October 23, 2025
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लाइफस्टाइल/शौर्यपथ / खराब लाइफस्टाइल और खानपान की खराब आदतें असंतुलित हार्मोन्स का कारण बन रही हैं. हार्मोनल का बैलेंस बिगड़ने से कई बार महिलाओं में पीरियड्स के दौरान गंभीर दर्द, अनियमित पीरियड्स, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में अनचाहे बाल, कील-मुंहासे, पीसीओएस, थायराइड, बालों का झड़ना जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं. यह आगे चलकर परेशानी का सबब बनने लगती हैं. हमारे शरीर में  अलग-अलग अंगों को एक्टिव रखने के लिए अलग-अलग हार्मोन की जरूरत होती है. कई बार शरीर में हार्मोनल ग्लैंड्स सही तरीके  से काम करना बंद कर देती है.
ऐसे में डायबिटीज, थायराइड सहित कई अन्य तरह की बीमारियां शरीर में दस्तक देना शुरू कर देती हैं. हालांकि Hormonal Imbalance होने पर इसके शुरुआती संकेत मिलने लगते हैं, जिसके आधार पर अलर्ट हो जाना जरूरी है. अगर आपके शरीर में भी हार्मोन्स का लेवल बिगड़ गया है तो डॉक्टर के बताए इन बातों पर गौर करें.
डॉक्टर के अनुसार शरीर में ये हार्मोन्स बेहद जरूरी हैं
कुछ ऐसे हार्मोन्स हैं जो हमारे शरीर में बहुत सारे काम करते हैं. इनमें थायरॉइड हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि के हार्मोन, एड्रेनालाईन हार्मोन, ग्रोथ हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन शामिल हैं.
थायरॉइड हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुत जरूरी है. थायरॉइड हार्मोन को थायरॉइड ग्रंथि तैयार करती है और यह ग्रंथि गले के पास होती है. इस ग्रंथि में t3 और t4 हार्मोन तैयार होते हैं. यह दोनों मिलकर थायरॉइड हार्मोन बनाते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि ग्रोथ हार्मोन शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं.
 हार्मोनल चेंजेज के यह संकेत
हार्मोन बदलने के कुछ संकेत मिलते हैं. जैसे वजन बढ़ना, सुस्ती आना, पेट साफ ना होना, कोई काम में उत्साह न रहना, महिलाओं में मेंस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो जाना है. इससे प्रेगनेंसी में भी दिक्कत आती है. इसके अलावा हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है.
जब हाइपोथॉयराडिज्म का लेवल बढ़ जाए तो बुखार आता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, हाथ कांपने लगते हैं, तलवे में पसीना आने लगता है, लूज मोशन होने लगते हैं. महिलाओं को मेंस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो जाता है और नींद नहीं आती. डॉक्टर के अनुसार हाइपोथॉयराडिज्म में थायरोक्सिन के रूप में थायरॉइड हार्मोन का सप्लीमेंट लेना पड़ता है या फिर कुछ दवाइयां खानी पड़ती हैं.
हार्मोन्स का बैलेंस गड़बड़ होने पर क्या करें
अगर आप डॉक्टर के पास जाने से बचना चाहते हैं तो हेल्दी डाइट लें. ऐसी डाइट लें जिसमें सारे पोषक तत्व मौजूद हों. पर्याप्त नींद लें, अपनी लाइफ स्टाइल सही रखें. अपना वजन कंट्रोल में रखें, रोज थोड़ा एक्सरसाइज करें.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /दशहरा यानी विजयदशमी का दिन असत्य पर सत्य की जीत और पाप पर पुण्य की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को मार कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया था. विजयदशमी के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस पर विजय प्राप्त की थी. विजयदशमी के दिन शमी और अपराजिता की भी पूजा की जाती है. दशहरा के त्योहार को वर्षा ऋतु के अंत और शरद ऋतु के प्रारंभ का भी सूचक माना जाता है. इस दिन मां दुर्गा  की मूर्ति और कलश विसर्जन किया जाता है, साथ ही रावण के पुतले का भी दहन होता है. विजयदशमी वाले दिन नीलकंठ नामक पक्षी का दर्शन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. दशहरा के दिन भगवान श्री राम, मां दुर्गा और गणपति बप्पा के  साथ ही हनुमान जी की भी पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है.
