December 03, 2024
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स्पोर्ट्स

स्पोर्ट्स (411)

     खेल /शौर्यपथ /अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर टीम में बने रहते हैं। कुछ खिलाड़ी खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर भी होते हैं, जबकि बहुत कम चोटिल होने की वजह से टीम से बाहर रहते हैं। इसमें तीसरी कैटेगरी में भारत के वाशिंगटन सुंदर का नाम फिट बैठता है। क्योंकि ऐसे कई मौके आए हैं, जब सुंदर को किसी सीरीज के लिए टीम में चुना गया हो और वह सीरीज शुरू होने से कुछ दिन पहले चोटिल हो गए हों।
भारत को जिम्बाब्वे दौरे पर 18 से 22 अगस्त तक तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है, जिसके लिए वाशिंगटन सुंदर को भी चुना गया है। लेकिन एक बार फिर चोट ने इस ऑलराउंडर की मुश्किलें बढ़ा दी है। 11 अगस्त को मैनचेस्टर में रॉयल लंदन वन-डे कप मैच के दौरान भारत के हरफनमौला खिलाड़ी को कंधे में चोट लगी। लंकाशायर ने एक मीडिया पोस्ट में इस बात की पुष्टि की। सुंदर मैच के दौरान कंधा चोटिल कर बैठ। फील्ड पर इलाज के बाद उन्होंने मैदान छोड़ने का फैसला किया। हालांकि उनकी चोट कितनी गंभीर है। इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है।
लंकाशायर ने ट्वीट किया, "वाशिंगटन सुंदर ने एक भारी लैंडिंग के बाद अपने बाएं कंधे का इलाज कराने के बाद मैदान छोड़ दिया है। गेंद के साथ अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। 27-0 (8)।''
वाशिंगटन सुंदर को वॉर्सेस्टरशायर के खिलाफ मैच में चोट लगी थी, जिसे लंकाशायर ने 6 विकेट से जीता था। 22 वर्षीय ऑलराउंडर जिम्बाब्वे के खिलाफ 18 अगस्त से शुरू हो रही आगामी तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत की टीम का हिस्सा हैं। लेकिन इस चोट ने उनके सीरीज में खेलने को लेकर संदेह खड़ा कर दिया है।
इस साल की शुरुआत में आईपीएल के दौरान अपने गेंदबाजी हाथ में चोट लगने के बाद से सुंदर ने अभी तक एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। हालांकि उन्होंने काउंटी क्रिकेट में वापसी की है और जिम्बाब्वे के खिलाफ आगामी सीरीज चार महीनों में भारत के साथ उनका पहला मैच था।

      खेल / शौर्यपथ /कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार शामिल हुई भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास गोल्ड मेडल से शुरुआत करने का अच्छा मौका था। फाइनल मैच में फिर से बेहतर प्रदर्शन न कर पाने की वजह से गोल्ड मेडल से चूक गया और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हुए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 9 रन से मैच जीता।
इस मैच में भी भारतीय बल्लेबाजी उसी तरह से लड़खड़ा गई जैसे कि 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 विश्वकप और 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे विश्व कप के दौरान देखने को मिला था। टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा कि हर बार बड़े फाइनल्स में हम बल्लेबाजी में लगातार एक जैसी गलतियां दोहरा रहे हैं। यह ऐसी चीज है जिसमें टीम को सुधार करना होगा। लीग चरण या द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में इस तरह की गलतियां नहीं करते हैं। यह कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में घर कर गई है।
हरमनप्रीत ने कहा कि वह हमेशा एक अतिरिक्त बल्लेबाज की तलाश में रहती हैं। दो विकेट गंवाने के बाद जेमिमा और उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह उस समय की जरूरत थी।टीम को संयमित होकर खेलने की जरूरत थी। टीम वास्तव में लक्ष्य के करीब थी।
अंतिम 6 ओवरों में थी 50 रन की जरूरत
भारत को अंतिम छह ओवर में 50 रन की दरकार थी और उसके पास आठ विकेट बचे हुए थे। भारत को तब आसानी से जीत दर्ज करनी चाहिए थी लेकिन उसने बल्लेबाजों के खराब शॉट चयन के कारण 13 रन के अंदर पांच विकेट गंवा दिए। हरमनप्रीत और जेमिमा रोड्रिगेज ने 96 रन की साझेदारी की लेकिन इन दोनों ने खराब शॉट खेलकर अपने विकेट गंवाए।
कॉमनवेल्थ गेम्स में रहा बेहतर प्रदर्शन
भारत भले ही फाइनल में हार गया लेकिन हरमनप्रीत राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश और संतुष्ट हैं। भारतीय कप्तान ने कहा कि हम स्वर्ण पदक जीतने के करीब थे लेकिन कुल मिलाकर हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। हम पहली बार इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे और हमें खुशी है कि हमने रजत पदक जीता।
खेल भावना का किया प्रदर्शन
ऑलराउंडर ताहिला मैकग्रा कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई एकादश का हिस्सा होने पर भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने हमें टॉस से पहले इस बारे में सूचित किया था । यह ऐसी चीज है जो टीम के नियंत्रण में नहीं थी। राष्ट्रमंडल खेलों को इस बारे में फैसला करना था और वह बहुत बीमार भी नहीं थी। इसलिए टीम ने खेलने का फैसला किया। हमें खेल भावना दिखानी थी। खुशी की बात है  कि ताहिला को मना नहीं किया गया।





