May 19, 2024
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रायपुर

रायपुर (4614)

  रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के कारण छत्तीसगढ़ का बहुत नुकसान हो रहा है। भाजपा के सांसदों ने अगर सक्रीयता रखी होती तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पर्याप्त आर्थिक मदद करती। अन्य प्रदेशों में फंसे गरीब मजदूरों व अन्य लोगों के साथ भी तत्पर्यता से न्याय होता।
   बिस्सा ने बताया कि छत्तीसगढ़ ले भाजपा सांसदों का लोकसभा का रोकार्ड देखें तो वह भी शर्मसार करने वाला है। भाजपा के सुनील सोनी रायपुर ने मात्र 8 प्रश्न, मोहन मंडावी कांकेर ने 4 प्रश्न, दोबारा सांसद बने गुहाराम अजगले जांजगीर चांपा व श्रीमती रेणुका सिंह सरगुजा ने तो कोई भी प्रश्न पूछना आवश्यक नहीं समझा। जबकि सक्रियता के साथ कांग्रेस के दोनों सांसदों दीपक बैज सांसद बस्तर ने 98 प्रश्न एवं श्रीमती ज्योत्सना महंत ने 39 प्रश्न पूछकर छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की।
बिस्सा ने कहा कि पिछले 4 माह से संपूर्ण राष्ट्र व प्रदेश कोरोना संकट से प्रभावित चल रहा है। प्रदेश को मेडिकल व आर्थिक आवश्यकताएं हैं। इसके बावजूद भाजपा सांसदों का लोकसभा में एक भी प्रश्न ना पूछना पीड़ादायक है। उन्होने भाजपा सांसदों से कहा की संसद में प्रश्न नहीं पूछने कि एक अक्षम्य गलती आप कर चुके हैं, अब कम से कम प्रधानमंत्री जी को पत्र ही लिखकर प्रदेश की आवश्यकताओ पर ध्यानाकर्षण कर दीजिये। शायद नक्कार खाने में तूती की आवाज सुनायी दे जाये।
    बिस्सा ने ध्यानाकर्षण किया कि केंद्र शासन के समक्ष छत्तीसगढ़ के वन, खनिज, आर्थिक आवंटन जैसे अनेक विषय लंबित हैं। जिन पर भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार के समक्ष मुखरता से छत्तीसगढ़ का पक्ष रखना चाहिए, ताकि प्रदेश का विकास हो सके।
  बिस्सा में भाजपा सांसदों की संसदीय सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनसे पूछा है कि जब आपको लोकसभा में कोई प्रश्न पूछना ही नहीं है। छत्तीसगढ़ के हित की किसी भी बात को केंद्र के समक्ष उठाना ही नहीं है तो आप चुनाव जीतकर दिल्ली में कर क्या रहे हैं ? आपके इस मौन का आखिर कारण क्या है?

शराब दुकान पर सोशल डिस्टेंस के लिये चिंतित भाजपा विधायक के बंगले में उमड़ा था जन सैलाब
स्वास्थ व्यवस्था पर चिंतित भाजपा सांसद सुनील सोनी बताये क्यो टांग दिया सरकारी अस्पताल को चौथे माले पर
केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मांगे गयी 30 हजार करोड़ के राहत राशि दिलवाने का प्रयास करेंगे

    रायपुर/ / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के संयुक्त प्रेस वार्ता पर प्रश्न उठाते कहा कि जहां एक ओर पूरा देश और छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी के वि परीत परिस्थितियो में लड़ाई लड़ रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल लगातार जनता को गुमराह करने वाला बयान जारी कर रहे हैं।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा सांसद सुनील सोनी लगातार प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ कर सफलता अर्जित करने में सबसे अग्रणी है और मरीजों की संख्या में भी भारतीय जनता पार्टी के शासित राज्यों से कहीं कम है। इसका कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रदेश कांग्रेस की टीम पूरी टीम शिद्दत के साथ इस महामारी का डटकर मुकाबला कर रही है यह बात भाजपा के बयान वीर सांसद को नागवार गुजर रही है और वह प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। जबकि उन्हें बताना चाहिए कि केंद्र सरकार से कोरोना महामारी से उबरने और राज्य की अर्थव्यवथा सुधारने के लिए प्रदेश के मुखिया ने 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग प्रधानमंत्री श्री मोदी से की है उस पर भाजपा के रायपुर सांसद सुनील सोनी यह मांगी गयी राशि दिलवाने के पक्ष में है कि नही है।
तिवारी ने कहा कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शराब दुकान में उमड़ी भीड़ और सोशल डिस्टेंस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं लेकिन 1 मई को उनके सरकारी बंगले में इससे ज्यादा भीड़ उमड़ी हुई थी सैकड़ों गाड़ी बंगले के बाहर खड़े हुए थे लोगों का तांता लगा हुआ था और सोशल डिस्टेंस तार-तार हो रही थी कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रश्न किया कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह बताना चाहिए कि 1 मई के दिन उनके बंगले में सैकड़ों हजारों की तादाद में भीड़ क्यों आयी हुई थी और अगर उनके आरोप निराधार हैं तो क्या पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल 1 मई के सीसीटीवी फुटेज को जनता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी देश के 600 से अधिक रेड, ग्रीन, ऑरेंज और ऑरेंज जोन जिलों में हो शराब बिक्री के विरोध में प्रेस वार्ता करेंगे।