कब है दशहरा का त्योहार
दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू होकर 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार विजयदशमी या दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का होना बहुत कल्याणकारी और शुभ
माना जाता है. साल 2024 में श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर  को सुबह 5:00 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 बजे समाप्त हो रहा है.
विजयदशमी पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
विजयदशमी के दिन पूजा का मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इसकी कुल अवधि लगभग 46 मिनट तक रहेगी.
बंगाल में दुर्गा पूजा का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. बंगाल में दशहरा का पर्व इस साल 13 अक्टूबर 2024 यानी रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:16 से शुरू होकर दोपहर 3:35 बजे तक रहेगा. यानी पूजा करने की कुल अवधि लगभग 2 घंटे 19 मिनट तक है.
विजयदशमी को शक्ति और साहस का प्रतीक माना गया है. भगवान राम की रावण के साथ लड़ाई में उनकी शक्ति और साहस का प्रदर्शन हुआ था. दशहरा पापों का नाश का प्रतीक है. भगवान राम की रावण पर विजय से यह साबित होता है कि पापों का नाश होता है और सत्य जीतता है.

रायपुर / शौर्यपथ / सरगुजा जिले के पहाड़ी कोरवा बाहुल्य ग्राम रामनगर की श्रीमती संगीता पहाड़ी कोरवा कहती हैं कि हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु भईया हर महीने एक हजार रूपये हमारे बैंक खाते में भेजते हैं। महतारी वंदन योजना के तहत मिले पैसों से काफी मदद हो जाती है। इन रुपयों को घर के छोटे-मोटे खर्चे, बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के समान खरीदने में खर्च करते हैं।
इसी तरह ग्राम रामनगर (बरपारा) निवासी श्रीमती गुलाबी भी महतारी वंदन योजना की हितग्राही हैं। वे कहती हैं कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत हर महीना एक हजार रुपए की राशि सीधे खाते में मिल जाती हैं। इस पैसे से घरेलू खर्चे में काफी मदद हो जाती है और हाथ में पैसा हो तो आत्मविश्वास रहता है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 2 सितंबर को महतारी वंदन योजना के सातवीं किस्त की राशि के रूप में 01-01 हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से महिलाओं के खाते में अंतरित किये। सरगुजा जिले में 7वीं किश्त में जिले की 2 लाख 32 हजार 840 महिलाओं के खाते में 21 करोड़ 48 लाख रुपए अंतरित किए गए हैं। प्रदेश में महिलाओ के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सतत सुधार तथा परिवार मे उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने हेतु महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “महतारी वंदन योजना” लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। जिसके अंतर्गत राज्य की विवाहित, विधवा परित्यक्ता और तलाकशुदा जिनकी उम्र 21 वर्ष से अधिक हो ऐसी महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बटन दबाकर प्रथम किश्त की राशि जारी की थी। योजना के तहत पहले चरण में राज्य के करीब 70 लाख से अधिक महिलाओं को लाभार्थी के तौर पर चुना गया है, जिनके बैंक खाते में योजना की 7वीं किश्त ट्रांसफर कर दी गई हैं।

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत साल में 24 बार पड़ता है. हर एकादशी व्रत का अपना महत्व है. पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं. इसे श्राद्ध एकादशी  भी कहते हैं. हिंदू धर्म में इसकी महत्ता काफी ज्यादा है. इन दिन पूजा करने से कई तरह के कष्ट मिट जाते हैं. आइए जानते हैं इस बार इंदिरा एकादशी कब पड़ रही है, इसका महत्व क्या है और पूजा कैसे की जा सकती है.
कब है इंदिरा एकादशी |
पुराणों में बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण ने खुद धर्मराज युधिष्ठिर को इस व्रत का महत्व बताया था. माना जाता है कि इस व्रत को करने से यमलोक से मुक्ति मिल जाती है. इससे पितरों का उद्धार होता है और हर तरह के पाप मिट जाते हैं. इंदिरा एकादशी का व्रत  शनिवार, 28 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है. द्रिक पंचांग के अनुसार, एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक है.
