March 27, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

मुख्यमंत्री ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की
रायपुर/शौर्यपथ /होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड स्थित ग्राम टाटीडांड पहुँचे, जहाँ उन्होंने सनातन समाज के दुर्गा देवी संत समाज द्वारा आयोजित वार्षिक अनुष्ठान में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
कार्यक्रम में गुरु महाराज स्व. धनपति पंडा के पुत्र श्री सहदेव पंडा की विशेष उपस्थिति रही। यह अनुष्ठान हर वर्ष फाल्गुन माह में होली के पावन पर्व पर आयोजित किया जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री साय अनेक वर्षों से शामिल होते रहे हैं।
होली भाईचारे और खुशियों का पर्व – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे का पर्व है। उन्होंने कहा कि टाटीडांड में सनातन समाज द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने का माध्यम है, जिससे समाज में समरसता बनी रहती है।
शासन की जनकल्याणकारी  योजनाओं से प्रदेश में विकास की नई रफ्तार
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर? पर राज्य सरकार की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसानों से देश में सर्वाधिक मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है, जिससे कृषि समृद्ध हो रही है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं को हर माह ₹1000 की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
महाशिवपुराण कथा के लिए आमंत्रण
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 21 मार्च से 27 मार्च तक कुनकुरी विकासखंड में देश के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग स्थल मधेश्वर पहाड़ के समीप  महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी कथा का वाचन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से इस दिव्य आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी होली की शुभकामनाएं देते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सामाजिक एकता को मजबूत करते हैं और लोगों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।
इस अवसर पर सनातन समाज के श्रद्धालु और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

उत्तर बस्तर कांकेर/शौर्यपथ /राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजनांतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज निर्वाचन पश्चात जिले के सभी नवनिर्वाचित सरपंचों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण परिचायात्मक प्रशिक्षण 17 से 28 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण जिला पंचायत संसाधन केन्द्र कांकेर (आजीविका महाविद्यालय गोविन्दपुर) एवं जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र पखांजूर में प्रातः 10 से शाम 05 बजे तक जिला स्तरीय प्रशिक्षण टीम के द्वारा किया जाएगा, इसके लिए तिथिवार समय-सारणी जारी की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मण्डावी ने बताया कि नवनिर्वाचित सरपंचों का आधारभूत प्रशिक्षण उन्मुखीकरण हेतु जनपद पंचायत कांकेर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण 17 मार्च को निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत दुर्गूकोंदल हेतु 18 मार्च, चारामा के नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए 20 मार्च, अंतागढ़ हेतु 21 मार्च, भानुप्रतापपुर हेतु 24 मार्च, कोयलीबेड़ा हेतु बीपीआरसी भवन पखांजूर में 26 एवं 27 मार्च तथा जनपद पंचायत नरहरपुर हेतु गोविंदपुर स्थित लाइवलीहुड कॉलेज (डीपीआरसी कांकेर) में 28 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नवनिर्वाचित सरपंचों को आधार अपडेशन की सुविधा भी लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

  जगदलपुर/शौर्यपथ /लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंडल कार्यालय जगदलपुर में गुरुवार को बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यरत आईएसए, एमआईएस एवं आईईसी कोऑर्डिनेटर की संभाग स्तरीय कार्यशाला हुई। जिसमें जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल प्रमाणीकरण में आ रही समस्याओं और कठिनाइयों के निराकरण हेतु विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान स्टेट कोऑर्डिनेटर सुश्री मंजरी द्वारा पॉवर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से स्थानीय समाज प्रमुखों, पंचायत पदाधिकारियों और लक्षित लाभार्थियों से सतत सम्पर्क एवं संवाद स्थापित कर जल प्रदाय योजनाओं का महत्व, रखरखाव सहित संधारण के लिए सहयोग प्रदान करने और जल संरक्षण के महत्व के प्रति जनजागरूकता निर्मित किए जाने पर जोर दिया। साथ ही भावी पीढ़ी के लिए पानी बचाओ मुहिम चलाए जाने के लिए स्थानीय समुदाय की सहभागिता निभाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता निरूपित किया। वहीं जल वाहिनी समूह से जुड़े महिलाओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए अभिप्रेरित किए जाने कहा। कार्यशाला में सम्मिलित प्रतिभागियों के शंकाओं का समाधान भी किया गया।

रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति माननीय द्रोपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने मंत्रालय महानदी भवन में उच्च स्तरीय बैठक ली। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

