August 04, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

*महाविद्यालयों के नेक ग्रेडिंग में छत्तीसगढ़ का स्थान देश में पहला*

*33 शासकीय और 76 अशासकीय नए महाविद्यालयों को मिली स्वीकृति*

*राज्य में अब तक 24 आवासीय खेल अकादमी शुरू, 4 नए खेल अकादमी की भी मिली स्वीकृति*

*राज्य सरकार सभी पात्र बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने प्रतिबद्ध: श्री पटेल*

 

रायपुर । शौर्यपथ ।  छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार विभाग के मंत्री श्री उमेश पटेल के विभागों के लिए कुल 1659 करोड़ 10 लाख 18 हजार रूपए की अनुदान मांगें सर्वसम्मति से पारित की गई। उच्च शिक्षा विभाग के व्यय के लिए 952 करोड़ 16 लाख 20 हजार रूपए, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 112 करोड़ 97 लाख 81 हजार रूपए, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा रोजगार विभाग के लिए 567 करोड़ 27 लाख 17 हजार रूपए और विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग के व्यय के लिए 26 करोड़ 69 लाख रूपए की राशि शामिल हैं। 

उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन में बताया कि युवाओं को पात्रता अनुसार एक अप्रैल 2023 से 2500 रूपए प्रतिमाह बेरोजगार भत्ता दिया जाएगा। इसके लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं। यह भत्ता उन्हें दिया जाएगा, जिनकी आय सालाना 2.50 लाख ज्यादा न हो। वह प्रथम या द्वितीय श्रेणी के अधिकारी के परिवार से न हो। वह आयकर दाता की श्रेणी में न हो। साथ ही अनिवार्य रूप से प्रत्येक दो वर्ष में जीवित पंजीयन कराना होगा। श्री पटेल ने कहा कि सरकार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए प्रतिबद्ध है, इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 250 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 

श्री पटेल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुझे विभाग का कार्यभार सौंपा तो सर्वप्रथम शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान रखने को कहा गया और इसके लिए हमने ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि सत्र के दौरान ही 7 मार्च को यूजीसी ने नेक ग्रेडिंग के संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी, जिसमें छत्तीसगढ़ का स्थान पहला है। इसमें बताया गया है कि 6 माह में नेक ग्रेडिंग में पूरे देश में छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक महाविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया है। इसमें प्रदेश के 98 महाविद्यालय शामिल है। श्री पटेल ने बताया कि वर्ष 2003 से वर्ष 2018 के मध्य यूजीसी ने केवल 36 कॉलेजों का मूल्यांकन किया था, जबकि पिछले 4 वर्षों में हमारी सरकार ने अब तक 211 कॉलेजों में से 192 कॉलेजों का मूल्यांकन करा लिया गया है। शेष महाविद्यालयों का जल्द मूल्यांकन करा लिया जाएगा। 

उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में हमने 33 नए शासकीय एवं 76 अशासकीय महाविद्यालय खोले हैं तथा 23 कॉलेजों की स्वीकृति है। इससे लगभग एक लाख 8 हजार सीटें बढ़ी है। इस प्रकार हमारी सरकार के कार्यकाल में 44 प्रतिशत सीटों की वृद्धि हुई है। अब एक लाख से अधिक बच्चे कॉलेज में नियमित छात्र के रूप में अध्ययन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रास एनरोलमेंट रेसियो में हमने पिछले 4 वर्षों में आवश्यक सुधार किया है और हम 20 प्रतिशत तक पहुंच गए है। 

श्री पटेल ने कहा कि हम नियुक्तियों की बात करें तो वर्ष 2003 से 2018 तक सिर्फ 1218 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई थी, जबकि हमारी सरकार ने 1200 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की है। हमारी सरकार ने ग्रंथपाल के 40 पद और क्रीड़ा अधिकारी के 40 पदों पर भर्ती की है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के संतुलन को बनाए रखने के लिए पिछड़े एवं अति पिछड़े क्षेत्र में नई नीति पर काम कर रहे हैं। जिससे पीपीपी मॉडल पर नए महाविद्यालय खोले जायेंगे। इस कदम से जीआर को बढ़ाया जा सकेगा।

