May 16, 2024
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली/शौर्यपथ /हैदराबाद मेट्रो क्या बिकने वाली है? इसके 90 फीसदी शेयर रखने वाली कंपनी एल एंड टी के प्रेसीडेंट आर शंकर रमण इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. एल एंड टी 2026 के बाद हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट को बेचने की प्लानिंग कर रही है. एल एंड टी को हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट 65 साल की लीज पर मिला था. देश में यह पहला मामला है कि कोई कंपनी मेट्रो प्रोजक्ट को बेचने पर विचार कर रही है.  
कंपनी के निदेशक आर शंकर रमण ने कहा कि एलएंडटी 2026 के बाद हैदराबाद मेट्रो परियोजना को बेचने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई मुफ्त बस योजना (महालक्ष्मी बस योजना) के कारण मेट्रो में यात्रियों की संख्या कम हो गई है. इंडिया टुडे के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे टीवी के साथ एक साक्षात्कार में एल एंड टी के प्रेसीडेंट और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) आर शंकर रमन ने कहा कि महिलाएं बसों में अधिक यात्रा कर रही हैं. हालांकि, सरकार ने बसों की संख्या में वृद्धि नहीं की है.
क्या है महालक्ष्मी बस योजना?
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव पिछले साल 30 नवंबर को हुआ था और नतीजे 3 दिसंबर को आए थे. इस विधानसभा चुनाव में पहली नजर में टक्कर के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी के बीच थी. कांग्रेस ने इस दौरान 6 लोक-लुभावन वादे अपने घोषणा-पत्र में किए. इसी में एक महालक्ष्मी बस योजना थी. इस योजना के तहत कांग्रेस ने वादा किया था कि तेलंगाना निवासी सभी आयु वर्ग की लड़कियां और महिलाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी. वादों का ऐसा असर हुआ कि बीआरएस और भाजपा बेहद कम सीटों पर सिमट गए और राज्य में कांग्रेस की बड़े मार्जिन से सरकार बन गई.
कितना हो रहा खर्च?
कांग्रेस सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में नौ दिसंबर को अपनी शीर्ष नेता सोनिया गांधी के जन्मदिन के मौके पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा के योजना की शुरुआत की. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना सरकार पर 3 .14 लाख करोड़ का कर्ज है. तेलंगाना सरकार को अपने 6 लोक-लुभावन वादे पूरे 70,000 करोड़ का खर्च वहन पड़ेगा.
सोनिया गांधी ने आज भी की तारीफ
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के बीच सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी की ओर से 'महालक्ष्मी' योजना के रूप में दी गई गारंटी से देश की महिलाओं की जिंदगी बदलने में मदद मिलेगी. उन्होंने एक संदेश में यह भी कहा कि महिलाओं की मेहनत और तपस्या के साथ न्याय करने के लिए कांग्रेस ने यह क्रांतिकारी कदम उठाया है. सोनिया गांधी ने कहा, 'कर्नाटक और तेलंगाना में पहले ही हमारी गारंटियों ने करोड़ों परिवारों की जिंदगी बदल दी है. चाहे मनरेगा हो, सूचना का अधिकार हो, शिक्षा का अधिकार हो या भोजन सुरक्षा.. हमारी योजनाओं से कांग्रेस पार्टी ने लाखों भारतीयों को ताकत दी है. ‘महालक्ष्मी' योजना हमारे इस काम को आगे बढ़ाने की सबसे नई गारंटी है.'   

  नई दिल्ली /शौर्यपथ /राष्ट्रीय राजधानी में सॉलिड वेस्ट प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति भयानक है. हम दुनिया को क्या तस्वीर दिखा रहे हैं? यह राजधानी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. इस मुद्दे को राजनीति से परे जाना चाहिए. हालात नहीं सुधरे तो कठोर आदेश पारित करने के लिए मजबूर होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. दिल्ली में रोजाना 3,800 टन ठोस कचरा अनुपचारित रह जाता है.
 इसके लिए दिल्ली और MCD को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले का समाधान निकालने के लिए सभी अधिकारियों की बैठक बुलाने को कहा. इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे से निपटने के लिए पर्याप्त क्षमता न होने के गंभीर परिणामों पर विचार करने की जहमत नहीं उठाई. अगर सरकार ठोस प्रस्ताव लाने में विफल रहती है, तो हमें कठोर आदेश पारित करने पर विचार करना होगा.
