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भिलाई / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के सफलतम दो वर्षों का कार्यकाल व जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई की अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू की सक्रियता से प्रभावित होकर जनता कांग्रेस जे वैशाली नगर विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी का साथ छोड़ते हुए कांग्रेस प्रवेश कर लिया।
जनता कांग्रेस जे के पदाधिकारियों ने जिला अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू से मिलकर आवेदन कर कांग्रेस प्रवेश की इच्छा जाहिर की इनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए। तुलसी साहू ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम से इनके प्रवेश की सहमति लेकर सबको कांग्रेस पार्टी का गमछा पहनाकर विधिवत रूप से कांग्रेस प्रवेश कराया। कांग्रेस प्रवेश करने वालो में धर्मेंद्र वैष्णव, अजय राजपूत, मनोज पाल, संजय चंदेल, वीरेंद्र बंजारे, अंजोरी मधुकर, वीरेंद्र मानिकपुरी, नुमेन्द्र दिवाकर, विनोद नवरंगे, विनोद मोहले, मनीष जांगड़े, मनोज पाल, भारत सेन, लिटेश कुमार, लखन कुमार, नागेश्वर प्रसाद साहू, गोपाल ठाकुर, चंद्रमणी साहू शामिल थे।
कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के पश्चात धर्मेंद्र वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के कुशलतापूर्वक दो वर्षों का कार्यकाल से प्रभावित हुए हैं। दो वर्षों के कार्यकाल में दुर्ग जिला सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास के अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। इसे देखते हुए हम लोग कांग्रेस पार्टी का हिस्सा बनना चाहते थे, अब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में गौरव महसूस कर रहे हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास सचिव विकास तिवारी ने भाजपा के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर के बयान पर हमलावर होते हुए कहा कि भाजपा के कमीशनखोर नेता गण मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम की माँ देवी कौशल्या के जन्म स्थली पर विवादित बयान देकर सनातन धर्म और राम भक्तों का घोर अपमान कर रही ह।ै भगवान राम के नाम से चंदा सकेलने वाले भाजपा नेता हिंदू धर्म और सनातन धर्म को अपनी जागीरदारी समझने लगे हैं और अहंकार में उलजुलूल बयान बाजी कर हिंदू धर्म का खुला अपमान कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि इतिहासकारों के अनुसार सागर विश्वविद्यालय के प्रो. केडी वाजपेयी ने बिलासपुर के पास कोसला में सिक्के मिलने पर उसे कोसल की राजधानी बताया है। साथ ही वर्ष 1975 में प्रो. रमेन्द्र नाथ मिश्र ने चंद्रखुरी में कौशल्या मंदिर की खोज की। उसके बाद कथाओं और किवदंतियों के आधार पर चंद्रखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली माना जाने लगा है। इसके बावजूद भी भाजपा के द्वारा पूर्व मंत्री द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता देवी कौशल्या के बन रहे भव्य मंदिर और जन्म स्थल को विवादित करने का काम किया जा रहा है जिससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पंद्रह सालों की सत्ता जाने के बाद दिमागी दिवालियापन के शिकार हो चुके हैं एवं कमीशनखोरी बंद होने के कारण उनकी स्थिति विक्षिप्त जैसी हो चुकी है जिसके कारण वह सनातन धर्म और हिंदू धर्म विरोधी बयान बाजी कर रहे हैं कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान से सहमत हैं और क्या यह माना जाए कि कौशल्या माता की जन्म स्थली को विवादित करने वाला बयान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा सहमति के बाद दिया गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जो लोग कल तक राम के नाम पर चंदे और वोटों के धंधे का कारोबार करते थे आज माता कौशल्या के जन्म स्थान पर प्रश्न खड़ा करके उनके अस्तित्व को ही नकार रहे हैं।
