April 30, 2024
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

  नई दिल्ली /शौर्यपथ /लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य  ने बिहार की सारण लोकसभा सीट से नामांकन पर्चा भर दिया है. इस मौके पर लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, रवि देवी और मीसा भारती भी मौजूद रहें. नामांकन भरने के बाद रोहिणी ने कहा कि मैं आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने नही आई हूं, यहां मैं सब सुख छोड़कर आई हूं. मैं कोई राजनेता नहीं बल्कि आप ही की बेटी बहन हूं और मैं आपके सुख दुख में हमेशा मैं साथ खड़े होने को तैयार हूं.
रोहिणी ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसी को हराना नही बल्कि जनता को जिताना है. 15 अगस्त से सभी को रोजगार देना है. रक्षा बंधन में सभी बहनों के खाते में 1 लाख रूपए भेजना है. मैं कसम खाती हूं कि मैं हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी. डबल इंजन की सरकार में लोगों को क्या फायदा पहुंचा है? पिछले 10 वर्षो में बिहार में क्या कोई निवेश आया है? पिछले 10 वर्षो में लोगो के सुविधाओं में कोई बदलाव नहीं आया.
इसी के साथ रोहिणी ने कहा कि छपरा में जो भीं विकास हुआ वो लालू जी ने और तेजस्वी ने किया. इस बार आप अपनी बेटी पर विश्वास करे और पूरा सहयोग करिए. यकीनन जीतने के बाद आपको गर्व होगा कि आपने मुझे जिताया और सारण उदाहरण बनेगा.  रोहिणी आचार्य इन दिनों सारण लोकसभा सीट पर जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं, वो जनता से बेशुमार वादे कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश की जनता उन्हें जीत का ताज पहनाती है, तो वो हमेशा जनता की सेवा में तत्पर रहेंगी.
इस मौके पर तेजस्वी ने कहा कि पीएम मोदी ने 15 लाख देने और महंगाई खत्म करने का वादा किया था. बिहार को विशेष पैकेज देने का वादा किया था. सारण में पिछले 10 सालो में केंद्र ने क्या किया? बीजेपी, मतलब बड़का झुठा पार्टी. जो झूठ का पहाड़ा बनाया गया है उसे ध्वस्त करने का काम बिहार करेगा. बीजेपी देश के संविधान को खत्म करना चाहती है. किसी की ताकत नहीं कि संविधान को खत्म कर दें. सारण में एक बार फिर लालटेन जलने का काम करेगा. सभी जुड़कर एक साथ वोट करेगा तो हर बूथ पर लालटेन जलेगा

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना यानी वैशाख के महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस साल वैशाख माह 24 अप्रैल से लेकर 23 मई तक रहने वाला है. वैशाख का महीना भगवान विष्णु का प्रिया महीना कहा जाता है. भक्त इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं.  कहा जाता है कि वैशाख के महीने में रोजाना कुछ छोटे-छोटे उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी  रहती है.  तो चलिए आपको बताते हैं कि रोजाना वो  कौन से उपाय हैं जिन्हें करके आप भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
वैशाख में करें ये उपाय
    'ॐ माधवय नमः',  यह वो मंत्र है जो ज्योतिषाचार्य वैशाख के महीने में हर रोज 11 बार जपने की सलाह देते हैं.  कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं.
      जो लोग पितृदोष से परेशान है उनके लिए वैशाख का महीना बहुत ही खास माना गया है. कहा जाता है कि इस माह तेल, अनाज, फल और जल का दान करना चाहिए.  इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
      वैशाख के महीने में गर्मी की तपिश बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए इस माह प्यासे पशु पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करने से पुण्य मिलता है.  
     प्यासे लोगों को पानी पिलाना अपने आप में पुण्य का काम है. वैशाख के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है. कहते हैं इस माह की एकादशी पर प्यासे लोगों को पानी पिलाने से पुण्य मिलता है. प्यासे को पानी पिलाना हजारों राजसूय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है.
     वैशाख के महीने में अन्न का दान करने या फिर पंखों का दान करना शुभ माना जाता है. आप इस माह में जूते चप्पलों का भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं और फल की प्राप्ति होती है.
