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ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /ऐसी कई प्राकृतिक चीजें हैं जो बालों पर बेहद अच्छा असर दिखाती हैं और उन्हीं में से एक है गुड़हल का फूल. बालों को गुड़हल के फूल से एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं. गुड़हल के फूल में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, अमीनो एसिड्स होते हैं और साथ ही फ्लेवेनॉइड्स पाए जाते हैं जो सूरज की हानिकारक किरणों से बालों को बचाते हैं. ऐसे में इन फूलों का सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो बालों को बढ़ने में मदद मिलती है और बालों का टूटना कम होता है सो अलग. यहां जानिए किस तरह घर पर गुड़हल का तेल बनाकर तैयार किया जा सकता है.
बाल बढ़ाने के लिए गुड़हल का तेल |
बालों को लंबा, घना और मजबूत बनाने के लिए गुड़हल के इस तेल को तैयार करें. सबसे पहले गुड़हल के कुछ फूल और पत्ते लेकर अच्छी तरह धो लें. कड़ाही को आंच पर रखें और उसमें नारियल का तेल डालें. अब इसमें गुड़हल के पत्ते और फूल डालकर पकाना शुरू करें. जब तेल का रंग बदलने लगे तो आंच को बंद कर दें. इस तेल को जस का तस ही 6 से 7 घंटे रखा रहने दें और उसके बाद छानकर किसी शीशी में भर लें. तैयार है आपका गुड़हल का तेल. इस तेल के नियमित इस्तेमाल से बालों के झड़ने की दिक्कत दूर होती है और बालों को लंबा बनने में मदद मिलती है. इसे सिर पर एक से डेढ़ घंटा लगाकर रखने के बाद सिर धो लें या फिर रातभर लगाए रखने के बाद अगले दिन धोकर हटाएं.
ये तरीके भी आते हैं काम
गुड़हल को बालों पर हेयर मास्क की तरह भी लगा सकते हैं. इसके लिए गुड़हल के फूलों को पीसकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को बालों पर आधा एक घंटा लगाकर रखने के बाद धोकर हटा लें.
एक कटोरी में नारियल का तेल या फिर ऑलिव ऑयल लें और उसमें गुड़हल का पाउडर मिलाएं. इस मिश्रण को सिर पर आधा घंटा लगाकर रखा जा सकता है. इसके बाद सिर धोकर साफ कर लें.
गुड़हल के फूलों को पानी में डालकर उबालें और इस पानी को ठंडा कर लें. इस पानी को छानकर किसी स्प्रे बोतल में भर लें. सिर पर स्कैल्प से लेकर बालों के सिरों तक इस पानी को छिड़कें. हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है.
गुड़हल के फूलों के साथ ही मेथी के दाने और करी पत्ते डालकर भी तेल बनाया जा सकता है. नारियल तेल में इन चीजों को साथ मिलाकर पकाने और फिर सिर पर लगाने से इस तेल का असर और ज्यादा बढ़ जाता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /सौंफ को उसकी सुगंध और सेहत पर होने वाले फायदों के चलते जाना जाता है. सौंफ में कॉपर, कैल्शियम, पौटेशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं. स्किन केयर में सौंफ का इस्तेमाल करने पर एक्ने, सेल डैमेज, झुर्रियों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है. चेहरे पर सौंफ का टोनर बनाकर लगाया जा सकता है, इसे फेस पैक की तरह लगा सकते हैं या फिर सौंफ से स्क्रब तैयार कर सकते हैं. यहां जानिए चेहरे पर सौंफ लगाने के अलग-अलग तरीकों के बारे में.
चेहरे पर सौंफ लगाने के तरीके |
सौंफ का फेस पैक
निखरी और बेदाग त्वचा पाने के लिए सौंफ का फेस पैक बनाया जा सकता है. सौंफ का फेस पैक बनाने के लिए आपको एक चम्मच सौंफ, 2 चम्मच ओटमील और जरूरत के अनुसार पानी की जरूरत होगी. इस फेस पैक को बनाने के लिए सभी चीजों को मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इसे चेहरे पर 20 से 25 मिनट लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. चेहरा चमक जाएगा और छूने पर बेहद मुलायम भी लगेगा.
