December 07, 2025
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रायपुर

रायपुर (6278)

समाज को आगे बढ़ाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान
श्री अरविंदो योगा एन्ड नॉलेज फाउंडेशन द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं और शिक्षकों को किया गया सम्मानित

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महर्षि अरविन्द अध्यात्मिक चेतना के पुंज थे। हमारे ऋषि मुनियों ने अपने तप और ज्ञान से जो अध्यात्मिक ऊंचाईयां प्राप्त की और जो अनुसंधान किए उनकी चर्चा युगों-युगों से विश्व पटल पर होती रही है और होती रहेगी। महर्षि अरविन्द ऐसी ही महान विभूति थे। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित ''दी प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड'' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने श्री अरविंदो योगा एन्ड नॉलेज फाउंडेशन द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं और शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने फाउंडेशन द्वारा सम्मानित होने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। "द प्रोग्रेस" श्री अरबिंदो योग एवं नालेज फाउंडेशन उच्चशिक्षा की गुणवत्ता के लिए देश, विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों के प्राचार्यों, प्रोफेसर, सहा. प्राध्यापको, शिक्षकों, विद्यार्थियों के लिए अनेक पाठ्यसहगामी क्रियाओं जैसे अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय कार्यशाला, सेमिनार, यूथ कैम्प, एफडीपी जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए हम अच्छे नागरिक तैयार नहीं कर सकते, शिक्षक शिक्षा के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने के साथ पूरे समाज को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। श्री बघेल ने कोरोना काल में अध्यात्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण कार्य संक्रमण से बचाव करते हुए अपने जीवन को व्यवस्थित करना है। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की मन: स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अनेक लोग अवसाद में आ जाते हैं। जिसका इलाज अध्यात्म के पास है। अवसाद से बचने के लिए ध्यान, योग और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने आयोजकों के आग्रह पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य शासन की महत्वाकांक्षी ''नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी'' योजना सहित शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित वैज्ञानिक डॉ. अनिल के. गुप्ता, श्री शंकरचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैंनेजमेनट एण्ड टेकनोलोजी, रायपुर के अध्यक्ष श्री निशांत त्रिपाठी, अरविन्दो फाउंडेशन की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था प्रोग्रेस के प्रबंध संचालक डॉ एस.एम.घोष और चेयरमेन डॉ.बी.के.स्थापक, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर विशेष अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा है। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में इस योजना से मदद मिलेगी। नरवा योजना में हमने सभी नालों के वाटर रिचार्जिंग का कार्य हाथ में लिया है। जंगलों में नालों की वाटर रिचार्जिंग से वनों, वनौषधियों और जैवविविधता के संरक्षण एवं संवर्धन में सहायता मिलेगी। गरवा योजना के अंतर्गत मवेशियों के बेहतर प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के अंतर्गत दो रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस योजना के तहत पिछले तीन माह में पशुपालकों और संग्राहकों को अब तक 47 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। इस योजना से लगभग 1 लाख 20 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गोबर के विक्रय से मिलने वाली राशि से पशुपालकों के लिए पशुओं के चारे की व्यवस्था करना आसान हुआ है। मवेशियों को बांध कर रखने से खेत सुरक्षित है। खेतों की फैंसिंग का खर्च बचने से कृषि लागत कम हुई है। पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि गोबर से महिला समूह वर्मी कम्पोस्ट बना रहे हैं। इसकी कीमत 8 रूपए प्रति किलो रखी गई है, लेकिन वर्मी कम्पोस्ट 10 से 12 रूपए प्रति किलो की दर पर बिक रहा है। इस काम से महिलाओं को आमदनी का नया जरिया बना है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। जैविक खेती के उत्पादों से रसायन मुक्त अनाज, कृषि और उद्यानिकी फसलों की उपलब्धता बढ़ेगी और कैंसर जैसी बीमारियों में कमी आएगी। पशुओं के बेहतर प्रबंधन से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में लघुवनोपजों की खरीदी और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत प्रारंभ किए जा रहे 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को अंगेजी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं। यह भी चाहते है कि आज की प्रतिस्पर्धा के दौर में उनके बच्चे भी किसी से पीछे न रहे। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार 130 करोड़ रूपए की लागत से 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ कर रही है।
