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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व इस साल 6 सितंबर को मनाया जाएगा. आज के दिन सुहागिन औरतें अपने पति की तरक्की, उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ उपवास रखती हैं. इस दिन मां गौरी और भगवान भोलेनाथ की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और माना जाता है कि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की कामना लेकर इस व्रत को करती हैं. इस वर्ष हरतालिका तीज पर तीन शुभ योग बन रहे हैं. जिसमें ब्रह्म योग, शुक्ल योग, एवं रवि योग सम्मिलित हैं. इन योग में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
पति की लंबी उम्र के लिए मंत्र
नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा.
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे.
मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करने का मंत्र
सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्.
शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्..
भगवान भोलेनाथ के मंत्र
ॐ नम: शिवाय
ॐ महेश्वराय नमः
ॐ पशुपतये नमः
सौभाग्य प्राप्ति हेतु मंत्र
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्.
पुत्र-पौत्रादि समृद्धि देहि में परमेश्वरी..
मां गौरी का मंत्र
ॐ पार्वत्यै नमः
ॐ उमाये नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ..
भगवान भोलेनाथ की आरती
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा.
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा..
ओम जय शिव ओंकारा..
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे. हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे..
ओम जय शिव ओंकारा..
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे.
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे..
ओम जय शिव ओंकारा..
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी.
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी..
ओम जय शिव ओंकारा..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे.
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे..
ओम जय शिव ओंकारा..
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका.
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे..
ओम जय शिव ओंकारा..
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा.
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा..
ओम जय शिव ओंकारा..
पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा.
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा..
ओम जय शिव ओंकारा..
जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला.
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला..
ओम जय शिव ओंकारा..
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी.
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी..
ओम जय शिव ओंकारा..
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे.
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे..
ओम जय शिव ओंकारा.. ओम जय शिव ओंकारा..
व्रत /त्यौहार /श्रीकृष्ण के बहुत सारे भक्त उनके लड्डू गोपाल स्वरूप की सेवा और पूजा करते हैं. भक्त भगवान के लड्डू गोपाल स्वरूप की सेवा बिल्कुल एक बच्चे की तरह करते हैं. उन्हें समय से जगाने और सुलाने से लेकर समय-समय पर भोग लगाने के नियम का भी पूरा ध्यान रखते हैं. कुछ भक्त बच्चों की तरह प्रभु के लड्डू गोपाल रूप को नमकीन और बिस्कुट का भोग लगाते हैं. हालांकि बहुत से भक्तों के मन में इसे लेकर संशय भी रहता है. इस बारे में नियम क्या कहता है यह जानना जरूरी है क्योंकि भगवान की सेवा में कोई गलती नहीं होनी चाहिए. आइए जानते हैं लड्डू गोपाल को नमकीन और बिस्कुट का भोग लगाने क्या नियम हैं.
लड्डू गोपाल को बिस्कुट का भोग
नियम के अनुसार, लड्डू गोपाल को नमकीन व्यंजनों और बिस्कुटका भोग लगाया जा सकता है. इसमें कोई परेशानी नहीं है बस ध्यान देना जरूरी है कि उन्हें चढ़ाई गई सभी चीजें शुद्ध और सात्विक हों.
रखना चाहिए मिलावट का ध्यान
लड्डू गोपाल को बिस्कुट का भोग लगाने से पहले बाजार से लाए गए पैकेट को ध्यान से पढ़ना चाहिए. इस बात का पूरा ध्यान रखना जरूरी है उनमें कोई ऐसी चीज तो नहीं है जिन्हें प्रभु का अर्पित करना वर्जित है. मिलावटी चीजों को भोग के रूप में चढ़ाने से भी बचना चाहिए.
क्या है वर्जित
नमकीन व्यंजनों और बिस्कुट का भोग लड्डू गोपाल को लगाने में कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. सबसे पहले यह देख लेना चाहिए कि सामग्री को तैयार करने में लहसुन प्याज जैसी वर्जित चीजों का उपयोग नहीं किया गया हो. लहसुन प्याज को सात्विक नहीं माना जाता है और पूजा-पाठ के लिए इनका उपयोग वर्जित माना जाता है.
