May 09, 2025
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रायपुर

रायपुर (5845)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 08 मार्च को
प्रविष्टियां 28 फरवरी तक आमंत्रित

धमतरी ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को आगामी 08 मार्च को राज्य स्तर पर आयोजित महिला सम्मेलन में राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए इच्छुकों को जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से आवेदन का प्रारूप प्राप्त कर आगामी 28 फरवरी तक जमा करना होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि निर्धारित तिथि के बाद मिली प्रविष्टियांे पर विचार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि यह सम्मान 25 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की ऐसी महिलाओं को दिया जाएगा, जो साहित्य, शिक्षा, लोककला एवं संस्कृति, महिला एवं बच्चों के विकास के लिए किए गए सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हों, जिससे महिलाओं एवं बच्चों के जीवन-स्तर में सुधार हुआ हो।

नगरी,,झिरिया धोबी समाज नगरी ने सन्त शिरोमणि गाडगे बाबा की जयंती धूमधाम से मनाया। गाडगे भवन नगरी में आयोजित कार्यक्रम में समाज के जिला अध्यक्ष व एल्डरमेन भरत निर्मलकर, परिछेत्र अध्यक्ष चमन निर्मलकर,नगर पंचायत के सभापति सुनील निर्मलकर, पार्षद सुनीता निर्मलकर आदि समाज जनो ने बाबा जी की मूर्ति में माल्यार्पण कर उनकी जीवनी में प्रकाश डालते हुए कहा कि सन्त गाडगे बाबा महान समाज सुधारक थे वे अपने कीर्तन के माध्यम से लोगो को उपदेश देकर स्वच्छता अभियान चलाते थे उन्होंने आजीवन सामाजिक अन्यायों के खिलाफ संघर्ष रत रहे और शिक्षा के प्रति अलख जगाया।इस दौरान इन्दरमल रजक, राजू निर्मलकर,संजू निर्मलकर, ललित
निर्मलकर,जय राम निर्मलकर, बीरेंद्र निर्मलकर,राजू निर्मलकर,घासी निर्मलकर, केशव निर्मलकर,संजय निर्मलकर, राजकुमार निर्मलकर,प्रकास निर्मलकर, कमलेश निर्मलकर, चरण निर्मलकर,भुनेश्वर निर्मलकर ,ईश्वर निर्मलकर खूब लाल निर्मलकर, अमन निर्मलकर,आदि उपस्थित थे*

*भा.द.वि एवं पाक्सो एक्ट के तहत् आरोपी गिरफ्तार*

*थाना कोतवाली पुलिस की कार्यवाही*

            पुलिस अधीक्षक धमतरी श्री बी.पी. राजभानु ने लंबित मामलों के निराकरण करने के साथ-साथ गुम नाबालिग बालक-बालिकाओं की पता तलाश कर दस्तयाबी पश्चात जांच के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही करने एवं अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने समस्त थाना एवं चौकी प्रभारियों को निर्देशित किये जाने पर विगत कुछ दिनों में कई लंबित मामलों का निराकरण किया गया है। साथ ही नाबालिग बालक-बालिकाओं एवं गुम इंसानों को दस्तयाब कर वैधानिक कार्यवाही किया गया है।

           इसी क्रम में थाना कोतवाली अंतर्गत वार्ड की एक नाबालिग बालिका दिनांक 20/10/2020 को घर से कपड़ा सिलाने जा रही हूं कहकर टेलर के पास गई थी जो घर वापस नहीं आने पर आस-पड़ोस, रिश्तेदारों एवं उसकी सहेलियों से पता तलाश किया गया, लेकिन कोई पता नहीं चलने पर परिजन द्वारा उनकी नाबालिग बालिका को किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले जाने की आशंका व्यक्त करते हुए थाना कोतवाली में रिपोर्ट करने पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।

