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रायपुर / शौर्यपथ / रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार 3 अगस्त को आरंग में विभिन्न छात्रावासों के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री 3 अगस्त को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से कार से प्रस्थान कर दोपहर 12.40 बजे आरंग में पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री यहां आयोजित कार्यक्रम में पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास भवन आरंग, प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास भवन आरंग एवं मंदिर हसौद तथा अनुसूचित जाति कन्या आश्रम भवन आरंग एवं कोसरंगी का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 2.50 बजे मुख्यमंत्री निवास रायपुर लौट आएंगे।
रायपुर / शौर्यपथ / हरेली के उल्लास को संजोने मुख्यमंत्री निवास परंपरागत तरीके से सजाया जा रहा है। हरेली के दिन 4 अगस्त को यहां किसान भाइयों के हल खुरपी नजर आयेंगे। गेड़ी में लोगों का उत्साह नजर आयेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी तथा अतिथिगण इस अवसर पर हरेली का आनंद लेंगे और परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना करेंगे।
हरेली तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री सबसे पहले विधिविधान से कृषि उपकरणों की पूजा करेंगे। हरेली के अवसर पर पूरे छत्तीसगढ़ अंचल में लोग अपने अपने लोकगीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अंचल के सभी नृत्य एवं लोकगीतों का आयोजन करने कहा है ताकि पूरा छत्तीसगढ़ समवेत रूप में मुख्यमंत्री निवास में अपने पूरे सांस्कृतिक वैविध्य में नजर आये।
करमा, राउत नाचा के सुंदर गीतों और लयबद्ध नृत्य के साथ आयोजन की शुरूआत होगी। फिर परंपरागत खेलों का आयोजन होगा। इसमें डंडा, भौंरा, बांटी जैसे खेल होंगे। हरेली आयोजन में सबसे यादगार गेड़ी होती है गेड़ी में चलकर लोग पुराने दिनों को याद करेंगे।
मुख्यमंत्री इस अवसर पर हरेली त्योहार से जुड़ी अपनी स्मृतियों को साझा करेंगे। साथ ही वे जनमानस को हरेली का संदेश भी देंगे। इस बार हरेली इस मायने में भी खास है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम लगाने का संदेश दिया है और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में लोग बढ़चढ़कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं। चूंकि हरेली त्योहार प्रकृति का ही त्योहार है इसलिए मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में प्रदेश के नागरिकों से कहा है कि धरती मां ने हमें अमूल्य संसाधन दिये हैं। छत्तीसगढ़ की धरती बहुत सुंदर धरती है। अपनी धरती मां का श्रृंगार करने एक पेड़ जरूर लगाएं। इस दिन पूरे प्रदेश में लोग पौधे लगाएंगे।
हरेली त्योहार में सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ ही किसान भाइयों को भी कृषि उपकरणों का वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन योजना की 6वीं किस्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में अंतरित की
गांव गरीब और किसानों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री साय
बस्तर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका वितरण योजना और सरस्वती सायकल योजना फिर से शुरू करने वाली है। आज जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री आज यहां जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान साय ने रिमोट का बटन दबाकर महतारी वंदन योजना की 6वीं किश्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में भेजी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जगदलपुर विधायक किरण देव की मांग पर जगदलपुर शहर में लम्बे समय से अधूरे पड़े उच्च स्तरीय ऑडिटोरियम का निर्माण पूरा कराने के लिए 1 करोड़ की राशि भी मंजूर की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं से महतारी वंदन योजना की राशि खाते में जमा होने के मेसेज के आने की पुष्टि भी की।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एंव बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्रीमती सफीरा साहू सहित पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक सुभाऊ कश्यप, संभागायुक्त डोमन सिंह, आईजी सुन्दरराज पी., सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस दौरान कलेक्टर विजय दयाराम के. ने बस्तर जिले में चल रहे विकास कार्यो और जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
गरीबों के लिए समर्पित सरकार- मुख्यमंत्री साय
दन्तेश्वरी माता के जयकारे से शुरू कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि केन्द्र सरकार की भांति छत्तीसगढ़ की सरकार भी गरीबो के कल्याण, विकास और खुशहाली के लिए समर्पित है। मोदी की गांरटी के तहत गांव गरीब, किसान, महिला, युवा आदिवासी पिछड़े सभी वर्ग के विकास के लिए योजना चलायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने कार्यभार संभालते ही कैबिनट की पहली बैठक में 18 लाख से अधिक आवासहीन परिवारों को पक्का मकान बनाने की स्वीकृति दी थी। तेन्दूपत्ता तोड़ने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए इस बार साढ़े पांच हजार रूपए मानक बोरा की दर से पत्ता खरीदी की गई और पूरे सीजन पत्ता खरीदा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तेन्दूपत्ते को बेचने के बाद होने वाले फायदे को भी बोनस के रूप में संग्राहकों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदने की गारंटी पूरी की है। 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। मोदी की इस गारंटी के पूरे होने से छत्तीसगढ़ के किसानों को अच्छा फायदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के किसानों को 3716 करोड़ रूपए दो साल के बकाया धान का बोनस के रूप में भी भुगतान कर दिया गया है।
विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में मोदी सरकार का मिल रहा पूरा सहयोग-
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के मिशन में केन्द्र की मोदी सरकार का भरपूर सहयोग छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले की राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का राज्यांश जमा नहीं करके 18 लाख गरीब बेघर लोगों को उनके पक्के घर बनाने के सपने को तोड़ दिया था। राज्य में नयी सरकार बनते ही सबसे पहले राज्यांश की व्यवस्था कर पैसा केन्द्र सरकार को दिया गया। अब आने वाले कुछ ही दिनों में आवास योजना के तहत बनने वाले घरों के लिए वर्ष 2023-24 की राशि भी छत्तीसगढ़ को मिल जाएगी। जिससे छत्तीसगढ़ के लगभग 18 लाख लोगों को उनका पक्का घर मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके पिछले दिल्ली प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ में रेल सड़क परियोजनाओं के विस्तार पर भी केन्द्रीय मंत्रियों से चर्चा हुई है। उन्होंने लम्बे समय से लंबित जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना पर सकारात्मक चर्चा होने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राजधानी रायपुर से बस्तर को जोड़ने वाले एक मात्र राष्ट्रीय राजमार्ग के जीर्णाेद्धार के लिए भी जल्द ही स्वीकृति मिलेगी। इसके साथ ही कवर्धा से सुकमा तक नये राष्ट्रीय राजमार्ग की मांग भी केन्द्र सरकार से की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पीएम श्री योजना, पीएम जनमन योजना से लेकर राज्य में चलने वाली किसी भी जनकल्याणकारी योजना के लिए पैसे की कमी नहीं होने का आश्वासन भी केन्द्र सरकार के मंत्रियो से मिला है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 3 करोड़ 95 लाख से ज्यादा पौधे लगाएं जाएंगे। श्री कश्यप ने इस अभियान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने आज जो पौधा उपस्थित महिलाओं को दिया है, उसका रोपण और देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। बस्तर के जंगलों में प्रभु श्रीराम के चरण पड़े हैं, यही कारण है कि बस्तर के जंगलों में एक भी कांटे नहीं हैं, हमारे जंगल हमारी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं इसलिए जंगलों को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जबसे छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय जी की सरकार बनी है, तबसे हर वर्ग के हित में अहम निर्णय लिए जा रहे हैं। हमारी सरकार घोषणापत्र के अनुरूप हर वादे को पूरा कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए महतारी वंदन योजना समेत अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं और इस दिशा में काम हो रहा है।
जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार चुनाव के पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसमें प्रदेश वासियों की सहभागिता जरूरी है। श्री किरण देव ने कहा कि घर-परिवार, समाज को चलाने वाली माताओं-बहनों की परेशानियों की ंिचंता कर उनकी जरूरतें पूरी करने महतारी वंदन योजना शुरू करना वास्तव में नारी शक्ति का सम्मान है और सरकार इस योजना से मातृशक्ति के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरा करने का प्रयास कर रही है।
3061 समूह हितग्राहियों को 100 करोड़ का ऋण
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एनआरएलएम के तहत बिहान योजनान्तर्गत संकुल संगठन एवं महिला स्व-सहायता समूहों के 3061 समूह हितग्राही को 100 करोड़ का ऋण वितरण किया गया। नगर पालिक निगम प्रधानमंत्री स्वनिधि योजाना के अन्तर्गत हितग्राहियों को ऋण दिया गया जिसमें प्रथम किस्त में 10 हजार, द्वितीय किस्त 20 हजार, तृतीय किस्त में 50 हजार की राशि देय होगी जिसके तहत तीन लोगों को 80 हजार का चेक वितरण किया गया। कार्यक्रम में उद्योग विभाग द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनान्तर्गत दर्जी प्रशिक्षण प्राप्त 5 हितग्राहियों को प्रमाण पत्र दिया गया। कलेक्टोरेट कार्यालय द्वारा दिवंगत 13 शासकीय कर्मचारियों के वारिसन को अनुकम्पा नियुक्ति आदेश प्रदान किया गया। पांच मृत वनाधिकार पट्टेधारकों के वरिसानों को नामांतरित किसान पुस्तिका प्रदान की गई।
महतारी वंदन योजना की 6 वीं किश्त में महिलाओं को मिलेगी एक-एक हजार रूपए की राशि
महतारी वंदन एप का होगा शुभारंभ ,एक पेड़ मां के नाम अभियान का होगा शुभारंभ
3061 महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित करेंगे 100 करोड़ रूपए का ऋण
बस्तर जिले को 9.31 करोड़ के विकास कार्यों की देंगे सौगात
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जगदलपुर प्रवास के दौरान 01 अगस्त को वहां आयोजित जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में शामिल होंगे और प्रदेश की महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000-1000 रूपए की 6 वीं किश्त जारी कर राखी त्यौहार का उपहार देंगे। इस मौके पर वे महतारी वंदन एप का भी शुभारंभ करेंगे।
गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को उनके आर्थिक सशक्तिकरण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा हर माह एक-एक हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की जाती है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री साय 2752 महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए वित्तीय समावेशन के तहत 100 करोड़ का बैंक लोन का भी वितरित करेंगे। कार्यक्रम में शहीद गुण्डाधूर की प्रतिमा के अनावरण के साथ ही नारी शक्ति से जल शक्ति रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे।
एक पेड़ माँ के नाम
मुख्यमंत्री साय एक पेड़ माँ के नाम महावृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर महतारी वंदन योजना के हितग्राही के साथ ही उद्योग विभाग, श्रम विभाग सहित अन्य विभाग के हितग्राहियों को भी सामग्री वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम का वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एंव वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया जा रहा है।
विकास कार्यो का लोकार्पण
मुख्यमंत्री साय जगदलपुर में 9 करोड़ 31 लाख से अधिक राशि के विकास कार्यों लोकार्पण करेंगे। इनमें 48.03 लाख की लागत से अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय जगदलपुर, तोकापाल और लोहांडीगुड़ा तथा 66.49 लाख की लागत से नवीन तहसील कार्यालय जगदलपुर का जीर्णाेद्धार के साथ 2.50-2.50 करोड़ की लागत से निर्मित लोहांडीगुड़ा और बुरगुम थाना का शामिल हैं।
इसी प्रकार जिला अस्पताल (महारानी अस्पताल) परिसर में डीएमएफटी मद के तहत 01 करोड़ 72 लाख 76 हजार की लागत से स्थापित माडुलर किचन एवं सामग्री युक्त अन्नपूर्णा रसोईघर का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही महारानी लक्ष्मी बाई अस्पताल परिसर में प्रधानमन्त्री भारतीय जन औषधि केंद्र का भी शुभारंभ किया जाएगा।
महतारी वंदन एप
महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने के लिए महतारी वंदन मोबाईल ऐप का भी शुभारंभ किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से हितग्राहियों को प्रतिमाह हुए भुगतान और यह राशि किस खाते में प्राप्त हुई है की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।
महतारी वंदन योजना के किसी हितग्राही की असामायिक मृत्यु हो जाती है तो इसकी सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। इस एप के जरिए शिकायतें भेजी जा सकती है तथा निराकरण की स्थिति भी देखी जा सकती है। यदि किसी हितग्राही को उसे प्राप्त हो रहे लाभ त्याग करना हो तो भी मोबाईल ऐप के माध्यम से लाभ त्याग कर सकेगी। इसके अलावा शासन द्वारा योजनांतर्गत समय-समय जारी होने वाले दिशा-निर्देशों की सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से हितग्राहियों को प्राप्त हो सकेंगी।
महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों की सुविधा के लिए बनाया गया यह मोबाईल ऐप एन्ड्रायड बेस है तथा इसे प्लेस्टोर से https://play.google.com/store/apps/details\id com-mahtarivandanyojan डाउनलोड किया जा सकता है।
आईबीसी 24 स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप 2024 कार्यक्रम में हुए शामिल मुख्यमंत्री
33 जिलों की 37 टॉपर बेटियों सहित 42 विद्यार्थी हुए सम्मानित
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित आईबीसी 24 स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पुरस्कार से बेटियों का ना सिर्फ मनोबल बढ़ा है बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी मिल रही है। ये बहुत खुशी की बात है। गरीब परिवार के होनहार बच्चों के लिए अपना भविष्य गढ़ने के लिए ये बड़ी मदद है। सबसे अच्छी बात है कि यह पुरस्कार सही समय पर दिए जा रहे हैं। कॉलेज के दाखिले अभी चल रहे हैं। हमारे टॉपर बेटे-बेटियों को स्कॉलरशिप मिलने से आगे की पढाई सुगमता से हो पायेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर है। बेटियों की पढ़ाई में स्कूल की दूरी बाधा ना बने, इसलिए हमने सरस्वती सायकल योजना की फिर से शुरुआत की है। गरीब परिवारों के बच्चे जो जीवन में बड़े सपने देख रहे हैं और प्रशासनिक अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। ऐसे अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के लिए देश की राजधानी दिल्ली में ट्राइबल यूथ होस्टल की सुविधा हमारी सरकार दे रही है। हमने इस हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाते हुए 80 से 185 सीटर कर दिया है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को दिल्ली में पढ़ाई के लिए निःशुल्क व्यवस्था मिल सके।
इसी प्रकार श्रमवीर परिवारों के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता हम कर रहे हैं। इन बच्चों को हम 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे रहे हैं, जिसमें एक लाख उन्हें स्कूटी खरीदने के लिए और 1 लाख की राशि उनकी आगे की पढ़ाई के लिए है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीएम श्री योजना की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल इस योजना में शामिल हैं, हमें उम्मीद है कि यह संख्या और बढ़ेगी। पीएम श्री योजना के तहत एक स्कूल को 2 करोड़ की राशि दी जा रही है। इस राशि की मदद से स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ शिक्षा के गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमने नई शिक्षा नीति को भी लागू कर दिया है। बच्चों की स्किलिंग पर हमारा विशेष जोर है ताकि शिक्षा के साथ वे रोजगार के लिए भी पूरी तरह से तैयार हों। कार्यक्रम को आईबीसी 24 के चेयरमैन श्री सुरेश गोयल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती भावना वोहरा तथा आईबीसी समूह के सदस्यगण उपस्थित थे।
