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रायपुर. /शौर्यपथ/
आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने रायपुर पहुंचे श्रीलंका, फिलीस्तीन और नाइजीरिया के प्रतिभागी इस आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैंश्रीलंका से आए नर्तकों के दल ने इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे यहां अपने नृत्य प्रदर्शन को लेकर काफी उत्सुक हैं
आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने रायपुर पहुंचे श्रीलंका, फिलीस्तीन और नाइजीरिया के प्रतिभागी इस आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैं। फिलीस्तीन से आए दल ने कहा कि वे इस भव्य और खूबसूरत आयोजन का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं। वे यहां अपने देश का परंपरागत ‘दपका’ नृत्य प्रस्तुत करेंगे। वहीं नाइजीरिया से आए दल ने कहा कि वे भारत और छत्तीसगढ़ में हुए अपने स्वागत से अभिभूत हैं। आदिवासी नृत्य महोत्सव में हिस्सा लेने को लेकर वे सभी काफी उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए बहुत अच्छी जगह है। श्रीलंका से आए नर्तकों के दल ने इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे यहां अपने नृत्य प्रदर्शन को लेकर काफी उत्सुक हैं और वे बेताबी से इसका इंतजार कर रहे हैं।
रायपुर /शौर्यपथ/
राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला की रौनक दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला की रौनक दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में यह मेला राज्य लघु वनोपज संघ के तत्वाधान में 02 नवम्बर तक आयोजित है।
मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है। प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि मेला में प्रतिदिन संध्या 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुति भी दी जा रही है। मेला में कोदो-कुटकी, रागी, तिखुर के व्यंजन व पकवान तथा गढ़कलेवा आदि फूड जोन के अलावा बच्चों के लिए निःशुल्क छूला की व्यवस्था है। साथ ही यहां आयुर्वेदिक चिकित्सालय का स्टाल भी लगाया गया है। इसमें निःशुल्क नाड़ी परीक्षण और वैद्य परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में लगाए गए आयुर्वेदिक चिकित्सालय के स्टाल में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज में पारंगत वैद्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके द्वारा निःशुल्क वैद्य परामर्श सहित नाड़ी परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। इनमें पथरी, गठिया, वात, सिकलिंग आदि बीमारियों के इलाज में पारंगत वैद्यराज रामप्रसाद निषाद नारायणपुर क्षेत्र से शामिल है। इसी तरह सफेद पानी, प्रदर, त्वचा रोग, नाड़ी विज्ञान आदि में पारंगत वैद्यराज झुमुकलाल- कवर्धा, कैंसर, शुगर, बवासीर, सायटिका, लकवा, ट्यूमर आदि बीमारी में पारंगत वैद्यराज रामविलास काशी-बलरामपुर तथा वातरोग, मधुमेह आदि में पारंगत वैद्यराज श्री बिरेन्द्र बच-कटघोरा शामिल है। इसके अलावा पीलिया, सामान्य रोग में पारंगत वैद्यराज श्री महादेव धु्रव-गरियाबंद और पीलिया, नेत्ररोग आदि बीमारियों में पारंगत वैद्यराज श्री समधु बघेल-बस्तर द्वारा अपनी-अपनी सेवाएं दी जा रही है।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में तिलहनी फसलों को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से इस साल रबी सीजन में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में तिलहन की विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य में तिलहनी फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से संपर्क कर उन्हें तिलहनी फसलों की खेती के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं। कृषकों को तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज एवं मिनीकिट भी प्रदाय किए जा रहे हैं। तिलहन उत्पादक इलाकों के गौठानों में तेल पेराई के लिए मशीन लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इस साल रबी सीजन में तिलहनी फसलों के रकबे में 60 हजार हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। बीते रबी सीजन में राज्य में 2 लाख 17 हजार हेक्टेयर में तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल दलहनी फसलों के अंतर्गत अलसी की बोनी के लिए 60 हजार हेक्टेयर, राई-सरसों की खेती के लिए 01 लाख 60 हजार हेक्टेयर, तिल के लिए 9000 हेक्टेयर, सूरजमुखी के लिए 6000 हेक्टेयर, कुसुम की खेती के लिए 10 हजार हेक्टेयर तथा मूंगफली की खेती के लिए 35 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अब तक लगभग 8000 हेक्टेयर से अधिक रकबे में तिलहनी फसलों की बोनी हो चुकी है।
