November 24, 2024
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 ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /प्याज का रस बालों के स्वास्थ्य के लिए एक जाना-माना उपाय है, खास तौर पर बालों के झड़ने के लिए.  इसे घरेलू उपचार के तौर पर दशकों से इस्तेमाल किया जाता रहा है. क्या आप अपने बालों की देखभाल के लिए प्याज के रस का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं? तो हम यहां पर आपको प्याज के रस को बाल में अप्लाई  करने का सही तरीके बता रहे हैं, जो आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा.
कुछ मामलों में प्याज का रस बालों के झड़ने के लिए प्रभावी हो सकता है. इसका रस बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से भी रोक सकता है और रूसी का इलाज कर सकता है.
कुछ लोग इसकी तेज गंध के कारण अपने बालों में प्याज के रस का उपयोग करने से बचते हैं. ऐसे में हम यहां पर प्याज की गंध को कम करने में मदद करने के लिए सरल नुस्खे सुझाए हैं जिसे आप आजमा सकती हैं...
कैसे प्याज का रस बाल में करें अप्लाई
3 चम्मच प्याज के रस को 2 चम्मच नींबू के रस के साथ मिलाएं.
मिश्रण को बालों और स्कैल्प पर जितना संभव हो उतना समान रूप से लगाएं.
बालों और स्कैल्प पर 30 मिनट तक लगा रहने दीजिए.
फिर आप बालों को धो लीजिए.
शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्याज के सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण आपके बालों को बढ़ाने या उनके स्वस्थ स्वरूप को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं

  आस्था /शौर्यपथ /मंत्रों में अद्भुत शक्तियां होती हैं. धर्म शास्त्रों में प्राचीन समय में किए जाने वाले यज्ञ में मंत्रों के जाप  की महिमा बताई गई है. पूजा पाठ में भी मंत्रों के जाप किए जाते हैं. वहीं, दिन की शुरूआत मंत्रों के जाप करने से कई लाभ होते हैं. कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका प्रति दिन सुबह जाप करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है और भाग्योदय होता है. इन प्रभावशाली मंत्रों के जाप से मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है. ओम के उच्चारण के साथ मंत्रों का जाप तनाव को भी कम करने में मदद करता है. आइए जानते हैं ऐसे मंत्र  जिनसे दिन की शुरुआत करने से हो सकता है भाग्योदय.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
सनातन धर्म में गायत्री मंत्र का बहुत प्रभावशाली माना जाता है. प्रतिदिन गायत्री मंत्र के जाप से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और आंतरिक शक्ति विकसित होती है. प्रतिदिन सूर्योदय के समय इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मकता से आपसे दूर बनी रहती है और शांति का अनुभव होता है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
भगवान शिव को समर्पित महामृत्युंजय मंत्र प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्रों में शामल है. प्रतिदिन इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और भय, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है.
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय भगवान शिव की स्तुति करने का माध्यम है. मंत्र का अर्थ है, मैं भगवान शिव और उनकी शक्ति को नमन करता हूं. प्रतिदिन प्रात: काल इस मंत्र का जाप करने से भय, तनाव और चिंता से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सकारात्मक परिणाम सामने आने लगते हैं.
प्रात: स्मरण मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्
प्रात: स्मरण के ये मंत्र बहुत प्रभावशाली है. सूर्योदय के समय अपने दोनों हाथों को देखते हुए इस मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्रा पाठ के बाद हाथों को अपने चेहरे पर फेरना चाहिए. इस मंत्र से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हर साल आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है और कार्तिक मास की देवउठनी ग्यारस तक यह चातुर्मास चलता है. यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु  का शयनकाल शुरू होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे चातुर्मास कहा जाता है और इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है. तो इस साल चातुर्मास की शुरुआत कब से हो रही है, यह कब खत्म होगा और इस दौरान आपको किन-किन कामों से बचना चाहिए जानें यहां.
साल 2024 में कब शुरू होगा चातुर्मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो इस बार 17 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 12 नवंबर 2024 को होगा. 17 जुलाई को ही देवशयनी एकादशी  का व्रत किया जाएगा और इसके बाद भगवान विष्णु पूरे 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे. इसके बाद सीधे देवउठनी एकादशी के दिन वो जागते हैं, देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर, 2024 के दिन रहेगा और इसके बाद से ही शादी ब्याह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, तो उनकी अनुपस्थिति में किसी भी तरह का कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास में किए गए मांगलिक कार्य पर भगवान विष्णु की कृपा नहीं होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं, तो वह अपना सारा काम शिवजी (Lord Shiva) को सौंप देते हैं. जब तक विष्णु भगवान योग निद्रा में रहते हैं, तब तक पूरे संसार का संचालन महादेव करते हैं.
अब बात आती है कि चातुर्मास के दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं. चातुर्मास के दौरान शादी ब्याह  से लेकर किसी तरह के कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. इसी प्रकार गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी खरीदना, घर बनाना, मुंडन, जनेऊ, भूमि पूजन या नया बिजनेस शुरू करने जैसी कोई चीज चातुर्मास में नहीं होती है. वहीं, चातुर्मास के दौरान अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो हर शाम को तुलसी के पास घी का दीया जरूर लगाना चाहिए. कहते हैं कि चातुर्मास में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिए.