      खेल / शौर्यपथ /वेस्टइंडीज के दौरे पर टीम इंडिया के लिए अगर कोई सबसे बड़ी खोज रहे हैं तो वे अर्शदीप सिंह हैं, जिन्होंने कमाल का प्रदर्शन करते हुए हर एक अग्निपरीक्षा को अव्वल नंबरों से पास किया है। अर्शदीप सिंह को इस प्रदर्शन का इनाम भी 8 अगस्त को मिलने की पूरी उम्मीद है। अर्शदीप सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एशिया कप 2022 में नजर आने वाले हैं। ऐसा कहना अब गलत नहीं होगा, क्योंकि इसमें महज अब औपचारिकता बाकी है।
दरअसल, अर्शदीप सिंह ने साबित कर दिया है कि वे डेथ ओवर्स में बल्लेबाजों के लिए काल साबित हो सकते हैं। आखिरी के ओवरों में अर्शदीप सिंह न तो रन देते हैं और न ही बल्लेबाजों को रन बनाने का एक भी मौका देते हैं। बाएं हाथ से तेज गति से यॉर्कर करना कोई इनसे सीख सकता है। महज 23 साल की उम्र में अर्शदीप सिंह ने ऐसा कुछ कर दिखाया है, जिसे किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं किया जा सकता।
अर्शदीप सिंह ने अब तक 5 ही टी20 इंटरनेशनल मैच देश के लिए खेले हैं और 9 विकेट चटकाए हैं, लेकिन इन्हीं पांच मैचों से साबित हो गया है कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं और बल्लेबाजों के होश उड़ाने वाले हैं। कहा जाता है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं, वैसे ही अर्शदीप सिंह की स्किल्स टीम मैनेजमेंट को दिख चुकी है कि वे शॉर्ट फॉर्मेट में कितने घातक गेंदबाज हो सकते है। वैसे भी बाएं हाथ के पेसर की भारत को तलाश थी।
बाएं हाथ इस डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट को एशिया कप 2022 के लिए चुना जाएगा। वे निश्चित रूप से जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के साथ जोड़ी बनाते नजर आएंगे। अब बस सवाल ये रहेगा कि क्या ये तीनों गेंदबाज एकसाथ खेल सकते हैं या नहीं, क्योंकि हार्दिक पांड्या भी गेंदबाजी कर रहे हैं और ऐसे में उनका प्लेइंग इलेवन में होना तय है और इस स्थिति में शायद ही मैनेजमेंट प्लेइंग इलेवन में तीन और गेंदबाजों को मौका दे।
अर्शदीप सिंह ने महज एक महीने के भीतर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है। 7 जुलाई को वे इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे थे। इसके बाद उनको मौका नहीं मिला, जबकि वे चोट से भी परेशान थे। हालांकि, वेस्टइंडीज के खिलाफ वे लगातार चार मैच खेलने में सफल रहे और खुद को साबित किया। इंग्लैंड के खिलाफ वे 18/2, वेस्टइंडीज के खिलाफ 24/2, 26/1, 33/1 और 12 रन देकर 3 विकेट लेने में सफल रहे।

