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खाना खजाना / शौर्यपथ / बच्चों को कप केप काफी पसंद होता है।वहीं ऐसे वक्त में मार्केट में कप केक या तो आसानी से उपलब्ध नहीं है और बाहर का खाना अभी सेफ नहीं माना जा सकता है। ऐसे में आप घर में ही कप केक बना सकते हैं। इसकी रेसिपी बहुत आसान है।
सामग्री :मैदा 120 ग्राम
चीनी आधा कप
बेकिंग सोडा आधा छोटी चम्मच
बेकिंग पाउडर आधा चम्मच
मक्खन (पिघला हुआ) 85 ग्राम
2 अंडे का सफेद भाग
दही एक चौथाई कप
दूध एक चौथाई कप
नमक आधा छोटी चम्मच
वैनिला एसेंस 1 चम्मच
विधि : सबसे पहले माइक्रोवेव ओवन को 180 डिग्री सेल्सियस पर पहले से ही गर्म कर लें। एक बड़ा कटोरा लें उसमें मैदा, चीनी, चुटकीभर नमक और बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, 2 अंडे का सफेद भाग, दूध, दही, वैनिला एसेंस, और मक्खन डालकर अच्छी तरह से सभी सामग्री को मिलाएं। डिस्पोजल कप केक मोल्ड लें और बनाए हुए मिक्सचर को उसमें डाल कर ओवन में 25 मिनट के लिए रखें और 20-25 मिनट बाद आप का सुन्दर कपकेक बनके तैयार हो जाएगा। ठंडा होने के बाद इन्हें सभी को सर्व करें। इन कपकेक के ऊपर क्रीम डालकर भी सर्व किया जा सकता है।
खेल /शौर्यपथ / रोहित शर्मा ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में पिछले दो सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है और हर किसी को दिखाया है कि वह सफेद जर्सी में भी उतने ही कारगर बल्लेबाज हैं जितने वह लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में हैं। टेस्ट क्रिकेट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरने के बाद हिटमैन के बल्ले से लगातार रन निकले हैं। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी रोहित ने कुछ दमदार पारियां खेली थीं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड दौरे पर भी भारतीय टीम उनसे बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद जरूर करेगी। हालांकि हिटमैन स्विंग गेंदबाजी के सामने इतने सहज नजर नहीं आते हैं ऐसे में इंग्लैंड में स्विंग लेती गेंदें रोहित की अग्निपरीक्षा ले सकती हैं। इस बीच, रोहित के बचपन के कोच ने बताया है कि कैसे वह इस इंग्लैंड दौरे को यादगार बना सकते हैं।
स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत करते हुए रोहित के दिनेश लाड कोच ने कहा, 'हां, रोहित को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि बाकी देशों के मुकाबले में इंग्लैंड में गेंद ज्यादा स्विंग करती है और उस मोवमेंट को संभालने के लिए आपको अधिक फोकस रहना पड़ेगा। लेकिन, अगर वह भारत के बढ़िया गेंदबाजों को नेट्स सेशन या प्रैक्टिस मैचों में फेस करेंगे तो इससे उनको परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में काफी मदद मिलेगी। यहां तक इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने जैसे बैटिंग की उससे सभी का ध्यान रोहित के ऊपर गया और उन्होंने तेज गेंदबाजों को खेलते हुए शॉट मेकिंग को काफी आसान बना दिया। उनको देखकर कभी नहीं लगा कि वह आउट होने वाले हैं, लेकिन दोबारा से कुछ पारियां रहीं जहां उन्होंने अपने विकेट को फेंक दिया। उनको इस दफा ऐसा करने से बचना होगा।'
रोहित शर्मा का रिकॉर्ड इंग्लैंड में कुछ खास नहीं रहा है और साल 2014 में खेले एक टेस्ट मैच में वह महज 28 और 6 रन ही बना सके थे। हालांकि, पिछले कुछ समय की फॉर्म को देखते हुए हर किसी की निगाहें हिटमैन पर रहने वाली हैं। 2019 विश्व कप के बाद से रोहित टेस्ट क्रिकेट में 4 शतक, एक दोहरा शतक और 4 फिफ्टी जड़ चुके हैं। खास बात यह है कि रोहित को ओपनर का स्लॉट वनडे की तरह टेस्ट क्रिकेट में भी काफी रास आ रहा है। दाएं हाथ के बल्लेबाज की सबसे बड़ी कमजोरी रही है कि वह अपनी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके हैं, जो इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी देखने को मिला था।