  आस्था /शौर्यपथ /भगवान भोलेनाथ  को देवों का देव महादेव यूं ही नहीं कहा जाता, बल्कि महादेव अपने भक्तों के प्रति समर्पित होते हैं और उन्हें हर दुख, दर्द और कष्ट से छुटकारा दिलाते हैं. ऐसे में भक्त भी अपने हर कष्ट को लेकर भोलेनाथ के पास पहुंच जाते हैं, क्योंकि वो भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. इसी तरह से अगर कोई भक्त लोन से परेशान है, तो वह भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में आकर एक बार भी माथा टेक ले, तो उसका बड़े से बड़ा कर्ज उतर जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उज्जैन के इसी ऋणमुक्तेश्वर मंदिर के बारे में.
भगवान शंकर को समर्पित है ऋणमुक्तेश्वर मंदिर
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन में स्थित है. मान्यताओं के अनुसार, ऋणमुक्तेश्वर महादेव के दर्शन मात्र करने से ही भक्तों को कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. कहते हैं कि शनिवार के दिन अगर ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में पूजा पाठ या दर्शन मात्र भी कर लिए जाएं, तो बड़े-बड़े लोन को चुकाने के लिए आप में सामर्थ्य आ जाता है और आप आसानी से ऋण मुक्त हो सकते हैं.
भोलेनाथ को करें पीली दाल अर्पित
मान्यताओं के अनुसार, ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में शनिवार को भगवान शिव को पीली दाल अर्पित की जाती है. यहां पीली पूजा का विशेष महत्व होता है, तो अगर आप भी किसी प्रकार के किसी बड़े लोन या ऋण से परेशान हैं और चुका पाने में मुश्किल हो रही है, तो एक बार ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन जरूर करें.
राजा हरिश्चंद्र से जुड़ी है कहानी
ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर की कहानी राजा हरिश्चंद्र से भी जुड़ी हैं. कहा जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें आशीर्वाद दिया था और उन्होंने आसानी से अपना ऋण चुका दिया था. कहते हैं कि ऋण मुक्तेश्वर मंदिर में पूजा के दौरान आपको ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए, यहां के स्थानीय लोगों का ये भी मानना है कि भगवान ऋणमुक्तेश्वर का दर्शन करने से ही कर्ज उतर जाता है

