March 27, 2025
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 आस्था /शौर्यपथ /बेलपत्र भगवान शिव को अतिप्रिय है. इसके बिना भोलेनाथ की पूजा अधूरी मानी जाती है. हिंदू धर्म में बेल के पेड़  का अत्यंत महत्व है. धार्मिक तौर पर ही नहीं सेहत के लिए भी यह काफी अहम माना जाता है. बेलपत्र ही नहीं इस पेड़ की छाल, जड़, फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. माना जाता है कि इस पेड़ से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और समृद्धि आती है. मान्यता है कि जिस घर में बेल का पेड़ होता है वहां भोलेनाथ  की विशेष कृपा बनी रहती है और मां लक्ष्मी भी वास करती हैं जिससे कभी भी दुख या पैसों की कमी नहीं होती है. हालांकि, इसे घर की सही दिशा में ही लगाना चाहिए ताकि शुभ प्रभाव मिल सके. यहां जानिए बेलपत्र लगाने के लिए वास्तु के अनुसार कौनसी दिशा सही है.
घर की किस दिशा में लगाएं बेल का पेड़
वास्तु शास्त्र के मुताबिक बेल का पौधा हमेशा घर की उत्तर या पश्चिम दिशा (West Direction) में लगाना चाहिए. इससे समस्याएं घर में नहीं आ पाती हैं और पहले से चल रही समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं. इतना ही नहीं घर के चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा बनी रहतr है, बुरी शक्तियां नहीं आ पाती हैं, घर के सदस्य ऊर्जावान रहते हैं और मानसिक शांति बनी रहती है. बेल का पेड़ तांत्रिक बाधाओं को भी दूर रखता है. इससे परिवार सुरक्षित रहता है और चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है.
बेलपत्र ना तोड़ने का समय
हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि पर किसी को भी बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए. सोमवार के दिन भी इसे न तोड़ें. बेलपत्र (Bel Patra) तोड़ते समय ध्यान दें कि इसे कभी भी टहनी के साथ न तोड़ें.
बेल का महत्व
    बेल का पेड़ दिव्य पेड़ माना जाता है. हिंदू धर्म में इसे लेकर कई मान्यताएं हैं.
    घर में बेल का पेड़ लगाना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.
    हिंदू ही नहीं जैन धर्म में भी बेलपत्र के पेड़ का महत्व है.
    भगवान शिव बेलपत्र चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं. इसलिए बेलपत्र जब भी तोड़ने जाएं, शिवजी का ध्यान लगाकर ही तोड़ें
    बेल की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है और गर्मियों में लू से बचाता है.

मनोरंजन /शौर्यपथ / सोशल मीडिया के इस जमाने में बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से जुड़ी छोटी से छोटी बात उनके फैंस तक बेहद आसानी से पहुंचती रहती है. कई बार तो सेलिब्रिटीज खुद अपने बारे में अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपडेट देते हैं, तो कई बार अन्य स्रोतों से जानकारी फैंस तक पहुंच जाती है. इसी तरह से कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के बचपन की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में अचानक सामने आ जाती हैं और उन्हें देख कर उनके फैंस के लिए उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही एक मशहूर बॉलीवुड डायरेक्टर के बचपन की फोटो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें पहचानना किसी चैलेंज से कम नहीं है.
फोटो में आप एक बच्चे को देख सकते हैं, जिसमें वह अपनी मां की गोद में नजर आ रहा है. यह बच्चा कैमरे की तरफ देख बड़े ही प्यार से मुस्कुरा रहा है. आपको बता दें यह बच्चा आज के टाइम में बॉलीवुड के सक्सेसफुल डायरेक्टर्स में से एक हैं. इनके साथ आलिया भट्ट, शाहरुख खान, सलमान खान से लेकर अमिताभ बच्चन तक काम कर चुके हैं. अगर अब भी आप इन्हें नहीं पहचान पाए तो बता दें कि यह बच्चा कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर करण जोहर हैं. करण जोहर की ये फोटो बहुत ही क्यूट है.
गौरतलब है कि करण जोहर पिछले कई सालों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं और उनके नाम का डंका अब तक बज रहा है. करण जोहर ने बॉलीवुड की कुछ बेहतरीन फिल्मों जैसे कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, ए दिल है मुश्किल, स्टूडेंट ऑफ़ द इयर आदि को डायरेक्ट किया है. तो कैसी लगी आपको करण जोहर के बचपन की ये फोटो? हमें कमेंट कर जरूर बताएं.