जस्टिस अभय एस ओक ने सुनवाई के दौरान कहा, " यह राजधानी है. पूरी दुनिया क्या कहेगी? हमें बताएं कि अब आप इस स्थिति के लिए क्या करेंगे? हम निगम के सर्वोच्च अधिकारी को तलब करेंगे. किसी को कोई जहमत नहीं है. केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक बैठक करनी चाहिए कि यह और न बढ़े और इससे निपटा जाए. एमिकस ने सही शब्द 'भयानक' का इस्तेमाल किया है. किसी को इसकी चिंता नहीं है.

नई दिल्ली /शौर्यपथ /बुंदेलखंड क्षेत्र की चारों लोकसभा सीटों पर चुनावी अभियान तेज हो गया है, मतदान में अब सिर्फ एक हफ्ते का वक्त बचा है. इस बार फिर यहां चुनाव में एक अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग एक चुनावी मुद्दा बन गया है.  दरअसल, बुंदेलखंड क्षेत्र में एक अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग पुरानी है और इस क्षेत्र में हर चुनाव में यह एक चुनावी मुद्दा बनता रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कई राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों में एक अलग बुंदेलखंड राज्य का वादा किया था और अब 5 साल बाद एक बार फिर बुंदेलखंड क्षेत्र में 2024 के चुनावी अभियान में इसकी गूंज सुनाई दे रही है. बता दें कि बुंदेलखंड में पानी की समस्या भी बहुत लंबे समय से यहां रहने वाले लोगों की बड़ी परेशानी बना हुआ है.
चुनावों में कांग्रेस खुलकर कर रही इस मांग का समर्थन
बुंदेलखंड क्षेत्र के केंद्र बिंदु झांसी शहर में राजनीतिक सरगर्मियां जोर पर हैं.  20 मई को मतदान होना है और इससे पहले हर तरफ चर्चा राजनीति और नेताओं के वादे को लेकर हो रही है. झांसी शहर से गरीब 50 किलोमीटर दूर ललितपुर जिले में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रहे प्रदीप जैन आदित्य जैन बहुल इलाके में चुनावी अभियान में जुटे हैं. प्रदीप जैन एनडीटीवी से कहते हैं कांग्रेस एक अलग बुंदेलखंड राज्य के गठन का समर्थन करती है. कांग्रेस ने इस बार बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को चुनावी मुद्दा बनाया है. कांग्रेस खुलकर बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग का समर्थन कर रही है. झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप जैन आदित्य ने एनडीटीवी से कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से बुंदेलखंड राज्य के साथ है. पिछली बार कहा गया कि 3 साल के अंदर बनेगा, लेकिन कुछ हुआ नहीं. मैं चाहता हूं एक अलग बुंदेलखंड प्रांत बने, जिससे हमारे स्वाभिमान को कोई ललकार नहीं सके.
बसपा उम्मीदवार ने समर्थन में कही ये बात
झांसी संसदीय क्षेत्र में बसपा उम्मीदवार रवि प्रकाश कुशवाहा भी इस मांग के पक्ष में है.  उन्होंने कहा कि बसपा ने मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान ही इस पर काम किया था. गेंद केंद्र सरकार के पाले में है, जितना छोटा राज्य होगा, विकास अच्छा होगा. देखिए उत्तराखंड ने कितनी प्रगति की है.
बीजेपी उम्मीदवार ने राय अलग रखते हुए कही ये बात
बीजेपी की राय कांग्रेस और बसपा से बिल्कुल अलग है. झांसी संसदीय क्षेत्र में लगातार दूसरी बार बीजेपी के उम्मीदवार अनुराग शर्मा ने एनडीटीवी से कहा कि हम लोगों को आंध्र प्रदेश-तेलंगाना जैसा बंटवारा नहीं चाहिए. अलग बुंदेलखंड राज्य तब बने जब यह इलाका विकसित हो जाए और सभी लोग इस सोच के साथ जुड़ जाएं.आंध्र प्रदेश-तेलंगाना को हमेशा केंद्र सरकार से पैसा मांगना पड़ता है. अलग बुंदेलखंड राज्य तब हो जब हम अपने पैर पर खड़े हो.