            पुलिस अधीक्षक महोदय श्री बी.पी. राजभानू ने अपहृत नाबालिग बालिका एवं आरोपी की जल्द से जल्द पतासाजी कर वैधानिक कार्यवाही करने थाना प्रभारी कोतवाली को निर्देशित किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण में अपहृत नाबालिग बालिका व आरोपी की पता तलाश की जा रही थी। इसी दौरान तकनीकी साक्ष्यों से मिली जानकारी एवं मुखबिर से सूचना मिली कि बेमेतरा के ग्राम जैतपुरी निवासी श्रीराम राजपूत ने अपहृत नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर अपने घर ले जाकर रखा है। उक्त सूचना पर थाना प्रभारी कोतवाली नवनीत पाटिल ने सहायक उपनिरीक्षक संतोषी नेताम के नेतृत्व में टीम गठित कर रवाना किया गया। उक्त टीम ने संदेही के घर जाकर दबिश दी। नाबालिग बालिका के मिलने पर श्रीराम राजपूत के कब्जे से बरामद कर उससे पूछताछ कर कथन लिया गया। विवेचना क्रम में पीड़ित नाबालिग बालिका के कथन, चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मामले में धारा 376 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 जोड़ते हुए आरोपी श्रीराम राजपूत पिता सुरेंद्र राजपूत उम्र 21 वर्ष साकिन जयपुरी थाना नांदघाट जिला बेमेतरा को विधिवत गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही करते हुए न्यायिक रिमांड हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।

शाम 7:00 बजे के लगभग सीता नदी पुल के पास दो मोटरसाइकिल आपस में टकरा गया।

जिसमें एक बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
वहां से गुजर रहे थे , सिहावा पुलिस के ए एस आई गेंद लाल साहू और आरक्षक सम्पत कुमार मंडावी ने अपने निजीय वाहन कार से घायल को बेलरगाव हॉस्पिटल पहुंचाया और उनके परिजनो को सूचित किया।

   रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज कांकेर जिले के अंतागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम टेमरूपानी में आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के वार्षिक सेसा पण्डुम कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होंने कार्यक्रम में आह्वान किया कि हमारे समाज के कुछ साथी भटक गए हैं, वे समाज की मुख्यधारा में लौटें। शासकीय योजनाओं का लाभ लें तथा आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के प्रमुख, समाज को जागरूक करें, संगठित करें और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगारमूलक योजनाओं से जोड़ें, साथ ही समाज को बांटने वाले तत्वों से सचेत रहें। राज्यपाल ने टेमरूपानी में पहुंचकर पूजा अर्चना की और धार्मिक जात्रा कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होंने आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति को दो लाख रूपए की आर्थिक सहयोग देने की घोषणा भी किया ।

