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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शेयर ट्रेडिंग के नाम से ठगी करने वाले एक अन्तर्राष्ट्रीय ठग को थाना बसंतपुर एवं साईबर सेल राजनांदगांव द्वारा गिरफ्तार किया गया है l ठगो के द्वारा वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से सम्पर्क कर शेयर ट्रेडिंग में ज्यादा मुनाफा देने का लालच देकर लिंक भेजकर फेक वेबसाईड का ट्रेडिंग एप्प डाउनलोड करवा कर करते धोखाधड़ी किया जाता है।आरोपियों द्वारा फ्रॉड रूपयों को करीब 8 विभिन्न बैंक खातों मे प्राप्त कर उन खातों से पुनः दर्जनों बैंक खातों मे आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से अपने साथियो के बैंक खाता मे ट्रांसफर कर प्राप्त पैसो को ए.टी.एम. व चेक के माध्यम से केरल राज्य के कई जिलों मे निकालते थे।पीड़ित से प्राप्त करीब 60 लाख रुपये को डेबिट कार्ड की मदद से दुबई मे किया गया विदड्रवाल किया गया l थाना बसंतपुर एवं साईबर सेल राजनांदगांव की टीम ने आरोपी सहल शाह उम्र 25 साल को सिंगापुर से आते ही उसके निवास मल्लापुरम केरल से किया गया गिरफ्तार किया l
प्रार्थी राहुल जैन द्वारा दिनांक 17 अगस्त को थाना बसंतपुर आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया कि 06 अलग-अलग मोबाईल नम्बरों के धारक द्वारा 08 विभिन्न बैंकों के खाते में वेबसाइट लिंक https www.triponfinance.com एवं आमंत्रण कोड भेजकर शेयर मार्केट ट्रेडिंग एवं आई.पी.ओ. में अधिक मुनाफे का झूठा वादा कर कुल तीन करोड़ चालीस लाख पंचानबे हजार रूपये की ठगी की गई है। रिपोर्ट पर थाना बसंतपुर में अपराध क्रमांक 365/2024 धारा 318(4), 3(5) बी.एन.एस. एवं 66-डी आईटी एक्ट के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव मोहित गर्ग के निर्देशन बसंतपुर एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर त्वरित कार्यवाही करने का आदेश दिया गया। जिसपर थाना बसंतपुर एवं साईबर सेल द्वारा सिटीजन फाइनेंसियल साईबर फ्रॉड रिपोटिंग पोर्टल के माध्यम से 3,41,95,000/- रूपये फ्रॉड किए गए रकम को होल्ड करवाया गया जिसमें 57,32,277/- रूपये होल्ड हुआ है जिसकी वापसी प्रक्रिया जारी है। साथ ही थाना बसंतपुर एवं साईबर सेल की संयुक्त टीम द्वारा आरोपियों के बैंक डीटेल निकाला गया जिसमें आरोपियों द्वारा फ्रॉड रूपयों को करीब 08 विभिन्न बैंक खातों मे प्राप्त कर उन खातों से पुनः दर्जनों बैंक खातों मे आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से अपने साथियो के बैंक खाता केरल, उत्तरप्रदेश, असम आदि राज्यों मे ट्रांसफर कर ठगी से प्राप्त पैसो को ए.टी.एम. व चेक के माध्यम से केरल राज्य के कई जिलों मे निकालते थे। इसके अलावा आरोपियों द्वारा पीड़ित से प्राप्त करीब 60 लाख रुपये को डेबिट कार्ड की माध्यम से दुबई मे रकम विदड्राल किये हैं। उक्त प्रकरण में मोबाईल नम्बर एवं अन्य दस्तावेज खंघाले गये जिस आधार पर आरोपी पता तलाश हेतु पार्टी केरल रवाना किया गया साक्ष्य के आधार पर उक्त टीम द्वारा जांच के दौरान आवेदक के बैंक खाते के स्टेटमेंट और आरोपी द्वारा उपयोग किए गए बैंक खाते की जांच करने पर पता चला कि सबसे पहले आवेदक के बैंक खाते से मुख्य आरोपी के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से 730000 /- रूपये ट्रांसफर किया गया जिसे सहयागी आरोपी सहल शाह के बैंक खाता एवं उसके दोस्तों के बैंक खातों में रुपए ट्रान्सफर कर दिया गया जिसे आरोपी सहल शाह ने ए.टी.एम. से नगद के रूप में निकाला है। स्टेटमेंट दिनांक आधार पर आरोपी सहल शाह के कब्जे से घटना में प्रयुक्त फेडरल बैंक का एटीएम कार्ड, फेडरल बैंक का पासबुक, 01 नग मोबाईल फोन को विधिवत जप्त कर आरोपी सहल शाह को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेरिथल मनना, केरल में पेश कर ट्रांजिट रिमाण्ड लेकर राजनांदगांव लाया गया है। इस प्रकार थाना बसंतपुर एवं साईबर सेल को एक अंतर्राष्ट्रीय आरोपी जो सिंगापुर से अपने घर केरल आया था को पकड़ने में सफलता प्राप्त हुई है। साईबर सेल की 01 टीम अभी भी केरल में है जो साईबर फ्रॉड के अन्य 01 आरोपी जो दुबई से केरल पहुंचा है की सरगरमी से तलाश की जा रही है। उक्त कार्यवाही में थाना बसंतपुर से थाना प्रभारी निरीक्षक सत्यनारायण देवांगन, उनि देवा भारती, आर. मोसीन खान, साईबर सेल से प्रभारी साईबर सेल निरीक्षक विनय कुमार पम्मार, सउनि द्वारिका प्रसाद, प्र.आर. बसंत राव, आरक्षक मनीष वर्मा, अमित सोनी, परिवेश वर्मा, मनोज खुंटे, हरीष ठाकुर, जोगेश राठौर, हेमंत साहू, आदित्य सिंह की सराहनीय भूमिका रही।
रायपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल शाम यहां अपने निवास कार्यालय 75 दिन तक मनाये जाने वाले देश के ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने इस दौरान बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सर्व संबंधितों को सौंपे गए दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ 4 अगस्त 2024 से शुरू हो गया है, जो कि 19 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। यह दशहरा पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक भावना का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय को इस दौरान बस्तर दशहरा उत्सव समिति द्वारा इसमें तिथिवार विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिसमें बताया गया कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान 15 अक्टूबर 2024 को मुड़िया दरबार का आयोजन होगा। इसी तरह बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स आपरेटर मीट, देव सराय, स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। बस्तर दशहरा पर्व में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के सम्बंध में भी चर्चा की गई।
4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुए ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व 2024 के अंतर्गत 2 अक्टूबर को काछनगादी पूजा विधान, रेलामाता पूजा विधान। 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रतिदिन नवरात्रि पूजा विधान, रथ परिक्रमा पूजा विधान। 12 अक्टूबर को मावली परघाव विधान, 15 अक्टूबर को काछन जात्रा पूजा विधान और मुरिया दरबार, 16 अक्टूबर को कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान, 19 अक्टूबर को मावली माता जी की डोली की विदाई पूजा विधान आयोजित है।
*मुरिया दरबार*
गौरतलब है कि मुरिया दरबार में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रमुख, नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर संस्कृति, परंपरा और प्रथाओं को सहेजने और सामुदायिक मांग तथा समस्याओं पर विचार करते हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2024 को मुरिया दरबार का आयोजन किया जायेगा।मुरिया दरबार आयोजन के 10 दिन बाद बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, पुजारी, कोटवार, पटेल, मातागुड़ी के मुख्य पुजारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा कई अभिनव पहल की जा रही है। द बस्तर मड़ई के अंतर्गत बस्तर की प्राकृतिक सौन्दर्य, एतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा "द बस्तर मड़ई" की अवधारणा तैयार की गयी है।
बस्तर मड़ई के अंतर्गत 21 सितम्बर को सामूहिक नृत्य कार्यक्रम, 21 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितम्बर को सिरहासार परिसर मैदान में बस्तर नाचा, 27 सितम्बर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितम्बर को बस्तर की कहानियां एवं हास्य कवि सम्मेलन, 30 सितम्बर को बस्तरिया नाचा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। 2 अक्टूबर से बस्तर दशहरा 2024 की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप तथा विधायक द्वय किरण सिंहदेव व सुश्री लता उसेंडी और मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानन्द, बसवराजू एस, राहुल भगत और सचिव अन्बलगन पी, आयुक्त बस्तर डोमन सिंह, बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम, एसपी शलभ सिन्हा उपस्थित रहे।
संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों में बाढ़ विपदा की आशंका को देखते हुए ओडिसा के मुख्यमंत्री से की चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अनुरोध पर ओडिसा के मुख्यमंत्री ने हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने के दिए निर्देश
