March 29, 2024
Hindi Hindi

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में शक्ति की अराधना का बहुत महत्व है. इसके लिए वर्ष में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि में नौ दिनों तक माता दुर्गा  के विभिन्न रूपों की विधि-विधान से अराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि से शुरू होती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी. भक्त नौ दिन व्रत रखकर माता की पूजा अर्चना करेंगे. नवरात्रि के नौ दिन भक्तों को कुछ बातों का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि माता की अराधना सफल हो. आइए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिन किन बातों को ध्यान में रखना मान्यतानुसार जरूरी होता है.
चैत्र नवरात्रि में ध्यान रखने वाली बातें
साफ-सफाई
नवरात्रि में साफ-सफाई का बहुत महत्व है. नवरात्रि शुरू होने से पहले पूरे घर और विशेषकर पूजा घर की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए. देवी की पूजा में पवित्रता जरूरी है. साफ-सफाई से घर पवित्र होता है.
न काटें नाखुन, बाल और दाढ़ी
नवरात्रि के नौ दिन बाल, नाखुन और दाढ़ी काटने की मनाही होती है. देवी दुर्गा की अराधना के इन नौ दिनों में भूलकर भी नाखुन और बाल नहीं काटने चाहिए. पुरुषों को दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए.
खाली न छोड़ें घर
नवरात्रि में घर में कलश स्थापनाऔर अखंड ज्योत जलाई हो तो घर में हमेशा किसी न किसी सदस्य का मौजूद रहना जरूरी है. कभी भी घर को खाली नही छोड़ना चाहिए.
दिन में सोना वर्जित
नवरात्रि के नौ दिन, दिन के समय सोने से बचना चाहिए. इस समय देवी के भजन कीर्तन में मन लगाना चाहिए. देवी मां के दर्शन के लिए मंदिर जाना भी शुभ फल देने वाला होता है.
सात्विक भोजन
देवी की पूजा के नौ दिनों में सात्विक भोजन करना चाहिए. इस समय प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए और मांस और मदिरा से दूर रहना चाहिए.
माता के प्रिय रंग
नवरात्रि के नौ दिन माता के प्रिय रंगों  लाल, पीले, गुलाबी और हरे रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए.
मन को रखें पवित्र
नवरात्रि के नौ दिन देवी की पूजा अर्चना के साथ-साथ मन को भी पवित्र रखना चाहिए. किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए. क्रोध करने और अपशब्द कहने से बचना चाहिए.

 व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / नवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर साल 4 नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें एक शारदीय नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और दो बार पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि शामिल हैं. चैत्र के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 9 अप्रैल, से होने जा रही है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल, मंगलवार की सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 23 मिनट तक है. इस साल मान्यतानुसार माता रानी घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. कहते हैं कि नवरात्रि का पहला दिन यदि मंगलवार को पड़ता है तो मां दुर्गा का वाहन घोड़ा होता है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का पूरे मनोभाव से पूजन किया जाता है और कोशिश रहती है कि मां दुर्गा को प्रसन्न किया जा सके जिससे उनकी कृपा घर-परिवार पर बनी रहे. यहां ऐसे ही कुछ मंत्र  दिए जा रहे हैं जिनका पाठ चैत्र नवरात्रि के दिनों में किया जा सकता है. माता प्रसन्न भी होंगी और अपनी कृपादृष्टि भी बनाए रखेंगी.
चैत्र नवरात्रि के मंत्र |
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
मां शैलपुत्री बीज मंत्र
ह्रीं शिवायै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
मां चंद्रघंटा बीज मंत्र
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मां कूष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां स्कंदमाता बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
मां कात्यायनी बीज मंत्र
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कालरात्रि बीज मंत्र
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /नवग्रहों और उनके राशि परिवर्तन को ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है. सभी ग्रह समय-समय पर राशि बदलते रहते हैं. जिसका असर सभी राशियों पर पड़ता है. ग्रह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ रहता है तो कुछ के लिए अशुभ. आपको बता दें कि ज्योतिष में शुक्र और बुध सबसे विशिष्ट ग्रह हैं. अप्रैल में ये दोनों ग्रह  मिलकर लक्ष्मी नारायण योग बनाने जा रहे हैं. इससे कुछ राशियों को शुभ फल मिलेगा, आइये जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां.
