January 24, 2025
Hindi Hindi
राजनीति

राजनीति (1045)

दुर्ग । शौर्यपथ। राजनीति में कौन अपना कौन पराया इसका आकलन लगाना काफी मुश्किल होता है कुछ ऐसा ही हाल दुर्ग नगर निगम के निवृतमान महापौर और सभापति का है. जहां एक और धीरज बाकलीवाल का वार्ड नंबर 32 आरक्षण के कारण पिछड़ा वर्ग महिला हो गया वहीं सभापति राजेश यादव का वार्ड सामान्य तो है परंतु राजनीतिक चर्चाओं के अनुसार पिछले निकाय चुनाव में इस वार्ड से कांग्रेस के प्रबल दावेदार मनीष यादव और राजेश यादव के बीच हुआ अनुबंध एक बार फिर चर्चा में आ गया हालांकि यह अनुबंध है किसी लिखित पत्र में नहीं हुआ परंतु ऐसी चर्चा है कि पूर्व में मनीष यादव ने यह सीट राजेश यादव के लिए छोड़ी थी और अगली बार इस बार से चुनाव लड़ने की बात पर सहमति बनी थी परंतु एक बार फिर महापौर के आरक्षण में पिछड़ा वर्ग महिला होने से अब सभापति के दावेदारी के लिए महापौर धीरज बाकलीवाल और राजेश यादव फिर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं जबकि अगर वार्ड नंबर 45 की बात करें तो धीरज बाकलीवाल का वार्ड नंबर 45 में निवास है परंतु इस वार्ड से कांग्रेस से राजेश शर्मा या फिर कमला शर्मा ही चुनावी मैदान में उतरती आ रही है ऐसे में इस वार्ड से एक बार फिर राजेश शर्मा अपनी दावेदारी आगे कर रहे हैं वहीं वार्ड नंबर 6 से मनीष यादव भी चुनावी मैदान में उतरने की बात कर रहे हैं ऐसे में महापौर पद में 5 साल का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद अगर वार्ड नंबर 45 से  धीरज बकरीवाल चुनाव मैदान में उतरते हैं तो राजेश शर्मा उनके लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकते हैं ऐसी स्थिति वार्ड नंबर 6 से भी नजर आ रही है जहां से अगर राजेश यादव जिनका सीएम हाउस से करीबी संबंध है वहीं कांग्रेसी नेता प्रदीप चौबे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं के यहां वार्ड नंबर 6 से टिकट लाने पर मनीष यादव निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं जिसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को उठाना पड़ेगा ऐसे में देखना होगा कि चुनाव समिति कैसे स्थिति को नियंत्रण में करती है और अपने कार्यकर्ताओं के बीच चल रहे राजनीतिक मतभेद को दूर करती है।
 बता दें कि वार्ड नंबर 6 में मनीष यादव पिछले काफी सालों से सक्रिय रहे हैं और उनके विरोध से कांग्रेस को ही नुकसान होगा वहीं वार्ड नंबर 45 की बात करें तो वार्ड नंबर 45 से भी यही स्थिति नजर आ रही है जहां राजेश शर्मा सकरी रहे हैं परंतु धीरज बकरीवाल के चुनाव मैदान में उतरने से राजेश शर्मा उनके जीत के रास्ते में एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ सकते हैं और कांग्रेस की यह दो सीट आसानी से भाजपा के खाते में चली जाएगी