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ / रोज सुबह खाली पेट बादाम खाने से शरीर पूरा दिन एनर्जेटिक रहता है. इससे शरीर की ताकत बढ़ाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें प्रोटीन , फाइबर, विटामिन E, और गुड फैट्स होते हैं. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स बादाम को डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं  वहीं, जो लोग बहुत ज्यादा दुबले-पतले शरीर के हैं, वो बादाम खाने के तरीके में बदलाव करके अपने शरीर की ताकत दोगुनी कर सकते हैं.
दीवाली के दिन करें ये एक काम चेहरे पर आ जाएगा इंस्टेंट ग्लो
पहला तरीका
भिगोकर खाएं
बादाम को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट इन्हें खाएं. इससे बादाम में मौजूद एंजाइम्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और पाचन भी आसान होता है. भिगोकर बादाम खाने से शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर होता है और मांसपेशियों की ताकत भी बढ़ती है.
दूसरा तरीका
बादाम और शहद -
तीसरा तरीका
बादाम और दूध -
रात में 5 से 6 बादाम को पानी में भिगोकर रखें और सुबह इन्हें चबाकर पीने के बाद एक गिलास गर्म दूध पीएं. इससे शरीर को शक्ति और स्टेमिना मिलती है.
चौथा तरीका
बादाम का पेस्ट -
बादाम को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे एक गिलास दूध में डालकर पिएं. इस मिश्रण से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है.
पांचवां तरीका
बादाम और फल -
बादाम को किसी फल जैसे केला, सेब या स्ट्रॉबेरी के साथ खाएं. इससे शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर का अच्छा स्रोत मिलता है.
जरूरी बातें -
ज्यादा बादाम खाने से शरीर में कैलोरी बढ़ सकती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं. अगर आपको बादाम से एलर्जी है, तो खाने से बचें. इन तरीकों से आप अपने शरीर को शक्ति और ऊर्जा दे सकते हैं.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / लौकी एक ऐसी सब्जी है जिसका नरम स्वाद हर किसी को भाता है. इसमें विटामिन सी, बी और के के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिज भी पाए जाते हैं, जो आपके शरीर के जरूरी पोषक तत्व हैं. इससे आपकी स्किन से लेकर मेटाबॉलिज्म को फायदा पहुंचाता है. लेकिन क्या आपको पता है इस सब्जी के साथ क्या नहीं खाना चाहिए? अगर आपका जवाब नहीं है, तो हम यहां पर उन फूड्स के बारे में बताने वाले हैं जिनका कॉन्बिनेशन इस सब्जी के साथ सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.
लौकी के साथ क्या नहीं खाना चाहिए -
लौकी के साथ फूलगोभी का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे गैस की परेशानी हो सकती है. जिन लोगों को पेट की समस्या है उन्हें लौकी के साथ बंदगोभी और ब्रोकली भी खाने से बचना चाहिए.
वहीं, आप करेला का भी सेवन नहीं कर सकते हैं. इससे आपको उल्टियां हो सकती हैं, नाक से खून आ सकता है और चक्कर की भी परेशानी हो सकती है.
इस सब्जी के साथ खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए . इससे पेट में मरोड़ और दर्द की समस्या बढ़ सकती है. डेयरी प्रोडक्ट्स भी खाने से बचना चाहिए, यह भी आपके लिए पेट से जुड़ी दिक्कतें पैदा कर सकता है. इसके अलावा चुकंदर का भी सेवन लौकी के साथ नहीं करना चाहिए, इससे चेहरे पर दाने उभऱ सकते हैं.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सर्दियों के मौसम में मूंगफली खाना भला किसे पसंद नहीं है. गर्मागरम मूंगफली को कोई नमक के साथ खाना पसंद करता है तो कोई गुड़ के साथ. मूंगफली एक बहुत ही पौष्टिक और फायदेमंद फूड है. ये सिर्फ स्वाद को बढ़ाने ही नहीं सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है. आपको बता दें कि मूंगफली में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मददगार हैं. अगर आप मसल्स को बढ़ाना चाहते हैं तो मूंगफली प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स बन सकता है. तो चलिए जानते हैं किन लोगों को और क्यों करना चाहिए मूंगफली का सेवन.
