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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
मदिरा दुकानों की सतत् जांच और मदिरा व अन्य मादक पदार्थों के अवैध कारोबार संलिप्त लोगों के विरूद्ध करें कठोर कार्रवाई
रायपुर / शौर्यपथ / आबकारी विभाग की सचिव सह आबकारी आयुक्त सुश्री आर. शंगीता ने आज नवा रायपुर स्थित कार्यालय में विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सभी जिलों, उड़नदस्ता, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पाेरेशन लिमिटेड तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सचिव सह आयुक्त ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 12,500 करोड़ रूपए के राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ठोस रणनीति अपनाने, दुकानवार समीक्षा करने और अनुशासन के साथ कार्य संपादन के निर्देश दिए।
सचिव सह आबकारी आयुक्त ने बैठक में राजस्व लक्ष्य की जिलेवार समीक्षा करते हुए जिन जिलों ने अक्टूबर माह तक लक्ष्य की प्राप्ति की है, उन्हें सतत् कार्य जारी रखने के निर्देश दिए गए। वहीं लक्ष्य से पीछे चल रहे जिलों को इसके कारणों की दुकानवार समीक्षा कर कमी की पूर्ति हेतु विस्तृत कार्य-योजना बनाकर तत्परता से अमल में लाने के निर्देश दिए गए।
सुश्री शंगीता ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मदिरा दुकानों में उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार मदिरा स्कंध का संधारण सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को सचेत किया कि इस बात का वह विशेष रूप से ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में कहीं भी निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर मदिरा का विक्रय न होने पाए। उन्होंने अधिकारियों को मदिरा दुकानों में नियम और अनुशासन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए। दुकानों में उपलब्ध मदिरा को नियमानुसार दरों सहित रैकों में प्रदर्शित करने कहा गया, ताकि उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और सुविधा मिल सके।
सचिव सह आबकारी आयुक्त ने बैठक में अधिकारियों को इस बात की स्पष्ट हिदायत दी कि मदिरा में किसी प्रकार की मिलावट न होने पाए। इसके लिए सभी जिला अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो दिन आकस्मिक निरीक्षण करने और वहां पाई गई अनियमितताओं पर तत्काल कार्रवाई और दोषी कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, दुकानों में पेटीएम या अन्य कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पृथक काउंटर की व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए।
सचिव सह आयुक्त ने प्रदेश में संचालित बारों, क्लबों, होटलों और ढाबों की आकस्मिक जांच करने तथा समय पश्चात संचालन अथवा अवैध मदिरा विक्रय करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध मदिरा एवं अन्य मादक पदार्थों के निर्माण, परिवहन, तस्करी और विक्रय पर सख्त नियंत्रण रखने हेतु आवश्यकता पड़ने पर पुलिस विभाग से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए।
राज्य की अंतरराज्यीय सीमाओं पर स्थित आबकारी जांच चौकियों को अन्य राज्यों की मदिरा के विरुद्ध विशेष अभियान चलाने और सीसीटीवी कैमरों के सुचारू संचालन की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा विभाग में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई तथा कर्मचारियों के पेंशन और अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित प्रकरणों का संवेदनशीलता के साथ शीघ्र निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में विशेष सचिव आबकारी विभाग श्री देवेन्द्र सिंह भारद्वाज सहित मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, संभागीय व जिला आबकारी अधिकारी उपस्थित थे।
बिलासपुर से दिव्यांग सोनी की ख़ास रिपोर्ट
बिलासपुर / शौर्यपथ / शहर का पुराना बस स्टैंड इलाका आज अवैध गतिविधियों का पर्याय बन चुका है। एक समय जहां यह क्षेत्र यात्रियों और व्यापारियों की आवाजाही से गुलजार रहता था,वहीं अब यहाँ खुलेआम नशे का कारोबार और अवैध चखना दुकानों की भरमार देखने को मिल रही है। क्षेत्र के लोग अब इसे “नशे का अड्डा” कहकर पुकारने लगे हैं।