श्री पटेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। सिर्फ आधारभूत संरचानाओं पर ही ध्यान नहीं दिया, बल्कि नए खेल अकादमी भी शुरू किए हैं। हमारी सरकार के प्रयासों द्वारा भारतीय खेल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ में हॉल ही में 10 नए खेलों इंडिया सेंटर की स्वीकृति दी। जिससे छत्तीसगढ़ में अब खेलों इंडिया स्किम के तहत कुल आवासीय खेल केन्द्रों की संख्या 24 हो गई है। 

उन्होंने बताया कि इसके पहले चरण में 7 जिलों में नारायणपुर में मलखंब, बीजापुर में तीरंदाजी, शिवातराई बिलासपुर तीरंदाजी, गरियाबंद में बॉलीबाल, सरगुजा में फुटबाल, जशपुर एवं राजनांदगांव में हॉकी की अकादमी एवं इसके दूसरे चरण में 7 जिले बालोद में वेटलिफ्टिंग, बलौदाबाजार में फुटबाल, दुर्ग में कबड्डी, कांकेर में खो-खो, रायपुर में वेटलिफ्टिंग, रायगढ़ बैडमिंटन, सुकमा में फुटबाल खेलों इंडिया लघु केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इससे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा अवसर प्राप्त होगा। श्री पटेल ने कहा कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी न सिर्फ राज्य में बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है। साथ ही इस सत्र में नारायणपुर में मलखंब अकादमी जगदलपुर में शहीद गुण्डाधूर तीरंदाजी अकादमी एवं क्याकिंग एण्ड कैनोइंग अकादमी और जशपुर में तीरंदाजी अकादमी शुरू की जा रही है। यह सारी अकादमी आवासीय है। 

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि हमने पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का सफल आयोजन किया। जिससे हमारी राज्य की परंपरागत खेल और संस्कृति को प्रोत्साहन मिला जिसमें लगभग 26 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो प्रदेश के कुल आबादी का 10 प्रतिशत है। यह इसके सफलता का सूचक है। 

श्री पटेल ने कहा कि कॉर्पाेरेट जगत के सहयोग से राज्य के तकनीकी संस्थानों को टेक्नोलाजिक हब के रूप में विकसित करने तथा कृषि अनुसंधान व नवाचार केन्द्रों के रूप में उन्नयन हेतु राज्य योजना आयोग एवं टाटा टेक्नोलॉजीस पुणे के मध्य एक एमओयू निष्पादित किया गया है। निष्पादित एमओयू के अनुक्रम में टाटा टेक्नोलॉजीस के सहयोग से राज्य की 36 शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को उन्नयन करने के परियोजना पर कार्य कर रहें हैं। अनुदान मांग की चर्चा में विधायक श्री रजनीश कुमार सिंह, श्री शैलेश पांडेय, श्री अजय चंद्राकर, श्रीमति संगीता सिन्हा, श्री प्रमोद शर्मा, श्री शिवरतन शर्मा, श्रीमति इंदु बंजारे, श्री केशव प्रसाद चंद्रा और श्री नारायण चंदेल शामिल हुए।

*छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण तथा संवर्धन सहित वनवासियों के उत्थान पर विशेष जोर*

*मुख्यमंत्री वृक्षसंपदा योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान*

*देश के 74 प्रतिशत लघु वनोपजों की खरीदी कर लगातार तीन वर्षों से अव्वल रहा छत्तीसगढ़* 

*परिवहन विभाग की ‘तुहंर सरकार-तुहंर द्वार‘ योजना: लोगों को अब तक घर बैठे 18 लाख स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण पत्र तथा ड्रायविंग लाईसेंस प्राप्त*

 