अलग राज्य बनने से होगा विकास : किसान
झांसी से जालौन के रास्ते में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर हमें उरई के किसान नीरज यादव मिले.  नीरज यादव कहते हैं उनके इलाके के सभी लोग बुंदेलखंड राज्य की मांग का समर्थन करते हैं.  एक अलग बुंदेलखंड राज्य बनने से इस पिछड़े इलाके का विकास होगा...रोजगार के अवसर पैदा होंगे.  बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय ने एनडीटीवी से कहा कि सभी समस्याओं का एक ही हल है. एक अलग बुंदेलखंड राज्य. दो मुख्य दलों ने इसका समर्थन किया है. हम चाहते हैं कि 100 दिन के अंदर नई सरकार के गठन के बाद इस दिशा में ऐलान हो. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि जून में गठित होने वाली नई सरकार इस मांग से कैसे निपट्टी है. 

पटना/शौर्यपथ /राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादवके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव  का मिजाज अलग है. वो राजनीति की वजह से नहीं, बल्कि राजनीतिक मंचों पर अपने गुस्से को लेकर अक्सर सुर्खियों में आ जाते हैं. सोमवार को पाटलिपुत्र सीट  पर बड़ी बहन मीसा भारती  के नामांकन के बाद आयोजित एक सभा में तेज प्रताप ने कुछ ऐसा कर दिया, जिससे यादव परिवार और पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. दरअसल, स्टेज पर तेज प्रताप यादव अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता से भिड़ गए. उन्होंने कार्यकर्ता पर हाथ चला दिया और स्टेज से धक्का दे दिया. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, तेज प्रताप यादव की बड़ी बहन और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से RJD प्रत्याशी मीसा भारती ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया. साथ में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं. नामांकन के बाद पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में एक सभा आयोजित की गई थी. वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टेज पर मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव के साथ पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. स्टेज पर भीड़ होने से खड़े होने की जगह कम थी.
मीसा-राबड़ी ने की स्थिति को संभालने की कोशिश
लिहाजा इसी दौरान एक कार्यकर्ता पर तेज प्रताप यादव भड़क गए. उन्होंने कार्यकर्ता पर हाथ चला दिया. मीसा भारती ने तेज प्रताप को शांत कराने की काफी कोशिश करती दिखीं, लेकिन वह नहीं मानें. गुस्से में आकर तेज प्रताप ने कार्यकर्ता को सीधे स्टेज से ही धक्का दे दिया. इसी बीच उनकी मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती स्टेज पर सामने आ गईं. दोनों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की. इसके बाद किसी तरह मीसा भारती और पार्टी के सीनियर नेताओं ने तेज प्रताप यादव का समझा-बुझाकर शांत कराया.
सोशल मीडिया यूजर्स ने तेज प्रताप के वीडियो पर दिए रिएक्शन
तेज प्रताप यादव के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स का रिएक्शन भी आ रहा है. कुछ यूजर्स ने तेज प्रताप यादव के बर्ताव को खराब बताया है. बीजेपी नेता प्रीति गांधी ने X पर पोस्ट किया, "लालू प्रसाद यादव के निकम्मे बेटे तेज प्रताप यादव अपनी पारिवारिक परंपरा को निभा रहे हैं. देखें कि कैसे वह सार्वजनिक रूप से एक पार्टी कार्यकर्ता के साथ बेरहमी से मारपीट करते हैं. यह आपके कद को अर्जित करने और उसे विरासत में पाने के बीच का अंतर है."
मीसा भारती ने बीजेपी पर निकाली भड़ास
दूसरी ओर, पाटलिपुत्र से पर्चा दाखिल करने के बाद मीसा भारती ने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया है.
बीजेपी ने पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव को उतारा
मीसा भारती के खिलाफ बीजेपी ने रामकृपाल यादव को उतारा है. रामकृपाल बीजेपी में आने से पहले आरजेडी में थे. 2014 में लालू यादव ने मीसा भारती को पाटलिपुत्र सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. जिसके बाद रामकृपाल यादव ने आरजेडी में बगावत कर दी थी. उसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. मीसा भारती 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में रामकृपाल यादव से हार गईं.