क्या भाजपा में भी चाटुकारों को मिलेगा टिकट कार्यकर्ताओं की होगी अनदेखी

    दुर्ग / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जीत का श्रेय संगठन के कार्यकर्ताओं को माना .संगठन के कार्यकर्ताओं ने निर्वृत्मान अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के अगुवाई में जो 5 साल मेहनत की उसका परिणाम रहा कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनी परंतु सरकार बनते ही अब भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की अपेक्षा के प्रारंभिक लक्षण नजर आने लगे हैं .
कुछ दिनों बाद प्रदेश में नगर निगम चुनाव होने वाले हैं वहीं दुर्ग नगर निगम के चुनाव की तैयारी भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने शुरू कर दी है और दावेदारों की आवेदन फॉर्म की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है परंतु यह प्रक्रिया अब दिखावा मात्र ही प्रतीत हो रही है क्योंकि ऐसी जानकारी मिल रही है कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की उपेक्षा भारतीय जनता पार्टी में भी खुलेआम हो रही है ताजा मामले के अनुसार दुर्ग के वार्ड नंबर 38 जो कि पिछड़ा वर्ग घोषित हुआ है ऐसे में वार्ड में पिछड़ा वर्ग के भाजपा कार्यकर्ताओं ने आवेदन फार्म जमा किए हैं परंतु जिन्होंने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के लिए मेहनत की और कार्य किया अब उनका नाम पैनल की सूची में भी नहीं है ऐसे व्यक्ति का नाम पैनल की सूची में है जो जैन परिवार के यहां निमंत्रण पत्र बांटने का कार्य करता है और इसी काबिलियत के आधार पर उसकी दावेदारी इतनी मजबूत हो गई की पैनल में प्रथम दावेदार में उनके नाम को अंकित किया गया है.
बता दे की खंडेलवाल कॉलोनी निवासी रामचंद सेन को लगभग वार्ड प्रत्याशी घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है कोर कमेटी की बैठकें दिखावा मात्र ही साबित हो रही हैं रामचंद सेन के आवेदन फार्म वायरल होने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि जिस आवेदन फॉर्म में यह लिखा है की रामचंद द्वारा जैन परिवारों के घरों में निमंत्रण पत्र बांटने का कार्य किया जाता है जिसके कारण जैन परिवार का हर सदस्य उन्हें जानता है और यही काबिलियत के आधार पर उसे प्रत्याशी घोषित किया जाए इसके बाद इस पत्र के वायरल होने से वार्ड के वह निवासी जो पिछड़े वर्ग से आते हैं अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं सालों बाद वार्ड नंबर 38 को पिछड़े वर्ग आरक्षण का लाभ मिला है ऐसे में एक बार फिर उनके बीच का व्यक्ति को अगर मौका नहीं मिलता तो उनके साथ धोखे की बात होगी.
वार्ड नंबर 38 सदर मंडल वार्ड के अंतर्गत आता है इस मंडल के अध्यक्ष महेंद्र लोढ़ा जो जैन परिवार से आते है . वही एक दावेदार ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि वह जब फॉर्म जमा करने गए थे तब विधायक के करीबी ने विधायक के सामने ही स्पष्ट कह दिया था कि वार्ड नंबर 38 से रामचंद सेन के लिए हम तैयारी कर रहे हैं और उसका टिकट लगभग फाइनल है अगर उनकी बात सच होती है तो फिर भारतीय जनता पार्टी जो संगठन को सर्वोपरि मानती है अगर व्यक्ति विशेष की बातों के आधार पर बिना संगठन के फैसले के प्रत्याशी को फाइनल करने की बात कर रही है ऐसे में संगठन के एवं समिति के सदस्यों का औचित्य दिखावा मात्र रह जाएगा और भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष एवं निर्वृत्मान जिला अध्यक्ष मात्र रबर स्टैंप के रूप में नजर आएंगे .अब देखना यह है कि क्या संगठन का फैसला पैनल से दिखावे मात्र प्रक्रिया के आधार पर होता है या फिर संगठन निचले स्तर पर इसकी जांच पड़ताल कर आगे की प्रक्रिया पूर्ण करेंगी और काबिल व्यक्ति को चुनावी मैदान में उतारेगी ना कि चाटुकारिता को आधार मानेगी ?