  रायपुर  /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर में जल प्रवाह को नियंत्रित कर इंद्रावती नदी की मुख्य धारा में पानी छोड़ा गया है। ओडिशा सरकार की सहमति के बाद स्ट्रक्चर में रेत की बोरियां डालकर पानी का प्रवाह सुनिश्चित किया गया, जिससे इंद्रावती नदी में जल स्तर में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री  केदार कश्यप ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री  सी.आर. पाटिल से इंद्रावती नदी के जल संकट के समाधान हेतु चर्चा की। इस पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश दिए। जिसके परिणामस्वरूप उड़ीसा राज्य की सहमति से जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर को अस्थायी रूप से एक फीट ऊंचा किया गया, जिससे इंद्रावती नदी के जल प्रवाह में सुधार हुआ।
इसके अतिरिक्त, इंद्रावती नदी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में जमा रेत को हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिसे अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में कलेक्टर श्री हरिस एस के मार्गदर्शन में अपर कलेक्टर श्री सी.पी. बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  महेश्वर नाग और जल संसाधन विभाग के ईई  वेद पांडेय ने स्थानीय किसानों को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभा कक्ष में पूरी जानकारी दी।
इंद्रावती नदी और जोरा नाला की समस्या
इंद्रावती नदी का उद्गम ओडिशा राज्य के कालाहांडी जिले के रामपुर धुमाल गांव से हुआ है। यह नदी 534 किलोमीटर की यात्रा के बाद गोदावरी नदी में मिलती है। नदी का कैचमेंट एरिया 41,665 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें ओडिशा में 7,435 वर्ग किमी, छत्तीसगढ़ में 33,735 वर्ग किमी और महाराष्ट्र में 495 वर्ग किमी शामिल हैं।
ओडिशा राज्य की सीमा पर ग्राम सूतपदर में इंद्रावती नदी दो भागों में बंट जाती है। एक भाग इंद्रावती नदी के रूप में 5 किमी बहकर ग्राम भेजापदर के पास छत्तीसगढ़ में प्रवेश करता है, जबकि दूसरा भाग जोरा नाला के रूप में 12 किमी बहते हुए शबरी (कोलाब) नदी में मिल जाता है। पहले जोरा नाला का पानी इंद्रावती में आता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका बहाव बढ़ने से इंद्रावती का जल प्रवाह कम हो गया।
समस्या गंभीर होने पर दिसंबर 2003 में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के प्रमुख अभियंताओं की बैठक में जोरा नाला के मुहाने पर जल विभाजन के लिए कंट्रोल स्ट्रक्चर बनाने का निर्णय लिया गया। यह स्ट्रक्चर ओडिशा सरकार द्वारा बनाया गया, जिसकी डिज़ाइन केंद्रीय जल आयोग ने तैयार की। निर्माण के बाद भी जोरा नाला में अधिक पानी जाने से छत्तीसगढ़ को ग्रीष्म ऋतु में औसतन 40.71% और ओडिशा को 59.29% जल प्रवाह मिला।
राज्य सरकार की पहल से समाधान की दिशा में प्रगति
इंद्रावती नदी में न्यूनतम जल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कई प्रयास किए। 6 जनवरी 2021 को ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम में जलभराव रोकने के लिए रेत और बोल्डर हटाने तथा जोरा नाला के घुमाव को सीधा करने का अनुरोध किया गया।
वर्ष 2018 के बाद इंद्रावती नदी में सतत जल प्रवाह कम होने की समस्या बनी हुई थी। अब राज्य सरकार के प्रयासों से ओडिशा सरकार का सहयोग प्राप्त हुआ है, जिससे नदी के जल प्रवाह को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इससे इंद्रावती नदी में जल प्रवाह बढ़ेगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

रायपुर /शौर्यपथ /महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने रंगों के पर्व होली पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा है कि रंगों का त्योहार होली हमारे जीवन में उमंग, उत्साह और सौहार्द्र का संचार करता है। यह पर्व आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए। उन्होंने प्रदेशवासियों से होली पर्व पर पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग करने की अपील की है।

  रायपुर/शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने भेंट कर होली की शुभकामनाएं दीॅ और राज्य हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। डेका ने भी उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल  डेका को मुख्यमंत्री साय ने राजकीय गमछा पहनाकर सम्मानित किया।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंगों और उल्लास के महापर्व होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने इस पावन अवसर पर सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि, आनंद और परस्पर प्रेम की कामना की है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करने वाला पर्व है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि जीवन में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे के रंग सबसे अनमोल हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि होली का त्यौहार सदियों से भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है, जहां भेदभाव मिट जाते हैं, और लोग आपसी स्नेह, उल्लास और उमंग के रंगों में घुल-मिल जाते हैं। यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की विजय, प्रेम की जीत और समाज में सौहार्द्र को और मजबूत करने का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि हम सभी होली के पावन पर्व को प्रेम, सौहार्द और आनंद के साथ मनाएं, एक-दूसरे के जीवन में खुशियों के रंग भरें और छत्तीसगढ़ की समरसता और एकता को और अधिक सशक्त बनाएं।