"द प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड 2020" कार्यक्रम का आयोजन श्री अरबिंदो योग एवं नालेज फाउंडेशन, दुर्ग, छत्तीसगढ़ द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, शिक्षकों, विद्यार्थियों को फाउंडेशन की ओर से दी प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों कुल 85 अवार्ड प्रदान किए गए। इस "द प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड 2020" में कुल 162 पंजीयन हुये जिसमें से विद्वानों द्वारा 94 अवार्ड का चयन किया गया, जिसमें 04 लघुउद्योग, 02 विश्वविद्यालय, 05 महाविद्यालय, 80 महाविद्यालयींन शिक्षक शिक्षिकाएँ, 08 विद्यालयीन शिक्षकों को अवार्ड से सम्मानित किया गया। इंटरप्रोन्योरशिप अवार्ड वर्ग में अरिसटोम टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड, भिलाई, आई.आई.ओ.टी.लैब,नागपुर, महाराष्ट्र, सिंपलेक्स कास्टिंग लिमिटेड, भिलाई, सतीश दीक्षित कलास्सेस, रायपुर, विश्वविद्यालय अवार्ड ओ. पी. जिंदल युनिवर्सिटी, रायगढ़, छत्तीसगढ़, वाय. बी. एन. युनिवर्सिटी, राँची, झारखंड को सम्मानित किया गया।
महाविद्यालय अवार्ड जयंत कुमार चक्रवर्ती, राजेंद्र अकाडेमी फोर टीचर एजुकेशन, गोपालपुर, दुर्गापुर, पश्चिम वर्धमान, रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलोजी, रायपुर, छत्तीसगढ़, स्कूल ऑफ अलाइड साइंस, सेलम, देवसंस्कृति कालेज ऑफ एजुकेशन, भिलाई को दिया गया। कार्यक्रम में "द प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड 2020" श्री अरबिंदो योग एवं नालेज फाउंडेशन, दुर्ग के ट्रस्टी सुश्री इंद्राणी घोष, अध्यक्ष डॉ. एस. एम. घोष, डॉ. किरण बाला पटेल, सुश्री मीनाक्षी पटेल उपस्थित थीं।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में भारत के शास्त्रीय नृत्य परंपरा के नैतिक मूल्यों पर आधारित ''नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति'' कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह कॉफी टेबल बुक संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा प्रकाशित की गई है। कॉफी टेबल बुक की लेखिका अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना पुर्णश्री राउत, सहायक संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य हमारी संस्कृति और गौरवशाली परंपरा के अंग रहे हैं। छठवीं-सातवीं शताब्दी में शिव तथा विष्णु मंदिरों में इन नृत्यों का प्रचलन था। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की प्राचीन वास्तुकला एवं समृद्ध संस्कृति तथा राज्य के प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर नृत्य की प्रतिमाओं के पीछे दार्शनिक संकल्पना को संगीत एवं नृत्य प्रेमियों, पर्यटकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रकाशित इस कॉफी टेबल बुक को उपयोगी बताया और इसके लिए उन्होंने लेखिका पुर्णश्री राउत और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी।
लेखिका पुर्णश्री राउत ने कहा कि सभी शास्त्रीय नृत्यों की उत्पत्ति पौराणिक कथा से है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित भोरमदेव मंदिर और जांजगीर स्थित विष्णु मंदिर की दीवारों में उकेरी गई नृत्य प्रतिमाएं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपरा की संवाहक है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य को प्राचीन काल में देवदासी नृत्य के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह नृत्य मंदिरों के गर्भ गृह में किया जाता था। उन्होंने कहा कि नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति कॉफी टेबल बुक अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है, ताकि भारत आने वाले विदेशी पर्यटक इस कॉफी टेबल बुक ने प्रकाशित सामग्री का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के मंदिरों के अवलोकन भ्रमण के लिए आए, ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ के भोरमदेव मंदिर और विष्णु मंदिर की तस्वीरों को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
कार्यक्रम में मौजूद कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल सौरी एवं चन्द्रदेव राय ने भी नृत्य शास्त्र का प्रकाशित कॉफी टेबल बुक की सराहना की और इसे संगीत एवं नृत्य शास्त्र के शोधार्थियों के लिए उपयोगी बताया। इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राउत, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आयुक्त जनसम्पर्क तारन प्रकाश सिन्हा, संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व अमृत विकास तोपनो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल से दूरभाष पर चर्चा कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। गौरतलब है कि सांसद विजय बघेल को स्वास्थ्यगत कारणों से एम्स रायपुर में  भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

रायपुर/ शौर्यपथ / 

 