दुर्ग / शौर्यपथ / नगरी निकाय चुनाव का आगज हो चुका है राजनीतिक पार्टियों अपने दावेदारों के आवेदन लेने बैठक कर रही है एवं आगे की रणनीति बना रही है वहीं दुर्ग कांग्रेस में एक बार फिर सभापति कक्षा में उभरे कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध विरोधी नीतियों का नजारा हाल ही में राजीव भवन दुर्ग में पहुंचे प्रभारी विकास उपाध्याय के सामने नजर आया है .
मामला यह है कि आरक्षण के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन जैन का वार्ड आरक्षण की चपेट में आ गया है जिसके कारण मदन जैन वार्ड नंबर 39 से चुनाव लड़ने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर चुके हैं वहीं इस बार से लगातार तीन बार पार्षद रहे शकुंन ढीमर ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुकी है सभी को मालूम है कि मदन जैन कांग्रेस नेता के साथ-साथ एक बड़े व्यवसाय हैं पैसों की कोई कमी नहीं है और गए बगाहे चुनावी खर्च में दिए पैसों का जिक्र मदन जैन करते रहते हैं .कल ऐसे ही मामला देखने को मिला जिसमें मदन जैन की तैयारी के चलते शकुंन ढीमर ने अपने कड़े तेवर दिखा दिए तीन बार की पार्षद शकुंन ढीमर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वार्ड नंबर 39 में वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी .वार्ड में लगातार सक्रिय होने के कारण और कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में वार्ड नंबर 39 से चुनाव लड़ने का हक उनका बनता है क्योंकि मदन जैन ने विधानसभा चुनाव में खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा का विरोध किया था और अरुण वोरा को हराने में मदन जैन का भी बड़ा हाथ है ऐसे में अब कांग्रेस के लिए बड़ा सवाल यह है कि वार्ड नंबर 39 से ऐसे कार्यकर्ता को टिकट दे जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विरोध कर कांग्रेस को हराने में भूमिका निभाई हो या फिर ऐसे प्रत्याशी को टिकट दे जिन्होंने हार के बावजूद भी कांग्रेस का दामन थामा रखा .
वही एक बार फिर शकुंन ढीमर के बुलंद स्वर के कारण राजनीतिक हलको में फिर से निर्वृत्मान सभापति राजेश यादव के कक्ष में उठे विद्रोह की चर्चा होने लगी . बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अरुण गोर के विरोध के स्वर और रणनीति बनाने में मदन जैन की प्रमुख भूमिका रही जो कि पूर्व सभापति के कक्ष में बैठे कांग्रेसी नेता कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा के विरोध के स्वर को हवा देते रहे वही इस हवा को विराम लगाने में निर्वृत्मान सभापति राजेश यादव कहीं से भी सफल होते नजर नहीं आए परिणाम यह रहा की दुर्ग कांग्रेस की आपसी गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंची और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा की 48000 से भी अधिक वोटो से हार हुई .
अब निगम चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा के विरोधी कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं ऐसे में कांग्रेस संगठन के सामने बड़ा सवाल यह है कि जिन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध किया हो वह क्या अपने राजनीतिक पहुंच के चलते वार्ड पार्षद का टिकट ले आएंगे या फिर कांग्रेस संगठन ऐसे विरोधियों का साथ न देकर कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतार कर यह संदेश देगी की विरोधियों के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं..