सौंफ का टोनर
घर पर ही आसानी से सौंफ का टोनर तैयार किया जा सकता है. सौंफ का टोनर बनाने के लिए एक गिलास पानी को आंच पर चढ़ाएं और इसमें 2 चम्मच सौंफ के दाने डाल दें. जब सौंफ पक जाए तो आंच बंद कर दें. पानी ठंडा करके किसी शीशी में भरकर रखें. इस तैयार टोनर को चेहरे पर स्प्रे करें या फिर रूई की मदद से लगाएं. चेहरे पर ताजगी महसूस होगी.
सौंफ का स्क्रब
सौंफ के दानों को पीसकर इसमें शहद मिलाएं. इस तैयार स्क्रब को चेहरे पर एक से 2 मिनट मलकर चेहरा धो लें. सौंफ के स्क्रब को चेहरे पर लगाने से डेड स्किन सेल्स और गंदगी हट जाती है. इससे चेहरे पर निखार नजर आने लगता है. इस स्क्रब का इस्तेमाल हफ्ते में एक बार ही करें और कोशिश करें कि आप चेहरे को घिसें ना बल्कि हल्के हाथों से मलते हुए साफ करें.
पफी आईज के लिए सौंफ
अक्सर ही बहुत ज्यादा सोने, रोने या फिर नींद की कमी से आंखें सूजी-सूजी नजर आने लगती हैं. इस पफी आईज की दिक्कत को दूर करने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है. सौंफ के पाउडर में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को किसी साफ कपड़े में बांधकर आंखों के ऊपर रखें. ऐसा करने पर आंखों को ठंडक मिलेगी और पफी आईज की दिक्कत कम होगी सो अलग.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों का झड़ना एक ऐसी समस्या है जिससे अनेक लोग परेशान रहते हैं. लगातार बाल झड़ते रहें तो गंजेपन का कारण बनते देर नहीं लगते. कई बार बालों के झड़ते रहने पर सिर पर बालों से ज्यादा स्कैल्प नजर आने लगती है. ऐसे में समय रहते बालों का झड़ना रोकना बेहद जरूरी होता है. हार्मोन इंबैलेंस, तनाव, जेनेटिक्स, मौसम में बदलाव, हीट डैमेज और पोषण की कमी भी बालों के झड़ने की वजह बनती है. यहां कुछ ऐसे हेयर मास्क दिए जा रहे हैं जो बालों का झड़ना कम होने में असर दिखा सकते हैं. इन हेयर मास्क को घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है. इनसे बालों का झड़ना तो कम होता ही है, साथ ही बाल पहले से ज्यादा घने और मुलायम नजर आते हैं. बालों का झड़ना रोकने के लिए हेयर मास्क |
शहद का हेयर मास्क
इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक चम्मच एलोवेरा जैल में एक चम्मच भरकर शहद मिलाएं. दोनों ही चीजों को एकसाथ मिलाकर सिर पर अच्छी तरह मलकर लगा लें. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर इस हेयर मास्क को बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. हफ्ते में एक बार इस हेयर मास्क को बालों पर लगाया जा सकता है.
प्याज का हेयर मास्क
प्याज के आयुर्वेदिक गुण इसे बालों के लिए बेहद अच्छा बनाते हैं. प्याज को घिसकर उसका रस निकाल लें. इस रस को बालों की जड़ों से सिरों पर अच्छी तरह मल लें. इसे पूरे बालों पर लगाकर कम से कम एक घंटा रखें और धोकर हटा लें. हफ्ते में 2 से 3 बार इस तरह प्याज को सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है. प्याज के रस के गुण हेयर ग्रोथ में भी असरदार होते हैं.
अंडे का हेयर मास्क
बालों को मजबूती के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है और यह प्रोटीन अंडे से बालों को मिलता है. अंडे का हेयर मास्क बालों को भरपूर पोषण देता है. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक अंडा लें और उसमें एक चम्मच ऑलिव ऑयल मिला लें. इस मिश्रण को पूरे बालों पर लगाने के बाद आधे घंटे तक जस का तस ही रखें. इसके बाद सिर धोकर साफ कर लें. बालों का झड़ना कम होने में इस हेयर मास्क का अच्छा असर दिखता है.