घर पर बनाई चीजें
लड्डू गोपाल को भोग लगाने के लिए घर पर पूरी शुद्धता से तैयार किए गए व्यंजन सबसे बेहतर माने जाते हैं. घर में शुद्धता से तैयार किए गए नमकीन व्यंजनों या बिस्कुट से लड्डू गोपाल को भोग लगाने में कोई परेशानी नहीं है. नियम से साफ है कि लड्डू गोपाल को बिस्कुट का भोग लगाने में कोई परेशानी नहीं बस कुछ बातों का ध्यान रखकर उन्हें भोग में बिस्कुट चढ़ाया जा सकता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद का महीना छठा महीना होता है. यह महीना सावन के बाद आता है. इस साल सावन का महीना 19 अगस्त के दिन खत्म हो रहा है और 20 अगस्त से भाद्रपद का महीना शुरू होने जा रहा है और 18 सितंबर को भाद्रपद खत्म हो जाएगा. इसे भादो का महीना भी कहते हैं. भाद्रपद महीने में भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का विधान होता है. साथ ही गणपति बप्पा की भी इस माह में विशेष पूजा की जाती है. जानिए भाद्रपद में जन्माष्टमी से लेकर अजा एकादशी और भानु सप्तमी जैसे व्रत त्योहार कब रखे जाएंगे.
भाद्रपद महीने के व्रत त्योहार |
22 अगस्त, गुरुवार - कजरी तीज
24 अगस्त, शनिवार - बलराम जयंती
25 अगस्त, रविवार - भानू सप्तमी
26 अगस्त, सोमवार - कृष्ण जन्माष्टमी
27 अगस्त, मंगलवार - दही हांडी
29 अगस्त, गुरुवार - अजा एकादशी
31 अगस्त, शनिवार - प्रदोष व्रत
2 सितंबर, सोमवार - भाद्रपद अमावस्या
6 सितंबर, शुक्रवार - हरतालिका तीज, वराह जयंती
7 सितंबर, शनिवार - गणेश चतुर्थी
8 सितंबर, रविवार - ऋषि पंचमी
10 सितंबर, मंगलवार - ललिता सप्तमी
11 सितंबर, बुधवार - राधा अष्टमी, महालक्षमी व्रत की शुरूआत
14 सितंबर. शनिवार - परिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर, रविवार - प्रदोष व्रत, वामन जंयती
16 सितंबर, सोमवार - विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर, मंगलवार पूर्णिमा श्राद्ध, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी
18 सितंबर, बुधवार - पितृ पक्ष प्रारंभ, आंशिक चंद्र ग्रहण
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुसार राज्य में मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए सड़कें, पुल-पुलिया के साथ ही स्कूल, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों के निर्माण आदि के लिए राज्य शासन द्वारा लगातार स्वीकृति दी जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर ही जशपुर क्षेत्र के लिए 15 विभिन्न सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जशपुर क्षेत्र में भुड़केला से लवानदी तक 2.10 किमी की लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 38 लाख 77 हजार रूपए, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से छोटा बनई पहुंच मार्ग 2.40 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 57 लाख 84 हजार रूपए, बघियाकानी से शिवमंदिर तक मार्ग लंबाई 0.60 किमी निर्माण कार्य हेतु 87 लाख 21 हजार रूपए, ठेठेटांगर से बरंगजोर मार्ग 1.18 किमी निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 44 लाख 89 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसी प्रकार एस.एच.17 में 15/10 से घुईडांड मार्ग 1.70 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 93 लाख 06 हजार रूपए, गड़ाकटा-दुलदुला मार्ग के किमी 10/4 से ग्राम रजौटी पहुंच मार्ग लंबाई 1.68 किमी. निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 87 लाख 33 हजार रूपए, कंदाडोड़हा से घुमरा पहुंच मार्ग लंबाई 0.80 किमी निर्माण कार्य हेतु 78 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी तरह मयाली रिसोर्ट से देवबोरा बस्ती पहुंच मार्ग 1.26 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 27 लाख 41 हजार, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से कारीताला 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 25 लाख 71 हजार