November 15, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

   रायपुर/ शौर्यपथ / नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक और भाजपा द्वारा धान के अंतर राशि और बोनस के सम्बन्ध में की जा रही बयान बाजी को कांग्रेस ने बेशर्मी की पराकाष्ठा बताया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भुपेशबघेल की कांग्रेस सरकार किसानों को अंतर राशि देने जा रही इस खीझ और पीड़ा में भी भाजपाई बयान दे रहे है।छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के द्वारा 2500 रु प्रति कुंटल में की जाने वाली धान की खरीदी में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जबरिया रोक लगाने वाले भाजपाई किस मुंह से धान की अंतर राशि पर बयान बाजी कर रहे हैं।प्रदेश की जनता ने देखा है कैसे भाजपा की केंद्र सरकार धान की कीमत 2500 रु देने पर राज्य सरकार को सेंट्रल पूल के चावल नहीं लेने की धमकी दे रही थी ।मुख्यमंत्री भूपेशबघेल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और खाद्यमंत्री पासवान को आधा दर्जन से अधिक बात पत्र लिखने तथा व्यक्तिगत मुलाकात कर अनुरोध करने के बावजूद केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2500 रु देने की अनुमति देने को तैयार नही हुए ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बार बार कहते रहे कि घोषित समर्थन मूल्य से अधिक राशि का भुगतान राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से करेगी लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार मानने को तैयार नही हुई ।
        कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य  ने कहा कि जब केंद्र सरकार धान की कीमत 2500 रु नही देने का दबाव बना रही थी तब धर्म लाल कौशिक ,रमन सिंह ,सहित भाजपा के किसी नेता ने राज्य के किसानों के हित में कोई आवाज नही उठाया ।भाजपा के 9 लोकसभा सांसदों से भी मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में किसानों के हित मे केंद्र से अनुमति दिलवाने का आग्रह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था तब भाजपाई नेता और सांसद दलीय प्रतिबद्धता के कारण चुप्पी साधे रहे ।किसानों के हित में एक भी भाजपा नेता का कोई बयान नही अस्य था ।भाजपाई कहते रहे वायदा मोदी से पूछ कर नही किया था ।लेकिन वायदा पूरा करने में मोदी सरकार राजनैतिक अड़ंगेबाजी करेगी यह भी तो नही मालूम था।
       कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वायदे के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है पूर्व प्रधानमंत्री राजीवगांधी की पुण्यतिथि 21 मई से किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि मिलना शुरू हो जाएगी ।जब किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि मिलना शुरू हो रही तो इसमें भी भाजपा नेताओं की पीड़ा हो रही कि केंद्र के असहयोग के बाद भी कैसे राज्य सरकार किसानों को भुगतान करने जा रही है। भाजपा नेताओं की बयान बाजी बता रही कि भाजपा बौखला गयी है वह नही चाहती किसानों को भुगतान हो।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा नेताओं से पूछा कि कौन से दो साल के बकाया बोनस की मांग भाजपाई राज्य सरकार से कर रहे है ? कांग्रेस सरकार ने तो पहले साल धान का समर्थन मूल्य 2500 से भुगतान किया था।इस वर्ष भी अंतर राशि का भुगतान करने जा रही फिर यह 2 साल बोनस कहा से आ गया ? यह वही बकाया बोनस तो नही है जो भाजपा ने पन्द्रह साल तक किसानों से वायदा कर नही दिया था ? यह बकाया बोनस भाजपा की धोखाधड़ी का सबूत है जब जब भाजपाई इसकी बात करेंगे किसानों को याद आएगी कैसे वोट लेने भाजपा ने उनके साथ धोखा दिया था।

     रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के उस बयान पर जिसमें कि उनके द्वारा कहा गया कि 5000 से अधिक मजदूर जम्मू कश्मीर राज्य से प्रदेश लौट रहे हैं इस हेतु उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को आभार व्यक्त किया है परंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि इन मजदूरों जैसे कितने लाख मजदूर उनके 15 साल के उनके ही शासन काल के चलते अपनी माटी,अपनी धरती छोड़कर अन्य प्रदेशों में रोजी-रोटी कमाने के लिए गए हुए थे पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में 40त्न से अधिक की आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर थी यह आंकड़ा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया था।
