February 07, 2025
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राजनीति

राजनीति (1076)

रायपुर / शौर्यपथ / एक समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जनता को महंगाई और बेरोज़गारी से मुक्त भविष्य का सपना दिखाया था। इसके विपरीत आज उन्होंने लोगों को रिकॉर्ड तोड़ मूल्य वृद्धि और 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी की भयावह स्थिति में डाल दिया है। पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार का रिकॉर्ड इस सच्चाई को उजागर करता हैः
2014 में एलपीजी 410 प्रति सिलेंडर, 2022 में 1,053-1,240 रुपये प्रति सिलेंडर, 156 प्रतिशत वृद्धि,
2014 में पेट्रोल 71 रुपये प्रति लीटर, 2022 में 95-112 रुपये प्रति लीटर, 40 प्रतिशत वृद्धि,
2014 में डीजल 55 रुपये प्रति लीटर, 2022 में 90-100 रुपए प्रति लीटर, 75 प्रतिशत वृद्धि,
2014 में सरसों का तेल 90 रुपये प्रति किलो, 2022 में 200 रुपए प्रति किलो, 122 प्रतिशत वृद्धि,
2014 में गेहूं का आटा 22 रुपये प्रति किलो, 2022 में 35-40 रुपए प्रति किलो 81 प्रतिशत वृद्धि,
2014 में दूध 35 रुपये प्रति लीटर, 2022 में 60 रुपए प्रति लीटर 71 प्रतिशत वृद्धि,2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी केवल महंगाई को नियंत्रित करने में ही असफल नहीं हुए बल्कि उनकी गलत नीतियों और धोखेबाज़ी ने वास्तव में लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री ने 2019 में मतदाताओं के सामने इस बात का दंभ भरा था कि खाद्यान्न, दही, लस्सी और छाछ जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन 2022 में उन्होंने उन्हीं वस्तुओं पर जीएसटी लगा दी। उन्होंने 2019 के चुनाव में लोगों से वोट लेने के लिए उज्ज्वला योजना का खूब प्रचार किया लेकिन चुनावों के तुरंत बाद उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए रसोई गैस पर सब्सिडी को ख़त्म कर दिया। रसोई गैस की कीमतों में दोगुनी से अधिक वृद्धि करके उसे 1,053-1200 रुपये प्रति सिलेंडर तक पहुंचा दिया और करोड़ों उपभोक्ता आज अपने खाली गैस सिलेंडर को फिर से भराने की स्थिति में नहीं हैं। ये उन तमाम मामलों में से सिर्फ दो ऐसे उदाहरण हैं जहां प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों का वोट प्राप्त करने के लिए उन्हें धोखा दिया और फिर अपनी “डूब मरो“ की विचारधारा का पालन करते हुए उनकी पीठ में छुरा घोंप दिया।
हर कीमत पर अपने खजाने को भरने की मोदी सरकार की हताशा ने उसे अप्रत्याशित ईंधन कर लगाने के लिए प्रेरित किया, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को और आघात पहुंचा है। पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी की वैश्विक कीमतें 2021-22 की तुलना में 2013-14 में बहुत अधिक थीं लेकिन उपभोक्ता आज एक लीटर ईंधन या एलपीजी सिलेंडर के लिए यूपीए शासन काल की तुलना में कहीं अधिक भुगतान कर रहा है।
मई 2014 में कच्चा तेल 106 $/बैरल, पेट्रोल की कीमत 71 रू./लीटर, डीजल की कीमत 55 रू./लीटर,अगस्त 2022 में कच्चा तेल 97.01 $/बैरल, पेट्रोल की कीमत 95-112 रू./लीटर, डीजल की कीमत 71 रू./लीटर,2013-14 में एलपीजी 881 $/मीट्रिक टन, एलपीजी की कीमत 410 रू./सिलेंडर,
अगस्त 2022 में में एलपीजी 670 $/मीट्रिक टन, एलपीजी की कीमत 1053-1240 रू./सिलेंडर,कच्चे तेल और रसोई गैस की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें पिछले कुछ महीनों से कम हो रही हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके विपरीत जब-जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में वृद्धि होती है तो ये सरकार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को बढ़ाना कभी नहीं भूलती।
मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियों ने बेरोज़गारी की स्थिति को विनाशकारी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। नोटबंदी और जल्दबाज़ी में लागू की गई जीएसटी कर प्रणाली पहले ही अर्थव्यवस्था को बड़ा गहरा आघात पहुंचा चुकी थी, इस सबके ऊपर मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर रही है, उनका निजीकरण कर रही है और बहुमूल्य राष्ट्रीय परिसंपत्तियाँ अपने पूंजीपति मित्रों को हस्तांतरित कर रही है। सरकार की युवा विरोधी नीतियों के कारण केंद्र सरकार में 10 लाख पद खाली पड़े हैं जो कि कुल स्वीकृत पदों का 24 प्रतिशत हैं।
विवेकशून्य ‘अग्निपथ’ योजना हमारे युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाओं के साथ तो खिलवाड़ करती ही है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक नया ख़तरा है। सशस्त्र बलों में शामिल होकर अपने देश की सेवा करने का सपना देखने वाले युवकों और युवतियों को 4 साल के लिये संविदा आधार पर नौकरी का प्रस्ताव दिया जा रहा है, जिसमें पेंशन या सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