आबकारी अधिनियम के अनुसार, किसी भी अधिकृत शराब दुकान से 50 मीटर की परिधि में चखना दुकान या शराब सेवन स्थल संचालित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। मगर पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में यह नियम खुलेआम तोड़ा जा रहा है। दुकानदार बेखौफ तरीके से शराबियों को जगह-जगह बैठाकर चखना बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं हो सकता।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इन दुकानों के चलते शाम ढलते ही यह क्षेत्र हुड़दंगियों और नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। आए दिन शराब के नशे में झगड़े,तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएँ होती रहती हैं। कई बार चाकूबाजी और गंभीर हिंसा तक के मामले सामने आ चुके हैं,लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नगर निगम ने कुछ समय पहले रेन बसेरा की दीवारें तोड़ दी थीं,जिसके बाद वहाँ खाली पड़ी जगह पर शराबियों ने स्थायी अड्डा बना लिया। अब यह इलाका दिन में भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। भगत लॉज के नीचे स्थित व्यापारियों ने बताया कि नशेड़ियों के आतंक से उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है — ग्राहक अब इस रास्ते से गुजरना भी पसंद नहीं करते।
वहीं,स्थानीय युवाओं और अभिभावकों ने बताया कि अब यहाँ सिर्फ शराब ही नहीं,बल्कि गांजा,नाइट्रा टैबलेट,कफ सिरप और अन्य नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कार्रवाई न होने से लोग अब निराश हैं। “अगर आबकारी और पुलिस विभाग चाहें तो 24 घंटे के भीतर ये दुकानें बंद हो सकती हैं,लेकिन विभागीय संरक्षण के चलते यह धंधा लगातार चल रहा है,” एक व्यापारी ने नाराजगी जताई। शहर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि प्रशासन यदि समय रहते कदम नहीं उठाएगा तो यह क्षेत्र कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
हालांकि पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने हाल के दिनों में नशे के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं,लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर अभी तक नज़र नहीं आ रहा। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन,पुलिस और आबकारी विभाग से तत्काल संयुक्त कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि पुराने बस स्टैंड क्षेत्र की साख बचाने के लिए आवश्यक है कि यहाँ से अवैध दुकानों,नशे के अड्डों और असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द हटाया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रों में किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
धान के अवैध परिवहन एवं विक्रय के मामले में होगी कड़ी कार्रवाई
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य में 15 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर सभी खरीदी केन्द्रों में आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि किसानों को धान विक्रय में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने उपार्जन केंद्रों में किसानों की सुविधा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। जिलों में कलेक्टरों के मार्गदर्शन में सहकारिता, मार्कफेड एवं खाद्य विभाग द्वारा धान खरीदी की व्यवस्था को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।
राज्य के सभी उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए बारदानों की व्यवस्था, फड़, चबूतरा, पीने का पानी, किसानों के बैठने की छायादार व्यवस्था की जा रही हैं। कलेक्टर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने जिलों में दौरा कर धान खरीदी केन्द्रों की व्यवस्था का मुआयना कर रहे हैं। राज्य में इस साल किसानों से धान खरीदने के लिए 2739 उपार्जन केंद्रों बनाए गए हैं। सभी केन्द्रों में धान खरीदी के साथ-साथ क्रय धान के उठाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि किसानों को असुविधा न हो।
राज्य में धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अन्य राज्यों के सीमा में चेक पोस्ट स्थापित कर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। धान की सुरक्षा हेतु खरीदी केन्द्रों में आवश्यकतानुसार ड्रेनेज एवं तारपोलिन आदि की व्यवस्था और उचित स्थानों पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने भी लगाए जा रहे हैं, ताकि धान खरीदी परिसर और वहां की व्यवस्था पर निगरानी रखी जा सके।
