड्राई स्किन
बेसन, हल्दी और चंदन से बना ये उबटन स्किन को मुलायम बनाता है, साथ ही से दाग धब्बों को भी कम करने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए एक चम्मच बेसन और एक चौथाई चम्मच से कम हल्दी पाउडर और आधा चम्मच चंदम पाउडर मिलाएं। इसमें आप 1 चम्मच मलाई और 1 चम्मच दूध मिलाएं। इसे अच्छे से मिक्स करें और लगाएं। कुछ दे सुखने का इंतजार करें। फिर हाथ की मदद से सर्कुलर मोशन में मसाज करते हुए साफ करें।
2) ऑयली स्किन
संतरे के छिल्कों से बना से उबटन ऑयली स्किन वाले के लिए काफी अच्छा है। इसे बनाने के लिए संतरे के छिलके के पाउडर में शहद मिलाएं और उबटन तैयार करें। इसे स्किन पर लगाएं और सूखने के बाद इसे साफ करें। आपकी स्किन पर इंस्टेंट ग्लो नजर आएगा।
3) नॉर्मल स्किन
मुलतानी मिट्टी से बना ये उबटन सॉफ्ट और शाइनी स्किन पाने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए आपको मुल्तानी मिट्टी में जैतून का तेल मिलाना है। फिर इसे अपनी स्किन पर लगा कर सुखा लें। फिर हाथों को गीला करें और हल्के हाथ से रगड़ते हुए इसे हटाएं। आप गुनगुने पानी से भी साफ कर सकती हैं।
4) कॉम्बिनेशन स्किन
अगर आपकी भी कॉम्बिनेशन स्किन है तो मसूर की दाल आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसकी मदद से आपको स्किन का ग्लो बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले दूध से त्वचा निखर जाती है, साथ ही ये आपकी स्किन मॉइश्चराइज करने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए आप मसूर की दाल को आप देसी घी में पहले भून लें। देसी घी में दाल भुनने के बाद आप इसे 2 घंटे के लिए दूध में भिगोएं। फिर इसको पीसकर पेस्ट तैयार करें। इस उबटन को आप करीब 1-2 घंटे के लिए लगाएं। फिर इसे हाथ की मदद से रगड़ें और हटा दें।
टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /1) पीलिंग
नेल्स पीलिंग अक्सर आपको नेल्स एक्सटेंशन के बाद दिखाई दे सकती है। इसके अलावा, यह तब होता है जब हाथों को बहुत लंबे समय तक गंदे पानी में रखा हो। हालांकि, यह आयरन की कमी के कारण भी हो सकता है। अगर आप पता लगाना चाहते हैं कि परेशानी इंटरनल है या नहीं तो अपने पैर के नाखूनों को एक बार देखें। अगर पैर के नाखून भी पील हो रहे हैं, तो आपको अपनी डाइट में आयरन को शामिल करने की जरूरत है।
2) ब्रिटल नेल्स
नाखूनों की सबसे आम समस्याओं में से एक है खुरदुरे और फटे हुए नेल्स। यह ज्यादातर महिलाओं में देखा जाता है। इसे ओनिकोस्चिजिया भी कहा जाता है, ब्रिटल नाखून आपके नाखूनों के लगातार गीले और सूखने के कारण होते हैं। इसका दूसरा कारण हाइपोथायरायडिज्म या आयरन की कमी हो सकता है। इसलिए अगर आपके नाखून में आपको ऐसी परेशानी देखने को मिल रही है तो आपको एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
3) पीले नाखून
नाखून के पीले होने की समस्या काफी आम हैं और ये आमतौर पर संक्रमण या किसी प्रॉडक्ट जैसे नेल पॉलिश के कारण होते हैं। अगर आपके भी ऐसे नेल्स हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
4) व्हाइट स्पॉट्स
ये कई लोगों में देखा गया है की नाखूनों पर बिखरे सफेद धब्बे आमतौर पर जिंक की कमी के कारण हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यह एलर्जी की प्रतिक्रिया, फंगल संक्रमण और आपके नाखून की चोट के कारण भी हो सकता है।
5) सॉफ्ट या कमजोर नाखून
अगर आपके नाखून आसानी से टूट जाते हैं या तड़कने से पहले झुक जाते हैं। यह केमिकल या मॉइश्चर के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है। अगर आप अपने नाखूनों को स्ट्रॉन्ग बनाना चाहते हैं तो आपको केमिकल से दूर रहना होगा। कमजोर नाखून भी विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन या फैटी एसिड की कमी को बारे में बताते हैं।
सेहत / शौर्यपथ /इन दिनों लोगों में ओट मिल्क को लेकर अलग दीवानगी देखी जा रही है। हर कोई इस बात से वाखिफ है कि ओट्स सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन क्या आपने बीते दिनों में ओट मिल्क के बारे में सुना? पोष्क तत्वों से भरपूर ओट मिल्क सेहत के लिए खूब फायदेमंद है। आइए, जानते हैं घर में कैसे बनाया जाए ओट मिल्क और क्या हैं इसके फायदे।
कैसे बनाएं ओट मिल्क?
