November 15, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

 शौर्य की दुनिया / किसी बात की आदत होना गलत बात नहीं, लेकिन लत यानी एडिक्शन कई बार बहुत हानिकारक हो सकता है. दिल्ली में…
शौर्यपथ / राजतंत्र के जमाने में नेपाल में एक तंजतारी चलती थी, ‘मुखे कानून छ’ यानी जो मुंह से निकल गया, वही कानून है। 28…

    दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग सीमा पर पहुंचने वाले श्रमिकों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। यहां से राजनांदगांव बार्डर में श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए 40 बसें निरंतर आपरेट कर रही हैं। इसके अलावा जो लोग जिले की सरहद से प्रवेश कर रहे हैं उन्हें संबंधित गांवों के क्वारंटीन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए चेकपोस्ट में पांच बसें उपलब्ध कराई गई हैं। ट्रेनों के माध्यम से पहुंचने वाले लोगों को क्वारंटीन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए भी पृथक से बसों की व्यवस्था की गई है। सभी चेकपोस्ट में स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य अमला मौजूद है। ट्रेनों के माध्यम से आने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य जांच स्टेशन में ही कराया जा रहा है। इसके पश्चात उन्हें भोजन पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
अब तक बाहर से आने वाले श्रमिकों एवं ग्रामीणों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाये गए हैं जिनमें अभी तक 2125 ग्रामीण क्वारंटीन किये गए हैं। इनके भोजन-पानी की एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं स्थानीय अमले द्वारा उपलब्ध कराई गई है। यहां हेल्थ टीम भी मौजूद रहती है जो लगातार क्वारंटीन में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग करती है। कलेक्टर श्री अंकित आनंद एवं जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने तीनों ब्लाकों के क्वारंटीन केंद्रों की स्थिति जानी। उन्होंने चेकपोस्ट पर भी स्थिति जानी। यहां धमधा नाका के पास बेमेतरा के अधिकतर प्रवासी श्रमिक थे। हर आधे घंटे में बसों का फेरा लगाकर लगभग तीन हजार लोगों को उनके जिले तक छोड़ा गया। इसके अलावा अन्य पड़ोसी जिलों में भी श्रमिकों को छोडऩे के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई।

उसके परिजनों के खातें में भी दिये 11 हजार रूपये आर्थिक मदद दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग थाना अंतर्गत अंजोरा बाइपास पर विनोद हेम्ब्रोम पिता…

*भिलाई इस्पात मजदूर संघ ने सीजीएम पर्सनल से मिलकर की शिकायत*

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात मजदूर संघ के महामंत्री दिनेश कुमार पांडे ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को आवागमन में मेन गेट व बोरिया गेट मे अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सुबह दोनों तरफ ट्रक की लंबी कतारें लगा दी जा रही जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है जाम की स्थिति पैदा हो रही है यही स्थिति बोरिया गेट में भी हो रही है जिससे संयंत्र कर्मियों को आवागमन में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था आज भिलाई इस्पात मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया एवं भिलाई इस्पात मजदूर संघ के महामंत्री दिनेश कुमार पांडे के नेतृत्व में सीजीएम पर्सनल डीपी सतपति से मुलाकात कर मेन गेट में हो रहे जाम की स्थिति के विषय में चर्चा की गई .
सतपति ने आश्वासन दिया कि निकट भविष्य में इस प्रकार की स्थितियां पैदा नहीं होने दी जाएगी तत्काल उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किया इस अवसर पर प्रमुख रूप से भिलाई इस्पात मजदूर संघ के महामंत्री दिनेश कुमार पांडे उपाध्यक्ष हरिशंकर त्रिवेदी शारदा गुप्ता उपस्थित थे।

//देशभर में धार्मिक सौहाद्र्र को ठेस पहुंचाने और कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध अप्रासंगिक अपमानजनक टिप्पणियों पर न्याय आवश्यक
// अर्णव का मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार

रायपुर/ शौर्यपथ / निजी समाचार चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अर्णब पर जहाँ भी जिस भी एफआईआर पर मुकदमा चलेगा, हमें पूरी उम्मीद है कि न्याय होगा। देशभर में धार्मिक सौहाद्र्र को ठेस पहुंचाने और कांग्रेस अध्यक्ष के विरुद्ध अप्रासंगिक अपमानजनक टिप्पणियों पर न्याय आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोस्वामी की याचिका को अनुच्छेद 32 के अंदर सुने जाने योग्य नहीं माना गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोस्वामी को अपने विरुद्ध दायर की गई एफ आई आर को चुनौती देने के लिए सही फोरम में चुनौती देने को कहा है।
अर्णब गोस्वामी के विरुद्ध देशभर में धार्मिक सौहाद्र्र को ठेस पहुंचाने एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध अप्रासंगिक एवं अपमानजनक बातों का उपयोग करने एवं समाज के वर्ग विशेष को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफ आई आर हुई थी। गोस्वामी द्वारा इन एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। गोस्वामी द्वारा अपनी याचिका में अपने विरुद्ध हुए सभी एफ आई आर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह टिप्पणी करते हुए गोस्वामी की याचिका का निपटारा कर दिया गया है कि किसी एक व्यक्ति के लिए विशेष नियम बनाकर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता से परे जाते हुए कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोस्वामी को 3 हफ्तों की अग्रिम जमानत का लाभ दिया गया है।
अर्णब गोस्वामी अपने विरुद्ध देशभर में हुए एफ आई आर को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहुंचे थे। उनकी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह प्रार्थना की गई थी की इनके विरुद्ध हुए एफ आई आर की जांच मुंबई पुलिस द्वारा न करवाते हुए सीबीआई को सौंप दी जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोस्वामी के इस आवेदन को खारिज कर दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने गोस्वामी के विरुद्ध दायर की गई जो एफ आई आर मुंबई पुलिस के पास है, उसी पर जांच करने का आदेश दिया है।

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख की अध्यक्षता में महापौर परिषद की बैठक निगम स्थित महापौर कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में आय-व्यय अनुमान पत्रक 2020-2021 पर विचार विमर्श उपरांत स्वीकृति हेतु सामान्य सभा को प्रेषित किया गया एवं वित्तीय वर्ष 2019-2020 के आय-व्यय को पुनरीक्षण की अनुशंसा सहित सामान्य सभा को भेजा गया। साथ ही नगर निगम के विभिन्न विभागों के लिये आमंत्रित वार्षिक निविदा में प्राप्त दर की स्वीकृति प्रदान की गई।
महापौर श्रीमती देशमुख ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये बजट के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुये अनुशंसा सहित स्वीकृति हेतु समान्यसभा को प्रेषित किया गया और दिग्विजय महाविद्यायल में निर्मित आडिटोरियम में ईको-साउंड सिस्टम स्थापना के लिये प्राप्त न्यूनम दर की स्वीकृति के अलावा बूढा सागर के उत्तरी भाग में स्थित फूड कोर्ट के संचालन के संबंध में निर्णय लिया गय तथा पेयजल परिवहन हेतु एवं निस्तारी कार्य के लिये प्राप्त दर की स्वीकृति एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न वार्डो के लिये सफाई कार्य ठेके के माध्यम से कराये जाने प्राप्त न्यूनतम दर की स्वीकृति प्रदान की कई।
साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण लाक डाउन की स्थिति में शासन द्वारा गरीब परिवारों को सुखा राहत समाग्री महापौर व पार्षद निधि से वितरण करने दी गयी स्वीकृति की पुष्टि की गई तथा नगर निगम की आय में वृद्धि करने शिवनाथ नदी के किनारे निगम सीमाक्षेत्र से रेत निकालने शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में महापौर परिषद के प्रभारी सदस्य मधुकर बंजारी, सतीश मसीह, संतोष पिल्ले, विनय झा, भागचंद साहू, गणेश पवार,राजा तिवारी,श्रीमती सुनीता फडनवीस, राजेश गुप्ता चंपू, श्रीमती बैना बाई तुर्राटे,कार्यपालन अभियंता दीपक जोशी व यू.के. रामटेके, लेखा अधिकारी यू.एस. वर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी अजय यादव, राजस्व अधिकारी श्रीमती सीमा बक्शी, समाज कल्याण अधिकारी भूपेन्द्र वाडेकर, लेखापाल राकेश नंदे सहित निगम के अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ‘जल जीवन मिशन‘ पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ की चर्चा

राज्य सरकार ने मिशन के क्रियान्वयन के लिए जिलावार तैयार की योजना

मिशन मोड में होगा योजना का क्रियान्वयन

छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर मिशन के लिए केन्द्र का योगदान 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का आग्रह

बोधघाट परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग से अनुमति दिलाने का आग्रह

    रायपुर  / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए वर्ष 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में कार्य करेगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। श्री बघेल ने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री  गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री  शेखावत ने कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन (हर घर नल-ग्रामीण) के क्रियान्वयन के संबंध में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