रूपए, खरवाटोली से बांधाटोली 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 33 लाख 99 हजार रूपए, बेलसोंगा से रनपुर पहुंच मार्ग लंबाई 1.38 किमी निर्माण हेतु 01 करोड़ 70 लाख 95 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार मुख्यमार्ग सिंगीबहार से रघराटोली 1.12 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 88 लाख 36 हजार रूपए, डिपाटोली (सिंगीबहार) से धवईटोली तक 1.36 किमी लंबी सड़क निर्माण हेतु 02 करोड़ 03 लाख 95 हजार रूपए, बहराखैर से जुड़वाईन लंबाई 1.63 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 29 लाख 96 हजार रूपए एवं जशपुर के एन.एच. 73 खड़सा से कोमड़ो तक 1.94 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 45 लाख 68 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया
कोरबा से अम्बिकापुर और गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली तक दो नयी रेल लाइन का होगा अंतिम सर्वे
रेल मंत्रालय ने 670 किलोमीटर लंबी 2 नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण के लिए दी 16.75 करोड़ रूपये की स्वीकृति
बस्तर और सरगुजा अंचल के विकास को मिलेगी गति
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में दो नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण की स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ का रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और अधिक मजबूत होगा।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के अंतर्गत 16 करोड़ 75 लाख रूपये लागत की कुल 670 किलोमीटर लंबी 2 नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन दो रेल लाइन परियोजनाओं में से गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली तक 490 किलोमीटर की नई रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति बस्तर के सर्वसमावेशी विकास की गति को कई गुना बढ़ाने वाली है। इसके सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 12 करोड़ 25 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। इससे बस्तर के सुदूर अंचल के लोग उच्च शिक्षा, रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए रेलमार्ग से सीधे शहर से जुड़ेंगे। समूचा बस्तर क्षेत्र विकास के उच्च आयामों को छुएगा।
वहीं कोरबा से अंबिकापुर तक 180 किलोमीटर की नई रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति कोरबा और सरगुजा के सर्वसमावेशी विकास की गति को कई गुना बढ़ाने वाली है। इसके सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 4 करोड़ 50 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में रेल सुविधा के क्षेत्र में इन दोनों सर्वे को मिली स्वीकृति क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी, जिससे बस्तर और सरगुजा संभाग में रेल्वे सहित सभी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही इनसे हजारों-लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
*बायो-मेट्रिक्स प्रणाली के माध्यम से मदिरा दुकानों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य*
रायपुर । शौर्यपथ । सचिव सह आबकारी आयुक्त श्रीमती आर.संगीता ने मंत्रालय महानदी भवन में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) के स्टूडियों से प्रदेश की मदिरा दुकानों में बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली का शुभारंभ किया। बायो-मेट्रिक्स प्रणाली के माध्यम से मदिरा दुकानों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा।