इन लोगों को जरूर खाना चाहिए मूंगफली-
1. प्रोटीन-
मूंगफली में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो मांसपेशियों के विकास और मरम्मत के लिए आवश्यक है.
2. दिल-
मूंगफली में मोनोसैचुरेटेड फैट और पॉलीसैचुरेटेड फैट होते हैं, जो दिल के लिए अच्छे होते हैं.
3. वजन घटाने-
मूंगफली में फाइबर और प्रोटीन होते हैं, जो भूख को कंट्रोल करते हैं और लंबे समय तक पेट को भरा रखने का एहसास कराते हैं.
4. मस्तिष्क-
मूंगफली में विटामिन बी3 (नियासिन) और रेस्वेराट्रोल होता है, जो मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ावा दे सकते हैं.
5. एनर्जी-
मूंगफली में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को क्विक एनर्जी देने में मददगार हैं.
6. पाचन-
मूंगफली में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार है.
7. हड्डियों-
मूंगफली में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / करवाचौथ व्रत विवाहित स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है. यह उपवास प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रदर्शन करके पति के हाथों पानी पीकर व्रत का पारण करती हैं. इस साल यह व्रत 20 अक्तूबर को है. करवा चौथ का त्योहार सामूहिक रूप से मनाने की परंपरा है. इस दिन महिलाएं एक-दूसरे के घर इकट्ठा होती हैं, फिर विधि-विधान के साथ करवा माता की पूजा करती हैं. आपको बता दें कि करवाचौथ के व्रत में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हैं.
करवाचौथ पर सोलह सिंगार का महत्व
बिंदी- सुहागिन महिलाओं के लिए कुमकुम का विशेष महत्व होता है. यह गुरु के बल को बढ़ाती है.
सिंदूर - सिंदूर से मांग भरने से पति की आयु लंबी होती है. इसलिए महिलाएं पूरी मांग भरती हैं.
काजल- वहीं, आंखों में काजल लगाने से मंगलदोष दूर होता है.
मेहंदी - इसके अलावा मेहंदी हाथों की सुंदरता को बढ़ाती है. कहते हैं जितनी चटक मेहंदी चढ़ती है पति उतना प्यार करता है.
चूड़ियां - यह भी सुहाग का प्रतीक होती है. लाल और हरे रंग की चूड़ी पहनने से सुख समृद्धि आती है.
मंगलसूत्र - मंगलसूत्र भी सुहाग का प्रतीक माना जाता है. इसके काले मोती बुरी नजरों से दूर रखते हैं.
नथ - वहीं, सोलह श्रृंगार में नथ का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है. इससे सुंदरता में चार चांद लग जाता है और बुझ दोष दूर होता है.
गजरा- इसके अलावा गजरा आपकी सुंदरता को बढ़ाता है और इसकी सुगंध जीवन में सकारात्मकता लाती है.
मांग टीका - यह माथे के बीचो-बीच पहना जाता है. यह सादगी से जीवन बिताने का प्रतीक होता है.
झुमके - वहीं, कान में बालियां टॉप्स राहु और केतु का दोष दूर करती हैं.
बाजूबंद - इसका भी विशेष महत्व होता है. इससे परिवार धन समृद्धि की रक्षा होती है.
कमरबंद - यह इसबात का प्रतीक होता है कि अब आप ही घर की मालकिन हैं. यह साड़ी को भी संभालकर रखता है.
बिछिया - वहीं, यह पहनने से शनि और सूर्य का दोष दूर होता है.
पायल - पायल चांदी की ही पहनी जाती है.
अंगूठी - यह विवाह सूत्र में बंधने की निशानी होती है.
स्नान - आपको बता दें कि सिंगार का पहला चऱण स्नान होता है. नहाने के पानी में शिकाकाई, भृंगराज, आवंला, उबटन जैसी सामग्रियों को मिलाते हैं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ  हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक दीपावली पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. इसकी तैयार महीने भर पहले से शुरू हो जाती है. साफ-सफाई से लेकर कपड़े और लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की शॉपिंग शुरू हो जाती है. लेकिन इस साल कार्तिक माह के अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाले इस पर्व की तारीख को लेकर लोग बहुत कंफ्यूज हैं. कोई 31 अक्तूबर को मनाने की बात कह रहा है, तो कुछ 1 नवंबर को. ऐसे में पूरे देश में दीपों के पर्व दीवाली को किस दिन मनाया जाएगा, एक मत नहीं बन पा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल दीपावली की सही तारीख और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
दीपावली 2024 कब है -
दीपावली का महापर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर, गुरुवार को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगी और समापन अगले दिन यानी  1 नवंबर, शुक्रवार को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा.  