सरकार की इन विवेकहीन नीतियों के परिणाम विनाशकारी रहे हैं। लाखों युवा निराश होकर नौकरी के बाजार से बाहर हो गए है। इस पलायन के बावजूद 20 से 24 आयु वर्ग के 42 प्रतिशत युवा जो अब भी नौकरी की तलाश में हैं, वे बेरोजगार हैं। इसी का नतीजा है कि पीएचडी और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त युवा भी चपरासी जैसे कम शैक्षणिक योग्यता की जरूरत वाले पदों के लिये आवेदन करने के लिये मजबूर हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस कठिन समय में लोगों के साथ खड़ी है। संसद से सड़क तक हमने मोदी सरकार की अक्षमता और उन दिशाहीन नीतियों के विरूद्ध आवाज उठाई है जिनके कारण भारत में महंगाई और बेरोजगारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जून 2021 से अब तक हमने सात राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और जन जागरण कार्यक्रम आयोजित किए हैं (आपके संदर्भ के लिए संलग्नक संलग्न हैं)। 5 अगस्त को महंगाई के खिलाफ अपने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के बाद हम आगामी रविवार यानि 4 सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली आयोजित करेंगे।
हम मांग करते हैं कि सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने और रोजगार पैदा करने के अपने वादे को अविलंब पूरा करे और इसके साथ-साथ हम सभी नागरिकों से आग्रह करते हैं कि जन-विरोधी और युवा-विरोधी दृष्टिकोण को बदलने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के हमारे प्रयास में साथ आएं।
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, दही, लस्सी और पैक किए हुए आटे तथा चावल जैसी आवश्यक वस्तुओं पर ज़्यादा टैक्स लगाकर राजस्व इकट्ठा करने के लिए मोदी सरकार की भूख ने मूल्य वृद्धि की दर और उपभोक्ता की पीड़ा को बहुत बढ़ा दिया है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी के मुद्दों को उठाती रही है। पिछले एक साल में हम महंगाई के खिलाफ आम जनता की लड़ाई लगातार लड़ रहे हैं। हमने 5 अगस्त को भी देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके दौरान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे श्री राहुल गांधी सहित 60 से अधिक सांसदों और अन्य वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने सारा दिन अपनी हिरासत में रखा।
हम तानाशाह मोदी सरकार से डरेंगे नहीं; कांग्रेस 4 सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक ’महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली का आयोजन कर रही है और लोगों का उत्साह बता रहा है कि यह एक ऐतिहासिक रैली होने जा रही है।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के संबध में आप लोग जानते है और अंग्रेजो ने जिस प्रकार से देश को लूटा और संपत्तियां इंग्लैंड में जाकर बनायी। आज नरेन्द्र मोदी देश की संपत्ति अपने मित्रों अंबानी और अडानी का है। जनता के जेब खाली कर रहे है। जब चुनाव का वक्त था बड़े-बड़े वायदे किये थे उन वायदो की ओर ध्यान नही दिया। प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात हुयी थीं। 8 साल में 16 करोड़ लोगों को रोजगार मिलना चाहिये था। महंगाई के बारे में बोलते थे भाईयो, बहनो, मित्रों अच्छे दिन आयेंगे। बोलते थे महंगाई कम करेंगे, बेरोजगारी कम करेंगे और इनके एक दो चमचे भी थे जैसे हमारे अन्ना हजारे आजकल नजर नही आ रहे कही दिखते है और एक बाबा थे जो बोलते थे मोदी सरकार आयेगी तो पेट्रोल 35 रूपये मिलेगा आज कही नजर नही आ रहे। हमारे कांग्रेस पार्टी ने देश के लिये जो संपत्ति बनाई थी उसे आज मोदी बेच रहे है। बोलते थे देश बेचने नहीं दूंगा आज देश बेच रहे है। देश बेचकर संपत्ति किसकी बना रहे है अपने मित्रों का। देश में बेरोजगारी बढ़ गई है, नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की बेरोजगारी दूर हुयी है और संपत्ति बना रहे है किसके लिये बना रहे है अपने दो मित्रों के लिये अंबानी और अडानी के लिये और पूरा देश बेच रहे है। पूरा देश बिकने की स्थिति में है। देश को कांग्रेस पार्टी ने आजादी दिलाई और नवनिर्माण किया। जिस तरह अंग्रेजों को भगाया इसी तरह से केंद्र से मोदी की सरकार को भगाना है और देश की जनता ने निश्चय कर लिया है आने वाले समय में मोदी भाजपा को हराना है और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनाना है। तभी देश में महंगाई और बेरोजगारी दूर होगी।
पत्रकार वार्ता में मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, विकास तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, वंदना राजपूत, नितिन भंसाली, अमित श्रीवास्तव, अजय गंगवानी उपस्थित थे।

रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी की महंगाई से देश का हर वर्ग, हर घर पीड़ित नजर आ रहा है। 2014 के पहले जिस महंगाई को भाजपा डायन बताती थी आज उसी महंगाई डायन को मोदी सरकार पाल पोस रही है। 100 दिनों में महंगाई कम करने का वादा कर देश भर की जनता का वोट बटोरने वाली मोदी सरकार अब महंगाई पर चर्चा करने से भाग रही है और महंगाई को राष्ट्रवाद की संज्ञा दिया जा रहा है। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल, डीजल पर आंशिक मूल्य वृद्धि होने पर भाजपा के नेता और नेत्रियां आलू-प्याज की माला पहन कर महंगाई का दुखड़ा रोते थे और आज महंगाई पर चर्चा करने पर भाजपा की नेत्रियां कहती है प्याज और लहसुन नहीं खाती।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2014 के पहले देश में महंगाई बढ़ने के लिए प्राकृतिक परिस्थितियां जिम्मेदार होती थी लेकिन 2014 में मोदी के शपथ लेने के बाद देश में महंगाई सरकार निर्मित आपदा हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल पर 3 रू. 48 पैसा और 9 रू. 54 पैसा एक्साइज ड्यूटी लिया जाता था, मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगभग 19 रू. 48 पैसा, 15 रू. 54 पैसा के करीब एक्साइज ड्यूटी ले रही है। 1947 के पहले नमक पर फिरंगी टैक्स लेते थे, आजादी के 75 साल बाद मोदी भाजपा की सरकार दूध, चावल, दाल, आटा, नमक पर 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है जिसके चलते देश में महंगाई बढ़ी है। जूता, चप्पल, स्टेशनरी और कपड़ा पर टैक्स नहीं लिया जाता था उस पर भी 8 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। कृषि यंत्रों रसायनिक खाद उर्वरक पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी वसूली जा रही है। देश में कोई ऐसा वस्तु नहीं है जिस पर मोदी ट्रैक्स ना लगा हो। कांग्रेस शासनकाल पर 400 रू. में मिलने वाला रसोई गैस मोदी सरकार 1100 रू. प्रति सिलेंडर बेच रही है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी के विदाई के साथ ही देश की जनता को महंगाई से मुक्ति मिलेगी। केंद्र में भाजपा की सरकार बनना ही देशवासियों के लिए आपदा से कम नहीं है। भाजपा के पास देश की जनता के लिए ना तो नीति है, ना तो नियत है, पूरी भाजपा की केंद्र सरकार 2 लोगों के लिए काम कर रही हैं। बाकी देश के 135 करोड़ जनता मोदी प्रायोजित महंगाई से पीड़ित और प्रताड़ित है। कांग्रेस पार्टी जनता की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक उठा रही है। महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन गति से चल रहा है जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महंगाई में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों का योगदान 2014 तक 2 से 3 प्रतिशत होता था, जो आज बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गया है, उसके पीछे मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की भूख ही जिम्मेदार है। 2014 की तुलना में डीजल पर प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज लगभग आठ गुना अधिक है। 2014 तक 400 रुपए के गैस की सिलेंडर पर सवा सौ से 160 रुपए सब्सिडी भी मिलती थी, अब सिलेंडर 1100 का और सब्सिडी अघोषित रूप से खत्म। आवासीय किराए पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलने का प्रावधान किया गया है यदि जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति, कंपनी या संस्थान के द्वारा घर किराए पर लिया गया हो। यही नहीं प्रतिदिन 1000 रुपए से कम  किराए के होटल के कमरों पर भी अब 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है मोदी सरकार। अस्पताल के कमरे के किराए से लेकर कफन के कपड़े तक, पूजन सामग्री दूध दही से लेकर दाल, चावल, आटा सभी पर निर्ममता पूर्वक कर वसूल रही है मोदी सरकार।