निम्न दाब बिजली उपभोक्ताओं को 31 मई तक नही लगेगा अधिभार
प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य जगत को सरकार के इन निर्णयों से मिली बड़ी राहत
प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में आगामी छह माह के विद्युत देयकों के साथ ली जाएगी

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के निम्नदाब, गैर घरेलू (व्यवसायिक), कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं के हित में कई बड़े फैसले लिए गए है।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन अवधि में विभिन्न औद्योगिक संगठनों एवं संस्थानों सहित गैर घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा सरकार से रियायत दिए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। जिस पर विचारोपरांत मुख्यमंत्री बघेल द्वारा उनके हित में अनेक निर्णय लिए गए।
उपभोक्ताओं के हित में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश के गैर घरेलू (व्यवसायिक), कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक विद्युत कनेक्शन के अप्रैल,मई एवं जून 2020 के बिलों पर डिमांड चार्जेज़ भुगतान को जून 2020 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। स्थगन अवधि (मॉरिटोरियम पीरियड) के पश्चात उक्त प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में आगामी छह माह के विद्युत देयकों के साथ ली जाएगी।
उक्त अवधि अर्थात अप्रेल,मई एवं जून 2020 के बिलों पर “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” 1.5 प्रतिशत के बजाए एक प्रतिशत ही लिया जाएगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रदेश भर के सभी नगद बिल संग्रहण केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था। इसे दृष्टिगत रखते हुए लिए गए निर्णय के मुताबिक ऐसे सभी निम्नदाब विद्युत उपभोक्ता जिन्हें 23 मार्च से 3 मई 20 की अवधि में विद्युत देयक का भुगतान करना था उन्हें अब 31 मई 2020 तक बिना अधिभार के विद्युत देयक भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 23 मार्च से 30 जून 2020 के बीच प्रदेश में क्रय की जाने वाली विद्युत एवं पारेषण हेतु देयकों के विलंब से भुगतान पर वर्तमान में लागू “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” की दर में पचास प्रतिशत की कमी की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
कोरोना वायरस कोविड -19 के कारण विविध संकट से जूझ रहे प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य जगत को सरकार के इन निर्णयों से बड़ी राहत मिल सकेगी।

रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना संकट ने अच्छे अच्छे लोगो की कमर तोड़ दी . एक ओर जहाँ गरीबो के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार आगे बढ़ कर हर तरह से मदद कर रही है वही अमीरों व्यापार मंदा होने का डर है . उच्च वर्ग की जिन्दगी में सागर से कुछ बुँदे ( धन ) कम होने की चिंता है वही गरीबो को दो वक्त की रोटी की . गरीबो की मदद सरकार व संस्थाए कर रही अमीर वर्ग व्यापार खुलने का इंतज़ार कर रहे है लेकिन इन सबके बीच माध्यम निम्न वर्ग ऐसा है जिसे अपनी जरूरते पूरी करने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा ना तो इनके पास जनधन खाता है ना ही गैस सब्सिडी ना ही आर्थिक सहायता के लिए कोई संस्था या सरकार कार्य कर रही है अपनी ऐसी ही वेदना को फेसबुक के जरिये रायपुर निवासी मुकेश बुराद ने जाहिर की और सरकार से इच्छा मृत्यु तक की मांग कर ली .
मुकेश बुराद ने ६ मई को फेसबुक में एक पोस्ट की और इच्छा मृत्यु की मांग प्रधानमंत्री मोदी से कर दी . मुकेश बुराद ने क्या कहा जानिये उन्ही के शब्दों में ..