रायपुर शौर्यपथ/
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज कांकेर जिले से पदयात्रा करते आ रहे आदिवासियों के समूह से मिलने बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम पहुंची। यह आदिवासियों का प्रतिनिधिमण्डल करीब दो हजार की संख्या में थे, जो कांकेर जिले के बंडापाल, कोलर परगना, रावघाट क्षेत्र के 58 ग्राम और 14 ग्राम पंचायतों से आए थे। यह प्रतिनिधिमण्डल अपने 58 ग्राम को कांकेर जिले से हटाकर नारायणपुर जिले में शामिल कराने का आग्रह कर रहे थे। राज्यपाल ने उनकी मांगों पर जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और बताया कि जब मुझे ज्ञात हुआ कि आप पैदल चलकर राजधानी पहुंच रहे हैं तो मैंने कांकेर जिला प्रशासन से बात की। उन्होंने मुझे पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल कराने के लिए, संबंधित गांव के नक्शे संलग्न कर शासन को पत्र लिख दिया गया है। उन्होंने इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों को जल्द कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि उनके क्षेत्र से कांकेर जिला 150 किलोमीटर दूर पड़ता है, जिससे जिला मुख्यालय जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं नारायणपुर जिला 10 से 20 किलोमीटर पड़ता है और आने-जाने में आसानी होती है। इसलिए वे नारायणपुर जिला में शामिल होना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जब से मैंने राज्यपाल का पद संभाला तो यह प्रयास किया कि जो राजभवन आए उनकी समस्याओं को सुनंू और उन्हें दूर करने का प्रयास करूं। इसके पूर्व भी बीजापुर के ग्रामीण अपनी समस्या लेकर आए थे तो मैंने बस्तर प्रवास के दौरान संभाग के अधिकारियों को उनकी समस्या के समाधान करने के निर्देश दिए थे। इसके पूर्व अति पिछड़ी जनजाति के लोग राजभवन आए थे और सरकारी पदों में भर्ती न होने की जानकारी दी थी। मैंने अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 13 जिले और पांच जिले आंशिक रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में आते हैं। इन क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों के संरक्षण का दायित्व राज्यपाल के ऊपर है। मैं इस नाते उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करती रहती हूं। सुश्री उइके ने प्रतिनिधिमण्डल से आग्रह किया कि वे पैदल चल कर आए हैं, मगर मैंने जिला प्रशासन से बातकर वापस जाने के लिए बस और खाने-पीने का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदिवासियों से कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने और टीका लगाने की भी अपील की। राज्यपाल ने आदिवासियों की समस्याएं सुनीं और उनके साथ लोक नृत्य भी किया और वाद्य यंत्र भी बजाया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो तथा आदिवासी समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने राज्य के किसान भाईयों से गौठानों में गौ माता के चारे की व्यवस्था के लिए पैरा-दान करने की अपील की है। किसान भाईयों के नाम जारी अपनी अपील में मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप सब को मालूम है कि राज्य के गांवों में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सुराजी गांव योजना के तहत गौठान बनाए गए है। इन गौठानों में गोधन के चारे एवं पानी का निःशुल्क प्रबंध गौठान समितियों द्वारा किया गया है। पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके इसके लिए किसान भाईयों से आग्रह है कि धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को बीते वर्ष भांति इस साल भी पैरा-दान करें। इससे गोधन के लिए चारे का इंतजाम करने में समितियों को आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने गोधन के चारे के लिए सर्वाधिक पैरा-दान करने वाले कृषक एवं सर्वाधिक पैरा एकत्र करने वाली गौठान प्रबंध समिति को विकासखंड स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गौठानों