July 20, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

पाटन/शौर्यपथ। श्रावण मास के पावन अवसर पर भगवान भोलेनाथ के प्रति असीम श्रद्धा और समाजिक समर्पण को समर्पित भव्य बोल बम कांवर यात्रा का आयोजन…

    दुर्ग/शौर्यपथ / निपुण भारत मिशन की वर्षगांठ के अवसर पर स्टारलाइट फाउंडेशन द्वारा दुर्ग जिले के बोरिगारका प्राथमिक विद्यालय में पहली ‘स्तंभशाला’ कक्षा का शुभारंभ किया गया। यह पहल कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों की फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमेरसी (FLN) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।
  कक्षा को स्मार्ट एलईडी टीवी, शैक्षिक चार्ट्स, चित्रात्मक पुस्तकें व फन लर्निंग किट्स से सज्जित किया गया है, जिससे बच्चे खेल-खेल में सीख सकें। कार्यक्रम में संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी, सभापति श्रद्धा साहू, जनपद उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संस्था अध्यक्ष प्रतीक ठाकरे ने बताया कि यह मॉडल शिक्षा को बोझ नहीं, आनंदमयी अनुभव बनाने की दिशा में काम करता है। आने वाले महीनों में इसे अन्य विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा।
 कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। ग्रामवासियों ने इस पहल को शिक्षा में बदलाव की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

   दुर्ग/शौर्यपथ/ दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की शहरी सरकार को अस्तित्व में आए लगभग चार महीने हो चुके हैं। इस अवधि में शहर में विकास कार्यों की सुस्त गति, अव्यवस्थाओं की बढ़ती भरमार और आम नागरिकों की लगातार हो रही परेशानियों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है।
  शहर के कई वार्डों में अतिक्रमण की समस्याएं, सफाई व्यवस्था की बदहाली, जलनिकासी की कमी, सड़क मरम्मत जैसे मुद्दे गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
  इन्हीं जनमुद्दों को लेकर दुर्ग कांग्रेस द्वारा कल दोपहर 12 बजे कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें शहर की जनता की समस्याओं एवं उनकी अपेक्षाओं को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा।
  कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार, यह पहल दुर्ग शहर की जनता की आवाज़ को सशक्त रूप से उठाने और उनके हितों की रक्षा करने के विश्वास के साथ की जा रही है। उनका मानना है कि शहर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना शासन और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसे लेकर अब गंभीर और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास होगा कि दुर्ग शहर की जनता सजग है, और उसकी समस्याओं की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
? तारीख: 09/07/2025
? समय: दोपहर 12:00 बजे
? स्थान: कलेक्टर परिसर, दुर्ग

✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
 

भिलाई/शौर्यपथ।
भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले चर्चित निर्देशक मंजुल ठाकुर इन दिनों एक बेहद अलग और ऐतिहासिक फिल्म “परिणय-सूत्र” की शूटिंग में व्यस्त हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के पास जोर-शोर से चल रही इस फिल्म की शूटिंग में 1970 के दशक के भारत की पारिवारिक संस्कृति, रहन-सहन और सामाजिक मूल्यों को पर्दे पर सजीव रूप में दिखाने की कोशिश की जा रही है।

इस फिल्म का निर्माण संदीप सिंह एवं मंजुल ठाकुर द्वारा किया जा रहा है, जबकि इसकी पटकथा अरविंद तिवारी ने लिखी है। फिल्म आद्या फिल्म्स एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही है।

? फिल्म की विशेषताएं:

निर्देशक मंजुल ठाकुर के अनुसार, “यह फिल्म एक पारंपरिक पारिवारिक गाथा है, जिसमें 70 के दशक के हर पहलू को बड़ी बारीकी से दर्शाया जा रहा है — चाहे वह खानपान हो, पहनावा हो, मकानों की बनावट हो या शादी-विवाह की रस्में। बैलगाड़ी, एक्का, पीतल के बर्तन और उस समय की मुद्रा तक की व्यवस्थित रूप से व्यवस्था की गई है, जिससे दर्शकों को उस दौर की एक सजीव झलक मिल सके।”

उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक दौर की फिल्में बनाना जितना सहज है, उतना ही चुनौतीपूर्ण है अतीत के परिवेश को रच पाना। “उस समय की वास्तुकला, जीवनशैली और व्यवहार की झलक को पुनः खड़ा करना एक बेहद कठिन और दिलचस्प यात्रा रही,” उन्होंने कहा।

? कलाकारों की प्रभावशाली टीम:

इस ऐतिहासिक फिल्म में भोजपुरी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री रानी चटर्जी मुख्य भूमिका में हैं, उनके साथ तनुश्री, राकेश बाबू, प्रशांत सिंह, ललित उपाध्याय, विद्या सिंह और शमशीर सिवानी जैसे सशक्त कलाकार अपने अभिनय से फिल्म को संजीवता प्रदान कर रहे हैं।
इसके अलावा अशोक गुप्ता, नीलम सिंह, रामनरेश श्रीवास्तव, रीमा, रिंकू आयुषी, अंजु रस्तोगी, बबीता, रंजीत सिंह, आदर्श सहित कई कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।

? बाल कलाकारों की भी चमक:

फिल्म में बाल कलाकार ढोलू यादव, दीक्षा, गोकुल और आरजू ने अपने सहज अभिनय से सभी का ध्यान आकर्षित किया है।

? तकनीकी टीम:

फिल्म के दृश्य को कैमरे में कैद करने का कार्य अनुभवी कैमरामैन इमरान शगुन ने किया है। पार्थ मिश्रा एसोसिएट डायरेक्टर हैं, वहीं सहायक निर्देशक के रूप में अमृतराज, सूरज वर्मा और पियुष उपाध्याय का योगदान है। प्रोडक्शन की कमान श्री रौशनसोनू के पास है, जबकि नाज़िर भाई इस प्रोजेक्ट के आर्ट डायरेक्टर हैं।

? निर्माता संदीप सिंह की सोच:

निर्माता संदीप सिंह ने कहा, “जब मैंने यह कहानी सुनी तो मुझे लगा कि आज के दौर में ऐसी फिल्म की सख्त ज़रूरत है जो नई पीढ़ी को बताए कि हमारे पूर्वजों ने किन हालात में जीवन जिया और कैसे सादगी में भी खुशहाल जीवन जीया। यही सोच लेकर मैंने फिल्म निर्माण का निर्णय लिया।”

? निष्कर्ष:

“परिणय-सूत्र” न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह समय की यात्रा है, जिसमें दर्शक 1970 के दशक के भारतीय परिवेश, संस्कृति और मूल्यों को अनुभव करेंगे। यह फिल्म निश्चित ही भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।


✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
? शौर्यपथ न्यूज़

बालोद/शौर्यपथ /उप संचालक कृषि विभाग ने बताया कि जिले के किसान धान बोवाई व रोपाई कार्य में लगे हुए है। जिसके अंतर्गत बोवाई लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष धान कतार बोनी का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है। गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अरमरीकला, सोरर, चिटीद, धनेली, सनीद, गुरूर, भोथली, सोहपुर एवं गुण्डरदेही विकासखण्ड के गुरेदा, नाहंदा, अर्जुन्दा, ओटेबंध, सिरसिदा, देवरी (क) व बालोद विकासखण्ड अंतर्गत पिपरछेड़ी. घारवाही, भंगारी, निपानी, तरीद, करहीभदर, सेमरकोना, मटिया (वी), साल्हेटोला सहित जिले में 986 हेक्टेयर में धान की कतार बोनी की गई है, जो कि एक अच्छी पहल है। कतार बोनी का प्रचलन पिछले कुछ साल से बढ़ी है। किसान पारंपरिक रूप से धान को छिड़क कर रोपा पद्धति से बोते है, जिससे बीज मात्रा ज्यादा, खरपतवार प्रबंधन में समस्या एवं लागत भी अधिक आती है। उन्होंने बताया कि धान की कतार बोनी में बीज एवं खाद की कम मात्रा लगती है एवं खाद का सही उपयोग हो जाता है। बीज एवं खाद 3 से.मी. के करीब होने पर बीज का अंकुरण अच्छा एवं पौधों में तेजी से विकास होता है। धान के जड़ों का अधिक गहराई पर होने से सुखा सहने की क्षमता बढ़ जाती है। धान की कतार बोनी से हवा एवं प्रकाश की समुचित आवागमन होने पर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया अच्छी होती है एवं पौधा मजबूत होता है, जिससे अच्छी पैदावार होने की संभावना बढ़ जाती है। धान (कतार बोनी) फसल सामान्य फसल की अपेक्षा जल्दी परिपक्व व कटाई योग्य हो जाते है, जिससे रबी की फसल लेने में पर्याप्त समय मिल जाता है।
धान सीधी बोवाई जिसे डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) भी कहा जाता है। धान की खेती करने का आधुनिक तरीका है, जिसमें नर्सरी तैयार करने और पौधे को रोपाई करने की पारंपरिक विधि के बजाय बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है। यह एक कुशल, टिकाऊ और किफायती तरीका है, जो किसानों, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए कई लाभ प्रदान करता है। उन्हांेने बताया कि सीधे बीजाई पद्धिति से पानी की बचत, सीड ड्रील से बोवाई से श्रम की बचत, रोपाई की लागत बचत, पर्यावरण के अनुकुल मिथेन उत्सर्जन कम होता है। इसके साथ ही समय की फसल की अवधि कम होने से समय की बचत होती है।

समय-सीमा की बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /अपर कलेक्टर चन्द्रकांत कौशिक ने कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के विशेष पहल पर जिले मंे 18 जुलाई को आयोजित वृहद वृक्षारोपण अभियान के अवसर पर अधिक से अधिक पौधरोपण कर अभियान को सफल बनाने हेतु सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। श्री कौशिक आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा वृहद वृक्षारोपण अभियान के दौरान पौधों के रोपण हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं इस अभियान को सफल बनाने हेतु की जा रही तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अजय किशोर लकरा एवं श्री नूतन कंवर सहित राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में श्री कौशिक ने विभाग प्रमुखों से 18 जुलाई को अपने-अपने विभागों के कार्यालय परिसरों एवं अन्य आवश्यक स्थानों में पौधरोपण हेतु निर्धारित लक्ष्य एवं इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने हेतु की गई तैयारियों के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली। श्री कौशिक ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने हेतु केवल पौधों का रोपण कर देना ही पर्याप्त नही है वरन् रोपे गए पौधे की सुरक्षा एवं समुचित देखभाल की व्यवस्था करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को जिले में आयोजित वृहद वृक्षारोपण अभियान के दौरान समाज के सभी वर्गों के लोगों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करते हुए इस अभियान को सफल बनाया जाएगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्री कौशिक ने वर्षा ऋतु के मद्देनजर बाढ़ एवं आपदा से बचाव हेतु संबंधित विभागों द्वारा की गई तैयारियों की भी समीक्षा की। श्री कौशिक ने राजस्व, पुलिस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरी निकाय, स्वास्थ्य, नगर सैनिक तथा अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस दौरान किसी भी स्थिति से निपटने हेतु समय रहते सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अतिवृष्टि एवं अन्य किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर तत्काल राहत एवं बचाव के उपाय सुनिश्चित करते हुए प्रभावित लोगों तक मदद पहुँचाने के अलावा किसी भी प्रकार की जनधन की हानि को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध करने को कहा। बैठक में अपर कलेक्टर ने जिले के सभी शासकीय कार्यालयों एवं संस्थानों में अधिकारी-कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने जिले के सभी शासकीय संस्थाओं एवं कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन लगाकर सभी विभाग प्रमुखों को अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों की सुबह 10 बजे से शाम 05.30 बजे तक अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।
बैठक में श्री कौशिक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जर्जर शाला भवनों की स्थिति के संबंध में जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने एसडीएम डौण्डी श्री सुरेश साहू से दल्लीराजहरा में केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण हेतु जगह चयन के प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने जिले में मुख्यमंत्री के घोषणा के कार्यों की क्रियान्वयन हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी ली। इसके अंतर्गत उन्होंने जिला मुख्यालय बालोद में नालंदा परिसर तथा देव स्थल राजाराव पठार में प्रवेश द्वार, पेयजल व्यवस्था, महिला सदन सहित अन्य निर्माण कार्यों को पूरा करने हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। बैठक में अपर कलेक्टर ने जिले में सड़क दुर्घटना के रोकथाम हेतु किए जा रहे उपायों की भी जानकारी ली। उन्होंने परिवहन एवं संबंधित विभाग के अन्य अधिकारियों को जिले के सभी पेट्रोल पंपों में बिना हेलमेट पहनकर पेट्रोल खरीदने के लिए आने वाले दुपहिया वाहन चालकों को नही देने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने को कहा। सभी पेट्रोल पंपों में इस संबंध में जानकारी हेतु फ्लैक्स लगाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मौजूदा खरीफ सीजन के मद्देनजर जिले में खाद, बीज के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में खाद, बीज के प्रबंध के लिए कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने कृषि, उप पंजीयक सहकारी संस्था एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को समय रहते समुचित उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