  मुख्यमंत्री  बघेल ने प्रसिद्ध साहित्यकार, भाषाविद् और छत्तीसगढ़ राज्य-गीत के रचयिता डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा को उनकी जयंती पर उन्हें नमन किया है। 4 नवम्बर को डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की जयंती है। मुख्यमंत्री ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा को याद करते हुए कहा है कि डॉ. वर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कवि, चिंतक, उपन्यासकार, नाटककार, सम्पादक और मंच संचालक जैसी कई भूमिकाओं में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। अंग्रेजी में भी उन्होंने अपनी रचनाएं लिखीं। अपनी ओजपूर्ण वाणी और अकाट्य तर्कों से वे किसी को भी पलभर में प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। युवा उत्सव के समारोह में उन्होंने अपने विचारों से तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को भी गहराई तक प्रभावित किया था। ’अरपा-पइरी के धार, महानदी हे अपार......’ के रूप में उन्होंने अमर रचना दी है, जिसमें छत्तीसगढ़ महतारी का वैभव एक बारगी साकार हो उठा है। यह गीत डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की पहचान और छत्तीसगढ़ का मान बन गया है। उनकी कलम से निकला यह गीत राज्य गीत के रूप में आज बस्तर से लेकर सरगुजा तक छत्तीसगढ़वासियों की आत्मा का गान बन चुका है। छत्तीसगढ़ की ऐसी वंदना उनका सच्चा सपूत ही कर सकता है।

    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि डॉ.नरेंद्र देव वर्मा ने जो भी लिखा, वह लोगों की अंतरआत्मा में उतर गया। उनकी रचनाओं में छत्तीसगढ़ के जनजीवन तथा संस्कृति का सजीव चित्रण मिलता है। उनके हिंदी उपन्यास ‘सुबह की तलाश‘ जब छत्तीसगढ़ी में अनुवाद के बाद ‘‘सोनहा बिहान‘‘ के रूप में लोगों के बीच रंगमंच के माध्यम से पहुंचा, तब इसने आम लोगों में सुनहरी सुबह के साकार होने की आशा जगा दी। सही अर्थों में वे छत्तीसगढ़ के सोनहा बिहान के स्वप्नदृष्टा थे। उन्होंने ‘‘छत्तीसगढ़ी भाषा व साहित्य का उद्विकास‘‘ विषय पर शोध किया और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह ‘अपूर्वा’, हिंदी उपन्यास ‘सुबह की तलाश’ जैसे कई ग्रंथों की रचना की। उनका लिखा ‘मोला गुरु बनई लेते छत्तीसगढ़ी प्रहसन’ अत्यंत लोकप्रिय हुआ। डॉ. वर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा-अस्मिता को बनाए रखने और यहां की संस्कृति को विशिष्ट पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए उनका यह अमूल्य योगदान हमेशा याद किया जाता रहेगा।

रायपुर / शौर्यपथ /राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज शाम रायपुर के बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर का भ्रमण किया। उन्होंने बूढ़ा तालाब में नौका विहार भी किया। इस अवसर पर परिसर में रंगबिरंगी रोशनी की गई और आतिशबाजी भी की गई। राज्यपाल ने कहा कि ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब रायपुर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव है। इस अल्प अवधि में सौंदर्यीकरण करने के पश्चात एक सुंदर स्वरूप में शहरवासियों के लिए प्रस्तुत किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, महापौर श्री एजाज ढेबर तथा नगर निगम आयुक्त श्री सौरभ कुमार बधाई के पात्र हैं। रायपुर शहर के अंदर शहरवासियों के लिए पर्यटन तथा सहपरिवार समय व्यतीत करने के लिए एक सुंदर जगह है। अभी तक छत्तीसगढ़वासी छत्तीसगढ़ से बाहर दूसरे राज्यों में पर्यटन के लिए जाते थे। मगर अब शासन के प्रयासों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में ही कई सुंदर पर्यटन स्थल विकसित हो रहे हैं। इससे हमारे प्रदेश के ही नहीं दूसरे प्रदेश के लोग भी पर्यटन के लिए आएंगे और निश्चित ही प्रदेश की राजधानी रायपुर देश में प्रथम स्थान पर सबसे खुबसूरत शहर के रूप में जाना जाएगा। राज्यपाल ने महापौर एवं जिला प्रशासन को ऐतिहासिक बूढ़ेश्वर मंदिर को विकसित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वरिष्ठ विधायक  सत्यनारायण शर्मा, विधायक  कुलदीप जुनेजा, सभापति  प्रमोद दुबे, रायपुर नगर निगम के पार्षदगण तथा कलेक्टर  एस. भारतीदासन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