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे और मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने रोजगार को लेकर भाजपा पर करारा हमला बोला तथा भाजपा प्रभारी पुरंदेश्वरी द्वारा मुख्यमंत्री के संबंध में की गयी अनिष्टकारी टिप्पणी पर कड़ा प्रतिवाद किया।
    वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब भाजपा सरकार में थी बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी, कांग्रेस के राज में राज्य की बेरोजगारी दर 0.78 प्रतिशत है। यह बताता है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को कांग्रेस सरकार रोजगार उपलब्ध करवाने में देश में अव्वल है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य में आंदोलन क्यों? 2014 में देश के युवाओं से वादा किया था हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे अभी तक साढ़े आठ साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था भाजयुमो इसके लिये प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने कब जा रही है? हर साल दो करोड़ रोजगार का वायदा करने वाली मोदी सरकार ने पिछले 8.5 साल में मात्र सवा सात लाख लोगों को रोजगार दिया है, इसके विपरीत भूपेश सरकार ने पिछले 3.5 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। भाजपा बतायें रोजगार देने का रिकार्ड मोदी सरकार का खराब है फिर आंदोलन मोदी के खिलाफ क्यों नहीं कर रहे हैं? वर्तमान में छत्तीसगढ़ कर्मचारी भविष्य निधि में कुल सदस्य संख्या है 2258871 इसमें पिछले तीन साल अर्थात कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 480576 लोगों की नई संख्या कर्मचारी भविष्य निधि में दर्ज हुई यह संख्या 2019- 182424, 2020 में 165930, 2021- 132222 की संख्या दर्ज हुई। हमारे 5 लाख के रोजगार के दावों का प्रमाण है यह। 2003 के विधानसभा चुनाव में हर शिक्षित बेरोजगार को 500 रू. बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा भाजपा ने किया था। 15 साल सरकार चलाने के बाद भी एक भी बेरोजगार को भाजपा ने बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया था। भाजपा इसके लिये राज्य के लोगों से माफी कब मांगेगी? 2003 के चुनाव में ही हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी देने का वायदा भाजपा ने किया था लेकिन नहीं दिया। इसके लिये भाजपा प्रायश्चित रैली कब करेगी? 2003 में ही भाजपा ने वायदा किया था स्वरोजगार देने हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध वाली गाय देंगे लेकिन प्रदेश के किसी भी आदिवासी को भाजपा ने 15 सालों तक गाय नहीं दिया था अपनी इस वायदाखिलाफी के लिये भाजपा शर्मिंदगी कब व्यक्त करेगी? राज्य में भाजपा के 15 साल के सरकार में युवाओं के लिये सरकारी नौकरी भर्ती बंद कर दिये थे, आउटसोर्सिंग के नाम पर सरकारी विभागों में प्रदेश के बाहर के लोगों को आधी अधूरी तनख्वाह पर ठेके पर भर्तियां की जाती थी। आज छत्तीसगढ़ में रमन के 15 साल की तुलना में सरकारी नौकरी में भर्तियों का औसत प्रतिवर्ष तिगुना से भी अधिक है फिर भी भाजपा का यह आंदोलन बेशर्मी नहीं है? रमन राज में 15 साल तक छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी के द्वार बंद थे, आउट सोर्सिंग के माध्यम से ठेके पर भर्तियां होती थी, छत्तीसगढ़ पीएससी तब भाजपा ने युवाओं को रोजगार देने की कार्ययोजना क्यों नहीं बनाया था? ठेके की भर्ती का विरोध क्यों नहीं किया? कांग्रेस राज में तो सरकारी नौकरी में नियमित भर्तियां हो रही है। भाजपा के रमन राज 15 साल में तत्कालीन सरकार ने छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की 15 साल में 15 नियमित परीक्षायें नहीं आयोजित किया। 15 साल में मात्र 9 परीक्षायें हुई थी, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हर वर्ष राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षा हो रही है। 2018 में भाजपा राज के समय मात्र 18 लाख किसान धान बेचते थे, आज 2022 में 26 लाख किसान धान बेच रहे है तो क्या यह रोजगार में वृद्धि नहीं है? गौठानों में 13 हजार महिला समूहों की 1 लाख से अधिक महिलाओं को मिलने वाले रोजगार को भाजपा रोजगार क्यों नहीं मानती? यह रोजगार रमन राज के समय क्यों नहीं पैदा किये गये? तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि बढ़ाने, लघु वनोपज की संख्या 7 से 63 करने और लघु वनोपज के वैल्यू एडीशन के कारण इन माध्यमों से रोजगार मिलने में चार गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। आने वाले तीन साल में मात्र 10 लाख रोजगार का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है, इसके विपरीत कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में पिछले पौने चार साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया और आने वाले पांच साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित कर छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है। मोदी सरकार देश में रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुई है। छत्तीसगढ़ भाजपा के पास इसका क्या जवाब है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार जो कहती है वो करती है। जनता से वादा कर वादा खिलाफी करना भाजपा का चरित्र है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 4 में हर घर रोजगार देने का वादा किया था, कहा था छत्तीसगढ़ के युवाओं को राजीव मित्र योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा जिसके अंतर्गत 10 लाख बेरोजगार युवाओं सामुदायिक विकास और समाज सेवी गतिविधियों में भाग लेने पर न्यूनतम प्रति माह 2500 रूपये प्रदान किया जायेगा। राजीव गांधी मितान योजना के माध्यम से 13,800 क्लब के माध्यम से युवा के वादा को पूरा कर रही है। भाजपा आदतन फ्रॉड फैलाने वाली दल है, कांग्रेस के घोषणा पत्र में कही भी बेरोजगारी भत्ता का उल्लेख नही है, बेरोजगारी भत्ता के नाम से भाजपा युवाओं में भ्रम फैला रही है।
    मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संबंध में बयान दिया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सर हजार टुकड़ों में बंट जायेगा भाजपा प्रभारी के बयान से भाजपा की छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही हार की बौखलाहट साफ दिखने लगी है उनके बयानों से असंवेदनशीलता और अमानवीयता की सारी सीमाओं को तोड़ दिया है। भाजपा प्रभारी, मुख्यमंत्री के सर के हजार टुकड़ों में बंट जाने की उनके मौत की कल्पना कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन जब सारा प्रदेश अपने मुख्यमंत्री की लंबी आयु के लिये प्रार्थना कर रहा, शुभकामनायें दे रहा था उसी समय ऐसी अनिष्ट की कामना कर पुरंदेश्वरी ने बता दिया कि भाजपा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है तो उनके नेता अब मुख्यमंत्री के बारे में अनिष्ट की कामना करने लगे है। ऐसे अनिष्ट की कामना छत्तीसगढ़ में अपने दुश्मन के बारे में भी नहीं की जाती यह आचरण और बयान छत्तीसगढ़ की संस्कृति के खिलाफ है। जीरम का नरसंहार करवा कर भाजपा को संतोष नहीं हुआ है जो हमारे एक और नेता के लिये अपशकुनी बात कर रही है। भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने मुख्यमंत्री के बारे में दुर्भावना प्रदर्शित कर छत्तीसगढ़ के लोगों का अपमान किया। भूपेश बघेल सिर्फ कांग्रेस के ही नेता नहीं है छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ जनसंख्या की आशाओं, आकांक्षाओं के प्रतीक है। वे छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के भी प्रतीक है। भाजपा प्रभारी मुख्यमंत्री के प्रति इस प्रकार का बयान देने के लिये छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे। राजनैतिक विरोध, राजनैतिक बयानबाजी अपनी जगह है, मर्यादाओं में रहकर विरोध किया जाये उसका स्वागत है लेकिन पुरंदेश्वरी अपने बयानों से संवेदना और सभ्यता की सारी मर्यादाओं को तार-तार कर रही है। इसके पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल को थूक में बहा देने की बात कही थी। अब वे मुख्यमंत्री के सर के हजार टुकड़े होने की कामना कर रही है। राजनैतिक रूप से विरोधी शत्रु नहीं होता सभ्य समाज में शत्रु के भी अनिष्ट की कामना को स्वीकार नहीं किया जाता। भाजपा प्रभारी को अपने इस अभद्र और बर्बर बयान के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिये।

