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रायपुर/शौर्यपथ /बीजापुर जिले में इस वर्ष 1,21,600 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संग्रहण कार्य 9 मई 2025 से प्रारंभ हुआ था और 21 मई तक कुल 12,226.638 मानक बोरा का संग्रहण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बीजापुर ने बताया है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके परिश्रम का पूरा मूल्य उन्हें समय पर और सुरक्षित रूप से मिलेगा।
प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बीजापुर ने स्पष्ट किया है कि यह नुकसान संग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा। बीमा पॉलिसी के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा के कारण हुई इस क्षति के लिए इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। सभी संग्राहकों को उनके मेहनताना की पूरी राशि उनके बैंक खातों में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर प्रणाली के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि समिति देपला के फड़ कोत्तागुड़ा, गोरगुंडा-अ$ब, पोषडपल्ली, कारकावाया एवं समिति चेरपल्ल्ी के लॉट क्रमांक 12 अ चेरपल्ली के फड़ चिल्लामरका का संग्रहित तेंदूपत्ता की गड्डियां नदी किनारे सुखाई जा रही थी और 22 मई की रात हुई बेमौसम बारिश और 23 मई को नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण तेंदूपत्ता की 4,60,840 गड्डियों में से 3,23,539 गड्डियां तेज बहाव में बह गईं। इससे लगभग 17.79 लाख रूपए की तेंदूपत्ता क्षतिग्रस्त हुई।
रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन सोमवार 26 मई क़ो सवेरे 10 बजे कलेक्टर कार्यालय परिसर कोरबा में जिला प्रशासन द्वारा कक्षा 10 एवं 12 वीं के मेरिट स्थान वाले विद्यार्थियों क़ो नीट/जेईई निःशुल्क कोचिंग हेतु रायपुर प्रस्थान कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बस्तर क्षेत्र के बच्चों में साइंस का पैशन, खेल में भी कर रहे हैं कमालः प्रधानमंत्री
दंतेवाड़ा में कभी माओवाद चरम पर था, वहां आज शिक्षा का परचम लहरा रहाः प्रधानमंत्री
बस्तर क्षेत्र और दंतेवाड़ा के जिक्र पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मन की बात की 122वीं कड़ी में देश के सामने अपनी बातों को रखा। मन की बात की ये कड़ी छत्तीसगढ़ के लिए काफी खास रही। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि जिस दंतेवाड़ा में कभी माओवाद चरम पर था, वहां आज शिक्षा का परचम लहरा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ में हुए बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में साइंस लैब के बारे मे जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों में साइंस का पैशन है और वो खेलों में भी कमाल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने बस्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि इस तरह के प्रयासों से पता चलता है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग कितने साहसी होते हैं। इन लोगों ने तमाम चुनौतियों के बीच अपने जीवन को बेहतर बनाने की राह चुनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकार भी बहुत खुशी हुई कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में दंतेवाड़ा जिले के नतीजे बहुत शानदार रहे हैं। करीब पंचानबे ( नाइंटी पाइव) प्रतिशत रिजल्ट ये जिला 10वीं के नतीजों में टॉप पर रहा, वहीं 12वीं की परीक्षा में इस जिले ने छत्तीसगढ़ में छठा स्थान हासिल किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से बस्तर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे बदलाव हम सभी को गर्व से भर देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मन की बात की 122वीं कड़ी में बस्तर क्षेत्र और दंतेवाड़ा का जिक्र करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की सरकार प्रधानमंत्री के विकसित भारत के नक्शे कदम पर चल रही है और विकसित छत्तीसगढ़ इस अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा।
- उत्साह एवं ऊर्जा के साथ मीडिया प्रतिनिधि, बच्चे एवं युवा बड़ी संख्या में हुए शामिल
राजनांदगांव/शौर्यपथ भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा खेलो इंडिया फिट इंडिया अंतर्गत स्वास्थ्य एवं फिटनेस के प्रति जागरूकता लाने के लिए आज अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम गौरव पथ राजनांदगांव में सुबह मीडिया प्रतिनिधियों के लिए फिट इंडिया संडे सायकिलिंग रैली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि एवं साई हॉस्टल के बच्चे उपस्थित रहे। इस अवसर पर संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. उषा किरण बड़ाईक ने सायकल रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया। उत्साह एवं ऊर्जा के साथ मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बच्चों एवं युवाओं ने भी सायकल रैली में भाग लिया। खुशी जाहिर करते हुए सभी ने सेल्फी जोन में सेल्फी ली।
संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. उषा किरण बड़ाईक ने कहा कि मीडिया प्रतिनिधि कठिन परिश्रम करते है और उनकी दिनचर्या थोड़ी अव्यवस्थित होती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ध्यान रखना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना बहुत जरूरी है। इस सायकल रैली के माध्यम से मीडिया के प्रतिनिधियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए फिजिकल एक्टीविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। साई हॉस्टल के प्रभारी एवं बास्केटबाल कोच श्री पंकज पाण्डेय ने कहा कि मीडिया प्रतिनिधियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रयास किया गया, ताकि जो समय नहीं निकाल पा रहे है, वे रविवार को समय निकालकर फिटनेस के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि हर रविवार को डॉक्टर, नर्स, पुलिस, बार काउंसलिंग के साथ सायकल रैली का आयोजन किया गया है। कार्य के बावजूद अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समय निकालकर प्रतिदिन सायकल चलाने एवं अन्य गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार श्री संदीप साहू ने कहा कि सायकल रैली के माध्यम से पत्रकर साथियों को इस आयोजन से जोड़ा गया है। सुबह उठ कर सायकल या कोई भी एक फिजिकल एक्टिीविटी जरूर अपनाएं, जिससे आप स्वस्थ महसूस करेंगे। उन्होंने इस योजना के लिए साई तथा जनसंपर्क विभाग को बधाई दी। मीडिया प्रतिनिधि श्री परमानंद रजक ने कहा कि सायकल चलाने पर स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। बीमारियों को दूर करने के लिए सायकल एक अच्छी गतिविधि है। मीडिया प्रतिनिधि श्री प्रमोद शेण्डे ने बताया कि वे हाकी खिलाड़ी और बास्केटबाल के लिए राष्ट्रीय स्तर के लिए खिलाड़ी रहे है। उन्होंने कहा कि खेल हमारी जीवन शैली को दर्शाता है और यह गतिविधियांं समाज को आपस में जोड़ती है। स्वास्थ रहने के लिए यह जरूरी है। मीडिया प्रतिनिधि श्री किशोर सिल्लेदार ने कहा कि सायकल रैली के आयोजन से प्रेरणा मिल रही है। सुबह उठकर सायकल चलाने से हम दिनभर स्वस्थ महसूस करेंगे। मीडिया प्रतिनिधि श्री नीरा साहू ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सायकल चलाना छूट गया था, लेकिन इस सायकल रैली में शामिल होने से प्रेरणा और ऊर्जा मिल रही है और इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मीडिया प्रतिनिधि अंकालु साहू ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, जिसके माध्यम से मीडिया, बच्चों एवं नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी। इस अवसर पर सौरभ ताम्रकार, जनसंपर्क विभाग से सहायक सूचना अधिकारी प्रवीण रंगारी, जिला समन्वयक सूर्यकांत चंद्राकर, विनय साहू, खेलो इंडिया के कोच सकील अहमद एवं बड़ी संख्या में अन्य मीडिया प्रतिनिधि, बच्चे एवं युवा उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रदीप शर्मा ने किया।
मुंगेली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शासन की योजनाओं को पारदर्शी ढंग से पात्र व्यक्तियों को समयबद्ध लाभ दिलाने के लिए सुशासन तिहार का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टरकुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में लोरमी विकासखंड के ग्राम पंचायत बैगाकापा में तीसरे चरण अंतर्गत समाधान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बैगाकापा क्लस्टर अंतर्गत गुरूवाईनडबरी, बैगाकापा, धोबघट्टी, कुधुरताल, लालपुरथाना, नारायणपुर, सांवतपुर, सूखाताल, छिरहुट्टी, पैजनिया, कोतरी, लालपुरकला, रबेली, सुकली बिजराकापाकला सहित 15 ग्राम पंचायतों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
लोरमी एसडीएम श्री अजीत पुजारी ने बताया कि शिविर में 346 लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत सामाग्री वितरण लाभान्वित किया गया, इनमें 46 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति आदेश, 32 स्व सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश कोष एवं लखपति दीदी प्रमाण पत्र, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 40 हितग्राहियों को शौचालय हेतु स्वीकृति आदेश, समाज कल्याण विभाग द्वारा 17 हितग्राहियों को सामाजिक पेंशन, मनरेगा अंतर्गत 22 हितग्राहियों को जॉब कार्ड, डबरी और पशुशेड निर्माण हेतु स्वीकृति पत्र, 10 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 10 को ऋण पुस्तिका, 32 को राशन कार्ड, 20 को नोनी सुरक्षा योजना अंतर्गत बॉन्ड पेपर, 20 को किसान सम्मान निधि का चेक, उद्यान