Rajshekhar Nair/Dhamtri Shorypath

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अभिनव पहल के रूप में जनहित में संयुक्त प्रयास के तौर पर ई-मेगा कैंप आज आयोजित किया गया है। आज सुबह 10.30 बजे इस शिविर का विधिवत उद्घाटन बिलासपुर स्थित उच्च न्यायालय से न्यायाधीश और कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रशांत कुमार मिश्र द्वारा किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक साथ राज्य के 23 जिले और 64 तहसील इस शिविर से जुड़े रहे। इस मौके पर न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि कोविड 19 के संकटकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास है। परिणामस्वरूप आज की तिथि में राज्य भर के 4,40,337 लाभार्थियों को विभिन्न विभागीय योजान्तर्गत 111 करोड़ रुपए का लाभ इस शिविर के जरिए पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि पूरे नवंबर माह में यह अभियान चलाया जाएगा, जिससे कि अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके। इस मौके पर उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को विभागीय योजनाओं सम्बन्धी कोई शिकायत है, तो राज्य विधिक सेवा के टोल फ्री नंबर 15100 में शिकायत कर सकता है। प्रयास रहेगा कि उनकी शिकायत को जल्द से जल्द जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सम्बन्धित विभाग तक पहुंचा कर हितग्राही को लाभान्वित किया जाए।
उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार मिश्रा ने यह भी बताया कि आज राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनचेतना यू-ट्यूब चैनल पर मूक-बधिर हितग्राहियों के लिए सद्भावना जागरूकता श्रृंखला लाॅंच की गई है। उम्मीद है कि इससे मूक-बधिर हितग्राहियों को विधिक सेवा सम्बन्धी जानकारी मिलने में आसानी होगी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि न्याय की परिभाषा केवल न्यायालय में मिलने वाले न्याय तक सीमित नहीं, वरन् आर्थिक सामाजिक न्याय भी इसमें समाहित है। इसके मद्देनजर न्यायाधीश श्री मिश्रा ने उम्मीद की कि संविधान की मूल भावना को जिंदा रख हर व्यक्ति को लाभ पहुंचाने सभी मिलजुलकर कार्य करेंगे।
उद्घाटन सत्र के मौके पर अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय कम्प्यूटराईजेशन कमेटी श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड 19 संक्रमणकाल में अंतिम छोर के व्यक्ति तक विधिक सेवा तथा विभागीय जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने यह ई-मेगा शिविर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब जनसेवक हैं, जिनका मूल कार्य जनता की सेवा है, अतः सामूहिक प्रयास से लोगों को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है। उन्होंने अपने वक्तव्य में न्याय की परिभाषा से सबको अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति श्री गौतम भादुड़ी ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार मिश्रा का साधुवाद करते हुए कहा कि कोविड 19 के संक्रमणकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राज्य में एक साथ ई मेगा कैंप के जरिए शासन की कल्याणकारी योजनाओं तथा विधिक सेवाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्होंने सबका आह्वाहन किया कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक शिविर का लाभ पहुंचे, इसके लिए सभी प्रभावी तरीके से काम करें। ज्ञात हो कि उद्घाटन सत्र के मौके पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के जनचेतना यूट्यूब चैनल पर सदभावना विधिक जागरूकता श्रृंखला को अतिथियों द्वारा लाॅंच किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजिलेंस/इन्चार्ज रजिस्ट्रार जनरल श्री दीपक कुमार तिवारी ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सिद्धार्थ अग्रवाल द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र के बाद जिला स्तर पर ई मेगा कैंप को संबोधित करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुधीर कुमार ने एन.आई.सी. के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से ई मेगा कैंप में ब्लॉक से जुड़े अधिकारी और हितग्राहियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देश में जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह ई मेगा शिविर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी वीसी के माध्यम से दी।
कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में बताया कि न्याय की अवधारणा वृहद है, केवल न्यायालय से मिले न्याय तक यह सीमित नहीं है। न्यायालय के अलावा विभागीय जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभ पहुंचाना भी सम्मिलित है। विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत अगले एक माह तक लगातार लोगों को जागरूक करते हुए विभागीय योजनाओं के प्रति ना केवल जागरूक किया जाए, बल्कि उन्हें अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने ब्लॉक से जुड़े सभी अधिकारियों को इसके लिए काम करते रहने कहा है। उन्होंने बताया कि वे हर समय-सीमा की बैठक में इसकी समीक्षा भी करते रहेंगे। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री बी.पी. राजभानू ने आश्वस्त किया कि पुलिस प्रशासन विधिक सेवा तथा जनकल्याणकारी सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरा सहयोग करेगा।
इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी, वनमण्डलाधिकारी श्री अमिताभ बाजपेई ने भी विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में वीडियो काॅन्फ्रेंस में ई-मेगा कैम्प से जुड़े नगर निगम आयुक्त, श्रम, आदिवासी विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग ने भी विभागीय योजनाओं से शिविर में लोगों को अवगत कराया। इस मौके पर सभी ब्लॉक से जुड़े 25-25 हितग्राहियों को प्रतीकात्मक रूप से लाभान्वित किया गया। कलेक्टर श्री मौर्य ने धमतरी ब्लॉक, जिला एवं सत्र न्यायधीश ने कुरूद, पुलिस अधीक्षक ने नगरी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने मगरलोड के हितग्राहियों के नाम का वाचन किया। ज्ञात हो कि आज इस ई-मेगा शिविर में जिले के चार हजार से अधिक हितग्राहियों को एक करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक का आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा आय, जाति, निवास, जन्म, मृत्यु पंजीयन, भवन अनुज्ञा, सम्पत्ति कर प्रमाण पत्र, सम्पत्ति नामांतरण, विवाह पंजीयन, नल कनेक्शन, राशनकार्ड इत्यादि का भी वितरण किया गया। जिला स्तर पर आयोजित ई-मेगा कैम्प के कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सतीश कुमार खाखा ने किया। इस मौके पर अपर कलेक्टर श्री दिलीप कुमार अग्रवाल भी मौजूद रहे।

