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कुलेश्वर वर्मा ने दृढ़ इच्छा शक्ति से त्यागी तंबाकू सेवन की आदत
*शौर्यपथ विशेष*
कुलेश्वर वर्मा (36) पिछले 20वर्षों से तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद का सेवन कर रहे थे । तंबाकू ही उनका सब कुछ था । तंबाकू के बिना उनको लगता था एक पल भी जी नहीं पाऐंगे । लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर परामर्श ने कुलेश्वर वर्मा को 10 माह पूर्व तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति दिलाई।
कुलेश्वर वर्मा वाहन प्रबंधक के रूप में एक निजी संस्था में कार्य करते हैं । जब वह आठवीं क्लास में थे तब से उनको तम्बाकू की आदत लग गई थी । शुरुआत के दिनों में मां बाप से छुपकर स्कूल में दोस्तों के साथ तंबाकू या गुटखे का सेवन करते थे लेकिन धीरे धीरे यह आदत ऐसी पड़ गई कि इससे पार पाना एक समुद्र पार करने के बराबर हो गया ।
घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी सुद्रण नहीं थी। शुरुआती दिनों में पिताजी के जेब से एक दो रूपये चुराकर अपनी लत को पूरा किया और कभी-कभी दोस्तों ने भी सहयोग किया । मुझे लगा भी में जो सेवन कर रहा हूं यह एक बहुत बड़ा काम है ।‘’
लेकिन धीरे-धीरे इसने शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करना शुरू कर दिया। कुलेश्वर बताते हैं आदत इतनी खराब हो गई थी एक दिन में वह कम से कम 50 से 100 रुपए तक के तंबाकू और गुटखे का सेवन करने लगे थे। जब नौकरी शुरू की तो यह आदत और बढगई। जो भी साथी मिलता वह भी गुटखे का शौकीन होता ।
एक वर्ष पहले कुलेश्वर ने अखबार में नशा मुक्ति को लेकर एक खबर पढ़ी जिसमें बताया गया था रायपुर में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है जो पंडरी के जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक कुलेश्वर ने बताया मुझमें यह खबर पढ़ कर तम्बाकू खाने की आदत छोड़ने की इच्छा जागृत हुई।
मैंने वहां जाकर जब संपर्क किया तो सोशल वर्कर अजय बैस और नेहा सोनी ने मेरा परामर्श किया। डॉ सृष्टि यदु द्वारा मुझे निकोटीन चिंगम चबाने को दी गई। नियमित रूप से मेरी काउंसलिंग और व्यायाम कराने का कार्य किया गया।‘’
तम्बाकू से मेरा मुंह भी नहीं खुलता था। लगातार फिज़ीयो थैरिपी सलाह का पालन करने से अब कुछ आराम मिला हैं । खाना खाने में स्वाद आने लगा है और मेरा पैसा बचने लगा है । घर में और समाज में मुझे एक विजेता के रूप में देखा जाने लगा है’’ ।
कुलेश्वर कहते है तम्बाकू से मुक्ति पाना आसान नही था । शुरुआत में अजीब सी बेचैनी, घबराहट, और चिड़चिड़ापन होता था। रात में नींद नहीं आती थी और छोटी छोटी बातो पर गुस्सा आता था। काम करने से पहले तम्बाकू खाने की इच्छा होती थी और नही मिलने पर काम में मन नही लगता था | भूख कम हो गई और कभी कभी लगा की मस्तिष्क संतुलन बिगड़ने लगा है ।
केंद्र के परामर्शदाताओं ने तम्बाकू को छोड़ने के लिए निकोटिन गम दिया था । साथ ही मल्टीविटामिन का टेबलेट भी को दिया ।इसके साथ कुछ घरेलू उपचार के माध्यम से भी तम्बाकू को छुड़ाने के लियें प्रयास करवाये जैसे सुबह योग के दौरान दालचीनी और 2 काजू, बादाम को खाने के साथ अधिक पानी पीने की सलाह दी गई । परामर्श में तम्बाकू को नकारना भी सिखाया, और मन को नियंत्रण में करने पर बल दिया गया। शुरुआत में बहुत परेशानी हुई लेकिन फिर तम्बाकू सेवन से मुक्ति पा गया ।
कुलेश्वर को जानने वाले कहते हैं जब यह ऑफिस में आते थे तो दिनभर इनके मुंह में तंबाकू भरा रहता था इनसे बात करने की इच्छा नहीं होती थी । जब यह बात करते थे तो बदबू आती थी।
लेकिन जब से इन्होंने यह आदत छोड़ी है।
आशीष सर्राफ ,कुलेश्वर के नियोक्ता "मुझे बहुत खुशी होती है कि मेरे यहां भी तंबाकू पर विजय पाने वाला एक योद्धा मौजूद है । मैं अब दुसरों को कुलेश्वर का उदाहरण दे सकता हूं।
कि जब कुलेश्वर तंबाकू छोड़ सकते हैं तो क्यों ना हम सब मिलकर इस तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति पाएं
धमतरी /शौर्यपथ
जून से 30 जून तक बढ़ाया गया लॉक डाउन । lockdown 5.0 जून माह के अंत तक जारी रहेगा।
धमतरी/नगरी/शौर्यपथ
नगरी विकासखंड के ग्राम पंचायत कुकरेल के हाई स्कूल में स्थापित किए गए क्वारांटाइन सेंटर में ठहराए गए एक व्यक्ति का कोरोना सैंपल धनात्मक अाया है। जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण कुकरैल ग्राम पंचायत क्षेत्र को है कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 मई को मुंबई से धमतरी जिले में पहुंचे 18 प्रवासी व्यक्तियों को कुकरैल के हाई स्कूल में बनाए गए कोरंटाइन सेंटर में ठहराया गया था, जिनमें से संदेह के आधार पर छह ब्लड सैंपल के परीक्षण हेतु एम्स रायपुर भेजा गया था। उन छह में से एक सैंपल पॉजिटिव आया है। शेष पांच नमूनों का नतीजा आना बाकी है। जिला प्रशासन द्वारा धनात्मक रिपोर्ट की सूचना प्राप्त होते ही कंटेनमेंट ज़ोन का निर्धारण कुकरैल में में किया जा चुका है। कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य ने जिलावासियों को संयम बरतने की अपील की है साथ ही बिना भाई के सुरक्षित ढंग से घरों में रहने की अपील की है।
