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*थाना कोतवाली पुलिस धमतरी की त्वरित कार्यवाही*
पुलिस अधीक्षक श्री बी.पी. राजभानू द्वारा लूट, चोरी, नकबजनी जैसे संपत्ति संबंधी अपराधों में लगाम लगाने हेतु आसूचना तंत्र मजबूत करने, सतत पेट्रोलिंग व गस्त सुदृढ़ करने सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने संदिग्ध व्यक्तियों एवं निगरानी बदमाशों की समय-समय पर जांच कर सतत निगाह रखने निर्देशित किए जाने के फलस्वरुप कई मामलों में अज्ञात आरोपियों की त्वरित पता तलाश कर हिरासत में लेकर चोरी की संपत्ति बरामद किया गया है।
दिनांक 29/01/2021 को प्रार्थी मोहम्मद हनीफ पिता ताज मोहम्मद की विवेकानंद नगर गली नंबर 2 रत्नाबांधा रोड़ किनारे स्थित इलियास किराना दुकान में दिनांक 28-29/01/2021 की दरमियानी रात्रि कोई अज्ञात चोर उनके दुकान की खिड़की, जाली व ग्लास को तोड़कर दुकान अंदर घुसकर गल्ले में रखे नगदी रकम, गेहूं आटा का पैकेट तथा राजश्री गुटका पैकेट को चोरी कर ले गया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध धारा 457, 380 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक श्री बी.पी. राजभानु ने अज्ञात आरोपी एवं चोरी गए माल माशरुका की पता तलाश कर त्वरित कार्यवाही करने निर्देशित किए जाने पर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में घटनास्थल व उसके आसपास उपलब्ध साक्ष्यों के साथ-साथ तकनीकी साक्ष्यों को एकत्रित कर अज्ञात चोर स्थानीय होने व संख्या दो या दो से अधिक होने के संदेह पर मुखबिर लगाकर पतासाजी की जा रही थी।
इसी दौरान प्राप्त मुखबीर सूचना के आधार पर संदेही बृजेश जोगी एवं विशाल बंजारे को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ किया गया। पूछताछ में दोनों ने अपने नाबालिक साथी के साथ योजना बनाकर सुनियोजित ढंग से रत्नाबांधा रोड किनारे स्थित किराना दुकान की खिड़की व जाली को तोड़कर दुकान अंदर घुसकर नगदी रकम, गेहूं आटा के पैकेट व गुटखा पैकेट चोरी कर आपस में बंटवारा करना स्वीकार किया। आरोपियों की निशानदेही पर घटना में शामिल उसके नाबालिग साथी व दोनों आरोपियों से पृथक-पृथक नगदी रकम ₹2500/- उनके कब्जे से बरामद हुआ। दुकान से चोरी किए गए गेहूं का आटा एवं गुटखा तथा शेष रकम को खाने-पीने में खर्च हो जाना बताएं।
आरोपियों के मेमोरेंडम कथन, अपराध स्वीकारोक्ति एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर 02 आरोपी सहित 01अपचारी बालक को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमांड हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
*गिरफ्तार आरोपियों के नाम-*
01. बृजेश जोगी पिता सुरेंद्र जोगी उम्र 19 वर्ष साकिन साल्हेवार पारा धमतरी
02. विशाल बंजारे पिता प्रहलाद बंजारे उम्र 22 वर्ष साकिन अंजुमन स्कूल के सामने साल्हेवार पारा धमतरी
एवं 01 अपचारी बालक
संपूर्ण कार्यवाही में प्रधान आरक्षक अमित सिंह, आरक्षक अंकुश नंदा, विकास द्विवेदी, डुगेश्वर साहू एवं महिला आरक्षक सुमन सार्वा का विशेष योगदान रहा।
कुरुद. छिल्ला हजरत सैय्यद अली मीरा दातार रहमतुल्लाह अलैह के आस्ताने मुबारक में तीन दिवसीय उर्सपाक 28 फरवरी से 3 मार्च तक धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर कोविड-१९ के नियमों का पालन करते हुए लंगर, कव्वाली समेत विभिन्न कार्यक्रम हुआ।
छिल्ला हजरत सैय्यद अली मीरा दातार रहमतुल्लाह अलैह के आस्ताने के खादिम सैय्यद हसन अली (बब्बू भाई) ने बताया कि 28 फरवरी को मामू हम्जा शहीद, 1 मार्च को मां साहिबा रास्ती अम्मा और 3 मार्च को मां साहिबा दादी अम्मा का उर्सपाक मनाया गया.... । उर्सपाक के अंतिम दिन रात 9 बजे मन्नी भाई एंड कम्पनी की शानदार कव्वाली हुई। देर रात तक श्रोता दातार की शान में कव्वाली सुनते रहे। इस मौके पर बाहर से आने वाले जायरिनों के लिए लंगर का एहतमाम भी किया गया था।उर्सपाक में जायरीनों का सैलाब उमड़ पड़ा सभी ने अपनी अकीदत के फूल चढ़ाकर मन्नते मांगी ....