धान खरीदी से जुड़े अधिकारियों को स्टेक लगाने, सभी समितियों को उचित संख्या में ही टोकन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। मौसम खराब होने अथवा बारिश होने की स्थिति में किसी तरह की अव्यवस्था उत्पन्न न हो, इसको ध्यान में रखते हुए अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समितियों में माइक्रो एटीएम की व्यवस्था की गई है, ताकि धान बेचने आने वाले किसान तात्कालिक खर्चे के लिए आवश्यक राशि का आहरण कर सके।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जनदर्शन में दूर-दूर से मुख्यमंत्री निवास पहुँच रहे लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान भी कर रहे हैं।
आज जनदर्शन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने रायपुर के तेलीबांधा की रहने वाली 11 वर्षीय बिटिया पूनम से भेंट की।बिटिया पूनम की माता ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वह सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रही है और बातचीत करने में भी असमर्थ है। उन्होंने बताया कि इस चुनौती के बावजूद पूनम अपने पैरों से बहुत सुंदर चित्र बनाती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अत्यंत आत्मीयता से बिटिया पूनम से बात की और उसे स्नेहपूर्वक दुलार किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पूनम की माता को आश्वस्त करते हुए कहा कि “हम आपके साथ हैं, आपको बिटिया के लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने पूनम बिटिया की पढ़ाई की उचित व्यवस्था के लिए उसे विशेष विद्यालय में भर्ती कराने और छात्रवृत्ति प्रदान करने के निर्देश दिए।
नवा रायपुर से चीन तक — छत्तीसगढ़ में खुला लॉजिस्टिक्स का वैश्विक द्वार
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के तीव्र गति से विकसित होते लॉजिस्टिक्स सेक्टर में आज एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित हुआ है। छत्तीसगढ़ से अब तक का सबसे बड़ा, कुल 12,000 मीट्रिक टन कॉपर कॉन्सन्ट्रेट (Copper Concentrate) निर्यात कंसाइनमेंट, नवा रायपुर स्थित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) से चीन के लिए रवाना किया गया। इस श्रृंखला की पहली खेप 2,200 मीट्रिक टन की रही, जो 11 नवम्बर को विशाखापट्टनम पोर्ट के लिए भेजी गई, जहाँ से इसे आगे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजा जाएगा।
उद्योग विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विकसित यह अत्याधुनिक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, मध्य भारत के औद्योगिक और व्यापारिक विकास का नया द्वार बन रहा है। अत्याधुनिक कार्गो हैंडलिंग सिस्टम, रेल कनेक्टिविटी, और मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन से सुसज्जित यह सुविधा राज्य एवं देश के अन्य हिस्सों की औद्योगिक इकाइयों को वैश्विक बाजारों तक कुशल, सुरक्षित और तीव्र पहुँच प्रदान कर रही है।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ अब खनिज और उद्योग आधारित अर्थव्यवस्था से लॉजिस्टिक्स और निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, कुशल कनेक्टिविटी और सक्रिय शासन के समन्वय ने छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का लॉजिस्टिक्स पावरहाउस बना दिया है।
इस निर्यात अभियान के साथ छत्तीसगढ़ ने अपने खनिज और औद्योगिक उत्पादन को अंतरराष्ट्रीय व्यापार गलियारों से जोड़ने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाया है। यह कदम भारत के लॉजिस्टिक्स मानचित्र पर छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रासंगिकता को और सुदृढ़ करता है।
राज्य सरकार ने इस प्रगति को और तीव्र करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स नीति 2025’ लागू की है। यह नीति वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ को देश का अग्रणी लॉजिस्टिक्स हब बनाने के लक्ष्य के साथ तैयार की गई है। नीति के अंतर्गत आधुनिक मल्टीमॉडल अधोसंरचना, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी, निर्यात संवर्द्धन, और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही, लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज जैसी परियोजनाओं के लिए आकर्षक प्रोत्साहन भी प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे संतुलित क्षेत्रीय विकास और स्थायित्व सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि “नवा