आपको बता दें कि दीपावली रात को मनाई जाती है और लक्ष्मी पूजन भी सूर्यास्त के बाद किया जाता है. इस लिहाज से 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली मनाई जाएगी.
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त -
पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 43 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा. ऐसे में लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 05 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

खाना खजाना /शौर्यपथ / मीठा खाने के शौकीन को आप किसी भी समय मीठा दे वो मना नहीं करेंगे. भारत में हर राज्य में आपको एक अलग स्वाद वाली मिठाई की मिठास मिलेगी. क्योंकि भारत में कोई भी सेलिब्रेशन मीठे के बिना अधूरा है. आज हम आपको साउथ की एक ऐसी ही मिठाई को बनाने का प्रोसेस दिखा रहे हैं. साउथ इंडियन फूड दुनिया भर में फेमस हैं ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन, क्या आप यहां की फेमस मैसूर पाक को ट्राई किया है. साउथ की सबसे फेमस मिठाइयों में से एक है मैसूर पाक. बेसन और ढेर सारे घी से बनी यह मिठाई आपके मुंह में घुल जाने वाली स्वादिष्ट मिठाई है. हाल ही में एक फूड व्लॉगर  ने इस मिठाई को बनाने की प्रक्रिया इंस्टाग्राम पर शेयर की. यह वीडियो कर्नाटक में एक दुकान का था और वायरल होने के बाद इसे 8 मिलियन से अधिक बार देखा गया है.
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क्लिप में कुक को मथनी मशीन में बेसन और घी डालते हुए दिखाया गया है. जैसे-जैसे मशीन मिक्स करना जारी रखती है, वे धीरे-धीरे अधिक घी मिलाते हैं. फिर बैटर में चीनी मिलाई जाती है, उसके बाद अतिरिक्त घी मिलाया जाता है. एक बार जब मिश्रण गाढ़ा हो जाता है, तो इसे फूड ट्रे पर डाला जाता जाता है और रोलिंग पिन का उपयोग करके चपटा किया जाता है. इसे जमने देने के बाद, कुक मिठाई को छोटे-छोटे पीसेस में काटता है, जिन्हें पैक करके बेचा जाता है.
"मुझे लगता है कि यह आश्चर्यजनक है," एक फूडी ने कहा. इस प्रोसेस की प्रशंसा करते हुए एक व्यक्ति ने कहा, “मैं पहली बार मैसूर पाक बनाने की प्रोसेस देख रहा हूं. बहुत साफ़ और सुंदर.” एक अन्य ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा, "जिस साफ-सफाई और हाइजीन से इसे बनाया गया वो सराहनीय है." कुछ लोगों ने दावा किया कि यह उनकी "फेवरेट" मिठाई है.
इसे नापसंद करने वालों ने मैसूर पाक बनाने में उपयोग की जाने वाली भारी मात्रा में चीनी के बारे में चिंता व्यक्त की, कुछ ने यह भी दावा किया कि यह मिठाई "बहुत महंगी" है. एक यूजर ने कहा, "इसका अपना कोई फ्लेवर नहीं है, बस इसका टेस्ट घी जैसा है." एक अन्य कमेंट में लिखा था, "वे असली घी का उपयोग भी नहीं कर रहे हैं."

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /ऐसे अनेक लोग हैं जो बालों के झड़ने की दिक्कत से परेशान रहते हैं. बाल एकबार झड़ना शुरू होते हैं तो रुकने का नाम नहीं लेते. फिर बालों पर महंगे से महंगा तेल लगाया जाए या ट्रीटमेंट्स लिए जाएं, बालों का झड़ना कम नहीं होता. ऐसे में नेचुरल चीजों को आजमाकर देखा जा सकता है. घर की एक नहीं बल्कि ऐसी कई चीजें हैं जो बालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. यहां भी ऐसी ही 3 चीजों का जिक्र किया जा रहा है जिन्हें नारियल तेल  के साथ मिलाकर बालों पर लगाया जाए तो बालों का झड़ना कम होता है, बालों को बढ़ने में मदद मिलती है, बाल मोटे होते हैं, बालों की लंबाई बढ़ती है और बाल घने नजर आने लगते हैं. यहां जानिए कौनसी हैं ये चीजें और किस तरह इन्हें बालों पर लगाया जा सकता है.