ओडिसा के मुख्यमंत्री की बाढ़ रोकने की पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया आभार प्रकट
पहली बार दोनो राज्यों की जनहितैषी सरकारों के मध्य अपूर्व सामंजस्य से लोकहित में लिया गया त्वरित निर्णय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों के अंतर्गत रायगढ़ के गांवों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर त्वरित गति से पहल करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से गत रात्रि चर्चा कर हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का अनुरोध किया जिससे बाढ़ की संभावित आपदा से बचाव हो सके।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर ओडिसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोनों प्रदेशों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का आदेश दिया जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में होने वाली जन-धन की संभावित हानि से ग्रामवासियों का बचाव हो सके ।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की इस संवेदनशील पहल के लिए उन्हें हृदय से आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रतिवर्ष भारी बारिश की वजह से हीराकुड बांध के डुबान क्षेत्र में आने के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों को बाढ़ की विपदा झेलनी पड़ती थी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो राज्यों में जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाली जनहितैषी सरकारों के रहने से पहली बार दोनो राज्यों के मध्य अपूर्व सामंजस्य के साथ त्वरित निर्णय लेकर लोकहित में कार्य किए जा रहे हैं। दोनो राज्यों की सरकारों के मध्य ऐसा सामंजस्य पहली बार देखा जा रहा है जिसका यह सुपरिणाम है की अब दोनो राज्यों में प्रत्येक वर्ष भीषण रूप से बाढ़ग्रस्त रहने वाले क्षेत्र वर्तमान में बाढ़ की विपदा से ग्रस्त नही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू
स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सीएम साय ने जताई सख्त नाराजगी
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की जनता के हितो के लिए लगातार कार्य क्र रही say सरकार की मंशा स्पष्ट है कि प्रदेश की जनता तक शासन की योजनाये पहुंचे . प्रदेश के अंतिम छोर तक योजनाओं को पहुँचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गया है। शुरुआती उद्बोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करें। उन्होंने कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर दी विशेष हिदायत, कहा आपके अधिकारियों से भाषा का संयम नहीं हो तो सख्त कार्यवाही की जाए। कलेक्टर स्तर पर ऐसी गलती हुई तो मैं स्वयं कारवाई करूंगा lमुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाया जाए।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की साय सरकार लगातार जनहित के कार्यो को सुचारू बनने और शासन की योजनाओ को आम जनता तक पहुँचाने के लिए प्रयास कर रही है . प्रदेश के मुख्यमंत्री साय विभागीय कार्यो के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियो की बैठक लेकर निर्देशित कर रहे . सीएम साय ने जिलाधीशो को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के दिये निर्देश. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व सम्बंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों वही अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी सीएम साय ने ली .सीएम साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें, 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें तथा विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो . सीएम say ने कहा कि सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें . डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है, समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुँचे इसका ध्यान रखें वही राजस्व मामलो में कमिश्नर भी मोनिटरिंग करते रहें .