विभाग द्वारा 10 हितग्राहियों को फलदार पौधे, शिक्षा विभाग द्वारा 20 हितग्राहियों को श्रवण यंत्र, छड़ी, थेरेपी किट, मछली पालन विभाग द्वारा 02 हितग्राहियों को आइस बॉक्स एवं समिति गठन प्रमाण पत्र, परिवहन विभाग द्वारा 02 हितग्राहियों को ड्राइविंग लाइसेंस और सहकारिता विभाग द्वारा 10 हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान कर लाभान्वित किया गया। जनपद सीईओ श्री पंचराम घृतलहरे ने बैगाकापा क्लस्टर अंतर्गत कुल आवेदनों और उनके निराकरण के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कुंती उदय जायसवाल, जनपद पंचायत सदस्य श्री सुरजीत भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक श्री धनीराम यादव, श्री प्रदीप मिश्रा, श्री दिनेश कश्यप सहित प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
समाधान शिविर 26 मई को ग्राम मनोहरपुर में
शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में लोरमी विकासखण्ड के ग्राम मनोहरपुर स्थित हाईस्कूल मैदान में समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मनोहरपुर क्लस्टर अंतर्गत ग्राम चंदली, करनकापा, मनोहरपुर, खपरीडीह, राजपुर, बिजराकापाखुर्द, परसाकापा, पेण्ड्रीतालाब बी., बंधवा, केस्तरपुर, बरबसपुर, मोहतरा तेली, विचारपुर, झाफल और लछनपुर सहित कुल 15 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। शिविर के सफल संचालन के लिए महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संजुला शर्मा नोडल अधिकारी और परियोजना अधिकारी श्री राजेन्द्र गेंदले सहायक नोडल अधिकारी होंगे।
-संभावित आपदा से पहले सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश
-दुर्ग जिले में 1 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेगा बाढ़ नियंत्रण कक्ष
-अपर कलेक्टर सिंह ने ली बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक
दुर्ग/शौर्यपथ/ आगामी मानसून सत्र के दौरान संभावित भारी वर्षा और बाढ़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए आज कलेक्टर सभाकक्ष में बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर विरेन्द्र सिंह ने की। बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यों के लिए समय रहते पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
अपर कलेक्टर ने कहा कि इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। ऐसे में सभी तहसीलों और नगरीय निकायों में कंट्रोल रूम की शीघ्र स्थापना की जाए और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उनकी सूचना जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर पहले से चिन्हित कर लिए जाएं और वहां भोजन, चिकित्सा, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था पूर्ण कर लेने को कहा।
जिले में पिछले वर्ष दुर्ग और धमधा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगर निगम दुर्ग के कुछ हिस्से आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे। प्रशासन द्वारा ग्रामवार राहत टीमों का गठन कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित किया गया था। इस वर्ष भी मानसून के दौरान आपदा से निपटने के लिए सभी अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे ग्राम स्तर पर टीम तैयार करें और राहत शिविरों में पुनर्वास की पूर्ण तैयारी रखें। अधिकारियों को आपदा प्रबंधन संबंधी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष 1 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेगा- जिले में नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए जिला कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0788-2320601 है। यह कक्ष 1 जून 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। जिला स्तर पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती लता युगल उर्वशा मोबाइल नंबर-9584322227, अधीक्षक भू-अभिलेख श्री आदित्य कुंजाम 9981584877, तहसीलदार दुर्ग श्री प्रफुल्ल कुमार गुप्ता 7049510326, तहसीलदार धमधा श्री टी.एस.खरे 9131534309, तहसीलदार पाटन श्रीमती मीना साहू 9981283344 बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रहेगी। तहसील स्तर पर संबंधित तहसीलदार बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रहेंगे। जिला सेनानी होमगार्ड कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0788-2320121 और 0788-2320120 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
वर्षामापी यंत्रों की जांच और निगरानी के निर्देश- बैठक में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के प्रत्येक विकासखंड में वर्षामापी यंत्र स्थापित हैं। अपर कलेक्टर ने सभी यंत्रों की कार्यप्रणाली की जांच करने को कहा ताकि वे सुचारू रूप से कार्य कर सके। यदि कोई यंत्र खराब है तो उसकी तत्काल मरम्मत कराने एवं वर्षा के आंकड़े समय पर दर्ज कर रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजने को कहा।