आज एक समाचार चैनल में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने यह बयान दिया है कि माता कौशल्या का जन्म चंदखुरी में नहीं हुआ था, बहुत संभव है कल को अजय चंद्राकर यह भी दावा कर दें कि प्रभु राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, विष्णु देव साय से यह पूछा है क्या अजय चंद्राकर के उक्त बयान में इन तीनों की सहमति भी शामिल है? माता कौशल्या के जन्म स्थान पर सवाल खड़ा करके भारतीय जनता पार्टी ने दरअसल छत्तीसगढ़ के विद्वान इतिहासकारों की विद्वता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी जाहिर कर दिया है कि माता कौशल्या के प्रति उनके मन में कितनी आस्था है। डॉ रमन सिंह को प्रदेश की जनता को यह जवाब देना चाहिए कि क्या माता कौशल्या के प्रति भाजपा के मन में आस्था नहीं रहने के कारण ही अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने चंदखुरी स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया? सत्ता जाने के बाद से 15 वर्षों तक कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त रही भारतीय जनता पार्टी के लोग अब मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं और उनका हिन्दू धर्म विरोधी चेहरा भी सामने आने लगा है। राज्य की भूपेश बघेल सरकार जिस तरीके से छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपरा को स्थापित करने का प्रयास कर रही है और माता कौशल्या के वैभव को पुनर्स्थापित कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। इसको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के छाती पर सांप लोट रहा है। अपने आपको हिंदू धर्म का ठेकेदार बताने वाली पार्टी के नेता अब इस बात से विचलित हैं की माता कौशल्या का वैभव अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूपेश बघेल सरकार स्थापित कर देती है तो फिर छत्तीसगढ़ में भाजपा का धर्म का धंधा और चंदे की दुकान दोनों बंद हो जाएगी। अन्यथा क्या वजह है कि अजय चंद्राकर का यह दिव्यज्ञान पिछले 15 वर्षों में सत्ता के रहते हुए कभी नहीं आया। भूपेश बघेल की सरकार बनने के 2 वर्षों में भी कभी नहीं आया। आज जब राम वन गमन पथ पर 2 ऐतिहासिक रथ यात्रा निकली और प्रदेश की जनता अपने भांजे प्रभु राम की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़ी तब भारतीय जनता पार्टी की बौखलाहट साफ सामने आ गई और अजय चंद्राकर जैसे वरिष्ठ नेता अब माता कौशल्या की जन्म स्थली पर सवाल उठाकर संभवत उनके अस्तित्व को ही नकार रहे हैं। सवाल तो यह भी उठता है कि अगर माता कौशल्या के अस्तित्व पर भाजपा सवाल उठा रही है तो फिर प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल अपने आप खड़े हो जाते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से यह मांग की है कि माता कौशल्या और प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले भाजपा नेता के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करें। भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं को प्रदेश की जनता से इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, विष्णु देव साय सहित प्रदेश के भाजपा नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए सवाल दागे हैं। राजेंद्र ने कहा कि प्रदेश के भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार बयान दिया जा रहा है कि प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किये गए वायदों को पूरा होते देखना चाहती है। भाजपा नेताओं का बयान पूरी तरह हास्यास्पद है।
राजेंद्र ने कहा कि डॉ. रमन सिंह समेत सभी भाजपा नेता बताएं कि 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा किए गए कितने वायदों को तत्कालीन रमन सरकार ने पूरा किया। यह भी बताएं कि तीन-तीन विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 15 साल छत्तीसगढ़ सरकार चलाने वाली भाजपा कितने वादों से पूरी तरह मुकर गई।
राजेंद्र ने कहा कि 2100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, किसानों की कर्ज माफी, 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों को बोनस, आदिवासी परिवारों को गाय देने, किसानों को 5 हार्स पावर तक बिजली माफ, अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों को दो हेक्टेयर जमीन देने सहित अनेक वायदे किए गए थे, लेकिन इन वायदों को रमन सरकार के साथ-साथ भाजपा के संगठन नेता भी भूल गए।
राजेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि जनता का हित करने की बजाय चावल घोटाला, बिजली बिल में बढ़ोतरी, आदिवासियों की जमीन को उद्योगपतियों को देना, अनुसूचित जाति के आरक्षण को घटाने का काम भाजपा सरकार ने किया। 15 साल तक प्रदेश की खनिज, वन संपदा का दोहन होने के साथ ही जमकर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का खेल होता रहा।
इसी तरह केंद्र की भाजपा सरकार ने भी चुनाव के पहले किए गए वायदों को पूरा नहीं किया। 15 लाख रुपए हरेक नागरिक के खाते में जमा होने, दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने, किसानों की आय दुगुना करने, महंगाई कम करने, महिलाओं को सुरक्षा देने सहित कई वायदों के बल पर सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा नेता इन वायदों को भूलते रहे।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री साहू ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए गए अधिकांश वायदे मात्र दो साल में ही पूरा कर दिये हैं। किसानों की कर्ज माफी, बिजली बिल हाफ, 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों से वापस लेने, चिटफंड कंपनी से पैसा वापस दिलाने, गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदी, नदी-नालों और तालाबों के उन्नयन, राम वन गमन पथ का निर्माण सहित अनेक घोषणाओं को भूपेश सरकार ने पूरा कर दिखाया है।
राजेंद्र ने कहा कि रमन सरकार द्वारा चुनावी वायदों को पूरा न करने और बार-बार वायदों से मुकरने के कारण ही जनता ने 2018 के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया। आम जनता अच्छी तरह समझ चुकी है कि सिर्फ दो साल के कार्यकाल में अधिकांश वायदों को पूरा करने वाली सरकार ही छत्तीसगढ़ की हितैषी सरकार है। आम जनता के पास भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल का पूरा हिसाब किताब भी है। भाजपा नेता छत्तीसगढ़ की जनता को अपने बयानों से गुमराह करने की कोशिश न करें।
भिलाई में भसीन या शंकरलाल देवांगन तो दुर्ग में दिनेश देवांगन या देवेन्द्र चंदेल के नामों पर लग सकती है मुहर या अरुण सिंह पर संगठन खेलेगा दाव
दुर्ग / शौर्यपथ / भाजपा संगठन में भिलाई-दुर्ग के भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर राजनीति में उबाल आ गया है। इसके लिए लोकसभा सांसद विजय बघेल और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय अपने-अपने समर्थकों के माध्यम से आमने-सामने आ गए हैं। करीबी की ताजपोशी के लिए दोनों नेताओं के बीच गुटीय संघर्ष के हालातों पर जिले भर की राजनीतिक निगाहें टिकी हुई है।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के भिलाई व दुर्ग जिला संगठन के अध्यक्षों की नियुक्ति 15 दिसंबर से पहले कर दिए जाने का संकेत देने के बाद भाजपा की स्थानीय राजनीति में मौसम की ठंडकता के बावजूद गरमाहट भर आई है। अब तक जो सियासी चर्चा सरगर्म है उसके मुताबिक संगठन में अपने समर्थक को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाने लोकसभा सांसद विजय बघेल और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इसके साथ ही दोनों नेताओं के समर्थकों की निगाह प्रदेश भाजपा कार्यालय से होने वाली अधिकृत घोषणा पर टिकी हुई है। हालांकि इस बार के हालात के अनुसार वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन को भिलाई भाजपा की कमान मिल सकती है। राजनीति के जानकारों की मानें तो पिछले निगम चुनाव में जिस तरह से भसीन को महापौर प्रत्याशी बनाकर भाजपा के प्रदेश संगठन ने स्थानीय नताओं के गुटीय संघर्ष पर विराम लगाया था। वैसा ही निणय भिलाई जिलाध्यक्ष बनाने में भी लिया जा सकता है। वैसे देखा जाये तो बसीं के लिए जिलाध्यक्ष की खुर्सी इतनी आसान ही नहीं है निष्क्रियता का आरोप हमेशा से भसीन पर लगता रहा है जबकि भाजपा को इस समय ऐसे जिलाध्यक्ष की जरुरत है जो सक्रीय रहे और जमीनी स्तर से कार्यकर्ताओ के साथ समन्वय बना कर चले किन्तु भसीन के जिलाध्यक्ष बन्ने से जमीनी कार्यकर्ताओ में कही ना कही हताशा हो सकती है किन्तु किस्मत के धनी माने जाने वाले भसीन पर भी संगठन अपना दाव लगा सकती है . वैसे अभी तक भिलाई भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए सरोज गुट से खिलावन सिंह साहू और विजय खेमे से शंकरलाल देवांगन की दावेदारी चर्चे में है। इसी तरह दुर्ग जिला अध्यक्ष के लिए सरोज खेमा दिनेश देवांगन के नाम को सहमति दिलाने का प्रयास कर रहा है। जबकि विजय बघेल की ओर से देवेन्द्र सिंह चंदेल का नाम आगे किए जाने की चर्चा है। इस बीच यह भी चर्चा सरगर्म है कि प्रदेश संगठन भाजपा के दोनों दिग्गजों के बीच एक-एक जिला अध्यक्ष का बंटवारा कर सकता है। ऐसी स्थिति में भिलाई संगठन विजय बघेल को देकर दुर्ग में सरोज पांडेय की पसंद पर अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाओं को लेकर चर्चा सरगर्म है।
