August 11, 2025
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली / शौर्यपथ/ सागर कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिए मध्य प्रदेश के सागर जिले में तैयारी शुरू हो गई है. सागर जिले का पहला चिल्ड्रन कोविड सेंटर गढ़ाकोटा में बनाया गया है. कोरोना की तीसरी लहर आने पर छोटे बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई गई है. डॉक्टरों की सलाह व सुझावों के बीच लोकनिर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने विधानसभा क्षेत्र गढ़ाकोटा में पहला चिल्ड्रन कोविड सेंटर तैयार करा लिया है.चिल्ड्रन कोविड सेंटर गढ़ाकोटा में 10 पलंग तैयार किए गए हैं.
इसमें बच्चों को कुपोषण से बचाने पोषण आहार के साथ इलाज, दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही बच्चों के मनोरंजन के लिए झूलाघर, खिलौने, किड्स गेम आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं. इस सेंटर में रहली विधानसभा क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्र के मरीजों का इलाज होगा.
उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस की स्थिति पर अधिकारियों के साथ चर्चा की, जहां उन्होंने कहा हम एक जून से धीरे धीने अनलॉक करेंगे. बकौल सीएम, अब हम कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की स्थिति में आ गए हैं. हमारा पॉजिटिविटी रेट 5% के नीचे आ गया है, रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है और 90% के ऊपर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि हम पहले से काफी बेहतर स्थिति में हैं. सीएम से जब प्रदेश में लगे लॉकडाउन को खोलने की जानकारी मांगी गई तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम अनंतकाल तक बंद नहीं रख सकते हैं. हमें 1 जून से धीरे-धीरे अनलॉक करना है.
मध्य प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,844 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,60,963 तक पहुंच गयी. राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 89 और व्यक्तियों की मौत हुई है. प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 7,483 हो गयी है. यह जानकारी मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है.

नई दिल्ली/शौर्यपथ/ कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में छात्र इंतजार कर रहे हैं कि परीक्षा का आयोजन होगा या नहीं. वहीं आज प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कई हाई-प्रोफाइल मंत्रियों के बीच 12वीं परीक्षा को लेकर हुई मीटिंग समाप्त हो गई है. इस वर्चूअल डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने 12वीं की परीक्षा के आयोजन पर अपनी राय रखी. बता दें, ये मीटिंग किसी आम सहमति के समाप्त हुई, है.
12वीं और एंट्रेंस परीक्षा को लेकर हुई डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार के दो प्रस्ताव रखें, वहीं CBSE ने 12वीं की परीक्षा के लिए दो विकल्पों का प्रस्ताव रखा है, जिसके साथ उन्होंने कहा कि राज्य बोर्डों को अपना निर्णय लेने की अनुमति है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पहला ऑप्शन दिया है कि वह केवल प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए.बोर्ड 12वीं के174 विषय में परीक्षा का आयोजन करता है, जिनमें से लगभग 20 विषय ऐसे है जो CBSE की ओर से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय शामिल हैं.
दूसरे ऑप्शन के तहत, जिसमें केवल 45 दिन लगेंगे, सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 12वीं के छात्र महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा में अपने स्कूलों में बैठें (सेल्फ सेंटर) में दे सकते हैं.
CBSE ने कहा, 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के स्कूलों में ही आयोजित की जाती है तो 3 घंटे की बजाए परीक्षाएं 1.5 घंटे की हों. साथ ही स्कूल में ही कॉपियां चेक की जाएं.
अगर ये दूसरे ऑप्शन के माध्यम से परीक्षा का आयोजन किया जाए तो प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव और शॉर्ट टर्म प्रश्न ही पूछे जाने चाहिए. वैकल्पिक विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार, CBSE 12वीं की परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. परीक्षा का आयोजन किस फॉर्मेट में कब और कैसे होगा, इसके बारे में जानकारी शिक्षा मंत्री रमेशन पोखरियाल निशंक 1 जून को देंगे. वहीं 1 जून को 12वीं CBSE परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया जाएगा.