लक्ष्मी नारायण योग का किन राशियों पर होगा असर
1- वृश्चिक राशि के जातकों को लक्ष्मी नारायण योग से बहुत लाभ होगा. वृश्चिक राशि के पंचम भाव में लक्ष्मी नारायण का मिलन होने जा रहा है. संतान के माध्यम से शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है. बच्चों को अच्छी नौकरी मिलेगी. परिवार में मांगलिक कार्य होंगे.
2- धनु राशि वालों के लिए धनु लक्ष्मी नारायण मिलन शुभ रहेगा. धनु राशि के चतुर्थ भाव में लक्ष्मी नारायण का योग बन रहा है. नया घर, वाहन, संपत्ति और सोने के आभूषण खरीदना संभव है. लंबे समय से मन में रखी कोई इच्छा पूरी होगी. कलात्मक प्रतियोगिताओं में बड़ी सफलता मिल सकती है. इससे आपको समाज में मान-सम्मान मिलेगा.
3- लक्ष्मी नारायण योग से मकर राशि वालों के लिए आय के नए स्त्रोत खुलेंगे. यह योग से इस राशि में धन के भाव में बन रहा है, ऐसे में भाग्य पूरा साथ देगा आपका. करियर में भी इस राशि को सफलता मिलेगी, उच्च शिक्षा की इच्छा रखने वालों के लिए समय अच्छा है. इससे धन धान्य में वृद्धि होगी.
4- कर्क राशि वालों के लिए भी यह समय बहुत शुभ होगा. राजनीति में सक्रिय लोगों को जनता का साथ मिलेगा. वहीं, परिवार का भी सहयोग मिलेगा. विदेश जाने की इच्छा पूरी हो सकती है. निवेश करने की सोच रहे हैं तो समय अच्छा है.

  टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / सर्दी के मौसम में एड़ियों के फटने की समस्या आम है. ठंडी और रूखी हवाएं स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं. ऐसे में एड़ियों की देखभाल और कठिन हो जाती है. दरअसल, घर के काम करने के चक्कर में महिलाएं अक्सर नंगे पैर धूल,मिट्टी और पानी में सारा दिन रहती हैं. जिसका असर न सिर्फ उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि फटी एड़ियों का कारण भी बनता है. फटी एड़ियां में दर्द के साथ जलन और कई बार खून निकलने की समस्या भी होने लगती है. हम अक्सर अपनी स्किन की बहुत अच्छे से केयर करते हैं, लेकिन अपने पैरों को पैम्पर करना ही भूल जाते हैं. ऐसे में स्किनकेयर एक्सपर्ट अंजनी भोज ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके फटी एड़ियों को ठीक करने और उन्हें मुलायम बनाए रखने के लिए घर पर एक क्रीम  बनाने का तरीका शेयर किया है. इस क्रीम को आप भी घर पर आसानी से बनाकर तैयार कर सकती हैं और अपनी फटी एड़ियों को एकबार फिर मुलायम बना सकती हैं.
फटी एड़ियों के लिए होममेड क्रीम |
पेट्रोलियम जेली- ½ कटोरी
ग्लिसरीन- 2 चम्मच
जोजोबा ऑयल- 5 बूंद
क्रीम बनाने का तरीका
     सबसे पहले पेट्रोलियम जेली को एक डिब्बी में भरकर गर्म पानी में डाल दें.
    जब पेट्रोलियम जेली अच्छी तरह पिघल जाए, तो इसे एक एयर टाइट कंटेनर में डाल दें.