मेथी का हेयर मास्क
मेथी के पीले दाने खानपान का स्वाद तो अच्छा करते ही हैं, साथ ही इन दानों से बना हेयर मास्क बालों का झड़ना कम करता है. हेयर मास्क बनाने के लिए मेथी के दाने लेकर रातभर भिगोने रख दें. अगली सुबह इन दानों को पीसकर पेस्ट बनाएं. मेथी के दानों का यह हेयर मास्क सिर पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धोकर साफ करें. मेथी में करी पत्ते मिलाकर भी हेयर मास्क बनाया जा सकता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास में होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 25 मार्च के दिन होली खेली जाएगी. माना जाता है कि होली के दिन आपसी बैर मिट जाते हैं और लोग एकदूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाईयां देते हैं. होलिका दहन से यूं तो होलिका, हिरण्यकश्यप और विष्णु भक्त प्रह्लाद की कथा जुड़ी हुई है, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि रंगों वाली होली क्यों खेली जाती है. असल में रंगों वाली होली खेलने के पीछे भगवान शिव और कामदेव की रोचक कथा छिपी है. जानिए ऐसा क्या हुआ था कि होली खेलने की शुरूआत हुई और धूमधाम से रंग खेला जाने लगा.
होली की पौराणिक कथा |
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय की बात है जब महादेव और माता पार्वती का विवाह नहीं हुआ था. माता पार्वती महादेव से विवाह करना चाहती थीं लेकिन तपस्या में डूबे भगवान शिव का ध्यान उनकी ओर नहीं गया. माता पार्वती की इस उलझन को देख कामदेव वहां आ पहुंचे और उन्होंने महादेव की तपस्या भंग करने के लिए उनपर पुष्प बाण चला दिया. इस बाण के कारण महादेव की आंखें खुल गईं और उनके क्रोध से कामदेव अग्नि में भस्म हो गए. इसके बाद महादेव की दृष्टि माता पार्वती पर गई. माता पार्वती की इच्छा पूरी हुई और भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह रचा लिया.
कामदेव के अग्नि में भस्म हो जाने के बाद शिव शंकर को अनुमान हुआ कि कामदेव निर्दोष थे. इसके बाद माता पार्वती के पूर्व जन्म की कहानी जानकर उन्हें कामदेव के लिए और ज्यादा सद्भाव जागा. ऐसे में महादेव ने कामदेव को एकबार फिर जीवित कर दिया और उन्हें अशरीरी बना दिया. इस दिन लोग फाल्गुन मास पर होलिका दहन कर रहे थे. इसी होलिका में कामदेव की वासना की मलिनता जलकर प्रेम के रूप में प्रकट हुई और कामदेव का अशरीरी भाव से सृजन हुआ जिसका सभी ने जश्न मनाया. इसके बाद से ही होली का त्योहार मनाया जाने लगा. गुलाल से होली खेली गई और हर ओर मधुर संगीत फैल गया.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इस बार यह 20 मार्च दिन बुधवार को आने वाले वाली है. मान्यतानुसार इस दिन उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं को 12 महीने की एकादशी का फल मिल जाता है. इस पावन दिन उपवास, दान, स्नान करने से लोगों पर सुख-समृद्धि की बरसात होती है. रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव, माता पार्वती, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार अपने प्रिय धाम काशी लेकर आए थे. इसलिए भक्त इस दिन काशी में माता पार्वती का भव्य स्वागत करते हैं.
एकादशी पर तुलसी पूजा का महत्व |
धर्माचार्यों के अनुसार, रंगभरी एकादशी पर तुलसी की उपासना अवश्य की जानी चाहिए क्योंकि तुलसी में भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में तुलसी की पूजा करने वालों पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं तुलसी के उन उपायों को जिनको रंगभरी एकादशी पर करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न रहती हैं और लोगों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता.