दुर्ग / शौर्यपथ / जगदलपुर जिला बैडमिंटन संघ द्वारा छत्तीसगढ़ सीनियर महिला एवं पुरूष बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन एकल एवं युगल वर्ग में दिनांक 17 से 21 अगस्त, 2022 तक जगदलपुर में किया जा रहा है। जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के खिलाड़ी भाग लेंगे। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए इंडोर हॉल, सिविक सेंटर के बैंडमिंटन कोर्ट पर दिनांक 09 अगस्त, 2022 को सुबह 10 बजे से बीएसपी (दोनो वर्ग) के टीम के गठन हेतु चयन स्पर्धा आयोजित की गयी है। अत: संयंत्र के कर्मचारी/वार्ड/भिलाई परिधीय क्षेत्र के खिलाड़ी जो इस चयन स्पर्धा में भाग लेना चाहते हैं, वे 08 अगस्त को संध्या 5 बजे तक इंडोर हॉल, सिविक सेंटर में निम्न चयनकर्ताओं के पास अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।

   खेल /शौर्यपथ /जिम्बाब्वे ने बांग्लादेश को तीन मैचों की टी20 सीरीज के आखिरी और निर्णायक मुकाबले में 10 रन से हरा दिया है। इस जीत के साथ जिम्बाब्वे ने सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है। जिम्बाब्वे ने इसके साथ ही इतिहास रच दिया है। क्रेग एर्विन के नेतृत्व वाली जिम्बाब्वे की टीम बांग्लादेश के खिलाफ पहला टी20 सीरीज जीतने में कामयाब हुई है। इससे पहले जिम्बाब्वे की टीम कभी भी बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज नहीं जीत सकी थी।
जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 156 रन बनाए थे। इसके जवाब में बांग्लादेश की टीम 8 विकेट पर 146 रन ही बना सकी। बांग्लादेश को आखिरी ओवर में जीत के लिए 18 रन चाहिए थे, लेकिन टीम 10 रन ही बना सकी।
157 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम की शुरुआत खराब रही और टीम ने सिर्फ 34 के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा दिए। लिटन दास 6 गेंद में 13 रन, परवेज 6 गेंद में 2 रन और विकेटकीपर अनामुल हक 13 गेंद में 14 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। महमुदुल्लाह ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन वह भी 27 गेंद में 27 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। अफिफ हुसैन 27 गेंद में 39 रन बनाकर नाबादर रहे। मेंहदी हसन ने 17 गेंदों में 22 रन की पारी खेली। विक्टर न्याउची ने तीन और ब्रैड इवांस ने दो विकेट लिए।
इससे पहले जिम्बाब्वे ने 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 156 रन बनाए थे। पहले विकेट के लिए चकाब्वा और एविन के बीच में 29 रन की साझेदारी हुई। लेकिन उसके बाद कुछ ओवरों के अंदर टीम का मध्यक्रम लड़खड़ा गया। 10 रन के अंदर जिम्बाब्वे ने चार विकेट गंवाए। रयान बर्ल और एल जोंगवे के बीच अर्धशतकीय साझेदारी से जिम्बाब्वे 150 के पार पहुंचा। रयान ने फिफ्टी भी लगाई। दोनों टीमों के बीच वनडे सीरीज शुक्रवार से शुरू होगी।