      तिवारी ने कहा कि कोरोना ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ 19 महामारी के समय गरीब मजदूरों को मदद एवं आर्थिक सहायता पहुंचाने में नाकाम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बचाव में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उतर गए हैं और केवल और केवल बयानबाजी के अलावा कुछ भी नहीं कर रहे हैं विकास तिवारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के शासनकाल में देश की सर्वाधिक झुग्गी झोपड़ी जिसका प्रतिशत 18त्न से अधिक था लोग रहने को मजबूर थे देश की प्रति व्यक्ति आय के सबसे पिछड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ राज्य शुमार था अमीरों एवं गरीबों की आय में बहुत ज्यादा विषमता भी थी भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के शासनकाल में 24 लाख 34 हजार 773 पंजीकृत बेरोजगार और इतने ही पंजीकृत बेरोजगार इस प्रदेश में थे जबकि प्रदेश की जनसंख्या दो करोड़ पचास लाख थी यह पढ़े लिखे बेरोजगार अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों जम्मू- कश्मीर,गुजरात,उत्तरप्रदेश,कर्नाटक प्रदेश,तमिलनाडु,महाराष्ट्र जाने को मजबूर हुए इसका भी श्रेय तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार को ही जाता है।
       तिवारी ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी और उनके पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह मजदूरों की चिंता तो कर रहे हैं लेकिन यह मजदूर इनके ही शासनकाल में छत्तीसगढ़ राज्य को छोडऩे के लिए मजबूर हुए थे इन माटी पुत्र मजदूरों को सकुशल वापस लाने का काम उठाने का बीड़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसी प्रकार उठाया है जिस प्रकार गंगा को स्वर्ग से धरती में लाने का काम भागीरथी मुनि ने किया था। रमन राज में छत्तीसगढ़ राज्य के 50 लाख से अधिक बेरोजगार जो कि पढ़े लिखे थे उनमें से ही लाखों लोग प्रदेश छोड़कर अन्य राज्यों में अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए मजबूर हुए आज जब कोरोना महामारी के समय मनरेगा के तहत 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने मनरेगा के तहत किया है।यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को नागवार गुजर गया क्योंकि इनके समय ही मजदूरों के साथ अत्याचार किया जाता था इनके थाली से चावल की चोरी की जाती थी जो कि नान घोटाले के रूप में पूरे देश और विदेश में जाना जाता है।
   congress प्रवक्ता  ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह से अनुरोध किया है कि कोरोना महामारी को छत्तीसगढ़ राज्य में पांव पसारने से रोकने के लिए ओछी राजनीति छोड़कर स्वस्थ एवं जनहित की राजनीति करने की आवश्यकता है और क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और केंद्र में उनके ही पार्टी की सरकार है तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा मांगी गई 30 हजार करोड़ रुपयों की राशि तत्काल प्रदेश को दिलवाने के लिए मदद करनी चाहिए जिससे कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके और जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों से मजदूर आ रहे हैं
उनको भी प्रदेश में ही रोजगार देने के लिए नए नए कार्यों का सृजन किया जा सके केवल और केवल बयान वीर की राजनीति करने से इन गरीब मजदूरो को कुछ हासिल होगा और ना जो पीडि़त मजदूर जो अपने प्रदेश वापस आ रहे हैं जो भाजपा के शासनकाल में प्रदेश छोड़ कर गए थे उन्हें कोई बयानबाजी से लाभ होगा।

     राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज लोगों के लिए जारी अपील में बताया कि कोरोना (कोविड-19) अत्यधिक संक्रमित वायरस जनित रोग है। यह बीमारी मुख्य रूप से हाथ, मुंह, नाक, आंख के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचती है। राजनांदगांव जिला महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा से लगता है।