एक लाख के दावे के विपरीत 4 हजार लोग भी नहीं जुटा पाये प्रदर्शन में
राष्ट्रीय प्रभारी की निगरानी में भी भाजपा एक सफल आयोजन नही कर पायी

रायपुर/ शौर्यपथ / कांग्रेस ने भाजपा के द्वारा रोजगार को लेकर किया गया प्रदर्शन सुपर फ्लॉप साबित हुआ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बमुश्किल से 4 हजार लोग इस प्रदर्शन में जुट पाये। भाजपा ने इस प्रदर्शन को मेगा शो बताया था दावा किया था एक लाख लोग शामिल होंगे। भाजपा राष्ट्रीय मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नवीन इस प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या खुद शामिल होने आये इसके बावजूद भाजयुमो की रैली में 4 हजार से भी कम लोगों का शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि जनता ने भाजपा के मुद्दे को खारिज कर दिया। भाजपा प्रदेश के युवाओं को अपने झूठ से बरगलाने में नाकाम साबित हुई। भाजपा पर प्रदेश के युवाओं ने अविश्वास जताते हुए प्रदर्शन से दूरी बना लिया था। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की देख रेख में भाजपा के प्रदेश के सारे नेता मिल कर भी पौने चार साल बाद एक सफल विरोध प्रदर्शन नही आयोजित कर पाये। यह छत्तीसगढ़ में भाजपा की बदहाल स्थिति का सबसे बड़ा प्रमाण है। भाजपा के एक लाख लोगों के आने के दावों के कारण प्रशासन ने भी उसी प्रकार तैयारी किया था। लेकिन भाजपा का विरोध प्रदर्शन इतना कमजोर साबित हुआ कि प्रशासन की सारी तैयारी व्यर्थ गयी।

रायपुर / शौर्यपथ / आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष तेजेंद्र तोड़ेकर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ छल कर रही हैं, चुनाव के पूर्व कांग्रेसी व युवा कांग्रेस द्वारा गांव गांव में जाकर युवाओं को 2500 बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था पर कांग्रेस के मंत्री छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता को लेकर बयान देते हैं कि उन्होंने युवाओं को 2500 देने का कोई वादा ही नहीं किया था, वादा करने के बावजूद एक मंत्री का ऐसा बयान दुर्भाग्य जनक है,  काँग्रेस ने चुनाव के पूर्व तो वादा कर दिया लेकिन जब बेरोजगारी भत्ता देने की बारी आई तो प्रदेश के युवाओं को धोखा देते हुए वादा नहीं करने की बात कर रहे हैं, कांग्रेस सरकार ने ना तो प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिया है ना तो बेरोजगारी भत्ता दे रहे हैं प्रदेश के रोजगार कार्यालय में लगभग 20 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं इसके अलावा लाखों ऐसे युवा हैं जिनका रोजगार कार्यालय में पंजीयन नहीं है छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी चरम पर है ऐसे में मंत्री का यह बयान युवाओं को निराश करने वाला है इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार युवा विरोधी सरकार है, जहाँ तक भाजपा के रोजगार के मुद्दे पर आंदोलन करने की बात है तो भाजपा के लोगों को रोजगार की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है 15 साल में सिर्फ भाजपा ने छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ धोखा किया है अगर भाजपा ने रोजगार दिया होता तो छत्तीसगढ़ के युवा उन्हें सत्ता से नहीं हटाते पिछले साढे 3 सालों से भाजपा घर में बैठी थी जब चुनाव आ रहा है तब यह फिर से युवा हितेषी होने का नाटक कर रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के युवा इसको समझते हैं एक तरफ पूरे देश में नौकरियां खत्म हो रही है पूरे देश में लोग रोजगार की मांग कर रहे हैं ऐसे में भाजपा को रोजगार के लिए आंदोलन करना शोभा नहीं देता अगर उन्हें आंदोलन करना ही है तो केंद्र में बैठी मोदी सरकार के खिलाफ करें जिसने दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था ऐसे में भाजपा के जो केंद्रीय नेतृत्व यहां छत्तीसगढ़ में आकर आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं उन्हें पहले दिल्ली में ही केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए,