रायपुर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से राज्य के सबसे बड़े कॉपर कॉन्सन्ट्रेट निर्यात का शुभारंभ छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह कदम इस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ को हम लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक शक्ति के रूप में विकसित करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राज्य लॉजिस्टिक्स नीति 2025 के माध्यम से सरकार कनेक्टिविटी बढ़ाने, निजी निवेश आकर्षित करने और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि “नीतिगत सुधार, रणनीतिक अवसंरचना और उद्योगों के आत्मविश्वास के इस समन्वय से छत्तीसगढ़ न केवल मध्य भारत को वैश्विक वैल्यू चेन से जोड़ रहा है, बल्कि लॉजिस्टिक्स आधारित विकास के नए युग को भी परिभाषित कर रहा है।”
छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ पंचायत और सर्वश्रेष्ठ संस्थान श्रेणी में मिलेगा सम्मान: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों से 18 नवंबर 2025 को मिलेगा सम्मान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में छत्तीसगढ़ का योगदान महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर / शौर्यपथ / केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने इन पुरस्कारों की घोषणा की। छत्तीसगढ़ को तीन राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए विभिन्न श्रेणियों में विजेता घोषित किया गया है।छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले को पूर्वी जोन में सर्वश्रेष्ठ जिला, कांकेर जिले की डूमरपानी ग्राम पंचायत को श्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में तीसरा स्थान तथा रायपुर के कृष्णा पब्लिक स्कूल को सर्वश्रेष्ठ स्कूल श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा।प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रशस्ति पत्र, एक ट्रॉफी और कुछ श्रेणियों में नकद पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।
छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2024 का पुरस्कार वितरण समारोह 18 नवंबर 2025 को प्रातः 11:30 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली के प्लेनरी हॉल में आयोजित होगा। इस समारोह में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ को मिले तीन राष्ट्रीय जल पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान राज्य के सतत जल संरक्षण और जनसहभागिता आधारित प्रबंधन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय कार्य किया है। राजनांदगांव, कांकेर और रायपुर के इन उदाहरणों ने यह सिद्ध किया है कि जब समाज, प्रशासन और संस्थान एक साथ कार्य करते हैं, तब जल संरक्षण एक जन-आंदोलन बन जाता है। मुख्यमंत्री ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार हर जिले और पंचायत में जल संवर्धन के इस मॉडल को आगे बढ़ाएगी।
वर्ष 2018 से हुई शुरुआत – अब तक पाँच संस्करण आयोजित
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल शक्ति मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर जल प्रबंधन और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक अभियान प्रारंभ किया।
लोगों में पानी के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करने और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाएँ अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु वर्ष 2018 में राष्ट्रीय जल पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।
दूसरे, तीसरे, चौथे और पाँचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार क्रमशः वर्ष 2019, 2020, 2022 और 2023 के लिए प्रदान किए गए। कोविड महामारी के कारण वर्ष 2021 में ये पुरस्कार नहीं दिए जा सके।
साढ़े सात सौ आवेदनों में से केवल 46 का चयन
वर्ष 2024 के लिए छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा 23 अक्टूबर 2024 को गृह मंत्रालय (एमएचए) के राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर की गई थी। इस वर्ष कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए।
निर्णायक समिति द्वारा सभी आवेदनों की जाँच और मूल्यांकन किया गया। चयनित आवेदनों की जमीनी स्तर पर जाँच केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा की गई। जमीनी जाँच रिपोर्टों के आधार पर संयुक्त विजेताओं सहित कुल 46 विजेताओं को वर्ष 2024 के लिए 10 विभिन्न श्रेणियों में चयनित किया गया।