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अनुसूचित और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में तैनात डाक्टरों के वेतन में 46 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और स्वास्थ्य विभाग ने उठाया बड़ा कदम उठाया है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।
प्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतन अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने वन शहीदों की स्मृति में वन शहीद स्मारक का किया अनावरण
वन शहीदों की स्मृति में दो मिनट का रखा गया मौन
रायपुर /शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित राजीव स्मृति वन पहुंचकर वन शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वन शहीदों की स्मृति में वन शहीद स्मारक का अनावरण किया। मुख्यमंत्री श्री साय सहित उपस्थित सभी ने दो मिनट मौन धारण कर वन शहीदों की शहादत को नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आज भावनाओं से भरा दिन है। हम उन वीर शहीदों का स्मरण कर रहे है जिन्होंने जंगलों, प्राकृतिक संसाधनों और वन्य जीवों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि वन शहीदों की शहादत हमें पर्यावरण संरक्षण की महत्ता और इसे संरक्षित करने हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।
इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री, वन मंत्री और राजस्व मंत्री ने अपने पिता की स्मृति में पौधा रोपा।
गौरतलब है कि वन शहीदों की स्मृति में आज राजधानी रायपुर के राजीव स्मृति वन में 20वां राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव, अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष श्री सतीश मिश्रा, चेयरमैन श्री दिग्विजय सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारी और बड़ी संख्या में वनकर्मी मौजूद रहे।
एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से चुने गए अध्यक्ष
खेलों को बढ़ावा देने और खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य सरकार करेगी हर संभव प्रयास : मुख्यमंत्री श्री साय
पहाड़ी कोरवा लोगों की नैसर्गिक तीरंदाजी प्रतिभा को तराशने जशपुर क्षेत्र में आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। मुख्यमंत्री निवास में आज आयोजित की गई एसोसिएशन की आम सभा की बैठक में सर्व सम्मति से मुख्यमंत्री श्री साय को अध्यक्ष चुना गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए गौरव की बात है, आप लोगों ने सर्वसम्मति से मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना। इसके लिए आप सभी का हृदय से आभार। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एसोसिएशन के अनेक आयोजनों में मुझे शामिल होने का मौका मिला। राष्ट्रीय आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अर्जुन मुंडा जी के साथ भी मुझे आयोजनों में शामिल होने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आर्चरी एसोसिएशन ने बड़ी कुशलता और परिश्रम से छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों की प्रतिभा को तराशा जिससे हमारे खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर सहित अनेक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर पदक जीते।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं स्वयं इस एसोसिएशन जुड़ गया हूं, सभी के सहयोग और मार्गदर्शन में आर्चरी एसोसिएशन के कार्यों को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं जनजातीय बहुल जशपुर क्षेत्र से आता हूं। बचपन में हम लोग भी तीर धनुष लेकर शिकार किया करते थे। आर्चरी हम सभी लोगों का विशेष रूप से जनजातियों का पसंदीदा खेल है।जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा निवास करती है। ये लोग बड़े धनुर्धर होते हैं, प्राचीन काल में पहाड़ी कोरवा तीर धनुष से शिकार करते थे। आज भी उनके हर घर में तीन धनुष रहता है। श्री साय ने कहा कि इन लोगों की तीरंदाजी की नैसर्गिक प्रतिभा को तराशने के प्रयास किए जाने चाहिए। अभी प्रदेश में तीरंदाजी की तीन अकादमी हैं। जशपुर जिले में भी आर्चरी अकादमी का विस्तार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खेलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। खेलों के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा किया जाएगा। हमारे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी आर्चरी के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रौशन करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विक्रम सिसोदिया सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश आर्चरी एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारी उपाध्यक्ष श्री भारत मटियारा, श्री रामलखन पैकरा, श्री दीपेश अरोरा सहित अनेक पदाधिकारी, ऑब्जर्वर सर्वश्री अकरम खान, सुमंता चंद्र मोहंती, प्रवेश जोशी सदस्य गण, तीरंदाजी में पदक विजेता खिलाड़ी उपस्थित थे।