    छत्तीसगढ़ के कृषि और जलसंसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, जल संसाधन और लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव  अविनाश चंपावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। जिसके तहत वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों मंे हर घर नल के जरिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मिशन में ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में पाईप लाइन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन स्वच्छ पानी देने का प्रावधान है।
    मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री  शेखावत से कहा कि छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जल जीवन मिशन के लिए केन्द्र सरकार के योगदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और राज्य का अंश 25 प्रतिशत रखा जाना चाहिए। वर्तमान में इस मिशन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आबादी आदर्श स्थिति में है लेकिन छत्तीसगढ़ देश का नवां बड़ा राज्य है। छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, यहां बड़े क्षेत्र में वन हैं और आबादी विरल है। छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में कई गांव कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं। इसलिए यहां हर घर पाईप लाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने में ज्यादा राशि खर्च करनी होगी।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष कर बस्तर में बड़ी वाटर बॉडी नहीं है। यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा। वर्तमान में 1100 नालों के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए वैज्ञानिक ढ़ंग से सेटेलाईट नक्शों का उपयोग कर कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना के माध्यम से वाटर रिचार्जिंग कर निस्तार, पीने के पानी, ंिसंचाई और औद्योगिक गतिविधियों के लिए पानी की कमी नहीं होगी।
    केन्द्रीय मंत्री  शेखावत ने जल जीवन मिशन के लिए हर संभव सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हर घर पानी पहुंचाने के कार्य में कैंम्पा, मनरेगा और 15 वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पेयजल के लिए जल स्त्रोत और ठंकी की व्यवस्था है, वहां पाईप लाइन के माध्यम से घरों में पानी देने का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
    कृषि एवं जल संसाधन मंत्री  रविन्द्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में गांवों तक सिंचाई जलाशयों से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी। बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा। श्री चौबे ने केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत से बोधाघाट परियोजना को जल्द स्वीकृति दिलाने तथा छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की जानकारी दी और बताया वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग तथा वाटर शेड के माध्यम से जल संरक्षण और संवर्धन के काम कराए जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन के लिए राज्य में सभी जिलों के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। इस मिशन के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांवों में पाईप लाइन के जरिए पानी सप्लाई में होने वाले खर्च में केन्द्र और राज्य सरकार के योगदान के साथ 10 प्रतिशत भागीदारी स्थानीय समुदाय की होगी। गांवों में जितनी राशि जमा होगी उतनी ही राशि केन्द्र और राज्य सरकार देंगी। इस राशि का उपयोग गांव की नल जल योजना के संधारण में किया जाएगा।
    बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाइन के माध्यम से अब तक 11 प्रतिशत घरों में ही पानी सप्लाई की जा रही है। इस मिशन के माध्यम से शतप्रतिशत घरों तक पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जाएगी। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 43 लाख 17 हजार घरों में से अब तक 4 लाख 82 हजार घरों मंे ही पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जा रही है। जल जीवन मिशन के माध्यम से 38 लाख 34 हजार घरों में पानी सप्लाई की जाएगी।

// 5700 करोड़ रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से चार किश्तों में जाएगी किसानों के खातों में
// प्रदेश में धान, मक्का और गन्ना (रबी) के 19 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
//आगामी सीजन में दलहन और तिलहन पर भी मिलेगी सहायता राशि
गन्ना किसानों को वर्ष 2018-19 का बकाया बोनस 10.27 करोड़ रूपए भी मिलेगा

     रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने का जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई के दिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में इस योजना का विधिवत् शुभारंभ करेंगे।
इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बडी योजना है। योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि और किसान वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शामिल होंगे।
राज्य सरकार इस योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानो को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।
    इसी तरह गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रूपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रूपए प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा। जिसमें से प्रथम किश्त 18 करोड़ 43 लाख 21 मई को हस्तांतरित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसके साथ ही वर्ष 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि (बकाया बोनस) भी प्रदान करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रूपए दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समितिध्लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे है। जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा।
    छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले लगभग 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया है साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है।
   इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी।

अंबिकापुर शहर को फाइव स्टार एवं
भिलाई नगर, पाटन सहित राज्य के 9 नगरीय निकायों को मिली थ्री स्टार रेटिंग

मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री ने नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और
नगरीय निकायों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं


    