जल संरक्षण और कुशल प्रबंधन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना उद्देश्य
जल शक्ति मंत्रालय देश में जल के विकास, संरक्षण और कुशल प्रबंधन के लिए नीतिगत ढाँचा तैयार करने और कार्यक्रमों को लागू करने वाला केंद्रीय मंत्रालय है।राष्ट्रीय जल पुरस्कार, सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों पर केंद्रित हैं।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य लोगों में जल के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाएँ अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह आयोजन देशभर के नागरिकों और संस्थानों को जल संसाधन संरक्षण व प्रबंधन गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता और साझेदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री निवास रायपुर में 13 नवंबर गुरुवार को जनदर्शन का आयोजन दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस अवसर पर प्रदेशवासियों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनदर्शन में प्राप्त प्रत्येक आवेदन का त्वरित और संवेदनशील निराकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को समयबद्ध समाधान मिल सके।
राज्य सरकार के जनदर्शन कार्यक्रम का उद्देश्य शासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है। यह पहल मुख्यमंत्री साय की जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और पारदर्शी सुशासन के संकल्प को दर्शाती है, जिससे आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित हो सके।
बीच-बचाव करने पहुँची माँ और छोटे भाई पर भी हमला, तीनों आरोपी फरार, हत्या का मामला दर्ज
दुर्ग / शौर्यपथ / मामूली 2000 की उधारी ने एक युवक की जान ले ली। अंडा थाना क्षेत्र के शीतल तालाब शांति चौक में सोमवार रात करीब 9 बजे दो भाइयों और भांजे ने मिलकर युवक की डंडे और हाथ-मुक्कों से बेरहमी से पिटाई कर दी। घायल युवक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। बीच-बचाव करने पहुँची उसकी माँ और छोटे भाई को भी आरोपियों ने पीटा। पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का सिलसिला — उधारी के पैसों पर बवाल से हत्या तक
जानकारी के अनुसार, मृतक ओंकारेश्वर सिन्हा निवासी अंडा, गुरुवार बाजार के पास रहता था। आरोपी अजीत धीवर**, उसका भाई **नमेश धीवर** और भांजा **चेतन धीवर** ओंकारेश्वर से ₹2000 की पुरानी उधारी को लेकर विवाद कर रहे थे। 11 नवंबर की रात, तीनों ने शांति चौक के पास ओंकारेश्वर को रोककर अश्लील गालियाँ दीं और पैसों की मांग को लेकर झगड़ा शुरू कर दिया।
इसी दौरान ओंकारेश्वर का छोटा भाई **नागेश्वर सिन्हा** और माँ **लक्ष्मी सिन्हा** को पास के युवक **लिकेश साहू** ने फोन पर झगड़े की सूचना दी। दोनों तुरंत मौके पर पहुँचे तो देखा कि तीनों आरोपी ओंकारेश्वर को धमका रहे हैं और पैसे नहीं लौटाने पर जान से मारने की बात कह रहे हैं। इसके बाद अजीत ने डंडे से और नमेश व चेतन ने हाथ-पैर से ओंकारेश्वर पर हमला बोल दिया।
**माँ-बेटे को भी नहीं छोड़ा आरोपियों ने**
बीच-बचाव करने पहुँची माँ लक्ष्मी सिन्हा और भाई नागेश्वर को भी हमलावरों ने पीटा। नागेश्वर के सिर, कलाई और नाक पर चोटें आईं जबकि माँ की पीठ पर गंभीर चोट लगी। किसी तरह परिजन घायल ओंकारेश्वर को घर लाए, पर कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन जब उसे जिला अस्पताल दुर्ग लेकर पहुँचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
**पुलिस ने दर्ज किया हत्या का मामला**
छोटे भाई नागेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट पर अंडा पुलिस ने अपराध क्रमांक **0112/25** धारा **3(5)-BNS, 103-BNS, 351(3)-BNS, 115(2)-BNS, 296-BNS** के तहत आरोपियों **अजीत धीवर**, **नमेश धीवर** और **चेतन धीवर** के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
> **“सिर्फ ₹2000 की उधारी को लेकर इस तरह की निर्मम हत्या समाज के लिए शर्मनाक है। आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।”**
> — *अंडा थाना प्रभारी, दुर्ग पुलिस*
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क्या आप चाहेंगे कि मैं इस खबर को **“शौर्यपथ समाचार”** के ऑनलाइन प्रकाशन प्रारूप (शीर्षक, उपशीर्षक, हाइलाइट, उद्धरण सहित डिजिटल लेआउट) में भी तैयार कर दूँ ताकि इसे सीधे वेबसाइट पर डाला जा सके?