वही दुर्ग जिलाध्यक्ष के लिए भाजपा के कई कार्यकर्ता वार्ड न. 21 के पार्षद अरुण सिंह को भी देखना चाहते है वैसे तो अरुण सिंह निर्दलीय पार्षद के रूप में विजयी हुए है कीनू वर्तमान समय में भी भाजपा के सक्रीय कार्यकत्र्ता है और विजय गुट से सम्बन्ध रखते है . युवाओं में अरुण सिंह को ज्यादा पसंद किया जाता है हिन्दू युवा मंच के द्वारा कई मौको पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर चुके अरुण सिंह धमधा टोल नाका के आन्दोलन के लिए जाने जाते है संगठन चलाने की कला में माहिर अरुण सिंह युवा जोश से भरपूर है और युवाओं की बहुत बड़ी फौज उनके साथ है वर्तमान समय में दुर्ग जिला भाजपा को जिस तरह का तेज तर्रार अध्यक्ष चाहिए उसके लिए अरुण सिंह से बेहतर कोई नहीं किन्तु दुर्ग में सरोज पाण्डेय के चुने हुए प्रत्याशी ( निगम चुनाव ) संजय सिंह के सामने निर्दलीय मैदान में उतर कर और रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर पार्षद बने अरुण सिंह के लिए इस अध्यक्ष की खुर्सी के लिए सबसे बड़ी दीवार सरोज पाण्डेय के रूप में है अगर अरुण सिंह को सरोज पाण्डेय का समर्थन मिल गया तो दुर्ग जिला अध्यक्ष बनने के सभी रस्ते अरुण सिंह के लिए आसान हो जायेंगे और दुर्ग भाजपा एक बार फिर नए रूप में विपक्ष की मजबूत भूमिका में नजर आएगी किन्तु राजनीती में ये बदलाव आसान नहीं है वही यह भी कह सकते है कि राजनीती में सब संभव है जहां सारी अटकले धराशायी हो जाती है वही एक निष्क्रिय या नया चेहरा भी मैदान में नजर आ जाता है . देखना यह है कि संगठन किस नजरिये से जिलाध्यक्ष के चुनाव में सफलता हांसिल करता है क्योकि गुटीय राजनीती से उबरना वर्तमान समय में प्रदेश की और दुर्ग की राजनीती के लिए संगठन की सबसे बड़ी चुनौती है .
गौरतलब रहे कि तकरीबन डेढ़ साल से भाजपा के संगठन जिला भिलाई और दुर्ग के नये अध्यक्ष चयन का मामला लंबित है। इसके लिए बड़े नेताओं की अपने करीबी समर्थकों की राजपोशी सुनिश्चित कराने के लिए मची खींचतान को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है। मौजूदा राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाडेंय के वर्ष 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के साथ ही भिलाई व दुर्ग के भाजपा संगठन में उनका वर्चस्व कायम रहा है। इस बार भी सरोज समर्थक दोनों संगठन जिलों में अपना अध्यक्ष बनाने कोई कसर छोड़ते नहीं दिख रहे हैं। लेकिन इस बार समीकरण काफी बदल सा गया है। सरोज गुट को लोकसभा सांसद विजय बघेल समर्थकों से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि संगठन चुनाव के तहत बूथ और मंडल अध्यक्षों की चयन सूची सार्वजनिक होते ही लोकसभा सांसद विजय बघेल ने खुलकर विरोध जताया था। विजय बघेल को पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, श्रीमती रमशीला साहू, विधायक विद्यारतन भसीन और पूर्व विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा के साथ-साथ उनके समर्थकों का स्वस्फूर्त समर्थन मिला। विजय बघेल ने सदस्यता अभियान और बूथ व मंडल अध्यक्षों के चयन प्रक्रिया को फर्जी करार देते हुए प्रदेश व राष्ट्रीय संगठन तक शिकायतें की। जिसके बाद भिलाई व दुर्ग जिलाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को टाल दिया गया। लगभग डेढ़ साल से भिलाई और दुर्ग जिला संगठन अपने कार्यकाल खत्म कर चुके अध्यक्षों के नेतृत्व में ही सांगठनिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
अब जब 15 दिसंबर तक नये जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाने की चर्चा है तो भाजपा की स्थानीय गुटबाजी को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आम सहमति बनाना राजधानी के बड़े नेताओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