ओट मिल्क बनाने के लिए सिर्फ पानी और दूध की जरूरत होती है। इसे बनने के लिए 30 मिनट पहले या फिर रातभर के लिए भिगो दें। फिर इन ओट्स को छानकर ब्लेंडर में डालें। अब ब्लेंडर में 3 से 4 कप पानी डालें और चिकना होने तक ब्लेंड करें। एक मलमल के कपड़े का इस्तेमाल कर ओट्स के दूध को छान लें और एक कंटेनर में स्टोर करें। इस मिल्क को 5 दिनों तक फ्रिज में स्टोर करके रखा जा सकता है।
क्या हैं ओट मिल्क के फायदे
1) ग्लूटन फ्री
शाकाहारी लोगों के लिए ओट मिल्क बेहतरीन ऑप्शन है। इसे बनाना बेहद ही आसान है, यह सिर्फ पानी और ओट्स से बनकर तैयार हो जाता है। यही कारण है कि शाकाहारी लोग इसे पसंद करते हैं। अगर आप ग्लूटन फ्री दूध पीना चाहती हैं तो ओट मिल्क पी सकती हैं।
2) पोषक तत्व
ओट मिल्क फाइबर और विटामिन ए, डी और बी12 से भरपूर होता है। इसे पीने से आपके शरीर के आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलती है। यह आपको एनर्जी देता है।
3) इम्यूनिटी
ओट मिल्क में ढेर सारे विटामिन होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। यह आपके शरीर में विटामिन ए और विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं। इसे पीने से आपको संक्रमण और बीमारी से दूर रहने में मदद मिलती है।
4) ब्लड कोलेस्ट्रॉल
इसमें बीटा-ग्लूकेन्स नामक घुलनशील फाइबर होता है जो शरीर के ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। रोजाना ओट्स मिल्क पीने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है।
5) हड्डियों को मजबूत
ओट्स में मौजूद कैल्शियम और विटामिन आपकी हड्डियों की हेल्थ के लिए अच्छा होता है।ऐसे में ओट मिल्क पीने से हड्डियों के हेल्थ में सुधार होता है।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ /कोविड-19 के कारण एक साल से ज्यादा समय तक बंद रहने के बाद अगले महीने से स्कूल फिर से खोले जा रहे हैं और केरल का शिक्षा विभाग इस संबंध में बच्चों और माता-पिता का तनाव कम करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है। सामान्य शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने राज्य विधानसभा में कहा कि इस संबंध में एक केन्द्रीकृत मॉड्यूल तैयार होने के बाद कक्षा स्तर पर माता-पिता और बच्चों के लिए जागरूकता कक्षाएं चलाई जाएंगी। प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कहा, “इस पहल के तहत, शिक्षकों को मॉड्यूल के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा और ऐसे शिक्षक माता-पिता का तनाव कम करने के लिए उन्हें जागरूक करेंगे।'' उन्होंने कहा कि स्कूलों के फिर से खुलने के साथ ही शुरुआत में छात्रों के लिए भी कक्षाओं में इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
धर्म संसार / शौर्यपथ / शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 से शुरू हो चुके हैं। माता के भक्त नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इन नौ दिनों में पूजा के दौरान मां के अलग-अलग स्वरूप को अलग-अलग चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि में किस दिन किस चीज का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों के कष्ट दूर करती हैं।
मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनके मनपसंद नौ भोग-
मां शैलपुत्री-
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कहा जाता है इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से रोगों और हर संकट से मुक्ति मिलती है।