आपको बता दें, केंद्रीय मंत्रियों की हाल ही में संपन्न हुई मीटिंग में दिल्ली सरकार ने कहा कि वे कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं. वहीं मीटिंग में बैठक में कहा गया कि राज्य बोर्ड अपने हिसाब से फैसला कर सकते हैं. लेकिन CBSE, NEET और JEE की परीक्षाएं होंगी.

नई दिल्ली /शौर्यपथ / हैदराबाद बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आई हैं. हैदराबाद में ऐसी ही एक गर्भवती महिला ने जब गर्भ के 7वें महीने में ही प्रीमैच्योर बेबी को जन्म दिया तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी. बच्चा भी कोरोना से संक्रमित था तो उसे मां से दूर आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया. प्रेग्नेंट महिलाके प्रीमैच्योर बर्थ के कारण वजन काफी कम होने के साथ उसकी हालत ठीक नहीं थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम की एक महीने की मेहनत रंग लाई. पिछले हफ्ते बच्चा स्वस्थ होकर बाहर आया तो पूरा अस्पताल खुशी से झूम उठा.
कोरोना को मात देने वाला यह हैदराबाद का सबसे कम उम्र का बेबी है. बच्चे का किम्स कडल्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था.अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, हॉस्पिटल में 17 अप्रैल 2021 को कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित एक महिला की गर्भ के 7वें माह में प्रीमैच्योर डिलिवरी हुई. जन्म के समय बच्चे की हालत नाजुक थी और वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही था, लिहाजा उसे वेंटिलेटर सपोर्ट रखना पड़ा. जन्म के समय उसका वजन महज 1000 ग्राम था.
शुरुआत में उसका कोविड टेस्ट निगेटिव आया, डॉक्टर भी समयपूर्व जन्म के कारण श्वसन संबंधी समस्या मानकर उसका इलाज कर रहे थे. लेकिन जन्म के 8वें दिन बच्चे का ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा, उसका वजन भी तेजी से कम होने लगा तो डॉक्टरों ने फिर आरटीपीसीआर टेस्ट कराया, जिससे उसमें कोविड पॉजिटिव होने के लक्षण दिखे. तब तक बच्चीे का वजन 920 ग्राम तक आ चुका था और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और कोविड आइसोलेशन आईसीयू में शिफ्ट किया गया. अस्पताल में
नियोनैटोलॉडी विभाग की क्लीनिकल डायरेक्टर और कंसल्टेंट नियोनैटोलॉजी डॉ. सी अपर्णा ने कहा, डॉक्टरों की टीम ने नवजात के लिए बने आईसीयू में जरूरी वेंटिलेटर सपोर्ट पर बच्ची को रखकर लगातार उसकी देखभाल की. बच्चे को बचाने के लिए एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड का सहारा भी लेना पड़ा. लेकिन दवा, देखभाल और पोषक तत्वों के मिलने से भी उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार दिखने लगा. ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल भी कुछ दिनों में बेहतर हो गया. बच्चे के पिता भी एक मेडिकल पेशेवर हैं. इस दौरान बच्चे की मां बाला मोनिका को लगातार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बच्चे की हालत के बारे में जानकारी दी गई.
मां का दूध भी बच्चे तक पहुंचाया गया, जिसका भी फायदा देखने को मिला. इन सबकी कड़ी मेहनत से बच्ची कोरोना को मात देने में कामयाब रही और उसे आइसोलेशन से बाहर लाया गया. रोजाना 15-20 ग्राम वजन बढ़ने के साथ बच्चे को ट्यूब से तरल भोजन पहुंचाने की जरूरत भी नहीं रही. 17 मई को जब बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया तो उसका वजन 1500 ग्राम था.

दुर्ग / शौर्यपथ / थप्पड़ कहने को तो साधे तीन अक्षर का शब्द है किन्तु इस थप्पड़ की गूंज कई बार बड़े बड़े बवाल कर देती है . हाल ही में सोशल मिडिया में सूरजपुर कलेक्टर द्वारा एक युवक को थप्पड़ मरने की घटना का वीडियो वाइरल होते ही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने सूरजपुर कलेक्टर को तुरंत हटा कर अन्यत्र विभाग में भेज दिया गया . कहने का तात्पर्य यह है कि मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में लिया और कार्यवाही कर सुशान की बात पर यह कार्यवाही की किन्तु वही अगर ऐसे ही एक दुसरे मामले को देखा जाए तो वह इससे जुदा है और इस दुसरे मामले में दुर्ग विधायक वोरा द्वारा मामले को शांत करने की कोशिश की गयी वही थप्पड़ मरने वाले अधिकारी को भी अपरोक्ष रूप से बचाया गया .
