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सेहत /शौर्यपथ /पपीता स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। पपीते में मौजूद विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी9 व्यक्ति की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करते हैं। पपीते में मौजूद फाइबर और फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा व्यक्ति को दिल से जुड़ी बीमारियों से दूर रखने का काम करती है। इतना ही नहीं पपीते में मौजूद पपैन और चाइमोपपैन जैसे दो खास एंजाइम्स व्यक्ति की पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद करते हैं। बावजूद इसके अगर आपको खाने में पपीते का स्वाद पसंद नहीं है तो आप इन 5 फ्रूटस को डाइट में शामिल करके भी पपीते जैसे ही फायदे पा सकते हैं।
5 फ्रूटस जो देते हैं पपीते जैसे फायदे-
1-खरबूजा-
पपीते की ही तरह खरबूजे में भी विटामिन सी, फाइबर और विटामिन ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने, इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ त्वचा को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।
2-अनानास-
पपीते में पाए जाने वाले विटामिन सी, ए, ई के साथ फोलेट भी अनानास में मौजूद होता है। जो व्यक्ति की इम्यूनिटी बूस्ट करके उसकी त्वचा की सेहत को भी बनाए रखते हैं। इतना ही नहीं अनानास का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर की सूजन अर्थात इन्फ्लमेशन कम होती है और उसका पाचन को दुरुस्त होता है।
3-आम-
फलों का राजा आम भी अपने गुणों में किसी दूसरे फल से कम नहीं है। इसमें भी पपीते वाले कई गुण मौजूद होते हैं। न्यूट्रीशनिस्ट डॉक्टर शैली तोमार का कहना है कि आम और पपीते में 8 फीसद डायटरी फाइबर होता है। इन दोनों फलों में विटामिन सी बराबर मात्रा में होता है। आम का सेवन पाचन, आंखों की सेहत के साथ दिल की सेहत के लिए भी अच्छा होता है।
4-पका हुआ कद्दू-
पका हुआ कद्दू भी पपीते की ही तरह विटामिन सी, ए और ई से भरपूर होता है। पके हुए कद्दू और पपीते में 9 ग्राम फाइबर होता है जो पाचन के लिए बहुत अच्छा है।
5-आड़ू-
आड़ू भले ही अपने रंग और साइज में पपीते से थोड़ा अलग नजर आता हो लेकिन इस फल में भी पपीता जैसे ही गुण पाए जाते हैं। आड़ू में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण कैंसर, हार्ट अटैक जैसे खतरों को दूर रखने के साथ आंखों की सेहत को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। आड़ू और पपीते में बराबर मात्रा में विटामिन के (2.6 mcg) होता है, जो प्लेटलेट काउंट बढा़ने में मदद करता है।
टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए घी का तड़का लगाना हो या फिर दवा के रूप में कई रोगों से पीछा छुड़वाना हो, देसी घी के पास हर मर्ज का इलाज है। लेकिन ऐसा तभी होता है जब घर पर आने वाला घी शुद्ध हो। ऐसे में यह जानने के लिए कि आपके घर पर आने वाला घी शुद्ध है या नहीं अपनाएं ये आसान टिप्स एंड ट्रिक।
उबालकर देखें -
मार्केट से खरीदे हुए घी में से चार से पांच चम्मच घी निकालकर उसे किसी बर्तन में डालकर उबल लें। इसके बाद घी के इस बर्तन को लगभग 24 घंटे के लिए अलग रख दें। अगर 24 घंटे के बाद भी घी दानेदार और महक रहा है तो घी असली है। अगर ये दोनों ही चीजें घी में से गायब है तो घी नकली हो सकता है।
नमक का इस्तेमाल-
घी असली है या नकली, यह पता करने के लिए आप नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक बर्तन में दो चम्मच घी ,1/2 चम्मच नमक के साथ एक चुटकी हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर तैयार किए गए मिश्रण को 20 मिनट के लिए अलग रखकर छोड़ दें। 20 मिनट बाद आप घी का रंग चेक करें। अगर घी ने कोई रंग नहीं छोड़ा है। तो घी असली है लेकिन अगर घी लाल या फिर किसी अन्य रंग का दिखाई दे रहा है तो समझ जाएं घी नकली हो सकता है।