मनोरंजन /शौर्यपथ / सैफ अली खान अब बॉलीवुड में अपनी खास जगह बना चुके हैं। हालांकि इंडस्ट्री के दूसरे खान- शाहरुख, सलमान और आमिर जैसी सफलता उन्हें नहीं मिली। एक इंटरव्यू के दौरान सैफ ने इस बारे में बात की। उनका कहना है कि ऐसा होना उनके लिए अच्छा रहा, क्योंकि इससे न सिर्फ उन्हें एक्सपेरीमेंट करने की आजादी मिली बल्कि एक ऐक्टर के तौर पर उन्होंने अपना अलग रास्ता बनाया।
कम सफलता से हुआ फायदा
Film Companion की 'अनुपमा चोपड़ा' का मानना है कि सैफ की तुलनात्मक कम सफलता उनके लिए वाकई अच्छी रही। इस बात से सैफ भी सहमति जताते हैं। सैफ ने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि ये लोग- शाहरुख, सलमान और आमिर कहीं न कहीं ऐक्टर बनने के लिए ही पैदा हुए थे। .मुझे लगता है कि उनका उद्देश्य बचपन से ही यह रहा होगा। मैं जानता हूं इनमें से दो लोगों का तो जरूर था। मुझे नहीं पता कि सलमान का ऐम्बिशन ये था या नहीं लेकिन फिर भी वह इसके लिए बने थे।
ऐक्टिंग में लेने लगे हैं इंट्रेस्ट
मैं फिल्मों में उस वक्त आया जब आप या तो सुपरस्टार बनने का लक्ष्य बनाते हैं या फिर आपको फर्क नहीं पड़ता। अलग तरह के किरदार, बारीकियां... इन सबसे मतलब नहीं था, ये सब तो अब हो गया है। सैफ बताते हैं कि वह किरदारों के साथ अब ज्यादा एक्सपेरिमेंट करने लगे हैं इसकी वजह यह है कि वह ऐक्टिंग में ज्यादा रुचि लेने लगे हैं। अब उनमें इसकी समझ बढ़ गई है। सैफ कहते हैं, मेरे लिए, अब फिल्में भी बदल गई हैं। मुझे कॉम्प्लैक्स रोल ऑफर हो रहे हैं।
अक्षय कुमार से बढ़िया बॉन्डिंग
सैफ अली खान बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए अक्षय कुमार को क्रेडिट देते हैं। दोनों ने 'ये दिल्लगी', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और 'टशन' में साथ काम किया है। वह बताते हैं, कई फिल्मों में क्यूटनेस और मजा था और मैंने अक्षय कुमार के साथ काफी काम किया है। उस वक्त उनमें शायद फन की कमी थी तो हम साथ मिलकर सुपर-पर्सन हो गए और इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। मैंने उनको पूरा किया और उन्होंने मुझे। मुझे लगता है कि यही वजह है कि हम दोनों एक-दूसरे को आज तक इतना पसंद करते हैं।
ये हैं सैफ के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स
सैफ कहते हैं, एक अकेला सफल सुपरस्टार जैसे ये लोग (खान्स) हैं, इन्हें खुद को कम्प्लीट करने के लिए किसी की जरूरत नहीं। सैफ अली खान ने अपना डेब्यू फिल्म 'परंपरा' से 1993 में किया था। वह 'दिल चाहता है', 'एक हसीना थी', 'हम तुम' और 'ओमकारा' जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं। रीसेंटली वह ऐमजॉन प्राइम सीरीज 'तांडव' में नजर आए थे। उनकी अपकमिंग फिल्में 'बंटी और बबली2', 'भूत पुलिस' और 'आदिपुरुष' हैं।
दुर्ग। शौर्यपथ । आज पूरे जिले में लॉकडाउन है शासन द्वारा शादियों में भी गिने चुने लोगों को सम्मलित होने की अनुमति दी है, जिससे आज जिले में कही पर भी शादी का माहौल देखने को नही मिल रहा है, इस बीच दुर्ग शहर के ढीमर पारा दुर्ग निवासी शिव ढीमर की पुत्री नंदनी ढीमर उर्फ उतरा एवं पुत्र पिताम्बर ढीमर जिसका विवाह दिनांक 21 एवं 22 मई को होना है, इस परिवार में एक साथ दो विवाह है जिसमें एक भाई और एक बहन का विवाह है, भाई का विवाह 21 मई को ग्राम पाटन में मात्र 10 लोगों को ले जाकर विवाह किया गया, और आज 22 मई को नंदनी उर्फ उतरा का ग्राम नागपुरा कोटनी के लड़के के साथ विवाह है.. नंदनी