दो मासूम बच्चों को मिली नई जिंदगी
रायपुर /शौर्यपथ /बलौदाबाजार जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु की टीम ने जन्म से श्रवण बाधिता से पीड़ित दो बच्चों का एक साथ ऑपरेशन करवा कर उनमें सुनने की क्षमता लाने का कार्य किया है। गत दिवस विकासखंड सिमगा के ग्राम चक्रवाय और ग्राम बिटकुली के दोनों बच्चों का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में सफल ऑपरेशन हुआ और वह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार अवस्थी ने बताया की विकासखंड सिमगा के ग्राम चक्रवाय के साढ़े पाँच वर्षीय भानू निषाद तथा ग्राम बिटकुली के पाँच वर्षीय आरु साहू जन्मजात श्रवण बाधित थे जिनकी पहचान बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कर रही चिरायु की टीम ने किया था।
दोनों ही बच्चों के कई प्रकार की जाँच के बाद एम्स के चिकित्सकों ने कॉक्लियर इम्प्लांट ऑपरेशन की सलाह दी। इसमें भानू निषाद का 20 अगस्त तथा आरु साहू का 22 अगस्त को ऑपरेशन किया गया जो सफल रहा।
सिमगा के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ पारस पटेल के अनुसार दोनों ही बच्चों के पालकों को इस ऑपरेशन को लेकर कई प्रकार से काउंसिलिंग कर तैयार किया गया। पालकों ने बताया कि,बच्चों को जन्म से ही सुनाई नहीं देता था। इस कारण उनकी परवरिश आम बच्चों जैसी नहीं हो पाई। क्योंकि बच्चे सुन नहीं सकते जिस कारण उनमें भाषा शक्ति भी विकसित नहीं हो पाई जिससे बोलने में भी दिक्कक्त होती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति भी साधारण है जिससे महंगे प्राइवेट अस्पताल के इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे। भानू के पिता ड्राइवर हैं जबकि आरु के पिता चाय की छोटी दुकान चलाते हैं। दोनों ही बच्चों का यह ऑपरेशन निःशुल्क हुआ है। जाँच और दवाइयां भी निःशुल्क प्राप्त हुई हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा के अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु अंतर्गत स्कूलों और आंगनवाडी केंद्रों में स्वास्थ्य टीम स्वास्थ्य परीक्षण करती है। इसमें कई प्रकार की बीमारियो की पहचान कर बच्चों का इलाज किया जाता है। इससे पूर्व भी टेढ़े-मेढ़े पैर,हृदय में छेद ,बच्चों में मोतियाबिंद जैसे प्रकरणों का उपचार किया गया है। गौरतलब है की कॉक्लियर इम्प्लांट एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो ऐसे व्यक्ति को लगाया जाता है जिसके सुनने की क्षमता या तो नहीं है या एकदम कम है। इसमें एक हिस्सा बाहरी होता है जबकि दूसरा हिस्सा ऑपेरशन से कान के अंदर लगाया जाता है।निजी अस्पतालों में यह काफी महंगा होता है जिसकी लागत लाखों में हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दिया जा रहा पौष्टिक आहार
रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के लगभग 52 हजार आंगन बाड़ी केन्द्रों में महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उनके पोषण संबंधित देख-भाल के लिए समझाइश दी जा रही है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को एनीमिया और कुपोषण मुक्त बनाने के लिए गांवों में महिला बाल विकास विभाग द्वारा सुुपोषण रथ के माध्यम से जागरूकता लाई जा रही।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के समस्त जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्था प्रतिनिधि महिला स्व-सहायता समूहों, प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी वर्ग, सर्वाजनिक एवं निजी क्षेत्रों के निकायों के प्रतिनिधि एवं समस्त जनसमुदाय से अपील की है कि पोषण माह की गतिविधियों में पूरे उत्सह और ऊर्जा के साथ छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने सहभागी बने।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप 1 सितम्बर से 30 सितम्बर तक संचालित किए जा रहे हैं पोषण माह के दौरान इस वर्ष एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय हेतु तकनीक का प्रयोग और समग्र पोषण पर ध्यान केंदित किया जा रहा है।