प्रतिदिन जिले की सीमाओं में हजारों की संख्या में प्रवासी आ रहे हैं। कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा मानवता के नाते प्रवासी मजदूरों को भोजन पैकेट भी प्रदान किया जा रहा है, जो सराहनीय कार्य है। लेकिन सहयोग करते समय कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों को अपनाना अत्यंत जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि गीला खाद्य पदार्थ, केला, पानी पाऊच देने पर श्रमिक या प्रवासी खाद्य पदार्थ का उपयोग करने के बाद रोड या बसाहट के आसपास फेंक देते हैं। इन पैकेटों में मजदूरों से संपर्क/लार इत्यादि होने से कोरोना संक्रमण का मुख्य कारण हो सकता है। जिससे जिले में संक्रमण फैल सकता है। समाजसेवियों को सामग्री वितरण में प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
     समाजसेवियों को संबंधित एसडीएम को लिखित सूचना के पश्चात् ही सामग्री का वितरण करना चाहिए। बिना सूचना के भोजन वितरण का कार्य न करें। यह भी कोशिश करें कि सूखा खाद्य पदार्थ (चना, मुर्दा, नमकीन, बिस्किट, गुड़ इत्यादि) का वितरण हो। यदि फल वितरण करना है तो ऐसे फल दें, जिसके खाने के बाद अवशेष नहीं बचता है। यदि गरम खाना/लंगर चलाया जाता है तो आवश्यक प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना जरूरी है। प्रोटोकाल का उल्लंघन होने पर समाजसेवी संगठन के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। खाना पैकेट में दें, खाना लंगर में निर्धारित स्थल में पैकेट में देना चाहिए। लंगर स्थल चारों ओर से घिरा होना चाहिए। पैकेट का कचरा लंगर/भोजन वितरण स्थल में रखी पेटी में ही डाला जाय। लंगर/भोजन वितरण स्थल में पैकेट एक टेबल में रखें। जरूरत मंद व्यक्ति पैकेट उठाएंगे और वहीं खाएंगे डस्टबिन में डालेंगे तभी वहां से जाएंगे।
         डस्टबिन में सोडियम हाइपोक्लोराईट का छिड़काव स्प्रे से किया जाए। इसके लिए लंगर संचालकों को स्प्रे की व्यवस्था करनी होगी। डस्टबिन के पैकेट को डिस्पोज करने वाले व्यक्तियों को मास्क (एन-95), ग्लव्स, पीपीई किट का उपयोग करना होगा। कचरे को किसी भी स्थिति में खुले स्थान में न फेंके बल्कि गहरे गड्ढे में फेंके तथा मिट्टी से ढकें। जिस वाहन में कचरा का परिवहन किया गया है, उसे प्रत्येक चक्र के पश्चात सोडियम हाइपोक्लोराईट से सैनिटाईज करना जरूरी है। कचरे का निराकरण करने वाले कर्मियों का प्रत्येक सप्ताह रेपिड किट से जांच करें। जहां तक संभव हो सूखा खाद्य पदार्थ का वितरण ही करें। कचरे के निपटान के लिए सीएमओ या आयुक्त से संपर्क करें। रेन बसेरा राजनांदगांव का भ्रमण कर इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
       प्रोटोकाल का पालन नहीं करने तथा संक्रमण फैलाने के कारण ऐपिडैमिक एक्ट आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की जा सकती है। आप से अनुरोध है, जरूरतमंद की मदद करें तथा खुद को और समुदाय को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / धूप और गम के बादल अब छंटने लगे हंै। कोविड-19 संक्रमण के कारण लॉकडाऊन में फंसे प्रदेश एवं अन्य प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा को महसूस कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागनदी बार्डर से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक बागनदी बार्डर आ रहे है। जिला प्रशासन ने तत्परता एवं सक्रियता से श्रमिकों के आवागमन के लिए बागनदी चेक पोस्ट में व्यवस्था की है। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य निरंतर बागनदी चेक पोस्ट का निरीक्षण कर रहे है और व्यवस्था की निगरानी कर रहे हंै। श्रमिकों की सहायता के लिए काऊंटर बनाए गए है। विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रमिक सहायता केन्द्र में अपने गांव की ओर जाने वाले बसों का पता पूछकर जाने की तैयारी में खुश दिखाई दिए। बागनदी बार्डर में श्रमिकों के लिए सूखे नाश्ते एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। उन्हें ओआरएस घोल एवं शर्बत दिया जा रहा है। चेक पोस्ट में उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काऊंटर बनाया गया है। समीप ही पुलिस सहायता केन्द्र में श्रमिकों को जानकारी देने के साथ ही मदद की जा रही है। श्रमिकों के पंजीयन के लिए दो काउंटर बनाए गए है। प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य तक एवं छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 100 बसें लगी हुई है।
    राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में स्थित बागनदी बार्डर में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक सीमा में प्रवेश कर रहे है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्री लगातार आ रहे हंै। महाराष्ट्र एवं गुजरात परिवहन विभाग की बसों एवं उन राज्यों से आने वाले ट्रकों के माध्यम से बढ़ी संख्या में यात्रियों को बागनदी चेक पोस्ट के समीप उतार दिया जाता है। जिससे बागनदी चेक पोस्ट पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। सीमा पर आने वाले यात्री छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल के निवासी
      जिले में लाकडाउन की समयावधि में प्रथम चरण (24 मार्च से 13 अप्रैल 2020), द्वितीय चरण (14 अप्रैल से 3 मई 2020) एवं तृतीय चरण (4 मई से 17 मई 2020) को मिलाकर अब तक राजनांदगांव के अंतर्राज्यीय सीमाओं से लगभग 2 लाख 10 हजार लोग प्रवेश कर चुके है। प्रवासी मजदूरों की जाने की व्यवस्था अंतर्गत पका हुआ भोजन एवं सूखा राशन लगभग 60 हजार से अधिक लोगों को प्रदान किया गया। क्वारेन्टाईन सेंटर जहां दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक क्वांरेन्टाईन किया गया, सड़क चिरचारी में 800, रैन बसेरा राजनांदगांव में 300 लोगों को तथा दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने, कपड़े और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं में लगभग 28 लाख रूपए व्यय किए गए है। जिले में क्वांरेन्टाईन सेंटरों की संख्या 1443 है, जिस पर अब तक 4 करोड़ 32 लाख 90 हजार रूपए व्यय किया जा चुका है। बागनदी से अन्य जिलों एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं तक प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए 100 बसों की व्यवस्था की गई है। राजनांदगांव के रैन बसेरा से 24 अप्रैल 2020 से बसों के माध्यम से जिला कवर्धा, मुंगेली, बेमेतरा एवं बलोद के 12 हजार मजदूरों को अब तक पहुंचाया गया है। दूसरे राज्य से आए प्रवासी मजदूर का व्यय अस्थायी क्वांरेन्टाईन सेंटर (सड़क चिरचारी एवं अन्य चेक पोस्ट) में 28 लाख रूपए का व्यय हुआ। वही बस एवं डीजल व्यवस्था के लिए प्रतिदिन 15 से 20 लाख रूपए का व्यय हो रहा है। अब तक 30 लाख रूपए का व्यय किया जा चुका है।
      बागनदी बार्डर पर पश्चिम बंगाल के केस्टो एवं रमेश विश्वास ने बताया कि रोजी-मजदूरी के लिए पुणा गए थे और ऐसी कठिन परिस्थिति में फंस गए थे कि अपने घर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की मदद से हम अपने घर तक पहुंच पाएंगे। छत्तर साहू ने बताया कि पुणा से वापस आया हूं। अब आज बेमेतरा अपने गांव साजा-बेलगांव चला जाऊंगा। रघुराम साय ने बताया कि झारखंड से हम 20 श्रमिक रोजी-मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक शहर चले गए थे और वहां लॉकडाऊन में फंस गए थे। आज हम बस सेवा से अपने गांव गढ़वा चले जाएंगे। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।

धमतरी शौर्यपथ

छत्तीसगढ़ में स्वसहायता समूह की महिलाएं दिनोंदिन नया और अनोखा काम कर रही है। धमतरी जिले के विकासखंड नगरी के ग्राम पंचायत सिहावा की ओम महिला स्वसहायता समूह न केवल आर्थिक मोर्चे पर आत्मनिर्भर है बल्कि अपने कौशल, आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर महिला सशक्तिकरण की नई कहानी गढ़ रही है। महिलाओं की कुशलता और आत्मविश्वास ने पुरूषों के समकक्ष खड़ा कर दिया है। समूह के अध्यक्ष व एफ. एल. सी. आर. पी. श्रीमती संध्या मानिकपुरी द्वारा स्वरोजगार शुरू करने से पहले समूह की सभी महिलाओं को योजना से संबंधित जानकारी दी जाती है।
कोरोना आपदा के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना की महत्वपूर्ण जानकारी नारी शक्ति संगठन भीतररास के स्वसहायता समूह की महिलाओं को दिया गया। एफ. एल. सी. आर. पी. श्रीमती संध्या मानिकपुरी ने लाॅकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से निपटने शासन के गाइड लाईन अनुसार सभी महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा फेसमास्क लगाकर कार्य करने कहा गया। स्वच्छता हेतु हैण्डवाश, सेनेटाइजर, साबुन से हाथ धोने की जानकारी दी गई। साथ ही उन महिलाओं को वित्तीय साक्षरता, बचत बैंक लिंकेज फार्म भराना, बैंक खाते में कम से कम 350 रूपये जमा रखने तथा बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ
नगरी के वार्ड क्रमांक 14 निवासी पिता गंगाराम वौदे, की पुत्री दिव्या वैदे ने आज सुबह अपने घर में अज्ञात कारणो से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगर के दुर्गा स्थापना स्थल के चौड़ी निर्माण पर न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा जारी गत 2 वर्ष पूर्व जारी स्थगन आदेश पूर्ण जांच उपरांत खारिज कर दी गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार नगर के हृदय स्थल राजा बड़ा में वर्षों से ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा नव आनंद कला मंदिर का गठन कर नगर में एक ही स्थान पर दुर्गा उत्सव के समय दुर्गा प्रतिमा का पूजा एवं दुर्गा उत्सव मनाया जाता है।
उक्त स्थल पर 65 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी नुमा मंदिर था ।जो कि जर्जर होने से तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय संपत लाल जी छाजेड़ के नेतृत्व में आनंद कला मंदिर के पदाधिकारियों ने गत 2007 में जीर्णोद्धार करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था।
जो कि तत्कालीन तहसीलदार नगरी ने जांच उपरांत सही पाया था ।
किंतु इस बीच नगरी के एक महिला द्वारा इस बाबत व्यवहार न्यायालय में वाद पेश किए जाने से उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया था । फल स्वरुप निर्माण कार्य रोका गया था। उक्त व्यवहार न्यायालय नगरी पूर्ण सुनवाई उपरांत राजस्व अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होते हुए मामला खारिज कर दिया गया एवं इसकी अपील अति जिला न्यायधीश धमतरी में भी की गई जो खारिज हो गई ।उक्त व्यवहार वाद खारिज किए जाने पर पुनः निर्माण कार्य में बुधवारी बाजार दुर्गा उत्सव विजयदशमी सेवा समिति नगरी जो कि ग्राम व्यवस्था समिति के अंतर्गत पंजीयन कराकर पुनः प्रारंभ दिनांक को किया गया निर्माण के अंतर्गत दुर्गा स्थापना हेतु पूर्व निर्मित स्थल गर्भ गृह के ऊपर चौड़ी का निर्माण कार्य किया जा चुका है तथा उस पर पिलर खड़े किए जा चुके थे इसी बीच तहसीलदार नगरी ने उसे अतिक्रमण मानते हुए रोक दिनांक 19 फरवरी 2018 को स्थगन जारी कर दिया था उक्त रोक का आदेश ललित शर्मा को दिया गया था जिन्होंने तहसीलदार नगरी के न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब तथा दस्तावेज बनाने एवं पैरवी हेतु नगर के वकील से सहयोग मांगा तो नगरी के लगभग सभी वकील कुशाल चंद जैन ,तेज बहादुर अग्रवाल ,मारुत कुमार गंजीर, मुकेश साहू ,सुरेश साहू, चित्रभानु तेजस ,सुरेश प्रजापति, फारुख खान लोहानी ,सुरेश साहू बलभद्र, राजेंद्र मिश्रा मुकेश सेमरी धीरेंद्र सुरेश दुष्यंत कौशल ,तुलसी साहू ,पुष्पेंद्र साहू ने सभी ने अपने पावर पेश कर प्रखंड की पैरवी कर तहसीलदार नगरी को संतुष्ट किया उक्त भूमि राजा महाराजा के समय से दुर्गा उत्सव के लिए उपयोग में आ रही है तथा बाद में इसे बुधवारी बाजार भी लगाया जाता है इसी वजह से उक्त भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से छत्तीसगढ़ शासन ने दुर्गा उत्सव एवं बुधवारी बाजार के लिए आरक्षित किया है जो कि वर्तमान में मिसल रिकॉर्ड में दर्ज है मौके पर ललित शर्मा द्वारा व्यक्तिगत निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि दुर्गा विजया दशमी सेवा समिति नगरी जो अपने शासन द्वारा पंजीकृत संस्था है उसके द्वारा किया जा रहा है ।न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा इस संबंध में मौका का जांच पटवारी राजस्व निरीक्षक से बुलाया और सभी एकमत यह प्रतिवेदन दिया कि उक्त निर्माण कार्य से किसी के विस्तार में कोई बाधा नहीं हो रही है तथा जो निर्माण किया जा रहा है वह पूर्व से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है किसी प्रकार का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है ।