  बता दें कि पाटलिपुत्र सीट में छह विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम शामिल हैं. पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में 1 जून को मतदान है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / दुनियाभर में अधिकतर लोगों की सुबह की शुरुआत कॉफी के साथ होती है. सुबह की नींद भगाने से लेकर दिनभर की थकावट को दूर करने के लिए कॉफी पीने का चलन आम है. सेहत के प्रति अक्सर जागरूक लोग ब्लैक कॉफी  पीना पसंद करते हैं. इसमें दूध चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता. वैज्ञानिकों ने भी रिसर्च में पाया है कि ब्लैक कॉफी पाए जाने वाला कैफीन शरीर में डोपामाइन, सेरोटोनिन और नोराड्रीनलीन की मात्रा को बढ़ाता है. इसमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ मैंग्नीज, क्लोरोजेनिक एसिड, पॉलीफेनॉल्स, कैल्शियम, पौटेशियम, मैग्नीशियम ,विटामिन बी2, बी3 और बी4 की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जोकि सेहत के लिए बेहद लाभकारी है. जानिए ब्लैक कॉफी के फायदे  क्या-क्या हैं.
ब्लैक कॉफी पीने के फायदे |
कॉफी के बीज कॉफिया अरेबिका नाम के पेड़ में लगने वाले फल से मिलते हैं. इस फल से निकलने वाले बीजों को धूप में कुछ दिनों तक सुखाने के बाद भूना जाता है. इसके बाद इन बीजों को पीसकर कॉफी के पाउडर में तब्दील किया जाता है. कुछ लोग इसका सेवन सिर्फ गर्म पानी से ही करते हैं, जबकि इसमें लोग दूध और चीनी मिलाकर भी पीना पसंद करते हैं.
तनाव को करे दूर - तनाव आजकल लोगों में आम समस्या बन गई है. ऐसे में ब्लैक कॉफी का सेवन करने से तनाव  कम होता है. दरअसल, कॉफी में प्रचुर मात्रा में कैफीन की मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में खुशी के हार्मोन प्रोड्यूस होते हैं. इसके साथ ही थकान, तनाव और सुस्ती दूर होती है.
दिल को रखे स्वस्थ - रोजाना एक या दो कप कॉफी पीने से हार्ट को फायदा मिलता है. इसके सेवन से स्ट्रोक के साथ-साथ दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा टलता है.
वजन कम करने में मददगार - कॉफी में कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है जिससे तेजी से फैट कम होता है. कसरत करने से पहले इसका सेवन जरूर करें. इससे ऊर्जा मिलती है और आप ज्यादा देर तक कसरत कर पाते हैं.
लिवर को मिलेगा फायदा - कॉफी फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. ब्लैक कॉफी का रोजाना सेवन करने से इसमें पाए जाने वाले तत्व हानिकारक लीवर एंजाइम के लेवल को कम करते हैं.
डायबिटीज से मिलेगी राहत - ब्लैक कॉफी का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या दूर हो सकती है. कॉफी पीने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा में इजाफा होता है, जिससे डायबिटीज  की समस्या को कम किया जा सकता है.

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ / मां के लिए बच्चे का स्वास्थ्य सर्वोपरि प्राथमिकता होती है. बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए वह हर संभव प्रयास करती हैं. वे अपने बच्चों के लिए बेहद सावधानी बरतती हैं और उन्हें सभी पोषक तत्वों से भरपूर डाइट प्रदान करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी चीज भी है जो एक मां अपने बच्चे को दिन में एक बार खिलाती है, तो उसका बच्चा हमेशा हेल्दी रहता है और उसका दिमाग भी तेज होता है? आज हम इस मदर्स डे पर आपको ऐसी एक चीज के बारे में बता रहे हैं जिसे हर मां अपने बच्चे को खिलाकर हेल्दी, तंदरुस्त और तेज बना सकती है.
मां को अपने बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?
 वह है खजूर. खजूर कई पोषक तत्वों और एनर्जी का अच्छा स्त्रोत है जो बच्चों के लिए बहुत लाभकारी होता है. यह उन्हें जरूरी पोषण प्रदान करता है जो उनकी ग्रोथ और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. खजूर में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स पाये जाते हैं, जो बच्चों की मजबूती और स्वस्थता को बनाए रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा खजूर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स बच्चों के मस्तिष्क को तेज करते हैं और उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं. इसलिए एक मां के लिए खजूर एक अच्छा विकल्प है जिसे वह अपने बच्चे को रोज दे सकती है, ताकि उनका बच्चा हमेशा स्वस्थ रहे.