डायमंड स्टेट कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ अब माओवाद उन्मूलन के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है। हम राज्य में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। माओवाद के रास्ते को छोड़कर वापस लौटने वालों के लिए हम बेहतर पुनर्वास नीति तैयार करेंगे और इसके लिए हमारे गृह मंत्री असम प्रवास पर भी हैं। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न्यूज 18 के डायमंड स्टेट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले 6 माह में 150 नक्सलियों को मार गिराया गया है। सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद है। गोली का जवाब गोली और बोली का जवाब बोली से ही दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना साकार करने के लिए ही छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ। नवनिर्माण के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर विकास के रास्ते आगे बढ़ रहा है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश में मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया जा रहा है। मोदी जी की गारंटी को पूरा करते हुए हमने किसानों को धान के दो वर्षों का बकाया बोनस, 3100 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी, माता-बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें प्रति माह 1 हजार रूपये की राशि देने का काम हम कर रहे हैं।
श्री साय ने आगे कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कराई जा रही है और दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के घर-घर में नल से जल की व्यवस्था करने का काम, अमृत मिशन के माध्यम से जल पहुंचाने का काम, बिजली, पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं, धुएं से मुक्ति के लिए उज्ज्वला योजना से लोगों जीवन को आसान बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में शौचालय मान-सम्मान से जुड़ा विषय था। बरसात के दिनों में जो कठिनाइयां माता बहनों को होती थी, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। आज इस मिशन से देश में बड़ा परिवर्तन लाया है।
उन्होंने रामलला दर्शन योजना और शक्तिपीठ सर्किट के निर्माण के संबंध में भी जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने व्यक्तिगत जीवन संघर्ष और राजनीतिक जीवन से जुड़ी जानकारियां भी दी।
कोरबा के हर वॉर्ड में शुरू होंगे कार्य ,वॉर्ड क्रमांक 31 में विभिन्न विकास कार्यों का वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने किया भूमिपूजन
रायपुर / शौर्यपथ / विष्णु देव सरकार में विकास कार्यों की रफ्तार अब गति पकड़ चुकी है। चुनाव में जिन वार्डों में लोगों ने वॉर्ड की समस्या से अवगत कराया था, अब उन कार्यों को स्वीकृति प्रदान कर जल्द प्रारंभ किया जा रहा है। लोगों को अब किसी भी विकास कार्यों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उक्त बातें वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा नगर निगम के वॉर्ड क्रमांक 31 में विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन के दौरान कही।
मंत्री देवांगन ने कहा कि दादरखुर्द वार्ड के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां विकास कार्य आज तक नहीं हुए। 10 साल से वॉर्ड की सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट नहीं लग सकी थी।विधानसभा चुनाव के दौरान वॉर्ड वासियों ने इन कार्यों की मांग की थी। चुनाव के बाद कोरबा निगम क्षेत्र के सभी वार्डाे के ऐसे कार्यों के लिए विष्णुदेव सरकार ने तत्काल राशि मंजूर की। जिला खनिज मद 2024-25 से कुल 146.69 लाख की लागत से दादर मेन रोड से प्रधानमंत्री आवास परिसर तक सीसी रोड, नाली, और स्ट्रीट लाइट के कार्य कराए जाएंगे।मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने जिला खनिज मद की राशि का अधिकार हमें दिया है। अब श्री विष्णु देव साय की सरकार में जनता के विकास कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वॉर्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, वॉर्ड क्रमांक 31 के पार्षद सुकुंदी यादव, पार्षद धनश्री साहू, पार्षद रितु चौरसिया, ईश्वर साहू, चन्दन साहू जी समेत अन्य उपस्थित रहे।
निर्माणधीन दादरखुर्द पीएम आवास कॉलोनी का मंत्री देवांगन ने लिया जायजा
दादरखुर्द के प्रवास के दौरान मंत्री लखन लाल देवांगन ने निर्माणधीन पीएम आवास कॉलोनी का जायजा लिया। इस अवसर पर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कुल 2784 मकान बनाए जा रहे हैं, पहले चरण में हितग्रहियों को आवंटित किए जा चुके हैं। अगले महीने एक हजार मकानों के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। मंत्री देवांगन ने निगम के अधिकारियों को कॉलोनी के शेष सुविधाओं और मकानों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
सेहत /शौर्यपथ / समय पर दांतों की दिक्कतों पर ध्यान ना दिया जाए तो दांतों में पीलापन और सड़न बढ़ने लगती है जिससे दांतों के टूटने की नौबत आ जाती है. ऐसे में दांतों की समय रहते देखरेख करना जरूरी होता है. दांतों की सही तरह से सफाई ना करने, दांतों को नुकसान पहुंचाने वाली चीजें खाने और कुछ अन्य कारणों से भी दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन रहने लगती है. अगर आप भी दांतों की इन्हीं दिक्कतों से दोचार हो रहे हैं तो यहां कुछ ऐसे नुस्खे दिए जा रहे हैं जो इन दिक्कतों से छुटकारा दिलाने में असरदार होते हैं. इन नुस्खों को आजमाना आसान है और इनका असर भी कमाल का दिखता है.
दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन के उपाय |
नमक का पानी
नमक के पानी से कुल्ला करने पर दांतों से जुड़ी दिक्कतें कम हो सकती हैं. नमक के पानी से दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया दूर होते हैं. ये बैक्टीरिया ही मसूड़ों की सूजन की वजह हो सकते हैं. एक चम्मच नमक को एक गिलास हल्के गर्म पानी में डालकर मिलाएं और मुंह में रखकर यहां से वहां घुमाने के बाद थूककर निकाल दें. नमक के पानी से इस तरह रोजाना कुल्ला किया जा सकता है.
लहसुन
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर लहसुन दांतों के दर्द को दूर करने में अच्छा असर दिखा सकता है. लहसुन के इस्तेमाल से बेसिक ओरल हाइजीन भी बना रहता है. कच्चे लहसुन को घिसकर दर्द वाले दांत पर रख सकते हैं. यह मसूड़ों की तकलीफ भी कम करता है.
हल्दी
हल्दी से मसूड़ों की सूजन कम हो सकती है. हल्दी को इंफ्लेमेशन वाले हिस्से पर लगाएं और कुछ देर ऐसे ही छोड़ दें. बाद में मुंह धोकर साफ किया जा सकता है. हल्दी को पानी में डालकर इसका इस्तेमाल माउथवॉश की तरह भी कर सकते हैं.
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों का अच्छा स्त्रोत होता है. इससे दांत का दर्द कम होने, पीले दांत साफ होने और एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के चलते मुंह से बैक्टीरिया दूर होने में सहायता मिलती है. 2 चम्मच बेकिंग सोडा को हल्के गर्म पानी में मिलाएं और उसे मुंह में 30 सेकंड घुमाने के बाद मुंह धोकर साफ कर लें. कुछ दिन के इस्तेमाल से असर दिखने लगता है.
नारियल का तेल
ऑयल पुलिंग में नारियल के तेल का इस्तेमाल होता है. नारियल के तेल को मुंह में डालकर यहां से वहां घुमाकर ऑयल पुलिंग की जाती है. इससे दांतों की सड़न ठीक होने में असर दिखता है और साथ ही दांत के दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है. नारियल के तेल से मुंह के बैक्टीरिया भी दूर होने लगते हैं. मुंह में एक चम्मच नारियल का तेल लेकर उसे 30 से 40 सेकंड मुंह में घुमाने के बाद धोकर हटा सकते हैं.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / बच्चों के वर्तमान ही नहीं बल्कि उनके भविष्य को शेप देने का काम भी परवरिश करती है. अगर बच्चे की परवरिश सही तरह से ना की जाए तो बच्चों की अपनी आदतें अच्छी होने के बजाय खराब हो सकती हैं. अक्सर ही बच्चे जो कुछ माता-पिता को करते देखते हैं और जो गुण-अवगुण उन्हें अपने पैरेंट्स में नजर आते हैं अपने अंदर ढालने लगते हैं. इसीलिए पैरेंट्स को पैरेंटिंग स्टाइल पर खासा ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आपका पैरेंटिंग स्टाइल सही नहीं होगा तो इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा. कई बार गलत पैरेंटिंग स्टाइल की वजह से ही बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और पैरेंट्स की बात नहीं मानते. अगर आप भी चाहते हैं कि बच्चा आज्ञाकारी बने और आपकी बात सुने तो माता-पिता होने के नाते आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.
पैरेंटिंग का गलत तरीका
बच्चे पर ध्यान ना देने की आदत
अगर आप बच्चे को निग्लेक्ट करने वाला पैरेंटिंग स्टाइल अपनाते हैं यानी कि बच्चे पर कुछ खासा ध्यान नहीं देते हैं तो इससे बच्चे के सेल्फ कोंफिडेंस पर असर पड़ता है. बच्चे के लिए अपने माता-पिता से अपनी भावनाएं साझा करना मुश्किल हो जाता है और वह जिद्दी या चिढ़चिढ़ा भी हो सकता है.