दुर्ग। शौर्यपथ । प्रदेश में निगम चुनाव का आगाज हो चुका है राजनीतिक हल्का में चर्चा है कि कभी भी आचार संहिता लग सकती है ऐसे में प्रदेश में और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी संगठन निगम चुनाव में अपनी तैयारी बड़े जोर-जोर से कर रहा है बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर और संभाग स्तर की बैठक भाजपा कार्यालय में आए दिन हो रही है संगठन चुनाव के साथ-साथ दूर भाजपा में निगम चुनाव की तैयारी के लिए भी समितियां घटित हो चुकी है और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का कार्य संगठन के पदाधिकारी निभा रहा है दावेदारों की सूची मंडल अध्यक्षों को स्थानीय विधायक और जिला अध्यक्ष को सौप जा रहा है,मिली जानकारी के अनुसार लगभग 400 से अधिक आवेदन वार्ड प्रत्याशियों के आ चुके हैं 18 जनवरी तक आवेदन भरने का समय सीमा भाजपा संगठन द्वारा तय किया जा चुका है पैनल में किसके किसके नाम जाने हैं इसकी चर्चा भी अंतिम पडाव तक पहुँच चुकी है जमीन स्तर से लेकर संगठन स्तर पर भारतीय जनता पार्टी अपनी तैयारियां पूर्ण कर चुकी है.
   वहीं दूसरी ओर कांग्रेस संगठन की बात करें तो कांग्रेस संगठन में गुटबाजी अभी भी अपनी चरम सीमा पर नजर आ रही है जिस प्रकार से रणनीति कांग्रेस की नजर आ रही है उससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं की प्रदेश में इसी कोताही के चलते सत्ता से हाथ धो बैठी कांग्रेस अब शहरी सरकार से भी पूरी भी तरह विदाई के कगार पर नजर आ रही है सालों से निष्क्रिय संगठन में संगठन के पदों पर बैठे पदाधिकारी सिर्फ कांग्रेस पार्टी में पद का लाभ उठाते हुए राशन दुकान,चखना सेंटर,टेंडर,शौचालय  आदि कार्यों की लालसा के साथ ही नजर आते हैं .भूपेश सरकार के समय सभी जिलों में कांग्रेस कार्यालय तो निर्मित हो चुके हैं किंतु चुनावी समर में भी सुना नजर आता है सिर्फ दिखाने के लिए ही कार्यालय की बिल्डिंग दुर्ग जिले में स्थापित हो गई है आज भी दावेदार संगठन से ज्यादा अपने राजनीतिक आकाओ के  चक्कर लगा रहे हैं .
  दावेदारी जमीनी स्तर पर ना कर चाटुकारिता के भरोसे टिकट लाने की जुगत में नजर आ रहे हैं . प्रदेश में सत्ता जाने के बाद भी कांग्रेस में गुटबाजी  कहीं भी कम नजर नहीं आ रही है इधर पार्षद दावेदार भी पूरे दमदारी से अपने राजनीति आकाओ के भरोसे टिकट लाने की बात कर रहे हैं और कोई बड़ी बात नहीं की जिस प्रकार से कांग्रेस संगठन की कार्यप्रणाली चल रही है उसमे संगठन का कोई महत्व नजर आ रहा है सिर्फ राजनीतिक आकाओ का आशीर्वाद और टिकट की सूची में नाम पक्का होने की गारंटी जमीनी स्तर पर भले ही विरोध हो परंतु इन सब बातों से ऐसे नेताओं को भी कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा जो जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए अनुशंसा करते नजर आएंगे .
  जिस तरह से कांग्रेस की तैयारी शून्य नजर आ रही है और सत्ता में काबिज होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी संगठन स्तर पर जिस तरह से तैयारी कर रहा है कोई बड़ी बात नहीं की आने वाले निकाय चुनाव में कांग्रेस शहरी सरकार से भी हाथ धो बैठेगी और प्रदेश में वार्ड स्तर से लेकर लोकसभा स्तर तक भाजपा का वर्चस्व नजर आएगा लोकतंत्र में जो चुनावी प्रक्रिया की खूबसूरत भूमिका है वह एक तरफा नजर आएगी और हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी को ईवीएम से फर्जी वाडे की बात करती नजर आएगी.किंतु वह आईना देखने को तैयार नजर नहीं आएगी जिसमें एक तरफ सत्ता होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक निकाय चुनाव की तैयारी कर रही है जबकि कांग्रेस दावेदारों की तैयारी अपने राजनीति आकाओ को मनाने और टिकट लाने की जुगाड़ तक ही सीमित है संगठन में बड़े-बड़े बदलाव की बात तो कही जाती है परंतु सिर्फ बातों से ही संगठन अगर चलता तो आज 100 साल से भी ज्यादा पुरानी कांग्रेस पार्टी का यह हाल ना होता जो वर्तमान समय में है.