 रायपुर / शौर्यपथ /   भारत सरकार द्वारा जारी ओडीएफ प्लस प्लस के नतीजों में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नगरीय निकायों में शानदार सफलता का परचम लहराया है। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला और इकलौता राज्य है, जिसे ओडीएफ प्लस प्लस होने का गौरव हासिल हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वच्छता के मामले में अंबिकापुर शहर में एक बार फिर पूरे देश में नाम रौशन किया है।
    नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में 5 स्टार रेटिंग के साथ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर को इस सूची में प्रथम स्थान पर जगह मिली है। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य 14 शहरी निकायों को भी 3 स्टार और 1 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा आज स्टार शहरों की गारबेज स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के नतीजे नेशन मीडिया सेंटर से आनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जारी किए गए। जिसमें छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर पहले स्थान पर है। इससे पहले पिछले रेटिंग में भी अंबिकापुर को देश में दूसरा स्थान मिला था।
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने स्टार रेटिंग एवं ओडिएफ प्लस प्लस की सफलता पर सचिव सुश्री अलरमेलमंगई डी. एवं समस्त नगरीय निकायों के महापौर, अध्यक्ष, पार्षदों सहित निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों, स्वच्छता दीदियों-कर्मियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए निरंतर इसी प्रकार के प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि स्वच्छता के मामले में अंबिकापुर शहर का नाम यूं ही देश के पटल पर नहीं है, यहां का प्रशासन, निगम प्रशासन, निगम जनप्रतिनिधि तथा शहरवासी भी शहर की सफाई को लेकर काफी जागरूक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दीदियों व निगम के स्वच्छता अमलों की दिन-रात की मेहनत से अंबिकापुर व अन्य निकाय घोषित रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन किया है।
    ज्ञातव्य है कि ओडीएफ प्लस प्लस के नतीजों में राज्य के सभी निकाय सफल हुए हैं एवं छत्तीसगढ़ इस उपलब्धि को पाने वाला देश का एक मात्र राज्य है। केन्द्रीय मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के नतीजे आज घोषित कर जानकारी दी गई है।
    उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गारबेज कलेक्शन का काम किया जाता है। इससे साथ ही यहां बड़े पैमाने पर शहर से रोजाना निकलने वाले कचरें को री-सायकिल किया जाता है। डॉ. डहरिया ने बताया कि अंबिकापुर शहर के नगरीय निकाय द्वारा अपनाई गई कचरा संग्रहण प्रणाली की पूरे देश सहित दुनिया भर में काफी तारिफ हुई है और अब अंबिकापुर नगर निगम की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की बाकी निगमों में भी इस प्रणाली को लागू किया गया है। इसके साथ ही अंबिकापुर शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अलावा वेस्ट वाटर के रि-साईक्लिंग की प्रणाली विकसित की है। यहां बड़े पैमाने पर ड्रेनेज वाटर को शुद्ध कर वापस उपयोग के योग्य बनाया जा रहा है। अंबिकापुर के इस उपलब्धि ने पूरे छत्तीसगढ़ राज्य को गौरवान्वित किया हैै।
    डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्रीय शहरी मंत्रालयों की इस सूची में 5 स्टार रेटिंग के अतिरिक्त 3 और 1 स्टार की भी रैंकिंग जारी की गई है। केन्द्रीय मंत्री आवास पर्यावरण एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप पुरी द्वारा घोषित इस रैंकिंग मंे छत्तीसगढ़ की 9 शहरी क्षेत्रों को 3 स्टार रेटिंग प्रदान की गई है तथा कचरा मुक्त नगरीय क्षेत्रों में 5 निकायों को 1 स्टार रेटिंग मिली है। 3 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाले शहरों में दुर्ग जिले के भिलाई नगर और पाटन सहित दंतेवाड़ा के बारसुर, बिलासपुर, जशपुर नगर, कांकेर के नरहरपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, मुंगेली के सरगवां शामिल हैं। इसी प्रकार 1 स्टार रेंिटंग प्राप्त करने वालों शहरों में रायगढ़ जिले के बरमकेला, बेमेतरा के बेरला, बालोद के चिखलाकसा, कोरबा के कटघोरा और कांकेर के पखांजूर शहर शामिल हैं।
    डॉ. डहरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी ओडीएफ प्लस प्लस के स्वच्छ सर्वेक्षण में केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त इंडीपेंडेंट एजेंसी के माध्यम से ओडीएफ के सर्वे कराए जाते हैं। राज्य के नगरीय निकाय तीन से चार बार ओडीएफ एवं ओडीएफ प्लस परीक्षण में सफल हुए हैं। ओडीएफ के मुकाबले ओडीएफ प्लस प्लस परीक्षण में खुले मंे शौच नहीं जाने सार्वजनिक सह समुदायिक शौचालय सुविधाओं के उपलब्धता के साथ-साथ सेपटिक टैंक से निकलने वाले फिकल स्लज के सुरक्षित वैज्ञानिक निपटान की स्थिति का निरीक्षण किया जाता है। उन्हांेने बताया कि ओडीएफ की स्थिति में सुधार के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित स्वच्छता श्रृंगार एवं सुविधा-24 योजना का इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है।

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