जरूरत से ज्यादा सख्त होना
कई बार बच्चे को अनुशासन सिखाने के चक्कर में पैरेंट्स बच्चे के साथ जरूरत से ज्यादा सख्त हो जाते हैं. ऐसा करने पर बच्चे में डर पनपने लगता है. बच्चे को गलती करने खासा डर लगने लगता है क्योंकि उसे लगता है कि अगर उससे कोई भूल हुई तो उसे पैरेंट्स के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.
अपनी आकांक्षाएं बच्चे पर थोपना
अगर बच्चे के ऊपर आकांक्षाओं का, हमेशा फर्स्ट आने या सबसे आगे निकलने का, बोझ होगा तो उसके लिए अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जीना मुश्किल हो जाएगा. बच्चा हर समय यही सोचता रह जाएगा कि कहीं माता-पिता को निराश ना कर दे या फिर उनके सामने असफलता का मुंह ना देखना पड़े. इससे बच्चा असहज और अंडरकोंफिडेंट हो जाता है और कई बार इन भावनाओं को छिपाने के लिए वह चिड़चिड़ा या बात ना मानने वाला रवैया अपना लेता है.
हर समय चिल्लाना
बच्चे की गलती हो या ना हो लेकिन उसपर हर समय चिल्लाते रहने पर बच्चे में चिड़चिड़ापन आने लगता है. माता-पिता का चीखना और चिल्लाना बच्चे के मन को आहत करता है. इससे बच्चे का आत्मविश्वास कम होता है, वह झेंपने लगता है और कई बार बच्चा पैरेंट्स की तरह ही चीखने और चिल्लाने वाला व्यवहार अपनाने लगता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और सावन के महीने में हर दिन कोई ना कोई त्योहार होता है. खासकर सावन के महीने में पड़ने वाली एकादशी की तिथि बहुत शुभ मानी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित कामिका एकादशी का पावन त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु का निमित्त व्रत करने के साथ-साथ उनकी सच्चे मन से आराधना करने से साधकों की हर मनोकामना पूर्ण होती है और कहा जाता है कि मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. जानिए इस बार सावन में कामिका एकादशी कब मनाई जाएगी और इस दिन कौन से योग बन रहे हैं.
सावन में कब मनाई जाएगी कामिका एकादशी
सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 4:44 पर शुरू हो जाएगी, वहीं इसका समापन 31 जुलाई को शाम 3:55 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार कामिका एकादशी 31 जुलाई के दिन मनाई जाएगी. वहीं, एकादशी का व्रत करने वाले लोग 1 अगस्त को सुबह 5:43 से लेकर 8:24 तक व्रत का पारण कर सकते हैं.
कामिका एकादशी पर बन रहे शुभ संयोग
ज्योतिषियों के अनुसार, कामिका एकादशी पर इस बार कई विशेष संयोग बन रहे हैं. सबसे पहले दोपहर 2:14 पर ध्रुव योग का निर्माण होने जा रहा है, इस योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से साधकों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है और भविष्य में काम में सफलता मिलती है. इतना ही नहीं कामिका एकादशी पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है, ऐसे में इस दिन आप कभी भी कोई शुभ काम कर सकते हैं.
कामिका एकादशी पर बन रहा शिववास योग
शिववास योग में देवों के देव महादेव अपनी अर्धांगिनी मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान होते हैं. कामिका एकादशी पर दोपहर में 3:55 पर शिववास योग बन रहा है. इसके बाद भोलेनाथ नंदी पर सवार होंगे, ऐसे में कहा जाता है कि शिववास योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधकों के सभी दुख नष्ट होते हैं और उन्हें सुख की प्राप्ति होती है. कामिका एकादशी पर शिववास योग के अलावा बालव और कौलव करण के योग भी बन रहे हैं, साथ ही रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है. महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखकर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करती हैं. उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में महिलाएं तीज व्रत रखती हैं और कई राज्यों में इस व्रत को निर्जला रखा जाता है. सौभाग्य के इस व्रत की तैयारी महिलाएं बहुत पहले से करने लगती हैं. हरतालिका तीज व्रत के दिन नए वस्त्र धारण करने और सुहाग की चीजें दान करने का अत्यधिक महत्व होता है. यहां जानिए इस साल कब रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत.
हरतालिका तीज का व्रत |
इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 6 सितंबर, शुक्रवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट तक है. तीज का व्रत 6 सितंबर के दिन ही रखा जाएगा.
हरतालिका तीज की पूजा विधि
हरितालिका तीज के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि के बाद मिट्टी से भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की स्थापना करें. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें. उन्हें तिलक लगाएं और दुर्वा चढ़ाएं. इसके बाद विधि-विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है. माता पार्वती को सुहाग की चीजें लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी आदि चढ़ाएं और हरतालिका तीज की व्रत कथा का पाठ करें.