पानी का इस्तेमाल-
पानी का इस्तेमाल करके भी आप बड़ी आसानी से घी के असली या नकली होने का पता लगा सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले एक ग्लास में पानी भरकर एक चम्मच में घी निकालकर डालें। अगर घी पानी के ऊपर तैरने लगे तो आप समझ सकते हैं, कि घी असली है। अगर घी पानी के नीचे बैठ जाता है तो घी नकली हो सकता है।
सेहत /शौर्यपथ /अक्सर घरों में सूखे हुए नींबू को खराब समझ कर कूड़े में फेंक दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सूखे हुए नींबू का इस्तेमाल आप न सिर्फ अपनी सेहत बल्कि त्वचा की चमक को भी बनाए रखने के लिए कर सकते हैं। सूखे हुए नींबू में मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, फॉसफोरस, पोटैशियम जैसे कई मिनरल्स सेहत के साथ त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं सूखे हुए नींबू के ऐसे ही कुछ गजब के उपयोग।
सूखे हुए नींबू का ऐसे करें इस्तेमाल-
- सूखे हुए नींबू का इस्तेमाल आप ड्राई लेमन पील पाउडर बनाने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए आप नींबू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उन्हें धूप में सुखा लें। इसके बाद आप नींबू के इन टुकड़ों को ग्राइंड कर उनका पाउडर बनाकर चेहरे पर पैक की तरह यूज कर सकती हैं।
-सूखे हुए नींबू का इस्तेमाल गले की खराश दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए सेंधा नमक के साथ थोड़ा सा सूखे हुए नींबू का रस लेने से गले की खराश दूर होने के साथ पाचन शक्ति भी बढ़ती है।
-सूखे हुए नींबुओं को फुट स्क्रब की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए सूखे हुए नींबू को काटकर अपने पैरों और एड़ियों पर रगड़ें। ये आपके पैरों पर जमा गंदगी को साफ कर देगा।
-अगर आपको अपना ब्लेंडर बहुत चिकना लग रहा है तो उसकी सफाई के लिए भी सूखे हुए नींबू का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए एक चुटकी बेकिंग सोडा के साथ नींबू के छिलके को ब्लेंडर पर रगड़िए। ऐसा करने के बाद ब्लेंडर को नॉर्मल पानी की मदद से साफ कर लें ताकि उसमें से नींबू की महक निकल जाए।
-आप सूखे हुए नींबू का इस्तेमाल डस्टबीन की सफाई के लिए भी कर सकती हैं। इसके लिए नींबू के स्लाइस पर बेकिंग सोडा लगाकर साफ करें। ऐसा करने से डस्टबीन पर लगी सारी गंदगी साफ हो जाएगी।
सेहत /शौर्यपथ /जब हम गोंद की बात करते हैं, तो सबसे पहले आपके दिमाग में लड्डुओं में पड़ने वाला गोंद आता होगा। मगर यह गोंद कतीरा उस गोंद से थोड़ा अलग है। गोंद कतीरे का नाम आपने अपनी दादी या नानी से सुना होगा।
असल में गोंद कतीरे की तासीर ठंडी होती है और यह गर्मियों में बेहद फायदेमंद होता है। शीतल और पाचक गुणों के कारण आयुर्वेद में हर्बल औषधि के रूप में गोंद कतीरा यानि ट्रैगेकैन्थ गम का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है।
साथ ही, अन्य आयुर्वेदिक दवाइयों की तरह ये कड़वा नहीं होता। ये स्वादहीन और गंधहीन होता है, और अपने गुणों की वजह से कॉस्मेटिक जगत में भी इसका प्रयोग बहुतायत में होता है।
जानिये क्या है गोंद कतीरा
ये लड्डुओं में पड़ने वाले गोंद से थोड़ा अलग है। पेड़ो से निकलने वाला ये एक गाढा चिपचिपा पदार्थ जिसे सुखाकर बनाया जाता है। ये ट्रैगेकैन्थ गम को सामान्य रूप से "गोंद कतीरा" के नाम से जाना जाता है। ये प्राकृतिक रूप से एस्ट्रागैलस जड़ी बूटियों की विभिन्न प्रजातियों के रस से बनती है।
इसकी गोंद चिपचिपी, गंध और स्वाद रहित होती है। ट्रैगेकैन्थ गम पानी में घुलनशील है और ये प्रमुख तौर पर पौधे की जड़ से प्राप्त होती है। पानी में डालने पर गोंद जैल की तरह दिखती एवं इसका पेस्ट बनाया जा सकता है।