अभिजीत मुहूर्त 28 सितंबर की सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक होगा. इस दिन राहुकाल का समय सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
एकादशी तिथि का समय
27 सितंबर की दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से एकादशी की तिथि की शुरुआत हो जाएगी, जो 28 सितंबर 2024 की दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. व्रत पारण का समय 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 35 मिनट तक होगा.
एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं
शास्त्रों के मुताबिक, एकादशी का व्रत पानी पीकर या निराहार रख सकते हैं. फलाहार व्रत रखने वाले केवल फल खा सकते हैं, जबकि जलाहार व्रत में सिर्फ जल पीकर ही रहा जाता है. इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

नौकरी के साथ ही पहाड़ी कोरवा सागर की सज गई नई उम्मीदें
पहले रोजी-मजदूरी करता था, अब शिक्षक के रूप में निभा रहे जिम्मेदारी

रायपुर / शौर्यपथ / पहाड़ी कोरबा सागर कुछ माह पहले तक एक मजदूर था। हाथ में कुछ काम नहीं होने की वजह से वह गाँव में एक ठेकेदार के पास जाकर ईंट ढोने का काम किया करता था। इससे उन्हें जी भर के परिश्रम करनी पड़ती थी और पैसे भी कम मिलते थे। घर में माता-पिता की जिम्मेदारी उठाने और अपना खर्च निकालने के लिए सागर को यह काम हर हाल में तब भी करना पड़ता था जब कभी उसे शारीरिक थकावट महसूस होती थी। वह चाहकर भी ऐसी नौकरी नहीं कर पा रहा था, जिससे उसका ईंट ढोने के कार्य से पीछा छूटे।
  विशेष पिछड़ी जनजाति के पहाड़ी कोरवा सागर के लिए रोजी-रोटी की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई थी, क्योंकि उनके हाथों को हर दिन काम मिल जाए यह भी जरूरी नहीं था। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जब जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के योग्य बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की शुरुआत की गई तो पहाड़ी कोरवा सागर ने भी अपना आवेदन जमा किया। पहाड़ी कोरवा सागर के दस्तावेजों की जाँच के पश्चात उसका चयन कर लिया गया। विषम परिस्थितियों में रहकर गरीबी के बीच मजदूरी करने वाला पहाड़ी कोरवा सागर के हाथ से अब कोई ईंट नहीं उठता बल्कि इन्हीं परिश्रमी हाथों को चाक और किताबों का साथ मिल गया है। पहाड़ी कोरवा सागर अब प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को शिक्षा देकर आगे बढ़ने का संदेश दे रहा है।
  कोरबा ब्लॉक के ग्राम चीतापाली में पदस्थ पहाड़ी कोरवा सागर ने बहुत संघर्षों से बारहवीं पास किया। इस बीच कोई काम नहीं होने की वजह से वह अपने पिता की तरह मजदूरी का काम करने लगा। जंगल से निकलकर पहले पढ़ाई फिर मजदूरी करना और घर का खर्च उठाना यह सब उसके संघर्षमय जीवन की कहानी थी। सागर ने बताया कि पिताजी सहित उनके परिवार के अधिकांश सदस्य बहुत गरीब है और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह बारहवीं तक की पढ़ाई कर पायेगा। सागर ने बताया कि 2022 में 12वीं पास करने के बाद उन्हें मजदूरी करनी पड़ती थी। इस बीच ट्रैक्टर में ईंट उठाकर डालने और उसे ढो कर उतारने का काम करना पड़ता था। इस बीच शरीर में दर्द होने के बाद भी काम करना पड़ता था। सागर ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं होता कि वह शिक्षक बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा हम पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी देकर बहुत बड़ा उपकार किया गया है। उन्होंने बताया कि नौकरी लगने से घर-परिवार से लेकर रिश्तेदारों और समाज में खुशी का वातावरण है। पहाड़ी कोरवा सागर का कहना है कि अब उसकी पूरी दिनचर्या बदल गयी है। स्कूल में पढ़ाने के साथ ही बहुत कुछ सीखने को भी मिल रहा है जो आने वाले समय में अपने बच्चों को सिखाने के काम आएंगे। स्कूल में टाइम के अनुसार उन्हें पढ़ाना होता है। इस कार्य से उसे बहुत खुशी महसूस हो रही है। वह कहता है कि नौकरी भले ही उन्हें डीएमएफ से मानदेय आधार पर मिली है लेकिन यह उसकी खुशियों की वह सीढ़ी है जिससे आने वाले कल का नया भविष्य तैयार हो पायेगा और आर्थिक स्थिति भी मजबूत बन पाएगी।