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी समूह बैठक में वजन त्यौहार के बारे में चर्चा की जा रही है। ग्रामीण महिलाओं से चर्चा के दौरान 0 से 06 साल के बच्चे, किशोरी बालिकाओं की खान-पान और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में बताया जा रहा है। महिला बाल विकास की योजना की जानकारी देने के साथ ही गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार भोजन में शामिल करने का आग्रह किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह के साथ ही 12 से 23 सितम्बर प्रदेश की आंगनबाड़ियों में वजन त्यौहार भी मनाया जाएगा। जिसके अंतर्गत बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी को मापने के साथ ही सामुदायिक जागरूकता का कार्य भी किया जाएगा। वजन त्यौहार के दौरान लिए गए बच्चों के वजन सहित अन्य विवरण को महिला और बाल विकास विभाग के मोबाइल ऐप पर दर्ज किया जाएगा। इसी तरह, पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, व्यंजन प्रदर्शन जैसे आयोजन पंचायत और शहरी क्षेत्रों में किए जा रहे हैं। पोषण के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में नारा लेखन, निबंध, चित्रकला और दीवार लेखन, स्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं। साथ ही स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ग्राम पंचायत के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों और शालाओं में पोषण वाटिका भी विकसित की जा रही है।
अब तक 5 करोड़ रुपए से अधिक राशि का कर चुकी हैं भुगतान
रायपुर /शौर्यपथ / बस्तर जिले के लोहान्डीगुड़ा ब्लॉक के धुरागांव की रहने वाली दशोमती कश्यप 2017 में गायत्री महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। दशोमती का समूह से जुड़ने का उद्धेश्य छोटी-छोटी बचत को जोड़कर कुछ बड़ा करने की थी। स्नातक की पढ़ाई कर चुकी दशोमती के पति पुलिस विभाग में कार्यरत हैं जो हमेशा दशोमती का मनोबल बढ़ाते हैं और उनके निर्णय का साथ देते हैं। दशोमती ने बताया समूह के माध्यम से बिहान के संपर्क में आने के बाद मुझे बीसी सखी योजना की जानकारी हुई जिससे मुझे लगा कि यह एक ऐसा कार्य है जिसमें मैं ग्रामीण एवं बुजुर्गों को बैंकिंग की सेवाएं देकर उन्हें सहयोग और सुविधा प्रदान कर सकती हूं। साथ ही अपनी भी कुछ अतिरिक्त आय कर सकती हूं। इसलिए जनवरी 2018 में वह छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की बीसी सखी बन गयीं जिसमें उसे लोहण्डीगुड़ा क्षेत्र के चार ग्राम पंचायतों उसरीबेड़ा, धुरागांव, छिंदगांव एवं कोड़ेबेड़ा में बीसी सखी की सेवाएं देने का दायित्व सौंपा गया।
दशोमती बताती हैं कि उन्होंने बैंकिंग किस्योस्क के माध्यम से ग्रामीणों को खाता खोलने, पैसा जमा करने एवं निकासी, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति एवं सुरक्षा बीमा योजनाओं का लाभ पहुँचाया और विगत 5 वर्षों में वह 5 करोड़ रूपये से ज्यादा के लेनदेन कर चुकी हैं और करीब 20 हजार से ज्यादा ट्रांजेक्शन कर चुकी हैं जिससे लगभग 10 हजार मनरेगा श्रमिकों और 5 हजार से ज्यादा पेंशन हितग्राही लाभार्थी हुए हैं।
दशोमती सीएससी का भी कार्य करती हैं जिसमें उन्होंने 2000 आयुष्मान कार्ड, 1000 ई-श्रम कार्ड, 30 पेन कार्ड इत्यादि बनाये हैं साथ ही बिजली बिल का भुगतान भी करती हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीएससी की टेली-लॉ सेवा ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचाकर करीब 5 हजार रूपये अतिरिक्त आमदनी अर्जित की हैं। वर्तमान में दशोमती अपने बैंक सखी के कार्यों से 4 हजार रुपये और सीएससी के कार्यों से 2 हजार रुपये प्रतिमाह कमाकर लगभग 6 से 7 हजार रुपये कमाती हैं और कहती हैं कि बिहान की वजह से वह ग्रामीण लोगों को बैंकिंग की सेवाओं के साथ-साथ सीएससी की भी सेवाएं पंहुचा रही हैं।
हादसे से परिवारों को कंपनी देगी 15-15 लाख रुपए
घायल को मिलेगा 3 लाख रूपए
प्रशासन की अनुमति के बिना प्लांट का नहीं हो सकेगा पुनः संचालन
रायपुर/शौर्यपथ / सरगुजा जिले के एलुमिना प्लांट में हुए औद्योगिक हादसे में पीड़ित परिवारों को कंपनी द्वारा 15-15 लाख रूपए की मुआवजा दी जाएगी। इसी प्रकार घायलों को 3-3 लाख रूपए की राशि मिलेगी।
गौेरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा गत रविवार को एलुमिना प्लांट में हुए औद्योगिक हादसे में पीड़ित परिवारों के साथ गहरी संवेदना जताते हुए जिला प्रशासन को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर सरगुजा द्वारा एलुमिना प्लांट हादसे की जांच के लिए जांच दल का गठन कर दिया गया है। कलेक्टर ने आज जांच दल के साथ एलुमिना प्लांट का निरीक्षण किया और कंपनी के अधिकारियों को हादसे में मृत और घायल परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि सौंपने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बताया कि इस औद्योगिक हादसे में प्रत्येक मृतक परिवार को 15-15 लाख रुपए और घायलों को 3-3 लाख रूपए की मुआवजा राशि कंपनी द्वारा दी जाएगी। कंपनी के अधिकारी 12 सितम्बर को प्रशासनिक टीम परिजनों को यह राशि सौंपेगी। उन्होंने बताया कि जांच दल द्वारा एलुमिना प्लांट में सुरक्षा मानकों के पालन हेतु कड़ाई से जांच की जा रही है। बिना प्रशासन की अनुमति के प्लांट का पुनः संचालन शुरू नहीं किया जायेगा।