भिलाई /शौर्यपथ / भिलाई की भलाई के पोस्टर इन दिनों टाउनशिप और नेशनल हाईवे पर बहुतायात संख्या में दिखने शुरू हो गये हेेै। महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव जहां अपना महापौर का कार्यकाल आगामी जनवरी में पूरा करने जा रहे हैंऔर वहीं विधायक का 11 दिसंबर को दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। महापौर रहने के दौरान उनके द्वारा किये गये तमाम कार्यों को भिलाई की भलाई के पोस्टर इन दिनो अच्छे खासे चर्चे में है। जैसे उदाहरण के तोर पर पावर हाउस में मदर मार्केट निर्माण सहित अन्य कार्य चर्चा का विषय बने हुए है। कुछ माह पहले भाजपा के पार्षद ये सवाल उठाते फिर रहे हैं कि महापौर देवेन्द्र यादव अपने पांच साल में पांच कार्य तो ऐसा बता दे जो उन्होंने किया है। देवेन्द्र ने भाजपाई पार्षदों को अपने इस होर्डिंग्स के माध्यम से बता दिया कि भिलाई के भलाई के लिए उनके द्वारा पांच सालों में किये गये विकास कार्य के पोस्टर भाजपा पार्षद स्वयं अपनी आंखों से देख लें। श्री यादव भिलाई की भलाई, भिलाई के गोठ जैसे कई अभियान चलाकर क्षेत्र की जनता के बीच लगातार लोकप्रियता हासिल करते जा रहे हैं, जिसे भाजपा पार्षद व भाजपा से जुडे तमाम नेता उनकी बढती लोकप्रियता को पचा नही पा रहे हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने किसानों के आंदोलन को माओवादियों से जोड़ने के भाजपा नेताओं के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है। राजेंद्र ने कहा कि यह देश के अन्नदाताओं का अपमान है। देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को भाजपा द्वारा दूसरी दिशा में मोड़कर देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। यह किसानों का भी अपमान है और देश की जनता का भी अपमान है।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 6 साल में जीएसटी, नोटबंदी, हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार, हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा होने, महंगाई, महिला सुरक्षा, किसानों की आय दोगुना करने सहित हर मामले में पूरी तरह विफल रही है। आम जनता को इन मुद्दों से भटकाने के लिए भाजपा नेता पूर्व में भी अनर्गल बयानबाजी करते रहे हैं। अब उन्होंने किसानों को निशाना बनाया है।
भाजपा नेताओं के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राजेंद्र ने केंद्र सरकार के रवैये पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा नेता किसानों का हित चाहते तो हठ धर्म अपनाने की बजाय सकारात्मक माहौल में किसानों से बातचीत करते। किसानों के आंदोलन को आतंकवाद या माओवाद से जोड़ना न सिर्फ करोड़ों किसानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी इस कृत्य की कड़ी निंदा करती है।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेता नए कृषि बिल को किसानों के लिए लाभदायक बता रहे हैं लेकिन आज तक कोई भी भाजपा नेता यह नहीं बता पाया है कि किसानों को इस कानून से कैसे इसका लाभ मिलेगा। अगर कानून लाभदायक होता तो किसान अपना घर-बार, परिवार और अपने खेत छोड़कर आंदोलन करने नहीं आते। भाजपा नेता यह बताने में पूरी तरह विफल हैं कि किसान कहां अपनी फसल बेचेंगे तो उन्हें बेहतर दाम मिलेगा।
राजेंद्र ने आगे कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में बड़ा फर्क इसी बात से देखा जा सकता है कि एक ओर यह कहा जा रहा है कि किसान कहीं भी अपनी उपज बेच सकते हैं। दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दूसरे प्रदेश से फसल आने पर फसल के साथ वाहन को जब्त करने की बात कर रहे हैं। कृषि बिल को मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ही नहीं मान रही है।