   रायपुर/शौर्यपथ / हार के डर से घबराई भाजपा ईवीएम की शरण में पहुंच गयी है। नगरीय निकाय ईवीएम से कराने की अधिसूचना पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार चुनाव में हार से घबरा रही है। इसलिये ईवीएम से चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। भाजपा को पता है कि बिना ईवीएम के वह कोई चुनाव नहीं जीत सकती है। पहले स्थानीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से कराने की घोषणा उसके बाद यू-टर्न लेकर नगरीय निकायों के चुनाव ईवीएम से कराने का निर्णय बताता है कि भाजपा चुनाव से घबरा रही है। ईवीएम से चुनाव कराने का फैसला भाजपा के चुनावी डर के कारण आया है। भाजपा को प्रदेश की जमीनी हकीकत पता है।
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ वातावरण है। लोग प्रदेश की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था, रोज हो रही हत्याओं, बलात्कार, लूट, चाकूबाजी की घटनाओं के कारण सरकार से निराश है, भाजपा की साय सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में जनता को निराश किया है। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने जनता से जो वादा किया था, एक साल में उसको पूरा नहीं किया है। न 500 रू. सिलेंडर देने का वादा पूरा किया और न ही 18 लाख आवास देने का वादा पूरा किया। भाजपा राज में बिजली के दाम बढ़ गये है। कांग्रेस शासनकाल में 400 यूनिट तक बिजली के दामों में 50 प्रतिशत छूट को भाजपा सरकार ने बंद कर दिया है। सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश है, जनता भाजपा के खिलाफ निकाय चुनावों में मतदान करेगी।
  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिन राज्यों में ईवीएम से चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी उन्हीं राज्यों में कुछ महिनों के अंदर बैलेट पेपर से हुये स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा की बुरी तरह पराजय हुई थी। भाजपा यह जान रही है छत्तीसगढ़ में बैलेट पेपर से नगरीय निकाय के चुनाव में भाजपा नहीं जीतने वाली है। इसीलिए घोषणा के बाद भी ईवीएम से चुनाव कराने की अधिसूचना जारी किया गया।

 दुर्ग / शौर्यपथ /

  कांग्रेस की वरिष्ठ पार्षद रही श्रीमती प्रेमलता साहू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है।
  प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है।
  मैदानी क्षेत्रों में अनेकों पंचायतें ऐसी है जहां पर लगभग 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में कम है।पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था, वह अब सामान्य सीटे घोषित हो गई है।
  आगे प्रेमलता ने कहा कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पंचों के आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है।
   त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में आरक्षित है। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र क्रमांक 1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है। इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।
   भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बदनियति से चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लडऩे से वंचित हो गए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के संदर्भ में साय सरकार ने जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है वह ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय है, अत्याचार है।
  बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में ओबीसी वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं जबकि यहां बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है, भाजपा सरकार ने दुर्भावना पूर्वक संशोधन करके पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों के अधिकार को कुचल दिया है।
    भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र ही आरक्षण विरोधी है, जब ये विपक्ष में थे तब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक को रोका जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 से बढ़कर 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान था, 2 दिसंबर को पारित यह विधेयक भाजपा के षडयंत्रों के चलते ही आज तक राजभवन में लंबित है। अब स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण के नियमों में बदलाव करके ओबीसी अधिकारों में दुर्भावना पूर्वक कटौती किया गया है।

