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खेल /शौर्यपथ / ''मेरे क्रिकेट करियर में सौरव गांगुली की भूमिका सबसे बड़ी थी। एक समय में मैं ऐसे मोड़ पर था, जब मुझे समझ नहीं आता था कि कौन मेरे साथ है, क्योंकि लोग मेरे सामने कुछ कहते थे और पीछे कुछ।''
हरभजन सिंह अपने करियर में कई कप्तानों के साथ खेले हैं। दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन ने मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में डेब्यू किया। वह सौरव गांगुली के नेतृत्व में टीम के नियमित सदस्य बने। हरभजन 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 के विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में सदस्य रहे। 2007 के वनडे विश्व कप में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया पहले ही चरण में बाहर हो गई थी। कई कप्तानों के साथ खेलने वाले हरभजन सिंह का कहना है कु उनके करियर में सबसे ज्यादा प्रभाव सौरव गांगुली का रहा है। उन्होंने ही मुझे गेंदबाजी की छूट दी और निडर स्पिनर बनाया।
हरभजन सिंह इंडियन प्रीमियर लीग में अनिल कुंबले, विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी में भी खेले। हरभजन पर किस कप्तान का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा? जब उनसे यह पूछा गया तो 39 साल के भज्जी ने सौरव गांगुली का नाम लिया।
भज्जी ने आकाश चोपड़ा के साथ एक यूट्यूब चैनल पर कहा, ''मेरे क्रिकेट करियर में सौरव गांगुली की भूमिका सबसे बड़ी थी। एक समय में मैं ऐसे मोड़ पर था, जब मुझे समझ नहीं आता था कि कौन मेरे साथ है, क्योंकि लोग मेरे सामने कुछ कहते थे और पीछे कुछ।''
उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन सौरव गांगुली ने उस वक्त मेरा समर्थन किया, जब मेरे पास किसी का समर्थन नहीं था।'' हरभजन ने आकाश चोपड़ा के आकाशवाणी प्रोग्राम में बातचीत के दौरान कहा, ''चयनकर्ता मेरे खिलाफ थे। उन्होंने बहुत-सी बातें मेरे सामने कीं, जिन्हें मैं नहीं बता सकता। मेरे लिए गांगुली की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। यदि वह कप्तान न होते तो मैं कह नहीं सकता कि दूसरा कप्तान मुझे सपोर्ट करता या नहीं।''
हरभजन ने कहा, ''अगर सौरव गांगुली नहीं होते तो मैं कभी 100 टेस्ट नहीं खेल पाता।'' हरभजन ने कहा, ''गांगुली हमेशा गेंदबाजों के साथ खड़े रहे। वह गेंदबाजों को मर्जी से गेंदबाजी की छूट देती थे।'' उन्होंने कहा, ''यदि आप कैच पकड़ने के लिए 4-5 फील्डर सामने चाहते हैं तो गांगुली वही करते थे। कभी-कभी वह वनडे में 6-7 ओवर फिंकवाते। मैं उनका शुक्रिया अदा करते। उन्होंने मुझे एक अच्छे गेंदबाज के रूप में तैयार किया। उनकी वजह से ही मैं साहसी और भरोसे का निडर स्पिनर बन पाया।''
खेल / शौर्यपथ / पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का मानना है कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने यदि अपने करियर के दौरान तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी की होती तो वह कई रिकॉर्ड तोड़कर एक बेहतरीन बल्लेबाज साबित होते। गंभीर ने कहा,“संभवत विश्व क्रिकेट ने एक महत्वपूर्ण चीज खोई है और वह है धोनी का तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी नहीं करना। यदि धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी नहीं की होती और तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी की होती तो शायद दुनिया को बिलकुल अलग तरह का खिलाड़ी देखने को मिलता। ऐसा कर धोनी ने ढेरों रन बनाए होते और कई रिकॉर्ड तोड़े होते। यदि धोनी ने भारत की कप्तानी नहीं की होती और तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते तो वह विश्व में सबसे रोमांचक क्रिकेटर होते।”
बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर ने कहा, “संभवत: मैं धोनी को चुनना पसंद करूंगा। सपाट पिचों पर धोनी का तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करना और अब विश्व क्रिकेट में जिस तरह की गेंदबाजी का स्तर है। श्रीलंका, बंगलादेश, वेस्टइंडीज की टीम की ओर देखने से लगता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मौजूदा स्तर के हिसाब से धोनी ने कई रिकॉर्ड तोड़े होते।”
धोनी ने वर्ष 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के साथ ही खुद को भारतीय क्रिकेट की सभी पीढ़ियों के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक के रूप में स्थापित किया है। धोनी ने जब अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी तो उनकी पहचान देश में असाधारण प्रतिभा वाले एक गैर-परंपरागत बल्लेबाजी तकनीक वाले खिलाड़ी के रूप में होती थी।
धोनी ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाया था। पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में खेले गए वनडे में धोनी ने तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 123 गेंदों का सामना कर 15 चौकों और चार छक्कों की मदद से 148 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी। धोनी ने अपने करियर में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 82.75 के औसत से 993 रन बनाये थे।
धोनी ने इसके बाद शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी करना छोड़ दिया और क्रिकेट के सभी प्रारूपों में टीम इंडिया की कप्तानी संभालने के बाद खुद को क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में स्थापित किया। अपनी शानदार रणनीति और विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर धोनी ने फिनिशर के तौर पर भारत को कई मैचों में यादगार जीत दिलाई है। हालांकि धोनी के साथी खिलाड़ी रहे गंभीर का मानना है कि धोनी तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी कर अपने करियर में अधिक रन बना सकते थे।
उल्लेखनीय है कि धोनी को क्रिकेट की दुनिया में अब तक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में गिना जाता है। वनडे में कप्तान के तौर पर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में धोनी दूसरे नंबर पर हैं। दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी ने 200 वनडे में टीम इंडिया की कप्तानी की है और 6641 रन बनाए हैं।
धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 2007 में पहले आईसीसी टी-20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप में जीत दिलाई है। इसके अलावा टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी। धोनी की ही कप्तानी में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष रैंकिंग हासिल की थी।
खेल / शौर्यपथ / टीम इंडिया के लिमिटेड ओवर्स के उपकप्तान सोशल मीडिया पर अपनी हाजिर जवाबी के लिए जाने जाते हैं। कोरोना वायरस की वजह से सभी क्रिकेट गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है। आईपीएल 2020 भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है। देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान क्रिकेटरों ने भी घर में परिवार के साथ वक्त बिताया। इस दौरान ये क्रिकेटर सोशल मीडिया पर भी बराबर बने रहे। लॉकडाउन के दौरान रोहित शर्मा भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव नजर आए। इस दौरान उन्होंने कई बार अपने साथी खिलाड़ियों को भी ट्रोल किया।
कुछ दिन पहले युजवेंद्र चहल को ट्रोल करने के बाद इस बार रोहित शर्मा ने अजिंक्य रहाणे की ट्रोलिंग की। दरअसल, अजिंक्य रहाणे लैपटॉप के सामने बैठे हुए अपनी एक तस्वीर शेयर की, जिस पर रोहित शर्मा ने उनकी खिंचाई कर दी।