ऐसा कहा जाता है कि सच्चे दिल से मांगी गई मन्नते यहां जरूर पूरी होती है ....शायद यही वजह है कि अकीदत मन्दो से दरबार गुले गुलजार रहा..... प्रबंध कमेटी के सदर मोहम्मद वकील गोरी ने बताया कि उर्सपाक को सफल बनाने के लिए सैय्यद हसन अली, मुशताक खोखर, मोहम्मद युसूफ, ताजुद्दीन, साहबुद्दीन, अब्दुल शकुर, फिरोज खान, हमीद बेग, गुलाम कादिर आदि का योगदान सराहनीय रहा। जायरिनों ने कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए मास्क पहना,और सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन किया। आस्ताने मुबारक में थर्मल स्केनर से जांच के बाद ही प्रवेश दिया गया। संधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिला।
चंचल ढाबा ,भटगांव के पास ईट से भरी मेटाडोर ने प्लैटिना मोटरसाइकिल को ठोकर मार दी घटना में मोटरसाइकिल चालक किशन साहू ,पिता कमल साहू, आयु 54 वर्ष, निवासी ग्राम सांकरा, थाना मगरलोड निवासी का घटना स्थल पर मृत्यु हो गई।
जीएसटी लगने से राज्यों के राजस्व में पड़ा विपरीत प्रभाव
वित्तीय प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय स्तर की तुलना में छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में
हमारी सरकार किसानों की सरकार है, किसानों के हित में काम करती रहेगी
रायगढ़ की जूट मिल प्रारंभ करने की छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है कोशिश
छत्तीसगढ़ में जूट मिल लगाने वालों का स्वागत
देश में पहली बार वन अधिकार पट्टा धारियों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 10 लाख क्विंटल धान
व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्रों के माध्यम से 46 लाख एकड़ के दिए गए वन अधिकार
लघु वनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल
शराब की खपत घटी, सबकी सहमति से शराब-नीति बनाएंगे
गोधन न्याय योजना के जरिये खेती में सुधार, गौ माता की सेवा और लोगों को रोजगार दिलाने की व्यवस्था
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय-व्ययक पर हुई सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन राष्ट्रीय स्तर की तुलना में बेहतर स्थिति में है। अगले वर्ष हमारी आर्थिक स्थिति और भी बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जीडीपी में 7.7 प्रतिशत की कमी अनुमानित है, जबकि छत्तीसगढ़ में 1.7 प्रतिशत कमी का अनुमान है। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में 5.41 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जबकि छत्तीसगढ़ में मात्र 0.14 प्रतिशत की कमी अनुमानित है। राजस्व प्राप्ति के ब्याज भुगतान के प्रतिशत में भी छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है। जहां केंद्र के स्तर पर ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 35 प्रतिशत है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह अनुपात मात्र 8 प्रतिशत है। केंद्रीय बजट में अगले वर्ष लिया जाने वाला शुद्ध ऋण कुल बजट का 26 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह 14 प्रतिशत है। केंद्रीय बजट 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों में 11.5 प्रतिशत की कमी अनुमानित है, जबकि छत्तीसगढ़ की राजस्व प्राप्तियां गत वर्ष के बराबर ही अनुमानित हैं। श्री भूपेश बघेल ने कहा- कोरोना आपदा के समय जब देश और दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई है, छत्तीसगढ़ में हमारे प्रयासों से इस वर्ष तुलनात्मक रूप से हम कम प्रभावित हुए हैं।