कलेक्टर ने आमजनों की समस्याओं का गंभीरता पूर्वक निराकरण करने के दिये निर्देश
    मोहला/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में आमजनों की शिकायतो, समस्याओं और मांगों को सहानुभूतिपूर्वक सुना। कलेक्टर ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि आम नागरिकों की समस्याओं को सुनने के साथ ही नियमानुसार कार्यवाही करें। कलेक्टर जनदर्शन में आज 05 आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त सभी आवेदनों को संबंधित विभाग में भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है।
         कलेक्टर जनदर्शन में आज जिले के मोहला वि.ख. ग्राम पंचायत बिरझुटोला के सरपंच सुमारी बाई ने पंचायत के आश्रित ग्राम खमटोला में मुख्य मार्ग से पानी टंकी तक 700 मीटर सीसी रोड स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में आवेदन प्रेषित किया। उन्होंने आवेदन देते हुए बताया कि बरसात के दिनों में गली अत्यधिक कीचड़ हो जाता है। जिससे आवागमन में असुविधा होती है। इसी प्रकार एकलव्य आवासीय विद्यालय मानपुर के अध्यक्ष ने अंबागढ़ चौकी में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय मानपुर को नवीन भवन ख्वास फड़की में शिफ्ट किये जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वि.ख. मोहला के ग्राम मरकाटोला समस्त ग्राम वासियों ने प्राथमिक शाला मरकाटोला के प्रधानपाठिका को शाला से अन्यत्र जगह भेजकर दूसरे शिक्षक भेजने के संबंध में कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन दिया गया। इसी प्रकार वि.ख. मानपुर के जागृति स्व सहायता समूह, ग्राम मानपुर द्वारा ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भोजन एवं नाश्ते की व्यवस्था की गई थी, जिसकी भुगतान राशि आज तक समूह को प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में समूह द्वारा कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन प्रस्तुत किया गया। इसी प्रकार जिले के अन्य आवेदको ने अपने आवेदन के माध्यम से अपनी समस्याओं से निजात पाने कलेक्टर से गुहार लगायी है।

  रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। खरीफ 2025 के दौरान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने इसके व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है। इसके साथ ही एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में ठोस डीएपी उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को उसके विकल्प के अनुरूप कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
      नैनो डीएपी एक आधुनिक, किफायती और प्रभावशाली तरल उर्वरक है, जो पारंपरिक डीएपी की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके उपयोग से खेती की लागत में कमी आती है। नैनो डीएपी खेत में पोषण की कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करता है और उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती हैै, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रूपए आती है।  
    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनुसार नैनो डीएपी की मात्र साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाव में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपा के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बोआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है।
     नैनो डीएपी फसलों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करने के लिए बेहतर विकल्प है। यह पारंपरिक डीएपी के मुकाबले लागत कम और प्रभाव अधिक है। पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत लगभग 1350 रूपए होती है, वहीं नैनो डीएपी की एक बोतल से कई एकड़ भूमि को लाभ पहुंचाया जा सकता है। यह स्प्रे के माध्यम से सीधे पौधों पर छिड़का जाता है, जिससे पोषक तत्वों का त्वरित अवशोषण होता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश के अनुरूप राज्य शासन द्वारा किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी सहित वैकल्पिक उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण समितियों में किया जा रहा है। किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों से नैनो डीएपी तथा एनपीके, एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की अपील की है।

राजधानी रायपुर में होगा मुख्य समारोह
मुख्यमंत्री करेंगे ध्वजारोहण एवं जनता के नाम संदेश का प्रसारण
रायपुर/शौर्यपथ / राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को प्रदेशभर में गरिमापूर्ण एवं भव्य रूप से मनाने के उद्देश्य से शासन स्तर पर आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गई हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन की अध्यक्षता में बीते दिनों राज्य स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि स्वतंत्रता दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष की भांति गरिमापूर्ण, सुव्यवस्थित और राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत वातावरण में किया जाए।
राजधानी रायपुर में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह प्रातः 9 बजे से पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे तथा जनता के नाम संदेश देंगे। समारोह में संयुक्त परेड द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया जाएगा।
रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह की परेड का दायित्व पुलिस महानिरीक्षक, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के अधीन रहेगा। परेड में बी.एस.एफ., सी.आर.पी.एफ., सी.आई.एस.एफ., आई.टी.बी.पी., एस.एस.बी., छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (महिला एवं पुरुष), नगर सेना, एन.सी.सी. कैडेट्स आदि की टुकड़ियाँ सम्मिलित होंगी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा पदक एवं पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इसके लिए विभागों को जूरी गठित कर 29 जुलाई 2025 तक चयनित नामों की सूची सामान्य प्रशासन विभाग को भिजवाना होगा। निर्धारित तिथि के उपरांत प्राप्त प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य समारोह में ‘जनता के नाम संदेश‘ देंगे। यह संदेश दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के माध्यम से पूरे प्रदेश में प्रसारित किया जाएगा। मुख्य समारोह पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति आधारित समूह-नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किए जाएंगे। स्कूली बच्चों के कार्यक्रमों हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जूरी का गठन किया जाएगा तथा कार्यक्रम स्थल पर ही पुरस्कार वितरण होगा। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं नगर निगम आयुक्त रायपुर को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह व्यवस्था के संबंध में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई है।  
प्रदेश के सभी सार्वजनिक भवनों एवं राष्ट्रीय स्मारकों पर 15 अगस्त की रात प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। निजी संस्थानों से भी ध्वजारोहण एवं रोशनी करने की अपील की गयी है। जिला, विकासखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यक्रमों और प्रदर्शनी के आयोजन हेतु कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं। समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं नक्सली हिंसा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया जाएगा।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने बस्तर के बीजापुर जिले में माओवादियों की पीएलजीए बटालियन के 8 लाख के इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को सुरक्षा बलों द्वारा न्यूट्रलाइज किए जाने पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस, सटीक रणनीति और जनसहभागिता की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का मिशन निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान में पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कार्रवाई हमारे वीर सुरक्षाबलों के पराक्रम और सुनियोजित अभियानों का जीवंत उदाहरण है। सुरक्षाबलों की निरंतर और निर्णायक कार्रवाइयों ने नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ दी है। आज नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार पूरी दृढ़ता के साथ यह अभियान जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य के हर क्षेत्र में लोकतंत्र, विश्वास और प्रगति की विजय सुनिश्चित होगी।

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