बीजापुर के 9 लोगों की आंखों की रोशनी जाना सरकार की लापरवाही
भाजपा सरकार में फिर नसबंदी और ऑंखफोड़वा कांड रमन सरकार के समय की पुनर्रावृत्ति
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर आम लोगों के जान के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण बीजापुर में आंख के ऑपरेशन के बाद 8 महिला एवं 1 पुरुष की आंख से दिखना बंद हो गया, जिसे ईलाज के लिये रायपुर रिफर किया गया है। दुर्ग में नसबंदी के दौरान दो महिलाओं की मौत हो गई। स्वास्थ विभाग की लापरवाही के कारण हुई इस घटना के लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल जिम्मेदार है। सरकार के द्वारा खरीदी दवाईया अमानक औऱ नकली है जो जानलेवा साबित हो रही है। अभी हुई नशबंदी कांड और ऑंखफोड़वा कांड ने पूर्व रमन सरकार के दौरान हुई घटना को ताजा कर दिया। भाजपा सरकार में ही इस प्रकार की घटनाएं होने की वजह भाजपा सरकार में दवाई खरीदी में कमीशन खोरी भ्रष्टाचार है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी बस्तर के एक दर्जन से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी सरकार की लापरवाही से गयी थी। स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के चलते नसबंदी और ऑंखफोड़वा कांड के पहले नकली दवाई एवं ईलाज में लापरवाही के कारण मौत हो चुकी है फिर स्वास्थ मंत्री जागे नही है। गैर जिम्मेदार स्वास्थ मंत्री के कारण सरकारी अस्पताल मौत का कारण बन रहे है। सरकारी अस्पताल की विश्वसनीयता संकट में है। गरीब आदमी इलाज कहाँ कराये? निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से पूरा इलाज नहीं हो रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में नकली दवाई सप्लाई करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाया जा रहा है? क्यों उन्हें बचाया जा रहा है इसे स्पष्ट है की दवा सप्लायरों से भारतीय जनता पार्टी ने मोटी रकम वसूली की है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में छोटे बच्चों को 14 महीने से क्रीमी की दवाई दी जा रही है, उसे अमानक मान कर अब प्रतिबंध लगा दिया गया। सरकारी अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल चढ़ाने पर तबीयत खराब हो जा रहा है, फफूंद लगी दवाईयां दी जा रही है, पेरासिटामोल टेबलेट, सर्जिकल इंजेक्शन, ग्लूकोज ड्रिप, एल्बेंडाजोल टेबलेट, प्रेगनेंसी किट सहित कई दवाईयां अमानक है, इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार के लापरवाही के चलते अमानक दवाइयों के कारण मरीज की आंखों की रोशनी गयी है, नसबंदी से जिनकी जान गयी है, सरकार उन्हें मुआवजा दे? सरकार यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मरीज को वितरित की जाने वाली दवाइयां पूर्णत सुरक्षित और तय मानकों को पूरा करने वाला हो? जिन कंपनियों की दवाईयां अमानक पाई गई है उनके खिलाफ अपराध पंजीबद हो दवा सप्लाई करने वाले एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड किया जाए, दवा खरीदी में शामिल अधिकारियों को पर भी कड़ी कार्रवाई हो।
कोयले का सेस भी कम हुआ है, बिजली के बढ़े दाम भी कम किया जाये - कांग्रेस