केंद्रीय बजट में वित्तीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.4 प्रतिशत अनुमानित है। छत्तीसगढ़ के बजट के पुनरीक्षित अनुमानों में यह इस वर्ष 6.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत अनुमानित है, जो केंद्र से इस वर्ष 03 और अगले वर्ष 02 प्रतिशत कम है। केंद्र का राजस्व घाटा इस वर्ष जीडीपी का 7.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.1 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि हमारा राजस्व घाटा इस वर्ष 3.5 प्रतिशत और अगले वर्ष मात्र 01 प्रतिशत अनुमानित है। इस प्रकार राज्य का राजस्व घाटा भी केंद्र से इस वर्ष और अगले वर्ष 04 प्रतिशत कम है। इस वर्ष और अगले वर्ष में ये दोनों ही घाटे केंद्र से राज्य को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी (12 हजार 132 करोड़) और जीएसटी क्षतिपूर्ति (3109 करोड़) अनुदान के बजाय ऋण के रूप में देने के कारण है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यदि जीएसटी नहीं लगता तो हम वैट में राशि वसूल कर सकते थे। जीएसटी में वसूल किए गए करों का 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र को जाता है और 43 प्रतिशत राज्यों को देने का प्रावधान है। उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को इसमें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गरीब आदमी को अपने बजट के केंद्र में रखा है। हमने पिछली सरकार के सिस्टम को एलीट ओरिएंटेड से कॉमन मैन ओरिएंटेड कर दिया है। हम लोग तो डाउन टू अर्थ हैं। हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ के 17 लाख 96 हजार किसानों का 8734 करोड़ 50 लाख रुपए का कर्ज माफ किया।
कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ की स्थिति राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है। देश में कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, वहीं छत्तीसगढ़ में 4.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसमें हम केंद्र से बेहतर स्थिति में हैं। उद्योग क्षेत्र में केंद्र सरकार माइनस 9.6 प्रतिशत पर रही, जबकि छत्तीसगढ़ में इस कमी को हम माइनस 5.28 प्रतिशत पर रोकने में सफल रहे। इसी तरह सेवा क्षेत्र में देश में माइनस 8.8 प्रतिशत की गिरावट रही, जबकि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार का डेब्ट जीएसडीपी रेश्यो 62.22 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ के लिए ये अनुमान केवल 22.29 प्रतिशत है। इसी प्रकार केंद्र का इन्टरेस्ट पेमेंट और रेवेन्यू रिसीप्ट का रेश्यो अनुमानित 45 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ के लिए ये रेश्यो 8. 16 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगभग 18 हजार करोड़ रुपए की राशि नहीं दी गई, इस कारण ऋण लेना पड़ा। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019-20 में 63 हजार 147 करोड़ रुपए का ऋण रहा जो सकल घरेलू उत्पाद का 18.03 प्रतिशत है। जबकि वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 72 हजार 12 करोड़ रुपए का ऋण लिया है, जो सकल घरेलू उत्पादन का 20.5 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विभिन्न विभागों को बजट आबंटन में किसी तरह की कमी नहीं की गई है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के बजट में पिछली सरकार ने वर्ष 2018-19 में 3445 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, जबकि हमने वर्ष 2020-21 में 3998 करोड़ रुपए और वर्ष 2021-22 में 4088 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बजट में वर्ष 2018-19 में 3358 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्ष 2021-22 में 3592 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी आबादी 30 प्रतिशत है, लेकिन हमने वर्ष 2021-22 के बजट में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए 34 प्रतिशत, अनुसूचित जाति हेतु 13 प्रतिशत और सामान्य क्षेत्र के लिए 53 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया है। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, सामान्य क्षेत्र में 23 प्रतिशत और आर्थिक क्षेत्र में 39 प्रतिशत बजट प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के बजट की तुलना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि के बजट में गत वर्ष की तुलना में लगभग 2.03 प्रतिशत की वृद्धि की, जबकि छत्तीसगढ़ में कुल बजट का लगभग 09 प्रतिशत कृषि के लिए प्रावधानित किया गया, जो लगभग 9 हजार करोड़ रुपए है। इसी तरह केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के बजट में गत वर्ष की तुलना में लगभग 7843 करोड़ रुपए की कटौती की, जबकि हमने गत वर्ष की तुलना में 100 करोड़ रुपए बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास के बजट को 21 हजार 709 करोड़ रुपए कम कर दिया है, जबकि हमने अपने बजट का लगभग 09 प्रतिशत 8828 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए इस साल 21 लाख 52 हजार किसानों ने पंजीयन कराया, जिनमें से 95 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की सरकार है, हम किसानों के हित में काम करते रहेंगे। केंद्र सरकार के लगातार अड़ंगे के बावजूद राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 5703 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बार के बजट में किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में 60 से 70 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी होती थी, और वे 24 लाख मीटरिक टन चावल एफसीआई को देते थे। हमने 92 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की है, हमें एफसीआई को 60 लाख मीटरिक टन चावल देने की अनुमति केंद्र द्वारा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बारदानों की कमी के संबंध में कहा कि राज्य सरकार रायगढ़ की जूट मिल को प्रारंभ करने के लिए प्रयासरत है। छत्तीसगढ़ में यदि कोई जूट मिल लगाना चाहता है, तो उनका स्वागत है। औद्योगिक क्षेत्र में पूंजी निवेश के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछले सरकार ने 93 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए थे, लेकिन वास्तविक निवेश मात्र 02 हजार करोड़ रुपए का हुआ। हमारी नयी औद्योगिक नीति के कारण 154 एमओयू हुए, जिनमें 56 हजार करोड़ रुपए का पूंजीनिवेश संभावित है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार चिडफंड कंपनियों से 16 हजार निवेशकों के पैसे वापस दिलवाए गए।
वनअधिकार मान्यता पत्रों के वितरण के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 12 साल में 3.87 लाख पट्टे वितरित किए थे। हमने निरस्त किए गए पट्टों का पुनर्परीक्षण किया। व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के माध्यम से 46 लाख एकड़ वन भूमि पर अधिकार दिलाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज की खरीदी में छ्त्तीसगढ़ पूरे देश में अग्रणी राज्य है। कोरोना काल में देश में खरीदी गई वनोपजों का 99 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में खरीदा गया। वर्तमान स्थिति में भी छत्तीसगढ़ की देश के कुल संग्रहित लघु वनोपजों में भागीदारी 72.5 प्रतिशत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर ढाई हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के कारण कुपोषण में 25.9 प्रतिशत कमी आई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार हमारी प्राथमिकता है। साथ ही चाहे सड़क-पुल-पुलिया की बात हो, या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की बात हो, इनके निर्माण में कमी नहीं आने दी गई है। उन्होंने कहा कि रेत के अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन पर राज्य सरकार द्वारा तत्परता से कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बंदी की नीति विभिन्न राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर सबकी सहमति से बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में शराब से प्राप्त राजस्व में पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत और खपत में 38.4 प्रतिशत की कमी हुई है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने खेती में सुधार, गौ माता की सेवा और लोगों को रोजगार दिलाने की व्यवस्था करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि 200 से ज्यादा गोठान आत्मनिर्भर बन चुके है, हमारा लक्ष्य सभी गोठानों को स्वावलंबी बनाने का है। गोठानों में 63 हजार वर्मी-टांके भरे हुए हैं, प्रति टांका लगभग 15 क्विंटल के मान से वर्मी कंपोस्ट तैयार होने का अनुमान है।