बुधवारी बाजार एवं दुर्गा उत्सव के लिए सार्वजनिक हित में सुरक्षित है मौके पर दुर्गा प्रतिमा रखने के लिए चौडी का निर्माण, किसी भी निस्तार में अड़चन नहीं होने से अतिक्रमण प्रकरण चलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर जो निर्माण कार्य से तहसीलदार नगरी के न्यायालय ने जो स्थगन जारी किया था उसे निरस्त करते हुए प्रकरण समाप्त कर दिया गया है ।
उक्त फैसला हो जाने पर नगर व्यवस्था समिति में हर्ष व्याप्त है।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगर के दुर्गा स्थापना स्थल के चौड़ी निर्माण पर न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा जारी गत 2 वर्ष पूर्व जारी स्थगन आदेश पूर्ण जांच उपरांत खारिज कर दी गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार नगर के हृदय स्थल राजा बड़ा में वर्षों से ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा नव आनंद कला मंदिर का गठन कर नगर में एक ही स्थान पर दुर्गा उत्सव के समय दुर्गा प्रतिमा का पूजा एवं दुर्गा उत्सव मनाया जाता है।
उक्त स्थल पर 65 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी नुमा मंदिर था ।जो कि जर्जर होने से तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय संपत लाल जी छाजेड़ के नेतृत्व में आनंद कला मंदिर के पदाधिकारियों ने गत 2007 में जीर्णोद्धार करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था।
जो कि तत्कालीन तहसीलदार नगरी ने जांच उपरांत सही पाया था ।
किंतु इस बीच नगरी के एक महिला द्वारा इस बाबत व्यवहार न्यायालय में वाद पेश किए जाने से उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया था । फल स्वरुप निर्माण कार्य रोका गया था। उक्त व्यवहार न्यायालय नगरी पूर्ण सुनवाई उपरांत राजस्व अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होते हुए मामला खारिज कर दिया गया एवं इसकी अपील अति जिला न्यायधीश धमतरी में भी की गई जो खारिज हो गई ।उक्त व्यवहार वाद खारिज किए जाने पर पुनः निर्माण कार्य में बुधवारी बाजार दुर्गा उत्सव विजयदशमी सेवा समिति नगरी जो कि ग्राम व्यवस्था समिति के अंतर्गत पंजीयन कराकर पुनः प्रारंभ दिनांक को किया गया निर्माण के अंतर्गत दुर्गा स्थापना हेतु पूर्व निर्मित स्थल गर्भ गृह के ऊपर चौड़ी का निर्माण कार्य किया जा चुका है तथा उस पर पिलर खड़े किए जा चुके थे इसी बीच तहसीलदार नगरी ने उसे अतिक्रमण मानते हुए रोक दिनांक 19 फरवरी 2018 को स्थगन जारी कर दिया था उक्त रोक का आदेश ललित शर्मा को दिया गया था जिन्होंने तहसीलदार नगरी के न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब तथा दस्तावेज बनाने एवं पैरवी हेतु नगर के वकील से सहयोग मांगा तो नगरी के लगभग सभी वकील कुशाल चंद जैन ,तेज बहादुर अग्रवाल ,मारुत कुमार गंजीर, मुकेश साहू ,सुरेश साहू, चित्रभानु तेजस ,सुरेश प्रजापति, फारुख खान लोहानी ,सुरेश साहू बलभद्र, राजेंद्र मिश्रा मुकेश सेमरी धीरेंद्र सुरेश दुष्यंत कौशल ,तुलसी साहू ,पुष्पेंद्र साहू ने सभी ने अपने पावर पेश कर प्रखंड की पैरवी कर तहसीलदार नगरी को संतुष्ट किया उक्त भूमि राजा महाराजा के समय से दुर्गा उत्सव के लिए उपयोग में आ रही है तथा बाद में इसे बुधवारी बाजार भी लगाया जाता है इसी वजह से उक्त भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से छत्तीसगढ़ शासन ने दुर्गा उत्सव एवं बुधवारी बाजार के लिए आरक्षित किया है जो कि वर्तमान में मिसल रिकॉर्ड में दर्ज है मौके पर ललित शर्मा द्वारा व्यक्तिगत निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि दुर्गा विजया दशमी सेवा समिति नगरी जो अपने शासन द्वारा पंजीकृत संस्था है उसके द्वारा किया जा रहा है ।न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा इस संबंध में मौका का जांच पटवारी राजस्व निरीक्षक से बुलाया और सभी एकमत यह प्रतिवेदन दिया कि उक्त निर्माण कार्य से किसी के विस्तार में कोई बाधा नहीं हो रही है तथा जो निर्माण किया जा रहा है वह पूर्व से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है किसी प्रकार का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है ।
बुधवारी बाजार एवं दुर्गा उत्सव के लिए सार्वजनिक हित में सुरक्षित है मौके पर दुर्गा प्रतिमा रखने के लिए चौडी का निर्माण, किसी भी निस्तार में अड़चन नहीं होने से अतिक्रमण प्रकरण चलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर जो निर्माण कार्य से तहसीलदार नगरी के न्यायालय ने जो स्थगन जारी किया था उसे निरस्त करते हुए प्रकरण समाप्त कर दिया गया है ।
