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0 गौठान पहुँचकर देखी गतिविधियां
राजनांदगांव। शौर्यपथ / डोंगरगढ़ विधानसभा के ग्राम बघेरा के गौठान ने महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल दिए हैं। महिला समूह से जुड़ी महिलाएं गौठान से कमाई कर आत्मनिर्भता का नई इबारत लिख रहीं हैं। एआईसीसी मेंबर व भारत यात्री क्रांति बंजारे ने ग्राम बघेरा के गौठान में संचालित गतिविधियों को देखा और समझा । वह दिन भर आत्मनिर्भर महिलाओं के साथ रहीं व उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को देखा ।इस दौरान क्रान्ति ने कहा कि गौठान आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन चुका है। घर के चारदीवारी के भीतर रहने वाली महिलाएं अब गौठान से जुड़कर अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। गौठानों में सुचारू रूप से गोबर क्रय का कार्य किया जा रहा है तथा विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधि भी संचालित की जा रही है। सहायता समूह की महिलाएं न केवल वर्मी कंपोस्ट खाद बना रही है, बल्कि उसके विक्रय से अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रही है। मां अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह की सदस्य गायत्री धुर्वे, मालती साहू, शगुन साहू ने बताया कि बागवानी में रागी , हल्दी अदरक, जिमीकंद की फसल ली जा रही है। वहीं सिलाई मशीन से कोषा के धागे निकाल रही है। महिलाएं बोरी निर्माण, मुर्गी पालन , मशरूम उत्पादन , जैसे अनेक रोजगार का साधन व रोजगार कर अपनी अपनी पैरो पर खड़ी हैं। नारी शक्ति स्व सहायता समूह, ओम नमः शिवाय स्व सहायता समूह व अन्य समूह के महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। गौठान में करीब 250 महिलाओं को हाथों हाथ रोजगार मिल रहा है। समूह की मालती साहू ने बताया कि वो लोग अब तक एक लाख से भी अधिक का केंचुआ बेच चुके हैं। बंजारे ने कहा कि गौठान से जुड़कर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। साथ ही गौठान से जुड़ने के बाद उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गौठान से जुड़कर वह काफी खुश है। क्रांति बंजारे ने कहा की प्रदेश में बैठी कांग्रेस की भूपेश सरकार की योजनाओं से महिलाओं को बड़ा सम्बल मिला है और अब वो खुद भी आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रही हैं । --------------------------------------------------------------------------------------
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला महामंत्री पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, रंजीत कुंजाम, देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी, खोम लाल वर्मा, राजेन्द्र देवांगन, जनक तिवारी, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेन्द्र साहू, संजीव मिश्रा, ईश्वर दास मेश्राम, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, रानी ऐश्वर्य सिंह, एमबी जलानी, डीएस कंवर एवं केएल जोशी का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से ही कर्मचारी-अधिकारी को उनका वास्तविक देय परिलब्धियां और सेवालाभ मिला होता तो हड़ताल का नौबत ही क्यों आता।