बता दे कि १२ मई को पत्रकारों के वेक्सिनेशन के लिए महिला कालेज दुर्ग का चयन किया गया था और व्यवस्था की जिम्मेदारी दुर्ग निगम में विधायक वोरा के करीबी माने जाने वाले ईई गोस्वामी को व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गयी थी . इन्ही ईई गोस्वामी द्वारा किसी बात पर महिला कालेज के कर्मचारी देशमुख को थप्पड़ मार दिया गया . इस बारे में कर्मचारी का कहना था कि एक आदमी आया और कहने लगा कि अधिकारी को देख कर भी तुम खुर्सी से नहीं उठ रहे हो और आकर एक थप्पड़ मार दिया . उसके बाद उसने बताया कि वो नगर निगम का बड़ा अधिकारी है और अपना नाम मोहनपुरी गोस्वामी बताया . इस बात की जब शिकायत पीड़ित कर्मचारी द्वारा दुर्ग के वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा को की गयी तो उनके द्वारा मामले पर देखते है करके बात खत्म करने की कोशिश की गयी . आज घटना को हुए १० दिन हो गए किन्तु विधायक अरुण वोरा द्वारा जो छत्तीसगढ़ सरकार में राज्य मंत्री का दर्ज़ा रखते है ना तो मामले में जिम्मेदार अधिकारी ईई मोहन पूरी गोस्वामी पर कोई कार्यवाही की अनुशंषा की गयी और ना ही इस बारे में महापौर द्वारा कोई पहल की गयी .
चर्चा है कि वोरा बंगले से जुड़े कई लोग निगम में ठेकेदारी का कार्य कर रहे है और सभी कार्य के नोडल अधिकारी ईई मोहन पूरी गोस्वामी है शायद यही कारण माना जा रहा है कि एक ऐसा अधिकारी जो अभद्रता तो करता ही है कार्य में भी लापरवाही के कारण पूर्व आयुक्त द्वारा नोटिस प्राप्त कर चुका है जो अपने मपसंद ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए बिना निविदा के कार्य की अनुमति दे देता है जो विधायक निधि की रकम को ऐसे जगह खर्च करता है ऐसा निर्माण करने का प्रारूप बनाता है जो साल भर बाद टूटने की कगार में है ऐसे अधिकारी पर कार्यवाही की अनुशंषा की बजाये मामले पर मौन रहना और पीड़ित को न्याय नहीं दिलाने वाले विधायक अरुण वोरा पर अब आम जनता का भरोसा टूटता जा रहा है .
क्या प्रदेश की कांग्रेस सरकार के ये जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री बघेल की सुशासन की छवि को खराब करने में तुले हुए है या फिर अधिकारी और विधायक के करीबी दुर्ग विधायक अरुण वोरा को अँधेरे में रख कर विधायक की छवि खराब करने में लगे हुए है . कारण चाहे जो भी हो किन्तु जिस तरह सूरजपुर की घटना को मुख्यमंत्री बघेल ने संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की वैसे ही महिला कालेज के कर्मचारी को थप्पड़ मारने वाले ईई मोहन पूरी गोस्वामी पर पीड़ित द्वारा की गयी शिकायत के बाद दुर्ग विधायक को कार्यवाही की अनुशंषा तो करनी ही चाहिए थी . आम जनता के हितो की रक्षा की बात करने वाले दुर्ग विधायक वोरा को पीड़ित को न्याय दिलाने की पहल करनी चाहिए ना कि ऐसे मगरूर अधिकारी जो पद केनाशे में हिंसा पर उतारू हो जाते है को बचाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि दुर्ग सहित प्रदेश की आम जाता को ये सन्देश जाए कि कांग्रेस के विधायक सहित मुख्यमंत्री भी अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार के असवैधानिक कार्य को बर्दास्त नहीं करते है .