     वैशाख माह की अक्षय तृतीया का काफी महत्व होता है. इस दिन सोने चांदी के आभूषण या नई चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हिन्दू धर्म ग्रंथों और पुराणों में भगवान विष्णु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. श्री हरि यानि विष्णु भगवान त्रिदेवों में एक माने जाते हैं और उनकी विधिवत पूरा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु के पूजन के लिए एकादशी की तिथि को श्रेष्ठ माना गया है. वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व है. इस एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. कई लोग इस तिथि को वैशाख एकादशी  भी कहते हैं. वैशाख एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान से विष्णु देव की पूजा करने और उपवास करने से मन को शांति मिलती है और नकारात्मकता का नाश होता है, ऐसी मान्यता है. इस वर्ष यह एकादशी 4 मई को पड़ रही है. आइए जानते हैं कि वरुथिनी एकादशी का महत्व और इस दिन किस प्रकार से श्री हरि की पूजा करनी चाहिए. साथ ही यह भी जानते हैं कि विष्णुदेव को इस दिन किस प्रकार का भोग-प्रसाद अर्पण करना चाहिए, ताकि उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
किस समय है पूजा का मूहुर्त
जिस भक्त पर नारायण की कृपा हो उसे संसार की अन्य वस्तु की आवश्यता ही नहीं होती, ऐसा माना जाता है. नारायण को प्रसन्न करने के लिए वरुथिनी एकदशी का दिन श्रेष्ठ है. वरुविथी का अर्थ सुरक्षा होता है यानी इस दिन जो उचित रूप से नारायण का पूजन करेगा उसे स्वयं नारायण की कृपा और सुरक्षा प्राप्त होती है. एकादशी की तिथि तो 3 मई को रात्रि 11.24 से आरंभ हो जाएगी. जबकि अगले दिन यानि 4 मई को रात को 8.38 को इस तिथि का समापन होगा. ऐसे में व्रत-उपवास रखने के लिए 4 मई श्रेष्ठ रहेगी. उपवास रखकर नारायण का पूजन करने वाले भक्तों के लिए पूजा का मुहूर्त सुबह 7.18 से 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूजा करने से अच्छे पुण्य-लाभ की प्राप्ति होगी.  
कैसे हो पूजन और किसका लगाएं भोग
इस व्रत को रखने वाले सभी श्रद्धालु सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पूजन के मुहूर्त पर सच्चे श्रद्धाभाव से श्रीहरि का पूजन करें. ध्यान रहे कि भगवान विष्णु को तुलसी पत्र काफी प्रिय होता है. ऐसे में अपने आराध्य देव को तुलसी पत्र अवश्य अर्पण करें. तुलसी के पत्ते के अभाव में यह पूजा अधूरी ही मानी जाती है. इसके अलावा पंचामृत का भोग भी नारायण को अतिप्रिय होता है. इसका भोग लगाने से भी श्री हरि प्रसन्न होते हैं, ऐसी मान्यता है. पूजन के दौरान विष्णु जी की आरती और श्री हरि के मंत्रों का जप करें. पूजा के बाद सभी परिजनों और इष्ट मित्रों को प्रसाद का बातें. व्रत का पारण अगले दिन यानी 5 मई को करें. पारण के लिए सुबह 5.37 से 8.17 के बीच का समय श्रेष्ठ रहेगा.

व्रत टिप्स /शौर्यपथ / गंगा दशहरा पर भारत की पवित्र नदी और माता की उपमा धारण करने वाली गंगा माता की पूजा-अर्चना की जाती है. हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. गंगा दशहरा के दिन भक्त ब्रह्म बेला में गंगा स्नान के बाद विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इसी दिन माता गंगा का धरती लोक पर अवतरण हुआ था और देव लोक से धरती पर आई इस पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य जाति के सभी पाप धुल जाते हैं. आइए जानते हैं इस वर्ष कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा और क्या है इसका महत्व.
गंगा दशहरा की तिथि |
इस वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा.
गंगा दशहरा को योग
इस वर्ष गंगा दशहरा को कुछ खास योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन संध्या 9 बजकर 3 मिनट तक वरीयान योग है. इसके बाद परिध योग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग , अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. इन योगों में गंगा स्नान और दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
 गंगा दशहरा का महत्व
मान्यतानुसार राजा भगीरथ के कठोर तपस्या करने से गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई हैं. शास्त्रों में वर्णन है कि गंगा स्नान करने से पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है. गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने का महत्व और बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से उन दस मुख्य पापों से मुक्ति मिल जाती है जो पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं. इनमें दैहिक पाप, वाणी पाप और मानसिक पाप शामिल हैं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /शिव भक्तों के लिए प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शिव भगवान की आराधना जो भी भक्त सच्चे भक्ति भाव से करते हैं उनके सभी पापों का नाश होता है. पंचांग के अनुसार, हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि इस व्रत को जो भी भक्त रखते हैं उनके घर में कभी भी किसी चीज की कमी नहीं रहती. जानिए प्रदोष व्रत का क्या महत्व है और क्या है इसकी पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट.