रायपुर । शौर्यपथ ।  वन एवं जलवायु परिवर्तन, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन तथा विधि-विधायी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर द्वारा आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने विभागों से संबंधित 4 हजार 481 करोड़ 80 लाख रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। इनमें न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 707 करोड़ 19 लाख रूपए, परिवहन विभाग के लिए 124 करोड़ 75 लाख रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 955 करोड़ 25 लाख रूपए और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2 हजार 694 करोड़ रूपए की राशि शामिल हैं।

वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अकबर द्वारा प्रस्तुत अनुदान मांगों में राज्य में वनों के संरक्षण तथा संवर्धन सहित वनवासियों के उत्थान पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही इसमें स्थानीय वनवासियों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके आय के साधन में वृद्धि के लिए पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत वर्ष 2023-24 के बजट में आज 21 मार्च को विश्ववानिकी दिवस के अवसर पर शुरूआत हुई राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ प्रतीकात्मक वनरोपण निधि से व्यय के लिए 1000 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। 

छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में वन विभाग अंतर्गत ईमारती लकड़ी के व्यापार में वृद्धि करने के लिए 166 करोड़, पर्यावरण वानिकी हेतु 33 करोड़, राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्यों के विकास के लिए 29 करोड़ रूपए तथा अभ्यारण्य क्षेत्रों के लिए 41 करोड़ 46 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। राज्य में भू-जल तथा जल संरक्षण कार्यों के लिए 280 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत बढ़े पैमाने पर भू-जल संरक्षण संबंधी कार्य किए जा रहे है। इसके तहत वनांचल में चार वर्षों के दौरान 6 हजार 395 नालों में डेढ़ करोड़ से अधिक संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इससे लगभग 23 लाख हेक्टेयर भूमि का उपचार होगा। 

प्रदेश में छत्तीसगढ़ में अब तक वन क्षेत्रों में बड़े तादाद में वन अधिकार मान्यता प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है। इसमें तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर दो लाख रूपए तथा दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वनवासियों के उत्थान के लिए वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सरकार द्वारा मात्र 07 वनोपजों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाता था। राज्य सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर वर्तमान में 65 लघु वनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। इसके परिणाम स्वरूप लगातार तीन वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरे देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज खरीदी कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। 

बजट में लघु वनोपज कार्य हेतु लघु वनोपज संघ को अनुदान के लिए 21 करोड़, तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए 20 करोड़ रूपए तथा लघु वनोपज प्रसंस्करण हेतु अनुदान देने के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इसी तरह नदी तट वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़, तेजी से बढ़ने वाले वृक्षारोण के लिए 6 करोड़, हरियाली प्रसार योजना हेतु 7 करोड़, एकीकृत वन सुरक्षा योजना के लिए लगभग 6 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा वन मुख्यालय, वनवृत्तों की स्थापना, प्रशासन सुदृढ़ीकरण, क्षेत्रीय वन वृत्त आदि के लिए कुल 559 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 

इसी तरह परिवहन विभाग के अंतर्गत ओव्हर लोडिंग तथा अवैध परिवहन के रोकथाम और सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण तथा सुगम यातायात व्यवस्था आदि के लिए आवश्यक प्रावधान रखा गया है। इनमें राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना अंतर्गत ‘तुहंर सरकार तुहंर द्वार‘ अंतर्गत लोगों को बड़ी आसानी से घर बैठे 18 लाख स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण पत्र तथा ड्रायविंग लाइसेंस प्राप्त हो चुका है। इसी तरह परिवहन विभाग अंतर्गत लोगों की सुविधा के लिए तेजी से परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जा रहे है। परिवहन विभाग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में एन्फोर्समेंट के लिए 26 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। 

राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर अटल नगर को लोगों की उम्मीदों के अनुरूप तेजी से विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। इसमें 437 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह नवा रायपुर अटल नगर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के लिए 256 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च तकनीक और बेहतर प्रबंधन को विकसित करने तथा क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