दुर्ग / शौर्यपथ / कृषि बिल के विरोध में दिल्ली से लगे सीमा में लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है वही कृषि बिल को किसानो के हित की रक्षा करने वाला बताने की कोशिश देश भर के भाजपा नेता ब्लाक स्तर से लेकर जिले स्तर पर कर रहे है कृषि बिल को किसानो के हितैषी वाला बताने के लिए किये गए प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कृषि सुधार कानून किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं आय में वृद्धी के लिए बनाया गया है। किसानो के साथ वर्षो से हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए ही केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि बिल लाया है जिस पर कुछ अराजक लोगो द्वारा और टुकड़े टुकड़े गैंग द्वारा भ्रान्तिया फैलाई जा रही है . कृषि बिल के आड़ में खालिस्तान के नारे लगना ही इसका प्रयाप्त प्रमाण है कि यह आन्दोलन किसानो की आड़ में टुकड़े टुकड़े गैंग कर रही है . जबकि देश भर के किसान इस बिल का समर्थन कर रहे है . किसानो से बात करने का प्रयास और कुछ संसोधन का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किये जाने की बात को भी सिरे से नकारना और कृषि बिल कानून को वापस करने की मांग तथाकथित संगठनों द्वारा किया जा रहा है जबकि केंद्र की सरकार किसानो के साथ है और उनके साथ वर्षों से हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए भी यह कानून बहुत ही कारगर है।
लेकिन यह ऐतिहासिक सुधार कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को शायद रास नहीं आया इसलिए उन्होंने किसानों के बीच बिल के बारे में भ्रांतियां फैला कर देश के किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है। पत्रकारवार्ता में सरोज पांडेय ने कहा कि किसान हमारे देश की रीढ़ है और उनके सम्मान के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कृषि का इस देश की जीडीपी में योगदान बढ़िया सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। यह कानून किसानों के हित के लिए है और पूरे देश में इसका स्वागत हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे बड़ा सवालिया निशान एमएसपी पर उठाया जा रहा है सरकार ने बिल्कुल साफ साफ शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि पहले भी था आज भी है और कल भी जारी रहेगा ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी फसलों का समर्थन मूल्य लागत से 50 प्रतिशत ज्यादा पहुंच गया है। लेकिन जिस तरह से यह आंदोलन चलाया जा रहा है।
इसमें कुछ लोग जो नहीं चाहते कि देश हित के साथ किसानों का भला हो जिन्हें आप टुकड़े-टुकड़े भी कह सकते हैं। सरोज पांडेय ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि दिल्ली में जो किसान आंदोलन चल रहा है उसमें कुछ बाहरी ताकतें है जो देश में शांति नहीं चाहते और देशहित पर कुठाराघात करना चाहते हैं। वह लोग इस बिल के खिलाफ बैठे हुए हैं। वहीं सरोज पांडेय ने यह भी कहा कि यदि बिल से इतनी ही परेशानी थी तो जब यह बिल लोकसभा में लाया गया और राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए तब लोगों ने उस समय मांग क्यों नहीं की और अब यह बिल वापस लेने के लिए कहा जा रहा है। निश्चित तौर पर विपक्ष की एक बहुत बड़ी साजिश है। सरोज पांडे ने यह भी कहा कि इस बिल के माध्यम से किसानों को यह सुविधा भी दी गई है कि फसल उगाने से पहले किसान अपने कृषि उपज का दाम तय कर सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी साथ ही किसानों का भुगतान एक निश्चित समय अवधि पर नहीं करने पर खरीदार पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है। पत्रकारवार्ता में सरोज पांडेय के साथ नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा,जिला अध्यक्ष भाजयुमो दिनेश देवांगन,प्रवक्ता सतीश समर्थ सहित बड़ी संख्या में भाजपाई उपस्थित थे।
बेमेतरा / शौर्यपथ / केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के मसले पर भारतीय जनता पार्टी अब फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में है. पार्टी देश के अलग-अलग जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपालों का आयोजन कर कृषि कानून के फायदे गिनाएगी.इसी को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय बेमेतरा में दोपहर 12.30 बजे प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा कृषि बिल के समर्थन में प्रेस वार्ता करेंगे। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी सहित जिले के वरिष्ठ नेतागण भी उपस्थित रहेंगे। उपरोक्त जानकारी देते हुए भाजपा जिला महामंत्री विकास धर दीवान ने जिले से सम्बंधित समस्त प्रदेश,जिला,मण्डल पदाधिकारी,सभी मोर्चाओं के पदाधिकारी,जिला पंचायत,जनपद पंचायत,नगर पालिका व नगर पंचायत के जनप्रतिनिधिगण एवं समस्त कार्यकर्ताओं को उपस्थित रहने की अपील की है।