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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से हुए रू-ब-रू
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को जशपुर जिले के कांसाबेल के बगिया हाईस्कूल में नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से रू-ब-रू हुए। वे ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल’ कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कक्षा तीसरी और चौथी की बालिकाओं के बीच बैठे और बड़ी आत्मीयता से उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा।
मुख्यमंत्री साय ने बगिया में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली डॉली गुप्ता से उसका और उसके गांव का नाम पूछकर दुलारते हुए कहा, “पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना”। उन्होंने सभी बच्चों को मोबाइल ज्यादा नहीं देखने और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार संपर्क फाउंडेशन के सहयोग से जशपुर जिले के 50 प्राथमिक शालाओं में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम संचालित कर रही है। शासकीय स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने और कक्षा में सीखने की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत संपर्क फाउंडेशन सभी स्कूलों को निःशुल्क टीवी सेट और सम्पर्क टीवी स्मार्ट स्कूल किट प्रदान करेगा। राज्य शासन की इस पहल से करीब 3200 बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इन स्कूलों में कार्यरत 120 शिक्षकों को टीचिंग-लर्निंग मटेरियल्स उपलब्ध कराने के साथ ही संपर्क की प्रभावी शिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बगिया में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ के शुभारंभ की सराहना करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाना है। ‘स्मार्ट स्कूल्स, स्मार्ट ब्लॉक्स’ कार्यक्रम स्कूलों में पढ़ना और पढ़ाना आसान बनाएगा। यह पहल बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करेगी। यह शिक्षकों को प्रशिक्षित कर शिक्षण प्रक्रिया को व्यवस्थित और सरल बनाएगी, जिससे क्लास-रूम में पढ़ाई बच्चों के लिए आनंददायक बन सके। ये संसाधन वैश्विक शिक्षण पद्धतियों पर आधारित हैं, जो एससीईआरटी और निपुण भारत के लक्ष्यों के अनुरूप है।
बिजली बिल हुआ आधा, 30 हजार का अतिरिक्त अनुदान दे रही राज्य सरकार
रायपुर/शौर्यपथ / प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना पूरे देश की तरह बिलासपुर जिले के लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि महंगाई के इस दौर में भारी-भरकम बिजली बिल से भी राहत मिल रही है। बिलासपुर की अशोक नगर निवासी श्रीमती अंजलि सिंह ने अपनी छत पर तीन किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि इस सोलर प्लांट की कुल लागत एक लाख 85 हजार रुपए आई। इसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए की सब्सिडी भी मिली है।
श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि सोलर प्लांट लगाने से पहले उसके घर का मासिक बिजली बिल ढाई से तीन हजार रुपए तक आता था। लेकिन अब उसका बिजली बिल आधा हो गया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में अब राज्य सरकार भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट ने अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में 30 हजार रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय लिया है। बिलासपुर की श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि पहले बिजली चले जाने पर दिक्कतें होती थीं, बार-बार शिकायत करनी पड़ती थी। अब इन समस्याओं से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के दस दिनों के भीतर सेट-अप भी लग गया था। उन्होंने योजना के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सोलर सिस्टम का रखरखाव बेहद सरल है और इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता है। उन्होंने हर व्यक्ति के लिए इसे उपयोगी बताते हुए इस योजना से जुड़ने का सुझाव दिया है।
सरकार से मिल रही सब्सिडी, वेबसाइट या एप से कर सकते हैं पंजीयन
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत स्थापित सोलर रूफ-टॉप संयंत्र विद्युत ग्रिड से नेट मीटरिंग के माध्यम से जोड़ा जाता है। उपभोक्ता अपनी जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन कर ग्रिड को सप्लाई कर सकते हैं, जिससे उनका बिजली बिल शून्य होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। योजना के अंतर्गत एक किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 30 हजार रुपए और राज्य सरकार से 15 हजार रुपए यानि कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी मिलती है। दो किलो वॉट पर केंद्र सरकार से 60 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए तथा तीन किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए यानि कुल एक लाख आठ हजार रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। वेबसाइट https://pmsuryaghar.gov.in या पीएम सूर्यघर मोबाइल एप पर पंजीयन कराकर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लिया जा सकता है।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में केन्द्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चन्द्र दुबे ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान राज्य में कोयला खनन एवं उत्पादन से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य में कोयला उत्पादन, खनन कार्यों की प्रगति, श्रमिकों से जुड़ी सुविधाओं एवं विकास कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कोयला एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को साकार करने में सहायता मिलेगी। श्री साय ने इस दौरान सीएसआर मद की राशि का उपयोग अधिक से अधिक जनकल्याणकारी कार्यों में करने के संबंध में विशेष रूप से चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /
1 मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
2 मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
3 मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास एवं राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन एवं आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी।
4 मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा तथा निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी।
राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगोें, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाले लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/इन्लैंण्ड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार होगा। यह पॉलिसी राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।
5 मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय व जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।
6 मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मण्डल/कम्पनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेव्हलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।
7 मंत्रिपरिषद द्वारा वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए विहित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल को साकार करने की दिशा में सरकार की ऐतिहासिक पहल
27.87 एकड़ क्षेत्र में 36.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित है आधुनिक आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा के अंतर्गत ग्राम जामगांव (एम) में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आधुनिक आयुर्वेदिक औषधि प्रसंस्करण इकाई एवं केन्द्रीय भंडार गृह परिसर तथा स्प्रेयर बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अंतर्गत निर्मित हर्बल एक्सट्रेक्शन इकाई का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है। हमारी सरकार डेढ़ वर्षों से लगातार विकास की दिशा में अग्रसर है। तीन करोड़ जनता से किए गए वचनों को हम प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तीन नई हर्बल इकाइयों से लगभग दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है, जो हमारे लिए सौभाग्य का विषय है। आयुर्वेदिक औषधियों की कच्ची सामग्रियां जंगलों से एकत्र कर संयंत्रों तक पहुंचाई जाएंगी, जिससे वनवासियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रसंस्करण इकाई मध्य भारत की सबसे बड़ी इकाई है और आयुर्वेदिक औषधि निर्माण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक केंद्र के रूप में स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए सरकार ने संग्रहण दर 4,500 रुपए से बढ़ाकर 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है, जिससे लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही पूर्ववर्ती सरकार में बंद की गई ‘चरण पादुका योजना’ को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत आज पांच हितग्राही महिलाओं को चरण पादुका वितरित की गईं।
मुख्यमंत्री ने लोगों से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माँ के नाम पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही माँ के प्रति सम्मान भाव भी बना रहेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44.10 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र है, जिससे वनोपज की बहुलता है। यह प्रसंस्करण इकाई मध्य भारत की सबसे बड़ी इकाई है। इसके प्रारंभ से वनोपज का संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन सुगम होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का वनोपज अब वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 67 प्रकार की वनोपज का संग्रहण किया जाता है, जिससे 13 लाख 40 हजार वनवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। श्री कश्यप ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ के अनुरूप ‘चरण पादुका योजना’ को पुनः प्रारंभ किया गया है।
महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी कैलाशनंद गिरी जी महाराज ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुर्वेदिक औषधियों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री साय ने लोकार्पण से पूर्व प्रसंस्करण इकाई परिसर में आंवला का पौधा रोपित किया। इसके साथ ही वन मंत्री श्री कश्यप ने सीताफल का पौधा, सांसद श्री विजय बघेल ने बेल तथा महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 डॉ. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज ने भी सीताफल का पौधा रोपित किया।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई छत्तीसगढ़ की समृद्ध वन संपदा को विज्ञान और आधुनिक तकनीक से जोड़कर ‘फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल’ को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। 27.87 एकड़ क्षेत्र में 36.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह इकाई प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए मूल्य के उत्पाद तैयार करेगी। यहां प्रदेश के वनों से प्राप्त औषधीय और लघु वनोपज – जैसे महुआ, साल बीज, कालमेघ, गिलोय, अश्वगंधा आदि का संगठित एवं वैज्ञानिक प्रसंस्करण कर चूर्ण, सिरप, तेल, टैबलेट एवं अवलेह जैसे गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्मित होंगे। यह इकाई ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के तहत प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने का प्रमुख केंद्र बनेगी।