धमतरी /शौर्य पथ
जिले में मिला एक और कोरोना संक्रमित मरीज...
कुकरेल सेंटर में किया गया था कोरेण्टाइन
मुम्बई की यात्रा से लौटने के बाद प्रशासन ने किया था क्वारन्टीन...
लैब टेस्ट के बाद एम्स ने पाया पॉज़िटिव...
धमतरी सीएमएचओ ने की पुष्टि..नगरी ब्लॉक के कसपुर का रहने वाला है युवक.... जिले में कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या हुआ 3 ।
धमतरी /शौर्यपथ
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री जय प्रकाश मौर्य ने मई माह में शेष शनिवार एवं रविवार को पूर्ण लाॅकडाउन को निरस्त किया है। उन्होंने बताया कि उक्त दिवसों में प्रतिष्ठानों को खेलने का समय सुबह 07 से शाम 06 बजे तक रहेगा। साथ ही जिले में दुकानों के बंद करने के संबंध में गुमास्ता एक्ट के तहत प्रावधान लागू रहेंगे।
प्रतिष्ठान एवं सेवाएं अब सुबह 07 से शाम 07 बजे तक खुलेंगे
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री जय प्रकाश मौर्य ने प्रतिबंध से बाहर रखे गए प्रतिष्ठान एवं सेवाओं के समय सीमा में आंशिक संशोधन किया है। संशोधित आदेश के तहत प्रतिष्ठान एवं सेवाएं अब सुबह 07 से शाम 07 बजे तक खुलेंगे
धमतरी /नगरी/शौर्यपथ
नगरी विकासखण्ड के ग्राम सांकरा के 37 वर्षीय श्री खम्मन सिंह ध्रुव, जो कि प्राथमिक शाला खरका, संकुल रिसगांव में शिक्षक के रूप में पदस्थ थे, कल शाम उनकी मृत्यु हो गई। ज्ञात हो कि वे तीन दिन पहले नया रायपुर स्थित ग्राम बंजारी थाना राखी से नगरी विकासखंड के सांकरा स्थित अपने किराए के मकान में लौटे थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सरपंच के साथ उनके घर जाकर उन्हें 28 मई से होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी तथा उन्हें पानी भी पिलाया गया, लेकिन अत्यधिक शराब पीने के कारण वे समझ नहीं पा रहे थे। अनुविभागीय अधिकारी एवं इंसीडेण्ट कमाण्डर नगरी श्री सुनील शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार पेट में एल्कोहलिक द्रव्य पाया गया एवं हृदयघात के कारण उक्त व्यक्ति की मृत्यु हुई है। ज्ञात हो कि उक्त शिक्षक नवंबर 2019 से शिक्षकीय कार्य पर नहीं जा रहे थे और जानकारी मिली कि वह लगातार शराब का सेवन करते थे।
धमतरी /शौर्यपथ
कुरूद विकासखंड के ग्राम उड़ेना निवासी सब्जी विक्रेता श्री अशोक पटेल की मृत्यु आज सुबह स्थानीय एकलव्य खेल परिसर में सब्जी बेचते समय हो गई। इस संबंध में एसडीएम धमतरी ने बताया कि किसान बाजार के पंजीकृत सब्जी विक्रेता श्री पटेल आज सुबह सात स्थानीय एकलव्य खेल परिसर में अस्थायी रूप से लगाए जा रहे किसान बाजार में पसरे पर बैठे हुए अचानक आगे की ओर झुके और एक बार हिचकी आई। वहां मौजूद अन्य सब्जी विक्रेताओं व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हिचकी आने के बाद उनकी मृत्यु मौके पर ही हो गई थी, जिसकी पुष्टि जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने की। एसडीएम ने बताया कि मृतक के स्वास्थ्य संबंधी पूछताछ के लिए उनके गृहग्राम उडेना में जाकर परिजनों से चर्चा की गई तो यह ज्ञात हुआ कि उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उनके परिजन श्री लेखराम पटेल, हितेश पटेल तथा भूपेंद्र पटेल ने बताया कि मृतक श्री पटेल न तो किसी रोग से ग्रस्त थे, ना ही किसी प्रकार की दवाई का सेवन करते थे। साथ ही प्रकार का नशापान नहीं किए जाने की बात परिजनों ने अपने बयान में कही। सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक ने बताया की सब्जी विक्रेता श्री पटेल की मृत्यु प्रथम दृष्ट्या हृदयाघात से होना प्रतीत हो रहा है। विस्तृत परीक्षण उपरांत ही वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा
धमतरी/नगरी/शौर्यपथ