बाल बढ़ाने के घरेलू उपाय | Home Remedies For Thick Hair
प्याज का रस और नारियल का तेल
प्याज में मौजूद सल्फर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स बालों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होते हैं. यह बालों को जड़ों से पोषण देते हैं जिससे बालों का झड़ना कम होता है. एक कटोरी में नारियल का तेल लें और इसमें 2 प्याज का रस मिलाकर आंच पर रखें. जब यह तेल पक जाए तो इसे आंच से उतारकर अलग रख लें. ठंडा होने के बाद इस तेल को शीशी में भरें. तैयार प्याज का तेल  बालों की जड़ों से सिरों पर लगाकर मालिश करें और एक घंटा लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. बालों को बढ़ने में मदद मिलती है.
करी पत्ते और नारियल का तेल
प्रोटीन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर करी पत्ते  बालों को बढ़ाने के साथ-साथ बालों का झड़ना रोकते हैं और इन पत्तों को सिर पर लगाने से वक्त से पहले बाल सफेद नहीं होते हैं. एक कटोरी नारियल के तेल में मुट्ठीभर करी पत्ते डालें और पकाएं. जब पत्ते पककर काले हो जाएं तो आंच बंद कर दें. इस तैयार तेल से बालों की मालिश की जा सकती है.
आंवला और नारियल का तेल
आंवला विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत होता है. वहीं, नारियल के तेल से फैटी एसिड्स, विटामिन ए और विटामिन के मिलता है. नारियल के तेल में कच्चा या फिर सूखा हुआ आंवला  डालकर पकाएं. जब यह तेल पक जाए तो ठंडा होने रख दें. इस तेल से सिर की मालिश करने पर हेयर फॉलिकल्स को फायदा मिलता है, हेयर ग्रोथ बेहतर होती है, बालों को मजबूती मिलती है और बालों का झड़ना रुकता है सो अलग.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / करवाचौथ का पावन पर्व हर महिला के लिए बहुत खास होता है, इस दिन वह अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले सरगी  की जाती है. इसके बाद व्रत का संकल्प और बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त कर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत किया जाता है. पूरे दिन व्रत रखने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से पति का चेहरा देखा जाता है. उसके बाद व्रत का पारण किया जाता है. लेकिन, अगर आपको करवाचौथ की सरगी खाने के समय के बारे में नहीं पता है तो यहां जानिए किस वक्त खाई जा सकती है सरगी.
करवा चौथ 2024 सरगी का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवाचौथ मनाया जाता है. इस बार करवाचौथ 20 अक्टूबर को सुबह 6:40 पर शुरू होगा और अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 पर खत्म हो जाएगा. ऐसे में करवाचौथ का व्रत  20 अक्टूबर को ही रखा जाएगा और सरगी का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से 2 घंटे पहले होता है. करवाचौथ पर सूर्योदय का समय 6:25 होगा. ऐसे में 2 घंटे पहले 4:25 से 5:00 बजे तक महिलाएं सरगी खा सकती हैं. वहीं, पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5:46 से लेकर 7:02 तक रहेगा और चंद्रोदय का समय 7:54 के आसपास रहेगा.
सरगी का है विशेष महत्व
अक्सर लोगों को लगता है कि सुबह के समय सरगी खाना मतलब अपना पेट भरना है, ताकि दिन भर हम एनर्जी से भरपूर रहें और हमें थकावट नहीं हो. जबकि, सरगी की विशेष मान्यता होती है. दरअसल घर की बड़ी महिलाएं या सास व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को सेहत से भरपूर कुछ चीजें सरगी के लिए देती हैं जिन्हें व्रत करने से पहले वे खाती हैं. इस सरगी में बहू के लिए फल, मिठाई, ड्राई फ्रूट्स, खीर, मट्ठी जैसी कई चीजें होती हैं. जिन महिलाओं की सास नहीं होती वे अपनी जेठानी या घर की किसी बड़ी महिला से भी सरगी ले सकती हैं और उन्हें भी भेंट स्वरूप कुछ दे सकती हैं.

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