गोंद कतीरे का सेवन करने के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे
1 कमजोरी दूर करता है
गोंद कतीरे में प्रोटीन और फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। इसका सेवन करने से शरीर को ताकत मिलती है। गोंद कतीरा को पानी या दूध में भिगो कर रखें और फिर सुबह मिश्री मिलाकर शरबत बनाकर पिएं।
2 पीरियड्स को रेगुलर करता है
यदि किसी महिला के पीरियड्स नियमित नहीं हैं, तो गोंद कतीरा और मिश्री को साथ में पीस कर 2 चम्मच दूध में मिलाकर पीने से फायदा होता है। यह पीरियड्स को नियमित करने के लिए कारगर उपाय है।
3 टॉन्सिल्स में आराम दिलाता है
अगर आप टॉन्सिल की वजह से नियमित रूप से परेशान रहती हैंं, तो गोंद कतीरा का सेवन आराम दिलाएगा। लगभग 10 से 20 ग्राम गोंद कतीरा पानी में भिगोकर फुला लें और इसे मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पिएं। इससे भी टॉन्सिल्स में आराम मिलता है।
4 मुंह के छालों से राहत
मुंह के छाले या अल्सर सूजन, लाली और दर्द पैदा करते हैं। इसे कम करने के लिए गोंद कतीरा का बारीक पिसा हुआ पेस्ट बनाएं और अपने छालों पर लगाएं। ऐसा करने से छालों में तुरंत आराम मिलेगा क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।
5 वजन घटाने में मददगार
गोंद कतीरा शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और बॉडी को डिटॉक्स करता है। इसके साथ ही, ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। इसमें हाई फाइबर कंटेंट मौजूद होता है। ये पेट और पाचन तंत्र में भी सुधार करने के लिए जाना जाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर पर जमा एक्स्ट्रा फैट घटता है।
6 लिबिडो बढ़ाये
गोंद कतीरा यौन क्षमता और यौन इच्छा बढाने में भी मदद कर सकता है। इसके रेगुलर सेवन से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और नाईट फॉल की समस्या भी दूर हो सकती है।
दुर्ग / शौर्यपथ /
गुरुवार को दुर्ग शहर सीएसपी विवेक शुक्ला की टीम के द्वारा ऐसा कार्य किया गया जिसकी खबर लगते ही ऐसा लगा कि अब दुर्ग शहर में अवैध गुटखे के व्यापारियों पर कुछ लगाम लगेगी किन्तु लाखो के अवैध गुथ्खे को जप्त करने के बाद भी मोहन नगर पुलिस द्वारा कुछ ऐसी कार्यवाही की गए जिससे शहर के निवासियों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है .
बता दे कि सोमनी क्षेत्र के आस पास से एक ट्रक सी जी 24 एन 1453 वाहन में साबुन के आड़ में लगभग 150 बोरी के करीब सितार गुटखा लाया गया और इसे जवाहर नगर के ओम प्रकाश के निवास में उतारने की तैयारी कर रहे थे तभी सिटी एस पी विवेक शुक्ला की टीम ने वाहन को पकड लिया और कार्यवाही के लिए मोहन नगर थाना लाया गया . मोहन नगर थाना में वाहन चालक सहित चार लोगो को लाया गया . मिडिया को दिए जानकारी में मोहन नगर थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा ने बताया कि नगर पुलिस अध्क्षक विवेक शुक्ला के मार्गदर्शन में यह कार्यवाही की गयी है . वाहन में रखे गुटखे को जब्त कर लिया गया है और इसे खाद्य एवं औषधि विभाग जाँच के लिए भेजा जायेगा .
सभी प्रकार के पान मसाले में 26 जून 2020 से 21 जुलाई तक के लिए लगा है बैन
छत्तीसगढ़ में 2012 से जर्दा युक्त गुटखा पर बैन लगा हुआ है जिसेप्रती साल एक साल के बदाय जाता रहा है किन्तु पिछले साल कोरोना आपदा के चलते सभी प्रकार के गुटखे जिसमे पान मसाला गुटखा शामिल है इस पर 21 जुलाई तक के लिए बैन लगा दिया गया है ऐसे में लगभग 150 बोरी गुटखे के जखीरे को पकडऩे के बाद भी मोहन नगर पुलिस द्वारा यह जानने की कोशिश नहीं की गयी कि इतनी मात्रा में गुटखा लाने वाला वहां चालक इसे कहा से ला रहा है और यह किसके कहने से जवाहर नगर के उस मकान में खाली हो रहा है जिसमे पहले से एक परिवार निवास करता है .