दुर्ग / शौर्यपथ /

   दुर्ग शहर सहित जिले में आम आदमी पार्टी की पहचान बन चुके डॉ. एस.के. अग्रवाल और मेहरबान सिंह ने पिछले कई सालो से आम आदमी पार्टी का झंडा बुलंद कर रखा है . आम आदमी पार्टी देश के केंद्र दिल्ली और पंजाब में सत्ता में तो है किन्तु प्रदेश में अभी भी अपनी उपस्थिति मजुती से दर्ज कराने प्रयासरत है . शहर में अगर आम आदमी पार्टी की बात होती है तो जुबान पर एस.के. अग्रवाल और मेहरबान सिंह का नाम आता है . भ्रष्टाचार के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता एस. के. अग्रवाल और मेहरबान सिंह हमेशा अगली पंक्ति में खड़े होते है . पिछले निगम चुनाव (उपचुनाव ) में वार्ड न. 44 से पूर्व नेता प्रकाश जोशी आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे थे और जीत दर्ज कर कांग्रेस में शामिल हो गए .
  हाल ही में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष के रूप में पूर्व कांग्रेसी नेता संजय सिंह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और वार्ड न. 42 से पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे है जिसकी शुरुवात उन्होंने कर दी किन्तु इस चुनावी शुरुवात में दुर्ग शहर के आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरे डॉ. एस.के. अग्रवाल और मेहरबान सिंह के नदारत होने की चर्चा वार्ड में राजनितिक क्षेत्र से जुड़े लोगो में होने लगी .
पार्टी के प्रति संजय सिंह की विश्वसनीयता पर उठाने लगे सवाल ...
 
   वार्ड नंबर 42 से संजय सिंह पूर्व में पार्षद रह चुके है पूर्व कांग्रेसी नेता से यह सीट भाजपा के ही गीते परिवार ने जो एक बार अपने कब्ज़े में की उसके बाद प्रकाश गीते , श्रीमती मनी गीते और फिर प्रकाश गीते की धर्म पत्नी ने चुनावी जीत हांसिल की निर्दलीय प्रत्याशियों की लाबी भी गीते परिवार की लोकप्रियता नहीं रोक सकी ऐसे में एक बार फिर आम आदमी में हुई दरार के साथ संजय सिंह चुनावी मैदान में है ऐसे में देखना यह होगा कि आने वाले समय में चुनावी सीजन जब अपने उफान पर होगा तब क्या आम आदमी के दुर्ग के चेहरे साथ होंगे या फिर में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह अपनी नई टीम के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे ?
  बता दे कि संजय सिंह के नेतृत्व में रविवार को प्रात: 9 बजे सतरूपा शीतला मंदिर में  माँ की पूजा अर्चना कर विजयश्री का आशीर्वाद मांगा। उसके बाद सांई मंदिर में पूजा अर्चना की और विजय श्री का आशीर्वाद  मांगा, पश्चात कसारीडीह स्थीत राम मंदिर में पूजा अर्चना  कर भगवान श्रीराम से दुर्ग के सभी चुनावो में आम आदमी पार्टी के होने वाले प्रत्याशीयों के विजयश्री हेतु भगवान राम की प्रार्थना कर आशीर्वाद मांगा।
  जनसंपर्क दौरे में पार्टी के दुर्ग संभाग प्रभारी घनश्याम चन्द्राकर एवं लोकसभा दुर्ग की अध्यक्ष श्रीमती गीतेश्वरी बघेल ,गुन्डरदेही की पार्टी नेता श्रीमती ममता ध्रुव विशेष रूप से उपस्थित रहकर सभी क्रांतिकारी साथियों को पूरे टाईम प्रोत्साहित करते रहे। 

     रायपुर  / शौर्यपथ /  रामायण के पात्रों के आधार पर राजनेताओं की तुलना पर आपत्ति जताते हुये कांग्रेस ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। रिपोर्ट दर्ज कराने कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल थाने गया था तथा आवेदन देकर इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया।
कांग्रेस के द्वारा दिये गये आवेदन में कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा  vishnu_ka_sushasan इंस्टाग्राम पेज में आईये देखे छ.ग. का रामायण नामक शीर्षक के वीडियो में छ.ग. के वरिष्ठ और सम्मानीत कांग्रेस नेताआें के विरूद्ध आपत्तिजनक विडियो अपलोड कर राजनैतिक विद्वेषवश धर्मिक भावनाआें को आहत करते हुये छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं के विरूद्ध दुर्भावनापुर्ण आशय से नफरत फैलाने, बदनाम करने और सांप्रदायिकता फैलाने तथा छ.ग. और समुचित भारत की जनता के समक्ष अपमानित करने की नीयत से  vishnu_ka_sushasan  इंस्टाग्राम पेज में आईये देखे छ.ग. का रामायण वाली वीडियो में श्री दीपक बैज जी अध्यक्ष-छ.ग. पीसीसी, श्री भूपेश बघेल जी पूर्व मुख्यमंत्री, श्री टी.एस सिंहदेव जी पूर्व उपमुख्यमंत्री, श्रीमती ज्योत्सना महंत जी सांसद, श्री ताम्रध्वज साहू जी पूर्व मंत्री, श्री कवासी लखमा जी पूर्व मंत्री, श्री एजाज ढेबर जी महापौर, श्रीमती उत्तरी जांगडे विधायक-सांरगढ़, सुश्री शकुंतला साहू पूर्व विधायक, के फोटो के बाजू में रामायण के सीरियल में राक्षस की भूमिका अदा करने वाले व्यक्तिओं के बाजू में फोटो लगा कर नाना प्रकार के नाम से उल्लेख करते हुये अपमानीत करने के उद्देश्य से प्रदर्शित करते हुये विडियो अपलोड किया गया है। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने नेताओं को भगवान राम और उनकी सेना का बताते हुये और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और महिलाओं को राक्षस प्रजाति का होना बता कर अपमानित किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेसी महिलाओं के खिलाफ दुर्भावना से अफवाहें फैलाना, नफरत फैलाना और बदनाम करना तथा सांप्रदायिकता फैलाना और आम नागरिकों के धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाया गया है इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी का उक्त कृत्य आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए) और अन्य धाराओं तथा भारतीय न्याय सहिता की धारा 356 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
उपरोक्त विडियो को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता श्री गौरीशंकर श्रीवास ने भी अपने फेसबुक आईडी में पोस्ट किया है जो कि उक्त कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया जाये।
अतः निवेदन है कि उपरोक्त  vishnu_ka_sushasan  इस्ंटग्राम पेज में आईये देखे छ.ग. का रामायण में विडियो अपलोड करने वाले भारतीय जनता पार्टी के व्यक्तियों के विरूद्ध शीघ्र ही अपराध पंजीबद्ध किये जाने और उचित कानूनी/समुचित कार्यवाही किये जाने की कृपा की जाये।
थाने पहुंचने वाले प्रमुख लोगों में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री दीपक मिश्रा, सुबोध हरितवाल, सकलेन कामदार, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, कांग्रेस विधि विभाग अध्यक्ष डॉ. देवा देवांगन, पूर्व महापौर ऐजाज ढेबर, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज पांडे, शारिक रईस खान, सोमेन चटर्जी, नागेन्द्र पाण्डे, दिलीप चौहान, दिनेश तिवारी, बीरेश शुक्ला, आशीष द्विवेदी, प्रभोजोत सिंह लाडी, कमलेश नथवानी, दीपा बग्गा, सुनील कुकरेजा, पंकज मिश्रा, हनी बग्गा, शान्तनु झा, शारिक अनवर, जी श्रीनिवास, प्रगति वाजपेयी, सायरा खान, शबीर खान, पल्लवी सिंह, पूनम पांडे आदि कांग्रेस जन उपस्थित थे।

दुर्ग। शौर्यपथ। निगम चुनाव का आगाज हो चूका है 15 जनवरी के बाद कभी भी आचार संहिता लगने की संभावना है ऐसे मे दावेदारो की फौज अपने अपने पार्टी के आकाओ की परिक्रमा लगाने लगे है. इस बार महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहा है ओबीसी महिला आरक्षित होने से कई प्रबल दावेदार अब अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले सभापति के लिए प्रयासरत है. 