क्यों किया जाता है हरतालिका तीज का व्रत
विवाहित महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत बहुत महत्व है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग को अखंड रखने के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करती हैं. मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मिट्टी से उनकी प्रतिमा बनाकर कठोर तप किया था और भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था. इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को भगवान शिव की कृपा से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.
व्रत /त्यौहार /शौर्यपथ / सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 19 अगस्त तक चलेगा. 29 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार मनाया जा रहा है, इस दिन शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगती है और शिवलिंग पर जल अर्पित करने के साथ ही भांग, बेलपत्र और धतूरा अवश्य चढ़ाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते समय आपको किस स्तुति का पाठ करना चाहिए? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि सावन के पवित्र महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते समय अगर आप इस स्तोत्र का पाठ करेंगे, तो इससे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी.
शिव आह्वान मंत्र
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।
शिव बिल्वाष्टकम्
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं ।
त्रिजन्म पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्चिद्रैः कोमलैः शुभैः ।
तवपूजां करिष्यामि ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
कोटि कन्या महादानं तिलपर्वत कोटयः ।
काञ्चनं क्षीलदानेन ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनं ।
प्रयागे माधवं दृष्ट्वा ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
इन्दुवारे व्रतं स्थित्वा निराहारो महेश्वराः ।
नक्तं हौष्यामि देवेश ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
रामलिङ्ग प्रतिष्ठा च वैवाहिक कृतं तधा ।
तटाकानिच सन्धानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
अखण्ड बिल्वपत्रं च आयुतं शिवपूजनं ।
कृतं नाम सहस्रेण ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
उमया सहदेवेश नन्दि वाहनमेव च ।
भस्मलेपन सर्वाङ्गम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
सालग्रामेषु विप्राणां तटाकं दशकूपयो: ।
यज्नकोटि सहस्रस्च ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
दन्ति कोटि सहस्रेषु अश्वमेध शतक्रतौ ।
कोटिकन्या महादानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
बिल्वाणां दर्शनं पुण्यं स्पर्शनं पापनाशनं ।
अघोर पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
सहस्रवेद पाटेषु ब्रह्मस्तापन मुच्यते ।
अनेकव्रत कोटीनाम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
अन्नदान सहस्रेषु सहस्रोप नयनं तधा ।
अनेक जन्मपापानि ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
बिल्वस्तोत्रमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति ऐकबिल्वं शिवार्पणं ।।
शिव स्त्रोत का उच्चारण करने के लाभ
कहा जाता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव का जल अभिषेक करने के साथ ही अगर उन्हें बेलपत्र चढ़ाया जाए, तो इससे वह बहुत खुश होते हैं. बस ध्यान रखने योग्य बात यह है कि बेलपत्र में तीन पत्तियां हो और तीनों पत्तियां टूटी हुई ना हो. इसके ऊपर आप चंदन से ओम लिखें और इसे शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान अगर आप शिव आह्वान मंत्र और शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र का उच्चारण करते हैं, तो भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी विपदा को दूर कर खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं.
रायपुर / शौर्यपथ / आज लोकेश और राहुल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अनुकंपा नियुक्ति मिलने की खुशी के साथ घर की जिम्मेदारी निभाने में भी सक्षम हो गया है। घर-परिवार में त्यौहार जैसा माहौल लग रहा है। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाईयां दे रहे है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की संवेदनशीलता से आमजनों के हित में त्वरित कार्य करने के निर्देश जिले के सभी कलेक्टरों को दिया गया है। इसी कड़ी में लोकेश और राहुल को भी अनुकंपा नियुक्ति मिली है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलावा आया है। गरियाबंद जिले की श्री राहुल, श्री लोकश कुमार को अनुकम्पा नियुक्ति मिल गई है। गरियाबंद कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल के हाथों अनुकंपा नियुक्ति पत्र मिला है।
छत्तीसगढ़ शासन के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री श्री साय अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिये हैं। इसी के तहत अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति मिलने से आज दोनों युवकों ने खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन का आभार जताया। श्री राहुल एवं श्री लोकेश कुमार को भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य शासन की नीति के तहत त्वरित पहल से नौकरी मिल गई है। जिससे आर्थिक समस्याओं को दूर करने एवं परिवार के पालन पोषण में सहायक होगी।