वर्चुवली माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त 33 जिलों के अधिकारी एवं मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को मंत्रालय के एन.आई.सी. स्टूडियों से कनेक्ट किया गया। सचिव, आबकारी द्वारा कार्यक्रम के दौरान जिला बिलासपुर, रायपुर, मुंगेली, कोण्डागांव, रायगढ़, सारगंढ़-बिलाईगढ़, कबीरधाम, नारायणपुर के आबकारी अधिकारियों एवं चयनित दुकानों में पदस्थ कर्मचारियों से आधार सक्षम बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली के संबंध में चर्चा की गई। मंत्रालय से कनेक्टेड समस्त जिलों के मदिरा दुकानों के कर्मचारियों द्वारा अपनी उपस्थिति नवीन स्थापित प्रणाली के माध्यम से दी गई। रायगढ़ जिले में इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए जिले के विभागीय अधिकारियों की सराहना की गई। बायो मेट्रिक्स के माध्यम से उपस्थिति लिए जाने से एक ओर मदिरा दुकानों की अनियमितता पर नियंत्रण किया जा सकेगा, साथ ही कार्यरत कर्मचारियों का हित भी होगा। जिस व्यक्ति की नियुक्ति जिस मदिरा दुकान हेतु की गई है, वह उसी दुकान पर कार्य कर सकेगा। उपस्थिति के समय का पालन किया जा सकेगा। नियुक्त व्यक्ति की मदिरा दुकान में उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जा सकेगी। प्रत्येक कर्मचारी की उपरोक्त प्रक्रिया से उपस्थिति ली जाने से उसके संबंध में प्रतिदिन की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध होगी जिससे वेतन तैयार किए जाने, ओवरटाईम के समय का निर्धारण, अवकाश दिवसों की गणना इत्यादि का कार्य त्वरित रूप से किया जा सकेगा। इसी अनुक्रम में ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. की राशि की भी गणना किए जाने में आसानी होगी। इस प्रकार की गणना से वेतन हेतु लगने वाले समय में कमी होगी तथा कर्मचारियों का निर्धारित समय पर प्राप्त होने वाली सम्पूर्ण राशि का भुगतान संभव हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन राज्य शासन के सार्वजनिक उपक्रम ’छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन’ द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में मदिरा दुकानों के संचालन में सुधार के लिए मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को यूनिफार्म प्रदान किया जाना, फोटो युक्त आई. डी. कार्ड प्रदान करना, ओवरटाइम कार्य करने पर निर्धारित दर से भुगतान किया जाना, दुकानों में मांग अनुसार मदिरा उपलब्ध कराना आदि नवाचार किए गए है।
सुधारों की श्रंृखला में एक बड़ा सुधार आधार सक्षम बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली का शुभारंभ किया जाना है। प्रदेश में आज से समस्त मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति बायो-मेट्रिक्स के माध्यम से लिया जाएगा। इस पद्धति में प्रदेश की समस्त मदिरा दुकानों के अक्षांश और देशांतर का उपयोग करते हुए मोबाइल एप के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति ली जावेगी। तैयार एप के माध्यम से समस्त कर्मचारियों के चेहरे की पहचान कर उपस्थिति दर्ज होगी। इस हेतु प्रदेश की मदिरा दुकानों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों का ’आधार’ आधारित फेस रिकग्निशन पंजीयन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश की कुल 672 मदिरा दुकानों में कुल 5738 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो सीधे इस सुविधा से लाभांवित होंगे तथा विभाग के लिए भी मदिरा दुकानों का उचित नियंत्रण संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पाेरेशन एवं छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड श्री श्याम लाल धावड़े, विशेष सचिव आबकारी श्री देवेन्द्र भारद्वाज, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) के वरिष्ठ अधिकारी श्री टी.एन. सिंह एवं श्री शिशिर रायजादा एवं आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हथकरघा में हुनरमंद हो रही महिलाएं और बालिकाएं
विभिन्न ट्रेड में ले रही प्रशिक्षण
रायपुर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में बस्तर संभाग के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस योजना के बेहतर और सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। लोगों का विश्वास फिर से शासन-प्रशासन के प्रति लौटने लगा है।