  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि जनजातीय समाज हमेशा प्रकृति के साथ रहता है और कभी दुखी नही रहता। हम देव पोड़द-गुमा (सूर्य देव) से प्रार्थना करते हैं कि हम सबको सुख-समृद्धि प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी सदैव सम्मान से जीता है, वह किसी गलत कामों में न लिप्त रहता है न ही भिक्षा मांगने के लिए किसी के समक्ष हाथ फैलाता है। जीवन भर मान सम्मान से जीवन यापन करता है। राज्यपाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति धर्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, बल्कि अपने कर्मों से बड़ा होता है। सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी समाज के बुढ़ादेव अर्थात महादेव हम सबके इष्टदेव हैं, जो पूरे संसार का संरक्षण करते हैं। देश का हर नागरिक अपने-अपने धर्म, संम्प्रदाय, देवी-देवता और अपने महापुरूषों को मानने और उनके आदर्शों पर चलने के लिए स्वतंत्र है, किन्तु जब देश हित की बात आए तब सभी एकजुट होकर कार्य करें।
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति बड़ी महान है। प्रकृति के प्रति आदिवासी समाज में अपार श्रद्धा होती है और इस श्रद्धा में प्रकृति संरक्षण का भाव होता है। हमारे आदिवासी संस्कृति में सामुदायिकता और प्रेम सद्भाव की भावना रहती है। इस पर्व पर आदिवासी समाज द्वारा सूर्य देव से अन्न भंडारण तथा उसकी सुरक्षा की अनुमति मांगी जाती है। यह कितनी महान परंपरा है कि प्रकृति से प्राप्त हुए उनके उत्पाद को उपयोग करने के लिए उनसे आज्ञा ली जा रही है। इससे यह सिद्ध होता है कि आदिवासी समाज में प्रकृति के प्रति कितनी आस्था है। ऐसी परंपरा शायद ही और कहीं देखने को मिलती है। राज्यपाल ने कहा कि प्राचीनकाल से आज तक जंगल किसी न किसी रूप में जो सुरक्षित है, आदिवासी समाज के इसी भावना के कारण है। आज जब पूरा विश्व में आधुनिकीकरण के कारण आपस में दूरियां बढ़ती जा रही है, परिवार अलग-अलग हो रहे हैं, उस समय आदिवासी समाज पूरे विश्व के समक्ष सामाजिकता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करता है।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में उइके गोत्र के मांझी, पेन पुजारी, मंड़ा के समस्त सात भाई-कोर्राम, कचलाम, जुर्री, जट्टी, कातो, वेड़दो, उयका का अभिवादन किया। राज्यपाल को आयोजकों ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम में विधायक श्री अनुप नाग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री नितिन पोटाई, पूर्व विधायक श्री भोजराज नाग, पूर्व विधायक श्री विक्रम उसेण्डी, श्री विश्राम सिंह गावड़े, श्रीमती जय लक्ष्मी ठाकुर, श्रीमती कमला नेताम, श्री श्यामलाल उइके, श्री मेतूराम उइके, श्री शरद कोर्राम, श्री चंदन सिंह उइके, श्री सुरजूराम उइके, श्री हरिसिंह उइके, श्रीमती सुशीला उइके, श्री मनेश राम उइके, श्री दशरथ उइके सहित मांझी, सिरहा एवं समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
राज्यपाल ने पत्रकारो एवं सुरक्षाबलो की सराहना किया
राज्यपाल सुश्री उइके ने पत्रकार बंधुओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, बस्तर तथा अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में कार्य करते हुए जनसमस्याओं और समाज की अन्य खबरों को सामने लाते हैं। इस दौरान उन्हें कई खतरों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और फिर भी वे अपने कार्य में समर्पित भाव से लगे रहते हैं। उनकी खबरों से मुझे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है, उस पर मैं संज्ञान भी लेती हूं। राज्यपाल ने सुरक्षा बलों की भी सराहना करते हुए कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के जवान सभी जगह हर परिस्थिति में तैनात रहते हैं और आम जनों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। उनके प्रति मानवीय संवेदना रखें और उनके साथ समन्वय बनाकर कार्य करें। कार्यक्रम में बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री जी.आर चुरेन्द्र, आई.जी सुन्दर राज पी., डीआईजी विनित खन्ना, कलेक्टर चन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक एम.आर. अहिरे सहित जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के स्वप्न दृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की पुण्यतिथि पर याद करते हुऐ किया नमन। विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा यह वही व्यक्ति है जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे पहले सपना देखा था, इन्ही के अनेकों प्रयास के बदौलत छत्तीसगढ़ ना सिर्फ हमारे देश में एक पहचान मिली बल्कि विदेशों में भी छत्तीसगढ़ का नाम हुआ।
छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्न दृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल हमेशा से छत्तीसगढ़ के विकास और छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान दिलाने के लिए कार्य किया, वे हमेशा छत्तीसगढ़ के दब्बूपन को दूर करने के लिए अनेक प्रयास किये, वे हमेशा यही चाहते थे की छत्तीसगढ़ को लोग क्यों ऐसे हीन भावना से देखते है, हमेशा इससे सौतेला व्यवहार क्यों करते हैं बस इन्ही बातों की चिंता उन्हें सताते रहती थी। जातिगत भेदभाव, कुरीतियों को मिटाने वाले इस महान व्यक्ति का निधन संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाग लेने दिल्ली गए हुए थे वहाँ दिल का दौरा पड़ने से उनकी आकस्मिक निधन हुआ।
उन्होंने सन 1931 में सरकारी पद त्याग कर कांग्रेस में प्रवेश किया। इसके पूर्व अप्रैल 1930 में रायपुर महाकौशल राजनीतिक परिषद के अधिवेशन में डॉक्टर बघेल ने भी हिस्सा लिया था, सन 1931 में डॉक्टर बघेल रायपुर जिला के डिक्टेटर और बाद में राज्य के आठवें डिक्टेटर नियुक्त हुए। जिला डिक्टेटर के पद पर रहते हुए डॉक्टर बघेल सामाजिक सुधार के प्रति भी जागरूक रहें। सन 1939 के त्रिपुरी के ऐतिहासिक कांग्रेस अधिवेशन में स्वयंसेवकों के कमांडर के रूप में कार्य किया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के तहत इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टर बघेल के साथ उनकी धर्मपत्नी राजकुँवर देवी भी 6 माह के लिए जेल गई। रायपुर तहसील से 1946 के कांग्रेस चुनाव में डॉक्टर बघेल निर्विरोध चुने गए। इस तरह सन 1946 में डॉक्टर बघेल को तहसील कार्यालय कार्यकारिणी के अध्यक्ष और प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया। स्वतंत्रता के बाद उन्हें प्रांतीय शासन ने संसदीय सचिव नियुक्त किया। 1950 में आचार्य कृपलानी के आह्वान पर वे कृषक मजदूर पार्टी में शामिल हुए। 1951 के बाद आम चुनाव में वे विधानसभा के लिए पार्टी से निर्वाचित हुए। 1965 तक विधानसभा के सदस्य रहे। 1965 में राज्यसभा के लिए चुने गए राजनीति से 1968 तक जुड़े रहे।