उल्लेखनीय है कि अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले गरियाबंद जिले देवभोग अंतर्गत ग्राम सुपेबेड़ा के निवासी श्री राहुल कुमार क्षेत्रपाल ने बताया कि उनके पिताजी स्वर्गीय श्री तुकाराम सहायक शिक्षक के रूप में शासकीय प्राथमिक शाला ठिरर्लीगुड़ा में पदस्थ थे, निधन 06 अक्टूबर 2022 को हुआ। निधन के बाद उनके पुत्र श्री राहुल कुमार क्षेत्रपाल को भृत्य पद के रूप में शासकीय माध्यमिक शाला झाखरपारा में नियुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के पालन पोषण एवं देखरेख में सहायता मिलेगी। साथ ही भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। इसी प्रकार ग्राम दीवानमुड़ा के रहने वाले श्री लोकेश कुमार शांडिल्य के पिताजी स्वर्गीय श्री डोंगर सिंह शांडिल्य प्रधानपाठक के रूप में शासकीय माध्यमिक शाला दीवानमुड़ा में पदस्थ थे। निधन 30 जनवरी 2024 हो हुआ। निधन के पश्चात श्री लोकेश कुमार शांडिल्य को भृत्य के रूप में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल झाखरपारा में अनुकंपा नियुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि पिता के जाने के बाद भविष्य चिंतित था। शासन की पहल से अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के खुशहाली में मदद होगी।
स्वास्थ्य विभाग में मिली नौकरी से पहाड़ी कोरवाओं की बदल रही जीवनरेखा
रायपुर /शौर्यपथ / यह पहाड़ी कोरवा समारिन बाई है। कुछ दिन पहले तक इन्हें गिनती के कुछ लोग ही जानते थे। यह सिर्फ इनकी ही बात नहीं है। इनके गाँव की भी यहीं बात है। घने जंगल के बीच मौजूद इनके गाँव टोकाभांठा को भी बहुत कम लोग जानते हैं। मुख्य सड़क से दूर टोकाभांठा में रहने वाली पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का जीवन भी घने जंगल में बसे गाँव की तरह गुमनाम सा था। जहाँ सुबह का सूरज तो रोज निकलता था, लेकिन इनकी जिंदगी में गरीबी का अंधेरा जस का तस रहता था। दिन के उजाले में पहाड़ के नजदीक पहाड़ जैसी जिंदगी जीने वाली समारिन बाई ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें नौकरी मिल जायेगी और अंधेरे से घिरी गरीबी को दूर कर कडुवाहट भरी जिंदगी में मिठास तथा जीवन में उल्लास का उजियारा लाएगी।
कोरबा जिले के अजगर बहार ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम टोकाभांठा में रहने वाली समारिन बाई अब पहले से काफी बदल गई है। उनकी जिंदगी और रहन-सहन में बदलाव की शुरुआत हाल ही के दिनों से हुई है। जिला प्रशासन की पहल पर जब विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा था तब समारिन बाई की शिक्षा भी बहुत काम आई। कक्षा दसवीं तक पढ़ी समारिन बाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में वार्ड आया की नौकरी मिल गई। फिर क्या था, जंगल में बकरी चराने वाली और गरीबी की वजह से आर्थिक तंगी से जूझने वाली समारिन बाई अस्पताल में अलग रूप में नज़र आ रही है। ट्रे में दवाइयां लेकर मरीजों के वार्ड तक और डॉक्टर, नर्स के साथ उनके आस-पास समारिन का दिन गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह सरकारी अस्पताल में अपनी ड्यूटी करेगी। उन्हें तो लगता था कि हम पहाड़ी कोरवाओं की जिंदगी गरीबी के बीच जंगल में उनके पुरखों की तरह ही कठिनाइयों के बीच बीतेगी।
पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का कहना है कि उनका समाज ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। जंगल में गरीबी के बीच बहुत ही विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करना पड़ता है। ऐसे में शिक्षा से जुड़ पाना संभव नहीं हो पाता। खासकर लड़कियों को घर के काम करने पड़ते हैं, उनका स्कूल जाना और पढ़ाई पूरी कर पाना बहुत चुनौती है। मैंने किसी तरह पढ़ाई तो कर ली थी लेकिन नौकरी मिलेगी यह कभी सोचा ही नहीं था। समारिन बाई ने बताया कि उन्हें अस्पताल में नौकरी मिली है। इस जगह में रहकर वह जान पा रही है कि अन्य समाज के साथ कैसे रहना है। किस तरह पढ़ाई कर महिलाएं काम कर रही है। यहाँ बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी मानदेय में जो राशि मिल रही है उससे घर का खर्च चला रही है। भविष्य में कुछ पैसे बचत करने की कोशिश भी करेगी ताकि अपने बच्चों का भविष्य बना पाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में ही पहाड़ी कोरवा समार साय, बुधवार सिंह की भी स्वच्छक तथा वार्ड बॉय के रूप में नौकरी लगी है। मानदेय के आधार पर मिली नौकरी से दोनों खुश हैं और बताते हैं कि दिन भर जंगल में बिताने से बेहतर है कि यहां काम कर कुछ पैसे मिल जाएं। इससे घर परिवार का खर्च चल जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ी कोरवाओं को दी जा रही नौकरी की सराहना करते हुए कहा कि हमारी कड़ुवाहट भरी जिंदगी में नौकरी से मिठास जरूर आयेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में जिले के पहाड़ी कोरवाओं तथा बिरहोरों को योग्यता के आधार पर मानदेय में नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में पीवीटीजी के 19 युवाओं को अस्पतालों में विभिन्न पदों पर रखा गया है।