नियद नेल्लानार योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। युवा पढ़ाई के साथ साथ अपनी पसंद के ट्रेडस में प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में शासन की महत्वकांक्षी योजना ‘‘नियद नेल्लानार योजना‘‘ के तहत बासनपुर कैंप के अंतर्गत आने वाले ग्राम गामावाड़ा की 21 महिलाओं को आजीविका के नये संसाधनों से जोड़ने के लिए हथकरघा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज में 12 छात्र भी एसोसिएट, डेस्कटॉप, असिस्टेंट, हैंड एंब्रॉयडरी, टू व्हीलर सर्विस असिस्टेंट ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ज्ञात हो कि ’’नियद नेल्लानार योजना‘‘ एवं प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को हुनरमंद बनाने के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण सत्र चलाये जा रहे हैं। यह एक ऐसा अवसर है जिसमें बेरोजगार युवक-युवतियां किसी भी टेªड में प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकते है।
*डॉ दीप्ति सिंह राठौड़ को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के समक्ष पीएचडी "विद्या वाचस्पति" की उपाधि दी गई*
दुर्ग। शोर्यपथ। दुर्ग स्थित हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बिलासपुर निवासी डॉ दीप्ति सिंह राठौड़ को नवनिर्वाचित राज्यपाल माननीय श्री रेमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, कुलपति डॉ. अरुण पलटा, मुख्य अतिथि, अन्य अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों के समक्ष पीएचडी "विद्या वाचस्पति" उपाधि दी गई। उनके शोध का विषय " विद्यार्थियों की शैक्षिक शिथिलता पर अभिभावक शैली एवं शालेय वातावरण के प्रभाव का अध्ययन" था। बाह्य परीक्षक डॉ. सारिका शर्मा प्राध्यापक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा मौखिक परीक्षा ली गई इसके पश्चात दीक्षांत समारोह में उपाधि प्रदान की गई। शोध कार्य पूर्ण करने हेतु शोध निर्देशक डॉ अनिर्बन चौधरी का मार्गदर्शन रहा एवं इस उपलब्धि के लिए उन्होंने अपने पिता श्री दिलीप सिंह राठौड़, माता श्रीमती छाया राठौर, बहन श्रीमती नम्रता बैस श्री अमर सिंह बैस (जीजाजी) एवं संपूर्ण बैस परिवार को धन्यवाद एवं आभार प्रेषित किया जिनके अपार सहयोग व प्रोत्साहन से यह कार्य सफल तथा संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री की पहल पर न्यूजीलैंड में हो रही प्रतियोगिता में शामिल हुई तलवारबाजी की खिलाड़ी, जीता मेडल
छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने वाली एक सुखद तस्वीर सामने आई
माता पिता ने मुख्यमंत्री जनदर्शन में पहुंच कर श्री विष्णुदेव साय का जताया आभार
रायपुर / शौर्यपथ / पेरिस ओलंपिक से विनेश फोगट के संबंध में आई निराशाजनक खबर के बीच छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने वाली एक सुखद तस्वीर सामने आई है।
छत्तीसगढ़ की तलवारबाजी की खिलाड़ी रीबा बेन्नी मुख्यमंत्री की पहल पर न्यूजीलैंड में हो रहे कॉमनवेल्थ में ना केवल शामिल हो सकी बल्कि वहां सिल्वर मेडल भी जीता। माता पिता ने आज मुख्यमंत्री जनदर्शन में पहुंच कर श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री आवास में साप्ताहिक जनदर्शन का कार्यक्रम होता है। उसमें एक गुरुवार को तलवारबाजी की खिलाड़ी रीबा बेन्नी का विषय आया। खिलाड़ी का चयन न्यूज़ीलैंड के लिए हुआ था लेकिन प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए पैसे नहीं थे। जनदर्शन में जैसे ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इसकी जानकारी हुई उन्होंने रीबा बेन्नी से कहा सूटकेस तैयार करो। पैसे का इंतजाम हो जायेगा। मुख्यमंत्री साय ने सहृदयता से पहल करते हुए तत्काल राशि चार लाख रूपये स्वीकृत किया।