रवि प्रदोष व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई 2024 दिन रविवार को शाम 5:41 मिनट से शुरू होगी. रवि प्रदोष व्रत का मुहूर्त अगले दिन 6 में 2024 सोमवार को दोपहर 2:40 तक रहेगा. उदयातिथि को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 5 मई 2024 के दिन रखा जाएगा.
 प्रदोष व्रत की पूजा सामग्री लिस्ट
    अक्षत
    कलावा
    फूल फल
    सफेद मिठाई
    लाल या पीला गुलाल
    सफेद चंदन
    धतूरा
    भांग
    धागा
    बेलपत्र
    कपूर
    धूपबत्ती
    नया वस्त्र
    हवन सामग्री
    पंचमेवा
शिव जी का पूजन मंत्र
श्री महेश्वराय नम:
।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
 रवि प्रदोष व्रत पर करें यह उपाय
रवि प्रदोष व्रत की पूजा  के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद भगवान शिव का गंगाजल और पंचामृत से पूरे भक्ति भाव से अभिषेक करें. इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें. भोलेनाथ को पूजा में बेलपत्र जरूर अर्पित करें क्योंकि ये भगवान शिव को अतिप्रिय है और इसके बिना शंकर जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस उपाय को प्रदोष व्रत वाले दिन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी प्रकार की बाधाओं  का नाश होता है.

नई दिल्ली / एजेंसी /

   लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिए जबसे कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है, भाजपा नेताओं की ओर से घोषणापत्र को लेकर तीखे हमले किए जा रहे हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कांग्रेस के मैनिफ़ेस्टो (चुनावी घोषणापत्र) का हवाला देकर कांग्रेस पर लगातार आरोप लगा रहे हैं. यह लेख इस बात पर रोशनी डालने की कोशिश करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के कांग्रेस मैनिफ़ेस्टो को लेकर किए गए दावों में कितनी सच्चाई है.क्या क्या कहा भाजपा शीर्ष नेताओ ने  कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर ?

  घोषणापत्र को लेकर बीजेपी के दावे
   कांग्रेस का जवाब
 
  ऐसे तरह तरह के आरोप और चुनावी रैली में दिए व्यक्तव्यो पर कांग्रेस ने भाजपा नेताओ की बातो को गलत बताया . कांग्रेस नेताओ के अनुसार कांग्रेस के घोषणा पत्र में कही भी हिन्दू मुस्लिम की बात नहीं कही गई . घोषणा पत्र के विषय में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को पत्र लिख जवाब दिया  
  इन तमाम आरोपों के जवाब में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खडग़े ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, "कांग्रेस के न्याय पत्र का लक्ष्य हर जाति और समुदाय के युवाओं, महिलाओं, किसानों और हाशिए पर रह रहे लोगों को न्याय मुहैया करना है और आपको आपके सलाहकार उन बातों को लेकर गलत ख़बर दे रहे हैं जो घोषणापत्र में लिखी ही नहीं हैं."
  प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों के जवाब में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "कांग्रेस ने 55 साल में क्या किसी का सोना या मंगलसूत्र छीना? जब देश युद्ध लड़ रहा था तब इंदिरा जी ने अपना मंगलसूत्र व गहने दान किए. लाखों महिलाओं ने इस देश के लिए अपने मंगलसूत्र कुर्बान किए. जब मेरी बहनों को नोटबंदी में अपने मंगलसूत्र गिरवी रखने पड़े, तब प्रधानमंत्री जी कहां थे?"

बीजेपी के आरोपों में कितनी सच्चाई?
   हमने भाजपा नेताओं के भाषणों में कही गई बातों की तुलना कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखी गई बातों से की और ये समझने की कोशिश की कांग्रेस पर लग रहे आरोपों का क्या आधार है या फिर वे निराधार हैं.