वीरेंद्र पवार जिला अध्यक्ष ने कहा छत्तीसगढ़ में रोजगार की कोई कमी नहीं है छत्तीसगढ़ में संसाधन की कमी कोई कमी नहीं है कमी है तो सिर्फ एक साफ नियत वाली पार्टी की, भाजपा और कांग्रेस सिर्फ राजनीति करने के लिए छत्तीसगढ़ के युवाओं को गुमराह करने के लिए आंदोलन करते हैं अगर उन्हें वास्तविक में छत्तीसगढ़ के युवाओं की चिंता होती तो पहले 3 साल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने राज किया बाद में 15 साल भाजपा ने राज किया उसके बाद वर्तमान में भी 4 साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, अगर वह चाहते तो छत्तीसगढ़ के युवाओं के हाथ में रोजगार होता लेकिन कहीं न कहीं युवा आज बेरोजगारी के दंश में नशे की तरफ बढ़ रहे हैं वर्तमान में दोनों पार्टियाँ युवाओं को गुमराह कर रही है ।  

कोंडागांव / शौर्यपथ /  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिशानिर्देश पर कोंडागांव जिला/ब्लॉक/शहर कांग्रेस के नेतृत्व में मंहगाई के खिलाफ नुक्कड़ सभा हल्लाबोल कार्यक्रम कोंडागांव बाजार स्थल में रखा गया जहां पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रमिला मरकाम, जिला कांग्रेस प्रवक्ता शिल्पा देवांगन, मंडी बोर्ड के उपाध्यक्ष बिरस साहू,जिला कांग्रेस महामंत्री गीतेश गाँधी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष झूमूकलाल दिवान ने अपने व्यक्तव्य में केंद्र सरकार कों जमकर कोसा और बताया की किस तरह झुठ बोलकर सत्ता हासिल करने में महारथ हासिल की है भाजपा चुनाव के पहले कहती कुछ और है चुनाव जीत जाने के बाद करती कुछ और है यूपीये सरकार के दौरान तत्कालीन विपक्ष में बैठी भाजपा कों मंहगाई दिखती थी उस दौर ने मंहगाई डायन हुआ करती थी पर आज मंहगाई डार्लिंग हो गयी है।हल्लाबोल कार्यक्रम में मौजूद पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम ने कहा भाजपा जुमलेबाजों की पार्टी है आज की मंहगाई में घर चलाना मुश्किल हो गया है माननीय नरेंद्र मोदी जी को मंहगाई का पता नहीं चलता माननीया निर्मला सीतारमण जी कों पता नहीं चलता क्या पता उनका परिवार इस मंहगाई से खुश हो पर देश की जनता आज की इस बढ़ती मंहगाई को बर्दास्त नहीं कर सकती कांग्रेस की सरकार में रसोई गैस का दाम 410 रुपए था आज 1150,खाद्य तेल सरसों तेल हमारी सरकार में 70 रुपए थी आज 215 रुपए है पेट्रोल 57 डीजल 40 रुपए में मिला करता था आज 105 रुपए लीटर हो गए हैं मिट्टी तेल मिल नहीं रहा जनता को क्या मोदी जी इसी अच्छे दिन लाने की बात कह रहे थे चुनावी रैलियों अगर यहीं हैं अच्छे दिन तो हमें पुराने दिन लौटा दो मोदी जी देश की जनता आपके अच्छे दिन कों सहन नहीं कर पा रही है मंहगाई से जान जा रही है अगर आपसे देश नहीं सम्भल रहा तो आप स्तीफा दे दो मोदी जी देश चलाना आपके बस की बात नहीं ज़ब से केंद्र में भाजपा की सरकार बैठी है जीडीपी लगातार गिरती जा रही है क्या यहीं है आपकी उपलब्धि आप कहते हैं .70 सालों में कांग्रेस ने क्या किया आप आज जिन चीजों कों बेच रहे हैं उन सभी चीजों कों बनाने वाली सरकार कांग्रेस की सरकार है इसके साथ ही केंद्र सरकार कों आड़े हांथों लेते हुए जमकर कोसा व बाजार परिसर में घूम घूम कर केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस के शासन काल व आज भाजपा के कार्यकाल में मंहगाई दर में तुलनात्मक पॉम्पलेट बाजार स्थल पे घूमकर सभी लोगों कों बांटा साथ ही
मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आज महंगाई चौपाल के माध्यम से जनता ने किया प्रस्ताव पारित किया जिसमें जनता के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार से मांग किया गया है कि

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर को घटाकर 2014 से पहले की तरह दरों,क्रमशः 9.20₹ और 3.20₹ प्रति लीटर पर लाया जाए ताकि पेट्रोल-डीजल सस्ते हो सके....