    अब इसमें 2 चम्मच ग्लिसरीन और जोजोबा ऑयल की कुछ बूंदे डालकर मिला लें.
    जब सभी सामग्री अच्छी तरह मिल जाए तो इसको बंद करके जमने के लिए रख दें.
    क्रीम के अच्छी तरह जमने के बाद इसे रात को सोने से पहले अपनी फटी एड़ियों पर लगाएं.
    फटी एड़ियों की समस्या दूर होने के बाद भी आप मुलायम एड़ी पाने के लिए इस क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ /गंदा कॉलेस्ट्रोल कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह बनता है. गंदा कॉलेस्ट्रोल रक्त वाहिनियों में जमने लगता है और जिससे रक्त वाहनियां अवरुद्ध हो जाती हैं. रक्त वाहिनियां अवरुद्ध होने लगती हैं तो शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक खून सही तरह से नहीं पहुंच पाता और इससे शरीर के अंगों में दर्द रहने लगता है. कई बार हाई कॉलेस्ट्रोल  के चलते हार्ट अटैक तक की नौबत आ जाती है. ऐसे में हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण वक्त रहते पहचानने जरूरी होते हैं. यहां ऐसे ही हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षणों  का जिक्र किया जा रहा है जो चेहरे पर नजर आने लगते हैं. चेहरे पर इन लक्षणों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शरीर का कॉलेस्ट्रोल बढ़ गया है.
चेहरे पर हाई कॉलेस्ट्रोल के लक्षण |
त्वचा का पीला पड़ना
शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है तो त्वचा पर पीलापन दिखने लगता है. त्वचा का पीला बढ़ना खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण हो सकता है.
गांठ बनना
कई बार कॉलेस्ट्रोल बढ़ने के कारण स्किन पर गांठें पड़ने लगती हैं. ये गांठ बिना दर्द वाली हो सकती हैं और इनसे नुकसान भी नहीं होता है. आमतौर पर आंखों के आसपास और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ये गांठे नजर आ सकती हैं.
आंखों के आस-पास पीले निशान
कॉलेस्ट्रोल बढ़ने के संकेत आंखों के आस-पास भी दिख सकते हैं. आंखों के आस-पास पीले चकत्ते  पड़ना भी हाई कॉलेस्ट्रोल के चलते होता है. आंखों के नीचे या ऊपर दाने निकलना भी हाई कॉलेस्ट्रोल का संकेत हो सकता है.
चेहरा फूलना
अगर अचानक ही चेहरा फूला-फूला नजर आने लगा है तो हो सकता है कि शरीर का कॉलेस्ट्रोल बढ़ना शुरू हो गया है. अक्सर ही कॉलेस्ट्रोल के कारण हुई इंफ्लेमेशन चेहरे के फूलने का कारण बनती है.
ड्राई स्किन
चेहरे की ड्राइनेस या खुजलाहट भी हाई कॉलेस्ट्रोल का लक्षण हो सकता है. हाई कॉलेस्ट्रोल के कारण शरीर में हाइड्रेशन की कमी हो सकती है. इस हाइड्रेशन की कमी से ही त्वचा रूखी-सूखी हो जाती है.

 ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों का सही तरह से ध्यान ना रखा जाए और बालों को पर्याप्त मात्रा में नमी और पोषण ना मिले तो बाल दोमुंहे होने लगते हैं. बालों के दोमुंहे  होने पर उनकी चमक और रौनक कहीं खो जाती है और बाल रूखे-सूखे नजर आने लगते हैं. आमतौर पर सूरज की धूप से हुए डैमेज, हीटिंग टूल्स, मिट्टी और प्रदूषण की चपेट में आकर बालों के दोमुंहे होने की दिक्कत होती है. बालों के दोमुंहे होने का मतलब है कि बाल सिरों से दो अलग-अलग दिशाओं में बढ़ने लगते हैं और एक के बजाए बालों के दो सिरे नजर आने लगते हैं. लड़कियों के बाल लंबे होते हैं इसीलिए उन्हीं के बाल दोमुंहे भी होते हैं. यहां जानिए बालों को काटे बिना किस तरह इन दोमुंहे बालों को हटाया जा सकता है और कैसे इस दिक्कत से छुटकारा पा सकते हैं.