राज्य के जनता के खुशहाली के लिए खून-पसीना बहाने वाले कर्मचारियों को आज अपने मौलिक अधिकार के लिए हड़ताल-आंदोलन करने बाध्य होना पड़ रहा है, क्या यही लोकतंत्र है? एक समय कर्मचारियों को बेहतर सेवालाभ के लिए हड़ताल-आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन अब सेवा शर्तों के अंतर्गत बुनियादी परिलब्धियों के लिए हड़ताल-आंदोलन करना पड़ रहा है, दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य स्थापना से कर्मचारी-अधिकारी, राज्य को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में विकास कार्यों से लेकर आपदा प्रबंधन तक अपना खून-पसीना बहा रहे हैं, लेकिन उनको न्याय नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक संवर्ग का वेतन विसंगति है। केंद्रीय वेतन आयोग के सिफारिशों के अनुसार राज्य शासन के पुनरीक्षित वेतनमानों में शासकीय सेवक संवर्गों को केंद्र के समान वेतनमान मिला है, लेकिन शिक्षक संवर्ग इससे वंचित है। सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को आज पर्यन्त त्रि-स्तरीय समयमान स्वीकृत नहीं हुआ है? उनका कहना है कि राज्य के शासकीय सेवकों में से सर्वाधिक संख्या शिक्षकों की है, लेकिन अलग.अलग संगठनों में बटे होने के कारण संख्या बल का प्रभाव कम हो गया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के संख्या बल पर दूसरे राज कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2016 से सातवे वेतनमान पर देय गृहभाड़ा भत्ता आज पर्यन्त कर्मचारियों को स्वीकृत नहीं हुआ। केंद्रीय कर्मचारियों को आज सातवे वेतन का 18 प्रतिशत एवं 9 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है, लेकिन राज्य के कर्मचारियों को छटवे वेतन पर 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों के वास्तविक वार्षिक परिलब्धियों में भारी आर्थिक क्षति हुआ है। कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2023 तक कुल 88 माह में लाखों में आर्थिक क्षति हुआ है। राज्य के कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता मुद्दे पर राज्य शासन द्वारा निर्णय नहीं लिया जाना, हड़ताल-आंदोलन का एक कारण है।
उन्होंने आगे बताया कि महँगाई भत्ता स्वीकृति के मामले में भी 2019 से राज्य सरकार का रुख कर्मचारियों के हित में नहीं रहा है। आज तक के सभी केंद्रीय सरकारों ने क्रमशः 1 जनवरी एवं 1 जुलाई के स्थिति में आल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स नंबर के आधार महँगाई भत्ता में वृद्धि किया है, लेकिन राज्य ने 1 जुलाई 19 से 30 जून 21 तक 12 प्रतिशत के दर पर गृहभाड़ा भत्ता का भुगतान किया था? जबकि केन्द्र में 17 प्रतिशत था। जिसके कारण कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन का 5 प्रतिशत नुकसान 24 माह तक हुआ है। केन्द्र ने 1 जुलाई 21 से महंगाई भत्ता (डीए) दर को 28 प्रतिशत किया था, जबकि राज्य में 17 प्रतिशत 1 जुलाई 21 से स्वीकृत हुआ था। राज्य ने 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक कुल 10 माह में अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत कम दिया था। इस अवधि में कर्मचारियों को परिलब्धियों में जबरदस्त आर्थिक हानि हुआ था। केंद्र ने 1 जनवरी 22 से डीए 34 प्रतिशत किया था, लेकिन राज्य ने 1 मई 22 से 22 प्रतिशत डीए स्वीकृत किया था। केंद्र ने 1 जुलाई 22 से 38 प्रतिशत तथा 1 जनवरी 23 से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया है, जो कि 1 जुलाई 23 के स्थिति में आल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स नंबर के आधार पर 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 45 प्रतिशत अथवा 46 प्रतिशत होने की संभावना है, लेकिन राज्य में 1 अगस्त 22 से 28 प्रतिशत एवं 1 अक्टूबर 22 से 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया है।