जरूर करें ये उपाय
रंगभरी एकादशी पर माता तुलसी की उपासना करते समय दीपक जरुर जलाएं. इसके साथ ही भागवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. मंत्रों का जाप करें. उनको लगाए भोग में तुलसी के पत्ते जरुर डालें. माना जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु की बहुत प्रिय है. यदि आप रंगभरी एकादशी पर तुलसी की पूजा इस तरह से करेंगे तो भगवान विष्णु आपकी हर इच्छा को पूरा करेंगे.
इसके अलावा माता तुलसी की पूजा के समय उनकी 11 बार परिक्रमा जरुर करें. इससे आपके परिवार की सभी आर्थिक और शारीरिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
जिन लोगों के दांपत्य जीवन परेशानियों से गुजर रहा है वो रंगभरी एकादशी पर माता तुलसी को लाल चुनरी बांधकर उनकी पूजा करें. इससे आपका वैवाहिक जीवन खुशमय हो जाएगा.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / रंगों का त्योहार होली आने वाला है. इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन होगा और इसके एक दिन बाद यानी 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. रंगों के इस त्योहार से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं. 17 मार्च से शुरू होने वाला होलाष्टक 24 मार्च तक रहेगा. होलिका दहन के साथ ही इनकी समाप्ति हो जाएगी. मान्यतानुसार होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान शादी , मुंडन या फिर गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर उनका अच्छा फल नहीं प्राप्त होता. ऐसे में चलिए जानते हैं इन आठ दिवसीय होलाष्टक के दौरान कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और कौन-कौन से नहीं.
भूलवश भी न करें ये कार्य
होलाष्टक में विवाह, मुंडन, सगाई और बच्चों का नामकरण समेत 16 कार्य निषेध माने गए हैं. इस दौरान न मकान का निर्माणकार्य शुरू करना चाहिए और न ही गृह प्रवेश करना चाहिए. इसके साथ ही मकान, वाहन और जमीन की खरीददारी भी होलाष्टक में वर्जित मानी गई है.
इसके अतिरिक्त होलाष्टक में यज्ञ और हवन जैसे धार्मिक कार्य भी नहीं करने चाहिए. यदि आप चाहें तो होलाष्टक के पहले या बाद में यह कार्य कर सकते हैं.
इसके साथ ही जो लोग अपने नौकरी बदलना चाहते हैं या फिर नई नौकरी ज्वाइन करना चाहते हैं वो होलाष्टक के बाद ऐसा करें. यहां तक कि होलाष्टक के दौरान नया बिजनेस शुरू करना भी अच्छा नहीं माना जाता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कैल्शियम हड्डियों और दांत की सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्व है. इतना ही नहीं ये मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के कार्यों के लिए बहुत आवश्यक है. लेकिन जब इनकी कमी होती है तो ना सिर्फ बोन्स और मांसपेशियां कमजोर होती हैं बल्कि स्किन और हेयर पर भी इसका असर पड़ता है. ऐसे में आप दूध के अलावा किन फूड्स से कैल्शियम की कमी को पूरी कर सकते हैं, इसके बारे में आर्टिकल में बताने वाले हैं.
कैल्शियम की कमी कैसे करें पूरी
1- कई ऐसे बीज होते हैं जिसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, इनमें खसखस, तिल, अजवाइन और चिया बीज शामिल हैं.उदाहरण के लिए, 1 बड़ा चम्मच (9 ग्राम) खसखस 127 मिलीग्राम कैल्शियम होता है.
2- बीज प्रोटीन और स्वस्थ वसा भी प्रदान करते हैं. उदाहरण के लिए, चिया बीज पौधे-आधारित ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं.
- तिल के बीज में 1 बड़ा चम्मच (9 ग्राम) कैल्शियम, साथ ही तांबा, लोहा और मैंगनीज सहित अन्य खनिज होते हैं.
4- पनीर प्रोटीन भी प्रदान करता है. पनीर में प्रति कप 23 ग्राम प्रोटीन होता है. दही प्रोबायोटिक्स से भी भरपूर होते हैं, एक प्रकार के लाभकारी बैक्टीरिया जो प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ावा दे सकते हैं, हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं.