   रायपुर । शौर्यपथ । महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना आरंग एवं मंदिर हसौद के संयुक्त तत्वाधान में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सामूहिक कन्या विवाह का आयोजन अम्बेडकर भवन आरंग में किया गया था। जिसमें प्रदेश के नगरीय प्रशासन, विकास एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। डॉ. डहरिया ने इस मौके पर सभी वर-वधु को आर्शीवाद दिया और उनके सुखमय दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। 

डॉ. डहरिया ने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है कि हमारे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत् गरीब परिवार की बेटियों का गरिमामय तरीके से विधि-विधान के साथ सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया जाता है। सामूहिक कन्या विवाह में 80 जोड़ों विवाह सम्पन्न कराया गया एवं शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि का वितरण किया गया। 

कार्यक्रम में श्री चन्द्रशेखर चन्द्राकर, अध्यक्ष नपा. आरंग, खिलेश्वर देवांगन अध्यक्ष जनपद पं. आरंग, केशरी मोहन साहू जिला पंचायत सदस्य रायपुर, अनिता थानसिंग साहू जिला पंचायत सदस्य रायपुर, कोमल सिंह साहू,भारती देवांगन, नरसिंग साहू, शरद गुप्ता, दीपक चन्द्राकर, सूरज सोनकर, राममोहन लोधी,खिलावन निषाद, जितेन्द्र शर्मा, गौरी बाई देवांगन, मंगलमूर्ति अग्रवाल, राजेश्वरी साहू, गणेश बांधे, उपेन्द्र साहू, सजल चन्द्राकर, तुलसी भाई पटेल, नेहरू डांडे, सदाराम जलक्षत्री, भानूप्रताप शर्मा, पवन साहू, अवधराम साहू, मुन्नालाल साहू, पुष्पा महंती, कुंती साहू, जनकराम साहू, किशन डहरिया, संतराम बर्मन, भुनेश्वर धीवर, निशा मिश्रा जिला परियोजना अधिकारी, ऋषि बंजारे ब्लाक परियोजना अधिकारी आरंग, लता सिंह परियोजना अधिकारी मंदिरहसौद, अंजना शर्मा, तरूण कांति एक्का, निर्मला खलखो, केशर द्विवेदी, प्रमीला गणवीर, सविता टंडन, सरस्वती सोनी, रानो ठाकुर गोस्वामी, अंजु एक्का, ममता गायकवाड़ आशा पात्रे, ऋतु परिहार, राजकुमारी द्विवेदी, झरन धीवर, अल्का सक्सेना, अंजू लहरे सहित वर-वधु के सगे संबंधी उपस्थित थे।

 284 बुनकर सहकारी समितियों द्वारा हो रहा है गणवेश वस्त्रों का उत्पादन*

972 महिला स्व-सहायता समूहों की लगभग 12 हजार महिलाएं कर रही हैं गणवेश की सिलाई*

 

रायपुर । शौर्यपथ । 

छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्या. रायपुर को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 33 शैक्षणिक जिलो में लोक शिक्षण संचालनालय एवं समग्र शिक्षा योजनांतर्गत संचालित विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 64 लाख गणवेश सेट आपूर्ति हेतु क्रय आदेश प्राप्त हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ द्वारा 21 मार्च से शैक्षणिक सत्र 2023-24 हेतु गणवेश आपूर्ति का कार्य बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले से प्रारंभ किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्या. रायपुर के महाप्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में बीजापुर जिले में 42,582 गणवेश सेट एवं दंतेवाड़ा जिले में 35,468 गणवेश सेट की आपूर्ति हेतु छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ के गोडाउन से जिलो में वितरण हेतु वाहन रवाना किये गये हैं। 

उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग के गणवेश वस्त्रों के उत्पादन में राज्य की 284 बुनकर सहकारी समितियों में लगभग 37,500 व्यक्ति संलग्न हैं। छ.ग. राज्य हाथकरघा संघ द्वारा गणवेश वस्त्रों की सिलाई राज्य की 972 महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से करायी जाती है, जिससे लगभग 11,700 महिलाओं को सिलाई के माध्यम से अतिरिक्त रोजगार प्राप्त होता है। छ.ग. राज्य हाथकरघा संघ द्वारा अन्य जिलो में भी आने वाले समय में निरंतर गणवेश की आपूर्ति का कार्य किया जायेगा।

भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने की घोषणा जल्द होगा काम शुरू, भक्तों को मिलेगी सुविधा

भिलाई। शौर्यपथ ।  विश्वविख्यात सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर मंदिर में डोम शेड का विस्तारीकरण किया जाएगा। साथ ही यहां आने वाले भक्तों की सुविधाओं को देखते हुए कई जरूरी विकास कार्य किये जायेंगे। पूजा-अर्चना आदि आयोजनों में यहाँ आने वाले भक्तों के बैठने की व्यवस्था बनाई जाएगी। लाइटिंग की जायेगी, म्यूजिक सिस्टम लगाया जाएगा और साथ ही सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। 

बाबा बालक नाथ मंदिर में पूजा अर्चना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।बाबा बालकनाथ की पूजा अर्चना करने के साथ ही भक्तों को प्रसाद वितरण भी किया गया। विधायक देवेंद्र यादव ने भी भक्तों को अपने हाथ से प्रसाद का वितरण किया। हजारों की संख्या में बाबा बालक नाथ के दर्शन करने आए भक्तों से पूरा मंदिर परिसर भरा हुआ था। 

भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने घोषणा की है की मंदिर में बने डोमशेड का विस्तारीकरण किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने 20 लाख रुपए की स्वीकृति भी दी है। कार्यक्रम आयोजन के दौरान मंदिर समिति भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने वादा किया कि जल्द ही मंदिर परिसर में बने डोमशेड का विस्तारीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा साथ ही यहां आने वाले भक्तों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। मंदिर का सौंदर्यीकरण करने रंग बिरंगी लाइटें लगाई जाएंगी। पंखे लगाए जाएंगे। म्यूजिक सिस्टम लगाया जाएगा। इन सभी कार्यों के लिए विधायक ने घोषणा की।

इस अवसर पर मंदिर समिति ने बताया कि इससे पहले भी बाबा बालक नाथ मंदिर की सौंदर्यीकरण से लेकर डोमशेड का निर्माण कार्य भी भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की पहल से ही हुआ है। जब वे महापौर थे तब से वे यहाँ बाबा बालक नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने आते थे। हमेशा से उनका विशेष सहयोग रहा। मंदिर के विकास, यहाँ की सुविधाओ से लेकर कई विकास कार्य के लिए उन्होंने सहयोग दिया है। मंदिर के पास भव्य गार्डन का निर्माण करवाया है। पहले जो डोमशेड बनाएं है वो अब मंदिर में बढ़ते भक्तों की संख्या से छोटा लगने लगा है। इस लिए यहाँ बने डोमशेड का विस्तारिकरण किया जाएगा। इन विकास कार्यों के लिए मंदिर समिति और लाखों भक्तों ने विधायक श्री यादव का दिल से धन्यवाद किया और आभार व्यक्त करते हुए उनके बेहतर स्वास्थ्य की प्रार्थना की। 

भव्य मंदिर का दर्शन करने आते है लाखों भक्त

मंदिर के शिखर पर पहुंचते ही बाबा जी की आलौकिक श्याम रंग लिए प्रतिमा विराजित है। इसकी प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है। यहां से भिलाई का नजारा अद्भुत नजर आता है।

भव्य मंदिर की स्थापना सन् 1963 में हुई। यहां प्रतिवर्ष मार्च माह के पहले या तीसरे रविवार को वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। जिसमेें करीब 1 लाख भक्त पहुंचते हैं। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त हाजरी लगाते हैं।

बाबा बालक नाथ के साथ अन्य देवी देवताओं के होते है दर्शन प्रदेश का एक मात्र मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में सिद्ध बाबा बालकनाथ के साथ भगवान शंकर-पार्वती, मां लक्ष्मी, मां दुर्ग , भगवान दत्तात्रेय, राधा-कृष्ण, साईंबाबा व अन्य भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमा स्थापित है।संपूर्ण मंदिर परिसर करीब पांच एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिसमें बाहर से आने वाले भक्तों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गई है।

*ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने श्रीसीमेंट प्रतिदिन खरीदेगा 10 मीट्रिक टन गोबर* *एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में होगा गोबर का उपयोग* रायपुर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल…

राजूराम ने एक एकड़ में लगाए टिशु कल्चर सागौन के 250 पौधे : 12 वर्षों में 24 से 26 लाख रुपए की आमदनी का अनुमान*

 

  रायपुर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें योजना की विस्तार से जानकारी दी और योजना से जुड़ने पर शुभकामनाएं दीं।

कांकेर वन मंडल के तुएगहन गांव के श्री राजूराम उसेंडी ने मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए बताया कि आज उनकी एक एकड़ भूमि में टिशु कल्चर सागौन के 250 पौधों का रोपण किया गया है। मुख्यमंत्री के पूछने पर उन्होंने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि 12 वर्ष में सागौन के वृक्ष तैयार होंगे और उन्हें 24 से 26 लाख रुपए की आमदनी होगी। श्री उसेंडी ने बताया कि पहले वे अपनी 1 एकड़ जमीन में धान लगाते थे, जिसमें 3 से 4 क्विंटल धान का उत्पादन होता था। सिंचाई के बारे में उन्होंने बताया कि उनके खेत में बोर भी है, जल्द ही वे ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करेंगे।

बलरामपुर वन मंडल राधा नगर के श्री अभिषेक दुबे ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशू कल्चर सागौन के 500 पौधों का रोपण किया है। पहले वह सरसों की फसल लेते थे। सरगुजा वन मंडल के सखौली गांव की श्रीमती प्रमिला सिंह ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में चंदन के 320 पौधे लगाए हैं । अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा की जलवायु चंदन के लिए अनुकूल है।

बीजापुर वन मंडल के मंगालूर गांव के श्री मंगल राम राणा ने बताया कि उन्होंने 5 एकड़ खाली जमीन में 1250 टिशु कल्चर सागौन के पौधे लगाए हैं। इसी तरह कवर्धा वनमंडल के अमरौदी गांव के मोहम्मद हसीम खान ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशु कल्चर सागौन के 550 पौधे और बोककरखार के श्री सुखलाल धुर्वे ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ में क्लोन नीलगिरी  के 900 पौधे लगाए हैं। राजनवागांव के श्री जलेश्वर पाली ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में टिशु कल्चर सागौन के 500 पौधे रोपे हैं। रायपुर वनमण्डल के सरोना के डॉ मढरिया ने बताया उन्होंने 7 एकड़ में 1250 टिशु कल्चर सागौन के पौधे लगाए हैं। हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान इस योजना को आमदनी और पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी योजना बताया।

मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए 5122 करोड़ 8 लाख 71 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित* *डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से प्रदेश के 85 प्रतिशत…

रायपुर। शौर्यपथ । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को चैत्र नवरात्रि, नव संवत्सर और गुड़ी पड़वा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी नागरिकों के लिए सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चैत्र माह के पहले दिन से हिन्दू नववर्ष और नया संवत्सर शुरू होता है। इस दिन से नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति आराधना के पर्व नवरात्रि का भी शुभारंभ होता है। महाराष्ट्र में इस दिन गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मां शीतला, दंतेश्वरी, महामाया, बम्लेश्वरी, कंकाली, गंगा मैया, बिलईमाता, चंद्रहासिनी देवी तथा अन्य स्वरूपों में मां भगवती विराजमान हैं। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर छत्तीसगढ़ में लोग भक्ति-भाव और उत्साह के साथ नौ दिनों तक देवी आराधना का पर्व मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने देवी भगवती से प्रार्थना की है कि उनका आशीष प्रदेशवासियों पर बना रहे और प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर हो।

दुर्ग । शौर्यपथ । जिला प्रशासन के जिला खनिज संस्था न्यास निधि मद के अंतर्गत जिले के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा (पीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग तथा व्यापम) की…

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