मेडिकल स्टाफ को विशेष निर्देश, सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के दिशानिर्देश पर होली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने के लिए निर्देशित किया है।
होली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के संभावित मामलों को देखते हुए आपात चिकित्सा सेवाओं को चौबीसों घंटे चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। होली के दिन 14 मार्च को शासकीय अवकाश होने के कारण ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) बंद रहेगा, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं पूर्ववत 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।
आपात चिकित्सा सेवाओं को लेकर विशेष प्रबंध
आपातकालीन वार्डों में जीवन रक्षक दवाओं और आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता दी जा सके। सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी ड्यूटी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। मरीजों को समय पर इलाज मिल सके, इसके लिए ट्रॉमा और इमरजेंसी यूनिट को विशेष रूप से सशक्त किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था भी होगी चाक-चौबंद
अस्पताल परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा गार्ड और बंदूकधारी गार्ड तैनात किए गए हैं।  सिक्योरिटी सुपरवाइजर को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा स्टाफ को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस से समन्वय किया गया है।
डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध
गंभीर मरीजों को आवश्यकतानुसार  चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए डीकेएस अस्पताल स्थित सुपर स्पेश्यलिटी विभाग में भेजने की  प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाने के लिए अम्बेडकर अस्पताल से डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे सक्रिय रहेगी। अस्पताल प्रशासन ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि होली का त्योहार सावधानीपूर्वक मनाएं और किसी भी आकस्मिक चिकित्सा स्थिति में घबराए बिना अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं का लाभ उठाएं।

प्रेस क्लब के रिनोवेशन के लिए 1 करोड़ रुपये की घोषणा पर पत्रकारों ने जताया आभार
  

   रायपुर / शौर्यपथ / होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करने का अवसर भी है। यह पर्व हमें छोटी-छोटी अनबन को भुलाकर नए सिरे से दोस्ती की शुरुआत करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में यह बात कही।
रंगों के बीच पत्रकारों संग झूमे मुख्यमंत्री
 मुख्यमंत्री साय का रायपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने अनूठे अंदाज में भिंडी की माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रेस क्लब के होली विशेषांक ‘सेंसलेस टाइम्स’ का विमोचन भी किया।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर प्रेस क्लब में पर्वों को मिल-जुलकर मनाने की एक गौरवशाली परंपरा है। हर साल इस होली उत्सव में शामिल होने का अवसर मिलता है। मैं रायपुर प्रेस क्लब परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। हर्ष और उल्लास से भरा यह पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही मेरी मंगलकामना है।

  
मुख्यमंत्री ने बजाया नगाड़ा, रंगों के उल्लास में झूमे पत्रकार
  रायपुर प्रेस क्लब के होली मिलन समारोह में रंगों और उमंग का अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खुद नगाड़ा बजाकर उत्सव का जोश दोगुना कर दिया। मुख्यमंत्री के नगाड़ा बजाते ही समारोह में मौजूद पत्रकारों और गणमान्यजनों ने तालियों से उत्साह बढ़ाया और पूरे माहौल में उल्लास की लहर दौड़ गई। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की धुन पर मुख्यमंत्री भी पत्रकारों के साथ फाग गीतों और होली की मस्ती में झूमते नजर आए। होली के इस रंगीन माहौल में संगीत, उत्सव और आपसी भाईचारे का अनूठा संगम देखने को मिला।
पत्रकारों के लिए बड़ी सौगात, प्रेस क्लब के लिए 1 करोड़ का बजट प्रावधान
   मुख्यमंत्री साय ने रायपुर प्रेस क्लब की परंपरा को सराहते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में पत्रकारों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं, जो लोकतंत्र की मजबूती में अहम भूमिका निभाते हैं। रायपुर प्रेस क्लब को राजधानी की गरिमा के अनुरूप विकसित करने के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे इसके भवन का रिनोवेशन और विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा पत्रकारों के लिए एक्सपोजर विजिट की भी मांग उठी थी, जिसे पूरा करते हुए 1 करोड़ रुपये का अलग से बजट प्रावधान किया गया है।
   मुख्यमंत्री साय ने वरिष्ठ पत्रकारों के कल्याण की चिंता करते हुए कहा कि लंबे समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में जनसेवा करने वाले साथियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने सम्मान निधि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति माह कर दिया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुझे लगता है कि यह होली केवल रंगों और फाग की मस्ती का पर्व नहीं, बल्कि पत्रकार मित्रों के लिए भी बड़ी सौगात लेकर आई है।
महिला पत्रकारों के योगदान को सराहा
  मुख्यमंत्री ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अवसर पर उन्होंने महिला पत्रकारों का सम्मान किया और उनके संघर्ष व उपलब्धियों को करीब से समझने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि महिला पत्रकारिता में चुनौतियाँ बहुत हैं, लेकिन उनके हौसले और संकल्प भी उतने ही ऊँचे हैं।
लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में पत्रकारों की अहम भूमिका
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं, जिनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनके लिए इस तरह के सांस्कृतिक और मिलन समारोह जरूरी हैं, जिससे कार्य के दबाव से अलग हटकर परस्पर सौहार्द को बढ़ावा मिले।
  रायपुर प्रेस क्लब वर्षों से होली मिलन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता आ रहा है। यह परंपरा आगे भी जारी रहनी चाहिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा, विधायक सुनील सोनी, रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, अमित चिमनानी, अनुराग अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक  और अधिकारीगण कार्यक्रम में शामिल हुए। रायपुर प्रेस क्लब की ओर से अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर सहित प्रेस क्लब के सदस्यगण उपस्थित थे।

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