दूध में मखाना भिगोकर खाना:
मखाना और दूध का संयोजन एक अच्छा कॉम्बो माना जाता है. ये बच्चों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में मदद कर सकता है. मखाना एक पोषक फल है जो कि प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है. दूध भी हाई प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी का स्त्रोत होता है. इन दोनों का संयोजन बच्चों के अच्छा पोषण मिलता है. मखाना में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ताकतवर एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो बच्चों को मजबूत बनाते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. दूध में मौजूद कैल्शियम और मखाने की प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं, जैसे कि हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए.

    व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /गंगा नदी को पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाली माना जाता है. मान्यता है कि गंगा स्नान से व्यक्ति के जीवनभर के पाप धुल जाते हैं. हर वर्ष वैशाख के माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. इस वर्ष  वैशाख के माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 14 मई को है और इस दिन गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने गंगा नदी के प्रवाह के वेग को कम करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया था. गंगा सप्तमी के दिन लोग गंगा में स्नान कर पूजा व दान करते हैं. आइए जानते हैं गंगा सप्तमी से जुड़ी कथाएं.
गंगा सप्तमी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा सगर ने युद्ध में मारे गए अपने पुत्रों को मोक्ष के लिए कठोर तपस्या कर गंगा को धरती पर अवतरित करवाया था. गंगा नदी का वेग इतना ज्यादा था कि उससे पूरी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया था. ऐसे में भगवान शिव ने गंगा नदी का अपने जटाओं में धारण कर लिया और नियंत्रित रूप से धरती पर अवतरित होने दिया. भगवान शिव ने गंगा नदी को वर्ष वैशाख के माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि अपनी जटाओं में धारण किया था. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दिन गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई थीं.
जाह्नवी पड़ा नाम
एक अन्य कथा के अनुसार, गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी का पुनर्जन्म हुआ था. महर्षि जह्नु तपस्या कर रहे थे लेकिन गंगा नदी के बहने की कल कल ध्वनि से उनका ध्यान भटक रहा था. इससे क्रोधित हो महर्षि जह्नु ने पूरी गंगा नदी को पी गए. बाद में देवी देवताओं की प्रार्थना करने पर गंगा नदी को अपने दाएं कान से बाहर कर दिया इसलिए गंगा नदी को जाह्नवी नाम मिला.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / आजकल कई कारणों से कब्ज की समस्या होने लगी है. आपको तनाव और बढ़ती गर्मी के कारण अपच या कब्ज की समस्या होती है, तो कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कुछ जरूरी उपाय भी करने चाहिए. कब्ज पाचन की गड़बड़ी के कारण होती है. अगर आपका पाचन खराब है और पेट साफ करने में परेशानी आ रही है, तो सब्जा के बीज आपके लिए कमाल कर सकते हैं. कुछ लोग पेट की गंदगी साफ करने के लिए दवा लेते हैं, लेकिन आप नेचुरल तरीके से कब्ज का इलाज कर कर सकते हैं. सब्जा बीज, जिसे तुलसी बीज या बेसिल सीड्स भी कहा जाता है, कई गुणों से भरपूर होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है. इनमें से एक है कब्ज का इलाज करना. यहां जानिए कैसे सब्जा के बीज कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं.
कब्ज से राहत पाने के लिए सब्जा के बीज |
सब्जा बीज में हाई फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन के और विटामिन सी होता है. ये तत्व आपकी पाचन प्रक्रिया को सुधारते हैं और आपको कब्ज से राहत दिलाते हैं. कब्ज के इलाज के लिए रात में सब्जा बीज का सेवन करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. सब्जा बीज को पानी में भिगोकर रखें, जिससे ये फूल जाएं. अगर आप चाहें, तो इसे दूध के साथ भी ले सकते हैं. आप इसे रात को भिगोकर खा सकते हैं, जिससे सुबह पेट साफ होने में मदद मिलेगी. चाहे तो आप इसे सुबह खाली पेट भी ले सकते हैं.
सब्जा बीज में मौजूद फाइबर पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और अपच को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा ये बारीक रूप से पीसे हुए होते हैं, इसलिए आपके आंतों को सुखद अनुभव मिलता है और आपकी पाचन प्रक्रिया को सुधारता है.