परियोजना के अंतर्गत 2,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी, जिससे उन्हें स्वरोजगार मिलेगा। वहीं युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होने से स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए द्वार खुलेंगे। इकाई में आधुनिक वेयरहाउस की 20,000 मीट्रिक टन की संग्रहण क्षमता विकसित की गई है, जिससे मौसमी वनोपजों के दीर्घकालीन संरक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण में सहायता मिलेगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करती है। यह न केवल वन उत्पादों के स्थानीय मूल्य संवर्धन का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन, आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशिता को भी सशक्त बनाती है।
मुख्यमंत्री साय की दिखी संवेदनशीलता: अपने हाथों से पहनाई चरणपादुका
इस अवसर पर मानवीय संवेदनशीलता और सम्मान का अनूठा दृश्य भी देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम बढ़भुम (जिला बालोद) की हितग्राही श्रीमती शकुंतला कुरैटी को स्नेहपूर्वक अपने हाथों से चरण पादुका पहनाई।मुख्यमंत्री श्री साय की पहल से प्रेरित होकर वन मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने भी हितग्राहियों – श्रीमती वैजयंती कुरैटी, श्रीमती निर्मला उईके, श्रीमती ललिता उईके तथा श्रीमती अघनतीन उसेंडी को अपने हाथों से चरण पादुका पहनाई।
इस अवसर पर सांसद विजय बघेल, विधायकगण डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, श्री सम्पत लाल अग्रवाल, श्री ललित चन्द्राकर, श्री गजेन्द्र यादव एवं श्री रिकेश सेन, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पूर्व विधायक श्री दया राम साहू, महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 डॉ. स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज, स्थानीय आदिवासी स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री विकास मरकाम, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा, वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार साहू एवं संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एस. मणिकासगन उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना से ओम सिंह राजपूत का घर हुआ रोशन
मोहला/शौर्यपथ /वनांचल क्षेत्र के लिए बिजली से घर रोशन होना एक चमत्कार से कम नहीं है। पूरी दुनिया आज जहां बिजली से जगमगा रही है, वहीं वनांचल क्षेत्र के लिए बिजली से घर रोशन होना एक सपने जैसा प्रतीत होता है। वनाच्छादित क्षेत्र के लिए बिजली पहुंचाना आसान नहीं होता है, पहुँचविहीन रास्ते एक बड़ी चुनौती होता है। ऐसे में वनांचल क्षेत्र मानपुर के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना सपने को साकार कर रहा है। मानपुर के श्री ओम सिंह राजपूत के लिए उनके घर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना ने उनके जीवन में उजाला लाने का काम किया है। श्री ओम सिंह राजपूत ने बताया कि योजना की जानकारी होने पर उन्होंने विद्युत विभाग से संपर्क कर अपने घर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना अंतर्गत 3 किलो वाट का कनेक्शन लिया है। इससे उनके पूरे घर रोशन होने के साथ ही अंधेरे की गुलामी से निजात दिलाने में मददगार साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध हो रहा है। योजना के तहत, 3 किलोवाट के लिए उन्हें 40% सब्सिडी मिला है। उन्होंने आगे बताया कि सालाना उन्हें लगभग 15000 की बचत हुई है। उन्होंने इस अति महत्वाकांक्षी योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है।
मोहला /शौर्यपथ/ धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत गतदिवस प्रधानमंत्री सेजेश हायर सेकंडरी विद्यालय मोहला में विविध शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन गतिविधियों का उद्देश्य महान जननायक एवं स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष एवं योगदान को समझना और छात्रों में जनजातीय संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम के अंतर्गत विविध गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इनमें भाषण प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने बिरसा मुंडा के जीवन, उनके संघर्षों एवं जनजातीय समाज के उत्थान में उनके योगदान पर प्रभावशाली भाषण प्रस्तुत किए। इसी प्रकार मुंडा जनजाति पर प्रदर्शनी आयोजित किया गया। विद्यार्थियों द्वारा मुंडा जनजाति की जीवनशैली, पारंपरिक वस्तुएं, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई।
इसी तरह पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित किया गया। इसमें छात्र छात्राओं ने बिरसा मुंडा एवं जनजातीय विरासत से जुड़े विषयों पर रचनात्मक और संदेशपूर्ण पोस्टर तैयार किए।
साथ ही रंगोली प्रतियोगिता आयोजित किया गया। विद्यार्थियों ने जनजातीय कला, प्रकृति और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विषयों पर आकर्षक रंगोलियों का निर्माण किया, जिससे विद्यालय परिसर जीवंत हो उठा।
इन सभी गतिविधियों में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उनकी मेहनत और रचनात्मकता की सभी अन्य विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सराहना की।
कार्यक्रम प्रभारी शिक्षकों ने सभी कार्यक्रमों का कुशल संचालन किया और निर्धारित योजना के अनुसार सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।विद्यालय के प्राचार्य महोदय ने सभी प्रतिभागियों और आयोजन समिति को बधाई दी एवं ऐसे आयोजनों के माध्यम से जनजातीय नायकों के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुनी 'मन की बात' की 123वीं कड़ी