कांग्रेस मे घमासान मचा हुआ है प्रबल दावेदारो मे धीरज बाक़लीवाल, मदन जैन, राजेश यादव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. जिसमे से धीरज बाक़लीवाल और मदन जैन वार्ड आरक्षण के कारण नये वार्ड की तलाश मे है वही राजेश यादव का वार्ड सामान्य घोषित होने से उसी वार्ड से चुनाव की तैयारी कर रहे किन्तु इस वार्ड मे मनीष यादव की दावेदारी राजेश यादव से ज्यादा मजबूत नजर आ रही है वही वार्ड की जनता राजेश यादव के निष्क्रियता से दुरी बनाये हुए है.

  पिछले 5 साल मे वार्ड मे जल जीवन मिशन जैसी बड़ी योजना का लाभ ना दिला पाने के कारण जनता मे रोष है वही वार्ड की सुरक्षा के लिए कई दर्ज़न सी सी टीवी कभी पूर्ण कार्य नहीं करना आम जनता मे चर्चा का विषय है. 

  पिछले 5 सालो मे वार्ड मे निष्क्रिय पार्षद का छाप भी लग चूका है जबकि निगम के सभापति और पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदीप चौबे के करीबी माने जाते है बावजूद इसके संगठन मे और पार्टी मे वो लोकप्रियता हांसिल नहीं कर पाए जिसकी उम्मीद कोंग्रेसी कार्यकर्ताओ को थी सिर्फ मंत्री बँगले और सीएम बँगले के करीबी ही बन पाए. वही सभापति कक्ष से वोरा विरोधी गुट का उदय भी कांग्रेस के पतन का कारण बना. 

इस बार राजेश यादव अगली बार मनीष यादव की....

   पिछले बार के निकाय चुनाव के समय अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चयन होना था तब कांग्रेस की सरकार थी और वार्ड.मे कांग्रेस समर्थक निर्दलीय पार्षद मनीष यादव थे वार्ड मे मनीष यादव सक्रिय एवं लोकप्रिय है इसी का परिणाम रहा की दो बार निर्दलीय जीत दर्ज की और 2019 के निकाय चुनाव मे राजेश यादव के लिए सीट छोड़ी और उनके पक्ष मे 15 साल के वनवास के बाद राजनीती मे आये राजेश यादव को जीत दिलाने अहम् भूमिका निभाई ऐसी भी चर्चा है कि अगली बार के निकाय चुनाव में राजेश यादव वार्ड नंबर 6 से चुनाव ना लड़कर मनीष यादव के लिए प्रयास करेंगे परंतु वर्तमान स्थिति में एक बार फिर राजेश यादव वार्ड नंबर 6 से दावेदारी पेश कर रहे हैं वहीं मनीष यादव ने अपनी दावेदारी पेश कर दी मनीष यादव से चर्चा में यह भी जानकारी मिली है कि अगर मनीष यादव को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलेगी तो वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरेंगे और एक बार फिर आम जनता के लिए कार्य करेंगे ऐसे में देखना यह है कि क्या राजेश यादव अपने राजनीतिक पहुंच का लाभ उठाकर वार्ड नंबर 6 से टिकट लाते हैं और पिछले निकाय चुनाव में हुए समझौते को तोड़ते हुए फिर से कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ते हैं राजनीति में पाल-पाल स्थितियां बदलती हैं ऐसे में वार्ड नंबर 6 में सभी की नजर रहेगी की पुराने वादों को सम्मान दिया जाता है या फिर राजनीतिक पहुंच से टिकट प्राप्त किया जाता है.

     वैसे भी दुर्ग शहर में कांग्रेस की स्थिति आपसी गुटबाजी के चलते काफी बिगड़ चुकी है प्रदेश में सत्ता जाने का कारण भी आपसी गुटबाजी ही रहा और इसी गुटबाजी का परिणाम था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार का पतन हो गया अगर यही गुटबाजी वर्तमान समय में भी जारी रही तो कोई बड़ी बात नहीं कि निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो जाएगा बरहाल वार्ड नंबर 6 से कौन कांग्रेस का प्रत्याशी होगा इस पर वार्ड वासियो सहित राजनीतिक क्षेत्र में जुड़े लोगों की भी नजर रहेगी.

Page 2 of 117

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)