5- एक कप (245 ग्राम) सादे दही में कैल्शियम के लिए 23% (डीवी) होता है, साथ ही फॉस्फोरस, पोटेशियम और विटामिन बी2 और बी12 की भरपूर मात्रा होती है.
6- मछलियां उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन और ओमेगा-3 प्रदान करती हैं, जो आपके हृदय, मस्तिष्क और त्वचा के स्वास्थ्य को फायदा पहुंचा सकती हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /महिलाओं में आजकल बच्चेदानी में सिस्ट बनना एक आम समस्या होती जा रही है. जिसके कारण उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी हो सकती है. हालांकि, बच्चेदानी की गांठ दवाईयों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन आप इसे योगासन के माध्यम से भी ठीक कर सकती हैं. आज हम आपको बच्चेदानी की गांठ ठीक करने के योगासन बताने वाले हैं जिससे आप ओवरी सिस्ट को गला सकती हैं. आइए बिना देर किए जानते हैं.
कैसे ठीक करें बच्चेदानी की गांठ
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अब एक पैर को घुटनों के पास से हाथों से पकड़ें और पोज को कुछ देर होल्ड करें. इसके बाद दूसरे पैर के साथ भी यही करें. घुटने को आपको अपनी छाती तक लेकर आना है. दोनों पैरों को साथ पकड़कर भी यह योगा की जाती है.
पादहस्तासन
सबसे पहले आप योगा मैट बिछा लीजिए. फिर दोनों हाथों को नीचे की ओर रखें और आंखों को सामने रखें, इसके बाद स्वास भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं, भुजाओं को कान से लगाते हुए ऊपर ले जाइए. अब सांस छोड़ते हुए कमर से नीचे की ओर झुकें. ध्यान रखें कमर का ऊपरी हिस्सा ही सीधा रखना है. सिर्फ कमर को ही मोड़ना है. इस स्थिति में आपको 30 सेकेंड के लिए ही रहना है.
सेतुबंधासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाइए, अब अपने घुटनों को मोड़ें और तलवों को जमीन पर रखिए. अब अपने दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़िए.फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपनी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं. इस मुद्रा में 1से 2 मिनट तक रहिएं. इसके बाद सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाइए. इसके 3 से 5 बार करें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / क्या आप भी टी लवर हैं और दिन की शुरूआत कड़क दूध वाली चाय के साथ करते हैं. अगर आपका जवाब हां, है तो यह आर्टिकल आपके लिए है. क्योंकि आज हम आपको मिल्क की बजाय ब्लैक टी से सुबह की शरूआत करने के क्या फायदे हो सकते हैं, इसके बारे में बताने वाले हैं. आप उन बेनेफिट्स को जानने के बाद दूध वाली चाय से तौबा कर लेंगे. तो बिना देर किए आइए जानते हैं.
काली चाय के फायदे
- अगर आप दूध की जगह काली चाय पीते हैं, तो फिर आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी. साथ ही संक्रमित बीमारियों से भी यह आपको दूर रखेगी.
- दिल की सेहत के लिए भी यह बहुत अच्छी होती है. ब्लैक टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण आपकी हार्ट हेल्थ को कई फायदे पहुंचाते हैं. जबकि मिल्क टी धमनियों में खून का थक्का बना सकती हैं.
- वहीं, काली चाय आपको इंफेक्शन से भी बचाती हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मौसमी वायरल से बचाने का काम करते हैं.
- इस चाय को पीने से पाचन संबंधी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. इससे आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है. गट हेल्थ के लिए भी काली चाय बहुत फायदेमंद होती है.
- ब्लैक टी पीने पर मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है जिसका असर वजन घटाने पर भी देखने को मिलता है. इसमें पाए जाने वाले फ्लेवेनॉइड्स वजन को नियंत्रित करने में कारगर हैं.