पैसे मिले और रीबा न्यूजीलैण्ड में प्रतियोगिता में शामिल हो सकी साथ ही सिल्वर मेडल जीत कर आयी। आज मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में इस ख़ुशी को रीबा बेन्नी के माता-पिता ने मुख्यमंत्री के साथ साझा किया और सम्मान में उन्होंने श्री साय को श्रीफल भेंट कर सहायता के लिए आभार जताया।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज निवास कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण विभाग द्वारा तीन दिव्यांगों को बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान की। इस अवसर पर दिव्यांग कोमल लहरे, सना परवीन, और ठगिया साहू ने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया।
रायपुर जिले के चौरसिया कॉलोनी की 18 वर्षीय सना परवीन, ग्राम सेरीखेड़ी की निवासी कोमल लहरे, और धमतरी जिले के ग्राम कचना के निवासी ठगिया साहू को पहले आने-जाने के लिए अपने परिजनों या किसी अन्य व्यक्ति का सहारा लेना पड़ता था। मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने के बाद अब उन्हें गांव के भीतर और बाहर आने-जाने में और अपने कामों को पूरा करने में सुविधा होगी।
दिव्यांग कोमल लहरे ने बताया कि उनके पास पहले एक ट्राई साइकिल थी, जो अब खराब हो चुकी है। आज जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा बैटरी चलित ट्राई साइकिल मिलने से अब उन्हें अपने व्यवसाय के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका मिलेगा। वे ग्राम सेरीखेड़ी में आलू-प्याज बेचकर अपना जीवनयापन करते हैं।
समाज कल्याण विभाग द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले तीनों व्यक्तियों को ऑटोमेटिक ट्राई साइकिल प्रदान की गई है, ताकि वे अपने रोजमर्रा के कार्यों को सरलता से कर सकें और स्व-रोजगार के माध्यम से अपना जीवनयापन कर सकें।
*शासकीय और निजी चिकित्सालयों में हुआ निःशुल्क उपचार*
रायपुर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर जन्म से बीमारी से जूझ रहे जशपुर जिला के 66 बच्चों के चेहरे पर मुस्कान चिरायु टीम ने लौटाई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार राज्य के हर नागरिकों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर सभी के उत्तम स्वास्थ्य तथा स्वस्थ जीवन के लिए प्रतिबद्ध है।
जिला चिरायु टीम के प्रभारी डॉ अरविन्द कुमार रात्रे ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर चिरायु योजना के तहत पैर की विकृति से जूझ रहे 1, होंठ और तालू की विकृति से जूझ रहे 14, मोतिया बिंद के 3, ह्रदय रोग के 18 के साथ अन्य बीमारियो से जूझ रहे 25 पीड़ितों को निशुल्क आपरेशन करा उन्हें बीमारी से मुक्ति दिलाई गई है।
उल्लेखनीय है जशपुर जिले के कांसाबेल तहसील के बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित होने वाले जनदर्शन कार्यक्रम में जशपुर सहित पूरे प्रदेश से लोग अपनी समस्या और मांग लेकर पहुंचते हैँ। बगिया प्रवास में रहने के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जनदर्शन में शामिल हो कर लोगांे कि समस्या सुनते हैं। सीएम कैम्प के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सेवा के साथ अन्य सरकारी सेवा और योजनाओं का लाभ उठाने में आ रही परेशानियों का समाधान मिलता है। कैम्प कार्यालय ने प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए 07764-250061, 07764-250062 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से भी सीएम कैंप जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराता है।
समाचार सार
*मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर्व का रंगारंग आयोजन*
*चारों ओर बिखरी छत्तीसगढ़िया छटा*
*मुख्यमंत्री ने गौरी-गणेश और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की*
*किसानों को ट्रेक्टर, हार्वेस्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों का किया वितरण*