Dhamtari/Shorypath/राजशेखर नायर

आदि शक्ति मां अंगारमोती ट्रस्ट के अध्यक्ष ,मप्र/छःग शासन पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा आदिवासी समाज के संरक्षक श्री माधव सिंह ध्रुव का आकस्मिक निधन 22 अक्टूबर को हो गया ।
आज श्रद्धांजलि कार्यक्रम गृह ग्राम सिरसिदा में रखा गया है। शोक श्रद्धांजलि हेतु शोकाकुल परिवार की ओर से स्वर्गीय ध्रुव के मृत आत्मा को शांति प्रदान करने हेतु शोक संदेश प्रेषित किए गए हैं। 1 अक्टूबर 1952 को जन्मे स्वर्गीय ध्रुव अविभाजित मध्यप्रदेश में 1977 में सिहावा विधान सभाक्षेत्र का विधायक निर्वाचित होकर संसदीय सचिव के रूप में सोंढुर बांध का नीव रखकर क्षेत्र के किसानों में आर्थिक रूप से समृद्धि लाने वाले विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं ।स्वर्गीय ध्रुव जी 1989 1993 एवं 1998 में लगातार विधायक चुनकर 1993 में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में पंचायत व जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्य किए हैं सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद स्व अजीत जोगी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में आदिम जाति कल्याण मंत्री का दायित्व बखूबी निभाए हैं ।बेदाग छवि के स्वर्गीय ध्रुव को श्रद्धांजलि देने हेतु सिहावा क्षेत्र सहित धमतरी जिला एवं संपूर्ण छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से सामाजिक जन एवं राजनीतिक दल के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे

Rajshekhar Nair/Shorypath

हजरत मोहम्मद पैगम्बर के जन्मदिवस को मुस्लिम समाज के बन्धुओ ने ईद मिलादुन्नबी के रूप में पूरे जश्न के साथ मनाया।इस अवसर पर जहां एक ओर सामाजिक जनों ने पैगम्बर को याद कर विशाल जुलूस निकाला वही पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजा कर एक दूसरे को बधाई दी।