- डायबिटीज के मरीज ब्लैक टी को पी सकते हैं. कई स्टडीज में ब्लड शुगर कम करने में ब्लैक टी कारगर माना गया है. इसके साथ ही, चाय को पीने पर ब्लड शुगर के अचानक से बढ़ जाने का खतरा भी कम हो जाता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /स्किन को टाइट , चमकदार और बेदाग रखने के लिए लोग फेशियल, ब्लीच, क्लीनअप, मसाज जैसे ट्रीटमेंट लेते हैं. ब्लीच, जिनके फेस पर बहुत ज्यादा बाल होते हैं वो लोग ये ट्रीटमेंट कराते हैं. इससे चेहरे पर निखार आता है. लेकिन आप चाहें तो घर पर भी यह कर सकती हैं.आपके किचन में कई ऐसी चीजें होती हैं जिससे आप अपने फेस को निखार सकती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं के बारे में बताने वाले हैं.
घर पर कैसे करें ब्लीच
बेसन
बेसन में ब्लीचिंग प्रोपर्टीज होती हैं, साथ ही इसमें नेचुरल एक्सफोलिएटर भी होता है. आप हफ्ते में एकबार त्वचा पर बेसन अप्लाई कर सकती हैं. इससे निखार भी आता है और डेड स्किन भी रिमूव हो जाती है.
बेसन से ब्लीच बनाने के लिए आपको 1 छोटा चम्मच बेसन, 1 छोटा चम्मच दही और डेढ़ चम्मच गुलाब जल चाहिए.
अब आप इन सारी सामग्रियों को एक बाउल में मिक्स कर लीजिए. फिर इस पेस्ट को फेस पर अप्लाई करिए 15 मिनट के लिए. फिर पानी से चेहरे को साफ कर लीजिए. अगर आपके फेस पर दाग धब्बे हैं तो उबटन से साफ हो जाएंगे.
यह फेस मास्क उन लोगों को नहीं अप्लाई करना चाहिए जिनके फेस पर बड़े ओपन पोर्स हैं. वहीं, फेस पर अगर पिंपल है तो आपको बिल्कुल इसको अप्लाई नहीं करना है.
हल्दी
हल्दी से भी आप फेस को ब्लीच कर सकती हैं. इससे ब्लीच तैयार करने के लिए आप 1 छोटा चम्मच दूध और 1 चुटकी हल्दी चाहिए. इन सारी चीजों को एक साथ मिक्स कर लीजिए, फिर कॉटन बॉल्स की मदद से फेस पर अप्लाई करिए.
5 से 10 मिनट लगाकर रखिए फिर चेहरे को साफ पानी से धो लीजिए. लेकिन जिन लोगों की स्किन ऑयली है उन्हें दूध की बजाय दही हल्दी में मिक्स करके लगाना चाहिए.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /अधिकांश लोग बालों की सामान्य समस्याओं जैसे बालों का झड़ना, बेजान बाल और बालों के टूटना की प्रॉब्लम से परेशान हैं. कई बार बदलता मौसम, कोई बीमारी, प्रदूषण और पोषक तत्वों की कमी भी बालों के कमजोर होने और टूटने का कारण बनते हैं. बालों की सेहत में सुधार के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट हैबिट्स में कुछ बदलाव करें तो आपको असर नजर आएगा. विटामिन सी से भरपूर कुछ फल बालों के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं, जो बालों को मजबूत बनाते हैं और उनकी ग्रोथ में सहायक होते हैं. आइए इन फ्रूट्स के बारे में जानते हैं.
बालों को पोषण देने वाले 5 फल
बेरीज : बेरीज विटामिन सी और कोलेजन का एक समृद्ध स्रोत होते हैं, जो बालों को मजबूत बनाते हैं. विटामिन सी कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है और स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है. विटामिन सी बालों के पोर्स को फ्री रेडिकल्स के ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाता है और बालों को पोषण देता है.
संतरा : संतरा यानी ऑरेंज भी विटामिन सी और सिट्रिक एसिड से भरपूर होता है जो स्कैल्प की प्रॉब्लम्स को कम करता है और बालों के ग्रोथ को बढ़ावा देता है. संतरे का रोजाना सेवन आपके बालों को सुंदर और चमकदार भी बनाते हैं.