रायपुर। शौर्यपथ । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारी सरकार का लक्ष्य है। हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है, यहां की 80 प्रतिशत आबादी का जीवन-यापन कृषि पर निर्भर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर खेती-किसानी को समृद्ध बनाने का काम किया है।
मुख्यमंत्री साय आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास में आयोजित हरेली तिहार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए काम किया है। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण जैसी सुविधाएं सुलभ करायी गई। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रूपए का मूल्य मिल रहा है, जो देश में सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर्व पर रंगारंग आयोजन हुआ। पूरे परिसर को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के पहले पर्व “हरेली” पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी धर्मपत्नि श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ गौरी-गणेश पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया। मुख्यमंत्री ने कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले नांगर, रापा, कुदाल व कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की ख़ुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा वहां लगायी गयी उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनुदान पर 23 किसानों को ट्रेक्टर और हार्वेस्टर की चाबी और अन्य कृषि उपकरण प्रदान किए।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक किरण देव, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पूरी प्रतिबद्धता और सच्चे मन से
प्रदेशवासियों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं, फलस्वरूप ईश्वर का आशीर्वाद भी मिल रहा है। प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। उन्होंने कहा कि बीते छह माह में श्री साय के नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए बडे़ काम किए गए है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस अवसर पर मंत्री श्री टंक राम वर्मा, विधायक श्रीमती लता उसेंडी, मोती लाल साहू, अनुज शर्मा, संपत अग्रवाल, गजेन्द्र यादव, खुशवंत साहेब अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री निवास में राउत नाचा और गेड़ी धूम*
छत्तीसगढ़ी संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राउत नाचा, गेड़ी नृत्य, रहचुली और विभिन्न छत्तीसगढ़ी पकवानों और व्यंजनों के आनंद के साथ मुख्यमंत्री निवास में मौजूद लोग उत्साह के साथ हरेली में शामिल हुए। इस अवसर पर लोक कलाकारों ने राउत नाचा, करमा नृत्य, बस्तरिया नृत्य और गेड़ी चढ़कर नृत्य की प्रस्तुति दी। राउत नाचा के कलाकारों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
*मेहमानों के लिए बना छत्तीसगढ़ी पकवान*
हरेली त्यौहार के मौके पर मुख्यमंत्री निवास छत्तीसगढ़ व्यंजनों से महक उठा। हरेली तिहार में आने वाले मेहमानों के लिए खास तौर पर ठेठरी, खुरमी, पिड़िया, अनरसा, खाजा, करी लड्डू, मुठिया, गुलगुला भजिया, चीला-फरा, बरा जैसे स्वादिष्ट पकवान बनाए गए थे, जिसका मेहमानों ने लुत्फ उठाया।
छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / बात कुछ महीने पहले की ही है। राजकुमारी की जिंदगी किसी राजकुमारी की तरह तो दूर की बात, एक सामान्य इंसान की तरह भी न थी। जंगल में रहना, तेंदू-चार बीनना,बकरी चराना, घर में बाड़ी में काम करना तो कभी खेतों में हल चलाना और सुबह-शाम चूल्हें फूंकना राजकुमारी के जिंदगी की जद्दोजेहद में शामिल थी। शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पेंड्रीडीह गाँव की पहाड़ी कोरवा महिला राजकुमारी की ख्वाहिश तो थी कि वह पढाई करें और कुछ नौकरी करें। पढ़ाई की उनकी यह ख्वाहिश पूरी तरह से पूरी नहीं हो सकी। लेकिन जितना भी पढ़ी थीं, उन्हें समझ थी कि पढ़ाई ही एक ऐसा माध्यम है जो उन्हें और और उनके समाज को