रायपुर/शौर्यपथ / बढ़े बिजली बिल ने आम जनता का बजट बिगाड़ दिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि तीन महिने से आ रहे बेतहाशा बढ़ा बिजली बिल से राज्य का हर नागरिक परेशान है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार भूपेश सरकार के समय शुरू की गयी बिजली बिल हाफ योजना को फिर शुरू करें, ताकि जनता को बढ़े बिजली बिल में कुछ राहत मिल सके। बिजली उत्पादन का प्रमुख घटक कोयला है। कोयले पर लगने वाला सेस कम हो गया है, जिसके कारण कोयले का दाम न्यूनतम 400 रू. कम हो गया है, अतः सरकार वीसीए (वेरियेबल कास्ट एडजेस्टमेंट) में कटौती के आधार पर बिजली के दाम तुरंत घटाये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार की नाकामी लापरवाही और मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण प्रदेश के लोगों के लिए बिजली कटौती और मंहगी बिजली बड़ी समस्या बन गई है। राज्य बनने के बाद प्रदेश में बिजली के दाम सबसे ज्यादा वर्तमान समय में है। सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर दिया जिससे लोगों के बिजली के बिल दुगुना से भी अधिक आ रहा। महंगी बिजली के बाद भी सरकार जनता को चौबीस घंटे बिजली नहीं उपलब्ध करवा पा रही। ग्रामीण क्षेत्र में आठ-नौ घंटे तक हो रही बिजली कटौती से जनता परेशान हो रही, लोग बिजली कटौती के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के बिजली के दाम बढ़ाकर भेजने के अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है, कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है। जनता में बढ़े हुए बिजली बिल के कारण आक्रोश और निराशा है उसके बाद भी सरकार बिजली के दामें पर लूट जारी रखे हुए है।
औद्योगिक नीति में बदलाव बेहतर तो 4,000 से अधिक कंपनियां बंद क्यों हो गई?- कांग्रेस
रायपुर/शौर्यपथ / गुजरात से 33,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार जापान, कोरिया, अमेरिका जाकर और छत्तीसगढ़ निवेशकों को बुलाकर 21 महीने में 7 लाख करोड़ से अधिक निवेश और इसे हजारों लोगों को रोजगार देने का दावा कर रही है लेकिन यह निवेश धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहा है। सरकार दावा कर रही है कि उनके द्वारा बनाई गई नई औद्योगिक नीति और उसमें किए गए 350 से अधिक बदलाव के कारण निवेशक आकर्षित हो रहे हैं, ऐसे में सवाल उठता है जब नई औद्योगिक नीति बेहतर है, फिर प्रदेश से 4,288 कंपनियां बंद क्यों हो गई? जिसके कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गए यह भाजपा सरकार की नाकामी है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए, सरकार के मुखिया और मंत्री विदेश जाकर बड़ी-बड़ी निवेश लाने की बात करते हैं, निवेशकों का भरोसा जीत क्यों नहीं पा रहे हैं? अमेरिका, जापान और कोरिया से सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक आइटम आई टी एआई टेक्सटाइल फार्मास्यूटिकल एवं खाद्य प्रसंस्करण में नई निवेश होने का दावा किया था। लेकिन अब तक कोई भी विदेश के निवेशक छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आए? बस्तर में इन्वेस्टर कनक्वे 967 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव आया था कितने निवेशक, कौन है, बस्तर में काम शुरू किया है?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाने में पूरी तरह से नाकाम रही है और अपनी इस नाकामी से जनता का ध्यान भटकने के लिए नए-नए इवेंट करने का दावा कर रही है, निवेशक आने का दावा कर रही है और लाखों युवा जो बेरोजगार हैं, जो रोजगार की औसत तलाश रहे उनके साथ धोखा कर रही है, भाजपा की सरकार प्रदेश में रोजगार के अवसर देने में असफल साबित हो गई है, सरकार की उदासीनता के चलते प्रदेश में पूर्व से संचालित रोलिंग मिल, राइस मिल, सहकारी शक्कर कारखाना, एथेनॉल प्लांट, स्पंज आयरन, ट्रैवल कंपनियों, अस्पताल फार्मा, उद्योग सभी अपने कारोबार को बंद कर रहे हैं, सरकार इस विषय को गंभीरता में ले, प्रदेश से संचालित उद्योग बंद ना हो उसके अनुकूल माहौल बनाएं और नए निवेशकों के नाम से प्रदेश को धोखा देना बंद करें।