उक्त फैसला हो जाने पर नगर व्यवस्था समिति में हर्ष व्याप्त है।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगर के दुर्गा स्थापना स्थल के चौड़ी निर्माण पर न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा जारी गत 2 वर्ष पूर्व जारी स्थगन आदेश पूर्ण जांच उपरांत खारिज कर दी गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार नगर के हृदय स्थल राजा बड़ा में वर्षों से ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा नव आनंद कला मंदिर का गठन कर नगर में एक ही स्थान पर दुर्गा उत्सव के समय दुर्गा प्रतिमा का पूजा एवं दुर्गा उत्सव मनाया जाता है।
उक्त स्थल पर 65 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी नुमा मंदिर था ।जो कि जर्जर होने से तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय संपत लाल जी छाजेड़ के नेतृत्व में आनंद कला मंदिर के पदाधिकारियों ने गत 2007 में जीर्णोद्धार करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था।
जो कि तत्कालीन तहसीलदार नगरी ने जांच उपरांत सही पाया था ।
किंतु इस बीच नगरी के एक महिला द्वारा इस बाबत व्यवहार न्यायालय में वाद पेश किए जाने से उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया था । फल स्वरुप निर्माण कार्य रोका गया था। उक्त व्यवहार न्यायालय नगरी पूर्ण सुनवाई उपरांत राजस्व अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होते हुए मामला खारिज कर दिया गया एवं इसकी अपील अति जिला न्यायधीश धमतरी में भी की गई जो खारिज हो गई ।उक्त व्यवहार वाद खारिज किए जाने पर पुनः निर्माण कार्य में बुधवारी बाजार दुर्गा उत्सव विजयदशमी सेवा समिति नगरी जो कि ग्राम व्यवस्था समिति के अंतर्गत पंजीयन कराकर पुनः प्रारंभ दिनांक को किया गया निर्माण के अंतर्गत दुर्गा स्थापना हेतु पूर्व निर्मित स्थल गर्भ गृह के ऊपर चौड़ी का निर्माण कार्य किया जा चुका है तथा उस पर पिलर खड़े किए जा चुके थे इसी बीच तहसीलदार नगरी ने उसे अतिक्रमण मानते हुए रोक दिनांक 19 फरवरी 2018 को स्थगन जारी कर दिया था उक्त रोक का आदेश ललित शर्मा को दिया गया था जिन्होंने तहसीलदार नगरी के न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब तथा दस्तावेज बनाने एवं पैरवी हेतु नगर के वकील से सहयोग मांगा तो नगरी के लगभग सभी वकील कुशाल चंद जैन ,तेज बहादुर अग्रवाल ,मारुत कुमार गंजीर, मुकेश साहू ,सुरेश साहू, चित्रभानु तेजस ,सुरेश प्रजापति, फारुख खान लोहानी ,सुरेश साहू बलभद्र, राजेंद्र मिश्रा मुकेश सेमरी धीरेंद्र सुरेश दुष्यंत कौशल ,तुलसी साहू ,पुष्पेंद्र साहू ने सभी ने अपने पावर पेश कर प्रखंड की पैरवी कर तहसीलदार नगरी को संतुष्ट किया उक्त भूमि राजा महाराजा के समय से दुर्गा उत्सव के लिए उपयोग में आ रही है तथा बाद में इसे बुधवारी बाजार भी लगाया जाता है इसी वजह से उक्त भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से छत्तीसगढ़ शासन ने दुर्गा उत्सव एवं बुधवारी बाजार के लिए आरक्षित किया है जो कि वर्तमान में मिसल रिकॉर्ड में दर्ज है मौके पर ललित शर्मा द्वारा व्यक्तिगत निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि दुर्गा विजया दशमी सेवा समिति नगरी जो अपने शासन द्वारा पंजीकृत संस्था है उसके द्वारा किया जा रहा है ।न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा इस संबंध में मौका का जांच पटवारी राजस्व निरीक्षक से बुलाया और सभी एकमत यह प्रतिवेदन दिया कि उक्त निर्माण कार्य से किसी के विस्तार में कोई बाधा नहीं हो रही है तथा जो निर्माण किया जा रहा है वह पूर्व से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है किसी प्रकार का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है ।
बुधवारी बाजार एवं दुर्गा उत्सव के लिए सार्वजनिक हित में सुरक्षित है मौके पर दुर्गा प्रतिमा रखने के लिए चौडी का निर्माण, किसी भी निस्तार में अड़चन नहीं होने से अतिक्रमण प्रकरण चलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर जो निर्माण कार्य से तहसीलदार नगरी के न्यायालय ने जो स्थगन जारी किया था उसे निरस्त करते हुए प्रकरण समाप्त कर दिया गया है ।