उन्होंने बताया कि 1 मई 22 से 31 जुलाई 22 तक अर्थात 3 माह कर्मचारियों को प्राप्त परिलब्धियों में 12 प्रतिशत हानि हुआ है। वहीं 1 अगस्त 22 से 30 सितंबर 22 तक 2 माह में 10 प्रतिशत का नुकसान तथा 1 अक्टूबर 22 से 31 दिसंबर 22 तक 3 माह में 5 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। इसी क्रम में 1 जनवरी 23 से 30 अप्रैल 23 तक 4 माह में 9 प्रतिशत के दर पर नुकसान मासिक वेतन में प्राप्त होने वाले परिलब्धियों में हुआ है, जो कि 1 मई 23 से आगे जारी है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के हड़ताल-आंदोलन के कारण ही राज्य सरकार ने डीए में 1 मई 22 को 5 प्रतिशत, 1 अगस्त 22 को 6 प्रतिशत एवं 1 अक्टूबर को 5 प्रतिशत कुल 16 प्रतिशत का वृद्धि 6 माह में किया है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा 1 जुलाई 19 से 30 अप्रैल 23 तक एवं आगे कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ता की वास्तविक राशि का भुगतान करने में निर्णय नहीं लिया जाना हड़ताल-आंदोलन का एक और बड़ा कारण है।
उन्होंने बताया कि मई महीने में फिलहाल सभी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों एवं उसके परिवार के हित निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति में जून 2023 में एकीकृत हड़ताल हो सकता।
0 आरोपी के पास से घर में छुपाकर रखें गए 29,00,000 के जेवरात को जप्त किया गया
राजनांदगांव/शौर्यपथ/ कोतवाली पुलिस राजनांदगांव ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 6 घंटे के भीतर 2900000 के चोरी के आरोपी को गिरफ्तार किया l प्रभुदयाल सिन्हा पिता स्व सोनसाय सिन्हा उम्र 68 वर्ष साकिन जय स्तंभ चैक कलार पारा राजनांदगांव ने थाना आ कर रिर्पोट दर्ज कराया कि दिनांक 22.05.2023 को घर में ताला बंद कर सह परिवार जगन्नाथपुरी यात्रा में गये थे कि पडोस के व्यक्ति द्वारा हमारे घर का ताला टुटने की सूचना दिया और बताया कि दिनांक 24.05.2023 के 00 बजे से 25.05.2023 के दरम्यान रात्रि कोई अज्ञात चोर घर घुस कर घटना को अंजाम दिया है तब हम लोग जगन्नाथ पुरी यात्रा से घर आ कर देखे तो मेन गेट ,भुतल के कमरे व प्रथम तल के दो कमरे का ताला टुटा था प्रथम तल के एक लोहे के आलमारी के लाकर के अंदर रखे सोने का मंगल सूत्र गुलबंद वजनी लाकेट हार बेसलेट ,चैन,लेडिस जेंडस अंगुठी ,बाली ,टाप्स ,झुमका लटकन कुल सोने का वजनी 45 तोला किमती 26 लाख रूपये तथा चांदी के जेवरात व बिस्कीट वजनी 03 किलो किमती 1,95,000 रूपये जुमला किमती 27,95,000 रूपये को कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले जाना बताये कि रिर्पोट पर अपराध क्रमांक 382/2023 धारा 457,380 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया । घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजनादगांव अभिषेक मीना के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले एंव नगर पुलिस अधीक्षक अमित पटेल राजनादगांव के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी भोला सिंह राजपूत के नेतृत्व में टीम गठित कर त्वरित कार्यवाही करते हुए अज्ञात आरोपी के पता साजी हेतु घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण कर तकनिकी सहयोग व मुखबिर सूचना के आधार पर संदेही राजेन्द्र राजपूत पिता स्व. भगत सिंह राजपूत उम्र 27 वर्ष साकिन ब्राम्हणपारा वार्ड नं. 38 थाना बसंतपुर जिला राजनंादगंाव को हिरासत में ले कर पुछताछ करने पर आरोपी द्वारा पहले चोरी नही किया हुआ बोलकर गुमराह किया गया फिर कडाई से पूछताछ करने पर जुर्म स्वीकार किया परन्तु चोरी किए हुए मशरूका को बाम्हण पारा स्थित नाला में एक झोले में छुपाकर रखना बताया आरोपी के कहे अनुसार नाला में ढुढवाये जाने पर नाला के अंदर से खाली झोला डूबा हुआ पाया गया लेकिन झोला के अंदर खाली जेवरात के डब्बे थे कोई भी सोने चाॅदी के जेवरात नही थे जिस पर आरोपी द्वारा पुनः गुमराह करते हुए बोला गया कि जेवरात नाला में बह गया होगा उसके बाद कोतवाली पुलिस द्वारा गठित टीम बहुत ही सूझ बुझ से आरोपी से पूछताछ के दौरान उसी के बातो में उसे फसाकर आरोपी से किस तरह से घटना को अंजाम दिया गया एवं मशरूका कहा छुपाया गया हैं