अस्थाई राहत केम्प - जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत केम्पों हेतु भवन चिन्हित कर उनमें आवश्यक व्यवस्था करने को कहा। प्रत्येक चिन्हित भवन का अग्रिम निरीक्षण कर प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। राहत व्यवस्था के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए मछुआरों एवं छोटी नावों की सूची तैयार करने व नावों से संबंधित संपर्क नंबर भी नियंत्रण कक्ष में संधारित करने को कहा।
उन्होंने बाढ़ से बचाव हेतु मोटर बोट, बांस, बल्ली, ड्रम तथा गोताखोरो की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जिला सेनानी नगर सेना को बचाव सामग्री एवं मॉकड्रील कराने निर्देशित किया गया। जिला सेनानी ने बताया कि उनके पास समुचित संसाधन उपलब्ध है। जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में क्षति होने की स्थिति में पर्याप्त बीज एवं खाद का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि आपदा प्रबंधन के संबंध में आवश्यक दवाई एवं मेडिकल टीम की व्यवस्था की जाए। जिले का कोई भी चिकित्सालय डॉक्टर विहिन नही रहे एवं जीवन रक्षक दवाईयां सभी चिकित्सालय में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। साथ ही मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
शिविरों में बिजली आपूर्ति सतत बनी रहे और वायरिंग सुव्यवस्थित हो। विद्युत बाधा से निपटने के लिए अग्रिम तैयारी पूरी करने को कहा। विद्युत तार एवं खम्भों के नजदीक लगे वृक्षों की छंटाई-कटाई का कार्य सुनिश्चित कराने के निर्देश नगर पालिक निगम, जनपद पंचायत सीईओ के अधिकारियों को दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी दो मंजिला अथवा उससे अधिक ऊँचाई वाले शासकीय भवनों पर तड़ित चालक लगाए जाने की व्यवस्था संबंधित विभाग द्वारा सुनिश्चित की जाए। अपर कलेक्टर श्री सिंह ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि नदी के किनारे बसे लोगों को अभी से व्यवस्थित करने का कार्य कर लें जिससे बाढ़ के समय जन-धन की हानि से बचा जा सके।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री बजरंग दुबे, नगर निगम आयुक्त दुर्ग श्री सुमित अग्रवाल, नगर निगम आयुक्त रिसाली श्रीमती मोनिका शर्मा, चरोदा नगर निगम आयुक्त श्री दशरथ राजपूत, एसडीएम श्री सोनल डेविड, एसडीएम श्री महेश राजपूत, डिप्टी कलेक्टर श्री उत्तम धु्रव, श्री लवकेश धु्रव, आदिवासी विकास सहायक आयुक्त श्री हेमंत सिन्हा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
ग्राम चारभाठा समाधान शिविर में 02 हजार 815 आवेदनों का हुआ निराकरण
अधिकारियों ने समस्याओं एवं मांगों के निराकरण की दी जानकारी
मोर गॉव, मोर पानी अभियान अंतर्गत जल संरक्षण की दिलायी गयी शपथ
मुंगेली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप शासन की योजनाओं को आमजनों तक समयबद्ध रूप से पहुंचाने के लिए मुंगेली विकासखंड के ग्राम चारभाठा में समाधान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में विभागीय अधिकारियों द्वारा लोगों को आवेदनों के निराकरण के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। साथ ही स्टॉल लगाकर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। शिविर में चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत कोदवाबानी, चारभाठा, खुर्शी, ढबहा, खुजहा, नवागांव (घु.), प्रतापपुर, हेड़सपुर, छाता, दामापुर और बैहाकापा सहित 11 ग्राम पंचायतों से हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
समाधान शिविर में मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले शामिल हुए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 119 हितग्राहियों को शौचालय की स्वीकृति आदेश, प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत 05 को प्रतिकात्मक चाबी, 10 को ऋण पुस्तिका, बी वन, नक्शा, 11 को पशु शेड निर्माण हेतु स्वीकृति आदेश, 08 को स्प्रेयर, 05 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि चेक, 06 को राशनकार्ड, 13 को किसान क्रेडिट कार्ड, 05 को फलदार पौधा वितरण, 04 स्व सहायता समूहों को एनआरएलएम अंतर्गत चेक, 05 महिलाओं को लखपति दीदी प्रमाण पत्र, 15 हितग्राहियों को पेंशन प्रमाण पत्र, 05 को आयुष्मान वय वंदना कार्ड और 05 हितग्राहियों को श्रम कार्ड प्रदान कर लाभान्वित किया। साथ ही उन्होंने चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत विभिन्न स्कूलों से कक्षा 10वीं और 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर बधाई दी।