मां ब्रह्मचारिणी-
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन मां के इस स्वरूप को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है।
मां चंद्रघंटा-
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को पूजा जाता है। इस दिन मां को दूध या मावे से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से धन और वैभव की प्राप्ती होती है।
मां कूष्माण्डा-
चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। इस दिन मां को मालपुआ का भोग लगाने से सद्बुद्धी मिलती है।
मां स्कंदमाता-
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन मां को केले का नैवेद्य चढ़ाना बहुत उत्तम होता है। ये नौकरी-पेशे के लिए अच्छा होता है और शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं।
मां कात्यायनी-
छठे दिन मां कात्यायनी का दिन होता है, इस दिन मां को मीठा पान चढ़ाया जाता है, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
मां कालरात्रि -
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है। इस दिन मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
महागौरी-
आठवें दिन महागौरी को पूजा जाता है। इस दिन मां को नारियल का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
मां सिद्धिदात्री –
नवरात्रि के आखिरी अर्थात 9 वें दिन मां सिद्धिदात्री को चना और हलवा का भोग लगाया जाता है। इस दिन कन्या भोज कराने का भी विधान है।
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ / बदलते मौसम में हेयर फॉल होना आम बात है। शैम्पू, कंघी करते वक्त बाल झड़ते ही हैं लेकिन जब बाल इतने ज्यादा झड़ने लगे कि बालों पर हाथ फेरते ही झड़ने लग जाएं, तो आपको हेयर केयर प्रॉडक्ट के अलावा कुछ छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनके कारण हेयर फॉल बढ़ता है।
लम्बे टाइम तक शैम्पू न करना
बालों में लम्बे समय तक शैम्पू न करने से हेयर फॉल की समस्या बढ़ती है। कई लोग सोचते हैं कि बालों में 10 दिन में बस एक बार ही शैम्पू करना चाहिए, जबकि ऐसा करने से हेयर फॉल की समस्या बढ़ जाती है। हेल्दी हेयर के लिए बालों में सप्ताह में दो बार शैम्पू जरूर करना चाहिए।
बालों को टाइट बांधना
कई लोग शैम्पू करते ही बालों को बांध लेते हैं। ऐसा करने से बालों में जोर और खिचांव पड़ता है, जिससे हेयर फॉल बढ़ जाता है। बालों को हमेशा बांधकर नहीं रखना चाहिए। वहीं, टाइट बन बनाने से भी हेयर फॉल बढ़ता है।
गर्म पानी से बालों को धोना
बालों को स्टीम देना एक अलग बात है। गर्म पानी में तौलिया डुबोकर सिर पर लपेटने से बालों को स्टीम मिलती है लेकिन बालों को डायरेक्ट गर्म पानी से धोने से हेयर फॉल बढ़ता है।
तौलिए से बालों को जोर से रगड़ना
गीले बालों को तौलिए से तेज रगड़ने से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं इसलिए बालों को तौलिए से नहीं रगड़ना चाहिए। बालों को नेचुरले तरीके से सूखने देना चाहिए। वहीं, गीले बालों को हल्के हाथों से पोंछना चाहिए।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /वेट लॉस करने के लिए आप कितनी ही मेहनत करते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि कुछ दिनों मेहनत करने के बाद आपको कोई असर नहीं दिखाई देता तो आप वेट लॉस की कोशिशों को छोड़कर वापस से अपने रूटीन में लौट आते हैं। आज हम आपको ऐसे वेट लॉस फॉर्मूले बता रहे हैं, जिनसे बहुत कम दिनों में ही आपको वेट लॉस रिजल्ट दिखने लग जाएगा।
प्रोटीन डाइट
प्रोटीन डाइट में आपको कुछ दिनों प्रोटीन डाइट पर ही रहना पड़ता है यानी डाइट में दाल, सूप, अंडे, ओट्स जैसी चीजें ज्यादा से ज्यादा खानी होती है, जिससे कि बॉडी में प्रोटीन की कमी न हो पाए।
फिजिकल एक्टिविटी
फिजिकल एक्टिविटी वेट लॉस के लिए सबसे कारगर है। इसके लिए आपको रोजाना एक घंटा एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। इसमें स्ट्रेचिंग, जम्पिंग, स्किपिंग, पुशअप्स शामिल हैं।
चाय और कॉफी छोड़ें
चाय और कॉफी पीने से आपका वजन बहुत बढ़ता है क्योंकि जाहिर-सी बात है कि जितनी बार आप चाय या कॉफी पीते हैं, आप चीनी भी इनटेक करते हैं इसलिए वेट लॉस करने के लिए कम से कम 15 दिन चीनी,चाय, कॉफी छोड़कर देखें।
7-8 घंटे की नींद रोजाना लें
आपको सुनकर हैरानी होगी कि रात में 7-8 घंटे सोने से वजन कैसे कम होता है? सोने से शरीर एक्टिव रहता है और हेल्दी एक्टिविटी करते हैं। सोने के लिए मोबाइल को दूर रख लें, वरना इससे आपको नींद नहीं आएगी। सोने से पहले एक कप दूध के साथ थोड़ा सा गुड़ और जायफल खाने से अच्छी नींद आती है।
पानी पिएं
पानी पीने से आपकी बॉडी हाइड्रेट रहती है। इससे आपके शरीर में स्नैक्स क्रेविंग भी नहीं होती। बार-बार पानी पीने से आपको टॉयलेट आता है, जिससे बॉडी डिटॉक्स होती है इसलिए आपको रोजाना पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए।
खाना खजाना / शौर्यपथ /सामग्री :
1 किलो लौकी (दूधी कद्दूकस की हुई), 100 ग्राम ताजा मावा, 2 बड़े चम्मच घी, 150 ग्राम शकर, पाव चम्मच इलायची पावडर और 2-3 केसर के लच्छे।
विधि :
सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करके कद्दूकस की हुई लौकी डाल दें और हल्का भूनकर अलग रख लें। अब कड़ाही में थोड़ा-सा पानी डालें, फिर चीनी डालें। जब शकर पूरी तरह घुल जाए, तब इसमें भूनी हुई लौकी डालकर चलाएं।
जब शकर का पानी पूरी तरह खत्म हो जाए और चाशनी जैसा गाढ़ा दिखाई देने लगे तब इसमें मावा डालकर हिलाएं। फिर इलायची पावडर डालें और अच्छी तरह चलाकर 2-3 मिनट तक चलाएं। अब केसर को हाथ से मसलकर ऊपर से बुरकाएं। लीजिए तैयार है लौकी का केसरी हलवा, अब माता रानी को भोग लगाएं।
खाना खजाना /शौर्यपथ /नवरात्रि व्रत में फलाहार का भी अपना महत्व है। ऐसे समय में फलाहार के नाम पर हम कुछ भी खा लेते हैं, यहां आपके लिए लेकर आएं हैं 5 तरह के खास व्यंजन, जो हेल्दी होने के साथ-साथ आपका एनर्जी लेवल भी मेंटेन रखेंगे।
1. समा का उपमा
सामग्री : 200 ग्राम मोरधन चावल, 1 बड़ा टुकड़ा कसा हुआ नारियल, 1 चम्मच सौंफ पाउडर, 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 2 हरी मिर्च बारीक कटी, 1 चम्मच जीरा पाउडर, 1 नींबू का रस, सेंधा नमक स्वादानुसार, बारीक कटा हरा धनिया, देशी घी या तेल अंदाज के अनुसार।
विधि : सबसे पहले समा (मोरधन) चावल को धोकर मिक्सी में दरदरा पीस लें। एक कड़ाही में घी या तेल गरम करके सौंफ व जीरा पाउडर डाल दें। कटी हरी मिर्च डालकर आवश्यकतानुसार पानी तथा समा के चावल डालें और लाल मिर्च, नमक डालकर चलाएं।
अब इसे 10-15 मिनट तक पकाएं। नींबू का रस डालें और चलाएं। मिश्रण जमने लायक होने पर गैस बंद कर दें। हरा धनिया व कसा हुआ नारियल बुरका कर समा का फलाहारी उपमा सर्व करें।
2. टेस्टी साबूदाना खिचड़ी
सामग्री : 250 ग्राम साबूदाना, 1/2 कटोरी मूंगफली के पिसे दाने, 1 बड़ा आलू, 1/2 चम्मच जीरा, 4-5 पत्ता मीठा नीम, काली मिर्च पाउडर 1/2 चम्मच, हरी मिर्च 2-3 बारीक कटी हुई, एक छोटा चम्मच शकर, सेंधा नमक स्वादानुसार, नींबू, बारीक कटा हरा धनिया एवं फलाहारी मिक्चर।
विधि : साबूदाने की खिचड़ी बनाने से 3-4 घंटे पूर्व साबूदाने को भिगो कर रख दें। आलू को छीलकर टुकड़े कर लें। एक कड़ाही में घी गरम करके उसमें जीरा, मीठा नीम व हरी मिर्च का छौक लगाएं। तत्पश्चात आलू डाल दें और धीमी आंच पर पकने दें। अधपके होने पर साबूदाने और मूंगफली के दाने डाल दें और धीमी आंच पर पकाएं। थोड़ी देर बाद नमक, काली मिर्च एवं शकर डालें एवं अच्छी तरह मिक्स कर लें।
लीजिए तैयार है लाजवाब साबूदाने की खिचड़ी। हरा धनिया, फलाहारी मिक्चर और नींबू से सजाकर पेश करें। उपवास के दौरान खिचडी़ में आलू डालने से उसका स्वाद तो बढ़ जाता है।
3. दही भल्ला विद पनीर
सामग्री : 1 कप सिंघाड़ा आटा, 1 कप आलू (उबले मैश किए हुए), 1/2 कप पनीर, 1 चम्मच अदरक पिसा हुआ, 1/4 कटोरी दरदरे पिसे काजू, 1 बारीक कटी हरी मिर्च, 2 कप फेंटा दही, सेंधा नमक, शकर, जीरा पाउडर, अनारदाने अंदाज से व पर्याप्त मात्रा में तेल तलने के लिए।
विधि : दही भल्ले बनाने के लिए पहले पनीर को कद्दूकस करके इसमें आलू, काजू, किशमिश, हरी मिर्च, अदरक व सेंधा नमक मिला लें। उसके छोटे-छोटे गोले बना लें। अब सिंघाड़े के आटे को छान लें और थोड़ा-सा नमक डालकर घोल बनाएं।
अब तैयार गोलों को इस घोल में डुबोकर गरमा-गरम तेल में सुनहरे और कुरकुरे होने तक तल लें। फिर दही में शकर मिला लें। अब एक प्लेट में 1-2 बड़े अथवा भल्ला रखें और ऊपर से दही, जीरा पाउडर व अनारदाने से सजाएं और सर्व पेश करें।
4. मखाना खीर
सामग्री : 150 ग्राम मखाने, 1 लीटर दूध, 1 कटोरी कंडेंस्ड मिल्क, 1/4 कटोरी शकर, 1 चम्मच शुद्ध घी, 1/2 चम्मच इलायची पाउडर, मिक्स ड्रायफ्रूट्स (बादाम, काजू, सूखा नारियल आदि) 1/2 कटोरी।
विधि : सर्वप्रथम कड़ाही में घी गर्म करके उसमें मखाने डालकर हल्का भून लें। ठंडे होने पर एक मखाने के दो-दो टुकड़े कर लें। दूध में शकर डालकर उबाल लें, इसके बाद कंडेंस्ड मिल्क और मखाने डालकर गाढ़ा होने तक पुनः दूध को उबालें। अब इलायची पाउडर व ड्रायफ्रूट्स की कतरन डाले। हल्की गरम या ठंडी करके सर्व करें।
5. कुरकुरा मोरधन चीला
सामग्री : 1 कटोरी मोरधन, 1 कटोरी उबले मसले आलू, 1 बड़ी चम्मच किशमिश भीगी हुई, 1 कटोरी बारीक कटे टमाटर, आधी कटोरी बारीक कटी ककड़ी, आधी छोटी चम्मच लालमिर्च पाउडर, 1/2 छोटी चम्मच चाट मसाला, थोड़ा-सा कटा हरा धनिया, सेंधा नमक स्वादानुसार।
विधि : मोरधन साफ करके एक घंटा पूर्व पानी में गला दीजिए। इसमें भीगी किशमिश, मसले उबले आलू, नमक, लालमिर्च पाउडर मिलाइए। पानी की सहायता से मिक्सी में चिकना पीसिए। घोल बनाइए।
अब गरम तवे पर तेल लगाकर चीलों को कुरकुरा होने तक सेंकिए। तैयार चीले पर ककड़ी, हरा धनिया व चाट मसाला छिड़किए। अब चीला फोल्ड कर गर्म-गर्म सर्व करें।
सेहत /शौर्यपथ /यदि आप शारदीय नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास करने जा रहे हैं तो उपवास में कई लोग खिचड़ी, फलाहार आदि उपवास की चीजें खाते हैं। यदि आप पूर्णोपवस नहीं कर रहे हैं तो जानिए यहां नौ दिनों का डाइट प्लान।
1. दिन की शुरुआत गुनगुने पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, मिल्क शेक या ग्रीन टी से करें। चाय या दूध कतई नहीं पिएं, तभी आपको व्रत का फायदा होगा।