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सुना और इसे प्रेरणादायी बताया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से देश के कोने-कोने में हो रहे नवाचारों, जन-भागीदारी और सकारात्मक प्रयासों की चर्चा करते हैं, जिससे राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित लोगों को पहचान और सम्मान मिलता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी के साथ स्वास्थ्य और प्रकृति की रक्षा के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपयोगी जानकारियां साझा की। प्रधानमंत्री ने स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए फिटनेस और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में चल रहे नवाचारों के बारे में बताया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जीवन में छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव का आधार बनते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह दृष्टिकोण हम सभी को प्रेरित करता है और यदि हम नियमित रूप से छोटे लेकिन सार्थक कदम उठाएं, तो समाज और देश में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की छोटी-छोटी से लेकर बड़ी उपलब्धियों पर भी अपनी बात साझा करते हैं और उसकी सराहना करते हैं। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने योग दिवस की भव्यता, पर्यावरण संरक्षण में जनभागीदारी, महिला सशक्तिकरण, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि, 1975 के आपातकाल और भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की वियतनाम यात्रा और भारत के ट्रेकोमा मुक्त होने जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत हम सभी का संकल्प है और राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए छत्तीसगढ़ हर मोर्चे पर दृढ़ संकल्प के साथ खड़ा है।
इस अवसर पर निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरी जी महाराज, केंद्रीय राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती सावित्री ठाकुर, कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री राजेश मूणत, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री राजेश अग्रवाल, विधायक श्री संपत अग्रवाल, विधायक श्री प्रबोध मिंज, राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, सीजीएमएससी के चेयरमैन श्री दीपक म्हस्के, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैंकरा, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी राजपूत सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
नक्सल क्षेत्रों में 159 आंगनबाड़ी केंद्र, 70 लाख महिलाओं को ₹10,431 करोड़ – सशक्तिकरण की नई मिसाल
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में केंद्रीय राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती सावित्री ठाकुर ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने श्रीमती ठाकुर के साथ प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के संकल्प के तहत विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित बीजापुर, सुकमा, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों में नियद नेल्लानार योजना के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 159 आंगनबाड़ी केंद्रों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। यह पहल उन दुर्गम क्षेत्रों में शासन की योजनाओं को सीधे अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी अवगत कराया कि महतारी वंदन योजना अंतर्गत मार्च 2024 से जून 2025 की अवधि में 70 लाख से अधिक महिलाओं को ₹10,431.30 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। इससे महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत आधार मिला है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती ठाकुर को शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मुलाकात के दौरान प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा उपस्थित थीं।
संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों में भी लोगों की पहुंच में हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
चिकित्सक स्टाफ की नियुक्ति से बस्तर संभाग में मजबूत हुई है व्यवस्था
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारीः स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन और स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल सामान्य क्षेत्रों में, बल्कि नक्सल प्रभावित जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच में आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक , राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान और मलेरिया मुक्त अभियान जैसे कार्यक्रमों ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत से बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। बस्तर में घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संस्थानों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत उल्लेखनीय उपलब्धि
1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 तक बस्तर संभाग में कुल 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को क्वालिटी सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। इनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसके अलावा, 65 अन्य संस्थाओं का सर्टिफिकेशन कार्य प्रक्रियाधीन है। विशेष रूप से नक्सल प्रभावित जिलों—कांकेर (8), बीजापुर (2), सुकमा (3) और दंतेवाड़ा (1)—में 14 संस्थानों को गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार का प्रमाण है।