कर्मचारी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ईई गोस्वामी की शिकायत के लिए लिखा गया पत्र किन्तु सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजनैतिक दबाव के चलते मामला को दबाया गया ...

नई दिल्ली/शौर्यपथ / चक्रवात यास की तैयारियों की समीक्षा के लिए पीएम मोदी आज सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में गृह मंत्री समेत अन्य मंत्री भी शामिल रहेंगे. प्रधानमंत्री की बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों और दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिव भी मौजूद रहेंगे. बताते चलें कि इस तूफान के 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराने की आशंका है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य क्षेत्र में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिसके एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी आशंका है. यह चक्रवात 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अलावा बंगलादेश के तटीय इलाकों से टकराएगा.
बंगाल ने उठाए एहतियाती कदम, नियंत्रण कक्ष में रहेंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात ‘यास' के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाए हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हालात का जायजा लेने के लिए खुद नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगी। अधिकारियों ने शनिवार को इस आशय की जानकारी दी. आज दिन में राज्य सचिवालय में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने वाली मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री रवाना कर दी गयी है और अघिकारियों को तटवर्ती तथा नदी क्षेत्रों के आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने को कहा गया है.
तैयार हैं तटरक्षक
भारतीय तटरक्षक देश के पूर्वी तट पर विकसित हो रहे चक्रवातीय तूफान ‘यास' के कारण उत्पन्न हो सकने वाली संभावित चुनौतियों से निपटने की तैयारी में जुटे हैं. तटरक्षक ईस्टर्न सीबोर्ड ने चक्रवात के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. ईस्टर्न सीबोर्ड में तटरक्षक स्टेशन, जहाज और विमान हाई अलर्ट पर हैं. बंदरगाह जानमाल, जहाजों तथा अन्य संपत्ति के नुकसान से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर रहा है. बंदरगाह के अध्यक्ष विनित कुमार ने कहा कि बंदरगाह के अधिकारियों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि चक्रवातीय तूफान के यहां पहुंचने से पहले सभी जहाजों के लंगर पड़ जाएं और कोई भी जहाज नदी की गोदी में ना रहे.
NCMC ने तैयारियों का जायजा लिया
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (NCMC) ने शनिवार को एक बैठक में बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवातीय तूफान ‘यास' की तैयारियों की समीक्षा की और देश के शीर्ष नौकरशाहों को कोविड-19 मरीजों, अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बयान के अनुसार, ‘‘केन्द्रीय और राज्य की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कदम समय पर उठाए जाएं ताकि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके.''
ओडिशा ने जिलों को अलर्ट किया
ओडिशा के मुख्य सचिव एससी मोहपात्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों के संग बैठक के बाद कहा कि अगर चक्रवात ‘यास' का राज्य पर कोई प्रभाव पड़ता है तो राज्य सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है. उन्होंने कहा कि हालांकि अबतक मौसम विभाग ने चक्रवात के संभावित, मार्ग, इसकी गति, तट से टकराने का स्थान आदि के बारे में जानकारी नहीं दी है, फिर भी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

नई दिल्ली/शौर्यपथ / दिल्ली में रविवार की सुबह धूलभरी आंधी चलने से कई इलाकों में विजिविलिटी कम हो गई. हालांकि, तेज हवाओं की वजह से राष्ट्रीय राजधानी का मौसम मौसम सुहावना हो गया. मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान है. राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण मौसम काफी सुहावना रहा और अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएसडी) ने यह जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से दिल्ली से सटे हरियाणा के कई इलाकों में आज बारिश के आसार हैं. विभाग के मुताबिक अगले दो घंटे में हरियाणा के नारनौल, बवाल, फतेहाबाद और राजस्थान के कोटपुतली, खैरताल, राजगढ़ और इससे सटे इलाकों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. दिल्ली में भी गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
दिल्ली में पिछले तीन दिनों से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. रविवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान के क्रमश: 37 डिग्री तथा 20 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना जताई गई है. राजधानी में शनिवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो कि सामान्य से 9 डिग्री नीचे है.