नगरी लाँक के एकल शिक्षकीय तथा दर्ज संख्या के मान से शिक्षक आवश्यकता वाले प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओ में अतिथि शिक्षकों को नियुक्त की गई थी।प्राथमिक शिक्षको को छह हजार रुपये तथा माध्यमिक शिक्षको को आठ हजार रुपये के मासिक मानदेय के आधार पर माह अक्टूबर 2019 से अप्रैल 2020 तक किया गया था ।अतिथि शिक्षको ने पूरी निष्ठा पूर्वक कार्यसंपादन करते हुए शिक्षा गुणवत्ता में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैइस दौरान वैश्विक महामारी कोविड 19 के संक्रमण बचाव के तहत लॉकडाउन में मार्च से स्कूलों को बंद कर दिया गया।सात माह के उनके नियुक्ति में मानदेय राशि मे आधी कटौती कर दी गई है।मानदेय राशि कटौती संबंध में संघ के प्रतिनिधियो ने जब छःग अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ अध्यक्ष डोमार सिंह ध्रुव को अपनी समस्याएं बताए तब उन्होंने विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव से भेंट कराकर उनके मानदेयराशि कटौती की पीड़ा बताते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति आदेश के आधार पर सात माह के मानदेय राशि 56 हजार के बजाय 28 हजाररुपये तथा 42 हजार के बजाय 21 हजार रुपये ही का हीभुगतान किया गया है।मानदेय के आधी राशि की कटौती कर दी गई जो बहुत ही अन्याय है।अतिथि शिक्षकों ने अपनी सात माह के मानदेय राशि की भुगतान करने के साथ ही आगामी सत्र में पुनः नियुक्ति की मांग की गई है।अतिथि शिक्षकों की पीड़ा को समझते हुए विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव ने मानदेय के कटौती राशि की भुगतान कराने सहित अन्य मांगों पर उचित कार्रवाई करने आश्वासन दिया गया है ।इस दौरान विधायक से भेंट कर चर्चा करने वालो में अतिथि शिक्षक संघ के सलाहकार विष्णु कुमार ध्रुव,अध्यक्ष महेश कुंजाम,सचिव डिकेश कुमार यादव शामिल थे।
रायपुर शौर्यपथ
• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
• कांटेन्मेंट एवं बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सुलभ होंगी सेवाएं
• कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर
• प्रसव संबंधी सेवाएं सभी क्षेत्रों में समान रूप से की जाएगी प्रदान
कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. भारत जैसे देश में जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 2.5 करोड़ से अधिक प्रसव होते हैं, वहाँ कोरोना के बढ़ते प्रसार ने प्रसव संबंधी सुविधा प्रदायगी में सरकार के सामने चुनौतियाँ खड़ी किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण (आरएमएनसीएचप्लसएन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर इस संबंध में विस्तार से दिशानिर्देश दिया है. पत्र के अनुसार आरएमएनसीएचप्लसएन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में सुलभ होंगी जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. साथ ही महिलाएं, बच्चे एवं किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.
कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर:
पत्र में बताया गया है कि कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर टू डोर प्रदायगी पर बल दिया जाएगाजिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट एवं टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.
प्रसव संबंधी सेवाएं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी होगी उपलब्ध:
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पूर्वत जारी रहेगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी(ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) एवं पीएमएसएमए(प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगीजबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में वीएचएसएनडी एवं पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा एवं प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा. प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.
नवजात एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित:
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) एवं पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी)बफर जोन से परे एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगीजबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहाँ प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में मिलेगी सशर्त प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं:
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगीलेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहाँ प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.
किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल:
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट एवं सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी एवं यहाँ एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक(एएफएचसी) खुली रहेंगीलेकिनकांटेन्मेंट एवं बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा.