December 08, 2025
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राजनीति (1153)

भाजपा सरकार में स्वास्थ्य विभाग खुद बीमार लोगों की जीवन की रक्षा नहीं कर पा रही

रायपुर/ शौर्यपथ / नारायणपुर में फूड प्वाइजनिंग से पांच लोगों की मौत और 30 लोगों की गंभीर रूप से बीमार होने के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही के चलते नारायणपुर अबूझमाड़ के डूंगा के गोट गांव में फूड प्वाइजनिंग से पांच मासूम लोगों की मौत हो गई और 30 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गये। गांव के एक पारिवारिक समारोह में भोजन करने के बाद उनको उल्टी, दस्त, चक्कर आने लगी, लेकिन समय पर इन्हें एंबुलेंस नही मिला। समय पर इलाज होता तो उन पांच लोगों को भी बचाया जा सकता था। इस घटना के पहले एक गर्भवती महिला को समय पर एंबुलेंस नहीं मिला जिसके चलते उसका गर्भपात हो गया।
   प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है। नारायणपुर की घटना बड़ी चिंताजनक है और स्पष्ट हो गया है कोई बड़ी मेडिकल इमरजेंसी होती है तो स्वास्थ्य विभाग उसके लिए सक्षम नहीं है, संसाधनों की कमी है, चिकित्सकों की कमी है, भाजपा सरकार प्रदेश की जनता के जान की रक्षा नहीं कर पा रही है।
  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य व्यवस्था देने में असफल साबित हो गए हैं। नारायणपुर में फूड प्वाइजनिंग से पांच लोगों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है। स्वास्थ मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिये।

रायपुर/ / शौर्यपथ /18 लाख आवास देने का वादा कर सत्ता में आयी भाजपा चुनाव जीतने के बाद लोगों को आवास देने के मामले में भी लापरवाह बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इसका प्रमाण इसी से मिल जाता है कि प्रधानमत्री शहरी आवास में केंद्र ने छत्तीसगढ़ के कोटे में 50 हजार आवास स्वीकृत किये थे तथा राज्य सरकार को पात्र हितग्राहियों के नाम भेजने को कहा लेकिन साय सरकार ने तय सीमा तक केवल 11 हजार ही हितग्राहियों का नाम केंद्र को भेजा जो कुल टार्गेट का मात्र 23 प्रतिशत है। यह बताता है कि भाजपा सरकार गरीबों को आवास नहीं देना चाहती है।
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का दावा करने वाली भाजपा की साय सरकार ने अभी तक एक भी हितग्राही के लिए नया मकान नहीं बनाया है। भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री आवास केवल सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंग में ही दिखते रहे है, हकीकत में भाजपा सरकार के आने के बाद कोई नया आवास स्वीकृत नहीं हुआ है।
   प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मोदी की गारंटी के नाम पर किए गए दावे भी जुमले साबित हुए हैं। पीएम आवास योजना 2015 में लागू हुई तब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2011 के जनगणना को आधार मानकर छत्तीसगढ़ के लिए कुल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 18 तक रमन सरकार के दौरान मात्र 2,37,000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19,000 शहरी पीएम आवास बने। 2018 से 23 तक भूपेश सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष लगभग 7 लाख आवास बनाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने बजट में 3234 करोड़ का प्रावधान किया तथा 7 लाख आवासहीनो के लिये मकान बनाने के लिये पहली किश्त अक्टूबर 2023 में ही भूपेश सरकार ने डाल दिया था। साय सरकार ने एक भी नया मकान स्वीकृत ही नहीं किया है। पुराने स्वीकृत मकानों की अगली किश्तें देने का काम साय सरकार ने किया है। उसी के लिए वित्तीय स्वीकृति भी किया गया।

   रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार की अकर्मण्यता से पूरा प्रदेश अपराधगढ़ बन चुका है, बलौदाबाजार के ग्राम चरौटी की घटना इस सरकार के महिला सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खोलती है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि एक गरीब बेटी को हाथ पैर बांधकर जिंदा जला दिया गया,  उसके शरीर पर जगह जगह चोट के निशान हैं, अमानवीय यातनाएं देकर बेरहमी से हत्या की गई है। इस सरकार का फोकस अपराध रोकने में नहीं बल्कि नशाखोरी को बढ़ावा देने में है, जिसकी वजह से ही अपराध बढ़ रहा हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 22 महीनों की भाजपा सरकार में छत्तीसगढ़ में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री साय के गृह जिला जशपुर के बगीचा थाना क्षेत्र में भाईदूज के दिन ही विगत 23 अक्टूबर को पहाड़ी कोरवा युवती के साथ सामुहिक दुष्कर्म घटित हुआ, दिवाली के दिन ही प्रदेश में 6-6 हत्या हो गई, 45 चाकूबाजी की घटना दिवाली के दिन ही दर्ज हुई, रायगढ़ में आदिवासी दंपति को पीट-पीट कर मार डाला गया, सरगुजा में आदिवासी दंपति के घर में घुस कर हत्या कर दिया गया। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का भाई, लोगों के साथ खुलेआम मारपीट कर रहा है, भाजपा के नेता अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। राजनांदगांव में महापौर का पीए सरेआम लोगों को पीटता है। भिलाई में सरेआम मातर के जुलूस में हत्या हो जाती है। यह सरकार आपराधिक घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह नाकाम है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार आम जनता को भयमुक्त वातावरण देने में पूरी तरह असफल हो चुकी है, अपराधी बेलगाम हो गये है, प्रशासन का कोई नियंत्रण दिखता नहीं है। सत्ता में बैठे लोग काली कमाई में हिस्सेदारी और अवैध वसूली में मस्त हैं, कानून व्यवस्था चौपट है, पिछले 22 महीनों की भाजपा सरकार में छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है। आम जनता में भय का माहौल है। गली गली में नशे का अवैध कारोबार पनप रहा है लेकिन इस सरकार का चरित्र शुतुरमुर्ग की तरह है।

  रायपुर/ शौर्यपथ /  सरकार के वित्त विभाग ने सिर्फ 5 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में लगभग 58000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली है। पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में घोषणा किया था कि 35000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष के बजट भाषण में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने घोषणा किया था कि बजट में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती का वित्तीय प्रावधान है। मात्र 5 हजार भर्ती प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है जो शिक्षक बनने का सपना संजोकर रखे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जब कुल खाली पद 58000 है। पहले प्रक्रिया 35000 की भर्ती की शुरू हुई थी, बजट में 20000 भर्ती के प्रावधान थे, तब सिर्फ 5 हजार शिक्षकों के ही भर्ती की वित्तीय स्वीकृति क्यों की गई है? शेष खाली 53000 हजार पद कब भरे जाएंगे?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में तो 1 लाख नौकरी का वादा किए थे इस हिसाब से भी अभी तक 40 हजार भर्ती हो जानी थी। लेकिन भाजपा की सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल में 2 हजार नौकरियां भी युवाओं को नहीं दे पाई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रोजगार विरोधी भाजपा सरकार ने नए सेटअप के नाम पर सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती करके रिक्तियां विलोपित कर दी है जिसके चलते डीएड, बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार युवा हताश और निराश हैं, यही वजह है कि इस वर्ष बीएड की सीटें खाली रह गई। यह सरकार युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अवसर को लगातार खत्म कर रही है।

रायपुर/ शौर्यपथ /  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बेहद दुर्भाग्यजनक है कि नारायणपुर अबूझमाड़ के डूंगा के गोट गांव में फूड प्वायजनिंग से पांच मासूम लोगों  की मौत हो गयी, 30 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए है। लोग एक छट्ठी समारोह में भोजन किए गए थे उसके बाद उनमें उल्टी, दस्त, चक्कर आने की शिकायत आने लगी। इन लोगों की मौत इसलिए हो गयी क्योंकि उनको समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचाया जा सका। इन लोगों  की मौतों के लिए सिस्टम की लापरवाही भी जिम्मेदार है, यदि सब को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा दिया गया होता, इतने लोगों की असमय मौत नहीं होती।

बस्तर में हो रही नक्सल हत्याओं पर सरकार जवाब दे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गृहमंत्री विजय शर्मा बीजापुर के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम नब्वी गये थे। गृहमंत्री के दौरे के दूसरे दिन ही वहां से 10 किमी दूर नक्सलियों ने दो आदिवासी युवकों की हत्या कर दिया।
एक तरफ सरकार नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़े-बड़े दावा करती है, सरकार बताती है कि नक्सली स्वफूर्त आत्मसमर्पण कर रहे है। दूसरी ओर नक्सली रोज बस्तर में ग्रामीणों की हत्या कर रहे है। पिछले हफ्ते एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हो गयी। सुकमा में एक ग्रामीण को नक्सलियों ने मार डाला। अब बीजापुर में दो हत्यायें। सरकार इन हत्याओं का जवाब दे। सरकार के अति आत्मविश्वास का खामियाजा बस्तर के आदिवासियों को भोगना पड़ रहा।

सिर्फ 5 हजार शिक्षकों की भर्ती की स्वीकृति युवाओं के साथ धोखा है

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार के वित्त विभाग ने 5 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति दिया है। प्रदेश में लगभग 58000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली है। पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में घोषणा किया था कि 35000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष के बजट भाषण में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने घोषणा किया था कि बजट में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती का वित्तीय प्रावधान है। जब कुल खाली पद 58000 है। पहले प्रक्रिया 35000 की भर्ती की शुरू हुई थी, बजट में 20000 भर्ती के प्रावधान थे तब सिर्फ 5 हजार शिक्षकों के ही भर्ती की वित्तीय स्वीकृति क्यों की गई है? शेष खाली 53000 हजार पद कब भरे जाएंगे ? विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में तो 1 लाख नौकरी का वादा किए थे इस हिसाब से भी अभी तक 40 हजार भर्ती हो जानी थी।


प्रदेश में कानून का नहीं, जंगल राज चल रहा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाएं बताती है कि राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है। जशपुर में बगीचा थाना क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा की एक मासूम बच्ची के साथ दूराचार हो गया और पत्थर से कुचलकर हत्या की कोशिश की गयी, रायगढ़ में आदिवासी दंपति को पीट-पीट कर मार डाला गया, सरगुजा में आदिवासी दंपति के घर में घुस कर हत्या कर दिया गया। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का भाई, लोगों के साथ खुलेआम मारपीट कर रहा है। राजधानी में तीन दिन में 45 से अधिक चाकूबाजी की घटनाएं हो चुकी है। राजनांदगांव में महापौर का पीए वसूली करने के लिए सरेआम लोगों को पीटता है। भिलाई में सरेआम मातर के जुलूस में हत्या हो जाती है। सरकार आपराधिक घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।

धान की फसल तैयार, सरकार 1 नवंबर से खरीदी शुरू करे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान की फसल की कटाई शुरू हो गयी है। दीपावली त्योहार, मातर के बाद फसल की कटाई जोरो पर चलेगी, ऐसे में सरकार के द्वारा धान की खरीदी तुरंत शुरू की जानी चाहिए, देरी करने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 1 नवंबर तक किसानों का धान खेतों से खलिहान में आकर बेचने के लिये तैयार हो जायेगा, 15 नवंबर से खरीदी होने पर किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। जब से राज्य बना है, राज्योत्सव के दिन 1 नवंबर से ही धान खरीदी की परंपरा रही है, इस वर्ष भी 1 नवंबर से खरीदी हो। साय सरकार पिछले दो साल से 15 दिन देरी से 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करती है। ताकि कम किसानो का धान खरीदना पड़े।

जिनका एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा उनका सोसायटी के माध्यम से पंजीयन कराया जाए

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एग्रीस्टेक पंजीयन की तारीख बढ़ाने के बाद भी किसानों का पंजीयन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, अभी भी लाखों किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों से परेशानी पैदा हो रही है। पिछले साल लगभग 28 लाख किसानों ने धान बेचा था। इस वर्ष 10 प्रतिशत की भी ग्रोथ होती है तो तीस लाख से अधिक किसानों का पंजीयन होना चाहिए। अनुमानतः अभी तक 7 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। जिनका एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा उनका सोसायटी के माध्यम से पंजीयन कराया जाना शुरू किया जाए। इस वर्ष सरकार का लक्ष्य 25 लाख किसानों से धान खरीदने का है, मतलब इस साल सरकार की नीयत पूरे किसानों से धान खरीदी करने की नहीं है, क्योंकि धान बेचने के पात्र किसान तो 30 लाख अस्सी हजार से अधिक होंगे। शायद इसीलिए सरकार पंजीयन में दिक्कत पैदा कर रही।

सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा — नक्सल आत्मसमर्पण कांग्रेस के ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ नीतियों का परिणाम; आरोप लगाने के लिए बस्तर की पीड़ा का राजनीतिकरण न करें

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने हालिया नक्सली आत्मसमर्पणों को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस को नक्सलवाद से जोड़कर की जा रही छींटाकशी पर कड़ा हमला बोला है। बघेल ने यह संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण में कांग्रेस सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और उनके द्वारा अपनाए गए ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ सूत्रों की भूमिका निर्णायक रही है।

भूपेश बघेल ने अपने बयान में प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा —

“कितना छोटा दिल है प्रधानमंत्री जी!… ऐसे समय में जब माओवाद कमजोर हो रहा है, तब भी आप कांग्रेस को नक्सलवाद से जोड़कर जो छींटाकशी कर रहे हैं, वह दिखाता है कि आपके लिए देश की आंतरिक सुरक्षा से ज्यादा विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने में दिलचस्पी है।”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र में गृह मंत्री के इस प्रयास में साझेदारी के लिए कांग्रेस ने भी आभार व्यक्त किया है, परन्तु विपक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ की जटिल स्थिति को राजनीतिक मुद्दा बनाकर प्रस्तुत करने का विरोध जताया। बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता समझती है कि नक्सलवाद से निपटने की सफलता स्थानीय नीतियों और राज्य सरकार की पहल का नतीजा है, न कि किसी एक पक्षीय दावों का।

पूर्व मुख्यमंत्री ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद की जो सबसे भारी कीमत चुकाई गई, वह कांग्रेस सरकारों ने ही चुकाई है — “हमारे कई वरिष्ठ नेता कथित नक्सल हमले में शहीद हुए” — और जो जांचें होनी चाहिए थीं, उन्हें रूकवाने वाले भी वही रहे जिनके बारे में आज आरोप लगाए जा रहे हैं। बघेल ने कहा कि बस्तर क्षेत्र को जो पीड़ा और दंश झेलना पड़ा, उसकी जिम्मेदारी 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में रहे भाजपा-शासित दौर की भी है, और यह प्रश्न उठाया कि तब आवश्यक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

बघेल ने आरोप लगाया कि नक्सलवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर छत्तीसगढ़ और उसके लोगों के साथ “दोहरी राजनीति” न की जाए। उन्होंने दृढ़ शब्दों में कहा —

“बस्तर को खुशहाल बनाने का काम कांग्रेस ने शुरू किया है और आगे भी इसे जारी रखेगी… नक्सल मुक्ति के नाम पर हम आपको बस्तर बेचने नहीं बनने देंगे।”

अपने पोस्ट में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनता और प्रदेश की वास्तविकताओं का उल्लेख करते हुए अपील की कि मुद्दों को संवेदनशीलता और सत्यपरकता के साथ देखा जाए; किसी भी तरह के दावों को राजनीतिक लाभ के साधन के रूप में प्रयोग न किया जाए।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब नक्सली आत्मसमर्पण से जुड़ी सूचनाएँ और उनके राजनीतिक अर्थ दोनों ही मुख्य राजनीतिक बहस के केन्द्र में हैं। बघेल के तीखे शब्दों ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य और केन्द्र के बीच इस मसले पर संवेदीय और राजनीतिक मतभेद अभी भी कायम हैं — और इस बहस का असर आगामी राजनीतिक और प्रशासनिक पहलों पर भी दिखेगा।

भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और नक्सल हिंसा से जनता परेशान : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर / शौर्यपथ (राजनीती)
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की साय सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की जनता को निराश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उपलब्धि केवल पिछली कांग्रेस सरकार की जनहितैषी योजनाओं को बंद करने तक सीमित है।

“जनता की योजनाएँ दुर्भावना से की गईं बंद” — कांग्रेस
शुक्ला ने कहा कि साय सरकार ने जनता के हित में चलाई जा रही अनेक योजनाओं को दुर्भावनापूर्ण तरीके से बंद किया।
उनके अनुसार, बंद की गई योजनाओं में शामिल हैं —
  बिजली बिल हाफ योजना, राजीव मितान योजना, गोधन न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता, रीपा, मुख्यमंत्री कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, महिला समूह ऋण माफी, सीएम आदिवासी परब सम्मान निधि, सीएम छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि, कोदो-कुटकी-रागी खरीदी योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय, मुख्यमंत्री महतारी दुलार, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन, धरसा विकास योजना, शहरी गरीबों को पट्टा व आवास, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक और मुख्यमंत्री सुपोषण योजना।
कांग्रेस नेता ने कहा कि “साय सरकार जनता के कल्याण की नहीं बल्कि योजनाएँ बंद करने की सरकार बन गई है।”

“भ्रष्टाचार और कुशासन हावी, कानून-व्यवस्था चरमरा गई”
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार अपने दो साल में विफल साबित हुई है।उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का दौर चल रहा है —
“साय सरकार के दो साल में विष्णु का सुशासन तो दूर, खुद विष्णु की सरकार कहीं दिख ही नहीं रही।”
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि एसपी और कलेक्टर कार्यालय तक जला दिए गए, हत्या और मॉब लिंचिंग की घटनाएँ बढ़ गई हैं।
राजधानी रायपुर में छह बार गोलीबारी की घटनाएँ हुईं, वहीं गौ तस्करी, लूट, डकैती और चाकूबाजी के मामलों में तेज़ी आई है।
महिलाओं और बच्चियों पर अपराध बढ़े
  कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हुई है —
पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची का माँ बनना, नारायणपुर में छात्राओं से छेड़खानी जैसी घटनाएँ राज्य में घट चुकी हैं।
उन्होंने कहा, “राज्य में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं, अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।”

नक्सल घटनाओं पर सरकार मौन
शुक्ला ने कहा कि नक्सलवाद के मोर्चे पर भी सरकार पूरी तरह असफल रही है।
“दो साल में नक्सली घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई घोषित नक्सल नीति नहीं बनाई। रोज़ हत्याएँ हो रही हैं और सरकार केवल बयानबाज़ी तक सीमित है।”

किसानों, गरीबों और उपभोक्ताओं को झटका
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार का 18 लाख आवास देने का वादा अधूरा रह गया,
राशन वितरण में कटौती की गई और बिजली कटौती फिर शुरू हो गई।
भूमि रजिस्ट्री के गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत छूट खत्म कर दी गई, जबकि रजिस्ट्री शुल्क में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी जारी रखी गई।
उन्होंने कहा कि राज्यभर में किसान आत्महत्याओं की घटनाएँ बढ़ी हैं, विशेष रूप से राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर और महासमुंद जिलों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं।

कांग्रेस का निष्कर्ष
शुक्ला ने कहा —“साय सरकार ने जनता का विश्वास तोड़ा है। योजनाएँ बंद कर, किसानों और युवाओं को निराश कर, कानून-व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। यह सरकार जनहित नहीं, दुर्भावना की सरकार है।”

ट्रिपल इंजन की सरकार सफाई कर्मियों का वेतन नहीं दे पा रही

           रायपुर/शौर्यपथ / नगर निगम रायपुर के सफाई कर्मचारियों के वेतन की मांग को लेकर आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महापौर मीनल चौबे का ट्रिपल इंजन की सरकार में सब कुछ बेहतर होने का दावा खोखला साबित हुआ है। दीपावली तिहार के समय में निगम के सफाई कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे, चक्का जाम कर रहे, दो-दो महीने से वेतन नहीं मिलने का आरोप लगा रहे हैं, यह बेहद चिंता का विषय है, लगातार निगम से संबंधित ठेकेदार सफाई कर्मचारी सामान सप्लायर भुगतान को लेकर शिकायत कर रहे हैं लेकिन शिकायत का कोई हल नही निकल रहा है।
  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महापौर मीनल चौबे त्योहार के समय निगम की अव्यवस्थाओं को सुधारने के बजाय जापान घूम में है। और इधर निगम के सफाई कर्मचारी वेतन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्या यही ट्रिपल इंजन का विकास है? दीपावली के समय रात में सड़क अंधेरे से पटा हुआ है, सड़क में गड्ढे हैं, नालिया बज-बजा रही है, सफाई व्यवस्था चरामरा गई है। ठेला पसरा लगाने वालों के समान को जप्ती किया जा रहा है। क्या यही सुशासन है?
  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि निकायों में सफाई कर्मियों, ठेकेदारों सामान सप्लायरों का भुगतान तत्काल किया जाए ताकि वह भी दीपावली का त्यौहार मना सके। निगम गरीबों के ठेला, खोमचा दुकानों को तोड़ना, सामानों को जप्त करना बंद करें।

रायपुर / शौर्यपथ /
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार पर सूचना के अधिकार कानून (RTI Act) को कमजोर करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने कहा कि आज देश को आम नागरिक को सशक्त बनाने वाले RTI कानून को लागू हुए 20 वर्ष पूरे हो गए हैं, जिसे 12 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में लागू किया गया था।

कांग्रेस का दावा — मनमोहन सरकार ने दी थी पारदर्शिता की नींव

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यूपीए सरकार ने RTI सहित कई जनहितकारी कानून बनाए, जिन्होंने प्रशासनिक पारदर्शिता और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया।
इनमें मनरेगा (2005), वन अधिकार अधिनियम (2006), शिक्षा का अधिकार (2009), भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा अधिनियम (2013) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) प्रमुख हैं।

नेताओं ने कहा कि RTI कानून ने आम नागरिक को शासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने का अधिकार दिया। इसके माध्यम से राशन, पेंशन, मजदूरी, छात्रवृत्ति जैसे बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा में आमजन को मदद मिली।

“मोदी सरकार ने कानून की आत्मा को कमजोर किया”

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 2019 में केंद्र की भाजपा सरकार ने RTI कानून में संशोधन कर आयोगों की स्वतंत्रता को सीमित किया, जिससे कार्यपालिका का प्रभाव बढ़ गया।
इसके अलावा, 2023 में लागू डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम (DPDP) के माध्यम से RTI की धारा 8(1)(j) को बदल दिया गया, जिससे “व्यक्तिगत जानकारी” की परिभाषा इतनी विस्तृत कर दी गई कि अब कई सार्वजनिक सूचनाएँ भी जनहित में साझा नहीं की जा सकतीं।

कांग्रेस नेताओं के अनुसार, इससे “सार्वजनिक धन के उपयोग, सांसद निधि, मनरेगा कार्यों या राजनीतिक फंडिंग” जैसे मामलों की पारदर्शिता पर असर पड़ा है।

सूचना आयोगों में रिक्तियाँ और जवाबदेही का अभाव

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय सूचना आयोग में 11 में से केवल दो पद ही भरे हुए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद दो वर्षों से खाली है और केवल एक आयुक्त कार्यरत हैं।
इस स्थिति को “पारदर्शिता प्रणाली को निष्क्रिय करने की कोशिश” बताया गया।

व्हिसलब्लोअर पर हमले और सुरक्षा की कमी

कांग्रेस नेताओं ने आरटीआई कार्यकर्ताओं पर बढ़ते हमलों को लेकर गंभीर चिंता जताई।
उन्होंने भोपाल की शहला मसूद और सतीश शेट्टी जैसे मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि “व्हिसलब्लोअर्स प्रोटेक्शन कानून” संसद से पारित होने के बावजूद लागू नहीं किया गया है।
इसके चलते RTI का उपयोग करने वाले नागरिक भय के माहौल में हैं।

कांग्रेस की छह मांगें

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से निम्न छह मांगें रखीं —
2019 के संशोधनों को निरस्त कर सूचना आयोगों की स्वतंत्रता बहाल की जाए।
DPDP अधिनियम की विवादित धाराओं की समीक्षा की जाए।
केंद्र और राज्यों के सभी आयोगों में रिक्तियाँ तुरंत भरी जाएँ।
आयोगों की निपटान दर और कार्य निष्पादन सार्वजनिक किया जाए।
व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
आयोगों में पत्रकारों, शिक्षाविदों और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

कांग्रेस का संकल्प

कांग्रेस ने कहा — “सूचना का अधिकार आधुनिक भारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक सुधारों में से एक है। इसकी कमजोरी, लोकतंत्र की कमजोरी है। आरटीआई की 20वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस इस कानून की रक्षा और सशक्तिकरण के संकल्प को दोहराती है, ताकि हर नागरिक निर्भय होकर सवाल पूछ सके और जवाब पा सके।”

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख नेता

प्रेस वार्ता में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर, डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी, गिरीश देवांगन, संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, महामंत्री सकलेन कामदार, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, घनश्याम राजू तिवारी, डॉ. अजय साहू, नितिन भंसाली और अजय गंगवानी उपस्थित रहे।

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