दोमुंहे बालों के घरेलू उपाय |
लगाकर देखें अंडा
बालों पर अंडे का हेयर मास्क  लगाकर दोमुंहे बालों से छुटकारा पाया जा सकता है. हेयर मास्क बनाने के लिए एक अंडा लें और उसमें 2 चम्मच बादाम का तेल और शहद मिला लें. इस पेस्ट को अच्छे से मिक्स करके बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं और 30 से 40 मिनट लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. यह हेयर मास्क बालों को भरपूर पोषण देकर स्प्लिट एंड्स दूर करने में असरदार है.
पका पपीता दिखाएगा असर
दोमुंहे बालों को दूर करने के लिए पके पपीते का हेयर मास्क बनाया जा सकता है. पपीते में पाए जाने वाले फॉलिक एसिड के गुण स्कैल्प पर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं और इससे बालों को विटामिन ए भी मिलता है. फ्रिजी हेयर की दिक्कत भी इससे दूर होती है. पका पपीता लें और उसे दही के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस हेयर मास्क को बालों पर 40 से 45 मिनट लगाकर रखने के बाद सिर धोएं. इस हेयर मास्क से दोमुंहे बाल कम होने में असर दिखने लगता है.
सेब का सिरका
सेब का सिरका बालों पर जस का तस नहीं लगाना चाहिए बल्कि सेब के सिरके में पानी मिलाकर इस पानी से सिर धोने पर बालों के दोमुंहे होने की दिक्कत दूर होती है. हफ्ते में 2 से 3 बार इस पानी से सिर धोने पर ना सिर्फ दोमुंहे बाल दूर होते हैं बल्कि स्कैल्प से डैंड्रफ और बिल्ड अप भी हटता है और बालों को लंबा होने में मदद मिलती है. एक मग्गा पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सिर धोया जा सकता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / दांत का दर्द  काफी परेशान करने वाला होता है. यह दर्द सिर्फ दांत और मसूड़ों तक नहीं रहता है बल्कि जिस तरफ के दांत में दर्द होता है उस तरफ सिर से लेकर कान तक में दर्द की टीस उठने लगती हैं. दर्द से राहत के लिए डेंटिस्ट से सलाह लेना जरूरी है लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी इस दर्द से राहत दिला सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय
दांत दर्द से राहत के लिए घरेलू उपाय
1. नमक पानी कुल्ला : दांत दर्द के लिए डेंटिस्ट तक जाने के पहले पानी में नमक डालकर कुल्ला करने से दर्द से राहत मिल सकता है. इसके लिए हल्के गर्म पानी में एक चम्मच नमक डालकर कुल्ला करें. नमक और गर्म पानी इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं जिससे दर्द कम हो जाता है.
2. लौंग का तेल : लौंग प्राकृतिक रूप से दांत के दर्द में आराम पहुंचाता है. दांत के दर्द से राहत के लिए दर्द वाली जगह पर लौंग के तेल से मसाज करें. रुई में लौंग का तेल लगाकर उसे दर्द वाली जगह पर रखने से भी आराम मिल सकता है.
3. मिंट टी : मिंट टी भी दांत और मसूढ़ों के दर्द से राहत दिला सकता है. मिंट टी तैयार करने के लिए एक कप पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालकर उबालें. जब पानी आधा रह जाए तो उसे सिप करके पिएं.