शहर का मौसम संबंधी आधिकारिक आँकड़ा बताने वाली सफदरजंग वेधशाला ने बताया कि पिछले 24 घंटे में सुबह आठ बजकर 30 मिनट तक 19 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. वहीं पालम, लोधी रोड और आयानगर में क्रमश: 22 मिमी, 22.6 मिमी और 35 मिमी बारिश दर्ज की गई. दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य तापमान से 16 डिग्री सेल्सियस कम था और 1951 के बाद से मई महीने का यह सबसे कम तापमान था.
गौरतलब है कि 15 मिमी से नीचे दर्ज की गई बारिश को ''हल्का'' माना जाता है, 15 मिमी से 64.5 मिमी के बीच ''मध्यम'', 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच ''भारी'' जबकि 115.6 मिमी और 204.4 मिमी के बीच की बारिश को ''बहुत भारी'' की श्रेणी में रखा जाता है. 204.4 मिमी से ऊपर की बारिश को ''बेहद भारी'' वर्षा माना जाता है.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक बार फिर कोरोना हालातों से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. पीएम के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के दो और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने भी सरकार के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी. गांधी, वैक्सीन की कमी से लेकर बढ़ते ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों तक और पीएम मोदी के भावुक हो जाने पर जोरदार प्रहार करते दिखाई दे रहे हैं. शनिवार शाम उन्होंने ट्वीट कर एक चार्ट शेयर किया, जिसमें एशिया के देशों में कोविड महामारी, मृत्यु दर प्रति 10 लाख और जीडीपी ग्रोथ का उल्लेख किया गया था. इस लिस्ट में भारत सबसे नीचे दिखाई दे रहा है. राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री के भावुक होने को जोड़ते हुए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वैक्सीन नहीं है, जीडीपी निम्नतम स्तर पर है, मौत का आंकड़ा शीर्ष पर है और सरकार की प्रतिक्रिया सिर्फ पीएम मोदी के रोने को लेकर आ रही है.
राहुल गांधी द्वारा शेयर चार्ट भारत जीडीपी ग्रोथ और कोविड के कारण प्रति 10 लाख मृत्यु दर, दोनों की श्रेणियों में सबसे नीचे दिखाई दे रहा है. इस लिस्ट में भूटान, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देश नीचे दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था कि मगरमच्छ निर्दोष है, उनकी यह टिप्पणी वाराणसी में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक होने के बाद सामने आई थी.
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी के भावुक होने पर तंज कसा. जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा कि सरकार ने जनवरी 2021 में दावा किया था कि जुलाई अंत तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी लेकिन 22 मई की हकीकत बताती है कि सिर्फ 4.1 करोड़ लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग पाई है. उन्होंने आगे लिखा कि 21 मई को सरकार दावा कर रही है कि साल के अंत तक सभी देशवासियों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकेगी लेकिन सच्चाई ये है कि 21 मई को पूरे दिन में 14 लाख लोगों को टीके की खुराक दी गई. जयराम रमेश के अनुसार देश को वैक्सीन की जरूरत है, आंसुओं की नहीं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को टीकाकरण की धीमी गति के नतीजों को लेकर आगाह किया है. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से यह दावा किया कि अगर टीकाकरण की गति तेज नहीं की गई तो महामारी की तीसरी लहर को रोक पाना संभव नहीं होगा.
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत 2021 के अंत तक देश के सभी वयस्क लोगों का टीकाकरण करने की स्थिति में होगा,मंत्री ने नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वैश्विक महामारी के हालात की समीक्षा बैठक में कहा, ‘‘भारत अगस्त और दिसंबर 2021 के बीच टीकों की 216 करोड़ खुराक खरीदेगा, जबकि इस साल जुलाई तक 51 करोड़ खुराक खरीदी जाएंगी.''

नई दिल्ली /शौर्यपथ / ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाले कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार और एक अन्य व्यक्ति को छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े में एक पहलवान की कथित हत्या के सिलसिले में रविवार को यहां गिरफ्तार कर लिया गया. डिप्टी कमिश्नर (स्पेशल सेल) पी एस कुशवाह ने रविवार को बताया कि सुशील कुमार (38) और उनके सहयोगी अजय उर्फ सुनील (48) को मुंडका से गिरफ्तार किया गया है. मामले में सुशील पर पुलिस ने एक लाख जबकि उनके साथी अजय पर 50 हजार रुपये के इनाम का ऐलान किया गया था. साथ ही पहलवान के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था. बताते चलें कि सुशील सिंह 4 मई के बाद से ही एक पहलवान की कथित हत्या के मामले में फरार चल रहे थे. आरोप है कि सुशील कुमार और कुछ अन्य पहलवानों द्वारा चार मई की रात को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम कैंपस में हुई मारपीट में सागर राणा की मौत हो गयी थी.