अजिंक्य रहाणे ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन दिया- ''हर दिन मैं कुछ समय अपने लिए निकालता हूं जहां मैं कुछ चीजों के बारे में सोचता हूं, उन्हें लिखता हूं और कुछ पुरानी तस्वीरें देखता हूं। यह मेरे दिमाग को शांत रखने में मदद करता है।''
रहाणे की पोस्ट पर जवाब देते हुए रोहित शर्मा ने लिखा, ''सच में भाई। तुम्हें जितना जल्दी हो सके खेलना शुरू कर देना चाहिए।'' इस पर अजिंक्य रहाण ने कहा, ''क्रिकेट शुरू होते ही हम भी शुरू।''
बता दें कि भारत के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा है कि वह चोट से उबरकर वापसी की तैयारी में थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं कर सके और अब उन्हें राष्ट्रीय टीम में लौटने से पहले फिटनेस टेस्ट पास करना होगा। रोहित को फरवरी में न्यूजीलैंड दौरे के बीच से ही स्वदेश लौटना पड़ा था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी उन्हें आराम दिया गया था। हालांकि, तीन मैचों की वनडे सीरीज पहला मैच बारिश की वजह से धुल गया था। इसके बाद कोरोना वायरस की वजह से दोनों बचे हुए मैच रद्द कर दिए गए थे।
खेल / शौर्यपथ / भारतीय क्रिकेट में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हुए हैं। सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, सुनील गावस्कर युवराज सिंह, अनिल कुंबले, वीवीएस, लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ ऐसे ना जाने कितने ही नाम हैं। सचिन तेंदुलकर को ऑल टाइम बेस्ट माना जाता है। मौजूदा दौर में भी भारत के पास विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज बल्लेबाज हैं। कोरोना वायरस की वजह से सभी क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी हुई हैं। लॉक डाउन की वजह से क्रिकेटर्स घर में परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं। इसी के साथ सोशल मीडिया के जरिये अपने फैन्स के जुड़े रहने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच बहुत से क्रिकेटर सोशल मीडिया पर अपनी-अपनी ऑल टाइम इलेवन भी बना रहे हैं।
घरेलू क्रिकेट में वसीम जाफर भारत के बेस्ट बल्लेबाज माने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने भी सोशल मीडिया पर इंडिया ऑल टाइम वनडे इलेवन का ऐलान किया। जाफर ने सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली को ओपनर के रूप में चुना है। इन दोनों की अपने समय में अच्छी साझेदारियां रही हैं। हालांकि, उन्होंने इस टीम में वीरेंद्र सहवाग को नहीं चुना जिस पर हरभजन सिंह ने हैरान जताई है।
वसीम जाफर ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ऑल टाइम वनडे इलेवन के बारे में बताया। जाफर की ऑल टाइम वनडे इलेवन में इन खिलाड़ियों को जगह मिली- सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव, रवींद्र जडेजा या हरभजन सिंह, अनिल कुंबले, जहीर खान, जसप्रीत बुमराह।
जाफर की इस ऑल टाइम वनडे इलेवन पर भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हैरानी जताई, क्योंकि जाफर की टीम में वीरेंद्र सहवाग नहीं हैं। हरभजन ने जाफर के ट्वीट पर सवाल करते हुए पूछा- सहवाग नहीं?
बता दें कि सहवाग को अपनी पीढ़ी का सबसे विस्फोटक बल्लेबाज माना जाता है। तकनीकी रूप से मजबूत नहीं कहे जाने के बावजूद भी उनके हाथों और आंखों के बीच गजब का तालमेल था। उन्होंने भारत के लिए यादगार पारियां खेली हैं। सहवाग ने भारत के लिए 251 वनडे, 19 टी-20 मैच खेले हैं।