  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "कांग्रेस ने अपने मैनिफ़ेस्टो में जो कहा है, वो चिंताजनक है, गंभीर है. अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा. हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी, उसका हिसाब लगाया जाएगा. हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, सिल्वर कितना है उसका हिसाब लगाया जाएगा." जबकि कांग्रेस घोषणापत्र में संपत्ति के पुनर्वितरण की बात नहीं है. कांग्रेस घोषणा पत्र में कहा गया है कि "साल 2014 और 2023 के बीच अमीर और गऱीब के बीच असमानता में खासकर वृद्धि हुई है."
  प्रधानमंत्री मोदी के आरोप के जवाब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "नरेंद्र मोदी हार के डर से कांप रहे हैं, इसीलिए वो लगातार एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं. वो जानते हैं कि हिंदुस्तान की जनता समझ गयी है कि नरेंद्र मोदी अरबपतियों के नेता हैं, गरीबों के नहीं. वो जानते हैं कि हिंदुस्तान की जनता संविधान की रक्षा के लिए खड़ी हो गयी है."
  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, "इस बार के घोषणापत्र में फिर कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का संकेत दिया है, जो यदि लागू किया, तो उसमें सशस्त्र सेनाओं को भी इसके दायरे में ये ला सकता है. यह देश की एकता-अखंडता को प्रभावित करने वाला विचार है."
 जबकि राजनाथ सिंह ने ये नहीं बताया कि घोषणापत्र के किस हिस्से से उन्हें ऐसा इशारा या संकेत मिला. घोषणापत्र में "आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण" की बात है.
  साथ ही घोषणापत्र में कांग्रेस ने गारंटी दी है कि, "वो अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी समुदायों के आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की उच्चतम सीमा को बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन पास करेगी."इसके अलावा घोषणापत्र का एक हिस्सा "धार्मिक और भाषा-संबंधी अल्पसंख्यकों" को लेकर है जिसमें विदेश में पढऩे के लिए मौलाना आज़ाद स्कॉलरशिप को बहाल करने और स्कॉलरशिप की संख्या बढ़ाने की बात की है. साथ ही घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजग़ार, बिजऩेस, सर्विसेज़, खेल और दूसरे क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों के लिए प्रोत्साहित करने और सहायता करने की बातें की गई हैं.
  कांंग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट प्रमुख पवन खेड़ा ने लिखा, "प्रधानमंत्री को चुनौती है कि हमारे घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें."
  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा, "जब कांग्रेस के घोषणा पत्र को आप देखते हैं तो दो बातें उस घोषणापत्र में नजऱ आती हैं. एक, कांग्रेस कहती है कि हम व्यक्तिगत कानून को लागू करके शरिया कानून को लागू करवा देंगे. इसका मतलब बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान के लिए ये लोग ख़तरा पैदा करना चाहते हैं. ये देश के संविधान के लिए ख़तरा पैदा करना चाहते हैं. तालिबानी शासन लागू करना चाहते हैं. क्या हम तालिबानी शासन को स्वीकार करेंगे?"
  दूसरी तरफ़ कांग्रेस के घोषणापत्र में "धार्मिक और भाषा-संबंधी अल्पसंख्यकों" के हिस्से के नीचे लिखा गया है, "हम व्यक्तिगत कानूनों में सुधार के लिए प्रोत्साहित करेंगे. ऐसे सुधार समुदायों की सहमति और उनके सहयोग से ही होने चाहिए." घोषणापत्र में 'शरियाÓ, 'तालिबानÓ जैसे शब्द नहीं है, इसलिए ये साफ़ नहीं कि उन्होंने ये बातें किस आधार पर कहीं.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / गर्मियां आते ही त्वचा की खास देखभाल की जरूरत पड़ने लगती है क्योंकि तेज धूप और पसीने से त्वचा और खासकर चेहरे का बुरा हाल हो जाता है. जो लोग धूप में लंबे समय तक रहते हैं, वो सन टैन का शिकार हो जाते हैं. टैनिंग  की वजह से चेहरा सांवला पड़ जाता है और चेहरे की रौनक खो जाती है.चेहरे के साथ साथ धूप के संपर्क में आने वाले हाथ पैर, गर्दन आदि भी टैनिंग की वजह से काले दिखने लगते हैं. ऐसे में सनस्क्रीन लगाने के साथ साथ आपको कुछ घरेलू उपाय भी करने चाहिए ताकि आपकी पर टैनिंग का असर कम हो सके और आपका चेहरा गर्मी में भी खिला खिला रहे. इसके लिए आज हम आपको ऐसा नुस्खा बता रहे हैं जो बिलकुल नेचुरल है और टैनिंग का असर कम करके ये आपको चेहरे की रौनक लौटा देगा.