उन्नति की राह पर आगे ले जा सकता है। एक उम्र के साथ ही घर वालो द्वारा रिश्ता तय करने के बाद ससुराल आई राजकुमारी को जब मालूम हुआ कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जिले के शिक्षित पहाड़ी कोरवाओं को नौकरी दी जा रही है तो उन्होंने देरी नहीं की। अपना आवेदन दिया और पक्के इरादों के साथ जंगल से दूर आकर शहर में नौकरी शुरू की। अब जब नौकरी मिल गई है तो पहाड़ी कोरवा राजकुमारी की दिनचर्या ही बदल गई है। पहले सुबह उठते ही जो कदम उबड़-खाबड़ पगडंडियों से होकर जंगल की ओर जाया करते थे, अब वह जिंदगी की नई पारी और एक नई जिम्मेदारी के साथ स्कूल की ओर आती है।
कोरबा ब्लॉक के सुदूरवर्ती ग्राम पेंड्रीडीह की पहाड़ी कोरवा राजकुमारी ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन अचानक से उन्हें जंगल छोड़कर शहर आना पड़ेगा। उन्हें तो लगता था कि वह जंगल में ही पैदा हुई और अब जिंदगी इन्हीं जंगल में ही बीतेगी। जिले के शिक्षित बेरोजगार पहाड़ी कोरवा जनजाति के युवाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल किए जाने के पश्चात वनांचल की राजकुमारी की किस्मत भी एकाएक बदल गई। अपना आवेदन जमा करने के साथ ही भृत्य पद के लिए चयनित हुई पेंड्रीडीह की राजकुमारी ने जंगल से शहर आकर नौकरी की शुरुआत की। आठवीं पास राजकुमारी ने बताया कि जंगल के आसपास ही उनके पुरखो की जिंदगी कटी है, वह भी काट रही थी। अचानक से शहर आना और यहाँ रहना कुछ अलग सा लगता है,लेकिन यह सब मंजूर है,क्योंकि आज वह जितनी पढ़ाई की उसी के हिसाब से उसे नौकरी मिली है। राजकुमारी का कहना है कि वह यदि जंगल में रहती तो उन्हें और उनके बच्चों को भी उन्हीं माहौल में ढलना पड़ता। उन्होंने बताया कि गाँव में आठवीं तक कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी हो गई और वह अपने ससुराल में जाकर रहने लगी। उन्होंने अपनी दिनचर्या को बहुत कठिन बताते हुए कहा कि पहाड़ी कोरवा का परिवार ऐसे ही चुनौती और संघर्षमय जीवन व्यतीत करता आया है। उन्हें जब नौकरी मिली तो यह भी एक चुनौती की तरह है। धीरे-धीरे वह स्कूल में काम सीख रही है। यहाँ स्कूल के माहौल को देखकर लगता है कि हम लोग कितना पीछे हैं और जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा का कितना महत्व है। पहाड़ी कोरवा राजकुमारी ने बताया कि आने वाले समय में वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहेगी। उन्हें जो नौकरी मिली है,इससे मिलने वाले वेतन से उसकी आर्थिक समस्या दूर होगी तथा बच्चों का बेहतर ढंग से परवरिश कर पायेगी। पहाड़ी कोरवा राजकुमारी को शहर के एनसीडीसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भृत्य के पद पर डीएमएफ से मानदेय के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा नौकरी दी गई है।
रायपुर / शौर्यपथ / हमारे समाज में परिवार के मुखिया का सम्मान की परंपरा रही फिर अगर मुखिया प्रदेश का हो तो फिर सम्मान और भी बढ़ जाता है आज ऐसा ही वाक्य देखने को मिला जब मुख्यमंत्री साय को आरंग में आयोजित आश्रम छात्रावास लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान नवमी कक्षा के छात्र हर्ष गिलहरे ने अपने हाथों से बनाई स्केच पोर्ट्रेट भेंट की। हर्ष की भेंट पाकर मुख्यमंत्री ने उसे शुभाशिर्वाद दिया और उसे मन लगाकर पढ़ाई करने की समझाईश दी। मुख्यमंत्री ने हर्ष से कहा कि उसके पास केवल एक पेंसिल से किसी की हू-ब-हू तस्वीर बनाने (स्केच) बनाने का अनूठा हुनर है और खूब अभ्यास कर इसको निखारना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रैक्टिस से परफेक्शन आता है, उसकी बारीकियाँ पता चलती है। लगातार प्रैक्टिस करके वो एक अच्छा स्केचमेकर बनकर देश-दुनिया में अपना और अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकता है। हर्ष गिलहरे रायपुर के डीडी नगर स्थित केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 का कक्षा नौंवी का छात्र है।