स्पेशल सीपी, स्पेशल सेल नीरज ठाकुर ने बताया कि पहलवान सुशील कुमार को टीम ने गिरफ्तार किया है, उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि एसीपी अत्तर सिंह की की देख-रेख और इंस्पेक्टर शिवकुमार, इंस्पेक्टर करमबीर की अगुवाई में सुशील कुमार और अजय को दिल्ली के मुंडका से गिरफ्तार किया गया है.
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने सुशील कुमार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कुश्ती खिलाड़ी कुमार प्रथमदृष्टया मुख्य साजिशकर्ता हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं. उनके खिलाफ खिलाफ हत्या, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया गया है. कुमार ने 17 मई को दिल्ली की रोहिणी अदालत में अग्रिम जमानत के लिए गुहार लगाई थी, उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ जांच पक्षपातपूर्ण है और वह किसी चोट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. अपनी याचिका में सुशील कुमार ने जांच में शामिल होने की तथा घटना की ‘‘सच्ची और सही तस्वीर'' बताने की इच्छा जताई थी ताकि जांच एजेंसी को नतीजे पर पहुंचने में मदद मिले.

नई दिल्ली /शौर्यपथ / भोपाल मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक वीडियो को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है. बीजेपी ने कहा है कि वह किसानों को "न्याय प्राप्त करने" के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगजनी करने के लिए उकसा रहे हैं. पार्टी ने कमलनाथ पर कोरोनोवायरस संकट से निपटने के लिए सरकार की आलोचना करने पर भी हमला किया है, जिसमें कहा गया है कि उनकी टिप्पणी से भारत की छवि खराब होती है.
मध्य प्रदेश बीजेपी इकाई द्वारा जारी किए गए 20 सेकंड के एक वीडियो में, कमलनाथ को एक वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह "आग लगाने" ("आग लगा दो") का सही अवसर था ताकि किसानों को न्याय मिल सके.
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कहा, "मैं एमपी के राज्यपाल से मांग करता हूं कि इस तरह के बयानों के माध्यम से समाज में भय फैलाने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए. भारतीय कोरोना वैरिएंट वाली टिप्पणी के माध्यम से भारत की छवि खराब करने के लिए उन पर देशद्रोह का भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए."
इस विवाद और गृह मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कमलनाथ ने शनिवार को उज्जैन में कहा, "वे (भाजपा नेता) उस छोटी सी वीडियो क्लिप को क्यों ट्वीट कर रहे हैं? उसके पहले और बाद में मैंने जो कहा था, उसे क्यों नहीं दिखा रहे हैं? उन्हें वह करने दें जो वे चाहते हैं, जिसमें मामला दर्ज करना भी शामिल है."
शुक्रवार को एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता ने यह भी कहा था कि पिछले साल दुनिया कह रही थी कि कोविड -19 महामारी चीनी वायरस के कारण हुई थी "लेकिन अब हमारा देश भारतीय कोरोना या इंडियन वैरिएंट के कारण बदनाम हो गया है. कई देशों के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री भारतीय संस्करण के बारे में बात कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "पहले 'मेरा भारत महानÓ भारत की विश्वव्यापी पहचान थी, लेकिन अब 'मेरा भारत कोविडÓ देश की नई पहचान है. कोविड से संबंधित तथ्यों और आंकड़ों को दबाने और छिपाने के मौजूदा सरकार के रवैये से समस्या का समाधान नहीं होगा बल्कि स्थिति और खराब होगी." कमलनाथ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कोरोना से नहीं लड़ रही है, लेकिन वास्तव में आलोचना से लड़ रही है. मोदी सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर रही है, बल्कि छवि प्रबंधन में व्यस्त है."