उक्त फैसला हो जाने पर नगर व्यवस्था समिति में हर्ष व्याप्त है।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगर के दुर्गा स्थापना स्थल के चौड़ी निर्माण पर न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा जारी गत 2 वर्ष पूर्व जारी स्थगन आदेश पूर्ण जांच उपरांत खारिज कर दी गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार नगर के हृदय स्थल राजा बड़ा में वर्षों से ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा नव आनंद कला मंदिर का गठन कर नगर में एक ही स्थान पर दुर्गा उत्सव के समय दुर्गा प्रतिमा का पूजा एवं दुर्गा उत्सव मनाया जाता है।
उक्त स्थल पर 65 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी नुमा मंदिर था ।जो कि जर्जर होने से तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय संपत लाल जी छाजेड़ के नेतृत्व में आनंद कला मंदिर के पदाधिकारियों ने गत 2007 में जीर्णोद्धार करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था।
जो कि तत्कालीन तहसीलदार नगरी ने जांच उपरांत सही पाया था ।
किंतु इस बीच नगरी के एक महिला द्वारा इस बाबत व्यवहार न्यायालय में वाद पेश किए जाने से उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया था । फल स्वरुप निर्माण कार्य रोका गया था। उक्त व्यवहार न्यायालय नगरी पूर्ण सुनवाई उपरांत राजस्व अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होते हुए मामला खारिज कर दिया गया एवं इसकी अपील अति जिला न्यायधीश धमतरी में भी की गई जो खारिज हो गई ।उक्त व्यवहार वाद खारिज किए जाने पर पुनः निर्माण कार्य में बुधवारी बाजार दुर्गा उत्सव विजयदशमी सेवा समिति नगरी जो कि ग्राम व्यवस्था समिति के अंतर्गत पंजीयन कराकर पुनः प्रारंभ दिनांक को किया गया निर्माण के अंतर्गत दुर्गा स्थापना हेतु पूर्व निर्मित स्थल गर्भ गृह के ऊपर चौड़ी का निर्माण कार्य किया जा चुका है तथा उस पर पिलर खड़े किए जा चुके थे इसी बीच तहसीलदार नगरी ने उसे अतिक्रमण मानते हुए रोक दिनांक 19 फरवरी 2018 को स्थगन जारी कर दिया था उक्त रोक का आदेश ललित शर्मा को दिया गया था जिन्होंने तहसीलदार नगरी के न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब तथा दस्तावेज बनाने एवं पैरवी हेतु नगर के वकील से सहयोग मांगा तो नगरी के लगभग सभी वकील कुशाल चंद जैन ,तेज बहादुर अग्रवाल ,मारुत कुमार गंजीर, मुकेश साहू ,सुरेश साहू, चित्रभानु तेजस ,सुरेश प्रजापति, फारुख खान लोहानी ,सुरेश साहू बलभद्र, राजेंद्र मिश्रा मुकेश सेमरी धीरेंद्र सुरेश दुष्यंत कौशल ,तुलसी साहू ,पुष्पेंद्र साहू ने सभी ने अपने पावर पेश कर प्रखंड की पैरवी कर तहसीलदार नगरी को संतुष्ट किया उक्त भूमि राजा महाराजा के समय से दुर्गा उत्सव के लिए उपयोग में आ रही है तथा बाद में इसे बुधवारी बाजार भी लगाया जाता है इसी वजह से उक्त भूमि के राजस्व रिकॉर्ड से छत्तीसगढ़ शासन ने दुर्गा उत्सव एवं बुधवारी बाजार के लिए आरक्षित किया है जो कि वर्तमान में मिसल रिकॉर्ड में दर्ज है मौके पर ललित शर्मा द्वारा व्यक्तिगत निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि दुर्गा विजया दशमी सेवा समिति नगरी जो अपने शासन द्वारा पंजीकृत संस्था है उसके द्वारा किया जा रहा है ।न्यायालय तहसीलदार नगरी द्वारा इस संबंध में मौका का जांच पटवारी राजस्व निरीक्षक से बुलाया और सभी एकमत यह प्रतिवेदन दिया कि उक्त निर्माण कार्य से किसी के विस्तार में कोई बाधा नहीं हो रही है तथा जो निर्माण किया जा रहा है वह पूर्व से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है किसी प्रकार का अतिक्रमण होना नहीं पाया गया है ।
बुधवारी बाजार एवं दुर्गा उत्सव के लिए सार्वजनिक हित में सुरक्षित है मौके पर दुर्गा प्रतिमा रखने के लिए चौडी का निर्माण, किसी भी निस्तार में अड़चन नहीं होने से अतिक्रमण प्रकरण चलाए जाने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर जो निर्माण कार्य से तहसीलदार नगरी के न्यायालय ने जो स्थगन जारी किया था उसे निरस्त करते हुए प्रकरण समाप्त कर दिया गया है ।
उक्त फैसला हो जाने पर नगर व्यवस्था समिति में हर्ष व्याप्त है।

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