4. लहसुन : दांत दर्द दूर करने में लहसुन भी मदद कर सकता है. इसके लिए लहसुन की कुछ कलियों को घिस कर दर्द वाली जगह पर रखें. रुई को लहसुन के रस में डुबोकर भी दर्द वाली जगह पर रखने से भी आराम मिल सकता है.
5. अमरूद के पत्ते : अमरूद के पत्तों से भी दांत दर्द से राहत मिल सकता है. इसके लिए अमरूद के कुछ पत्तों को पानी में उबालें. पानी के आधा रह जाने पर छाने लें और इससे कुल्ला करें. 

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ /लहसुन अपनी तेज सुगंध और स्वाद के लिए जानी जाती है. लहसुन का उपयोग दुनिया भर के कई व्यंजनों में किया जाता है और यह अपने संभावित स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है, जिसमें इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देना और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करना शामिल है. लहसुन की चाय एक हर्बल अर्क है जिसे लहसुन की कलियों को गर्म पानी में डुबाकर बनाया जाता है. इसका सेवन मुख्य रूप से इसके संभावित औषधीय गुणों के लिए किया जाता है, जैसे सर्दी के लक्षणों से राहत, पाचन को बढ़ावा देना और इम्यूनिटी में सुधार करना. यहां हम लहसुन की चाय के सेवन के कई लाभों और इसे तैयार करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं.
लहसुन की चाय के 8 फायदे |
1. इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है
लहसुन की चाय अपने पावरफुल एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों के लिए जानी जाती है. ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और शरीर को इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है.
2. हार्ट हेल्थ में सुधार करता है
लहसुन में ऐसे यौगिक होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं. ये हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं और ऑलओवर हेल्थ में सुधार करने के लिए जाने जाते हैं.
3. शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है
लहसुन की चाय में डिटॉक्सिफिकेशन गुण होते हैं जो लिवर, किडनी और अन्य अंगों को साफ करने में मदद कर सकते हैं. ये टॉक्सिन्स को खत्म करने और हेल्दी सेल्स फंक्शन को बढ़ावा देने में सहायता करता है.
4. रेस्पिरेटरी इंफेक्शन को रोकता है
लहसुन की चाय के जीवाणुरोधी गुण सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लक्षणों को रोकने और कम करने में मदद कर सकते हैं. ये सूजन को शांत कर सकता है और तेजी से रिकवरी को बढ़ावा दे सकता है.
5. सूजन को कम करता है
लहसुन की चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. इससे उन लोगों को फायदा हो सकता है जो गठिया, अस्थमा या पाचन संबंधी विकारों जैसी सूजन संबंधी स्थितियों से पीड़ित हैं.
6. पाचन में सहायता करता है
लहसुन की चाय का सेवन पाचन एंजाइमों को बनाने और मल त्याग को कंट्रोल करके हेल्दी पाचन को प्रोत्साहित कर सकता है. ये अपच के लक्षणों को कम करने और पोषक तत्वों के एब्जॉर्ब्शन में सुधार करने में भी मदद कर सकता है.
7. वजन घटाने को बढ़ावा देता है
लहसुन की चाय वजन घटाने में सहायता कर सकती है क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और फैट बर्न करने को बढ़ावा देती है. ये भूख को कंट्रोल करने और लालसा को कम करने में भी मदद कर सकता है, जिससे हेल्दी वेट बनाए रखना आसान हो जाता है.
लहसुन की चाय तैयार करने के लिए सामग्री
    3-4 लहसुन की कलियां (छिली और कुटी हुई)
    2 कप पानी
    आप स्वाद के लिए शहद, नींबू या अदरक मिला सकते हैं.
कैसे बनाएं
    लहसुन की कलियों को छीलकर पीस लें.
    एक बर्तन में पानी उबाल लें.
    उबलते पानी में कुचली हुई लहसुन की कलियां डालें और इसे 10-15 मिनट तक उबलने दें.
    वैकल्पिक: स्वाद के लिए शहद, नींबू या अदरक मिलाएं.