उससे उगलवाया गया आरोपी द्वारा अपने मेमोरण्डम में बताया गया कि पहले उसने घर का रैकी किया रैकी करने के बाद 24,25/05/23 के दरम्यिानी रात्रि को अपने एक्टीवा क्रमांक सीजी08/ए आर/4964 से प्रार्थी के घर बाहर अपनी एक्टीवा खड़ी कर घर का ताला तोड़कर घर के अंदर रखे आलमारी से सोने और चांदी के जेवरात को चोरी किया एवं सोने चाॅदी के जेवरात के खाली डब्बे और झोले को ब्राम्हण पारा स्थित नाले में पुलिस को गुमराह करने के लिए उसके द्वार फेका गया एवं मशरूका को अलग से प्लास्टिक डब्बे पाउच झोले में रखकर अपने घर के चांवल के डिब्बे के अंदर छुपाकर रखना बताया गया। आरोपी के बताये अनुसार प्रार्थी के सुने मकान का दरवाजे में लगे कुडी ताला को लोहे के राड से तोडकर लोेहे के आलमारी के लाकर मे रखे सोने एवं चांदी के जेवरात एवं बिस्किट को चोरी कर एक्टीवा वाहन मे ले जाकर घर में चावल के डिब्बे में चावल के अंदर छुपा कर रखना बताया गया l गिरफ्तार आरोपी का नाम:-* राजेन्द्र राजपूत पिता स्व0 भगत सिंह ठाकुर उम्र 27 साल साकिन बाम्हण पारा वार्ड नं0 38 थाना बसंतपुर जिला राजनांदगांव l उपरोक्त कार्यवाही में गठित टीम के थाना प्रभारी निरीक्षक भोला सिंह राजपूत, सउनि उदय सिंह चंदेल, सउनि शत्रुहन टंडन, आर0 अविनाश झा, प्रख्यात जैन,कुश बघेल एवं थाना स्टाप की अहम भूमिका रही। ..
0 रविवार सुबह 6 बजे से चौपाटी रोड सर्किट हाउस के सामने होगा आयोजन राजनांदगांव/शौर्यपथ/ जिम एसोसिएशन द्वारा शहरवासियो के लिए जुंबा कार्निवल का आयोजन किया जा रहा है जो चौपाटी रोड सर्किट हाउस के सामने आयोजित होनी है।30 अप्रैल रविवार सुबह 6 बजे से राजनांदगांव के लोग इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे जिसमे रायपुर से माने हुए जुंबा प्रशिक्षक गोरीशंकर प्रधान और उनकी टीम यहां आराही है इसके साथ छत्तीसगढ़ी फिल्म की प्रसिद्ध अभिनेत्री मिस पूजा शर्मा मोहिनी गीत प्रसिद्धि जिनके 150 मिलियन व्यूज हो चुके हैं साथ रहेगी।जुंबा के साथ योग/गेम्स एवं बहुत सी प्रतियोगिता अयोजीत की जाएगी आप सभी परिवार के साथ सदर अमंत्रित है। उक्त जानकारी अमित अजमानी अध्यक्ष व्यायामशाला संघ राजनांदगांव द्वारा दी गई।
वैसे तो पदम सिंह कोठारी राजनांदगांव जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे लेकिन राजनांदगांव जिला के विभाजन के पश्चात वर्तमान में राजनांदगांव, खैरागढ़ छुईखदान गंडई एवं मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी तीनों जिले का जिला अध्यक्ष का पद संभाल रहे है। पदम सिंह कोठारी ने सफलतापूर्वक अपने 3 वर्ष में कांग्रेस को और अधिक मजबूती देने का कार्य किया है। कोठारी जी ने पूरे जिले भर में सभी कार्यक्रमों में अपनी सक्रियता दिखाते हुए कार्यकर्ताओं का मन जीत लिया है। जिसके कारण जिले भर के कार्यकर्ता संगठन से सक्रियता के साथ जुड़े हुए हैं। साथ ही साथ कांग्रेस से जुड़े सभी प्रकोष्ठ के साथ बेहतर तालमेल बनाकर संगठन को आगे बढ़ाने का काम पदम सिंह कोठारी ने किया है। जिसका परिणाम रहा जिले के अंदर होने वाले सभी चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली है। यह सफलता निश्चित रूप से उनकी कार्यकुशलता और मेहनत को साबित करती है। कोठारी जी के नेतृत्व में पूरे 3 साल जिला कांग्रेस कमेटी बिना किसी मतभेद के चल रही है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम सिंह कोठारी के 3 वर्ष कार्यकाल पूर्ण होने पर जिले भर के सभी विधायक, राजनांदगांव, खैरागढ- गंडई-छुईखदान, मोहला- मानपुर-चौकी जिले के वरिष्ठ कांग्रेसजनो, जिले में निवासरत प्रदेश पदाधिकारी, जिला, ब्लॉक पदाधिकारी, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एन एस यू आई, सेवादल, कांग्रेस के समस्त मोर्चा संगठन प्रकोष्ठ विभाग के जिला ब्लॉक अध्यक्ष व जिला ब्लॉक पदाधिकारियों, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष उपाध्यक्ष, पार्षद एल्डरमैन, त्रिस्तरीय पंचायती राज के जिला, जनपद, ग्राम पंचायत के कांग्रेस समर्थित निर्वाचित सदस्यों ने बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की। कोठारी जी से मिलने के लिए उनके निवास कार्यालय में कार्यकर्ताओं का ताता भी लगा रहा।