आवास प्लस 2.0 के सर्वे सूची में 04 हजार 152 हितग्राही शामिल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री मोहले ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम जनता की समस्याओं और मांगों का गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है। इस पहल के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारी सीधे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, ताकि जनता की शिकायतों और आवश्यकताओं का तत्काल निराकरण किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे संवेदनशीलता के साथ प्रत्येक आवेदक की बात सुनें और त्वरित कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में सांय-सांय विकास और योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। आमजनता को इसका सीधा लाभ मिला रहा है। उन्होंने बताया कि चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 03 हजार 972 हितग्राहियों का आवास स्वीकृत किया गया है, इनमें से अधिकांश आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। वहीं आवास प्लस 2.0 के सर्वे सूची में 04 हजार 152 हितग्राहियों को शामिल किया गया है।
मुंगेली विधायक श्री मोहले ने मोर गॉव, मोर पानी अभियान अंतर्गत जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए ग्रामीणों को शपथ भी दिलाई और कहा कि पानी के महत्व को समझते हुए संरक्षित करें, जिन लोगों का पक्का घर है, वे अपने घरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अवश्य करें। अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पांडेय तिवारी ने बताया कि चारभाठा क्लस्टर में 27 विभागों से संबंधित कुल 02 हजार 818 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनका द्वितीय चरण में गुणवत्तापूर्ण निराकरण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आमजनों की समस्याओं के निराकरण में किसी प्रकार की लापरवाही न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस अवसर पर मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल सहित प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रायपुर/शौर्यपथ /झीरम हमले की 12वीं बरसी पर राजीव भवन में कांग्रेसजनों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित किया। शहीदों के लिये दो मिनिट का मौन रख कर नमन किया गया।
इस अवसर पर एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड़यंत्र की जांच करने का प्रयास किया। एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल किये, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने किसी भी पीड़ित से पूछताछ नहीं किया, जो संदिग्ध नक्सली थे किसी के खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल नहीं किया। लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दिया और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया। कानूनन जब तक एनआईए मामले की फाइल राज्य को वापस नहीं करती एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस के पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद एनआईए ने झीरम की केस फाइल नहीं दिया। एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए के स्टे को खारिज कर दिया। एनआईए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी जहां सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 को एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन तब तक राज्य में सरकार बदल गयी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य की एसआईटी के जांच के रास्ते खुल गये। राज्य सरकार दरभा थाने में पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी की जांच शुरू करें। आज तथाकथित शराब घोटाला, कोल घोटाला सभी ईडी, आईटी, सीबीआई जांच कर रही राज्य की ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही लेकिन झीरम में राज्य की एजेंसी को जांच करने से रोकने केंद्र सरकार कोर्ट गयी थी। झीरम मामले के 12 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनो और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। झीरम हमले में कई घायलों और पीड़ितों और प्रभावितों तक से अब तक एनआईए ने बयान नहीं लिये है। यह आरोप पीड़ित और उनके परिजनों ने लगाया है। आखिर इतनी परदेदारी क्यों? किसको बचाने के लिये जांच को रोका जाता है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय है कि झीरम का सच आने से उनके षड़यंत्र बेनकाब हो जायेंगे। मुझे दुख है कि सरकार में रहते केंद्र सरकार के अवरोध के कारण जांच नहीं हो पाई।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आज का दिन कांग्रेस के लिए बेहद पीड़ा का दिन है। हमने अपने नेताओं को खोया था। मैं शहीद नेताओं को अपनी श्रद्धांजली अर्पित करता हूं। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यो हटाया गया था? झीरम नरसंहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है तथा उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है जो कभी नहीं मिट सकता।