में पैरा-दान से चारे की व्यवस्था के लिए कलेक्टरों को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि राज्य में धान फसल की कटाई बहुतायत रूप से कंबाईन हार्वेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप पैरा खेतों में फैल जाता है। खेतों में फैले हुए पैरा को आमतौर पर किसान भाई एकत्र करने के बजाय जला देते है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन्होंने कलेक्टरों को धान फसल की कटाई के बाद खेतों में फैले हुए पैरे को सुविधानुसार एकत्र कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने इसके लिए कल्टीवेटर के पीछे तार जाली लगाकर या देशी यंत्र कोपर द्वारा खेतों में फैले हुए पैरा को एकत्र कराने तथा बंडल बनवाकर गौठानों में सुरक्षित रूप से रखवाए जाने को कहा है। उन्होंने गौठान प्रबंधन समिति को गौठानों में आने वाले पशुओं की संख्या के मान से पैरा की व्यवस्था करने को कहा है।
रायपुर / शौर्यपथ/
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर को शाम 6 बजे राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
समारोह में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम में समस्त सांसद, विधायक, संसदीय सचिव, निगम, मंडल, आयोग, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा नगर निगमों के महापौरों की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
० महापुरुषों के आड़ में भाजपाई सत्ता ने शासकीय कोष को लूटा : रूपेश दुबे
० महापौर की मजबूत पहल से अकेले पड़े पूर्व मुख्यमंत्री
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने विज्ञान महाविद्यालय का नाम राजनांदगांव जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैया लाल जी अग्रवाल के नाम पर रखे जाने के निर्णय पर राजनांदगांव के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विरोध को दुर्भाग्य जनक बताते हुए कहा कि भाजपा के पदाधिकारी खुले रूप से पाकिस्तान के झंडे लगाने का दुष्टकृत्य करते हैं उस पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मूकदर्शक बने बैठे रहे पर स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने से नहीं चूके यह दोहरी भाजपाई मानसिकता का परिचायक है। मात्र अपनी राजनीतिक धरातल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे डॉ. रमन सिंह पर्यावरण तीर्थ के नाम पर जिले के भाजपा नेताओं को बौना दिखाने पैराशूट भाजपाई के माध्यम से चंदा उगाही और नौटंकी करने के बजाए अपने द्वारा लोकार्पित बर्बादी के मंजर ऑक्सीजन जोन की ही सुध ले लेते तो कुछ बात होती।
प्र्रवक्ता दुबे ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से रिक्त पार्टी भाजपा व उनके लोग भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के चाटुकार बने थे, गोडसे विचारधारा के होने के कारण भी वे सेनानियों के सम्मान व गरिमा को पहचानने नही पा रहे हैं। डॉ साहब ने तो मात्र अपने परिजन स्वार्थ के चलते विषय विहीन पदस्थापना कर विज्ञान महाविद्यालय को कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के रूप में परिवर्तित कर सत्ता का दुरुपयोग किये थे, उसी नाम विहीन कॉलेज को गरिमा देने राजनांदगांव नगर निगम की जुझारू नेतृत्व की धनी महापौर हेमा देशमुख की नेक सोच और महापुरुषों, वीर शहीदों और सामाजिक समरसता को ध्यान में रखते हुए शहर में जो नामकरण का पुनीत कार्य हुआ है, उस सभा मे उनके विधायक प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि भाजपा पार्षद दल ने भी सहमति दी, उसके बाद भी उनके विरोध से यह साबित हुआ कि राजनांदगांव में डॉ साहब अकेले हो गए इसीलिए बाहरी व्यक्ति का सहारा लेना बेबसी है। डॉ. रमन के मुख्यमंत्री कार्यकाल के एक वर्षीय वित्तीय वर्ष 2018-19 में तो महापुरुषों के नाम सत्ता का दुरुपयोग कर शासकीय राशि पर डाका डालने का काम किया है, जो गंभीर आर्थिक अपराध है जैसे महाराणा प्रताप की मूर्ति अनावरण पर पंडाल का खर्च 293335 रूपये अटल बिहारी वाजपेई जी के अस्थि विसर्जन के नाम पर पंडाल एवं लाइट का खर्च 381659 रु शिव गंगा आरती के पंडाल का खर्च 378756 रु यहां तक कि नवरात्र में पदयात्री सेवा हेतु पत्रकार संघ पंडाल 410800 रु और तो और राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त में 2189104 रु 26 जनवरी 1299416 रु पंडाल राशि के नाम पर जो खेल हुआ है वह इनके राष्ट्रीयपर्व, महापुरुषों एवं पत्रकार साथियों की आड़ में अपनी जेब भरने वाला अर्थिक अनियमितता है ऐसे में इनसे महापुरुषों, सेनानियों के सम्मान की कल्पना करना भी व्यर्थ है। डॉ. रमन सिंह में जरा भी नैतिकता है तो वह कन्हैया लाल अग्रवाल जी के नामकरण का विरोध करने के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व नेक पहल हेतु महापौर का आभार व्यक्त करें।
० ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गांव.गांव में मुनादी
० जिले के अस्पतालों में छह दिन से नहीं मिला है कोरोना संक्रमित
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण की गति बढ़ाने के साथ ही जिले के अस्पतालों में सर्दी, खांसी व जुकाम सहित अन्य साधारण बीमारियों से पीड़ित मरीजों की लगातार जांच की जा रही है। इस दौरान अच्छी खबर यह भी है कि सामान्य दिनों के मुकाबले पिछले छह दिन से जिले के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिला है। ओपीडी में भी मरीजों की उपस्थिति की संख्या में भी गिरावट दिख रही है।
कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण व इससे बचाव हेतु केंद्र व राज्य सरकार की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए क्षेत्र में लगातार सख्ती भी बरती जा रही है। शासकीय अस्पतालों में सतत जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके फल-स्वरूप, अस्पतालों में सामान्य दिनों के मुकाबले 18 अक्टूबर से अब तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। यानी पिछले छह दिन से कोरोना के पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दौरान शहर के साथ ही गांवों में भी लोगों से विशेषकर बदलते मौसम में सतर्क रहने की अपील की जा रही है। कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग और राजस्व विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत कोरोना टीकाकरण हेतु ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए एक दिन पूर्व मुनादी भी कराई जा रही है। इन प्रयासों के फलस्वरूप जिले में अब तक लगभग 87.74 प्रतिशत लोगों ने पहला तथा लगभग 44.26 प्रतिशत लोगों ने दूसरे डोज का टीका लगवा लिया है, जो उत्साहवर्धक है। टीका लगवाने के लिए जिले में अब हर वर्ग के लोग उत्साह से सामने आने लगे हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल तुलावी ने बताया, कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। शहर के साथ ही गांव-गांव में कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है। जिन लोगों ने टीका का पहला डोज ले लिया है, उनसे अपनी बारी आने पर दूसरी खुराक भी अनिवार्य रूप से लेने की अपील की जा रही है। जन-जागरूकता व जनभागीदारी के साथ जिले में शत-प्रतिशत कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया, दशहरा पर्व के बाद से जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की उपस्थिति न के बराबर ही हो रही है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया, सुरक्षा व स्वास्थ्य के संदर्भ में शासन के निर्देशों के तहत अस्पताल आने वाले मरीजों की कोरोना जांच प्राथमिकता से की जा रही है। शासकीय अस्पतालों में सतत जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके फलस्वरूप, अस्पतालों में सामान्य दिनों के मुकाबले 18 अक्टूबर से अब तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। यानी पिछले छह दिन से कोरोना के पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं। इसी तरह ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में भी गिरावट है। उन्होंने बतायाए, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मास्क लगाने, हाथों को सैनिटाइज करने तथा दो गज दूरी का पालन करने की अपील के साथ ही लोगों से शासन के निर्देशों का पालन कराने पर सतत जोर दिया जा रहा है।