राजनांदगांव/छुरिया/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया गया। जिस पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता राहुल तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कहा भूपेश है तो भरोसा है और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी उस भरोसे पर शत प्रतिशत खरा भी उतरे। यह बजट छत्तीसगढ़ के प्रत्येक वर्गों की जनता को ध्यान में रखकर बनाया गया यह बजट पूर्णता जनकल्याणकारी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली मासिक मानदेय की राशि 06 हजार 500 रु. प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रू. प्रति माह की जाएगी। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 03 हजार 250 रू. से बढ़ाकर 05 हजार रू प्रति माह किया जाएगा। मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय 04 हजार 500 रू. से बढ़ाकर 07 हजार 500 रु. प्रति माह किया जाएगा। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना को इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ नगर पंचायत क्षेत्र के लिए भी विस्तार करके नगरीय क्षेत्र की जनता के साथ भी न्याय किया गया। शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की नवीन योजना शुरू की जायेगी। रोजगार एवं पंजीयन केन्द्र में पंजीकृत कक्षा 12वीं पास 18 से 35 वर्ष के युवा, जिनके परिवार की वार्षिक आय 02 लाख 50 हजार से कम होगी, उन्हें अधिकतम 02 वर्ष तक 2500 रू. प्रति माह की दर से बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके लिए 02 सौ 50 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान। निराश्रितो बुजुर्गाे को दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि 350 रू से बढ़ाकर 500 रू प्रति माह की जाएगी। मध्यान्ह भोजन रसोईयों को दी जा रही मानदेय की राशि रूपये 01 हजार 05 सौ को बढ़ाकर 01 हजार 08 सौ रू. प्रति माह किया जाएगा। विद्यालयों में कार्यरत स्वच्छता कर्मियों का मानदेय भी 25 सौ रू से बढ़ाकर 28 सौ रू प्रति माह किया जाएगा। ग्राम कोटवारों को सेवा भूमि के आकार के अनुसार अलग-अलग दरों पर मानदेय दिया जाता है। पूर्व प्रचलित मानदेय की राशि 22 सौ 50 रूपए को बढ़ाकर 03 हजार रूपए, 33 सौ 75 रूपए को बढ़ाकर 04 हजार 05 सौ रूपए., 04 हजार 50रूपए को बढ़ाकर 55 सौ रूपए एवं 04 हजार 05 सौ रूपए को बढ़ाकर 06 हजार रूपए प्रति माह किया जाएगा। ग्राम पटेल को दिये जा रहे 02 हजार रूपए मासिक मानदेय की राशि को बढ़ाकर 03 हजार रूपए किया जाएगा। इसके साथ ही 101 नए आत्मानंद स्कूल, 4 नए मेडिकल कॉलेज खोलने एवं अन्य जनहितकारी घोषणा करके मुख्यमंत्री जी ने आज इतिहास रच दिया है। छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री ने यह भी साबित कर दिया कि वह मन की बात सुनाने से ज्यादा जनता के मन की बात सुनने और उनके सपनों को साकार करने मे भरोसा रखते हैं।
0 किसान की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आ चुका है,आज छत्तीसगढ़ का किसान भी सम्मान की जिंदगी जीने लगा है - चन्द्रिका