जानकारों के मुताबिक़ अवैध पदार्थ परिवहन करने वाले वाहन की भी जब्ती होती है और इसे माननीय न्यायालय से ही चालन जमा कर छुड़ाया जाता है किन्तु इतने बड़े मात्र में गुटखा परिवहन करने वाले वाहन को एवं चालको को छोड़ दिया जाना आम जनता को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पुलिस किस तरह की कार्यवाही करती है . पूर्व में भी शहर के दुकानों में ऐसे जर्दा युक्त गुटखे के विक्रय पर निगम की टीम , खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम और पुलिस टीम ने कार्यवाही की है एवं सील बंदी से लेकर गिरफ्तारी तक की है जबकी दुकानों में दो चार बोरी गुटखा ही पाया जाता रहा है किन्तु यहाँ 100 से ज्यादा बोरी सितार गुटखा जब्त होने के बाद देर शाम तक वाहन अपने गंतव्य स्थान पर चालक अपने निवास स्थान पर संग्धित अपने आवास पर और कार्यवाही हुई भी तो क्या सभी गुटखा पैकेट जब्त कर थाना में जमा अब नजर खाद्य एवं औषधि विभाग की रिपोर्ट पर . ऐसा नहीं है कि सितार गुटखा के बारे में आम जनता व पुलिस प्रशासन नहीं जानती सभी जानते है कि यह एक जर्दा युक्त गुटखा है किन्तु बावजूद इसके कार्यवाही के नाम पर शून्य लगभग शून्य .
क्या ऐसे ही दुर्ग शहर में नशे से मुक्ति के लिए पुलिस का प्रयास रहेगा ? क्या मुख्यमंत्री के गृह जिले में लाखो के अवैध जर्दा युक्त गुटखा जब्त होने के बाद भी इसके गुनेहगार आज़ाद घूमते रहेंगे क्या यही है गृह मंत्री का वो वादा जो उन्होंने जनता से किया कि नशे के व्यापार करने वालो पर प्रदेश की पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी ?
नई दिल्ली / शौर्यपथ / दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना मरीजों के निजी इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर पर बड़ी राहत दी दै. हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला करते हुए व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात पर IGST लगाने को असंवैधानिक करार दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए किसी व्यक्ति द्वारा ऑक्सीजन कन्संट्रेटर के आयात पर टैक्स लगाना असंवैधानिक है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी है. अदालत ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि व्यक्ति को शपथपत्र (अंडरटेकिंग) देना होगा कि वो उसका व्यावसायिक उपयोग नहीं करेगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत में व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपहार के रूप में ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर के आयात पर IGST (इंटीग्रेटेड जीएसटी) लगाने को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुनाया है. केंद्र सरकार ने इन पर 12 फीसदी आईजीएसटी लगाने की अधिसूचना जारी की थी.
गौरतलब है कि कोर्ट में याचिका के साथ विशेषज्ञों ने भी सवाल उठाया था कि कोई व्यक्ति आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर खरीदता है तो भी उसे IGST के रूप में सरकार को 12 फीसदी टैक्स देना होगा. 1 मई तक यह टैक्स 28 फीसदी था, लेकिन फिर राहत के तौर पर इसे घटा दिया गया था. लेकिन 12 फीसदी भी क्यों? ऐसे संकट के वक्त में क्यों इसे टैक्सफ्री नहीं रखा जा सकता? जो लोग ऑक्सीजन मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो कोरोना मरीज हैं, और फिर भी सरकार उनसे मेडिकल सुविधाओं पर टैक्स देने को कह रही है, ताकि उसका राजस्व बढ़ता रहे.
नई दिल्ली / शौर्यपथ /गुवाहाटी 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए चुने गए नवनिर्वाचित विधायकों को आज पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. इस दौरान विधायक अखिल गोगोई आकर्षण का केंद्र बने रहे. उन्होंने जेल से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है. आज उन्हें शपथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जेल से विधानसभा लाया गया. इस दौरान एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा जिसमें सुरक्षाकर्मी अखिल गोगोई को धक्का देते दिखाई दे रहा है.