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग में 62,466 राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि एक वर्ष में ही 36,231 आयुष्मान कार्ड पंजीकृत किए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत अब तक 52.6 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड का कवरेज इन पांच जिलों में हो चुका है, जिसमें 6,816 लोगों को लाभ मिला है और इन पर 8 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि क्लेम की गई है।
चिकित्सक स्टाफ की नियुक्ति से मजबूत हुई व्यवस्था
पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही राज्य स्तर से 75 तथा जिला स्तर से 307 स्टाफ एवं प्रबंधकीय पदों पर भर्ती की गई है, जबकि 291 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। यह कदम क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकता रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आम लोगों तक पहुंच रहा है। यह विष्णु देव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।
बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी साबित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।
*अवैध कब्जाधारियों की दोबारा कोशिश पर प्रशासन सख्त, यातायात व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक कदम और*
**दुर्ग | शौर्यपथ।** शहर की सबसे व्यस्त और प्रमुख बाजारों में शुमार इंदिरा मार्केट एक बार फिर निगम प्रशासन की सख्त निगरानी में आया। बीते दिनों यहां से हटाए गए अतिक्रमणकारी एक बार फिर लौटकर कब्जा जमाने की फिराक में थे, जिसे लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। शनिवार को नगर पालिका निगम ने पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, जिसमें **डीएसपी ममता अली शर्मा** ने मोर्चा संभालते हुए पूरी कार्रवाई की निगरानी की।
कार्रवाई के दौरान पुलिस बल की सघन उपस्थिति रही, जिससे अव्यवस्था या विरोध की कोई स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। अभियान को पूरी तरह **शांतिपूर्ण और व्यवस्थित** तरीके से अंजाम दिया गया। इस दौरान जो दुकानदार दोबारा अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी गई कि दोबारा उल्लंघन की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
**डीएसपी ममता अली शर्मा** ने कहा, *"यातायात व्यवस्था में सुधार और आमजन की सुविधा के लिए हम पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं। शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने की दिशा में प्रशासन लगातार सक्रिय है।"*
इस कार्रवाई के बाद **शहर की यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार** की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन का अगला लक्ष्य है कि शहर के सभी प्रमुख मार्गों को अतिक्रमण मुक्त कर सुगम यातायात और नागरिक सुविधा सुनिश्चित की जाए।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह केवल एक स्थान विशेष की कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत है। नागरिकों को भी अब उम्मीद है कि शहर के अन्य व्यस्त क्षेत्रों जैसे * में भी इसी प्रकार की सख्ती अपनाई जाएगी।
भिलाई। शौर्यपथ /
भिलाई नगर इस वर्ष भगवान श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा के ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना। श्रद्धा, उल्लास और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर यह आयोजन नगर की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रमाण बना। सेक्टर-6 और सेक्टर-4 स्थित जगन्नाथ मंदिरों से प्रारंभ हुई रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु जनसैलाब के रूप में शामिल हुए। मार्गभर "जय जगन्नाथ" के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।
रथ यात्रा में नगर के जनप्रतिनिधि भी भावपूर्वक सम्मिलित हुए। भिलाई नगर विधायक माननीय देवेंद्र यादव पारंपरिक धोती-कुर्ता में रथ यात्रा में पहुंचे और भगवान श्रीजगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने महापौर नीरज पाल के साथ मिलकर रथ खींचा और नगरवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रभु से कामना की।
समर्पण और सेवा से सज्जित रहा आयोजन
इस रथ यात्रा का आयोजन युवा खेल एवं सांस्कृतिक मंडल द्वारा किया गया, जिसने पूरे समर्पण और योजनाबद्ध तरीके से तैयारियां की थीं। आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, छाया, प्राथमिक उपचार और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन और नगर निगम का योगदान सराहनीय रहा।
झांकियों और भक्ति संगीत ने बांधा समां
यात्रा में रंग-बिरंगी झांकियाँ, लोकनृत्य, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ सभी को मंत्रमुग्ध करती रहीं। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह भंडारा, शीतल पेय, प्रसाद वितरण और स्वागत द्वार की व्यवस्था की, जिससे श्रद्धालुओं को सहूलियत मिली और यात्रा में उत्साह बना रहा। फूलों की वर्षा से सजा यात्रा मार्ग श्रद्धा और सौंदर्य का अनुपम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
धार्मिकता के साथ सामाजिक समरसता का संदेश
विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, "यह आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक एकता, सहयोग और भाईचारे का प्रतीक भी है। रथ यात्रा जैसी परंपराएं समाज में सेवा, श्रद्धा और समर्पण की भावना को प्रबल करती हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में जनसहभागिता ने यह सिद्ध किया है कि भिलाई नगर धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सजग और जागरूक नगर है।
समापन आरती और महाप्रसाद वितरण के साथ
रथ यात्रा का समापन भव्य आरती और महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ। भक्तों ने पूरे भाव से प्रभु श्रीजगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। यह दिन भिलाईवासियों के लिए न केवल भक्ति और आनंद का पर्व रहा, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव भी बन गया।