राजनांदगांव / शौर्यपथ / छुरिया महिला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चन्द्रिका वर्मा ने भाजपा जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष हिरेंद्र साहू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं भाजपा के नेता नरेंद्र मोदी जब लाखों का सूट पहनकर झाड़ू लगाते हुए फोटो खींचवाते हैं तब भाजपा के लोगों को तकलीफ क्यों नहीं होती जबकि एक किसान घर की बेटी बहू और खुज्जी विधायक छन्नी चंदू साहू खेतों में धान काटने जाती है तो इनको तकलीफ होनी शुरू हो जाती है। खुज्जी विधायक छन्नी चंदू साहू वर्तमान में विधायक है लेकिन इसके पहले पूर्ण रूप से किसान परिवार की बेटी और बहू है। जो हमेशा ही कृषि कार्य करते नजर आती है। साथ ही खुज्जी विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति अपनी जवाबदारी भी निभाती है। इस पर सभी को गर्व होना चाहिए है। आखिर भारतीय जनता पार्टी के लोग किसानों से इतनी नफरत क्यों करते हैं किसान के अच्छे पहनावे से भी इनको तकलीफ है। पिछले 15 वर्षों के भारतीय जनता पार्टी के शासन में छत्तीसगढ़ के किसान खुद को दबा कुचला महसूस कर रहे थे लेकिन छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, जिसके मुखिया भूपेश बघेल है तब से किसानों का और छत्तीसगढ़िया लोगों का सर सम्मान से ऊंचा उठ गया है। आज किसान की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार आ चुका है। आज छत्तीसगढ़ का किसान भी सम्मान की जिंदगी जीने लगा है।
0 जिस कानून को कांग्रेस की सरकार ने पूरे देश मे लागू कराया वही कानून आज कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में मजाक बन कर रह गया है
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिस कानून को कांग्रेस की सरकार ने पूरे देश मे लागू कराया वही कानून आज कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में मजाक बन कर रह गया है। पीड़ित पालक रोमेश ठाकूर ने प्रधानमंत्री को अपनी पीड़ा पत्र लिखकर बताया है कि कैसे तीन वर्षो तक जिम्मेदार अधिकारीयों के समक्ष आग्रह करने के बावजूद उनके पुत्र को निःशुल्क शिक्षा दिलाने में वे असफल रहे। पीड़ित पालक प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आरटीई कानून की धारा 8 एंव 9 को विलोपित करने की मांग कर रहे है क्योंकि इस धारा का पालन प्रदेश और जिले के अधिकारी नही कराना चाहते है। शिक्षा का अधिकार कानून की धारा 8 एंव 9 में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि बच्चों को अनिवार्य प्रवेश से लेकर शिक्षा पूर्ण कराने की बाध्यता राज्य और स्थानीय प्रशासन की है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने इसे पालको का कर्तव्य बता कर अपने पदीय कर्तव्य को पूरा करने से बचते नजर आए। जब कोई भी प्रायवेट स्कूल बंद हो जाता है तो उसमें प्रवेशित आरटीई के बच्चों को अन्य स्कूल में अंयन्त्र प्रवेश दिलाने की पूरी बाध्यता स्थानीय प्रशासन की होती है लेकिन कोरोना काल वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक लगभग 45 प्रायवेट स्कूल जिले में बंद हुए जिसमें लगभग 1500 आरटीई के बच्चे प्रवेशित थे, जिन्हे अंयन्त्र स्कूलों में प्रवेश दिलाने की पूरी जिम्मेदारी आरटीई नोडल अधिकारी आदित्य खरे की थी, लेकिन उनके पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने के कारण आज वे बच्चे या तो शालात्यागी हो गए या मजबूरी में पैसे उधार लेकर किसी प्रायवेट स्कूल में मोटी फीस देकर पढ़ रहे है। जिम्मेदार अधिकारी आदित्य खरे ने लिखित में अपने उच्च अधिकारी कलेक्टर को जवाब दे दिया कि यदि कोई प्रायवेट स्कूल बंद हो गया है तो यह पालको का कर्तव्य है कि वे अपने आरटीई के बच्चों को किसी अन्य स्कूल में पैसे देकर पढ़ाए और उच्च अधिकारी ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की इस तर्क से संतुष्ट भी है। वरना आज श्री खरे निलंबित तो जरूर हो गए होते या उन्हे उनके मूल पद में भेज दिया गया होता। वैसे भी आदित्य खरे का मूलपद प्राचार्य है और वे विगत 20 वर्षो से डीईओ कार्यालय में बाबूगिरी कर रहे और बीस वर्षो से बिना अध्ययपन कराए ही वेतन ले रहे है और जिला प्रशासन यह सब जानबूझकर भी होने दे रहा है।