पीएनजी और सीएनजी की कीमतों को कम करने व रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर रिफिल को ₹500 में उपलब्ध कराने की मांग करते हैं....

केंद्र की मोदी सरकार के हिटलरशाही नीतियों के खिलाफ पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ती हुई महगांई के विरोध में कांग्रेसियों ने हाट बाज़ारो में पहुंच चर्चा कर हल्ला बोला....

हम कीटनाशकों, उर्वरको,कृषि उपकरणों और बीजों पर जीएसटी से पूर्ण छूट की मांग करते है....

एक तरफ देश की गरीब जनता महंगाई की मार झेल रही है दूसरी तरफ बेरोजगारी बढ़ रही है बहोत हुई महंगाई की मार, बस करो मोदी सरकार, कांग्रेस का आंदोलन प्रदर्शन निरन्तर अपने उफान पर...

केंद्र की कार्पोरेट समर्थक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को केवल उद्योगपतियों व उनके कंपनियों के फायदे की चिंता, आम आदमी के परेशानी से कोई लेना-देना नहीं....

एक तरफ देश में करोड़ों शिक्षित युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं व दूसरी तरफ केंद्र सरकार के कई विभागों में करीब 10 लाख पद खाली पड़े हैं....

हमारी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द महंगाई कम करने के अपने वादों को पूरा करें, साथ ही रोजगार को लेकर युवाओं से किए वादे भी निभाए और बेरोजगारों के लिए रोजगार का प्रबंध करें।आज के नुक्कड़ सभा हल्लाबोल कार्यक्रम में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, जिला कांग्रेस अध्यक्ष झूमूकलाल दिवान,जिला महामंत्री गीतेश गाँधी,मंडी बोर्ड उपाध्यक्ष बिरस साहू,शाकंभरी बोर्ड सदस्य अनुराग पटेल, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखबती मरकाम,शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष तबस्सुम बानो,विधायक प्रतिनिधि बुधराम नेताम,ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भारत देवांगन,मिडिया विभाग प्रमुख रितेश पटेल,कपिल चोपड़ा,अमित गुप्ता,प्रवक्ता शिल्पा देवांगन, प्रीति भदौरिया,मंडल अध्यक्ष ब्रिज सोढ़ी, संजय करन,नंदू दिवान,मंछा भारती, सुकुमार सहा, सुकमु कोर्राम लखमू कोर्राम, सर्वेश सेठिया, गीतेश बघेल सहित जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र के कार्यकर्ता पदाधिकारी भारी संख्या में मौजूद रहे।

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने का वायदा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी राज में देश में नौकरियां दिवास्वप्न बन गयी है। छत्तीसगढ़ में रोजगार के नाम पर आंदोलन और बयानबाजी करने वाली भाजपा की मोदी सरकार ने साढ़े आठ साल में सिर्फ 7 लाख युवाओं को ही रोजगार दिया और आने वाले तीन साल में मात्र 10 लाख रोजगार का लक्ष्य केन्द्र सरकार ने रखा है। इसके विपरीत कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में पिछले पौने चार साल में 5 लाख युवाओं का रोजगार दिया और आने वाले पांच साल में 15 लाख युवाओ को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित कर छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है। जबकि मोदी सरकार वायदे के अनुसार अभी तक 17 करोड़ लोगो को रोजगार मिलना था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में रोजगार है ही नहीं। केंद्र सरकार ने संसद के चालू सत्र में बताया कि 8 साल में उसने सिर्फ 7.22 लाख लोगों को नौकरी दी है यानी हर साल औसतन एक लाख से भी कम लोगों को नौकरी मिली इससे चिंताजनक आंकड़ा है कि 8  सालों में 22.5 करोड़ लोगों ने सरकारी  नौकरियों के लिए आवेदन किया था सोचे 22  करोड़ लोगों में से सिर्फ 7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली सिर्फ 0.33 फीसदी यानी आवेदन देने वाले 1000 लोगों में से सिर्फ 3 लोगों को नौकरी मिली सोचे बाकी लोग कहां गए होंगे? क्या उनको निजी क्षेत्र में नौकरी मिली होगी या मनरेगा में काम कर रहे होंगे या उन्होंने पकौड़ा लगाने जैसा कोई स्वरोजगार शुरू किया होगा ?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा भारत सरकार ने हर साल में जीन 7.22 लाख लोगों को नौकरी दी है मैं सबसे ज्यादा 1.47 लाख लोगों  को 2019-20 में नौकरी मिली थी यानी जिस साल  लोकसभा के चुनाव होने थे उस शहर में सबसे ज्यादा नौकरी मिली सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि 2014-15 मैं नई सरकार बनने के बाद से ही सरकारी नौकरियों में कमी आने लगी थी चुनाव प्रचार में हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा था लेकिन वास्तव में हर साल 1 लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मेरी जब सरकारी नौकरी की यह स्थिति है तो निजी सेक्टर में इससे बेहतर उम्मीद नहीं की जा सकती नोटबंदी से लेकर जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और उसके बाद आई कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचाया उससे  नौकरी का पूरा परिदृश्य बदल गया देश में ऐतिहासिक बेरोजगारी की स्थिति है और उसी समय सांप्रदायिक विभाजन के एजेंडे से चिंगारी भड़काने की कोशिश है इससे देश के सामने गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