  नई दिल्ली/शौर्यपथ /गर्मी की मार झेल रही दिल्ली को बारिश होने से थोड़ी राहत मिली है. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बारिश हो रही है, इसी के साथ मौसम भी सुहाना हो गया. बारिश होने के साथ ही दिल्लीवासी तपती गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं. अब तापमान भी पहले से थोड़ा नीचे गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी का एक वीडियो पोस्ट किया गया. जिसमें आर.के. पुरम इलाके में बारिश होती दिखाई दे रही है.
दिल्ली में भीषण गर्मी का सितम
दिल्ली में बीते कुछ सप्ताह में लोग गर्मी से बेहाल है. इस साल हीट वेव जितने दिनों का रहा है उसने बीते कई दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इस गर्मी में जितने दिनों के लिए हीटवेव की स्थिति देखने को मिली है वो बीते 74 सालों में सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों ही इस सीजन में दिल्ली का न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे 60 साल पुराना गर्मी का रिकॉर्ड भी टूट गया. इतनी भीषण गर्मी के बीच पूरी दिल्ली बारिश का इंतजार कर रही थी. ऐसे में आज हुई बारिश ने लोगों को गर्मी के सितम से निजात जरूर दिलाई है.
गर्मी ने तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड
दिल्ली में इस बार बात सिर्फ हीटवेव की ही नहीं है. इस साल मई और जून के मध्य तक जिस तरह की गर्मी दिल्ली में देखी गई है वो कई रिकॉर्ड पहले ही तोड़ चुकी है. पिछले महीने 29 मई को दिल्ली  तापमान 46.8 दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि 29 मई 1944 में दर्ज किए गए 47.2 डिग्री के बाद दूसरा सबसे अधिक तापमान है. 1998 में दिल्ली का तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
सुबह से ही दिल्ली में छाए रहे बादल
दिल्ली में शुक्रवार को सुबह से ही बादल छाए रहे और न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिए सामान्य तापमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में आज दिन में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई थी. वहीं, अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया गया था.  आईएमडी ने दिल्ली में शनिवार और रविवार को बादल छाए रहने की संभावना जताई है, जिससे दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है.
दिल्ली में राहत
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली में सप्ताहांत के दौरान भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलने का अनुमान जताया है क्योंकि शनिवार और रविवार को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है..आईएमडी ने शुक्रवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था. दिल्ली में अधिकतम तापमान के करीब 40 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पिछले पांच दिनों में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े 50 लोगों के शव बरामद किए गए. हालांकि, पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उनकी मौत गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण हुई है या किसी अन्य वजह से.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा'', 51 से 100 के बीच ‘‘संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ‘‘मध्यम'', 201 से 300 के बीच ‘‘खराब'', 301 से 400 के बीच ‘‘बहुत खराब'' और 401 से 500 के बीच ‘‘गंभीर'' माना जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 157 दर्ज किया गया, जो कि 'मध्यम' श्रेणी में आता है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा'', 51 से 100 के बीच ‘‘संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ‘‘मध्यम'', 201 से 300 के बीच ‘‘खराब'', 301 से 400 के बीच ‘‘बहुत खराब'' और 401 से 500 के बीच ‘‘गंभीर'' माना जाता है.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बढ़ती उम्र का असर फेस पर झुर्रियों और फाइन लाइन के रूप में नजर आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बढ़ती उम्र में कोलेजन का उत्पादन शरीर में कम होने लगता है. जिसके चलते फेस की चमक कम होने लगती है. ऐसे में हम यहां पर आपको कुछ फेशियल एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपके चेहरे की चमक बढ़ती उम्र में जवां नजर आ सकता है. रात में तलवों पर इस तेल से 5 मिनट कर लीजिए मालिश, चैन की आएगी नींद, चेहरा जाएगा निखार और पीरियड में पेन होगा कम
3 फेशियल एक्सरसाइज
अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके 'V' आकार बनाएं. अब अपनी उंगलियों को अपनी आंखों के नीचे के किसी भी कोने पर बहुत ही हल्के दबाव के साथ रखें. फिर अपनी आंखों को 6 बार सिकोड़ें और 6वीं बार एक सेकंड के लिए रोकें और फिर छोड़ दें.
यह फेस योगा एक्सरसाइज आपकी त्वचा को सचमुच में ठीक करती है. यह आपकी आंखों की मांसपेशियों पर काम करती है और त्वचा को मोड़ने से रोकती है, जिससे महीन रेखाएं और झुर्रियां नहीं पड़ती हैं. लेकिन शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए नमीयुक्त रखा जाए. यह व्यायाम गर्दन और जबड़े की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे ढीलापन कम होता है और जबड़े और गर्दन की रेखा अधिक स्पष्ट दिखती है.
अपनी पीठ सीधी और कंधों को आराम देते हुए बैठें या खड़े हों. अपने सिर को थोड़ा पीछे झुकाएं और छत की ओर देखें.अपने होठों को कसकर बंद करें और अपनी जीभ को तलुओं पर रखें. धीरे-धीरे अपने निचले होंठ को अपने ऊपरी होंठ के ऊपर लाएं, जबकि अपने होठों को बंद रखें और अपनी जीभ को अपने मुंह की छत पर दबाएं. इस स्थिति में 5 सेकंड तक रहें, फिर आराम करें. व्यायाम को 5-10 बार दोहराएं, प्रत्येक हरकत के साथ अपनी गर्दन और जबड़े की मांसपेशियों को काम करते हुए महसूस करें.