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृत संकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। बलरामपुर जिला के सुरजन कोरवा ने पक्के आवास के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। वे बताते हैं जिले के विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पचायत सरगढ़ी के ग्राम गोविन्दपुर के निवासी है। पक्के मकान से पहले वो लकड़ियों और पैरा से बनाए गए झोपड़ी में रहने को मजबूर थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटा रहते थे। बेटे की असामायिक मृत्यु हो जाने से घर की हालात और भी खराब हो गई। एक तरफ बेटे के जाने का दुःख और दूसरे तरफ घर की परिस्थितियां उनके मन को चिंतित कर रही थी। लकड़ी और पैरा से बने घर में उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था, जहां एक तरफ जीव-जन्तु का डर वहीं दूसरी ओर मौसम की मार पेरशानियों को कम नहीं कर रही थी। आगे वे बताते हैं कि मजदूरी कर वह अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में घर बनाने के लिए असहाय थे। तब पीएम जनमन के तहत उनको पक्का आवास मिला।
   सुरजन ने जनमन अभियान से हुए परिवर्तन के बारे में बताया कि आज उनका खुद का पक्का आवास है। वे कहते हैं हम जैसे आदिवासी जनजातियों के लिए प्रधानमंत्री संवेदनशीलता दिखाते हुए प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। श्री सुरजन के पास आज आधार कार्ड भी है जिसके माध्यम से अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम है और जनमन शिविरों में भी जाकर योजनाओं की जानकारी लेते हैं। ताकि शासन की योजना का लाभ उठा सकें।
   राज्य शासन के द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के परिवारों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनके सामाजिक और आर्थिक विकास में सहयोग प्रदान की जा रही है। जिससे वो विकास के पथ पर अग्रसर हो रहे है। बलरामपुर जिले में पहाड़ी कोरवा समुदाय का एक विशेष स्थान है। जहां शासन-प्रशासन के प्रयासों से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) परिवारों को बेहतर जीवन शैली के लिए मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास जारी है। वैसे तो एक तरह से देखा जा सकता है कि पीवीटीजी परिवारों की स्थितियों में सुधार के लिए कई पहल किए गए हैं। लेकिन जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सुशासन आया तब से पहाड़ी कोरवा परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पीवीटीजी बसाहटों में पहल तेज हुई है।जहां पीवीटीजी समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इन्ही प्रयासों का नतीजा है कि प्रधानमंत्री न्याय महाभियान अंतर्गत पहाड़ी कोरवा सदस्यों को शासन की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जनमन आवास, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, राशनकार्ड,  आदि महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों में बाढ़ विपदा की आशंका को देखते हुए ओडिसा के मुख्यमंत्री से की चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अनुरोध पर ओडिसा के मुख्यमंत्री ने हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने के दिए निर्देश
ओडिसा के मुख्यमंत्री की बाढ़ रोकने की पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया आभार प्रकट
पहली बार दोनो राज्यों की जनहितैषी सरकारों के मध्य अपूर्व सामंजस्य से लोकहित में लिया गया त्वरित निर्णय

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों के अंतर्गत रायगढ़ के गांवों  में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर त्वरित गति से पहल करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से गत रात्रि चर्चा कर हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का अनुरोध किया जिससे बाढ़ की संभावित आपदा से बचाव हो सके।
  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर ओडिसा के  मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोनों प्रदेशों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का आदेश दिया जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में होने वाली जन-धन की संभावित हानि से ग्रामवासियों का बचाव हो सके ।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की इस संवेदनशील पहल के लिए उन्हें हृदय से आभार व्यक्त किया है।
  उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रतिवर्ष भारी बारिश की वजह से हीराकुड बांध के डुबान क्षेत्र में आने के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों को बाढ़ की विपदा झेलनी पड़ती थी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो राज्यों में जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाली जनहितैषी सरकारों के रहने से पहली बार दोनो राज्यों के मध्य अपूर्व सामंजस्य के साथ त्वरित निर्णय लेकर लोकहित में कार्य किए जा रहे हैं। दोनो राज्यों की सरकारों के मध्य ऐसा सामंजस्य पहली बार देखा जा रहा है जिसका यह सुपरिणाम है की अब दोनो राज्यों में प्रत्येक वर्ष भीषण रूप से बाढ़ग्रस्त रहने वाले क्षेत्र वर्तमान में बाढ़ की विपदा से ग्रस्त नही है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश  पर अनुसूचित और  गैर अनुसूचित क्षेत्रों में तैनात डाक्टरों  के  वेतन  में  46 फीसदी  तक की  बढ़ोतरी  की गई  है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और  स्वास्थ्य विभाग ने उठाया बड़ा कदम उठाया  है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि की  गई  है।
  प्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतन अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की  गई  है।

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया बनी लोगों का आशा का केंद्र
समस्या सुनते ही आधी रात की गई त्वरित निराकरण
मुख्यमंत्री साय का जताया आभार

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर बेहद ही संवेदनशील है, यही वजह है कि लोक कल्याण के कार्यों में तेजी आई है तथा तत्काल समय पर समाधान भी मिल जाता है। आमजनों की समस्याओं के त्वरित निराकरण होने से लोगों में बहुत उत्साह है।
  मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी अमला आम आदमी को राहत पहुंचाने पूरी तरह से सक्रिय है। दिन हो या रात समय की परवाह किए बिना समस्या का त्वरित गति से निराकरण किया जाता है। बिजली की समस्या से जूझ रहे पत्थलगांव क्षेत्र के कुछ ग्रामीण इलाकों को आधी रात को भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भेजे एक व्हाट्सऐप मैसेज से राहत मिल गई।
  पत्थलगांव के सुरेशपुर, बहनाटांगर, सुसडेगा, मुड़ेकेला ग्रामीण क्षेत्र में बिजली समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों द्वारा गुरुवार की दरमियानी रात को मुख्यमंत्री कार्यालय में व्हाट्सअप मेसेज के जरिये बिजली गुल रहने सम्बन्धी समस्या की जानकारी दी गयी। कैंप कार्यालय के निर्देश पर आधी रात को बिजली कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में बिजली सुधार कार्य करवाकर बिजली को सुचारू रूप से चालु किया गया। बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय के माध्यम से एक व्हाट्सअप मेसेज पर समाधान मिलने पर नागरिकों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया है।
  बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय में अब तक जशपुर सहित अन्य जिलों के बिजली व्यवस्था, राशन व्यवस्था, स्वास्थ्य लाभ, दिव्यांग व बुजुर्ग पेंशन संबंधित एव अन्य समस्त समस्याओं के समाधान की आस लेकर पहुंचने वाले हजारों लोगों को अब तक तत्काल राहत पहुंचाई जा चुकी है। गौरतलब है की  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के नागरिकों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है की आम नागरिक अपनी समस्या के समाधान के लिए सीएम कैम्प कार्यालय के टोल फ्री नंबर 07764-250061, 07764-250062, 07764-250068 पर घर बैठे कॉल कर सकते हैं। कॉल करने पर उनकी समस्या का समाधान के लिए तत्काल कार्यवाही की जाती है।

पहाड़ी कोरवा बस्ती में जनमन शिविर का आयोजन
    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन परिवारों के लिए आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने के साथ-साथ उनकी स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड के ग्राम पंचायत बालादरपाठ में जनमन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें इन परिवारों की समस्याओं का समाधान किया गया।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों के आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हमारी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है और विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को बढ़ाकर उनके स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, आजीविका के नए अवसरों के सृजन के लिए कृषि और अन्य छोटे व्यवसायों के लिए सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे इन परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है।
  मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पहाड़ी कोरवा परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही, इनकी सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर को संजोने और उसे बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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