शौर्यपथ संपादकीय। 3 नवंबर 2025 को करनाल रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन और उससे जुड़े विवाद ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस मामले में भाजपा, रेलवे मंत्रालय और विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज से मामला अधिक विवादित हो गया है, जिसमें यात्रियों ने खुद को भाजपा समर्थक बताया और बिहार में वोट डालने की बात स्वीकार की।
पूरा मामला: ट्रेन, टिकट और वीडियोकरनाल से गई इस स्पेशल ट्रेन में सैकड़ों यात्रियों ने सफर किया, जिनमें कई ने दावा किया कि उन्हें भाजपा नेताओं ने टिकट उपलब्ध कराए और वे बिहार चुनाव में वोट डालने जा रहे हैं। वायरल वीडियो में यात्रियों की सूची चेक करते भाजपा नेता नजर आए; यात्रियों ने भाजपा के स्कार्फ पहने हुए थे, जिससे यात्रा और राजनीतिक उद्देश्य का सीधा संबंध जताया गया।
विपक्ष का आरोप और रेलवे का जवाब:कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले में रेलवे मंत्रालय से सवाल पूछे और रेल मंत्रालय के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इतनी अल्प सूचना पर विशेष ट्रेन चलाने का क्या औचित्य है? उन्होंने पूछा कि अगर ये सभी 'असली मतदाता' थे, तो वे अपने खर्चे पर क्यों नहीं गए और बिना वापसी टिकट के क्यों भेजे गए।
रेल मंत्रालय ने जवाब में कहा कि त्योहारी भीड़ को देखते हुए लाखों यात्रियों के लिए हजारों स्पेशल ट्रेनें नियमित रूप से चलाई जाती हैं, और जब भीड़ बढ़ती है तो अनिर्धारित ट्रेनें तैनात होती हैं।
चुनावी आचार संहिता का प्रश्न: प्रश्न यह उठता है कि क्या यह पूरा मामला भारतीय चुनाव आयोग की आचार संहिता का उल्लंघन है? चुनावी आचार संहिता के अनुसार, किसी भी दल या सरकार द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन देना, विशेष रूप से फ्री टिकट या विशेष सहूलियत देकर, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। इस मामले में यह आरोप है कि भाजपा ने अपने पक्ष के मतदाताओं के लिए संगठित यात्रा और फ्री टिकट की व्यवस्था की।
संभावित उल्लंघन और जांच की आवश्यकता: राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं की संगठित यात्रा, खासतौर पर सरकार या पार्टी के माध्यम से, चुनावी निष्पक्षता पर प्रभाव डालती है। यदि टिकट व्यवस्था और ट्रेन संचालन पार्टी द्वारा वित्तपोषित पाया गया, तो यह आदर्श आचार संहिता और निष्पक्ष चुनाव सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन होगा। चुनाव आयोग को तत्काल जांच कर जिम्मेदारों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम मतदाता का लोकतांत्रिक विश्वास बना रहे।
संपादकीय विश्लेषण: लोकतंत्र की विश्वसनीयता और निष्पक्ष चुनाव
यह घटना भारतीय लोकतंत्र की संवेदनशीलता और निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता की परीक्षा है। अगर राजनीतिक दल मतदाताओं को संगठित तरीके से राज्य बदलकर वोट डलवाने की व्यवस्था करेंगे, और सरकारें या उनकी संस्थाएं इसमें भूमिका निभाएंगी, तो निष्पक्ष चुनाव का सिद्धांत कमजोर हो जाएगा। रेलवे जैसी सार्वजनिक सेवा का राजनीतिक उद्देश्य के लिए दुरुपयोग न हो, इसके लिए स्पष्ट और सख्त दिशा-निर्देश की आवश्यकता है।मतदाता की स्वतंत्रता, चुनावी आचार संहिता का पालन और प्रशासन की निष्पक्षता लोकतंत्र की मूल आत्मा है। ऐसे मामलों में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप या सफाई से काम नहीं चलेगा, बल्कि निष्पक्ष जांच, पारदर्शिता और कानूनी कार्रवाई ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता का भरोसा बहाल रख सकती है
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