आशीष तिवारी शौर्यपथ रायपुर
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी एवं महापौर एजाज़ ढेबर जी के मनसा अनुसार आज 'तुंहर सरकार तुंहर द्वार' कार्यक्रम का आयोजन डॉ. विपिन बिहारी सुर वार्ड क्रमांक 64 के तहत वीरभद्र नगर सामुदायिक भवन में संपन्न हुआ, जहाँ समाधान शिविर में प्राप्त आवेदनों का यथासंभव त्वरित निराकरण किया गया।
समाधान शिविर में जरूरतमंदों को युवा काँग्रेस नेता एवं काँग्रेस पार्षद प्रत्याशी नोहर साहू द्वारा विपिन बिहारी सुर वार्ड के रहवासियों को आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, मजदूर कार्ड प्रदान किया गया। शिविर में सभापति प्रमोद दुबे,प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल जी,निगम आयुक्त सौरभ कुमार,एमआईसी सर्वश्री ज्ञानेष शर्मा, श्रीकुमार मेनन, सुरेश चन्नावार, जितेंद्र अग्रवाल दाऊ जी, सुंदर जोगी जी, सहदेव व्यवहार जी, रितेश त्रिपाठी जी, आकाश तिवारी जी, अमितेश भारद्वाज,नोहर साहू जी, दयासागर सोना,सैयद उमेर,सदर बाजार ब्लॉक अध्यक्ष नवीन चंद्राकर, पुरानी बस्ती ब्लॉक अध्यक्ष सचिन शर्मा, श्रीमती अंजनी वीभार जी , श्रीमती शीतल कुलदीप बोगा जी, श्रीमती द्रोपती हेमंत पटेल जी, नीलम नीलकंठ जगत जी, ज़ोन अध्यक्ष मन्नू विजेता यादव जी, मनीराम साहू जी, बंटी होरा जी , बीरेंद्र देवांगन जी, अनवर हुसैन जी,युवा कार्यकर्ता मोहम्मद चाँद, मतलूब कुरेशी,संजय देवांगन सहित सभी एमआईसी सदस्यगण, पार्षदगण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

राज्य सरकार ने 1000 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को थल सेना छावनी की स्थापना के लिए की हुई है आबंटित
बिलासाबाई केवटींन हवाई अड्डा अब सिविल एविएशन एवं थल सेना की विमानन संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उपलब्ध
राज्य में आर्मी छावनी की स्थापना से इलाके के समुचित विकास के साथ राज्य के युवाओं को सेना में सहजता से उपलब्ध होंगे अवसर
थल सेना छावनी की नक्सलवादी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में होगी सहायक

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी की शीघ अतिशीघ्र स्थापना करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री का ध्यान राज्य के विकास की दिशा में राज्य में सैन्य संस्थानों के विकास के प्रयास की ओर आकर्षित करते हुए लिखा है कि- राज्य ने लगभग 1000 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए आबंटित की हुई है। इस थल सेना छावनी की स्थापना की प्रक्रिया लंबित है।
आरंभ में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए इसके साथ हवाई पट्टी की आवश्यकताओं को बताया गया था। राज्य सरकार ने इस इलाके की विमानन आवश्यकताओं के दृष्टिगत. इस हवाई पट्टी का विस्तार कराकर आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली है। बिलासाबाई केवटींन हवाईअड्डा. बिलासपुर अब डीजीसीए द्वारा 3सी वीएफआर कैटगरी में मान्यता प्राप्त । अब ये हवाई पट्टी सिविल एविएशन एवं थल सेना की विमानन संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि आगामी एक मार्च से बिलासपुर से व्यवसायिक यात्री सेवाएँ आरंभ हो रही है। राज्य सरकार चक्रभाठा, बिलासपुर में थल सेना छावनी की स्थापना के लिए उत्सुक है। राज्य में आर्मी छावनी की स्थापना से न केवल इस इलाके के समुचित विकास में गति आएगी बल्कि थल सेना सेवा के अवसर राज्य के युवाओं को सहजता से उपलब्ध भी होंगे। थल सेना छावनी की राज्य में उपस्थिति मूलतः नक्सलवादी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में सहायक होने की भी आशा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि थल सेना छावनी की स्थापना से राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को होने वाले लाभों के दृष्टिगत, राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय से इसकी स्थापना शीघ्रातिशीघ्र करने के लिए आग्रह करना चाहती है। इस दिशा में राज्य सरकार रक्षा मंत्रालय एवं थल सेना की अन्य संबंधित आवश्यकताओं पर भी विचार करने के लिए तैयार है। इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के साथ कार्य करने के लिए राज्य सरकार तत्पर हैं एवं मैं आपसे सहयोग की आशा करता हूँ।

सत्ता के संरक्षण में, धमतरी व नगरी विकासखंड में रेत तस्करी का अवैध कारोबार बेखौफ जारी है ।
रेत माफियाओं ने प्रतिबंध के बाजू खुल कर रेत का नागपुर ,अकोला, गोदिंया, भंडारा आदि शहरों में किलो के दर से रेत का परिवहन कर करोडो कमा लिया।
नगरी में प्रतिदिन बडी संख्या में ट्रैक्टरों व हाईवा से रेत परिवहन का अवैध कारोबार किया जा रहा है।
अफसरों से सांठगांठ कर रेत माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं।
तस्करी में लगे वाहनों को कई बार पकड़ा जाता है पर कार्रवाई क्या होती है इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई।
नियमानुसार शासन की खनिज संपदा के तस्करी में लगे वाहनों को राजसात किया जाना चाहिये पर ऐसा होता नही है ।
ग्राम पंचायत छिपलीपारा, सिहावा, भीतररास, रतावा,भुरसीडोंगरी, भोथली, जबर्रा, मुनईकेरा अभ्यारण्य क्षेत्रों में शासन की नाक के नीचे प्रतिदिन सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रेत तसकरी का अवैध कारोबार काफी दिनों से चल रहा है।
अल सुबहा बडी तादाद में ट्रैक्टरों व हाईवा के माध्यम से रेत सप्लाई किया जा रहा है। इस ऐवज रेत माफिया मनमाना दाम भी वसूल रहे हैं।
एक जानकरी के अनुसार धमतरी जिले में शासन की ओर से 34 रेत खदानें स्वीकृत है।
जिनमें से नगरी के भुरसीडोंगरी, डोमपदर, भीतररास, खदानों को पर्यावरण मंडल से एन ओ सी नही दी गई है।
इनके बावजूद भी रेत तस्करी का कारोबार बेखौफ चल रहा है ।इससे रेत माफिया और विभागीय अधिकारियों के बीच सांठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता।

4 से 5 हजार. रुपए प्रति ट्रॉली बेची जा रही है

रेत माफिया प्रति ट्रॉली 4 से 5 हजार ₹ में रेत बेच रहे हैं ।
अधिकांश ट्रैक्टर व ट्रॉली में नंबर भी नहीं होते ।
पुलिस , यातायत विभाग ऐसे ट्रैक्टर और ट्रॉली पर कार्रवाई भी नहीं करती, वे बेखैफ ,तेज रफ्तार से सड़कों में दौड़ रहे हैं, जिसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।

आखिर पर्यावरण मंडल क्यों नही दे रहा एन ओ सी

क्षेत्र के लोग शासन के रवैया से नाराज हैं ।
लोगों का कहना है कि नगरी विकासखंड में एक भी रेत खदान का खदान की स्वीकृति आखिर अब तक क्यों नहीं दी गई।
लोगों ने क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर क्षेत्रवासियों की रेत की जरूरतों को अनदेखी करने का आरोप लगाया

यह है नियम गौण खनिज नियम के अंतर्गत प्रतिबंध क्षेत्र में रेत का परिवहन करने पर वाहन को
राजसात करने समेत रॉयल्टी के 30 से 70 फीसदी तक जुर्माना वसूल ने का प्रावधान है।

हमारा शौर्य

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