कीवी : कीवी में विटामिन सी के साथ ही विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो बालों की ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा है और जरूरी भी है. ये बालों के टूटने को कम कर इसके विकास को बढ़ावा देता है. कीवी के सेवन से बालों को तो फायदा होता ही है, सेहत के लिहाज से भी ये बेहद फायदेमंद है. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहतरीन फ्रूट है.
स्ट्रॉबेरी : स्ट्रॉबेरी विटामिन सी और बायोटिन का बेहतरीन सोर्स है, जो बालों की सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं और इसकी ग्रोथ के लिए जरूरी हैं. स्ट्रॉबेरी को डाइट में शामिल करने से स्कैल्प में होने वाली समस्याएं खत्म होती है और बालों के टेक्सचर में सुधार होता है.
नींबू : नींबू विटामिन सी के साथ ही पोटेशियम और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो स्कैल्प और बालों की सेहत के लिए बहुत अच्छा है. ये बालों को जड़ से टूटने से रोकता है, डैंड्रफ की समस्या का इलाज करता है और बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /अदरक एक ऐसा हर्ब है जिसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. हममें से ज्यादातर लोग अदरक को आमतौर पर चाय में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि अदरक का जरूरत से ज्यादा सेवन फायदा की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है. अदरक को आवुर्येदिक जड़ी-बूटी के रूप में कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. गले में खराश से लेकर शरीर के टॉक्सिन्स निकालने तक में अदरक जादुई काम कर सकता है. तो चलिए जानते हैं किन लोगों को नहीं करना चाहिए अदरक का सेवन और क्या हैं इसके नुकसान.
अदरक की चाय के नुकसान-
1. डायरिया-
अदरक की चाय का जरूरत से ज्यादा सेवन डायरिया के खतरे को बढ़ा सकता है. अदरक खाने को तेजी से पचाने का काम करता है, जिसके कारण बैचानी की समस्या हो सकती है.
2. अनिद्रा-
जिन लोगों को नींद कम आती है उन्हें अदरक की चाय का सेवन कम करना चाहिए. अदरक की चाय का अधिक सेवन करने से नींद उड़ सकती है. यानि अदरक की चाय का अधिक सेवन आपकी नींद में बाधा डाल सकती है.
3. पेट में जलन-
अदरक में पाया जानेवाला जिंजरोल पेट में ज्यादा एसिड पैदा कर सकता है. जो जलन का कारण बन सकता है. अदरक की चाय का ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है.
4. बालों का झड़ना-
अदरक में जिंजरोल नामक तत्व पाया जाता है, जो बालों को बढ़ने से रोक सकता है. अदरक की चाय का अधिक सेवन करने से बाल झड़ने की समस्या हो सकती है.
5. ब्लड प्रेशर-
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर सामान्य है, या कम है उनके लिए अदरक की चाय नुकसानदायक हो सकती है. इससे आपको चक्कर और कमजोरी की शिकायत हो सकती है. लेकिन अदरक की चाय उन लोगों के लिए लाभदायक मानी जाती है जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /वजन घटाना कई बार किसी मुसीबत से कम नहीं लगता है. चाहे कितनी ही कोशिश कर ली जाए लेकिन जब हर बार ही वजन जस का तस बना रहता है तो निराशा होती है. अक्सर सलाह दी जाती है कि डाइटिंग से वजन कम किया जा सकता है, लेकिन व्यस्त जीवनशैली हो और खुद के लिए डाइट वाला खाना बनाने का समय ना हो तो व्यक्ति चाह कर भी प्रोपर डाइट नहीं ले पाता है. लेकिन, बिना एक्सेसिव एक्सरसाइज और डाइट के भी वजन कम हो सकता है. वजन घटाने के लिए कुछ बेहद आसान से तरीके भी काम आते हैं. इन तरीकों को लाइफस्टाल में ढाल लिया जाए तो शरीर का वजन कम होने में असर नजर आने लगता है. आपको अलग से कुछ ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है और शरीर फिट दिखता है सो अलग. यहां जानिए इन तरीकों के बारे में.
बिना डाइटिंग के कैसे घटाएं वजन |
घर का बना खाएं
अगर आप बाहर से कुछ भी हेल्दी समझकर खा लेते हैं तो गलती करते हैं. बाहर के खाने में या तो तेल ज्यादा होगा, या तो नमक, या फिर यह खाना प्रोसेस्ड होगा या फिर इसमें एडेड शुगर होगी. इसीलिए कोशिश करें कि घर का बना खाना ही खाएं. आपको अपने वजन में जरूर असर दिखेगा.
पोर्शन कंट्रोल पर दें ध्यान
घर का खाना खाकर भी वजन ना घट पाने की वजह आपका जरूरत से ज्यादा खाना भी हो सकता है. अपने पोर्शन कंट्रोल पर ध्यान दें. उतना खाएं जिसमें आपका पेट भर जाए, रोज-रोज मन भरने के लिए ना खाएं. पोर्शन कंट्रोल से आपको कम कैलोरी मिलेगी और एक्सेस फैट बर्न होने लगेगा.
गर्म पानी पीना
आपको दिनभर गर्म पानी नहीं पीते रहना है लेकिन सुबह उठकर खाली पेट गर्म पानी जरूर पिएं और उसके आधे से एक घंटे बाद ही कुछ खाएं. सुबह के गर्म पानी में जीरा या मेथी के दाने डालकर भी पी सकते हैं. यह पानी डिटॉक्स वॉटर की तरह काम करता है. इसके अलावा, दिन में जब कुछ खाते हैं उसके 20 मिनट बाद हल्का गर्म पानी जरूर पिएं. इससे तेजी से फैट बर्न होता है.
वॉक करना है जरूरी
तेजी से वेट लॉस हो इसके लिए कुछ भी खाने के बाद आधा घंटा वॉक किया जाता है. लेकिन, अगर आपको दिनभर में समय नहीं मिलता है तो रात के समय जब भी आप फ्री होते हैं एक घंटे वॉक जरूर करें. इससे वजन तो कम होगा ही साथ ही शरीर के इंचेस भी कम होंगे. आपको कमर, पेट, जांघ और शरीर का ऊपरी हिस्सा भी पतला होता दिखने लगेगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हमें कई तरह के विटामिन्स की जरूरत होती है. क्योंकि शरीर में किसी भी विटामिन की कमी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. विटामिन डी का सबसे अच्छा और नेचुरल सोर्स धूप है. लेकिन अगर आप धूप नहीं ले पा रहे हैं तो आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल कर सकते हैं. आपको बता दें कि शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप अपनी डाइट में कई तरह की चीजों को शामिल कर सकते हैं. कई लोग तो इसकी कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लेते हैं. लेकिन सप्लीमेंट्स के बिना भी आप इसकी पूर्ति कर सकते हैं. वो भी अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करके. तो चलिए जानते हैं विटामिन डी की कमी के लक्षण और इसकी पूर्ति के सोर्स.
विटामिन डी की कमी के लक्षण-
डिप्रेशन, एंजायटी
जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना
हड्डियों में दर्द
थकान महसूस होना
विटामिन डी के सोर्स-
1. मशरूम-
अगर आप नॉनवेज नहीं खाते हैं और शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है तो आप मशरूम को डाइट में शामिल कर विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं.
2. संतरा-
संतरे को विटामिन सी और विटामिन डी का अच्छा सोर्स माना जाता है. संतरे को फल के रूप में या जूस को रूप में डाइट शामिल कर इम्यूनिटी को मजबूत और विटामिन डी कमी को दूर कर सकते हैं.
3. मछली-
ट्यूना, मैकेरल और सालमन जैसी मछली की किस्म विटामिन डी के अच्छे सोर्स में से एक हैं. अगर आप नॉनवेजिटेरिन हैं तो अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल कर विटामिन डी की कमी को दूर कर सकते हैं.
4. अंडा-
अंडे की जर्दी में विटामिन डी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में विटामिन डी की पूर्ति करता है. अगर आप विटामिन डी की कमी को दूर करना चाहते हैं तो अंडे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.