उर्फ उत्तरा एवं उसके भाई पितम्बर के विवाह के पूर्व घर मे शादी की तैयारी पर चर्चा की जा रही थी तब नंदनी उर्फ उत्तरा ने अपने परिवार के पास बात रखी कि अभी शासन प्रशासन का आदेश है कि ज्यादा मेहमान नही बुलाना है, कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा है, पूरे देश मे लॉकडाउन के वजह से लाखों लोग भूखे सो रहे है, मैं अपने विवाह में दुर्ग शहर में जरूरतमंदों को भोजन खिलाना चाहती हु, भूखे को भोजन खिलाकर विवाह उत्सव करना चाहती हु, जिस पर घर वाले बोले कि वो कैसे होगा, तो नंदनी एवं उसके भाई पितम्बर ढीमर जिसका विवाह था वे अपने वार्ड के संजय सेन, शुभम सेन, हरीश ढीमर, भागवत पटेल, दद्दू ढीमर को बुलवाया जो कि मानव सेवा करने वाली जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग के सदस्य है जो विगत 4 वर्षों से जरूरतमंदों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन खिला रहे है, ये यूवाओ को रोज जरूरतमंदों की सेवा करने जाते देख युवती नंदनी ढीमर एवं भाई पितम्बर ढीमर को भी मानव सेवा करने की सोच जागी, नंदनी ढीमर ने अपने परिवार से चर्चा करके सभी को मानव सेवा करने के लिए राजी किया, और स्वयं जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी से सम्पर्क करके उनसे अपनी मानव सेवा के प्रति पूरी मंशा बताकर अपने विवाह के अवसर पर 5 दिवस तक जरूरतमंदों को भोजन पानी वितरण करने की मंशा जाहिर की, जिस पर संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा ने उन्हें इस सोच की बधाई दी और सराहना की भोजन वितरण ही नही बस नन्दनी ढीमर ने अपने विवाह घर से ही 5 दिवस तक स्वादिष्ट भोजन, मिष्ठान, नमकीन बनवाकर भेजा और 3 दी तक तो खुद संस्था के सदस्यों एवं अपने पारिवारिक जनोँ के साथ मिलकर जरूरतमंदों को भोजन वितरण भी किया.. ढीमर परिवार द्वारा अपने बेटे एवं बेटी के विवाह के अवसर शासन के नियम को ध्यान में रखते हुए ज्यादा महेमान न बुलाकर विवाह का पूरा 5 दिवस मानव सेवा की, खुद अपने विवाह घर से प्रतिदिन 200 जरूरतमंदों का भोजन बनवाये और जन समर्पण सेवा संस्था के साथ मिलकर जरूरतमंदों को वितरण किये.. एक तरफ 21 मई को पितम्बर ढीमर की बरात पाटन गयी थी परन्तु घर के कुछ लोग बस शासन के नियमानुसार गए और बाकी लोग घर मे रहकर जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाये और रात्रि में जन समर्पन सेवा संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर जरूरतमंदों को भोजन वितरण किये.. उसी तरह कल दिनांक 22 मई को नन्दनी उर्फ उत्तर का विवाह हुआ जिसके लिए ग्राम कोटनी नागपुरा से बरात आयी है एक तरफ मेहमानों की खातिरदारी की जा रही है थी दूसरी ओर घर के लोग रात को जरूरतमंदों के भोजन की तैयारी कर रहे है, कल के भोजन में भोजन के साथ साथ मिष्ठान एवं नमकीन का वितरण भी किया गया ढीमर परिवार द्वारा.. यह सेवा कार्य शहर की आज की पीढ़ी के लिए मिशाल बन गयी है, संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा रात को अपनी पूरी संस्था के सदस्यों के साथ भोजन वितरण करने के पश्चात नन्दनी उर्फ उत्तर के विवाह स्थल गए जहां पर बारातियों के सामने खड़े होकर सभी आम जनोँ एवं बारातियों को बताया कि आपके परिवार में जो लड़की विवाह होकर जा रही है उसके द्वारा 5 दिवस तक मानव सेवा की गई जबकि यह विवाह का समय था और लड़कियां तो शादी की तैयारी करती है परन्तु नन्दनी उर्फ उत्तर ढीमर ने शहर में एक नयी मिशाल कायम करके आने वाले समय के लिए एक प्रेणा दी है, नंदनी ने अपने विवाह की तैयारी को छोड़कर जरूरतमंदों के भोजन की तैयारी की ओर उन्हें भोजन खिलाया 5 दिवस तक प्रतिदिन 300 लोगो को भोजन वितरण करवाया है जो बहुत ही सरहानीय कार्य हैं..
सेहत शौर्यपथ / इन दिनों हल्दी वाले दूध यानी गोल्डन
मिल्क की बहुत चर्चा है....आम तौर पर सर्दी होने या शारीरिक पीड़ा होने पर घरेलू इलाज के रूप में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि हल्दी वाले दूध के एक नहीं अनेक फायदे हैं? नहीं जानते तो हम बता रहे हैं-
हल्दी अपने एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के लिए जानी जाती है, और दूध, कैल्शियम का स्त्रोत होने के साथ ही शरीर और दिमाग के लिए अमृत के समान हैं। लेकिन जब दोनों के गुणों को मिला दिया जाए, तो यह मेल आपके लिए और भी बेहतर साबित होता है, जानते हैं कैसे -
1 जब चोट लग जाए - यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।
2 शारीरिक दर्द - शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है।
हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।
3 त्वचा हो साफ और खूबसूरत -
दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे - इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इससे आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।
4 सर्दी होने पर - सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
5 हड्डियां बने मजबूत - दूध में कैल्शियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हल्दी के गुणों के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे हड्डी संबंधित अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस में कमी आती है।
6 जब नींद न आए - यदि आपको किसी भी कारण से नींद नहीं आ रही है, तो आपके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है, हल्दी वाला दूध। बस रात को भोजन के बाद सोने के आधे घंटे पहले हल्दी वाला दूध पीएं, और देखिए कमाल।
7 पाचन तंत्र हो गड़बड़ - हल्दी वाले दूध का सेवन, आपकी आंतो को स्वस्थ रखकर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। पेट के अल्सर, डायरिया, अपच, कोलाइटिस एवं बवासीर जैसी समस्याओं में भी हल्दी वाला दूध फायदेमंद है।
8 जोड़ों के लिए असरकारी - हल्दी वाले दूध का प्रतिदिन सेवन, गठिया- बाय, जकड़न को दूर करता है, साथ ही जोड़ों मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
9ब्लड शुगर कम करे - खून में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने पर हल्दी वाले दूध का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।लेकिन अत्यधिक सेवन शुगर को अत्यधिक कम कर सकता है, इस बात का ध्यान रखें।
10 सांस की तकलीफ - हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटी माइक्रो बैक्टीरियल गुण, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों में जकड़न व कफ से राहत देने में सहायता करते हैं।
गर्म दूध के सेवन से शरीर में गर्मी का संचार होता है जिससे सांस की तकलीफ में आराम मिलता है।
11 वायरल संक्रमण - वायरल संक्रमण में हल्दी वाला दूध सबसे बेहतर उपाय है, जो आपको संक्रमण से बचाता है।
सेहत /शौर्यपथ / गले में खराश होने पर किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। बार - बार खराश आती है। कई बार आस-पास मौजूद लोग भी परेशान हो जाते हैं। जब खराश बहुत अधिक बढ़ जाती है तब हम सीधे ऐलोपैथिक दवा लेने के बारे में सोचते हैं। लेकिन घर में मौजूद कई सारी चीजें है जिनके सेवन से आप घर पर आसानी से खराश से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं घर पर कैसे आसानी से गले में हो रहे खराश को दूर भगाएं -
1 नमक पानी की गरारे - जी हां, आपको हर थोड़े - थोड़े दिन में कफ हो जाता है तो आप पानी में नमक डालकर उसे गर्म कर लीजिए। और तीन वक्त गर्म पानी के गरारे करें। आपको 2 दिन में ही आराम मिलने लगेगा। साथ इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। आप रोज भी कर सकते हैं। कफ खत्म होने के साथ ही आवाज भी खुलती है और साफ भी होती है। शोध में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि नमक के पानी के गरारे करने से गले की सूजन और दर्द में भी आराम मिलता है। डॉक्टर भी नमक के पानी के गरारे करने की सलाह देते हैं।
2.सोना सुहागी - जी हां, यह आपको किचन में आराम से मिल जाएगी। सोना सुहागी को रात में दूध से लिया जाता है। इससे आपको एक दिन में ही आराम मिल जाएगा। सोना सुहागी सफेद रंग की होती है उसे तवे पर धीमी आंच पर रखा जाता है, वह धीरे - धीरे फूलने लगती है। इसके बाद गैस बंद कर दीजिए। और दूध के साथ लेकर सो जाएं। इसे लेने के बाद आप पानी या अन्य चीज कुछ भी खाएं पिएं नहीं। आपको अगले दिन सुबह ही आराम मिल जाएगा।
- रसोई घर पर हर दर्द की दवा है। रात को सोने से पहले आप एक चम्मच में शहद लें और काली मिर्च को उसमें मिक्स कर दें। वह एक चम्मच आप पूरा खा लीजिए। इसके बाद किसी भी चीज का सेवन नहीं करें, पानी का भी नहीं। अगले दिन सुबह आपको आराम मिल जाएगा।
4.अदरक - अदरक में एंटी बैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं। एक कप पानी में अदरक को डालकर उबाल लें। इसे गुनगुना होने के बाद इसमें शहद मिलाएं और दिन में दो बार पिएं। इसके सेवन से आपके गले का कफ दूर होगा और दर्द में भी आराम मिलेगा।
5.मसाला चाय - जी हां, चाय के सेवन से भी काफी राहत मिलती है। चाय में आप लौंग, तुलसी, अदरक, काली मिर्च डालकर उबाल लें। इसके बाद पानी में शक्कर और चाय की पत्ती डालकर उबालें और फिर छानकर पिएं। इसके सेवन से आपको कफ में भी राहत मिलेगी और गले के दर्द में भी आराम मिलेगा।
6.अमृतधारा : यह भीमसेनी कपूर,पिपरमिंट और अजवाइन के सत से बनती है और खराश में इसे गले पर लगाने और बूंद भर सेवन करने से आश्चर्यजनक फायदा करती है...
आस्था /शौर्यपथ /संधिकाल क्या होता है। दरअसल, किसी समय का परिवर्तन काल संधि काल होता है जैसे रात के बाद दिन प्रारंभ होता है, लेकिन दोनों के बीच जो काल होता है उसे संधिकाल कहते हैं। आओ जानते हैं कितने प्रकार के संधिकाल होते हैं।
'सूर्य और तारों से रहित दिन-रात की संधि को तत्वदर्शी मुनियों ने संध्याकाल माना है।'-आचार भूषण-89
1. रात और दिन में मुख्यत: दो संधियां तो हम देख सकते हैं जैसे प्रात: काल और संध्याकाल लेकिन बाकी की संधियों का हमें ज्ञान नहीं होता है। दो अवस्थाओं के मिलने का समय संधि काल होता है।
2. दिन और रात मिलाकर 8 प्रकार की संधि होती है जिसे अष्ट प्रहर कहते हैं। एक प्रहर एक घटी 24 मिनट की होता है। दिन के चार और रात के चार प्रहर मिलाकर कुल आठ प्रहर हुए।
*दिन के चार प्रहर:- पूर्वान्ह, मध्यान्ह, अपरान्ह और सायंकाल।
*रात के चार प्रहर:- प्रदोष, निशिथ, त्रियामा एवं उषा।
3. तो दिन के बीच के समय को संधिकाल कहते हैं।
4. दो तिथियों के बीच के समय को संधिकाल कहते हैं।
4 . इसके अलावा दो पक्ष के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं जैसे अमावस्या और पूर्णिमा।
5. दो माह के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
6. दो ऋतु्तों के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
7. दो अनयों अर्थात उत्तरायण और दक्षिणायन के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
8. दो संवत्सर के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
9. दो युग के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
10. जन्म और मृत्यु और मृत्यु और जन्म के बीच के काल को भी संधिकाल कहते हैं।
11. दो श्वासों के बीच जो अंतराल है उसे भी संधिकाल कहते हैं।
इसी तरह और भी कई तरह की संधियां होती हैं। संधिकाल में ही संध्यावंदन या संध्योपासन का महत्व होता है और जो भी व्यक्ति संधिकाल के महत्व को जानकर उसके नियम मानता है वह हर तरह के संकटों से बचकर सदा सुखी और समृद्ध रहता है।
संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं:-
1.सोना
2.सहवास करना
3.खाना-पीना
4.यात्रा करना
5.असत्य बोलना
6.क्रोध करना
7.शाप देना
8.झगड़े करना
9.गालियां देना या अभद्र बोलना
10.शपथ लेना
11.धन लेना या देना
12.रोना या जोर-जोर से हंसना
13.वेद मंत्रों का पाठ करना
14.कोई शुभ कार्य करना
15.चौखट पर खड़े होना
16.किसी भी प्रकार का शोर-शराब करना
उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है। संध्या काल में शनि, राहु और केतु के साथ ही शिव के गण सक्रिय रहते हैं।
संध्योपासन : संध्या वंदन को संध्योपासना भी कहते हैं। संधि काल में ही संध्या वंदन की जाती है। वैसे संधि पाँच वक्त (समय) की होती है, लेकिन प्रात: काल और संध्या काल- उक्त दो समय की संधि प्रमुख है। अर्थात सूर्य उदय और अस्त के समय। इस समय मंदिर या एकांत में शौच, आचमन, प्राणायामादि कर गायत्री छंद से निराकार ईश्वर की प्रार्थना की जाती है।
आस्था /शौर्यपथ / मंगल दोष दूर करने के लिए कई लोग उज्जैन के मंगलनाथ में मंगलदेव की पूजा कराते हैं तो कई लोग हनुमानजी की पूजा करते हैं। देश त्रयंबकेश्वर में भी मंगलदोष पूजा होती है। परंतु हम आपको बता रहे हैं एक सामान्य सा उपाय जिससे मंगलदोष दूर हो जाएगी।
1. आप अपने घर की दक्षिण दिशा में नीम का एक पेड़ लगाएं और उसकी देखरेख करें जब तक की वह अच्छे से चेत नहीं जाता या बड़ा नहीं हो जाता है। यह पेड़ साक्षात मंगलदेव हैं। इस पेड़ की सेवा करने से आपके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होगा और मंगलदोष दूर हो जाएगा।
2. मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है। नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। अत: दक्षिण दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष जरूर होना चाहिए। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर स्थित नीम का हराभरा वृक्ष है या मकान से दोगना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा।
3. घर के पास नीम का पेड़ लगाने और नित्य इसमें जल अर्पित करने से हनुमानजी की भी कृपा बनी रहती है।
4. नीम की दातुन करने से शनि और मंगल दोष समाप्त होता है साथ ही दातों के किड़े भी मारे जाते हैं। ज्योतिष में कहीं कहीं नीम का संबंध शनि और कहीं कहीं केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनों ही ग्रहों की शांति हेतु उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाया जा सकता है। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है। इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है। यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है या आपकी राशि मकर या कुंभ राशि है तो नीम का पेड़ लगाने बहुत ही शुभफलदायी होगा।
5. इसके अलावा द्वारा के उपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र भी लगाना चाहिए। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है, मंगलदोष भी दूर होकर हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। नीम के पत्तों का वन्दनवार लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती है। जिस व्यक्ति को संकटों से मुक्ति पाना और निरोगी रहना हो उसे घर के दक्षिण में नीम का वृक्ष लगाना चाहिए। देवी और शक्ति की उपासना में नीम का प्रयोग किया जाता है।
नीम और सेहत
हाल ही में हुए शोधों से पता चला है कि नीम के नीचे प्रतिदिन आधा घंटा बैठने से किसी भी प्रकार का चर्म रोग नहीं होता। तुलसी और नीम के पत्ते खाने से किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं होता। इसी तरह वृक्ष से सैकड़ों शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं। नीम की लड़की के बने पलंग पर सोने से त्वचा रोग दूर होते हैं। नीम के तेल और छाल के प्रयोग से कुष्ठ रोग दूर होता है।
दुर्ग / शौर्यपथ /
- फर्जी टूलकिट मामले में एक्सपोज हो गए भाजपा नेता, गिरफ्तारी देने की नौटंकी को समझ रही देश की जनता
- बाबा रामदेव का बयान लाखों कोरोना वारियर्स का अपमान
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने टूल किट मामले में भाजपा नेताओं द्वारा गिरफ्तारी देने को नौटंकी करार दिया है। राजेंद्र ने कहा कि भाजपा का यह राजनीतिक दांव पूरी तरह असफल रहा। देश की जनता जान चुकी है कि भाजपा द्वारा जारी टूलकिट फर्जी है। ट्वीटर द्वारा जारी वक्तव्य में साफ कहा गया है कि संबित पात्रा द्वारा दिखाए गए टूल किट में छेड़छाड़ हुई है। राजेंद्र ने बाबा रामदेव के विवादित बयान पर कहा कि यह पूरे मेडिकल जगत का अपमान है। बाबा रामदेव को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
राजेंद्र ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बयान जारी कर कहा है कि बाबा रामदेव को विवादास्पद बयान वापस लेना चाहिए। लेकिन, सिर्फ बयान वापस लेने से काम नहीं चलेगा। केंद्रीय मंत्री के बयान वापस लेने के बयान से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार बाबा रामदेव को बचाने का प्रयास कर रही है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए।
राजेंद्र ने कहा कि बाबा रामदेव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए समय-समय पर देश की जनता को गुमराह करने का काम किया था। बाबा रामदेव ने 2014 में भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए महंगाई कम करने, पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी करने और हर देशवासी को 15 लाख रुपए देने के वायदा किया था, जिससे देश की जनता गुमराह हुई। बाबा रामदेव को भारत के हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने, काला धन वापस लाने, पेट्रोल-डीजल के दाम आधे करने, महंगाई कम करने जैसे झूठे बयानों के लिए भी देशवासियों से माफी मांगते हुए बयान वापस लेना चाहिए।
राजेंद्र ने कहा कि जब-जब देश में मोदी सरकार ज्वलंत मुद्दों पर विफल रहती है, तब-तब भाजपा नेता देश की जनता को गुमराह करने इस तरह के टूल किट का प्रयोग करते हैं। देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव जिस तेजी से फैला, उसका मुख्य कारण केंद्र सरकार की लापरवाही है। वैक्सिनेशन प्रोग्राम की गलत नीतियों और आधी अधूरी तैयारियों के कारण जनता को वेक्सिनेशन सेंटर से बिना टीका लगाए निराश लौटना पड़ रहा है। वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने इसकी पुष्टि की है।
बाबा रामदेव ने अब एलोपैथिक इलाज और एलोपैथिक दवाई को स्टूपिड और दिवालिया साइंस कहकर गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। इस बयान से देश के लाखों डाक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, एंबुलेंस चालक, ऑक्सीजन उपलब्ध कराने सहित उन सभी कोरोना वारियर्स का अपमान हुआ है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर देश की जनता को कोरोना महामारी सहित अन्य बीमारियों से बचाने का काम किया।
राजेंद्र ने कहा कि बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर जिस गंगा-जमुना के सहारे अपनी राजनीति और व्यापार चलाते हैं, उसी पवित्र गंगा नदी में अनगिनत लाशें तैरते नजर आई और गंगा किनारे हजारों लाशें दफन कर दी गई, जिन्हें आज तक वे देखने भी नहीं गए। देश की जनता समझ चुकी है कि भाजपा नेता और उनको सहयोग करने वाले बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर देश को गुमराह करने का काम करते हैं। बेहतर होगा कि भाजपा की केंद्र सरकार देश की जनता को वैक्सीन उपलब्ध कराए, न कि देश की जनता का ध्यान भटकाने का कुत्सित प्रयास करे।
लेख /शौर्यपथ / क्रूर कोरोना का कोड़ा सभी को बड़ी बेरहमी से सटासट पीट रहा है। महूवा खा के नशे में मदमस्त भयानक भालू की तरह रात -दिन लोगों को उठा -उठा कर पटक रहा है।बीते दिनों मैं भी क्रूर कोरोना के फंदे में फंस गया।तब हमारे घर में कोहराम मच गया। मुझे मेरी अर्धांगिनी जी तरह तरह के काढ़ा यूं जबरिया पीलाने लगी जैसे जानवरों के डाक्टर बांस की पूंगी में दवाई भरकर गाय भैस के मुंह में ठेल देते हैं।साथ ही साथ वो अपनी उंगलियों को चटकाते हुए कोरोना को श्रापने लगी। कलमुंहा कोरोना तूअकाल मौत मरे,तेरा खानदान कुलवंश का नाश हो।तब मैं
उसे समझाया कि घर में शांति पूर्वक रहो ,मास्क पहनों , जिंदगी बंचाने का यही कारगर उपाय है। मेरी बात सुन के वो एक टोकरी भर मास्क उठा लाई और पटकते हुए बोली- ए लो कितना मास्क पहनना है पहन लो।माता कालिके जैसे उसके रौद्र रूप के आगे मैं बली के बकरे की भांति हो चला था, पर साहस दिखाते फिर बोला-मनू की मम्मी, यूं गुस्सा करना ठीक नहीं है। आज के समय में मास्क ही प्राण रक्षक है।इसे ऐसे नहीं पटकना।
पटकूं नहीं तो क्या चूमते चाटते गले लगा लूं। कलमुंहा कोरोना के संग आए इसे एक वर्ष से ऊपर हो गया ।मुंह को ढंकते -ढंकते इस मास्क ने हमारे मुंह को भी बंदरिया जैसे बना दिया है।ए देखो आधा मुंह लाल और आधा सफेद हो गया है।ऐसा कहते-कहते श्रीमती जी ने मुंह में लगे मास्क को यूं नोचना शुरू किया जैसे कोई गिद्ध अपने पंजे में दबे गिरगिट को बेदर्दी से नोचता है। फिर फटे पंतंग की भांति हो चले मास्क को फेक कर पैर पटकते श्रीमती जी वहां से चली गई।
अपनी अर्धांगिनी के ऐसे "कोरोना छाप" रूप को देख कर मैं भी चूहे की तरह बिस्तर में जा दुबका। तभी अधपकी नींद में मुझे ढेर सारे लोगों के रोने की आवाज सुनाई दी। मैं किसी अनहोनी की आशंका से पसीना- पसीना हो गया।हिम्मत करके उठकर खिड़की से बाहर झांका तो भौंचक रह गया। मैंने देखा कि रात के अंधेरे में पीपल पेड़ के नीचे बड़ी संख्या में तरह तरह के मास्क जमा हैं,और एक दूसरे से लिपट लिपट कर रो रहे हैं।
इसे देखकर मेरा मन दया के सागर में गोते खाने लगा। मैंने उन्हें शांत कराने के लिए चिल्लाकर कहा- मास्क भाइयों चुप हो जाव जी।रात को यूं रोना अच्छी बात नहीं है।मेरी बात सुनते साथ एक लाल रंग का मास्क आंखे तरेरते हुए बोला- खबरदार बुड्ढा, हमें समझाने का तुझे हक नहीं है,क्यों कि तुम्हारे दुष्कर्मों का फल हमें भोगना पड़ रहा है।
हां भाई ,एकदम सही कह रहे हो कहते एक नीले रंग के मास्क ने कहा- अरे बुड्ढे, तुम लोगों की जान बंचाने हम रात -दिन लगे हैं,पर तुम लोग मास्क का मान रखने बजाए मजाक उड़ाते रहते हो।
क्या मजाक उड़ाते है, हमेशा कान में लादे लादे तो फिरते हैं और क्या करेंगे कहते हूए मैंने खिड़की के दुसरे पल्ले को झटके से खोलकर प्रश्न किया।तब एक काले रंग का मास्क मेरे करीब आकर मुंह बिचकाते बोला -कितने लोग पान गुटका मुंह में भरे रहते हैं।बीड़ी दारू गांजा पीए रहते हैं, फिर भी उनके बदबूदार मुंह को हम शांति पूर्वक ढंके रहते हैं। कभी बाप जनम में तुम लोगों ने मास्क नहीं पहना है, इसीलिए होश तक नहीं रहता।कल एक छोकरा पान खा के पच्च से थूक दिया।वो भूल गया कि मुंहू में मास्क पहना है ।क्या बताऊं भइया पूरे पान की पीक से मैं सराबोर हो गया।
सच कह रहे हो भाई इंसानों के चक्कर में मास्क परिवारों की जि़न्दगी नर्क बन गई है कहते हुए एक चितकबरा मास्क अपने मुंह को ढके ढके सामनेआकर बोला- मेरी तो और भी दुर्गति हो गई है।एक डेढ़ होशियार छोकरे ने मास्क पहनकर कुछ खाते- पीते नहीं बनता सोचकर मुझे बीचो बीच गोल काट दिया है।ए दे देख लो कहते हूए उसने जब अपना हाथ हटाया तो सबने देखा कि उस बेचारे मास्क के बीचों-बीच का हिस्सा गोल कटा हुआ है।
उस मास्क को देख के मैं हंस पड़ा। मुझे हंसते देख के एक सफेद रंग की लेडीस मास्क गरजते हुए बोली - सुन बुड्ढे , तूम्हारे घर परिवार के फैशनेबुल महिलाओं के कारण तो हमारा मरना हो गया है।वो खुद तो लाल लाल लिपस्टिक होंठ में लगाती हैं और मास्क लगाने से लिपिस्टिक के मिट जाने पर गुस्सा उतारते हूए कहती हैं कि ए मरी मास्क तो सौतन जैसे हम पर सवार है। पता नहीं कब इससे हमारा पीछा छूटेगा?
उस मास्क की बात सुनकर एक खाकी रंग का मास्क पुलिसिया अंदाज मेंअकड़ते हुए गरज उठा - पढ़े लिखे होने बाद भी तुम लोगों ने असभ्य गंवारों की तरह अपनी हरकतों को बना रखा है। बेचारे पुलिस वाले तुम्हें मास्क पहनो, मास्क पहनो की हिदायत देते रहते हैं, लेकिन तुम्हारे कानों में जूं तक नहीं रेंगता।जब वे जुर्माना करते हैं तो तुम लोग मास्क पर गुस्सा उतारते हुए कहते हो- साला, हथेली भर का मास्क पांच सौ रूपए का चुना लगा दिया।
सभी मास्क की पीड़ा सुन सुन के मेरा मन भी दु:खी हो गया। मैं उन्हें समझाते हुए बोला मास्क भाइयों सब दिन एक जैसे नहीं होते हैं।धीरज रखो। तुम्हारी छत्र छाया में ही तो इसानों की जान बच रही है। हाथ जोड़ कर मेरी विनती है, इंसानों का साथ मत छोडऩा।एक न एक दिन उन्हें अपनी भूल का अहसास होगा। देर सबेर उनकी आंख जरूर खुलेगी। कहते हैं न कि कुत्ते की आंख तो इक्कीस दिन में खुलती है पर आदमी कीआंख खुलने में इक्कीस साल लग जाते हैं।मेरी बात सुन के सभी मास्क सिर झुका कर बोले-सौ बात की एक बात बोले हैं बाबा,पर अपनी बिरादरी के लोगों को बताव कि ए समय सजग रहने का है।तभी कोरोना भागेगा।खैर रात बहुत हो गई है। जाइए सो जाइए शुभ रात्रि।मास्क मित्रों से विदा लेकर मैं नई सुबह की आस में गहरी नींद में सो गया।
विजय मिश्रा "अमित"
अतिरिक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क), छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कम्पनी