11 मई को कोर्ट ने अखिल गोगोई को असम में विधायक के रूप में शपथ लेने की अनुमति दी थी. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच असम विधानसभा लाया गया. बता दें कि गोगोई ने नागरिकता संशोधन अधिनियम ) का विरोध किया था. तब उनपर राजद्रोह और हिंसा भड़काने का आरोप लगा था. इन आरोपों के चलते गोगोई दिसंबर 2019 से जेल में बंद हैं.
अखिल गोगोई ने विधानसभा जाते समय आरोप लगाया कि असम विधानसभा ले जाते वक्त सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धक्का दिया. अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की. उनकी पार्टी द्वारा इस घटाक्रम से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया गया है. गोगोई ने कहा कि इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल भी तोड़े गए. वे एव विधायक के साथ ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, "सरकार मुझे मार सकती है, लेकिन मेरी आवाज नहीं दबा सकती."
इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी को भी धक्का नहीं देना चाहिए. कानून को अपना काम करना चाहिए, लेकिन विधायकों के भी अपने विशेषाधिकार हैं, इसलिए विपक्ष के नेता के रूप में मैं गोगोई से शिकायत करने के लिए कहूंगा. एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल तोड़ा गया, पुलिस ने उन्हें (अखिल गोगोई) धक्का दिया और मजिस्ट्रेट ने कथित तौर पर बेल्ट खींच लिया. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रख रहे थे क्योंकि गोगोइ एक विचाराधीन कैदी हैं.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्रियों को बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि वो पूरी तैयारी करके पेपर के साथ गई थीं लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. ममता ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्रियों को पुतला बनाकर रखा गया. ममता ने कहा कि मीटिंग में प्रधानमंत्री ने कुछ कहा और उसके बाद बीजेपी शासित राज्यों के कुछ डीएम ने अपनी बात रखी और मीटिंग खत्म कर दी गई.
ममता ने पूछा कि आखिर पीएम मोदी को मुख्यमंत्रियों से किस बात का डर है? उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम के व्यवहार से कई मुख्यमंत्री अपमानित महसूस कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि पीएम ने वैक्सीन की उपलब्धता, अस्पतालों में बेड उपलब्धता या ब्लैक फंगस पर एक बार भी कुछ नहीं पूछा. उन्होंने कहा कि हम शर्मिंदा हैं कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जबकि उनकी सरकार आज 10 साल पूरे कर चुकी है.
ममता ने कहा, "हमने सोचा था कि हम वैक्सीन मांगेंगे ताकि सभी को टीका दिया जा सके." उन्होंने कहा, "पीएम ने अपने भाषण में कहा कि कोरोना कम हो गया है, अगर कम हुआ तो फिर इतनी मौतें क्यों हो रही हैं?" बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लापरवाही हुई है.
कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में ममता इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बंगाल आए और यहां कोरोना बढ़ाकर चले गए. सीएम ने कहा कि बंगाल में अभी भी हैं 105 बटालियन तैनात है. हम सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सभी को इलाज दे रहे हैं. उन्होंने पूछा, "क्या पीएम इतने असुरक्षित हैं कि वह सीएम की बात नहीं सुनना चाहते? आखिर इतना डर क्यों?"
ममता ने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्रियों की बात नहीं सुनना चाहते तो मुख्यमंत्रियों को बैठक में क्यों बुलाते हैं? उन्होंने कुछ डीएम को बोलने दिया और सीएम का अपमान किया. ममता ने कहा कि हम 10 करोड़ वैक्सीन चाहते हैं. हमें इस महीने 24 लाख मिलने वाले थे, लेकिन सिर्फ 13 लाख ही मिले. उन्होंने कहा कि पीएम सिर्फ बिल्डिंग और मूर्तियां बनवाने में व्यस्त हैं जबकि देश के युवा बीमारी से मर रहे हैं.
बता दें कि पीएम मोदी ने कोरोनावायरस पर गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों के जिलाधिकारियों से वर्चुअल मीटिंग की थी. इसमें उन्होंने वैक्सीन अभियान पर जोर दिया. इस दौरान पीएम ने कहा कि 'कोरोना महामारी पिछले 100 सालों में सबसे बड़ी आपदा है और कोरोनावायरस महामारी ने आपके सामने चुनौतियां और बढ़ा दी हैं.' पीएम ने कहा कि 'पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है. महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर प्रयोग बहुत जरूरी है. यह वायरस म्यूटेशन में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीतियां भी विस्तृत होनी चाहिए.'