रायपुर / शौर्यपथ / जिले में अब बच्चों को सुपोषण थाली के भोजन की महक घर से आंगनबाड़ी केंद्रों खींच कर ला रही है । आंगनवाड़ी केंद्रों पर दीदी बच्चों को हाथ धुलवा कर पोषण थाली देती है जिससे बच्चे खूब मजे लेकर खाते है|
पर्यवेक्षक रीता चौधरी बताती है:“आंगनबाड़ी केंद्रों पर शासन द्वारा जारी कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्य किया जा रहा है । बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण थाली देने से पूर्व हाथों को अच्छे से धुलवाया और सैनिटाइज करवाया जाता है । साथ ही गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं का वज़न भी नियमित लिया जा रहा है ।
पोषण थाली में दाल, चावल, रोटी रासेवाली मिक्स सब्जी, हरी भाजी, आचार, पापड़, सलाद में खीरा मूली, टमाटर, गाजर, हरी धनिया, नीबू , अंकुरित अनाज आदि में प्रोटीन के स्रोत प्रचुर मात्रा में रहता है। आंगनबाड़ी केंद्र से छह माह से तीन वर्ष, तीन वर्ष से छह वर्ष, गर्भवती,धात्री और किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण का ध्यान रखा जाता है । वही गर्भवती को महतारी जतन के तहत गर्म भोजन में संपूर्ण थाली परोसी जाती है , जिसमें दाल, चावल, रोटी, हरी सब्जी,रासेदार सब्जी,अचार,पापड़,सलाद अंकुरित दालें, आंगनबाड़ी में खिलाया जाता है और घर पर भी सभी सम्पूर्ण आहार को खाने को कहा जाता है ।
उन्होंने बताया “भोजन में ऐसे तत्वों को शामिल किया जाना चाहिए जिनमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन आदि मिल सके। टेक होम राशन (टीएचआर) को विविध रूपों में खाने का तरीका भी है । घर पर बच्चों को खाना अलग प्लेट या थाली में दे, जिससे पता चलता रहेगा आपके बच्चे ने कितना खाना खाया है। बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रतिदिन सारणी के अनुसार भेजें, साथ ही पढ लिखकर और पौष्टिक आहार खाकर वह कुपोषण से बच सकेंगे”।
सुपोषित भोजन क्यों जरुरी
शरीर को स्वस्थ्य रखने में पोषक तत्व का अहम रोल होता है। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो पोषण बच्चे के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। गर्भ में पल रहा बच्चा अपनी माता से गर्भ नाला द्वारा पोषण प्राप्त करता है। गर्भवस्था के दौरान महिलाओं का खान पान सही होना बहुत जरूरी है। अगर माता में पोषण की कमी या संक्रमण हुआ तो इसका सीधा असर बच्चे के मस्तिष्क और उसके शरीर के विकास पर पड़ सकता है।
आशीष तिवारी शौर्यपथ रायपुर
रायपुर / शौर्यपथ / युवा काँग्रेस नेता एवं डॉ. विपिन बिहारी सुर वार्ड के छाया पार्षद नोहर साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना तीसरा बजट प्रस्तुत करते हुए ये साबित कर दिया है कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना जो मुख्यमंत्री ने 2 वर्ष पूर्व रखी थी वो साकार हो रहा है।
बजट में शहरी भूमि पर काबिज गरीबों को पट्टा दिए जाने का निर्णय, गरीब हितैषी सरकार का जीवंत प्रमाण है, बजट प्रदेश के सर्वहारा वर्ग के उत्थान को समर्पित है। युवा काँग्रेस नेता नोहर साहू ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव जी का मार्गदर्शन प्रदेशहीत की दूरगामी सोच रखने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है, संभावनाओं का प्रदेश है जिसे बेहतर रूप से संवारने का कार्य किया जा रहा है, आज उसी का प्रमाण है कि कोरोनाकाल से उपजे हालातों एवं देश के आर्थिक मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ राज्य ने 2 वर्ष में अपने जनहितकारी योजनाओं के चलते आर्थिक तौर पर भी मजबूती से खड़ी हुई है।
‘गांव में लगे सूचना शिविर से प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी मिल रही है। मेहनतकश किसान जहां एक ओर कर्जमाफी से उबरकर अपने हितों की चिंता कर पा रहे हैं वहीं गोधन न्याय योजना गांव व गरीब लोगों में पहुंच बनाकर स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने में कामयाब रही है।‘ उक्त बातें ग्राम पंचायत देवपुर के सरपंच श्री चेतनलाल यदु ने कही। जनसम्पर्क विभाग द्वारा आज धमतरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत देवपुर में आयोजित साप्ताहिक हाट-बाजार के अवसर पर प्रदेश सरकार के विगत दो वर्षों की उपलब्धियों एवं विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी सह सूचना शिविर आयोजित किया गया, जहां ग्रामीणों को निःशुल्क पत्र-पत्रिकाएं व पुस्तिकाएं भी बांटी गईं।
प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद ग्राम देवपुर की श्रीमती सीताबाई साहू ने कहा कि पिछले एक साल से कोरोना महामारी के संकट के दौरान भी मनरेगा के जरिए ग्रामीणों को रोजगार दिलाया और सबसे अच्छी बात यह रही कि धमतरी जिले में सबसे ज्यादा मानव श्रम सृजित हुआ, इसके लिए जिला प्रशासन बधाई का पात्र है। पंच श्री अमरसिंह साहू ने कहा कि सूचना शिविर से सरकार के लोकहित के कामों का पता चल रहा है। उन्होंने नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना को गांव की उन्नति का वास्तविक आधार बताया। श्री आशाराम देवांगन ने किसानों की कर्जमाफी को सबसे अधिक राहत देने वाली योजना बताया। सुरजी बाई ने छायाचित्रों का अवलोकन कर कहा कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं है, लेकिन छायाचित्र के माध्यम से सरकार के कामकाज का आसानी से पता चल रहा है। इसी तरह श्री गजानंद साहू, श्री जयप्रकाश साहू तथा मनीराम साहू ने कहा कि ऐसे शिविरों के जरिए शासन की योजनाओं और सकारात्मक कामों का पता चलता है, इसलिए समय-समय पर शिविर जरूर लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा साप्ताहिक बाजार में खरीदी करने आए अनेक ग्रामीणों ने भी न सिर्फ प्रदर्शनी का अवलोकन किया, अपितु शासन की फ्लैगशिप योजनाओं पर आधारित पुस्तकें एवं ब्रोशर भी निःशुल्क प्राप्त किए।
धमतरी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 68 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किए गए हैं। योजना शुरू होने से अब तक की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 85 लाख मानव दिवस सृजित करने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 68.08 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। औसतन 50 लाख मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को पार करते हुए यह आंकड़ा 68 लाख के ऊपर पहुंच गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक एक लाख 39 हजार परिवारों को रोजगार प्रदाय किया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में मनरेगा के तहत एक लाख 59 हजार परिवार पंजीकृत हैं। पंजीकृत परिवार में से एक लाख 47 हजार 812 परिवार रोजगार मूलक कार्यों में सक्रिय हैं। इसके अलावा 14 हजार 102 परिवार को सौ दिवस का रोजगार मिला है तथा 944 दिव्यांगों ने 20,090 मानव दिवस सृजित किए हैं।
जिले में चालू वित्तीय वर्ष में 237 करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इसमें से अब तक 163 करोड़ रूपए व्यय किये जा चुके हैं। जिसमें से 129 करोड़ 61 लाख रूपए से अधिक मजदूरी और 26 करोड़ 71 लाख रूपए से अधिक सामग्री में व्यय किए गए हैं। मुख्य रूप से इस वित्तीय वर्ष में वनाधिकार पट्टाधारी लगभग चार हजार परिवारों को भूमि सुधार एवं डबरी निर्माण कार्य से लाभान्वित किया गया है। साथ ही नवगठित 15 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया है, वहीं 225 ग्राम पंचायतों में नवीन गौठानों की स्वीकृति के अलावा 54 सहकारी समितियों में 333 नग धान चबूतरा के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। इसी तरह ढाई सौ ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन एवं मनरेगा के अभिसरण से सामुदायिक शौचालय निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया तथा नरवा परियोजना के तहत 21 नालों का उपचार का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही छः ग्राम पंचायतों में वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों के निजी भूमि विकास सहित वृक्षारोपण के कार्य डी.एम.एफ. एवं मनरेगा के अभिसरण से कराये गए। जिले में सामुदायिक वृक्षारोपण के तहत 300 एकड़ भूमि में ब्लाॅक प्लांटेशन का कार्य किया गया तथा ग्राम पंचायत स्तर पर जल संरक्षण के लिए डबरी निर्माण, तालाब निर्माण एवं गहरीकरण के कार्य कराये गए।
इसी तरह गौठान परियोजना के तहत ग्राम पंचायत भटगांव में लेमनग्रास उत्पादन के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से ढाई लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। बताया गया है कि शासन की गाईडलाइन अनुसार चरणबद्ध तरीके से योजना के तहत प्राथमिकता से कार्य कराये जा रहे हैं। जिले में प्रति दिवस 59 हजार 123 श्रमिक मनरेगा के तहत नियोजित हैं। इससे श्रमिकों के आर्थिक विकास में सहयोग मिल रहा है। जिले में श्रमिकों में जागरूकता लाने की दृष्टि से माह के प्रत्येक सात तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन कर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। योजनांतर्गत रोजगार दिवस के दिन श्रमिकों से काम की मांग प्राप्त करने एवं योजना प्रचार-प्रसार करने तथा योजनांतर्गत छूटे परिवारों का पंजीयन एवं पंजीकृत परिवारों द्वारा काम की मांग पर कार्यवाही एवं क्रियान्वयन करने के निर्देश पंचायतों को दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 की अवधि के दौरान सभी ग्राम पंचायतों में सोशल डिस्टेंस के साथ मनरेगा के तहत कार्य शुरू किए गए।
पुलिस अधीक्षक श्री बी. पी. राजभानु ने यातायात के बढ़ते दबाव और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सड़क सुरक्षा माह के दौरान जन जागरूकता अभियान के तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देकर उसका पालन करने समझाइश दिये जाने निर्देशित किया गया। साथ ही हाईवे पेट्रोलिंग द्वारा सतत पेट्रोलिंग करते हुए सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों एवं जरूरतमंदों की आवश्यक सहयोग किया जा रहा है। फिर भी कुछेक वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक महोदय ने यातायात पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों को अनुशासित रहने तथा अपने निर्धारित ड्यूटी पॉइंट पर सजगता से ड्यूटी करते हुए सुचारू रूप से यातायात का संचालन करने तथा अभियान चलाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने निर्देशित किया गया।
उक्त निर्देश के परिपालन एवं उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्रीमती सारिका वैद्य के दिशा निर्देश में यातायात प्रभारी श्री गगन बाजपेई द्वारा परिवहन विभाग धमतरी से समन्वय स्थापित कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के तहत आज यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा में श्यामतराई में वाहन चेकिंग किया जा रहा है। जिसमें तकनीकी संसाधनों-स्पीड राडार, ब्रीथ एनालाइजर, एल्कोमीटर आदि का उपयोग करते हुए चेकिंग की जा रही है। साथ ही बिना हेलमेट, तीन सवारी, बिना सीट बेल्ट, बिना नंबर प्लेट, ओव्हरलोड, प्रेशर हॉर्न के उपयोग एवं नो पार्किंग पर कार्यवाही की जा रही है। अब तक 45 वाहन चालकों को नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।
उक्त कार्यवाही में यातायात प्रभारी निरीक्षक श्री गगन बाजपेई अपने यातायात स्टाफ के साथ एवं जिला परिवहन अधिकारी श्री गौरव साहू परिवहन विभाग के निरीक्षक श्री ध्रुव व स्टाफ सम्मिलित रहें।