श्रद्धांजली सभा में पूर्व सांसद छाया वर्मा, कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश दुबे, उधो वर्मा, पंकज शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, विनोद वर्मा, महेन्द्र छाबड़ा, सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. अजय साहू, राम गिडलानी, चंद्रदेव राय, श्रीकुमार मेनन, शिवसिंह ठाकुर, आकाश तिवारी, एजाज ढेबर, सुनील बाजारी, सलाम रिजवी, दीपा बग्गा, कमलाकांत शुक्ला, दिलीप चौहान, पप्पू बंजारे, अविनय दुबे, बबीता नत्थानी, शब्बीर खान, आनंद मिश्रा, नवीन चंद्राकर, प्रशांत ठेंगड़ी, देवकुमार साहू, दिनेश शुक्ला, पिंकी बाघ, भुवनेश्वरी डहरिया, पुष्पराज वैद्य, अखिलेश जोशी, ओम श्रीवास, अनिल रायचुरा, शनाया परविन, सुंदर जोगी उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में बड़े निवेश की दिशा में अहम कदम बढ़ते हुए आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से दो प्रमुख उद्योग समूहों ने मुलाकात की।
मेदांता अस्पताल के संस्थापक और प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन ने रायपुर में एक अत्याधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने बताया कि वे इस परियोजना में लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते हैं। यह अस्पताल उन्नत चिकित्सा तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों, रिसर्च और प्रशिक्षण सुविधाओं से लैस होगा।
वहीं, वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के चेयरमैन रवि जयपुरिया ने रायपुर में कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रूट जूस आधारित संयंत्र लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें 250 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोज़गार सृजन को गति देगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोनों प्रस्तावों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य और उद्योग जैसे क्षेत्रों में ऐसे गुणवत्तापूर्ण निवेश के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि ये दोनों परियोजनाओं पर राज्य शासन विचार कर इसे हर संभव मदद देगी, इस प्रकार की परियोजनाओं से जनता को लाभ और युवाओं को रोज़गार के नए अवसर भी सुलभ होंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया—कैसे बस्तर बना संस्कृति, सहभागिता और विकास का मॉडल
रायपुर/शौर्यपथ /राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे अभिनव आयोजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है, जिससे शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर ईमानदारी व संवेदनशीलता से लागू करना है।
बैठक में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ में ग्रामसभा, जनसंवाद और तकनीक के माध्यम से आमजन तक पहुँचाया गया है।
बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है — जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया। तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 11 पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी आदि पर केंद्रित थी। चार श्रेणियों — जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग — में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
मुख्यमंत्री साय ने दोरनापाल के पुनेन सन्ना का उदाहरण साझा किया, जो कभी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्र से थे, पर आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर पूरे समाज के लिए प्रेरणास्तंभ बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा का उत्सव है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों की 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, हाट-बाजार, पकवान प्रतियोगिताएं जैसे विविध रंगों से सजा यह उत्सव बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ते हुए बस्तर की एकता, पहचान और विकास का प्रतीक बन गया। सरकार द्वारा 2.4 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस आयोजन ने उत्सव और खेल के माध्यम से सकारात्मक भविष्य की नई चेतना जगाई है।
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ बेहद प्रभावशाली रहा।जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें विस्तार दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ को जिस तरह सराहा गया, उसने यह स्पष्ट किया कि जनसहभागिता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विकास के समन्वय से किस तरह दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी बदलाव की मजबूत नींव रखी जा सकती है।