रायपुर / शौर्यपथ / नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के द्वारा देवबलोदा एवं जगदलपुर में हुई सड़क हादसे पर की गई बयानबाजी की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सड़क हादसों पर गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर भाजपा के संवेदनहीन होने का प्रमाण प्रस्तुत किया है नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के ये दिन आ गये की अब उन्हें अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिये सड़क हादसों पर बयानबाजी करनी पड़ रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को भाजपा के 15 साल के शासनकाल को याद करना चाहिए जिस दौरान सूर्यास्त होते ही थानों के गेट बंद हो जाते थे पीड़ित पक्ष को एफ आई आर कराने के लिए संघर्ष करना पड़ता था और अपराधी भाजपा नेताओं के संरक्षण पर खुलेआम घूमते थे 15 साल में रमन भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ को माफियाओं एवं अपराधियो का शरण स्थली बना दिया था। डॉ रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते उनके ओएसडी ओपी गुप्ता के ऊपर रेप का आरोप लगा 4 साल तक पीड़िता का एफ आई आर दर्ज नहीं हुआ था।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि  भाजपा के जिला दंतेवाड़ा के पदाधिकारी के गिरफ्तारी नक्सलियों के सहयोगी के रूप में होती है।ड्रग्स तस्कर पकड़े गये जिनकी फ़ोटो  अरुण साव और अमर अग्रवाल के साथ है महिला तस्करी में भाजपा की फाफाडीह मंडल के महिला पदाधिकारी की गिरफ्तारी होती है इसे स्पष्ट समझ में आता है कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल में लचर कानून व्यवस्था था आज कानून व्यवस्था मजबूती के साथ काम कर रहा है तभी तो केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ पुलिस को राज्य की जनता को कानूनी मदद दिलाने में बेहतर माना है पुरस्कृत किया।

रायपुर/ शौर्यपथ /  नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल द्वारा लिये गये पत्रकार वार्ता का जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल के पहले जो लोग भाजपा का नेतृत्व करते थे उनके साथ जो समस्या थी वही समस्या उनके साथ भी है। वे भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी से जुझ रहे है, वे समझ ही नहीं पा रहे कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ क्या आरोप लगाये, इसलिये कुछ भी बयानबाजी कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश में है। बीते विधानसभा सत्र में भाजपा, कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायी थी लेकिन उसके अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे औंधे मुंह गिर गये थे अब उन्हीं मुद्दों पर वे बयानबाजी कर रहे है। नारायण चंदेल कहते है सरकार श्वेत पत्र जारी करे। बेरोजगारी के मुद्दे पर श्वेत पत्र केन्द्र सरकार से मांगना चाहिए। क्योंकि केन्द्र हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। केंद्र बतायें कितना रोजगार दिया। नारायण चंदेल को कांग्रेस की सरकार के साढ़े तीन साल और भाजपा के 15 सालों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिये, उन्हें राज्य की जमीनी हकीकत का सही आंकलन मिल जायेगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों की स्थिति में हुये क्रांतिकारी परिवर्तन की जानकारी मिल जायेगी। जिस प्रदेश में भाजपा के राज में किसान आत्महत्या को मजबूर थे उसी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राज में किसान खुशहाल हुये है, उनका कर्जा माफ हुआ, किसानों को उनकी ऊपज की पूरी कीमत समर्थन मूल्य के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 9000 रू. की इनपुट सब्सिडी मिल रही है। छत्तीसगढ़ देश में अकेला राज्य है जहां पर किसानों को धान का 2500 रू. मिल रहा है। राज्य के खेतिहर मजदूरों को राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 7000 रू. मिल रहा। रमन राज में तेंदूपत्ता संग्राहको को 2500 रू. की राशि मिलती थी, कांग्रेस की सरकार 4000 रू. दे रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल भले ही नेता प्रतिपक्ष नये बने है लेकिन विधायक तो पुराने है उन्हें राज्य के आंकड़ों की जानकारी होगी, इतना तो माना ही जा सकता है रमन राज में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी कांग्रेस के राज में राज्य की बेरोजगारी दर 0.78 प्रतिशत है। यह बताता है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को कांग्रेस सरकार रोजगार उपलब्ध करवाने में देश में अव्वल है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नारायण चंदेल को वास्तव में रोजगार और युवाओं की चिंता है तो वह बेरोजगारी को लेकर दिल्ली में आंदोलन करें और प्रधानमंत्री आवास का घेराव करें। मोदी ने 2014 से देश के युवाओं से वादा किया था हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे अभी तक साढ़े आठ साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था रोजगार तो नहीं मिला मोदी के राज में 2.5 करोड़ युवाओं की लगी लुगाई नौकरी चली गयी। एक सर्वे के अनुसार मोदी सरकार के राज में लोगो में इतनी निराशा घर कर गयी है कि देश के 45 करोड़ लोगो को रोजगार मिलने की आशा करना ही छोड़ दिया है। देश में ऐसी अकर्मण्य सरकार चलाने वाले दल के लोग किस नैतिकता में छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिये आंदोलन करने जा रहे है।

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