उत्तर बस्तर कांकेर / शौर्यपथ / जिले के सभी 192 हाट बाजारों में मुख्यमंत्री हाटा बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार किया जायेगा, जिसमें शहरी क्षेत्र यहॉ तक कि कांकेर चारामा जैसे शहर के बाजार भी शामिल है। चिकित्सा टीम द्वारा बाजार स्थल में शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जायेगा। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने आज आयोजित समय सीमा की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इस आशय के निर्देश दिये। 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु वर्ग के सभी नागरिकों का कोरोना टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये है, इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों का सहयोग लेने के लिए भी कहा गया है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पूरी क्षमता के अनुरूप कुपोषित बच्चों को भर्ती कराना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने जिले के कुपोषित बच्चों की जानकारी परियोजनावार तथा आंगनबाड़ी केन्द्रवार उपलब्ध कराने के लिए महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देशित किया है। इसी प्रकार गौठानों में संलग्न महिला स्व-सहायता समूह और उनके द्वारा किये जा रहे गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। उनके द्वारा गौठानों में गोबर की खरीदी, उससे वर्मीकम्पोस्ट का निर्माण एवं विक्रय, महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किये जा रहे विभिन्न आर्थिक गतिविधियां जैसे-मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, उद्यानिकी से संबंधित कार्य की जानकारी भी लिया गया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। उन्होंने समय सीमा की बैठक में विभिन्न विकास कार्यों जैसे-आंगनबाड़ी भवन निर्माण, धान चबूतरा निर्माण, हाट बाजार शेड निर्माण, देवगुड़ी एवं घोटुल का निर्माण, बस्तर विकास प्राधिकरण से संबंधित कार्य इत्यादि की भी गहन समीक्षा किया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
किसानो की आमदनी बढ़ाने के लिए उतेरा फसल लेने हेतु किसानों को प्रोत्साहित करने कलेक्टर द्वारा कृषि विभाग के उप संचालक को निर्देश दिये गये है। किसानों द्वारा धान की खेत में लाखड़ी (तिवड़ा), बटरी, अलसी, सरसो, मटर इत्यादि की फसल लिया जाता है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने जिले के ऐसे समस्त ग्राम जहॉ पांच अथवा उससे कम आवेदन प्राप्त हुए है, उन गांवों में पुनः परीक्षण कराने तथा गांवों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने के लिए निर्देशित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना अंतर्गत पात्र परिवारों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छः हजार रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार द्वारा विभिन्न राजस्व प्रकरणों डायवर्सन, नामांतरण, सीमांकन, बटवारा इत्यादि के निराकरण की भी समीक्षा किया गया। स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरण की समीक्षा भी की गई, जिसमें बताया गया कि माध्यमिक एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के 12 हजार 801 बच्चों को स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। जिला प्रशासन द्वारा अब प्राथमिक शाला में अध्ययनरत बच्चों के भी जाति प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे। ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्रामीण सचिवालय में नोडल अधिकारियो की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा प्राप्त आवेदनों का निराकरण करने के लिए भी उनके द्वारा निर्देश दिये गये। जल जीवन मिशन अंतर्गत संचालित कार्यों में प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमित अग्रवाल, सभी विभागों के जिला अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद थे।
उत्तर बस्तर कांकेर / शौर्यपथ / शासकीय पॉलीटेक्निक कांकेर में डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स में लेटरल एंट्री द्वारा द्वितीय वर्ष में प्रवेश हेतु राज्य स्तरीय आनलाइन कांउसलिंग के तृतीय चरण की प्रक्रिया 27 एवं 28 अक्टूबर को रजिस्ट्रेशन एवं डीव्हीसी होगा तथा सीटो का आबंटन 29 अक्टूबर 2021 को किया जायेगा और आबंटित सीटो पर 30 अक्टूबर 2021 को प्रवेश लिया जायेगा। वर्तमान में शासकीय पॉलीटेक्निक कांकेर में मेकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग एंव इलेक्ट्रानिक्स एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स संचालित है। अधिक जानकारी के लिए संचालनालय तकनीकी शिक्षा रायपुर छत्तीसगढ़ के वेबसाइट www.cgdteraipur.cgstate.gov.in का अवलोकन किया जा सकता है।