उन्होंने वनडे में उन्होंने 8273 और टी-20 में 394 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 23 शतक और 32 अर्द्धशतक लगाए। सहवाग पहले भारतीय क्रिकेटर थे, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया था। उन्होंने टेस्ट में दो तिहरे शतक लगाए हैं। करुण नायर तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय हैं। अक्टूबर 2015 में 'नजफगढ़ के नवाब' के नाम से मशूहर सहवाग ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
खेल / शौर्यपथ / वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर कर सनराइजर्स हैदाराबाद टीम में नस्लवाद के आरोप लगाए हैं। पिछले हफ्ते सैमी 'कालू' शब्द का मतलब जानने के बाद काफी गुस्से में आ गए थे। उन्होंने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान मुझे और श्रीलंका के क्रिकेटर थिसारा परेरा को 'कालू' कहा जाता था। हम दोनों उस वक्त सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते थे। अब मुझे इस शब्द का मतलब समझ आया है और मैं बहुत गुस्से में हूं। हालांकि, उस वक्त उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया था।
अब डेरेन सैमी ने नस्लवाद के मुद्दे को लेकर एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा है कि मैं उन सभी लोगों को एक संदेश देना चाहता हूं, जो मेरे लिए इस शब्द का इस्तेमाल करते थे।
इंस्टाग्राम पर शेयर वीडियो में सैमी ने कहा, ''मैंने पूरी दुनिया में क्रिकेट खेला है और मुझे कई लोगों से प्यार मिला है। मैंने सभी ड्रेसिंग रूम को अपनाया है, जहां मैंने खेला है। इसलिए मैं हसन मिन्हाज को सुन रहा था कि कैसे उनकी संस्कृति के कुछ लोग काले लोगों का वर्णन करते हैं। ''
उन्होंने कहा, ''यह सब लोगों पर लागू नहीं होता है। इसलिए मैंने जब इस शब्द का मतलब जाना तो मैंने कहा था कि मैं गुस्से में हूं। इस शब्द का अर्थ का पता लगा तो मुझे यह अपमानजनक लगा था। तुरंत मुझे याद आया जब मैं सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेला था, तब मुझे ठीक वही शब्द कहा जा रहा था जो हमें काले लोगों के लिए अपमानजनक है।''
सैमी ने कहा कि मुझे जब यह शब्द कहा जाता था, तब मैं इसका मतलब नहीं जानता था। उनकी टीम के साथी उन्हें हर बार उस नाम से पुकारते थे और हंसते थे। उन्होंने कहा, मैं उन लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि तुम लोग जानते हो कि तुम कौन हो। मुझे उस समय स्वीकार करना चाहिए था, जब मुझे वह शब्द कहा जाता था। लेकिन मुझे लगा कि इस शब्द का अर्थ मजबूत या इससे ही जुड़ा हुआ कुछ है। मैं नहीं जानता था कि इसका क्या मतलब है। जब भी मेरे लिए वह शब्द इस्तेमाल किया जाता था, तब वहां हंसी का माहौल होता था। मुझे लगता था कि टीममेट्स हंस रहे हैं तो शायद इसमें कुछ फनी होगा।''
डेरेन सैमी ने कहा, ''अब मुझे अहसास हुआ कि यह अपमानजनक था। मैं आप लोगों को मैसेज करूंगा और आप लोगों से पूछूंगा कि जब आप लोग मुझे उस नाम से बुलाते थे तो क्या आप लोगों का मतलब गलत होता था? मेरे सभी ड्रेसिंग रूम्स में बहुत अच्छी यादें हैं। इसलिए जो लोग भी मुझे इस शब्द से बुलाते थे, वे इस बारे में सोचना। इस पर बात करते हैं कि क्या यह आप गलत अर्थों में बोलते थे, अगर हां तो मैं बहुत निराश होऊंगा।''
बता दें कि विंडीज के पूर्व कप्तान अफ्रीकी-अमेरिकी शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने फ्लॉयड की मौत को लेकर चल रहे विरोध करो अपना सपोर्ट दिया है।
हाल ही में अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की अमेरिका में हत्या हो गई।
46 वर्षीय फ्लॉयड की एक पुलिसकर्मी ने घुटने से उसकी गर्दन दबाई, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। उनकी हत्या के विरोध में पूरी दुनिया में विरोध दर्ज किया गया। इस पर डेरेन सैमी ने आईसीसी से यह अनुरोध किया था कि क्रिकेट जगत के लोग नस्लवाद के खिलाफ सामने आना चाहिए।