आलू के रस से दूर होगी टैनिंग
आलू त्वचा के लिए काफी फायदेमंद कहा जाता है. खासकर इसके रस में कई सारे गुण होते हैं जो त्वचा को फायदा पहुंचाते हैं. टैनिंग दूर करने के लिए आलू का रस काफी इफेक्टिव कहा जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट के साथ साथ कई सारे विटामिन और मिनिरल्स भी होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ बनाने के साथ साथ उसकी खोई हुई रौनक वापस ले आते हैं. आलू में एंटी एजिंग गुण होते हैं और इसके साथ साथ इसके रस को चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे और पिगमेंटेशन भी दूर होती है.
आलू और मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक  
आलू को कद्दूकस करके इसका रस निकाल लीजिए. कटोरी में इस रस के साथ थोड़ा सा मुल्तानी मिट्टी का पाउडर मिलाएं. इसे अच्छी तरह मिक्स करके पैक बना लें और चेहरा धोकर इसे लगा लीजिए.पंद्रह बीस मिनट तक सूखने दें और उसके बाद चेहरा धो लें. सप्ताह में दो से तीन बार इस पैक को लगाने पर आपके चेहरे की टैनिंग दूर हो जाएगी और चेहरा खिल उठेगा.
आलू का रस और दूध भी करेगा फायदा  
आलू के रस में दूध मिलाकर लगाने से भी आपकी स्किन की टैनिंग दूर हो जाएगी. इससे ना केवल टैनिंग दूर होगी बल्कि चेहरे पर लगे दाग धब्बे, पिगमेंटेशन के निशान भी दूर हो जाएंगे. इससे आपकी त्वचा का रंग साफ होगा और स्किन स्मूद हो जाएगी. आलू के रस में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाएं और चेहरे पर रुई की मदद से लगा लें. कुछ देर त्वचा पर लगा रहने दे और फिर फेस को धो लें. इससे आपका फेस चमक उठेगा और चेहरे पर जमा हर तरह की गंदगी भी दूर हो जाएगी.

रांची /शौर्यपथ /झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अपने बड़े चाचा राजाराम सोरेन के अंतिम संस्कार और श्राद्ध में शामिल नहीं हो पाएंगे. पीएमएलए कोर्ट ने अंतरिम बेल की उनकी याचिका नामंजूर कर दी है. सोरेन ने आज ही कोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा कि उनके चाचा राजाराम सोरेन का 27 अप्रैल को निधन हो गया. उन्हें उनके अंतिम संस्कार और श्राद्ध में भाग लेने की अनुमति दी जाए. इसके लिए उन्होंने 13 दिनों की अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी.
बता दें कि झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के बड़े भाई राजाराम सोरेन का शनिवार सुबह उनके रांची स्थित आवास पर निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे. उनका अंतिम संस्कार संभवतः रामगढ़ जिला स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा में होगा.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में शुक्रवार को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर मतदान हुए. हालांकि चुनाव को लेकर उत्साह शाम को आए वोटिंग प्रतिशत ने कम कर दिया. इस बार का वोटिंग ट्रेंड पहले चरण के चुनाव से भी खराब रहा. दूसरे चरण में महज 63.00 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों पर 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने बढ़-चढ़कर वोट किया था. कम होते इस वोटिंग प्रतिशत ने सभी राजनीतिक दलों का गणित बिगाड़ दिया है.
पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोट डाले गए थे. पिछले चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुए थे. यही हाल दूसरे चरण में भी रहा. किसी भी राज्य में मतदान का आंकड़ा 80 फीसदी को पार नहीं कर सका.
आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा त्रिपुरा में 78.6 प्रतिशत और सबसे कम उत्तर प्रदेश में 54.8 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. वहीं मणिपुर में 77.2 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 73.1 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 71.8 प्रतिशत, असम में 70.8, जम्मू और कश्मीर में 71.6, केरल में 65.3, कर्नाटक में 67.3, राजस्थान में 63.9, मध्य प्रदेश में 56.8, महाराष्ट्र में 54.3 और बिहार में 54.9 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया.