प्रति,
माननीय
श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ,
#प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
7-एकात्म मार्ग ,लोक कल्याण मार्ग ,
नई दिल्ली
पिन -110011

विषय:- इच्छा मृत्यु हेतु आवेदन ।

महोदय,
जबसे से कोरोना महामारी का उदय हुआ है तब से मैं यह देख पा रहा हूं उच्च वर्ग एवं निम्न वर्ग के लिए सरकारी योजनाएं लगातार बनाई जा रही है और इन योजनाओं से दोनों वर्ग लाभ प्राप्त कर रहे हैं ।

महोदय, मैं एक #मध्यम श्रेणी का व्यक्ति हूं जो प्रतिदिन अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए बाजार में फिरता हूं।

चूंकि में कंप्यूटर एवं ज़मीन संबंधित का छोटा-मोटा कार्य करता हूं लेकिन #कोरोना #महामारी के कारण अपने #घर में निवासरथ हूं जैसा आपके द्वारा आदेश किया गया है ।

महोदय , मैं अब #आर्थिक रूप से बदहाल हो गया हूं बातें मुझे अब अपनी रोजी रोटी के लिए बाजार में जाना अनिवार्य हो गया है ।

अत : कृपया आप ऐसी कोई नियम पारित करें ताकि रोज #प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति यदि #बाजार में जाना है तो उससे शपथ पत्र लिखवा लीजिए वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो तो उसका #सरकारी #ईलाज न कर उसे जहर देकर मारने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है ।।

महोदय, यदि इस तरह उचित कार्य नहीं किया गया तो हम जैसे लोगों को एक नियम बना कर इच्छा #मृत्यु के लिए आवेदन पत्र #भारत #सरकार जारी करें ।।

महोदय ,आप जमीन से जुड़े व्यक्ति है मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं अता मेरा मर्म समझ कर मध्य श्रेणी लोगों के लिए आप विचार जरूर करें ।।

सादर धन्यवाद।
भवदीय
मुकेश बुरड़
पता:-Mig, B-96,शंकर नगर,
रायपुर, छ :ग
मो -9826112227

प्रतिलिपि ,श्री भूपेश बघेल जी माननीय मुख्यमंत्री ।

      दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है . कांग्रेस की सरकार के कई चुनावी वादों में एक वादा पूर्ण शराब बंदी का भी है जिसे लेकर विपक्ष लगातार वार करती रहती है . गंगाजल का वास्ता देकर हिन्दू धर्म के अपमान की भी बात करती है . प्रदेश में दुर्ग लोकसभा से भाजपा सांसद विजय बघेल ने शराब बंदी पर भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भूपेश सरकार पर झूठे चुनावी वादे के आरोप लगाये . एक हद तक यह सही भी है भाजपा सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को संकट की इस घडी में शराब दूकान खोलने की जल्दी क्यों है जबकि स्वामी शंकराचार्य भी इसका विरोध कर चुके है स्वयं भूपेश बघेल द्वारा 2017 में शराब बंदी की बात का समर्थन करते हुए 2018 के चुनावी मैदान में कदम रखा और भारी मतों से जीत कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी .
      भाजपा सांसद का आरोप सही है भूपेश सरकार ने शराब बंदी के वादे को अभी तक पूरा नहीं किया किन्तु भाजपा सांसद ने कभी यह नहीं सोंचा कि भूपेश सरकार ने कभी भी ऐसा नहीं कहा कि शराब बंदी नहीं होगी . भूपेश सरकार ने सत्ता सँभालते ही कई चुनावी वादे पुरे किये और शराबबंदी के लिए भी समिति बना कर पूरा आंकलन कर शराब बंदी की बात कर रही है . भाजपा सांसद विजय बघेल आरोप लगाते समय यह क्यों नहीं कह रहे है कि कोरोना लॉक डाउन के तीसरे चरण में शराब दूकान स्थिति अनुसार शराब दूकान खोलने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी . भूपेश सरकार द्वारा द्वितीय लॉक डाउन के समय भी शराब दूकान खोलने की तैयारी की थी किन्तु केंद्र सरकार के नियमो का पालन करते हुए शराब दूकान नहीं खोला गया .
     शराब समाज को बुराई के रास्ते पर ले जाती है और शौर्यपथ शराब बंदी का पूर्ण समर्थन करता है किन्तु कोरोना संकट के समय एक ओर जहा देश के ऐसे कई राज्य जहां भाजपा की सत्ता है वह भी शराब बिक्री हो रही है किन्तु भाजपा के नेता उन राज्यों के बारे में मौन क्यों है . भाजपा नेताओ द्वारा शराब बंदी का राग सिर्फ एक राजनितिक प्रक्रिया ही है सिर्फ जनता को गुमराह करने का एक सरल रास्ता .
जनता भी चाहती है कि शराब बंदी हो और अगर भूपेश सरकार ने विधान सभा चुनाव के पहले शराब बंदी का कदम नहीं उठाया तो जनता स्वयं तय कर लेगी कि किस ओर जाए किन्तु भाजपा सांसद विजय बघेल ये क्यों भूल जाते है कि प्रदेश में शराब बेचने का कार्य सरकार ने अपने हांथो लिया तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब विजय बघेल क्यों मौन रहे क्यों नहीं तब उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य और स्वक्ष समाज का याद आया .
सांसद बघेल तब क्यों मौन रहे जब प्रदेश की आर्थिक राजधानी में एक भी कोरोना मरीज समाज से नहीं मिला तब भी केंद्र द्वारा रायपुर को रेड जोन में रखकर प्रदेश को आर्थिक हानि से बचाने की पहल करते . वैसे तो भूपेश बघेल दुर्ग लोकसभा के सांसद है किन्तु दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रदेश सरकार के सहायता कोष में मदद की पहल क्यों नहीं की . छत्तीसगढ़ और दुर्ग लोकसभा की जनता के वोट से विजय बघेल की जीत हुई तो क्या दुर्ग लोकसभा की जनता के लिए कोई दायित्व नहीं बनता सांसद जी का .
     एक ओर जहाँ जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के नागरिको की समस्या से अवगत होने भ्रमण कर रहे वही संकट की इस घडी में सांसद विजय बघेल सिर्फ आरोप प्रत्यारोप कर राजनितिक रोटी सकने की कोशिश तो नहीं कर रहे है ? एक समय प्रदेश में अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माने जाने वाले सांसद बघेल कोरोना संक्रमण के समय आम जनता से दूर क्यों है .
    आज प्रदेश की समस्त ऐसी जनता जो शराब से दूर रहती है चाहती है कि प्रदेश में शराब बंदी हो . शराब से कई परिवार बर्बाद हो चुके है और आम जनता को आछे से याद है कि भूपेश सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था अगर अगले विधान सभा चुनाव तक प्रदेश में शराबबंदी ना हुई तो इसका नुक्सान भूपेश सरकार को उठाना पड़ेगा और इतनी समझ तो प्रदेश के मुखिया को होगी ही कि चुनाव के समय इन सवालों का जनता को जवाब भी देना होगा किन्तु भाजपा के सांसद जिस तरह आरोप लगा रहे है वह सिर्फ एक कोरी राजनीति ही है क्योकि यही वो भाजपा है जिसने प्रदेश में 15 साल राज किये जिसमे छत्तीसगढ़ की जनता को किये अनगिनत वादे पूर्व की सरकार ने पूरा नहीं किये जिसके कारण जनता ने भाजपा का साथ छोड़ा किन्तु देश में भाजपा सरकार के लिए समर्थन भी किया . विजय बघेल बड़े सदन के सदस्य है लोकसभा के निर्वाचित सदस्य है अगर आज सांसद पुरे देश में शराब बंदी की बात करते तो जनता उनके बात का समर्थन भी करती किन्तु सिर्फ एक प्रदेश में शराब बंदी की बात कर सिर्फ राजनीती करना अब जनता के भी समझ में आ रहा होगा . कौन सही है कौन गलत इसका फैसला जनता सिर्फ मतदान के समय ही करती है और अब मतदान के समय ही फैसला होगा कि जनता सांसद विजय बघेल के साथ है या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ जिसके लिए अभी समय है .

सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अत्यावश्यक सेवाएं रहेंगी चालू
कोविड-19 से बचाव हेतु राज्य सरकार का अहम निर्णय

   रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के सुझाव को सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें उन्होंने प्रदेश में मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को प्रदेश में लाॅकडाउन करने का सुझाव दिया है।
  चालू मई महिने के सभी शनिवार और रविवार को अब पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस लाॅकडाउन में सब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अन्य अत्यावश्यक सेवाओं को चालू रखने को कहा है।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह अहम कदम उठाया गया है। जिसके तहत अब पूरे मई महिने के शनिवार और रविवार के दिन प्रदेश में लाॅकडाउन रहेगा।

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य को कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में पूज्य सिंधी पंचायत राजनांदगांव द्वारा 100 पीपीई किट, 100 एन-95 मास्क तथा 1000 हेण्ड ग्लब्स बतौर सहयोग दिया गया। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी, महासचिव अमर लालवानी, वरिष्ठ सलाहकार अर्जुनदास पंजवानी, मीडिया प्रभारी अर्जुनदास गंगवानी ने कलेक्टर श्री मौर्य को यह सामग्री प्रदान की।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद अनेक व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई है।
व्यवसायियों को दुकानों में सामानों का लेन-देन करते समय कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। सभी दुकानों में ग्राहकों के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। दुकानदार स्वयं ग्राहकों को इसके लिए समझाईश दें। श्री मौर्य ने कहा कि दुकानदारों को भी उपयुक्त मास्क का निरंतर उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा हर आधे घंटे में हाथों को सेनेटाईज करना चाहिए। उसी प्रकार केश काउंटरों और बैठने के स्थानों में सेनेटाईज करना जरूरी है।
     कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि दानदाताओं से अब नगद राशि या राशन सामग्री नहीं लिया जाएगा। उन्होंने दानदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे खरीदकर कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उपयोगी मास्क सहयोग के बतौर दे सकते हैं। श्री मौर्य ने कहा कि पेण्ड्री के शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। यहां पर 160 बेड इलाज के लिए तैयार है। अस्पताल में कोविड-19 गर्भवती माता के लिए वार्ड, सिजेरियन एवं सामान्य प्रसव कक्ष, रक्त परीक्षण के पैथोलॉजी लैब, कोविड-19 वायरोलॉजी लैब की स्थापना की गई है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्स के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था हॉस्पिटल में की जाएगी। श्री मौर्य ने दानदाताओं से डॉक्टरों और नर्सो के लिए पीपीई किट, ग्लब्स खरीदकर देने की अपील की।
      उन्होंने कहा कि अस्पताल के लिए टीव्ही, वाशिंग मशीन, आरओ, कूलर, एसी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी दानदाता सहयोग कर सकते हैं। कलेक्टर मौर्य ने पूज्य सिंधी पंचायत के प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस के संक्रमण, बचाव के उपायों और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड-19 अस्पताल के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में चर्चा की। पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मन्नुमल मोटलानी ने बताया कि पंचायत द्वारा पूर्व में एक लाख 11 हजार रूपए राहत कोष में दिया गया है। जरूरतमंदों के लिए 100 कट्टा चावल और 20 टीन तेल भी पंचायत द्वारा दिया गया है।

      धमतरी / शौर्यपथ / मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिले के 1336 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में जून के लिए 1249 क्विंटल 70 किलोग्राम खाद्यान्न का आबंटन किया गया है। इनमें 884 प्राथमिक स्कूलों के लिए 641 क्विंटल 70 किलोग्राम और 452 माध्यमिक स्कूलों के लिए 608 क्विंटल चावल का आबंटन शामिल है। जिला शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक धमतरी विकासखण्ड के 343 स्कूलों के लिए 313 क्विंटल 90 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। इनमें 205 प्राथमिक स्कूलों के लिए 152 क्विंटल 20 किलोग्राम और 138 माध्यमिक स्कूलों के लिए 161 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है।
     इसी तरह कुरूद विकासखण्ड के 302 स्कूलों के लिए 330 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 184 प्राथमिक स्कूलों में 163 क्विंटल और 118 माध्यमिक स्कूलों में 167 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया है। मगरलोड विकासखण्ड के 224 स्कूलों में 208 क्विंटल 20 किलोग्राम चावल आबंटित किया गया। यहां के 153 प्राथमिक स्कूलों के लिए 109 क्विंटल 40 किलोग्राम और 71 माध्यमिक स्कूलों के लिए 98 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।
   नगरी विकासखण्ड के 467 स्कूलों में 396 क्विंटल 80 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है। यहां के 342 प्राथमिक स्कूलों में 217 क्विंटल 10 किलोग्राम और 125 माध्यमिक स्कूलों के लिए 179 क्विंटल 70 किलोग्राम चावल का आबंटन किया गया है।

जीवन तुझे है बढ़ते रहना, जलकर होना राख नहीं
ऐ युवा तू अवसर वाद की, भट्टी का अंगार नहीं


    रायपुर / शौर्यपथ / युवाओं को अब स्पष्ट संदेश देना होगा कि युवा अवसरवाद की भट्टी में तपता लोहा नहीं है जिसे जैसे चाहा ढ़ाल लिया। युवा धर्म, संप्रदाय, जाति, भाषा क्षेत्र को लेकर नफरत फैलाने का औजार नहीं है जिसे जब चाहा चला लिया। युवा झूठ को फैलाने वाला वायरस नहीं है जिसे फैला कर समाज को खतरे में डाल दिया।
अवसरवादियों को यह बात बहुत अच्छे ढंग से समझ में आ गई है कि नफरत की भट्ठी और अज्ञानता के अंधकार से जो वोट की ताकत निकलती है, वही सत्ता का मार्ग प्रशस्त करती है। यही कारण है कि वे युवाओं को किसी भी तरह भटकाव के रास्ते पर ले जाने का अवसर नहीं छोड़ते। युवाओं के दिल में नफरत का फैलाव कर जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों से उन्हे दूर रखने का प्रयास करते हैं।इसी कारण युवा राजसत्ता की प्राथमिकता में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है।
अब अभिव्यक्ति ही एक ऐसी ताकत बची है जो युवाओं को मजबूती, सम्मान व रोजगार दे सकती है। मजबूत समाज और राष्ट्र दे सकती है। राजसत्ता पर उनका नियंत्रण कायम करवा सकती है। युवाओं के एक ग्रुप ने मुझसे ऑनलाइन वार्ता की। अच्छा लगा यह देखकर कि अंधकार से बाहर निकलने के लिए सूर्य की किरणों ने अपना जोर मारना शुरु कर दिया है।
एक युवा साथी ने बताया कि उनके परिवार की अर्थव्यवस्था पिताजी को रिटायरमेंट के बाद मिले रुपयों से किये गये फिक्स डिपॉजिट से चल रही है। मुझे यह बात ऐसी लगी की मानो बारूद के ढेर पर बैठा कोई व्यक्ति बोल रहा है कि मेरा जीवन सुरक्षित है।
जमा रकम पर बैंक की ब्याज दरें निरंतर कम होती जा रही है। महंगाई बढ़ रही है। रुपये का मूल्य लगातार कम होता जा रहा है। आने वाले समय में यह रकम ऊंठ के मुंह में जीरा समान होगी। इस त्रासद स्थिति के कारण कुछ आत्महत्या तो कुछ अपराध कर रहे होंगे। एक साथ इतने युवाओं को समझने का अवसर मिला। तो लगा विशेषकर युवा पांच बातों को लेकर बेहद चिंतित व असमंजस में थे –
पहला - घटते रोजगार के अवसरों से
दूसरा – ठोस स्व-रोजगार नीति के आभाव से
तीसरा – ग्रामीण व्यवस्था व किसानों की बदहाली से
चौथा - फैलते नफरत के वातावरण से
पांचवा – समाज में फैल रहे झूठ से
मैंने युवाओं से पूछा कि आप इन बातों से बाहर निकलने के लिए आप क्या प्रयत्न कर रहे हैं? यकीन मानिए ऐसा लगा मानो युवाओं की बुद्धि को किसी ने हाईजैक कर लिया है। समाधान का कोई बिंदु वे शब्दांकित नहीं कर पा रहे थे। मन में एक ही विश्वास पाले हुए थे कि “कोई आयेगा जो उन्हें भंवर से बाहर निकाल कर ले जाएगा।“ बस इसी बात ने युवाओं की स्वतंत्र सोच व व्यक्तित्व को क्षति पहुंचाई है।
आप रोजगार को जीवन का प्रथम ध्येय बनाइए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था किसान व किसानी के संवर्धन के लिये अच्छे सुझाव दीजिये और व्यवस्था को मजबूर कर दीजिये की वो उस दिशा में कदम उठाये। नफरत फैलाने वालों के साथ मत खड़ा होइये। समाज में फैलाये जा रहे झूठ के वाहक मत बनिये।
जब तक आप अपने को अभिव्यक्त नहीं करेंगे कि आप क्या चाह रहे हैं, तब तक कोई भी व्यवस्था गंभीरता से नहीं लेगी। आज सोशल मीडिया से अच्छा मंच अपने को अभिव्यक्त करने का दूसरा नहीं है। उस मंच का बेहतर उपयोग अपनी बात करने के लिये कीजिये। कॉपी-पेस्ट, मनगढ़ंत बातों वाली पोस्ट को नजर अंदाज कर अपनी चाहत व जरुरत की बातों को प्रवाहित कीजिये।
अब समझना होगा कि “नारों की मदहोशी में नाचना, युवाओं का काम नहीं और नारों की जय-घोष पर कदम-ताल करने में, युवाओं का सम्मान नहीं”

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