  आस्था /शौर्यपथ /मंत्रों का उच्चारण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए दोहराया जा सकता है. जब इरादे और ध्यान के साथ दोहराया जाता है, तो मंत्र हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहारों में स्थायी परिवर्तन ला सकते हैं. मंत्रों के लाभ जबरदस्त हैं. तनाव कम करने से लेकर नींद में सुधार, ध्यान केंद्रित करने हमारे समग्र स्वास्थ्य और मानसिक फिटनेस में सुधार करने तक में मंत्रों का विशेष योगदान होता है. ऐसे में हमने 5 शक्तिशाली प्राचीन मंत्रों की लिस्ट के बारे में आपको बताने वाले हैं, जो आप हर रोज 5 मिनट तक कर लेते हैं तो फिर आपकी सेहत को एक नहीं कई फायदे मिलेंगे.
ओम सो हम
ओम सो हम, हमारे सबसे पसंदीदा मंत्रों में से एक है. यह सरल है और बहुत खूबसूरती से हमारी सांसों को नियंत्रित करता है, साथ ही हमारे दिमाग को शांत करता है. इस मंत्र का सिर्फ 5 मिनट जाप करने से सिरदर्द दूर हो सकता है और आंतरिक शांति का एहसास हो सकता है.
ओम मणि पद्मे हुं
यह मंत्र बौद्ध धर्म से आया है और करुणा के बोधिसत्व से संबंधित है. यह बौद्ध धर्म द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख मंत्रों में से एक है और करुणा और प्रेम की भावनाओं को जगाने के लिए इसे कई बार गाया जाता है.
ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है. इस मंत्र को बार-बार दोहराने से पारलौकिक विधा या शुद्ध एकाग्रता की स्थिति प्राप्त होती है.
लोकाः समस्ता सुखिनो भवन्तु -
सकारात्मक ऊर्जा और सार्वभौमिक कल्याण के लिए मंत्र यह एक प्राचीन संस्कृत प्रार्थना है, जिसे अक्सर योग अभ्यास के अंत में पढ़ा जाता है.यह प्रार्थना हमें अपने अहंकार से दूर ले जाती है और सभी प्राणियों में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम को प्रसारित करने में मदद करती है.
तयाता ओम बेकांज़े
यह मंत्र लोकप्रिय रूप से मेडिसिन बुद्ध मंत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह हमारे दर्द और पीड़ा को ठीक करता है. यह मृत्यु और पुनर्जन्म के दर्द और दैनिक जीवन की हमारी सभी समस्याओं को दूर करता है. किसी भी दुख और दर्द को कम करने के लिए इस शक्तिशाली मंत्र को दोहराएं.

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि बहुत शुभ मानी जाती है, इस दिन पूरा चंद्रमा निकलता है और इसकी पूजा-अर्चना करने के साथ ही पूर्णिमा तिथि पर अगर व्रत किया जाए, देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना की जाए, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, सत्यनारायण कथा, व्रत और चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है और ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस बार कई अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं, जिनका प्रभाव तीन राशि के जातकों पर विशेष रूप से पड़ने वाला है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा इन राशियों के लिए होगी शुभ
वृषभ राशि - वृषभ राशि के जातकों के लिए यह पूर्णिमा तिथि बहुत ही शुभ होने वाली है. उन्हें किसी भी प्रकार के मानसिक दुख-दर्द से छुटकारा मिलेगा और उनकी जिंदगी में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा, भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, आय के नए साधन बनेंगे और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. करियर में जो भी समस्याएं आ रही हैं वो खत्म होंगी और बिजनेस में भी लाभ के योग हैं.
कर्क राशि - कर्क राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ फल देने वाली है. इस दौरान परिवार में चल रहे कोई भी पैतृक विवाद का निपटारा होगा. विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं, धन के नए स्रोत मिलेंगे. आप तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं और प्रेम संबंधों में भी मजबूती आएगी.
धनु राशि - धनु राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ फल देने वाली होगी, यह समय आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा. अचानक से धन की प्राप्ति होगी, आपके बिजनेस में ग्रोथ की संभावना है, रुका हुआ जो भी काम है वह पूरा होगा और दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी. समाज में आपका मान सम्मान बढ़ेगा.