     खेल /शौर्यपथ /अफगानिस्तान से एक बड़ी ही हैरान करने वाली खबर क्रिकेट जगत से जुड़ी सामने आई है। शुक्रवार (29 जुलाई) को काबुल इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए एक बम विस्फोट से अफगानिस्तान की शापगीजा क्रिकेट लीग हिल गई। यह घटना टूर्नामेंट के 22वें लीग मैच के दौरान हुई, जो पामीर जाल्मी और बैंड-ए-अमीर ड्रैगन्स के बीच मैच खेला गया। हालांकि, इसमें किसी की जान नहीं गई, लेकिन चार लोग घायल हो गए।
स्टेडियम के स्टैंड में हुए इस बम विस्फोट में चार दर्शक घायल हो गए। स्टेडियम और लोकल पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल ले जाया गया और फिर इसके बाद मैच फिर से शुरू हो गया। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि काबुल पुलिस मौके पर पहुंची और हालातों को संभाला। एक घंटे के बाद मैच को डीएलएस मेथड के हिसाब से शुरू किया गया। इसकी मंजूरी पुलिस ने दी थी।
बम विस्फोट के कारण लक्ष्य का पीछा करने में देरी होने से पहले पामीर जाल्मी ने अपने 20 ओवरों में 5 विकेट पर 159 रन बनाए थे। बाद में बैंड-ए-अमीर ड्रेगन्स को 10 ओवर में 94 रन का लक्ष्य DLS के हिसाब से मिला, जिसे टीम ने 17 गेंद और नौ विकेट शेष रहते हासिल कर लिया। बैंड-ए-आमिर के अफगानिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी करीम जनत ने क्रिकबज को बताया कि खिलाड़ी चौंकाने वाली घटना के बावजूद चिंतित नहीं हैं और उन्हें उम्मीद है कि टूर्नामेंट उन्हें आगे आने वाली टी20 चुनौतियों के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करेगा।
अफगानिस्तान को अगले महीने एक टी20 इंटरनेशनल सीरीज में आयरलैंड से खेलना है और बाद में उनके क्रमशः एशिया कप और आईसीसी विश्व टी20 में खेलने की उम्मीद है। करीम ने क्रिकबज से कहा, "मैं आज मैच में खेला और बाद में सब कुछ ठीक था, इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।" भले ही करीम जनत सब कुछ ठीक रहने की बात कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटना हैरान करने वाली है।

      खेल /शौर्यपथ /लम्बे समय से विराट कोहली आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं। देश विदेश के पुराने खिलाडियों ने जल्द ही उनके फॉर्म में वापस आने की आस लगायी है।  इस मुश्किल वक्त में उनका समर्थन किया है। न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर स्कॉट स्टायरिस भी उनमें से एक हैं।  विश्व स्तर के नंबर एक बल्लेबाज से सभी को आस लगी हुई है। स्पोर्ट्स 18 के डेली स्पोर्ट्स न्यूज़ शो 'स्पोर्ट्स ओवर द टॉप' में स्कॉट स्टायरिस ने कहा है कि चयन प्रक्रिया में सेलेक्टर्स कई विभिन्न पैमानों पर खिलाडियों का चयन करते हैं। वे केवल बेस्ट खिलाडियों और टीम को बना देने पर ही फोकस नहीं करते हैं। सेलेक्टर्स के पास एक बेहतर मेथोडोलॉजी होती है। उसी के जरिये वे पूरी टीम का चयन करते हैं।
स्कॉट स्टायरिस ने ये भी कहा कि विराट कोहली का जिम्बाब्वे दौरे पर टीम में चयन न होने पर कोई खास नुकसान नहीं है। विराट को कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहिए और फिर से बेस्ट प्रदर्शन की उम्मीद से टीम में लौटना चाहिए।
कोच द्रविड़ से सलाह लें कोहली
स्कॉट स्टायरिस ने कहा है कि बेहतर प्रदर्शन और अपना शत प्रतिशत देने के लिए विराट कोहली को इस पर राहुल द्रविड़ से बात करनी चाहिए। उनके पास इसका अच्छा प्लान होगा। वर्ल्ड कप की शुरुआत तक अपने पुराने फॉर्म में फिर से वापस लौटने के लिए विराट को द्रविड़ से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
जिम्बाब्वे दौरे का नहीं है कोई खास फायदा
जिम्बाब्वे दौरे पर भारतीय टीम में चयनित न होने पर विराट कोहली का कोई नुकसान नहीं है। स्कॉट स्टायरिस ने कहा कि वहां से कुछ खास हासिल नहीं होगा। वहां शतक लगाया जा सकता है जिससे विश्वास बढ़ सकता है पर इससे कोई खास फायदा नहीं होगा। स्टायरिस ने विराट कोहली के बारे में कहा कि वह आज भी कोहली को भारतीय टीम का सबसे जरूरी और महत्त्वपूर्ण खिलाडी मानते हैं।