नई दिल्ली /एजेंसी / भारत मौसम विज्ञान विभागने शुक्रवार को कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पहुंच गया है. इससे संकेत हैं कि मॉनसून जल्द ही मुख्य भूभाग में भी पहुंच जाएगा. ढ्ढरूष्ठ ने बताया, ''21 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से, निकोबार द्वीप समूह, समूचा दक्षिण अंडमान सागर और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ भाग में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आ गया है.ÓÓ गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ढ्ढरूष्ठ ने कहा था कि सामान्य तारीख से एक दिन पहले 31 मई को केरल में मानसून के दस्तक देने की संभावना है. इस मौसमी परिघटना से चार महीने के बारिश के मौसम की शुरुआत होती है. ढ्ढरूष्ठ ने इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना जताई है.
मौसम विज्ञान विभाग ने इसके साथ ही मछुआरों को 21 मई से दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी और 'अंडमानÓ सी में और 23 से 25 मई तक बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्?य हिस्?से में नहीं जाने की सलाह दी है. ढ्ढरूष्ठ ने कहा है कि 22 मई को बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य हिस्से पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा जो चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है. इसके बाद अम्फान जैसे एक और तूफान की आशंका गहरा गई है. क्षेत्रीय मौसम निदेशक जीके दास ने बताया कि 25 मई से बंगाल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है. इस बीच चक्रवाती तूफान 'ताउतेÓ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह बूंदा बांदी हुई. मौसम विभाग ने दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बारिश के साथ आंधी-तूफान और बिजली की आशंका जताई है. इस दौरान 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. दिल्?ली के आसपास भी हल्?की से मध्?यम बारिश की संभावना है.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ/ दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट 5% के नीचे आ गया है जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एक सुरक्षित स्तर है.ऐसे में क्या दिल्ली सरकार अब दिल्ली में लॉकडाउन हटाएगी?दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आज जब ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा 'शनिवार-रविवार को मैं एलजी से बात करूँगा.. और हम दोनों के बीच जो भी सहमति बनेगी, जो निर्णय लिया जायेगा मैं आपके सामने रखूँगा.'गौरतलब है कि दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 5% के नीचे जाने से लॉक डाउन खुलने की चर्चा धीरे धीरे जोर पकड़ रही है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 3009 नए मामले आए जबकि 252 की मौत हुई. 1 अप्रैल के बाद सबसे कम नए मामले है. एक्टिव मामलों की संख्या भी 36,000 से नीचे हुई, 11 अप्रैल के बाद सबसे कम एक्टिव केस हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में ब्लैक फंगस से बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में सभी अस्पतालों और डॉक्टर से अपील की है कि स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल करें. मरीज अपनी शुगर का खास ध्यान रखें. स्टेरॉयड और शुगर का मिश्रण होकर ब्लैक फंगस ज्यादा हो रहा है. सीएम ने कहा, ब्लैक फंगस केस के बारे में हम जनता को जागरुक भी करेंगे. इसके लिए डॉक्टरों की इंटर डिसीप्लिनरी कमिटी बनाने की जरूरत है जो मरीज का ख्याल रखेंगे. सीएम ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज करने के लिए सरकारी अस्पतालों एलएनजेपी जीटीबी और राजीव गांधी हॉस्पिटल में विशेष इंतजाम किए हैं.
-दिल्ली में रिकवरी रेट 95.85%, एक्टिव मरीज़ 2.52% और डेथ रेट 1.62% है. पॉजिटिविटी रेट 4.76% है.
-पिछले 24 घंटे में 3009 नए मामले आए, अब तक कुल मामले 14,12,959 दर्ज हो चुके हैं.
-पिछले 24 घंटे में 7288 मरीज ठीक हुए. अब तक कुल 13,54,445 मरीज ठीक हो चुके हैं.
-पिछले 24 घंटे में हुई 252 मौतें हुई, अब तक कुल मौतों की संख्या22,831 हुई.
-एक्टिव मामलों की संख्या 35,683 है. पिछले 24 घंटों में 63,190 टेस्ट हुए. अब तक हुए कुल 1,85,95,993 टेस्ट हो चुके हैं.