अगर आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है या अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सनातन धर्म में हर एक तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कार्तिकेय का नाम स्कंद है. जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. इसके अलावा उन्हें संतान प्राप्त होती है. स्कंद षष्ठी व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक माना गया है. इस बार स्कंद षष्ठी 13 मई, 2024 को पड़ रही है. आइए जानते हैं इस व्रत का शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में.
स्कंद षष्ठी व्रत 2024 |
स्कंद षष्ठी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है जिसकी शुरुआत 13 मई, 2024 को सुबह 2:03 बजे से हो रही है. इसका समापन अगले दिन यानी 14 मई, 2024 को सुबह 2:50 बजे पर होगा.
स्कंद षष्ठी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय को समर्पित की गई है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय ने संसार में बढ़ रहे कुकर्म को समाप्त करने के लिए जन्म लिया था. भगवान कार्तिकेय दक्षिण भारत में मुरूगन, कुमार, सुब्रमण्यम  जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं. प्रचलित मान्यता के अनुसार च्यवन ऋषि ने स्कंद षष्ठी को उपासना की थी, जिसकी वजह से उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई थी.
स्कंद षष्ठी के दिन क्या करें और क्या ना करें
स्कंद षष्ठी के दिन भगवान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कार्तिकेय के निमित्त व्रत रखकर उनकी विधि-विधान से पूजा करने से हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, संतान की प्राप्ति होती है और धन वैभव बढ़ता है. इस दिन दान करना भी बेहद पुण्यकर माना जाता है. स्कंद षष्ठी के दिन स्कंद देव की स्थापना करने से और उनके समक्ष अखंड दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.

राहुल गांधी भाजपा के सामान्य कार्यकर्ताओं से भी बहस नहीं कर पाएंगे :उपमुख्यमंत्री साव 

  रायपुर / शौर्यपथ / उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने रविवार को रायपुर में पत्रकारों से कहा कि, ओडिशा में परिवर्तन की लहर है। प्रदेश की नवीन पटनायक सरकार ने लोगों के साथ खिलवाड़ किया है। 24 साल के शासनकाल में राज्य की हालत खराब कर दिए हैं। मंत्री व विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त है। चुनाव में इसकी चर्चा है। लोग परिवर्तन चाह रहे हैं। राज्य में विकल्प के रूप में एकमात्र भाजपा है। लोग भाजपा को पसंद कर रहे हैं। जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में परिवर्तन हुआ है। इसी तरह ओडिशा में भी परिवर्तन की लहर है।
   श्री साव ने कहा कि, ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ-साथ हो रहे हैं। चुनाव तैयारियों को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रमुख पदाधिकारियों को ओडिशा और झारखंड भेजा गया है, वहां के कार्यकर्ताओं को सहयोग करने की जिम्मेदारी मिली है। और आने वाले समय में कुछ और लोग जाने वाले हैं। मैंने भी तीन दिन कालाहांडी लोकसभा में पार्टी के लिए काम किया है।
  12 नक्सलियों के मुठभेड़ पर कांग्रेस के सवाल पर श्री साव ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस हमेशा जनहित, राष्ट्रहित और सुरक्षा बलों के कामों पर प्रश्न चिन्ह लगाने के आदी हो चुकी हैं। जिस प्रकार से कांग्रेस ने 5 साल में नक्सलवाद को पाला और पोसा है। और जब कार्यवाही हो रही है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। इन्हें बस्तर के लोगों की, विकास की और खुशहाली की चिंता नहीं है। और ये केवल किसी तरह सत्ता में आना इनकी सोच होती है। इसलिए आज कांग्रेस पार्टी हासिए पर चली गई है।
  सुरक्षाबलों ने बहादुरी से काम किया है और आने वाले समय में बस्तर नक्सल मुक्त हो, विकास की मुख्यधारा से जुड़े, वहां के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, ये हमारी प्रतिबद्धता है, इस दिशा में हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। राहुल गांधी की बहस की चुनौती पर श्री साव ने कहा कि, राहुल गांधी हमारे सामान्य कार्यकर्ताओं से भी बहस नहीं कर पाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री से क्या बहस कर पाएंगे।

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