      खेल /शौर्यपथ /पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री को अपने कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में सफलता मिली। 60 वर्षीय ने पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ अच्छी जोड़ी बनाई और इन साझेदारी ने टेस्ट क्रिकेट में बड़ी सफलता हासिल करने में मदद की। टीम इंडिया रेड बॉल क्रिकेट में एक मजबूत टीम थी, क्योंकि उन्होंने विदेशी परिस्थितियों में अच्छी क्रिकेट खेली। हालांकि, वे आईसीसी इवेंट के मामलों में किस्मत के धनी नहीं दिखे।
रवि शास्त्री के कोचिंग कार्यकाल के दौरान भारत ने 2019 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2021 में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल और 2021 में ही टी20 वर्ल्ड कप गंवाया था। एक बार टीम फाइनल खेली, एक बार सेमीफाइनल और एक बार लीग फेज में ही बाहर हो गई। भारत और वेस्टइंडीज के बीच जारी वनडे सीरीज में रवि शास्त्री ने कमेंट्री बॉक्स से चयनकर्ताओं से हार्दिक पांड्या का एक उपयुक्त बैकअप विकल्प खोजने के लिए कहा है।
फैनकोड पर रवि शास्त्री ने कहा, "मैं हमेशा से ऐसा खिलाड़ी चाहता हूं जो टॉप-6 में हो और गेंदबाजी कर सके। हार्दिक पांड्या के चोटिल होने से यह एक बड़ी समस्या बन गई। इसकी कीमत भारत को चुकानी पड़ी है। इसकी वजह से भारत को एक-दो विश्व कप गंवाने पड़े, क्योंकि हमारे पास शीर्ष छह में गेंदबाजी करने वाला कोई नहीं था। हमने चयनकर्ताओं से कहा कि किसी को उनके विकल्प के तौर पर ढूंढो, लेकिन उनका विकल्प कौन है?"
हार्दिक पांड्या को 2021 टी20 विश्व कप के दौरान अपनी गेंदबाजी फिटनेस के कारण काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने टूर्नामेंट के बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया और सीधे आईपीएल 2022 में नजर आए। वहां, उन्होंने गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया और टीम इंडिया में फिर से जगह बनाई। इसके बाद से वे फिर से टीम का प्रमुख हिस्सा बन गए हैं। यहां तक कि आयरलैंड में वे टीम के कप्तान भी थे।  

       खेल /शौर्यपथ /भारतीय क्रिकेट टीम ने आज तक कभी वेस्टइंडीज में किसी वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप नहीं किया है। इस सीरीज से पहले भारतीय टीम वेस्टइंडीज में नौ वनडे सीरीज खेल चुकी है, लेकिन एक बार भी क्लीन स्वीप करने का मौका नहीं मिला है। कपिल देव, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे कप्तानों की अगुवाई में जो काम टीम इंडिया नहीं कर पाई है क्या वह शिखर धवन की अगुवाई में कर पाएगी? रोहित शर्मा को वनडे सीरीज से आराम दिया गया है और उनकी जगह शिखर धवन टीम की कमान संभाल रहे हैं। पहले दो मैच काफी करीबी रहे हैं, ऐसे में टीम इंडिया के लिए इतिहास रचना बहुत आसान तो नहीं होने वाला है।
भारतीय टीम पहली बार द्विपक्षीय वनडे सीरीज के लिए वेस्टइंडीज के दौरे पर 1982-83 में गई थी। तब कपिल देव टीम के कप्तान थे। तीन मैचों की सीरीज तब भारत ने 1-2 से गंवा दी थी। वेस्टइंडीज में दोनों टीमों के बीच जो नौ सीरीज इससे पहले खेली गई हैं, उसमें से भारत ने पांच और वेस्टइंडीज ने चार सीरीज जीती हैं। वेस्टइंडीज ने 1988-89 में भारत का सूपड़ा साफ किया था। पांच मैचों की सीरीज में तब भारत एक भी मैच नहीं जीत पाया था।
वहीं 2019 में तीन मैचों की वनडे इंटरनेशनल सीरीज में भारत ने 2-0 से सीरीज पर कब्जा जमाया था, जबकि एक मैच का नतीजा नहीं निकल पाया था। तब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली थे। भारत सीरीज में अजेय बढ़त बना चुका है, लेकिन अब देखना होगा कि क्या टीम इंडिया क्लीन स्वीप करके इतिहास रच पाएगी या नहीं? अगर ऐसा होता है, तो शिखर धवन भारतीय क्रिकेट के पहले ऐसे कप्तान बन जाएंगे, जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज की धरती पर वनडे इंटरनेशनल सीरीज में क्लीनस्वीप किया हो।

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