सुबह नूरी मस्जिद से एक विशाल जुलूस निकली जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए बस स्टैंड,तहसील कार्यालय के सामने से होते हुए वापस मस्जिद पर पहुँची।जुलूस में एक ओर सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा जा रहा था वहीं कौमी एकता के नारों से सारा गगन गुंजायमान हो रहा था।
मस्जिद में परचम पोसाई शाही इमाम मो असलम के हाथों की गई व अमन व चैन की दुआ मांगी गई।पूरे विश्व मे कोरोना की महामारी जल्द समाप्त हो इसके लिए दुआ मांगी गई।
इसके बाद बच्चो को इनाम वितरण का प्रोग्राम रखा गया जहां परीक्षा में 11 से 18 वर्ष में प्रथम आने वाले सबीहा फिरदौस,द्वितीय आयेशा परवीन व तृतीय शोएब रजा व 3 से 10 वर्ष में प्रथम अयान खान,द्वितीय जरीन शेख,तृतीय तहसीन खान को पुरुष्कार से नवाजा गया इसके अलावा सभी प्रतियोगियों को सांत्वना पुरुष्कार से नवाजा गया। विगत तीन दिनों से विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन मस्जिद में होता रहा और आज ईद की खुशियां पूरे नगरी नगर में बिखर रही थी।
कौमी एकता की मिशाल पेश की युवाओं व सामाजिक जनों ने
ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर कौमी एकता की मिशाल देखते ही बनते थी।बजरंग चौक में स्थित बजरंग मंदिर को भी मुस्लिम समाज के द्वारा प्रकाश झालरों से सजा कर धार्मिक एकता का परिचय दिया वही पूरे नगर की आकर्षक सजावट देखते ही बनती थी।जुलूस में भी धर्मिक एकता के नारे लोगो को आकर्षित कर रहे थे
मो इमरान खान,सर्फ़राजुद्दीन रिजवी,शेख सलीम, फरीद खान,वहीद खान,जमीर अली,सलीम मेमन,फारुख लोहानी,अब्दुल रब,हनीफ मेमन,अब्दुल जब्बार, असलम खिलची,इदरीश मेमन,हाजी अब्दुल वाहब, हाजी अब्दुल जब्बार,हासम मेमन,आसिफ खान,शेख इमरान,निसार अहमद,अनवर रजा,अहमद रजा गुड्डू,हाफिज मंजूर आलम,इस्माइल भाई, हाजी असलम,नासिर अहमद,कलीम भाई,साबिर भाई,हाजी वहजुद्दीन, इरशाद खान,एस बी मिर्जा,सहित बड़ी संख्या में सामाजिक जन मौजूद थे।

पहुंच विहीन शासकीय भवनों, हाट बाजार और मेला स्थल तक बनायी जा रही हैं मुख्यमंत्री सुगम सड़क
बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने ई-श्रेणी के तहत पंजीयन और 50 लाख रूपए तक के ठेके की व्यवस्था
प्रदेश में शीघ्र लागू होगी धरसा विकास योजना


रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के गांव-गांव तक सड़क सम्पर्क को मजबूत और आवागमन को सुगम बनाने सड़क और पुलों के कामों के लिए पिछले दो साल में तेजी आयी है। राज्य सरकार ने इस दौरान 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें सड़क और पुलों और उनके मरम्मत के 4 हजार 50 काम शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश के पहुंच विहीन सभी शासकीय भवनों-स्कूल-कॉलेज, आंगनबाड़ी, अस्पताल, धान संग्रहण केन्द्र, सार्वजनिक उपयोग के हाट बाजार, मेला स्थलों आदि को पक्के मार्ग से मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए 19 जून 2020 को मुख्यमंत्री बघेल द्वारा मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना प्रारंभ की गई है।
राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ई-श्रेणी के तहत पंजीयन कराने की योजना भी लागू की गई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा धरसा विकास योजना शीघ्र लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। जिसके तहत गांव के कच्चे रास्तों (धरसों) को पक्का किया जाएगा ताकि ग्रामीण एवं मवेशी बरसात सहित सभी मौसम में सुगमता से आवाजाही कर सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में सड़कों और पुलों के 4050 कार्याें के लिए 13 हजार 230 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें वित्तीय वर्ष 2019-20 में 839 कार्याें के लिए 2648 करोड़ 36 लाख रूपए और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 274 कार्याें के लिए 1930 करोड़ 37 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीजीआरडीसी) के तहत 768 कार्याें के लिए 8 हजार 400 करोड़ और मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 2 हजार 169 कार्याें के लिए 252 करोड़ रूपए शामिल है।
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सुगम आवागमन के लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी पुरानी सड़कों का रख-रखाव एवं नवीनकरण, सड़कों का दोहरीकरण तथा गुणवत्ता के साथ नए सड़कों और पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने और स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए अब निर्माण कार्याें के लिए 50 लाख के ठेके युवाओं को प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा वर्तमान में लागू एकीकृत पंजीयन प्रणाली के अंतर्गत श्रेणी ‘अ‘ ‘ब‘ ‘स‘ ‘द‘ के बाद नई श्रेणी ई को जोड़ गया है।

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