 शौर्यपथ /मई और जून में आम तौर पर खूब शादियां होती हैं लेकिन इस साल शुक्र के अस्त होने के कारण इन दोनों माह में विवाह के मुहूर्त नहीं थे. अब 61 दिन बाद शुक्र के उदय होने के कारण जुलाई में विवाह के मुहूर्त  बन रहे हैं. जुलाई माह में विवाह के 6 मुहूर्त हैं. इसके बाद सीधे नवंबर और दिसंबर में ही शादियां हो पाएंगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के मुहूर्त के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का उदय रहना जरूरी माना जाता है. इस वर्ष 29 अप्रैल को शुक्र और 6 मई का गुरु अस्त हो गए थे जिसके कारण मई और जून में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं थे. आइए जानते हैं कब होंगे शुक्र उदय और जुलाई में किस किस दिन बन रहे हैं विवाह के मुहूर्त.
शुक्र का उदय
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि यानी 29 जून को रात के 7 बजकर 52 मिनट पर शुक्र उदय होने वाले हैं. शुक्र के उदय होने के बाद मांगलिक कार्यों के मुहूत बनेंगे.
जुलाई में विवाह के मुहूर्त
29 जून को शुक्र के उदय होने के बाद जुलाई माह में मांगलिक कार्य के मुहूर्त बन रहे हैं. जुलाई माह में 7, 9, 11, 12, 13 और 15 तारीख को विवाह के मुहूर्त हैं. इसके बाद नंवबर माह में 17, 18, 22, 23, 24, 25 और 26 का जबकि दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 13, और 14 को विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं.
मांगलिक कार्यों में शुक्र का महत्व
शुक्र धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख समृद्धि के स्वामी है इसलिए मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए शुक्र का उदय होना जरूरी माना जाता है. शुक्र, गुरु और सूर्य के उदय होने पर हर तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों के मुहूर्त बनते हैं. इस वर्ष 29 अप्रैल को शुक्र और 6 मई का गुरु अस्त हो गए थे इसीलिए मई और जून में शादियां नहीं हुई. अब 61 दिन के बाद शुक्र के उदय होने के बाद जुलाई में विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.

भिलाई / शौर्यपथ / उत्पादन में तेजी लाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप 3 के सीवी-2 कास्टर में 14 जून 2024 को फ्लाइंग टंडिश अभ्यास सफलतापूर्वक कर एक और उपलब्धि हासिल की गई।
टंडिश फ्लाइंग से निर्बाध उत्पादन बनाए रखने में मदद मिलती है। जब एक टंडिश का उपयोग अनुक्रम कास्टिंग में किया जाता है, तो कास्टिंग जारी रखने के लिए टंडिश फ्लाइंग का प्रयोग किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सीवी-2 कास्टर से नियमित उत्पादन प्रारंभ होने के सात दिनों की ही अवधि में यह उपलब्धि हासिल की गई। पहले ही प्रयास में सफल टंडिश फ्लाइंग का प्रचालन, टीम एसएमएस-3 की नई चुनौतियों को स्वीकार करने की अनुकरणीय भावना का परिणाम है।


गौरतलब है कि कास्टर सीवी-2 जिसे प्रमुखत: बीम ब्लैंक कास्टर के रूप में कमीशन किया गया था, को ब्लूम और बीम ब्लैंक दोनों की कास्टिंग करने में सक्षम कॉम्बी-कास्टर में परिवर्तित कर दिया गया है। संयंत्र की यूनिवर्सल रेल मिल के ब्लूम की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह रूपांतरण किया गया था। 14 मई 2024 को कास्टर सीवी-2 से ब्लूम की पहली हीट निकाली गई थी, जिसके पश्चात 30 मई 2024 को तीन रेल ब्लूम का उत्पादन किया गया। 6 जून 2024 को सीवी-2 का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिसके बाद सीवी-2 से नियमित उत्पादन शुरू हुआ।

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