0 बंद स्कूलों और गरीब बच्चों की झूठी जानकारी दी, एफआईआर दर्ज कराने की हुई मांग
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शिक्षा विभाग में इन दिनों हडकंप मचा हुआ है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारीयों की एक के बाद एक पोल खुल रही है और सख्त कार्यवाही कर सिकंजा उन पर कसते जा रहा है। कोरोना काल वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक अविभाजित राजनांदगांव जिले में कितने प्रायवेट स्कूल बंद हुए, इन बंद स्कूलों में कितने आरटीई के गरीब बच्चे प्रवेशित थे, वे आज कहां है, इसकी जानकारी छिपा कर तत्कालीन आरटीई नोडल आधिकारी आदित्य खरे घिरते नजर आ रहे है। सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत आवेदको ने जब जानकारी की मांग की तो श्री खरे ने जानकारी उपलब्ध नही कराया और छत्तीसगढ़ विधान सभा में स्कूलवाईस जानकारी भेज दिया। अब शिकायतकर्त्ता उन पर कार्यवाही की मांग कर रहे है क्योंकि उनका कहना है कि यदि कार्यालय में जानकारी उपलब्ध था जो श्री खरे ने उन्हे जानकारी उपलब्ध क्यों नही कराया और जो जानकारी सदन को भेजी गई है वह भी झूठी है क्योंकि पीड़ित पालको ने लिखित शिकायत कर खरे के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है क्योंकि उनके बच्चे बंद स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित थे, लेकिन आरटीई कानून की धारा 9 के अंतर्गत उनके बच्चों को श्री खरे ने किसी भी अन्य स्कूलों में प्रवेश नही दिलाया, वे मजबूरी में सोना गिरवी रखकर, पैसे उधारी लेकर अपने बच्चों को अन्य प्रायवेट स्कूलों में पढ़ा रहे है। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने संभागिय कमिश्नर से इस मामले की लिखित शिकायत कर आदित्य खरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है, वैसे भी आरटीई फीस स्कैम की जांच उच्च स्तर पर हो रही है, और राज्य ने इस प्रकरण को टीएल में रखा है क्योंकि आरटीई प्रतिपूर्ति राशि की ऑडिट चल रही है और राज्य सरकार एक एक पैसे का हिसाब मांग रही है। अब सवाल यह उठता है कि श्री खरे ने सदन में झूठी जानकारी दी, सूचना का अधिकार के अंतर्गत आवेदको को झूठी जानकारी दी और कलेक्टर को झूठी जानकारी दी और जब आदित्य खरे के खिलाफ पीड़ित पालको ने दस्तावेजी साक्ष्य के साथ लिखित शिकायत की थी तो उनपर कोई कार्यवाही क्यों नही किया गया, और उन्हे किसका संरक्षण प्राप्त है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है वंही दुसरी ओर सरकारी स्कूलों में पदस्थ जिम्मेदार लोगों के द्वारा सरकार की महात्वांकाशी योंजनाओं पर पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ा जा रहा है। सरकारी स्कूलों में वैसे भी पर्याप्त शिक्षक नही है, जो है वे भी स्कूल कम ही आते है, जो आते है वे कम ही पढ़ाते है और दुसरी ओर गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा सरकारी स्कूल में अध्ययपन कार्य के समय खाना खजाना का कार्यक्रम का आयोजन जिसमें शहर की महापौर को भी सम्मिलत किया गया है, जनप्रतिनिधि शिक्षा को कितने गंभीरता से ले रहे है और जिले के प्रशासनीक अधिकारी इसकी अनुमति कैसे दे रहे है यह समझ से परे है। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने मगंलवार दिनांक 29 नवंबर को इंटेक राजनांदगांव द्वारा महारानी स्कूल में आयोजित खाना खजाना कार्यक्रम का विरोध किया है और कलेक्टर को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम को तत्काल रदद् कर जिम्मेदारों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की गई है।