कोविड -19 के वास्तविक आंकड़ों और तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश इसका एक आदर्श उदाहरण है. उन्होंने कहा, "मार्च और अप्रैल के दौरान राज्य में लगभग 1.27 लाख शव श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में पहुंचे हैं और मेरा अनुमान है कि उनमें से 80 प्रतिशत मौतें कोविड के कारण हुईं. मेरी मांग है कि मध्य प्रदेश सरकार उन शवों के आंकड़े सार्वजनिक करे जो मार्च-अप्रैल 2021 में राज्य भर में श्मशान घाट और कब्रिस्तान पहुंचे हैं."
कमलनाथ ने कहा, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन सभी परिवारों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड के लिए अपने सदस्यों को खो दिया है. मेरी मांग है कि प्रत्येक परिवार, जो कोविड के कारण मरने वाले अपने परिवार के सदस्यों के बारे में एक हलफनामा प्रस्तुत करता है, उसे 5 लाख रुपये मुआवजे का भुगतान किया जाए."
कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने उनकी आलोचना की है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कमलनाथ ने एक बातचीत के दौरान "भारतीय कोरोना" शब्द का इस्तेमाल किया जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का नाम किसी देश के नाम पर नहीं है.
जावड़ेकर ने कहा, "वह यहीं नहीं रुके और कहा 'हमारी पहचान मेरा भारत कोविडÓ... कई कांग्रेस नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. कई नेताओं ने कहा कि यह एक भारतीय संस्करण है. यह भारत का अपमान है."

ब्यूटी टिप्स/ शौर्यपथ/ कहते हैं कि किसी भी चीज का आधा-अधूरा ज्ञान आपके लिए कई समस्या खड़ी कर सकता है, खासतौर पर खाने-पीने और ब्यूटी केयर प्रॉडक्ट को पूरी जानकारी के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए। आज हम आपको कच्ची हल्दी के ऐसे ब्यूटी टिप्स बताएंगे, जिसका इस्तेमाल आप अपने चेहरे पर निखार ला सकते हैं। इन तरीकों को इस्तेमाल करने से पहले आपको अपनी स्किन टोन के बारे में भी जरूर जान लेना चाहिए-

ऑयली स्किन के लिए
आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आपको कच्ची हल्दी का एक पीस लेकर उसे कद्दूकस करना है। बारीक साइड से कद्दूकस करें और कसी हुई हल्दी को दो चम्मच बेसन में गुलाबजल के साथ घोल लें। अब तैयार पेस्ट को 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं। जब यह पैक हल्का-हल्का सूखा हुआ हो जाए, तो हल्के हाथों से रगड़ते हुए इस पैक को छुड़ा लें। ताजे पानी से चेहरा धुलें और अपनी रेग्युलर क्रीम या मॉइश्चराइजर अप्लाई कर लें। सप्ताह में 3 बार इस पैक को चेहरे पर लगाएं। अधिक बार भी लगा सकते हैं लेकिन कम से कम 3 बार जरूर ऐसा करें। आपको ऑइली स्किन से छुटकारा मिलेगा और आपकी स्किन से कील-मुहासों की समस्या और पुराने दाग-धब्बे भी दूर हो जाएंगे।

ड्राई स्किन के लिए
धुली हुई कच्ची हल्दी को छोटे वाले कद्दूकस से महीन तरीके से कस लें। जब यह करीब एक चम्मच हो जाए, तो कसी हुई हल्दी को एक कटोरी में रख लें और इसमें ऊपर से एक चम्मच मलाई डाल दें। अब कसी हुई हल्दी और मलाई को अच्छी तरह मिक्स कर लें और फिर उंगलियों की मदद से इसे चेहरे और गर्दन पर लगा लें। 20 मिनट लगा रहने के बाद उंगलियों को सर्कुलर मोशन में यानी घड़ी की सुई की दिशा में घुमाते हुए अपने चेहरे और गर्दन की मसाज करें। इससे आपकी स्किन की डेड सेल्स निकालने के साथ ही पोर्स के जरिए त्वचा को पूरा पोषण देने में मदद मिलेगी। आप करीब 10 मिनट स्किन की मसाज इस तरह करें और फिर हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।

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