2. इसके बाद ब्रेकफास्ट में आप फल, ड्राई फ्रूट और किशमिश या मुनक्का का सेवन कर सकते हैं। लेकिन हमारी सलाह है कि हो सके तो आप ब्रेकफास्ट ना लें।
3. लंच के समय साबूदाने या मोरधन की खिचड़ी का सेवन करें जिसमें आलू मिले हों। पेटभर का खिचड़ी ना खाएं। हो सके तो खिचड़ी दही मिलाकर खाएं।
4. लंच के दौरान कुछ लोग राजगिरे, कद्दू या सिंघाड़े का आटे की रोटी बनाकर आलू या भींडी की सब्जी से खाते हैं। पेटभर ना खाएं।
5. लंच के बाद एक गिलास छाछ ले सकते हैं। अगर आपको लो बीपी की समस्या है तो उसमें सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
6. लंच के बाद यदि आपको 4 या 5 बजे के आसपास भूख लगे तो आप दही खा सकते हैं। आप मिल्क शेक या ग्रीन टी भी ले सकते हैं।
7. शाम को स्नैक्स के रूप में आलू की चिप्स का उपयोग कर सकते हैं।
8. यदि आप डिनर में फिर से खिचड़ी खाना पसंद नहीं करते हैं तो डिनर के समय चकूंदर या अनार के रस का सेवन करें यह बहुत ही फायदेमंद रहेगा।
9. सोने से पहले एक गिलास हल्का गुनगुना दूध पीना अच्छा रहेगा। हालांकि यदि आप कुछ नहीं पिएंगे तो बेहतर रहेगा।
आस्था / शौर्यपथ / यहां प्रस्तुत है मां दुर्गा के 10 चमत्कारिक और सिद्ध मंदिर जहां जाने से भक्तों की मनोकामना तुरंत ही पूर्ण हो जाती है।
1. ज्वालादेवी : भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में जहां माता की जीभ गिरी थी उसे ज्वालाजी स्थान कहते हैं। यहां पृथ्वी के भीतर से कई अग्निशिखाएं निकल रही हैं।
2. नैना देवी : कुमाऊं क्षेत्र के नैनीताल में पर्वत पर एक बड़ी सी झील त्रिऋषि सरोवर के समीप मल्लीताल वाले किनारे पर नयना देवी का भव्य मंदिर है।
3. मनसादेवी : मनसादेवी का मंदिर हरिद्वार में है जहां शक्ति त्रिकोण है। इसके एक कोने पर नीलपर्वत पर स्थित भगवती देवी चंडी, दूसरे पर दक्षेश्वर स्थान वाली पार्वती और तीसरे पर बिल्वपर्वतवासिनी मनसादेवी विराजमान हैं।
4. कालीपीठ : भारतीय राज्य बंगाल के कोलकाता शहर के हावड़ा स्टेशन से 5 मील दूर भागीरथी के आदि स्रोत पर कालीघाट नामक स्थान पर कालीकाजी का मंदिर है।
5. हरसिद्धि : भारत के मध्यप्रदेश राज्य के नगर उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के समीप क्षिप्रा नदी के तट पर हरसिद्धि माता का मंदिर है जो राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी है। उज्जैन में ही चमत्कारिक गढ़कालिका का मंदिर भी है।
6. पावागढ़ : गुजरात में चंपारण के पास ऊंची पहाड़ी पर काली माता का प्रसिद्ध मंदिर मां के शक्तिपीठों में से एक है। पावागढ़ में मां के वक्षस्थल गिरे थे। यहां की माता को महाकाली कहा जाता है।
7. अर्बुदा देवी : भारतीय राज्य राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी के मंदिर को 51 प्रधान शक्ति पीठों में गिना जाता है।
8. योगमाया : भारतीय राज्य कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 15 मील उत्तर में गंधर्वल स्थान पर प्रसिद्ध क्षीरसागर अर्थात योगमाया का मंदिर है।
9. गुवहाटी : भारतीय राज्य असम में गुवहाटी से 2 मिल दूर पश्चिम में नीलगिरि पर्वत पर स्थित सिद्धिपीठ को कामाख्या या कामाक्षा पीठ कहते हैं। कालिका पुराण में इसका उल्लेख मिलता है।
10. विन्ध्याचल : कंस के हाथ से छुटकर जिन्होंने भविष्यवाणी की थी वहीं श्रीविन्ध्यवासिनी हैं। यहीं पर भगवती ने शुंभ और निशुंभ को मारा था। इस क्षेत्र में शक्ति त्रिकोण है।