    बर्तन को आंच से उतार लें और चाय को एक कप या मग में छान लें.
    सेवन करने से पहले इसे थोड़ा ठंडा होने दें.

  खाना खजाना /शौर्यपथ /स्नैक के साथ चटनी हमेशा एक अच्छा ऑप्शन बनती है. अगर आप भी चटनी खाने के शौकीन हैं और होली पर घर आए गेस्ट को स्नैक्स के साथ सॉस को नहीं पेयर करना चाहते हैं तो आप चटपटी इमली की चटनी बना सकते हैं. इमली की चटनी को बनाना बहुत ही आसान है. होली पर तरह-तरह के स्नैक्स बनाएं जाते हैं. होली पर्व को पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन होलिका दहन होता है. उसके बाद अगले दिन रंग-गुलाल से होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा. इसलिए होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को होगा और रंग वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं इमली की चटनी बनाने की आसान रेसिपी.
कैसे बनाएं इमली की चटनी-
सामग्री-
    इमली
    चीनी
    काला नमक
    लाल मिर्च
    काली मिर्च
    भुना जीरा
    हरी मिर्च
    हरा धनिया
विधि-
सबसे पहले इमली को गरम पानी में 2 घंटे के लिए भिगो दें. इसके बाद इसमें छलनी से छानकर गूदे को अलग निकाल दें और पानी को अलग कर लें. अब इस पानी में लालमिर्च, काला नमक, पीसा हुआ भुना जीरा पाउडर, थोड़ी कालीमिर्च डालकर और हल्की सी चीनी डालकर अच्छी तरह मिला लें. अब इसमें, बारीक कटी हरी धनिया मिक्स करें. स्वादिष्ट चटनी तैयार है.
इमली के स्वास्थ्य लाभ-
इमली खाने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. इमली को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इमली में एंटीऑक्सीडेंट, फाइटोकेमिकल्स है और विटामिन ए, सी, ई, के, बी 6, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं.

  खाना खजाना /शौर्यपथ /होली का त्योहार प्रेम, उमंग और उल्लास को दर्शाता है. होली बसंत ऋतु में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. होली पर्व को पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन होलिका दहन  होता है. उसके बाद अगले दिन रंग-गुलाल से होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा. इसलिए होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को होगा और रंग वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी. होली पर तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाएं जाते हैं. होली के दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर गुलाल लगाते हैं. घर में गेस्ट आते हैं. अगर आप भी इस होली अपने घर आए गेस्ट को स्नैक्स में कुछ स्वादिष्ट खिलाना चाहते हैं तो आप इस रेसिपी को ट्राई कर सकते हैं.  
कैसे बनाएं सेव पूरी रेसिपी-
सामग्री-
    मैदा
    सूजी
    उबला मैश किया आलू
    प्याज, टुकड़ों में कटा हुआ
    टमाटर
    स्वादानुसार नमक
    लाल चटनी
    इमली चटनी
    हरी चटनी
    तेल जरूरत के अनुसार
    अजवाइन
    चाट मसाला
    एक चुटकी जीरा पाउडर
    नींबू का रस
विधि-
एक बाउल में मैदा, सूजी, नमक अजवाइन और तेल डालकर मिक्स करें, फिर पानी डालकर एक डो तैयार करें. फिर इस डो को रोटी की तरह बेल लें और छोटे गोल कटर की मदद से छोटी छोटी पूरी कट कर लें.  एक पैन या कढ़ाही में तेल गरम करें और पूरियों को क्रिस्पी और गोल्डन होने तक फ्राई करें. अब एक प्लेट में पूरियों को लगाएं, इस पर उबला मैश आलू, प्याज, टमाटर डालें. तीनों चटनियां डालें, फिर सेव, चाट मसाला, नमक और जीरा पाउडर डालें. आखिर मे नींबू का रस डालकर सर्व करें.

Page 3 of 377

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)