वोटिंग कम होने से बढ़ी राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग की भी चिंता
वोट करने के लिए लोगों के घरों से बाहर नहीं निकलने को लेकर राजनीतिक दलों को साथ-साथ चुनाव आयोग की भी चिंता बढ़ा दी है. खासकर हिंदी भाषी राज्यों में तो मतदाता वोटिंग को लेकर जैसे नीरस हो गए हैं. इससे पहले 2014 और 2019 में अच्छी-खासी तादाद में लोगों ने वोट किया था, लेकिन इस बार मतदाताओं में वो जोश देखने को नहीं मिल रहा है.
यूपी में दोनों चरणों में वोटिंग कम
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा की सीटें हैं, लेकिन वहां के वोटरों में चुनाव को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है. पहले चरण में जहां 57 प्रतिशत वोट पड़े, वहीं दूसरे चरण में महज 54.8 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जानकारों का मानना है कि किसके पक्ष में ज्यादा वोट गया है ये इस इस ट्रेंड से निकालना काफी मुश्किल है.
चुनाव और राजनीतिक रूप से सजग कहे जाने वाले बिहार में भी इस बार मतदाता वोट को लेकर काफी नीरस दिख रहे हैं. पहले चरण में जहां 48 फीसदी लोगों ने वोट किया, वहीं दूसरे चरण में  54.9 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. कई लोग बिहार में कम वोटिंग प्रतिशत को मौसम और पलायन से जोड़कर भी देख रहे हैं.
उत्तर भारत में गर्म मौसम भी वजह!
पूरे उत्तर भारत में इन दिनों मौसम का तापमान काफी बढ़ गया है. लू और गर्म हवाओं ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त किया हुआ है. लोगों के वोट करने को लेकर घर से बाहर नहीं निकलने की ये भी एक वजह बताई जा रही है. वहीं चुनाव में विपक्षी पार्टियों की कम सक्रियता से भी कम वोटिंग प्रतिशत को जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं आजकल के चुनाव में फिजिकल प्रचार की बजाय सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल भी वोटिंग ट्रेंड को कम कर रहा है.
कम मतदान से कम मार्जिन वाली सीटों पर असर
मतदान प्रतिशत कम होने से कम मार्जिन वाली सीटों पर इसका सीधा असर पड़ता है. 2019 में 75 सीटों पर नजदीकी मुकाबला था. ऐसे में परिणाम किसी भी तरफ झुक सकता है. कुछ जानकारों का कहना है कि कम मतदान से सत्ताधारी दलों को फायदा हो सकता है, क्योंकि लोगों की सोच होती है कि सरकार अच्छा काम कर रही है और वो बदलाव नहीं चाहते. इसीलिए वो वोट के लिए घर से बाहर नहीं निकलते.
कम वोटिंग ट्रेंड से सरकार बदलने के आसार?
पिछले 12 में से 5 चुनावों में वोटिंग प्रतिशत कम हुए हैं और इनमें से चार बार सरकार बदली है. 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत कम हुआ और जनता पार्टी को हटाकर कांग्रेस ने सरकार बनाई. वहीं 1989 में मत प्रतिशत गिरने से कांग्रेस की सरकार चली गयी. केंद्र में  बीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी. 1991 में भी मतदान में गिरावट के बाद केंद्र में कांग्रेस की वापसी हुई. हालांकि 1999 में वोटिंग प्रतिशत में गिरावट के बाद भी सत्ता नहीं बदली. वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला. 

भोपाल/शौर्यपथ /मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान के राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक चुनावी रैली में कहा था कि वह 'उन्हें दिल्ली (केंद्र में) ले जाना चाहते हैं.'' वर्ष 2005 से 2023 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे चौहान अपने गढ़ विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. यह निर्वाचन क्षेत्र भोपाल-दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित एक प्राचीन शहर है. चौहान का मुकाबला कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा से है, जिन्होंने 1980 और 1984 में यह सीट जीती थी. इस निर्वाचन क्षेत्र के 1967 में अस्तित्व में आने के बाद से केवल इन्हीं दो चुनावों में कांग्रेस ने वहां जीत दर्ज की थी.
पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को राज्य के हरदा में एक रैली में चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उन दोनों (मोदी और चौहान) ने पार्टी संगठन और मुख्यमंत्रियों के रूप में एक साथ काम किया है. मोदी ने रैली में कहा था, ‘‘जब शिवराज संसद गए थे, तब मैं पार्टी महासचिव के रूप में साथ काम कर रहा था. अब मैं उन्हें एक बार फिर अपने साथ (दिल्ली) ले जाना चाहता हूं.'' संयोग से, चौहान लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद दिल्ली जाने वाली ट्रेन से विदिशा पहुंचे थे. उन्होंने पिछले साल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को शानदार जीत दिलाई थी, हालांकि पार्टी ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए मोहन यादव को उनका उत्तराधिकारी चुना.
प्यार से ‘मामा' और युवावस्था में 'पांव पांव वाले भैया' कहे जाने वाले चौहान अपना छठा लोकसभा चुनाव विदिशा से लड़ रहे हैं. इस सीट का प्रतिनिधित्व दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी (1991) और सुषमा स्वराज (2009 और 2014) जैसे भाजपा नेता तथा समाचार पत्र प्रकाशक रामनाथ गोयनका (1971) कर चुके हैं. अपने नाम की घोषणा के बाद चौहान ने कहा कि यह सीट उन्हें वाजपेयी ने सौंपी थी और यह खुशी की बात है कि उन्हें 20 साल बाद फिर से इसका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है.
शिवराज चौहान ने उस समय कहा था, ''भाजपा मेरी मां है, जिसने मुझे सब कुछ दिया है.'' अपने गृह क्षेत्र बुधनी से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद, चौहान को 1992 के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा द्वारा मैदान में उतारा गया. तत्कालीन सांसद अटल बिहारी वाजपेयी के इस्तीफे के कारण यह उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. चौहान ने बतौर सांसद 2004 तक पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया और फिर इस सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया तथा 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.
विदिशा लोकसभा क्षेत्र के मूल निवासी एवं प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने बताया, 'कांग्रेस केवल एक रस्म के तौर पर चुनाव लड़ रही है इसलिए यह हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. हम उन बूथ पर भी जीतेंगे जहां पारंपरिक रूप से कांग्रेस को वोट मिलता रहा है. हमारा लक्ष्य जीत के अंतर को बढ़ाना है. शिवराज सिंह खुद इस निर्वाचन क्षेत्र के हर हिस्से तक पहुंच रहे हैं.'
चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, चौहान को अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ, चाय पीते और चाट एवं समोसे का आनंद लेते तथा उस दौरान रेहड़ी वालों के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है. वह मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं से मिलने का भी प्रयास करते हैं, जो उनके जनाधार का एक बड़ा हिस्सा हैं. वहीं, कांग्रेस के विदिशा जिला अध्यक्ष मोहित रघुवंशी ने चौहान पर स्थानीय सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री होने के बावजूद इस संसदीय क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा नेता ने वादे पूरे नहीं किए हैं.
रघुवंशी ने कहा, 'चौहान दो दशकों तक राज्य में भाजपा का मुख्य चेहरा रहे हैं. कांग्रेस द्वारा पेश की गई कड़ी चुनौती के कारण वह प्रचार अभियान में विदिशा तक ही सीमित रह गए हैं. उनकी स्थिति एक स्थानीय नेता की रह गई है.' उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस उम्मीदवार शर्मा ने दो बार सांसद रहते हुए शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए, वह भी ऐसे समय जब सांसदों के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का प्रावधान नहीं था. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने बताया कि भाजपा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में चौहान को इस सीट से मैदान में उतारने के लिए 'मजबूर' होना पड़ा.
विदिशा लोकसभा सीट के तहत विदिशा, रायसेन, सीहोर और देवास जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. भोजपुर, सांची (एससी) और सिलवानी विधानसभा क्षेत्र रायसेन जिले में, विदिशा और बासौदा विदिशा जिले में, बुधनी और इछावर सीहोर जिले में और खातेगांव देवास जिले में हैं. विदिशा लोकसभा सीट के इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में से सात पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है और चौहान बुधनी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सुषमा स्वराज ने इस सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में 3.90 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इससे पहले, कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार पटेल का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया था.
एक स्थानीय भाजपा नेता के अनुसार, विदिशा लोकसभा क्षेत्र का 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण है और आबादी में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसमें चौहान के धाकड़-किरार समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. साथ ही, 35 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) की है. विदिशा में 19.38 लाख पात्र मतदाताओं में से 10.04 लाख पुरुष और 9.34 लाख महिलाएं हैं.

Page 3 of 2482

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)