खेल /शौर्यपथ /टीम इंडिया के बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उन्हें खुलकर बल्लेबाजी करने की इजाजत देते थे। रैना धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया तथा चेन्नई सुपर किंग्स के साथ काफी समय तक खेले हैं। स्टार स्पोटर्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में उन्होंने धोनी के साथ बल्लेबाजी करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “हम जब भी साथ में खेलने उतरे तो धोनी ने मुझे खुलकर बल्लेबाजी करने की इजाजत दी। उन्हें पता था कि मेरी क्षमता क्या है।”
बाएं हाथ के बल्लेबाज रैना ने कहा, “मेरे खेल में जो मजबूती थी या मुझे जब संभलने की जरुरत होती थी तो धोनी मुझे चेतावनी देते थे और कहते थे कि रणनीति बदलने पर नतीजे क्या हो सकते हैं और ऐसे वक्त वह आखिरी फैसला मेरे ऊपर छोड़ देंगे।”
धोनी आपको खेल में बदलाव लाने के लिए नहीं कहते
उन्होंने कहा, “वह आपको खेल में बदलाव लाने नहीं कहते थे, लेकिन वह बल्लेबाज को इस बात से अवगत कराते थे कि टीम की स्थिति के हिसाब से नतीजे कैसे हो सकते हैं। वह मेरी बल्लेबाजी को कवर कर देते थे और बताते थे कि टीम कहां जा सकती है। इससे मुझे फैसले लेने में आसानी होती थी।”
धोनी की फिटनेस लाजवाब, वह जल्दी नहीं थकते
शिविर के दौरान आईपीएल की तैयारियों पर रैना ने कहा, “पहले कुछ दिनों तक उन्होंने इसे हल्के में लिया और अपने जिम पर ध्यान केंद्रित करते रहे। लेकिन इस दौरान वह शानदार शॉट खेलते थे। उनकी फिटनेस लाजवाब है और वह जल्दी थकते नहीं है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इस बार वह बल्लेबाजी करते वक्त थक नहीं रहे थे। वह सुबह जिम में समय बिताते थे और शाम को तीन घंटे तक बल्लेबाजी अभ्यास करते थे। जब आप जिम के बाद नेट्स पर वर्कआउट करते हैं और फील्डिंग के बाद अगले दिन सुबह बल्लेबाजी अभ्यास करते हैं तो आपके शरीर में थोड़ी थकान महसूस होती है।”
कुछ ऐसी चल रही थी आईपीएल की तैयारी
रैना ने कहा, “हम सुबह नौ बजे जिम जाते थे और दोपहर बाद स्विमिंग करते थे और शाम को वापस लौटते थे। इस बार उनकी तैयारी कुछ अलग थी। मैं उनके साथ कई सालों से राष्ट्रीय टीम और चेन्नई के लिए खेला हूं लेकिन इस बार उनकी तैयारी कुछ अलग थी।
भारतीय बल्लेबाज ने कहा, “मैं उम्मीद कर रहा हूं कि जल्द ही मैच शुरु हो, जिससे लोग यह देख पाएं कि वह कितने तैयार हैं। दो महीने शिविर में बिताने के बाद मैं अपने प्रदर्शन को देखना चाहता हूं। जब कोई काफी मेहनत करता है तो खिलाड़ी के लिए दुआएं खुद रास्ते तय कर देती हैं।”
खेल /शौर्यपथ / टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और मौजूदा समय में स्टार हिंदी कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने मौजूदा वनडे इलेवन टीम चुनी है। सोमवार को आकाश चोपड़ा ने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया और इसमें उन्होंने मौजूदा बेस्ट वनडे इंटरनैशनल इलेवन टीम चुनी। चौंकाने वाली बात यह है कि आकाश चोपड़ा की इस खास टीम की कप्तानी विराट कोहली या रोहित शर्मा को नहीं मिली है, जबकि इंग्लैंड के इयोन मोर्गन इस टीम के कप्तान हैं। इयोन मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड ने पिछले साल जुलाई में वर्ल्ड कप जीता था।
सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी आकाश चोपड़ा ने रोहित शर्मा और वेस्टइंडीज के शाई होप को दी है। होप ने पिछले कुछ समय में अपनी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया है। शाई होप इस खास टीम में सलामी बल्लेबाज के अलावा विकेटकीपर की भूमिका भी निभाएंगे। आकाश चोपड़ा ने कहा कि सलामी बल्लेबाज के लिए उन्होंने एरन फिंच के नाम पर भी विचार किया था, लेकिन उन्हें टीम में विकेटकीपर भी चाहिए था, इसलिए उन्होंने शाई होप को चुन लिया।
नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए उन्होंने विराट कोहली को चुना है, जबकि नंबर चार के लिए उन्होंने कीवी टीम के सीनियर बल्लेबाज रोस टेलर को चुना है। आकाश चोपड़ा ने कहा कि हम लोगों ने इस पर इतना ध्यान नहीं दिया है, लेकिन पिछले दो साल में टेलर ने सब-कॉन्टिनेंट में काफी रन बनाए हैं। नंबर पांच के लिए आकाश चोपड़ा ने इयोन मोर्गन को चुना है। मोर्गन को ही आकाश चोपड़ा ने कप्तान चुना है। आकाश चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने इंग्लैंड में क्रिकेट को काफी बदला और इसीलिए उन्होंने मोर्गन को कप्तान चुना है।
आकाश चोपड़ा की इस खास टीम में छठे नंबर पर बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन हैं, जबकि सातवें नंबर पर इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स। बॉलिंग डिपार्टमेंट में आकाश चोपड़ा ने जसप्रीत बुमराह पर मोहम्मद शमी को तरजीह दी है। इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क और न्यूजीलैंड के लॉकी फर्गसन को भी टीम में चुना है।
आठवें नंबर पर स्टार्क, नौवें नंबर पर कुलदीप यादव, 10वें नंबर पर मोहम्मद शमी और 11वें नंबर पर फर्गसन हैं। पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज बाबर आजम को आकाश चोपड़ा ने 12वें खिलाड़ी के तौर पर चुना है। आकाश चोपड़ा मौजूदा ODI XI: रोहित शर्मा, शाई होप, विराट कोहली, रोस टेवर, इयोन मोर्गन (कप्तान), शाकिब अल हसन, बेन स्टोक्स, मिशेल स्टार्क, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, लॉकी फर्गसन, बाबर आजम (12वें खिलाड़ी)
खेल / शौर्यपथ / गृह मंत्रालय द्वारा शनिवार (30 मई) को नए दिशानिर्देश जारी किए गए। लॉकडाउन 4-0 आज यानी (31 मई) को खत्म हो रहा है। पिछले दो महीने से भी अधिक समय से लागू लॉकडाउन को अब अनलॉक किया जा रहा है। ऐसे में बीसीसीआई को उम्मीद है कि इस साल आईपीएल के आयोजन की योजना को पूरा किया जा सकता है। देश में लॉकडाउन खत्म करने का काम तीन चरणों में पूरा होगा। 8 जून से शुरू होने वाले पहले चरण को अनलॉक 1 नाम दिया गया है। इसमें जिसमें रेस्टोरेंट, होटल, मॉल, शॉपिंग सेंटर और धार्मिक स्थलों को खोलने की बात कही गई है।
गृह मंत्रालय के इस नए दिशा निर्देश में खेलों से जुड़ी रियायतें भी शामिल हैं। इसके मुताबिक, ''स्थिति के आकलन के आधार पर (चरण 3) में अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को फिर से शुरू करने की तारीखें तय की जाएंगी। इसके साथ ही जिम, स्विमिंग पूल, सामाजिक / राजनीतिक / खेल / मनोरंजन कार्यों और बड़े आयोजनों को लेकर भी फैसले लिए जाएंगे।''
अनलॉक का दूसरा चरण जुलाई में शुरू होगा और बाद तीसरे चरण का अनलॉक कभी भी हो सकता है। ऐसे में आईपीएल और क्रिकेट के भविष्य पर बात करते हुए बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा, ''यह सकारात्मक कदम है। यदि अंतर्राष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होती है और खेल गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी तो हम भविष्य के लिए योजना बना सकते हैं।''
बीसीसीआई ने कुछ वक्त पहले कहा था कि वह मानसून खत्म होने तक आईपीएल का आयोजन करने पर विचार करने की स्थिति में नहीं है। इस टूर्नामेंट के सितंबर के अंत से पहले होने की संभावना नहीं है। फिर से अक्टूबर-नवंबर के लिए ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी- 20 विश्व कप पर आईपीएल के भाग्य को छोड़ दिया जाएगा। अगर टी-20 वर्ल्ड कप स्थगित होता है तो उन विंडो के बारे में कुछ तय किया जा सकता है। वहीं, आईसीसी ने टी-20 वर्ल्ड कप का फैसला 10 जून तक टाल दिया है।
खिलाड़ियों के लिए एक राष्ट्रीय शिविर का आयोजन करके उन्हें फिटनेस के स्तर पर लौटने में मदद मिलेगी। टीम इंडिया के बॉलिंग कोच भरत अरुण ने हाल ही में कहा था कि खिलाड़ियों को वापस लौटने में 6 से 8 हफ्तों का वक्त लगेगा। इसके साथ ही प्रैक्टिस गेम भी होंगे तभी वे दोबारा फिट होकर खेल पाएंगे।
अरुण धूमल ने कहा, ''जहां तक एक कैंप के लिए एक साथ खिलाड़ियों के इकट्ठा होने की बात है तो फिर से हमें चीजों को और सामान्य करने के लिए इंतजार करना होगा। फिलहाल अभी हम राज्य सरकारों की सलाह के आधार पर व्यक्तिगत लेवल पर खिलाड़ियों के अपने शहरों में सुविधाओं में काम कर रहे हैं।''
बीसीसीआई के कई अनुबंधित क्रिकेटरों को अभी घर के पास प्रैक्टिस के लिए लाइनअप नहीं किया गया है। मुंबई के बाहरी इलाके पालघर में रहने वाले सीमर शार्दुल ठाकुर की नेट प्रैक्टिस पर भी रोक लगा दी गई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, टेस्ट उप कप्तान अजिंक्य रहाणे और सीमित ओवरों के उप कप्तान रोहित शर्मा मुंबई में अपने घरों में फंसे हुए हैं। बता दें कि मुंबई देश के वायरस प्रभावित क्षेत्रों में नंबर एक पर है।
भारतीय बोर्ड की संचालन टीम सुरक्षित वातावरण में प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की प्रक्रिया में है, जिसे सभी राज्य संघों को भेजा जाएगा।
खेल / शौर्यपथ / बलबीर सिंह सीनियर के नाम के साथ हॉकी अभिन्न रूप से जुड़ा है लेकिन यह महान खिलाड़ी भी भारत के सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट की चमक से अछूता नहीं रहा और एक बार उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को कहा था कि आपकी जीत से मेरी सेहत बेहतर होती है। ओलंपिक में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे 96 साल के बलबीर सीनियर का सोमवार को मोहाली में निधन हो गया।
धोनी के साथ उनकी मुलाकात चार साल पहले हुई थी जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने विश्व टी20 मुकाबले से पहले मोहाली के पीसीए स्टेडियम में थी। बलबीर सीनियर मैच से पहले भारतीय टीम को शुभकामनाएं देना चाहते थे। धोनी ने उन्हें धन्यवाद दिया और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा जिस पर इस दिग्गज ने हंसते हुए जवाब दिया था, ‘आपकी जीत से मेरी सेहत बेहतर होती है।’
उस समय 92 बरस के बलबीर सीनियर ने कहा था, ‘मैं टीम को तीसरा विश्व खिताब जीतने और स्वर्णिम हैट्रिक पूरी करने की शुभकामना देने आया हूं।’ भारत ने तब ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन इसके बाद सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से हार गई थी। भारत ने धोनी की अगुआई में 2007 में विश्व टी20 और 2011 में 50 ओवर का विश्व कप जीता था।
बलबीर सीनियर स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं से जूझ रहे थे और दो हफ्तों से अधिक समय तक उन्हें जीवन रक्षा प्रणाली पर रखा गया था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईसीसी) ने आधुनिक ओलंपिक इतिहास के जिन 16 महान खिलाड़ियों का चयन किया था उसमें बलबीर सीनियर एकमात्र भारतीय थे।
ओलंपिक के पुरुष हॉकी फाइनल में किसी खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक गोल दागने का रिकॉर्ड अब भी उनके नाम दर्ज है। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलंपिक खेलों के पुरुष हॉकी फाइनल में नीदरलैंड पर भारत की 6-1 की जीत में पांच गोल किए थे। बलबीर सीनियर को 1957 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया और वह 1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे।