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सेहत /शौर्यपथ / कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इससे घबराएं नहीं बल्कि थोड़ा धैर्य रखते हुए अपने शरीर के लक्षणों पर ध्यान दें। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर संक्रमण की गंभीरता की जांच स्वयं कर सकते हैं। इससे सही समय पर सही इलाज कराकर संक्रमण से निजात मिलेगी। आज हम ऐसे तीन लक्षणों की जानकारी दे रहे हैं जिससे आप यह पता लगा सकेंगे कि आपका संक्रमण खतरनाक तो नहीं बन रहा।
1. बार-बार बुखार आना खतरनाक
दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल के एक प्रसिद्ध डॉक्टर मैथ्यू वर्गीस ने कहा कि कोरोना संक्रमण में बुखार एक शुरुआती संकेत है। अगर बुखार एक दो दिन में खत्म हो जाए तो इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। पर अगर बुखार चार पांच दिनों तक बना रहे तो यह काफी चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि यह ऊतकों पर वायरस के हमले का एक बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यदि बुखार ठीक होने के बाद बार-बार आ जाता है तो यह भी एक गम्भीर मसला है।
पहले सात दिन तक बुखार पर नजर : डॉ. वर्गीज के अनुसार, संक्रमण के पहले सात दिनों तक कोरोना रोगी को बेहद सावधान रहने की जरूरत है और बार-बार बुखार को मापते रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह लगातार बना हुआ है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।
2. लगातार सूखी खांसी आना चिंताजनक
विशेषज्ञों को मानना है कि बुखार के अलावा कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति में लगातार खांसी भी एक प्रमुख लक्षण के रूप में देखा गया है। हल्की खांसी चिंता का विषय नहीं है लेकिन यदि किसी मरीज को गहरी सूखी खांसी का अहसास होता है और इसके बाद कफ आता है तो यह एक चेतावनी हो सकती है। यह एक गम्भीर संकेत है कि आपके फेफड़े और श्वसन अंग बुरी तरह से संक्रमित हैं। सूखी खांसी, जिसमें कफ नहीं होता है वह भी कोरोना का एक विशिष्ट लक्षण है।
सांस लेने में भी दिक्कत हो तो निमोनिया का लक्षण : लगातार खांसी आने के साथ सांस की तकलीफ होने और मरीज को जलन महसूस होने लगे तो यह निमोनिया का लक्षण हो सकते है।
3. सीने में जमाव या जकड़न पैदा होना
सीने में जमाव या जकड़न पैदा होना भी कोरोना संक्रमण को गंभीर बनाता है। डॉ. वर्गीज के अनुसार, कोरोना की शुरुआत में सीने में होने वाले किसी भी प्रकार की तकलीफ या बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र पर हमला करता है इसलिए सीने में किसी प्रकार के जमाव, जकड़न, जलन या फिर घबराहट का अनुभव हो तो आपको डॉक्टर से विशेष परामर्श की जरूरत है।
सांस छोड़ने पर दर्द होना भी खतरनाक : जब आप सांस छोड़ते हैं तो यदि आपकी छाती के आसपास तेज दर्द होता है तो यह इस बात का संकेत है कि वायरस श्वसन के निचले स्तर तक गम्भीर रूप से फैल चुका है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
दूसरी लहर में नजर आ रहे हैं ये लक्षण-
लाल आंखें : आखों से पानी आना, सूजन और लालपन रहना ।
पेट दर्द : पेट में ऐंठन, दर्द, उल्टी आना व दस्त जैसी पाचन असुविधा।
थकावट : बीमारी के दौरान और ठीक होने के कई सप्ताह बाद तक थकान।
न्यूरो : लोगों में मनोभ्रम और नींद की कमी और न्यू संबंधी अन्य शिकायतें।
झनझनाहट : कानों में झनझनाहट सुनाई देना और सुनने की क्षमता पर फर्क पड़ना।
तेज खांसी : लंबे वक्त तक बदली हुई आवाज वाली खांसी आना।
बेचैनी : छाती में बेचैनी के साथ सांस लेने में कठिनाई भी लक्षण हैं।
तेज धड़कन : दिल की तेज धड़कन, मायोकार्डियल सूजन की शिकायत।
स्वादहीनता : भोजन की महक व स्वाद को सूंघ व महसूस न कर पाना।
खाना खजाना / शौर्यपथ /ब्रेकफास्ट में अगर कोई ऐसी चीज मिल जाए, जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी हो तो आपका ब्रेकफास्ट कम्पलीट हो जाता है। पनीर चीला ऐसा ही हेल्दी ब्रेकफास्ट है. आइए, जानते हैं पनीर चीला की रेसिपी-
सामग्री : बेसन 200 ग्राम, पनीर 75 ग्राम, प्याज, लहसुन, चार हरी मिर्च, (सभी बारीक कटा हुआ), हरा धनिया (एक छोटा चम्मच), अदरक (एक छोटा चम्मच), लाल मिर्च एक छोटा चम्मच, सौंफ (एक छोटा चम्मच), अजवायन (एक छोटा चम्मच), तेल सेंकने के लिए और नमक स्वादानुसार।
विधि : पनीर चीला रेसिपी के लिए सबसे पहले पनीर को कद्दूकस कर लें। इसके बाद बेसन को छान लें। फिर उसमें पनीर के साथ सारी सामग्री मिला लें।अब मिश्रण में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए उसका घोल बना लें। यह घोल पकौड़े के घोल जैसा होना चाहिए, न ज्यादा पतला, न ज्यादा गाढ़ा। घोल को अच्छी तरह से फेंट लें और फिर उसे 15 मिनट के लिए ढककर रख दें। अब एक नॉन स्टिक तवा गरम करें। तवा गरम होने पर 1/2 छोटा चम्मच तेल तवा पर डालें और उसे पूरी सतह पर फैला दें। ध्यान रहे तेल सिर्फ तवा को चिकना करने के लिए इस्तेमाल करना है, अगर तवा पर तेल ज्यादा लगे, तो उसे तवा से पोंछ दें। तवा गरम होने पर आंच कम कर दें और 2-3 बड़े चम्मच घोल तवा पर डालें और गोलाई में बराबर से फैला दें। चीला की नीचे की सतह सुनहरी होने पर उसे पलट दें और उसे सेंक लें। इसी तरह सारे चीले सेंक लें। आप इसे चटनी या सॉस के साथ सर्व कर सकते हैं।
धर्म संसार / शौर्यपथ /वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी या जानकी नवमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इसी दिन मां सीता का जन्म हुआ था। महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से बालिका का प्राकट्य हुआ। हल के नोक को सीता कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम सीता रखा गया।
माता सीता अपने त्याग और समर्पण के लिए पूजनीय हैं। इस दिन श्री सीतायै नमः का जाप करें। इस दिन जानकी स्तोत्र, रामचरित मानस का पाठ करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। माता सीता को मां लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। माता सीता को पीले फूल, कपड़े और शृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है। घर के मंदिर में सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं। माता सीता को दूध और गुड़ से बने प्रसाद अर्पित करें। दिनभर व्रत रखें। शाम को पूजा कर इसी प्रसाद को ग्रहण कर अपना व्रत खोलें। इस व्रत को विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घ आयु के लिए करती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान श्रीराम-माता सीता का विधि-विधान से पूजन करने से पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल प्राप्त होता है। सीता नवमी पर जो श्रद्धालु माता जानकी का पूजन-अर्चन करते हैं, उन्हें सभी सुख-सौभाग्य प्राप्त होते हैं। अगर किसी कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो तो उसे भी यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
-अगले दो दिनों में ब्लाक लेवल में बैठक के बाद बनेगी कार्ययोजना, किसानों से मिलकर वैकल्पिक फसलों का सुझाव देंगे अधिकारी
-भूमि के अनुकूल फसल की जानकारी भी देंगे, साथ ही प्रोत्साहन राशि के प्रावधानों की जानकारी भी देंगे
-खेतों में बांस-सागौन के प्लांटेशन को भी मिलेगा बढ़ावा
दुर्ग / शौर्यपथ / कैबिनेट की बैठक में धान के अलावा दूसरी फसलें लेने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने का फैसला लिया गया था। आज इसके अनुपालन की कार्रवाई जिले में आरंभ हो गई है। आज हुई बैठक में अधिकारियों को इसके क्रियान्वयन के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश दिये गए। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए वर्ष 2020-21 में धान का विक्रय करने वाले किसानों को धान के बदले अन्य चिन्हांकित खरीफ फसलें लेने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। दुर्ग जिले में राज्य सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने और अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ दिलाने के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों की बैठक लेकर अतिशीघ्र प्लान तैयार करने कहा है। उन्होंने वन, कृषि, उद्यानिकी सहित पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजना के उद्देश्य की जानकारी देते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये हैं।
कृषि अधिकारी फील्ड सर्वे कर जमीन की प्रकृति के अनुरूप वैकल्पिक फसल का सुझाव दें- कलेक्टर ने बैठक में कहा कि कृषि अधिकारी व्यापक फील्ड सर्वे करें। जमीन की प्रकृति के मुताबिक किसान को सुझाव दें कि किस तरह की वैकल्पिक फसल उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि चूँकि अधिकतर जमीनों में साइल टेस्टिंग हो चुकी है इसके नतीजों के मुताबिक किसानों को मार्गदर्शन दें कि किस प्रकार की फसल लें तो उन्हें लाभ होगा। उन्होंने कहा कि किसान वैकल्पिक फसल लेने का मन बनाते हैं कभी ये आगे बढ़ते हैं और कभी नवाचार की हिचक की वजह से पीछे हट जाते हैं। प्रोत्साहन राशि मिलने से वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। किसानों को बताएं कि प्रोत्साहन राशि के अलावा उन्हें वैकल्पिक फसल के लिए तकनीकी मार्गदर्शन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा वैकल्पिक फसलों के प्रोत्साहन के लिए सरकार पहले भी अनेक विभागीय योजनाएं कार्यान्वित कर रही हैं।
उद्यानिकी को भी करें प्रेरित- कलेक्टर ने कहा कि दुर्ग जिले में उद्यानिकी का रकबा अच्छा है। उद्यानिकी फसलों में होने वाले लाभ के चलते कई किसान उद्यानिकी फसल ले रहे हैं। प्रोत्साहन राशि मिलने से इस ओर किसान और भी आगे आएंगे। फूड पार्क आदि की उपलब्धता के चलते किसानों के लिए मार्केटिंग लिंकेज भी दुर्ग जिले में अच्छा होगा। चूँकि उद्यानिकी फसलों के प्रमोशन के लिए जिले में आधारिक संरचना पहले से मजबूत है अतएव इस दिशा में किसानों को प्रेरित करने से अच्छे नतीजे मिलेंगे।
बांस-सागौन जैसे पौधों का करें रोपण- कलेक्टर ने खेतों में धान की फसल के बदले वृक्षारोपण करने पर सरकार द्वारा मिलने वाली दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि के बारे में भी अधिकाधिक किसानों को जानकारी देने की बात कही। यह प्रोत्साहन राशि प्रति एकड़ तीन वर्ष तक दी जाएगी। कलेक्टर ने बांस-सागौन जैसे पौधों के रोपण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही।
अपर कलेक्टर होंगी नोडल अधिकारी, तीनों ब्लाक में दो दिनों के भीतर बैठक लेकर बनाई जाएगी कार्ययोजना- कलेक्टर ने अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने के लिए अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी को योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी है। ब्लाक स्तर पर एक दो दिन में तीनों ब्लॉक में इन विभागों के मैदानी अधिकारियों की बैठक आयोजित की जायेगी। ब्लाक लेवल के अधिकारी मीटिंग के बाद योजना के क्रियान्वयन को लेकर अपना प्लान प्रस्तुत करेंगे।
दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि हो सकता है कि थर्ड वेव में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हों, यदि ऐसा हुआ तो उनके इलाज के लिए पुख्ता व्यवस्था हो, इस पर कार्य आरंभ हो गया है। आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इस संबंध में सरकारी हास्पिटल तथा प्राइवेट हास्पिटल के मैनेजमेंट से चर्चा की गई। बैठक में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी होती है अतएव इस बात की आशंका कम है कि थर्ड वेव आने पर वे बड़ी संख्या में प्रभावित हों।
सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार ने कहा कि हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि इस तरह की कोई परिस्थिति आती है तो उससे निपटने सरकारी एवं प्राइवेट हास्पिटल में पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, इसे निर्धारित करने और मिलकर ऐसी किसी परिस्थिति से निपटने यह बैठक बुलाई गई है। बैठक में अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने कहा कि जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। चंदूलाल चंद्राकर हास्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू बनाया जा रहा है। 35 स्टाफ नर्स को पीडियाट्रिक आईसीयू स्टाफ नर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। चाइल्ड ट्रीटमेंट से संबंधित गाइडलाइन के मुताबिक यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट किया जा रहा है। प्राइवेट हास्पिटल को भी गाइडलाइन से अवगत करा दिया जाएगा।
आक्सीजन हुड की व्यवस्था रखें- बैठक में सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चे भी तीन आयु वर्ग के होंगे। नवजात से लेकर 6 वर्ष, 6 से 10 और इसके बाद किशोर बच्चे। छोटे बच्चों के लिए आक्सीजन हुड की जरूरत होगी ताकि उन्हें आक्सीजन सपोर्ट देने में किसी तरह की असुविधा न हो। वेंटीलेटर बेड्स को बच्चों के मुताबिक एडजस्ट करना होगा। नवजात शिशुओं के लिए एचएफएनसी( हाई फ्लो नैसल कैन्युला) की जरूरत होगी। सभी हास्पिटल इसके लिए तैयारियाँ कर लें। सबसे बड़ी जरूरत आईसीयू स्टाफ पीडियाट्रिक नर्स की होगी। आईसीयू स्टाफ नर्स को इसके मुताबिक प्रशिक्षित कर लें तथा ट्रेनिंग भी दे दें।
हर अस्पताल में चस्पा होगा प्रोटोकाल- बच्चों के मेडिसीन प्लान के संबंध में गाइडलाइन हर अस्पताल में चस्पा किये जाने के सुझाव भी दिये गये। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों के लिए रेमडेसिविर आदि डोज का प्लान और सभी दवाओं की खुराक के प्लान हर अस्पताल में चस्पा होने चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। जितनी ज्यादा संख्या में वेबिनार हों, इसका लाभ उतना ही होगा। मेडिकल आफिसर डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि इसके लिए तैयारियाँ प्रशासन द्वारा की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. बाल किशोर ने जिला अस्पताल में चाइल्ड केयर के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई में सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर प्रारंभ किया जायेगा। उच्च गुणवत्ता की सस्ती पैथालाॅजी एवं डायग्नोस्टिक जांच सेवाओं की सुविधा इसमें मिलेगी। डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन करने के स्थल का चयन किया जा रहा है। आज कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने इसके लिये पाॅवर हाउस बस स्टैण्ड एवं प्रगति मार्केट का निरीक्षण किया। डायग्नोस्टिक सेंटर प्रारंभ करने के लिये जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के मुताबिक स्थल के बारे में जानकारी ली। न्यूनतम क्षेत्र 3000 स्क्वेयर फीट एवं प्राइम लोकेशन वाले स्थल का चयन करने के निर्देश दिये।
राज्य प्रवर्तित सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना है तथा इस योजना का उददेश्य किफायती दरों में आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की अत्याधुनिक स्वास्थ्य परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिससे शहर में निवासरत् नागरिकों के स्वास्थ्य सेवाओं में लगने वाले खर्च में कमी आयेगी और सेवाओं को प्राप्त करने नागरिकों को अन्य बढ़े शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नागरिक अपनी नियमित जांच जैसे-रक्त जांच, स्पूटम जांच, लिपिड प्रोफाईल, सिटी स्कैन, एमआरआई आदि की सुविधा गुणवत्तायुक्त अत्याधुनिक प्रयोगशाला से प्राप्त कर सकेंगे। प्रयोगशाला में जांच हेतु आवश्यक उपकरण, मशीन, पैथोलाजिस्ट, टेक्निशियन मौजूद रहेंगे। डायग्नोस्टिक सेन्टर प्रारंभ करने के लिए विभागीय प्रक्रिया जारी है। सारी प्रक्रियाएं पूर्ण करने के उपरान्त जल्द ही भिलाई वासियों को अत्याधुनिक प्रयोगशाला से जांच सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / जिला प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन के दौरान बहुत से व्यवसायियों को निर्धारित समय देते हुए व्यवसाय करने की छूट दी गई है बावजूद इसके कुछ लोग हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। जिन दुकान को आज नही खोलना था वहां दुकान गाइडलाइन के विरुद्ध खुला पाया गया।ऐसे लोगों पर निगम प्रशासन द्वारा सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने दुर्ग निगम अतिक्रमण /उड़नदस्ता टीम निरंतर निरीक्षण कर रही है और नियमों की अवहेलना करने वालों से अर्थदण्ड वसूल रहे है।देर शाम तक कई दुकान आधा शटर खुला रखने पर दुकान बंद करवाया गया।
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु लगाए गए लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराने निगम कमिश्नर हरेश मंडावी ने निगम के अधिकारी को निर्देश दिए है। दुकानों पर भीड़ न लगे और सोशल डिस्टेंस का पालन हो इसके लिए व्यवसासियों को समझाइश भी दिया जा रहा है। जहां कहीं भी नियमों की अवहेलना की शिकायत मिल रही है निगम की अतिक्रमण/बाजार विभाग टीम मौके पर पहुंचकर कार्यवाही कर रहे है। गली मोहल्लों में घूम घूम कर फल, सब्जी बेचने वालों पर नजर रखते हुए निर्धारित समय तक ही सामान बेचने नियमों का पालन कराया जा रहा है। हरिओम ब्यूटी वर्ल्ड को आज दुकान नही खोलना था नियम के उल्लंघन करने पर 3000 रूपये तथा अर्थदण्ड लेते हुए अंतिम समझाईश दी दोबारा ऐसा करते हुए पाये जाने पर दुकान सील बंद कार्यवाही की जाएगी।
दुर्ग निगम क्षेत्र में निरीक्षण के लिए निकली अतिक्रमण / बाजार टीम ने विभिन्न स्थानों पर लोगों से नियमों के उल्लंघन पर आज जुर्माना वसूला इसमें स्टेशन रोड हरिओम ब्यूटी वर्ल्ड से 3000 रूपए का जुर्माना किया ये दुकान का आधा शटर खोलकर गाइडलाइन का उल्लंघन करते पाया गया जो ग्राहकों को अंदर बुलाकर सामान दे रहा था। राजेश जरनल स्टोर्स से 200 रुपए, अशोक ट्रेंडिंग से 200 रुपए, गोदावरी ग्रीन से 100 संतोषी कंटलरी से 100 रुपए, हरिओम ट्रेडर्स से 100 रुपए अरिहंत ट्रेडर्स से 100 रुपए भगवती ट्रेडर्स से 100 रुपए इन दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही करने पर इन दुकानदारो से इस प्रकार कुल 8 लोगों से 3900 रूपए अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही की गई।
इस मौके पर अतिक्रमण एव बाजार अधिकारी शिव शर्मा,जसवीर सिंग भुवाल,ईश्वर वर्मा,भुवनलाल साहू,शशिकांत यादव,शौयब अहमद,लवकुश शर्मा,विनीत वर्मा के अलावा संकेत धर्मकार एवं टीम अमला मौजूद थे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने 21वीं सदी के प्रणेता कंप्यूटर क्रांति के जनक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुये किया नमन दी श्रद्धांजलि।
डॉ महंत ने कहा कि 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा और नौवें प्रधानमंत्री होने का गौरव हासिल करने वाले राजीव गांधी "आधुनिक भारत के शिल्पकार" कहे जा सकते हैं। वह पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कंप्यूटर के व्यापक प्रयोग पर जोर डाला। भारत में कंप्यूटर को स्थापित करने के लिए उन्हें कई विरोधों और आरोपों को भी झेलना पड़ा, लेकिन अब वह देश की ताकत बन चुके कंप्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, राजीव गांधी जी देश के युवाओं में काफी लोकप्रिय नेता थे, उनका भाषण सुनने के लिए लोग काफी इंतज़ार भी करते थे। राजीव देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में कई ऐसे फैसले लिए जिसका असर देश के विकास पर देखने को मिला। शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल है। राजीव ने कई साहसिक कदम उठाए जिनमें श्रीलंका में शांति सेना का भेजा जाना, असम समझौता, पंजाब समझौता, मिजोरम समझौता आदि शामिल है।
डॉ. महंत ने कहा कि, 'राजीव गांधी बलिदान दिवस' को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। तभी से स्वर्गीय राजीव गांधी के सम्मान में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 21 मई का दिन आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
रायपुर/ शौर्यपथ / टूलकिट मामले में फंसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बचाव में भाजपा के होने वाले आंदोलन पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा का चरित्र ही अपराधियों को संरक्षण देना है और अपराधियों के बचाव के पक्ष में आंदोलन करना है। भाजपा के नेता तो बलात्कार जैसे घिनौने मामले में फंसे अपराधियों को बचाने के लिए झंडा लेकर सड़कों पर आंदोलन प्रदर्शन करते हैं और रेप पीड़िता को ही दोषी ठहरा देते हैं। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, बी एल संतोष, संबित पात्रा और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह तो टूलकिट का आरोपी है, इन्होंने फर्जी दस्तावेज जारी कर कांग्रेस की छवि धूमिल करने का गभीर षड्यंत्र किया है जालसाजी किया है और ये पहली बार नही हुआ जब-जब देश की जनता का आक्रोश मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ता है तब तब भाजपा मोदी सरकार दागदार छवि विफलताओं नाकामियों छिपाने इस प्रकार की तिकड़म करती आई है। भाजपा में नैतिकता नीति नाम की कोई चीज ही नही है। भाजपा एक ऐसी वाशिंग मशीन है जहाँ तड़ीपार बलात्कारी घोटालेबाज एवं अन्य गंभीर मामलों के दोषी लोग शामिल होते ही पाक साफ हो जाते है और जेल जाने से बच जाते है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि टूलकिट मामले में फंसे भाजपा के नेताओ के खिलाफ प्रदेश के थानों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एफ आई आर दर्ज कराई है अब भाजपा के नेता गिरफ्तारी से बचने के लिए अब इस प्रकार से आंदोलन की नौटंकी कर कानूनी प्रक्रियाओं पर बाधा उत्पन्न कर रहे है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज निर्माण कर सोशल मीडिया में जारी करने वाले भाजपा नेताओं को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ।भाजपा नेता इस प्रकार के टूल किट के माध्यम से देश के सौहार्द को बिगाड़ने का कूट रचना किए हैं साजिश किये है।मोदी सरकार की नाकामी के चलते देश में महामारी से हो रही मौत गंगा में बहती लाशे ऑक्सीजन वेंटीलेटर वैक्सीन और दवाइयों के लिए तरसते मरीज वैक्सीन पर जीएसटी पेट्रोल-डीजल की महंगाई और वैक्सीन किल्लत के खिलाफ आम जनता के आक्रोश को दबाने के लिए भाजपा एक प्रकार से कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र कर रही है जालसाजी कर रही है भाजपा का षड्यंत्र और जालसाजी देश और प्रदेश की जनता के बीच में उजागर हो चुका है भाजपा अब कहीं मुंह दिखाने लायक बची नहीं है टूल किट में फंसे भाजपा नेताओं की तत्काल गिरफ्तारी की होनी चाहिए।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि घटना 18 मई 2021 के प्रातः के समय फोन के माध्यम से ग्राम साल्हे से सूचना मिला कि थोर गाड़ी में काम करने वाले एक व्यक्ति की हत्या हो गयी है कि सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की सूचना से अवगत कराते हुए हमराह स्टाफ के विवेचना कीट के साथ अंबागढ़ चौकी पुलिस पार्टी सूचना की तस्वीक करने रवाना हुई थी। मौके पर पहुंचकर देखा कि ग्राम साल्हे के शासकीय प्राथमिक शाला भवन के पास में एक आदमी मृत हालत में खून से लथपथ पड़ा था जिसके शरीर में हत्या करने जैसे गंभीर चोट के निशान दिख रहे थे, जिसकी जांच हत्या के श्रेणी में लेते हुए की गई .
पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण, अति. पुलिस अधीक्षक जेपी बढ़ई, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी घनश्याम कामड़े के दिशा-निर्देश पर पटना की सूक्ष्मतापूर्वक जांच प्रारंभ किया तथा मृतक की शिनाख्ती पहचान कराने पर पुनिरा राम सलामें पिता दुकेल सिंह सलामें उम्र 35 साल साकिन मासूल थाना मोहला जिला राजनांदगांव निवासी होना बताये जो ग्राम साल्हे में नयी शेख के खेत मैं खुशी थोरवेल कम्पनी के वाहन के माध्यम से बोर कराया जा रहा था। उसी वाहन में मजदूरी का काम करता था, मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम के द्वारा घटना की गंभीरता को सूक्ष्मतापूर्वक समझते हुए मौके पर गर्ग एवं अपराध कायम कर अंधे काल की विवेचना में सभी दिशा पर काम करना प्रारंभ किया तथा संदेहियों को तलब कर घटना के संबंध में बारीकी से पूछताछ करने लगे शुरू में तो सबने घटना करने से इंकार किया, परन्तु अलग-अलग बारीकी से करने पर दो व्यक्तियों के बयान संदेहास्पद लगने पर उनसे हिकमत अमली से पूछताछ की जो जांच पड़ताल में पुलिस के सामने टूट गये और अपने द्वारा अपराध करना कबूल कर बताया कि आरोपी सड़मुख सुंदरम से जबरदस्ती मांगा और स्वयं गांव से शराब पीकर आ तमीलन से मृतक ने 500 रूपये शराब लेने के लिये समायचा पैसा वापस मांगा तो मतफ लड़ाई झगडा कर गया और दोनों के लिये शराब नहीं लाया जिससे सहमुख डंडे से सहमुख के हाथ में मार दिया तथा दोनों आरोपियों तमीलन और सड़मुख ने मिलकर मृतक को जमीन में पटफकर मृतक के छाती व बांये कंधे में पत्थर से वार कर गमछा से उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दिये और चुपचाप धीर गाड़ी में आकर सो गये।
घटना पर मर्ग कायम कर पंचनामा कर पीएम कराया गया आरोपीगण का मेमोरेण्डम कथन लेने पर उपरोक्त प्रकार से अपराध घटित करना कबूल किये। आरोपियों के कब्जे से घटना में मृतक को चोट पहुचाने के लिये उपयोग किये पत्थर तथा गला दबाने में उपयोग किये गमछा तथा पटना के समय आरोपियों द्वारा पहने खून लगे कपड़ा जप्त किया गया। आरोपियों द्वारा अपराध घटित करना पाये जाने से 18 मई को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर माननीय न्यायालय पेश किया गया। उपरोक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक आशीर्वाद टागांवकर, उनि भरत शाह, सउनि श्याम टावरे, प्रधान आरक्षक उमेश यादव, आरक्षक सुनील राउत, मुकेश ठाकुर, सुनील सिंह एवं थाना स्टाफ अंबागढ़ चौकी का सराहनीय भूमिका रही।